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NPS

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NPS में कुछ बदलाव: पैसा निकालने पर टैक्स कम लगेगा, सरकारी कर्मचारियों के लिए भी अच्छी खबर

Last updated: दिसम्बर 11, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

भारत सरकार ने NPS (एनपीएस या नेशनल पेंशन स्कीम) में कुछ बदलावों की घोषणा करी है| यह सभी बदलाव निवेशकों के लिए बहुत लाभकारी हैं|

कुछ बदलाव सभी निवेशकों के लिए हैं और कुछ बदलाव केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही हैं|

आईये जानते हैं विस्तार से|

सरकार ने NPS में क्या बदलाव किये गए हैं?

#1 NPS से रिटायरमेंट पर पैसा निकालने पर टैक्स नियम में बदलाव

यह सभी NPS निवेशकों के लिए है|

आपको रिटायरमेंट के समय जमा राशि में से 40% का एन्युटी प्लान खरीदना होता है| ध्यान दें आप चाहें तो पूरी राशि से भी एन्युटी या पेंशन प्लान खरीद सकते हैं|

बची हुई 60% राशि आप एक मुश्त निकाल सकते हैं| अब इस एक मुश्त राशि को निकालने पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा| पहले केवल 40% राशि ही टैक्स-मुक्त थी| अब पूरी 60% टैक्स मुक्त है|

यह NPS के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है|

NPS से पैसा निकालने पर टैक्स की जानकारी की लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

#2 NPS टियर 2 अकाउंट में निवेश करने पर भी टैक्स बेनिफिट मिलेगा

अभी टैक्स NPS के टैक्स बेनिफिट केवल NPS टियर-1 खाते तक ही सीमित थे|

परन्तु अब NPS टियर 2 खाते में निवेश करने पर भी आपको सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलेगा| ध्यान दें सेक्शन 80C के तहत आपको 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है|

#3 सरकार आपके NPS खाते में बढ़ाएगी योगदान

यह बदलाव केवल केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों (Central Government employees) के लिए है| मेरी जानकारी के अनुसार यह राज्य सरकार के कर्मचारियों (State Government Employees) के लिए नहीं है| परन्त आशा करता हूँ राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी यह परिवर्तन किया जाएगा|

अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और NPS में शामिल हैं, तब सरकार आपके एनपीएस खाते में आपकी आय (Basic+DA) के 14% का भुगतान करेगी| अभी तक सरकार केवल 10% भुगतान करती थी| यह तो काफी लाभकारी बात है| कर्मचारी का योगदान 10% ही रहेगा| ध्यान दें सरकारी योगदान केवल सरकारी कर्मचारियों के NPS में ही है|

ज्यादा योगदान होगा, तो रिटायरमेंट के समय ज्यादा राशि जमा होगी और आपको अधिक्प पेंशन मिलेगी|

अगर आपने किसी प्राइवेट कंपनी में NPS खाता खोला है, तो उनके लिए कोई परिवर्तन नहीं है| साथ ही अगर आपने All Citizens मॉडल के तहत खाता खोला है, तब भी आपके लिए कोई परिवर्तन नहीं है|

#4 आप Equity में ज्यादा निवेश कर पायेंगे

अभी तक सरकारी NPS में आप 15% प्रतिशत से अधिक equity में निवेश नहीं कर सकते| All Citizens मॉडल में निवेशक 75% तक equity में निवेश कर सकते हैं|

क्योंकि NPS लम्बी अवधि का निवेश है, इसमें इक्विटी में अधिक निवेश करना चाहिए| पहले, आप 15% से अधिक नहीं कर सकते थे| अब, अगर आप चाहें, तो 15% से अधिक इक्विटी में निवेश कर सकते हैं| आपको अपना फण्ड मेनेजर बदलने का भी विकल्प मिलेगा| मेरे अनुसार यह भी अच्छी खबर है|

आप भारत सरकार द्वारा किये गए बदलाव के बारे में यहाँ भी पढ़ सकते हैं|

मैंने पहले इस पोस्ट में लिखा था की NPS के तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी दी जायेगी| ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है| वह जानकारी गलत निकली|

Filed Under: NPS Tagged With: Government NPS, New pension scheme, NPS, एनपीएस, नेशनल पेंशन योजना, सरकारी NPS

किसान विकास पत्र के बारे में पूरी जानकारी (Kisan Vikas Patra in Hindi)

by दीपेश Leave a Comment

किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra or KVP) एक छोटी बचत योजना (small savings scheme)  है| यह योजना 1988 में शुरू करी गयी थी और बहुत ही लोकप्रिय निवेश योजनां है|

बीच में इस योजना को बंद कर दिया गया था, परन्तु 2014 में इसे फिर से चालू किया गया|

इस निवेश योजना को समझना बहुत आसान है| आप किसान विकास पत्र खरीदते हैं और निर्धारित समय बाद आपको दोगुना पैसा मिलता है| यही सरलता इसकी लोकप्रियता का कारण भी है|

आईये जानते हैं किसान विकास पत्र के बारे में विस्तार से|


किसान विकास पत्र में कैसे निवेश करें? How to purchase Kisan Vikas Patra?

Kisan Vikas Patra (KVP) आप पोस्ट ऑफिस (डाक घर) या बैंक में जा कर खरीद सकते हैं| आप किसान विकास पत्र खरीदने के लिए फॉर्म A भरना होता है|

किसान विकास पत्र खरीदने के लिए आपको इन दस्तावेजों की ज़रुरत पड़ेगी:

  1. पहचान पत्र (Identity Proof)
  2. पते के प्रमाण (Address Proof)
  3. आपको अपना आधार कार्ड भी देना होगा
  4. PAN कार्ड (अगर निवेश 50,000 रुपये से अधिक है)

कुछ बैंक आपको KVP खाता ऑनलाइन खोलने की सुविधा भी प्रदान करते हैं|

किसान विकास पत्र में आप cash (नकद), चेक (cheque) या डिमांड ड्राफ्ट (Demand Draft) की सहायता से निवेश कर सकते हैं|


किसान विकास पत्र कौन खरीद सकता है? Kisan Vikas Patra Eligibility

आपको भारत का नागरिक होना चाहिए|

आप एकल खाता (sole account) खोल सकते हैं|

दो व्यस्क (two adults) लोग जॉइंट अकाउंट (संयुक्त खाता) भी खोल सकते हैं|

आप बच्चों (18 वर्ष से कम आयु) के नाम पर भी किसान विकास पत्र खरीद सकते हैं| ऐसे खातों में आपको guardian (अभिभावक) बनना होगा

NRI किसान विकास पत्र में निवेश नहीं कर सकते|


कितने प्रकार के किसान विकास पत्र होते हैं? Types of Kisan Vikas Patra Certificates)

  1. Single Holder certificate (मेच्योरिटी के समय निवेशक को पैसा दिया जाता है)
  2. Joint A type certificate (संयुक्त खातों के लिए, दोनों निवेशक को पैसा दिया जाएगा या उत्तरजीवी (survivor) को दिया जाएगा)
  3. Joint B type certificate (संयुक्त खातों के लिए, किसी एक निवेशक को पैसा दिया जाएगा या उत्तरजीवी (survivor) को दिया जाएगा)

किसान विकास पत्र खरीदने पर आपको क्या मिलता है?

कुछ समय पहले तक आपको किसान विकास पत्र खरीदने पर certificate (सर्टिफिकेट) मिला करता है| उस certificate (प्रमाण पत्र) पर आपके निवेश की सारी जानकारी हुआ करती थी|

परन्तु 2016 में यह नियम बदल दिया गया|

अब आपको दो तरीके से खरीदने का प्रमाण मिलता है:

  1. ई-मोड (e-mode), यह काफी कुछ आपकी ऑनलाइन फिक्स्ड डिपाजिट की तरह होंगी
  2. Passbook (साड़ी जानकारी आपकी passbook में रहेगी)

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ सकते हैं|


किसान विकास पत्र में कितना निवेश कर सकते हैं? Minimum and Maximum Investment in KVP

किसान विकास पत्र 1,000, 5,000, 10,000 और 50,000 रुपयों के मूल्य (denomination) में आते हैं|

तो आपको कम से कम 1,000 रुपये तो निवेश करना ही होगा|

अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है| आप जितने चाहें, उतने किसान विकास पत्र खरीद सकते हैं| No maximum limit on investment in Kisan Vikas Patra

ध्यान दें:

  1. 50,000 रुपये तक निवेश करने पर आपको PAN कार्ड देने की आवश्यकता नहीं है|
  2. अगर 50,000 रुपये से अधिक निवेश करेंगे, तो आप PAN card जमा करना आवश्यक है|

किसान विकास पत्र में निवेश करने के क्या फायदे हैं?

  1. किसान विकास पत्र को समझना बहुत आसान है|
  2. जब आप किसान विकास पत्र खरीदते हैं, तब आपको पता होता है की आपका पैसा कितने समय में दोगुना हो जाएगा|
  3. किसान विकास पत्र में निवेश करने पर कोई रिस्क नहीं है| आपको रिटर्न की गारंटी मिलती है|
  4. आप 2.5 वर्ष पूरा होने के बाद मेच्योरिटी से पहले भी पैसे निकाल सकते हैं|

किसान विकास पत्र पर कितना ब्याज मिलता है? (Kisan Vikas Patra KVP Interest Rate)

किसान विकास पत्र की ब्याज दर बदलती रहती है|

हर तिमाही (every quarter) केंद्रीय सरकार किसान विकास पत्र के इंटरेस्ट रेट की घोषणा करता है|  

ध्यान दें ब्याज दर में बदलाव का आपके पुराने किसान विकास पत्र (KVP) पर कोई असर नहीं पड़ेगा| पुराने किसान विकास पत्र पर आपको वही ब्याज दर मिलेगी, जो की पत्र खरीदते समय थी|

जो नए KVP खाते खुलेंगे, उन पर आपको लेटेस्ट ब्याज दर लागू होगी|

अभी (July 31, 2018) किसान विकास पत्र की ब्याज दर 7.3% है| इसका मतलब आपका पैसा 118 महीने (9 वर्ष 10 महीने) में दोगुना होगा|

किसान विकास पत्र की लेटेस्ट इंटरेस्ट रेट जानने के लिए इस लिंक पर जाएँ|

ध्यान दें जैसे किसान विकास पत्र की ब्याज दर बढती या घटती है, उसी के अनुसार आपके निवेश के दोगुने होने की अवधि भी बढती या घटती रहेगी|

उदहारण के तौर पर जब किसान विकास पत्र की ब्याज दर 7.5% थी, उस समय पैसा 115 महीनों में दोगुना हुआ करता था| अभी की ब्याज दर 7.3% p.a. है, तो अभी आपका पैसा 118 महीनों में दोगुना होगा|

एक बात और, अगर आप मेच्योरिटी के समय अपना पैसा नहीं निकालते हैं, तो उसके बाद से आपको आपके निवेश पर सेविंग्स बैंक अकाउंट का ब्याज ही मिलेगा|


किसान विकास पत्र के ब्याज पर क्या कोई टैक्स देना पड़ता है? किसान विकास पत्र टैक्स बेनेफिट्स

किसान विकास पत्र में निवेश करने पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता| No tax benefit under Section 80C for Kisan Vikas Patra

साथ ही, किसान विकास पत्र पर मिलने वाले ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना पड़ता है| Interest Income from Kisan Vikas Patra (KVP) is taxable.

आप देख सकते हैं की किसान विकास पत्र पर कोई भी टैक्स बेनिफिट नहीं हैं|

परन्तु हाँ, किसान विकास पत्र पर कोई TDS (Tax Deduction at Source) भी नहीं लगता|


किसान विकास पत्र में पैसा कब निकाल सकते हैं? (Exit before Maturity)

खाता खोलने के 2.5 वर्ष बाद आप किसान विकास पत्र से पैसा निकाल सकते हैं|

इसका मतलब की 2.5 वर्ष से पहले आप किसान विकास पत्र से अपना पैसा नहीं निकाल सकते|

ढाई वर्ष के बाद और मेच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर आपको कुछ पेनल्टी लगती है|

kisan vikas patra hindi किसान विकास पत्र

ध्यान दे समयपूर्व पैसे निकालने पर जो राशि मैंने लिखी है, वह अनुमानित है| इस राशि और आपको मिलने वाली राशि में थोड़ा अंतर हो सकता है|

और हाँ, जैसे और जब किसान विकास पत्र की ब्याज दर बदलेगी, यह सारी राशि भी बदलती रहेगी|


आप किसान विकास पत्र को गिरवी रखकर लोन भी ले सकते हैं

जी हाँ, आप अपने किसान विकास पत्र को गिरवी रख कर बैंक से लोन भी ले सकते हैं|

परन्तु मेरे अनुसार बेहतर होगा की आप किसान विकास पत्र की सहायता से लोन लेने की बजाय KVP से पैसा निकाल लें और उसे अपनी ज़रुरत के लिए इस्तेमाल करें|


अगर किसान विकास पत्र खो जाता है या खराब हो जाता है

ऐसी स्तिथि में आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में जा कर डुप्लीकेट (duplicate) certificate पा सकते हैं|

आपको अपने certificate के बारे में जानकारी देनी होगी और पहचान साबित करनी होगी|


आप अपने KVP सर्टिफिकेट को दूसरे पोस्ट ऑफिस या बैंक में ट्रान्सफर भी कर सकते हैं

इसके लिए आपको Form B भरकर जमा करना होगा|

आपका किसान विकास पत्र किसी दूसरे व्यक्ति को इन परिस्तिथि में ट्रान्सफर किया जा सकता है| परन्तु ऐसा करने से पहले आपको KVP खरीदे हुए कम से कम एक वर्ष हो जाना चाहिए|


किसान विकास पत्र के विभिन्न फॉर्म कौनसे हैं? Forms in Kisan Vikas Patra

  1. फॉर्म A (किसान विकास पत्र खरीदने के लिए, Purchase of Kisan Vikas Patra)
  2. फॉर्म B (अपना certificate ट्रान्सफर करने के लिए, पोस्ट ऑफिस से बैंक, या बैंक से पोस्ट ऑफिस
  3. फॉर्म C (नॉमिनी जोड़ने के लिए)
  4. फॉर्म D (अपने नॉमिनेशन को खारिज करने के लिए या फिर नॉमिनी बदलने के लिए)

अधिक जानकारी के लिए पढ़ें

किसान विकास पत्र नियम 2014 (Kisan Vikas Patra Rules, 2014)

Filed Under: Aadhaar, Financial Planning, NPS Tagged With: किसान विकास पत्र, किसान विकास पत्र 2018, किसान विकास पत्र इंटरेस्ट रेट, किसान विकास पत्र टैक्स बेनिफिट, किसान विकास पत्र पोस्ट ऑफिस, डाकघर किसान विकास पत्र

अटल पेंशन योजना खाता ऑनलाइन कैसे खोलें? (How to open APY online?)

Last updated: अक्टूबर 27, 2018 | by दीपेश 16 Comments

मैंने एक पोस्ट में अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) खाते के बारे में विस्तार से चर्चा करी थी| आमतौर पर आपको अटल पेंशन योजना अकाउंट खोलने के लिए बैंक शाखा में जाना होगा|

क्या आप जानते है की आप घर बैठे हुए भी अपने लिए अटल पेंशन योजना खाता खोल सकते हैं|

जी हाँ, आप अटल पेंशन योजना अकाउंट ऑनलाइन भी खोल सकते हैं|

आईये जानते हैं कैसे|

अटल पेंशन योजना खाता ऑनलाइन कैसे खोलें? (How to open APY account online)

अगर आप बैंक शाखा में नहीं जाना चाहते, तो आप अटल पेंशन योजना खाता ऑनलाइन भी खोल सकते हैं|

APY अकाउंट ऑनलाइन खोलने के लिए आपको इस प्रक्रिया का पालन करना होगा|

  1. इस लिंक (https://enps.nsdl.com/eNPS/NationalPensionSystem.html) पर जाएँ|अटल पेंशन योजना ऑनलाइन open APY online 1
  2. वहाँ पर APY Application पर क्लिक करें| अन्यथा आप सीधे इस लिंक (https://enps.nsdl.com/eNPS/ApySubRegistration.html) पर जा सकते हैं|
  3. “New Registration” को सेलेक्ट करें|अटल पेंशन योजना ऑनलाइन open APY online atal pension yojana
  4. उसके बाद आपको अपने बैंक अकाउंट के डिटेल्स, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी भी डालना होगा|
  5. साथ ही आपको Virtual ID डालना होगा| Virtual ID आपके आधार कार्ड का ही स्वरूप है| Virtual ID में बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें| इस पोस्ट में मैंने यह चर्चा भी करी है की आपको Virtual ID पाने के लि क्या करना होगा| बस कुछ मिनिटों में आप अपना आधार Virtual id आसानी से पा सकते हैं|
  6. आपके आधार पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा|
  7. OTP डाल कर सबमिट करने पर आपको एक Acknowledgement number भी मिलेगा| यह नंबर आपके मोबाइल और ई-मेल आईडी पर भेजा जाएगा| इस acknowledgement number का इस्तेमाल आप बाद में एप्लीकेशन भरने के लिए भी कर सकते हैं|अटल पेंशन योजना ऑनलाइन open APY online 3
  8. इसके बाद आपको अपने पेंशन के बारे में जानकारी देनी होगी| जैसे की आप कितनी पेंशन चाहते हैं (pension amount, 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक) और आप बैंक से पैसा कब काटना चाहिए (मासिक, तिमाही या अर्ध-वार्षिक) (periodicity of contribution)|अटल पेंशन योजना ऑनलाइन open APY online atal pension yojana online
  9. आपको यह भी बताना होगा की आप विवाहित हैं या नहीं| आप इनकम टैक्स देते हैं या नहीं|
  10. सबमिट करने का बाद आपको अपने नॉमिनी (nominee) के बारे में जानकारी देनी होगी| इस बारे में पोस्ट के अंत में पढ़ें|
  11. इसके बाद आप अपने फॉर्म को आधार OTP की सहायता से e-sign कर सकते हैं या फॉर्म को NSDL के ऑफिस में कूरियर कर सकते हैं|

एक बार आपने अपना फॉर्म सबमिट कर दिया, उसके बाद आपकी जानकारी बैंक को भेज दी जायेगी|

बैंक के वेरिफिकेशन के बाद आपका अटल पेंशन योजना खाता चालू हो जाएगा| बैंक द्वारा वेरिफिकेशन इसलिए ज़रूरी है क्योंकि अटल पेंशन योजना में योगदान के लिए आपका बैंक खाता में से पैसा अपने आप कट जाता है| इसलिए खाता खोलते समय आपका बैंक खाता सही होना चाहिए|

आप यह सारी जानकारी इस वीडियो में भी पा सकते हैं|

अटल पेंशन योजना में नॉमिनी का रोल थोड़ा अलग है|

यह बात थोड़ी गौरतलब है|

अमूमन निवेशक की मृत्यु के बाद सारा पैसा नॉमिनी के सुपुर्द कर दिया जाता है|

परन्तु अटल पेंशन योजना के नियम थोड़े अलग हैं|

निवेशक की मृत्यु  के बाद पेंशन या जमा राशि पर पहले पति/पत्नी के हक होता है| पति/पत्नी की मृत्यु के बाद नॉमिनी कोई जमा राशि लौटा दी जाती है|

ध्यान दें नॉमिनी को कभी भी पेंशन नहीं मिलती|

मान लिए आप अपनी बेटी को नॉमिनी बना देते हैं|

ऐसी स्तिथि में:

  1. 60 वर्ष का होने पर पेंशन पहले आपको मिलेगी|
  2. आपकी मृत्यु के बाद आपकी पत्नी (या पति) को पेंशन मिलेगी|
  3. पति/पत्नी की मृत्यु के बाद आपकी बेटी (नॉमिनी) को जमा राशि (1.7 लाख से 8.5 लाख तक) लौटा दी जायेगी| आपकी बेटी को कभी पेंशन नहीं मिलेगी|

अगर निवेशक की मृत्यु 60 वर्ष का होने से पहले हो जाती है, तब क्या होगा? इस बारें में मैंने इस पोस्ट में विस्तार से चर्चा करी है|

डिफ़ॉल्ट रूप से आपकी पत्नी (या पति को) को ही नॉमिनी माना जाता है|

आप अपनी पत्नी (या पति) कप भी नॉमिनी बना सकते हैं परन्तु बेहतर होगा की नॉमिनी आपके पत्नी (या पत्नी) से अलग कोई व्यक्ति हो|

Filed Under: NPS Tagged With: APY online, open APY online, अटल पेंशन अकाउंट ऑनलाइन, अटल पेंशन योजना ऑनलाइन

नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बारें में पूरी जानकारी (Complete Information about NPS in Hindi)

Last updated: जून 28, 2019 | by दीपेश 128 Comments

अगर आप एनपीएस में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो आपको NPS के बारें में पूरी जानकारी होनी चाहिए|

तो देर किस बात की| आईये जानते हैं एनपीएस के बारे में गहराई से|

  1. एनपीएस क्या है? What is NPS? (in Hindi)
  2. सरकारी एनपीएस और निजी क्षेत्र एनपीएस में क्या अंतर है?
  3. आप कितने एनपीएस खाते खोल सकते हैं? PRAN (प्रान) क्या है? नौकरी बदलने पर PRAN को कैसे शिफ्ट करें?
  4. एनपीएस खाता कैसे खोलें?
  5. एनपीएस खाता में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं क्या?
  6. एनपीएस टियर 1 और एनपीएस टियर 2 अकाउंट क्या होते हैं?
  7. एनपीएस में रिटर्न कितना मिलता है?
  8. एनपीएस में निवेश करने पर क्या टैक्स बेनिफिट मिलता है? (Tax Benefit for Investment in NPS)
  9. एनपीएस से पैसा निकालने पर कितना टैक्स देना होता है?
  10. क्या 60 वर्ष की आयु से पहले आप एनपीएस से पैसा निकाल सकते हैं?

एनपीएस क्या है? What is NPS? (in Hindi)

एनपीएस का मतलब है नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme).

एनपीएस एक पेंशन योजना है|

जैसा की किसी भी पेंशन योजना में होता है, आप इस योजना में अपने रिटायरमेंट के लिए निवेश करते हैं| आपके निवेश और उस पर मिलने वाले रिटर्न से आपका एनपीएस खाता धीरे-धीरे बड़ा होता जाता है|

रिटायर होने के बाद आपको पेंशन मिलती है| रिटायर होने से मेरा मतलब 60 वर्ष की आयु का होना या फिर आपके एम्प्लायर की superannuation (रिटायरमेंट आयु) हासिल करना|

रिटायर होने पर या 60 वर्ष की आयु के होने पर आप अपना खाता बंद कर सकते हैं| खाता बंद करते समय आप कुछ पैसा एक मुश्त निकाल सकते हैं| बचे हुए पैसे से आपको एक वार्षिकी उत्पाद (annuity plan) खरीदना होगा|

ध्यान दें आपको कम-से-कम 40% जमा राशि से एक वार्षिकी (annuity plan) खरीदना होगा|

एक उदहारण की सहायता से समझते हैं|

मान लिए 60 वर्ष की आयु तक आपने अपने एनपीएस खाते में 10 लाख रुपये जमा कर लिए हैं|

इन 10 लाख रुपये में से आपको 4 लाख रुपये का तो एक एन्युटी प्लान (वार्षिकी) खरीदना होगा ही| बचे हुए 6 लाख रुपये को आप एक मुश्त निकाल सकते हैं|

ध्यान दें चाहें तो पूरी राशि का एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं|

पढ़ें: एनपीएस के बारें में कुछ ग़लतफ़हमियाँ

पोस्ट की शुरुआत में जाएँ

Annuity प्लान (वार्षिकी) क्या होती है?

एक वार्षिकी के तहत आप एक बीमा कंपनी को एक मुश्त पैसा देते हैं और इसके बदले आपको पूरी ज़िन्दगी पेंशन मिलती रहती है|

मान लिए आपके पास 10 लाख रुपये हैं| और उस समय एन्युटी का इंटरेस्ट रेट 6% चल रहा है|

तो बीमा कंपनी आपसे 10 लाख रुपये लेकर आपको आजीवन हर वर्ष 60,000 (10 लाख X 6%) रुपये देगी| अगर आप मासिक आय का विकल्प चुनते हैं, तो आपको हर महीने 5,000 रूपये मिलेंगे|

अब चाहें आप 100 वर्ष की आयु तक जियें या 150 वर्ष के आयु तक, आपको हर महीने 5,000 रुपये मिलते रहेंगे|

एक बात और, वार्षिकी या एन्युटी प्लान कई स्वरुप में आते हैं| जैसे की आप चाहें तो आपके बाद आपके पति या पत्नी को भी पेंशन जारी रह सकती है| आप अपनी ज़रुरत के अनुसार विकल्प चुन सकते हैं|

एनपीएस में चार सेक्टर होते हैं

देखिले एनपीएस खाता खोलने के कई तरीके हैं| आप किस तरीके से खाता खोलते हैं, उस बात से तय होता है, की आप कैसे एनपीएस के तहत आते हैं|

  1. Central Government (केन्द्रीय सरकार): केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए
  2. State Government (राज्य सरकार): राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए
  3. Corporate Sector: निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए
  4. All Citizens Model: अगर आप खुद अपने लिए NPS account खोलते हैं

ध्यान दें एनपीएस खाता पूरी तरह पोर्टेबल है| इसका मतलब, बशर्ते आपने खाता केंद्रीय सरकार एनपीएस के तहत खोला हो, आप नौकरी छोड़ने या बदलने पर अपना एनपीएस दूसरे सेक्टर में बदल सकते हैं|

सच बतायूं तो ऐसा कोई अंतर नहीं है, इन सेक्टरों में| बस अगर आपको अपने एम्प्लायर से भी योगदान चाहिए, तो आपको उनके अनुसार अपना एनपीएस अकाउंट खोलना होगा या शिफ्ट करना होगा|

साथ ही सरकारी एनपीएस खातों में निवेश के नियम थोड़े अलग होते हैं|

आप कितने एनपीएस अकाउंट खोल सकते हैं? PRAN (प्रान) क्या है? नौकरी बदलने पर PRAN को कैसे शिफ्ट करें?

आप केवल एक ही एनपीएस खाता खोल सकते हैं|

PRAN का मतलब Permanent Retirement Account Number.

जब आप कोई एनपीएस अकाउंट खोलते हैं, तो आपको एक PRAN मिलता है|

एक व्यक्ति के पास केवल एक ही PRAN हो सकता है| इसका मतलब आप दूसरा PRAN नहीं खोल सकते|

आपका PRAN पूरी तरह पोर्टेबल है|

अगर आप आपको अपने एनपीएस अकाउंट शिफ्ट (shift) करना है, तो आपको नया अकाउंट खोलने की ज़रुरत नहीं है| आप पुराने एनपीएस अकाउंट (PRAN) को ही शिफ्ट कर सकते हैं| ऐसा करने की ज़रुरत आपको नौकरी बदलते समय पड़ सकती है|

इस विषय के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

पढ़ें: नौकरी बदलते समय अपने एनपीएस अकाउंट (PRAN) को कैसे शिफ्ट करें?

अगर आपने गलती से दो एनपीएस अकाउंट खोल दिए हैं, तो आप एक अकाउंट को बंद करना पड़ेगा| ऐसा करने के लिए प्रक्रिया को जान्ने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

पढ़ें: अगर आपके पास दो एनपीएस अकाउंट हैं, तो क्या करें?

एनपीएस अकाउंट कैसे खोलें?

एनपीएस खाता खोलने की कई तरीके हैं|

आप अपने एम्प्लायर (ससरकारी या निजी क्षेत्र) की सहायता से अपना खाता खोल सकते हैं|

आप अपने नज़दीकी बैंक शाखा में जा कर अपना एनपीएस खाता खोल सकते हैं| साथ की बहुत से ब्रोकर की वेबसाइट से आप एनपीएस खाता ऑनलाइन खोल सकते हैं|

इसके अलावा आप अपने आधार कार्ड की सहायता से भी आप अपना NPS अकाउंट खोल सकते हैं| ऐसा करने की प्रक्रिया को मैंने विस्तार से एक दूसरी पोस्ट में बताया है|

पढ़ें: एनपीएस अकाउंट कैसे खोलें आधार कार्ड की सहायता से?

 

एनपीएस खाता में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं क्या?

जी हाँ, आप चाहें तो एनपीएस में ऑनलाइन भी निवेश कर सकते हैं|

इस बारे में मैंने इस पोस्ट में चर्चा करी है|

पढ़ें: एनपीएस में ऑनलाइन निवेश कैसे करें?

एनपीएस में दो तरह के अकाउंट होते हैं

एनपीएस टियर 1 और एनपीएस टियर 2

इनमें से केवल एनपीएस टियर 1 ही रिटायरमेंट पेंशन अकाउंट है|

टियर 2 अकाउंट एक म्यूच्यूअल फण्ड की तरह है| आप जब चाहें उससे पैसे निकाल सकते हैं|

किसी भी तरह के गलती से बचने के लिए इन दोनों अकाउंट के बीच के अंतर को जाने|

मैंने एनपीएस टियर 1 और टियर 2 अकाउंट के बारे में विस्तार से इस पोस्ट में चर्चा करी है|

पढ़ें: एनपीएस टियर 1 और टियर 2 अकाउंट क्या हैं? क्या है अंतर?

पढ़ें: एनपीएस टियर 2 (NPS Tier 2) अकाउंट की पूरी जानकारी और क्या आपको निवेश करना चाहिए?

एनपीएस में रिटर्न कितना मिलता है?

एनपीएस में कोई रिटर्न की गारंटी नहीं है| और न ही सरकार हर वर्ष रिटर्न की घोषणा करती है|

निवेश करते समय आप यह बता सकते हैं की आपका पैसा कैसे निवेश करना है| एनपीएस खाता खोलने का बाद आप चाहें तो यह निवेश का पैटर्न बदल भी सकते हैं|

अब आपके पास निवेश के कई विकल्प हैं:

  1. आप इक्विटी फण्ड (E) में पैसा लगा सकते हैं
  2. आप सरकारी बोंड्स (G) में पैसा लगा सकते हैं
  3. आप कॉर्पोरेट बांड्स (C) में पैसा लगा सकते हैं

साथ ही आपको फण्ड मेनेजर का चुनाव भी करना पड़ता है|

आपके पास निवेश के दो तरीकें है|

  1. आप अपने आप अपने निवेशों का चयन कर सकते हैं| इसका मतलब कितना पैसा (E), (G) या (C) में डालना है| इस Active Choice कहते हैं| बस कुछ सीमाएं हैं| कॉर्पोरेट सेक्टर एनपीएस और आल सिटीजन्स मॉडल एनपीएस ग्राहकों के लिए इक्विटी फण्ड (E) में निवेश करने की सीमा अधिकतम 50% प्रतिशत है| सरकारी एनपीएस में यह सीमा 15% है|
  2. कॉर्पोरेट सेक्टर एनपीएस और आल सिटीजन्स मॉडल एनपीएस ग्राहकों के पास Auto चॉइस का विकल्प भी है| इसमें नीचे दिए गए चार्ट के अनुसार आपकी आयु के अनुसार आपके एनपीएस पोर्टफोलियो बदलता रहता है| शुरुआत में इक्विटी मिएँ ज्यादा निवेश होता है| धीरे-धीरे आयु के साथ इक्विटी (E) में निवेश कम होता जाता है| इसे Auto Choice या LifeCycle Fund कहते हैं| ध्यान दें यह विकल्प सरकारी कर्मचारियों को उपलब्ध नहीं है|

एनपीएस के बारे में पूरी जानकारी complete information about nps in hindi

सौजन्य: www.personalfinanceplan.in

एनपीएस में निवेश करने पर क्या टैक्स बेनिफिट मिलता है? (Tax Benefit for Investment in NPS)

अब एनपीएस में आकर्षित होने की एक वजह निवेश पर मिलने वाले टैक्स लाभ भी हैं|

आप इस Youtube विडियो पर NPS के टैक्स बेनिफिट के बारे में पूरी जानकारी पा सकते हैं|

एनपीएस पर मिलने वाले टैक्स बेनेफिट्स पर मैंने विस्तार से इस पोस्ट में चर्चा करी है|

पढ़ें: एनपीएस में निवेश करने पर क्या टैक्स बेनिफिट मिलते हैं?

एनपीएस से पैसा निकालने पर कितना टैक्स देना होता है?

एनपीएस के टैक्स नियम समय-समय पर बदलते रहते हैं|

एनपीएस से बाहर निकलते समय आप कुछ पैसा एक-मुश्त निकाल सकते हैं| बचे हुए पैसे से आपको एन्युटी प्लान खरीदना होता है|

आप जो पैसा एक-मुश्त निकालते हैं, उस पर आपको कोई भी टैक्स नहीं देना है| ध्यान दें आप केवल जमा राशि का 60% पैसा ही एक-मुश्त निकाल सकते हैं|

जिस राशि से आप एन्युटी प्लान खरीदते हैं, उस पर भी आपको कोई टैक्स नहीं देना होता| परन्तु उस एन्युटी प्लान से जो राशि भविष्य में मिलती है, उस पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

इस विषय पर मैंने विस्तार से इस पोस्ट में चर्चा करी है|

पढ़ें: एनपीएस से पैसा निकालने पर कितना टैक्स देना होता है?

क्या 60 वर्ष की आयु से पहले आप एनपीएस से पैसा निकाल सकते हैं?

जी हाँ, कुछ विशिष्ठ परिस्थितियों में एनपीएस से कुछ पैसा निकालने की अनुमति है|

आप गंभीर बीमारियों की इलाज़ के लिए, बच्चों की उच्च शिक्षा या विवाह के लिए या घर खरीदने या बनाने के लिए अपने एनपीएस खाते से कुछ पैसे निकाल सकते हैं|

ऐसा ही नहीं, आप 60 वर्ष के आयु से पहले भी अपने एनपीएस खाता बंद कर सकते हैं| पर नियम थोड़े से पेचीदा  हैं|

मैंने सारी जानकारी विस्तार से इस पोस्ट में चर्चा करी है|

पढ़ें: एनपीएस से आंशिक निकासी और 60 वर्ष की आयु से पहले एनपीएस खाता बंद करने के नियम

 

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एनपीएस वापसी नियम (NPS Partial Withdrawal and Exit Rules in Hindi)

by दीपेश 58 Comments

 

एनपीएस में निवेश आप अपने रिटायरमेंट के लिए करते हैं| परन्तु आप यह भी नहीं चाहेंगे की आप चाह कर भी किसी ज़रुरत के समय अपने निवेश को छू भी न पाएं|

इसीलिए कुछ विशिष्ठ अवसरों पर आपका एनपीएस से कुछ पैसा निकाल (आंशिक निकासी) की अनुमति दी गयी है|

आईये जानते है एनपीएस के वापसी नियम के बारे में|

एक बात पर ध्यान दें प्रमुख तौर पर दो तरह एक एनपीएस खाते हो सकते हैं|

  1. Government Sector NPS (सरकारी एनपीएस)
  2. All Citizens Model (आल सिटीजन्स मॉडल)

कुछ बातों पर इन दो तरह के एनपीएस में अलग नियम हो सकते हैं|

एनपीएस वापसी नियम (Partial Withdrawal Rules in NPS in Hindi)

अपने योगदान (एम्प्लायर के योगदान को छोड़कर) का 25% तक निम्न खर्चों के लिए निकाल सकते हैं| आंशिक निकासी (partial withdrawal) की अनुमति है|

  1. प्रथम घर का निर्माण / खरीद ।
  2. बच्चों के उच्च शिक्षा या विवाह के लिए ।
  3. स्वयं, पति, बच्चों और आश्रित माता-पिता के 13 विशिष्ट बीमारियों के इलाज के लिए या किसी दुर्घटनाओं के बाद इलाज के लिए।

कृपया ध्यान दें आपके योगदान का मतलब केवल मुख्य राशि है| आप अपने निवेश कर मिले हुए रिटर्न को नहीं निकाल सकते|

इन बातों पर ध्यान दें|

  1. पैसा आप केवल एनपीएस खाता खोलने के 10 साल बाद ही निकाल सकते हैं|
  2. कुल मिलाकर आप तीन बार ही पैसा निकाल सकते हैं|
  3. पैसा निकालने के बीच में कम से कम पांच साल का अंतर होना चाहिए| यह प्रतिबन्ध गम्धिर बीमारियों के इलाज़ पर लागू नहीं होता|

निर्दिष्ट बीमारियों में cancer ,pulmonary arterial hypertension, multiple sclerosis, major organ transplant, coronary artery bypass graft, aorta graft surgery, heart value surgery, stroke, myocardial infarction, coma, total blindness and paralysis  शामिल है।

एनपीएस से आंशिक निकासी (वापसी) के लिए क्या दस्तावेज़ चाहिए?

बच्चों के पढाई के लिए: एडमिशन लैटर और शुल्क अनुसूची’ (Admission letter and Fee Schedule)

बच्चों की शादी के लिए: स्वयं घोषणापत्र (Self Declaration)

पहला घर खरीदने/बनाने के लिए: स्वयं घोषणापत्र (Self Declaration), इसके अलावा प्रॉपर्टी के कागजातों के फोटोकॉपी/मंजूर प्लान या बैंक से लोन का ऑफर लैटर

गंभीर बीमारी की स्तिथि में: डॉक्टर से सर्टिफिकेट (certificate from doctor)

इन दस्तावेजों के लिए आप यह सर्कुलर भी पढ़ सकते हैं|

पढ़े: एनपीएस खाता ऑनलाइन कैसे खोलें?

अगर एनपीएस खाता बंद करना हो तो

ऊपर हमनें देखा की एनपीएस से कुछ पैसा निकालने (आंशिक निकासी) के क्या नियम हैं| अगर आपको एनपीएस खाता बंद ही करना हो, तो इसके लिए क्या नियम हैं| आयी जानते हैं|

अगर 60 वर्ष की आयु से पहले या सेवानिवृत्ति से पहले खाता बंद करते हैं (Voluntary exit before 60 or age of superannuation)

अगर आप 60 वर्ष की आयु से पहले एनपीएस खाता बंद करना चाहते हैं, तो आपको जमा राशि के कम से कम 80% प्रतिशत राशि से एक वार्षिकी (annuity plan) खरीदनी होगी| केवल 20% राशि ही एक मुश्त निकालसकते हैं|

ध्यान दे, अगर आपने अपना एनपीएन खाता आल सिटीजन्स मॉडल (All Citizens Model) हैं, तो आप खाता बंद केवल एनपीएस खाता खोलने का दस साल बाद ही कर सकते हैं| सरकारी एनपीएस में ऐसा कोई प्रतिबन्ध नहीं है|

यह प्रतिबन्ध तब लागू नहीं होगा जबकि आपकी जमा राशि 1 लाख रुपये से कम हैं| ऐसी स्तिथि में आप सारा पैसा एक मुश्त निकाल सकते हैं| वार्षिकी खरीदने की कोई ज़रुरत नहीं है|

60 वर्ष की आयु में एनपीएस खाता बंद करने पर क्या नियम हैं?

अगर आप 60 वर्ष की आयु या सेवानिवृत्त होने पर एनपीएस खाता बंद करना चाहते हैं, तो आपको जमा राशि के कम से कम 40% प्रतिशत राशि से एक वार्षिकी (annuity plan) खरीदनी होगी| केवल 60% राशि ही एकमुश्त निकाल सकते हैं|

पर हाँ, अगर आपकी जमा राशि 2 लाख रुपये से कम हैं, तो आपको वार्षिकी (annuity plan) खरीदने की कोई ज़रुरत नहीं है|

ध्यान दें जिन लोगों के एनपीएस खाते All Citizens Model के तहत खुले हैं, वह लोग चाहें तो अपने खातों की 70 वर्ष की आयु तक जारी रख सकते हैं| बस ऐसे करने के लिए निवेशक (subscriber) को एनपीएस खाते को जारी रखने की इच्छा लिखित में 60 वर्ष का होने से 15 पहले तक ज़ाहिर करनी होगी| सरकारी कर्मचारियों (Government NPS) के पास यह विकल्प नहीं है|

पढ़ें: एनपीएस से पैसा निकालने पर कितना टैक्स देना पड़ता है?

आप एनपीएस के वापसी नियम के बारे में PFRDA सर्कुलर यहाँ सकते हैं|

एनपीएस वापसी नियम (PFRDA द्वारा रेगुलेशन) : 1 2 3

 

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सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स बचाने के 15 आसान तरीके

Last updated: दिसम्बर 28, 2017 | by दीपेश 6 Comments

जैसे जैसे वित्तीय वर्ष का अंत निकट आता है, वैसे ही हमारी टैक्स बचत के तरीकों की खोज शुरू हो जाती है| अब टैक्स बचाने के कई तरीके हैं|

आपको क्या करना चाहिए? टैक्स कैसे बचाएँ?

सभी के लिए शायद एक ही सुझाव सही नहीं हो सकता| सब को अपनी परिस्थितियों के अनुसार निवश के विकल्प को चुनना चाहिए’|

पिछली पोस्ट में मैंने हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदने पर जो टैक्स बेनिफिट मिलते हैं उस पर चर्चा करी थी|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस (स्वाश्थ्य बीमा) खरीदने पर कितना टैक्स बचा सकते हैं?

इस पोस्ट में मैं चर्चा करूंगा Section 80C के तहत मिलने वाले टैक्स बचत के बारे में| जानेंगे की धारा 80C के तहत आपके पास क्या हैं टैक्स बचत के तरीके|

धारा 80 C  के योग्य योग निवेश उत्पादों में निवेश कर आप अपनी कर योग्य आय को 1.5 लाख तक से घटा सकते हैं। 30% टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए इस मतलब है 46,350 रुपये की बचत|

कृपया ध्यान दें कि आप प्रति वर्ष 80 C उत्पादों में 1.5 लाख से अधिक भी निवेश कर सकते हैं। परन्तु कर लाभ केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा।

उदाहरण के लिए, आपने पीपीएफ में 50,000 रुपये, ईपीएफ में 60,000 रुपये और ईएलएसएस में 1 लाख रुपये का निवेश किया है। हालांकि कुल निवेश 2.1 लाख रुपये है, धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा

आमतौर पर, सभी धारा 80 C  के सभी टैक्स बचत के तरीकों में  लॉक-इन होता है। इसका मतलब कुछ समय तक आपका पैसा अटक जाता है|

आईये कुछ लोकप्रिय निवेश उत्पादों को देखते हैं, जिनमें निवेश करने पर आपको Section 80क के तहत टैक्स बचत का लाभ मिलता है|

#1 पीपीएफ (Public Provident Fund or PPF)

आप अपने, पति/पत्नी या बच्चों के PPF खातों में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है|

माता-पिता या भाई-बहनों के पीपीएफ खाते में निवेश करने पर कोई टैक्स बचत नहीं होती।

पीपीएफ खाता खोलने वाले वित्तीय वर्ष के अंत से 15 वर्षों में परिपक्व होता है| इसलिए, पहले वर्ष का निवेश 15 साल के लिए लॉक हो जाएगा, दूसरे वर्ष का निवेश 14 साल के लिए लॉक हो जाएगा।

पीपीएफ खाता परिपक्व होने पर पांच वर्षों के ब्लाक में खाते की अवधि बढ़ा सकते हैं|

पढ़ें: पीपीएफ खाते के बैर में पूरी जानकारी

पीपीएफ खाते से मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता|

वित्त मंत्रालय हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है।

अभी ब्याज दर 7.6% p.a. हो गयी है|  (January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

पढ़ें: PPF में interest (ब्याज) कैसे कैलकुलेट होता है?


#2 कर्मचारी भविष्य निधि / स्वैच्छिक भविष्य निधि (Employee Provident Fund / Voluntary Provident Fund)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो शायद इसमें आप पहले से ही निवेश कर रहे हैं| राशि स्वचालित रूप (automatically) से आपके वेतन से काट ली जाती है और ईपीएफ में निवेश की जाती है। आप अपनी सैलरी स्लिप की जांच कर सकते हैं कि आप प्रति माह कितना ईपीएफ में निवेश कर रहे है |

एक बात और, अगर आप नौकरी कर रहे हैं, तो शायद आपका EPF में पहले से ही योगदान जा रहा हो| अब क्योंकि ईपीएफ में निवेश करने पर Section 80C के तहत लाभ मिलता है, तो कुछ निवेश तो आपका पहले ही अपने आप हो चुका है| 1.5 लाख की टैक्स सीमा तक पहुचने के लिए आपको केवल बची हुई राशि ही निवेश करनी है| आप बाद में शेष निवेशों की योजना बना सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि केवल आपका  योगदान ही धारा 80 सी के तहत कर लाभ के योग्य है। आपके एम्प्लायरद्वारा आपके EPF में योगदान पर धरा 80C के तहत लाभ नहीं मिलता| आप अपने अनिवार्य ईपीएफ योगदान से अधिक योगदान भी कर सकते हैं। यह योगदान (वीपीएफ) धारा 80 सी के तहत टैक्स बचत के योग्य है।


#3 इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस)

ईएलएसएस एक प्रकार के इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड होते हैं और निवेश करने पर 3 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है| काफी लोग ईएलएसएस को tax-saving mutual fund के नाम से जानते हैं।

ध्यान दे, प्रत्येक निवेश पर 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।

भले ही आप SIP  (सिस्टममैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश कर रहे हों, लेकिन SIP  की प्रत्येक किश्त को 3 साल तक लॉक कर दिया जाएगा। यदि पहली किश्त 15 जनवरी 2018 की है, तो इस किश्त से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 जनवरी 2021 तक खरीदे गए यूनिट्स  को नहीं बेच सकते हैं। दूसरी किस्त (15 फरवरी, 2018) से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 फरवरी, 2021 तक नहीं बेच सकते|

क्योंकि ईएलएसएस (ELSS) यूनिट्स को आप 3 वर्ष से पहले नहीं बेच सकते, तो ऐसी यूनिट्स बेचने पर होने वाले फायदे पर आपको टैक्स नहीं देना होता| ऐसा इसलिए क्योंकि इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स को एक साल बाद बेचने पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

पढ़ें: ईएलएसएस (ELSS) के बारे में कुछ दिलचस्प बातें


#4 टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance)

टर्म लाइफ इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदना का सबसे अच्छा तरीका है|

एक टर्म कवर के साथ आप कम लागत पर काफी अधिक कवर खरीद सकते हैं। अगर आपको कभी कुछ हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में यह राशि आपके परिवार के काफी काम आएगी|

आपके पास हमेशा पर्याप्त जीवन बीमा होना चाहिए।

स्वस्थ 30 वर्षीय पुरुष के लिए 1 करोड़ रुपये के कवर के लिए वार्षिक प्रीमियम लगभग 7,000-10,000 होगा।

ध्यान दें टैक्स बेनिफिट लेने की लिए आपको हर वर्ष नया प्लान लेने की आवश्यकता नहीं है| आपका रिन्यूअल (renewal) प्रीमियम (जो आप पालिसी चालू रखें के लिए हर वर्ष देते हैं) भी धारा 80C के तहत योग्य है|

पढ़ें: 5 बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान


#5 यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, Unit Linked Insurance Plans (ULIPs)

यूलिप जीवन बीमा योजनाओं का एक रूप है, जिसमें निवेश का लाभ भी मिलता है। प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन कवर प्रदान करने की ओर जाता है, जबकि बचा हुआ हिस्सा आपके इच्छा के अनुसार फण्ड में निवेश कर दिया जाता है। पूरे प्रीमियम पर धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।

पांच साल का लॉक-इन होता है। इसका मतलब है कि आप पॉलिसी के प्रारंभ होने की तारीख से पांच साल तक अपना पैसा नहीं ले सकते। इसलिए, आपका पहला वार्षिक प्रीमियम 5 साल के लिए लॉक-इन किया जाएगा, दूसरा प्रीमियम 4 साल के लिए। छठी  किश्त से कोई लॉक-इन नहीं है ।

ध्यान से आप पांचवे वर्ष के अंत तक किसी भी तरह से पैसे नहीं निकाल सकते, भले ही आप अपनी पालिसी को बंद कर दें|

धारा 80 सी के अनुसार, यदि आप लगातार 5 वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो धारा 80 सी के तहत मिले टैक्स लाभ की वापिस ले लिए जाएगा।

पढ़ें: किस प्रकार का जीवन बीमा खरीदें?


#6 पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएं / मनी बैक योजनाएं (Traditional Life Insurance Plan)

मेरे अनुसार ऐसे प्लान से दूर ही रहे| ऐसे प्लान में जीवन बीमा भी कम मिलता है और रिटर्न भी कम होते हैं|यदि आप दो साल के लिए प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो कर लाभ रिवर्स (reverse) कर दिया जाएगा।

पढ़ें: एलआईसी न्यू जीवन आनंद के बारे में पूरी जानकारी

जीवन बीमा पॉलिसियों के बारे में एक बात पर ध्यान दें: यह बात यूलिप और ट्रेडिशनअल इंश्योरेंस प्लान पर भी लागू होती है। बीमित रकम (Sum Assured) के 10% से अधिक वार्षिक प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य नहीं है। यह अप्रैल 1, 2012 के बाद खरीदी गई नीतियों के लिए है।

इसके अतिरिक्त, केवल स्वयं, पति या पत्नी और बच्चों के लिए जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र है। माता-पिता और भाई-बहनों के जीवन बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है।


#7 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट (5-year Tax Saving Fixed Deposit)

आम तौर पर टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (tax saver fixed deposit) के रूप में जाना जाता है।

इस फिक्स्ड डिपाजिट की अवधि 5 वर्ष होती है| इसका मतलब आप पांच साल से पहले इस जमा राशि को नहीं निकाल सकते। मिलने वाले ब्याज पर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के लिए ईएलएसएस और 5-वर्षीय फिक्स्ड डिपाजिट में किसमें करें निवेश?


#8 डाकघर 5-वर्षीय डिपॉज़िट

यह 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट के समान है । यदि 5 साल के अंदर जमा (टूटी हुई) वापस ले लिया जाता है तो कर लाभ वापस कर दिया जाएगा। ऐसे डिपाजिट के लिए ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही (every quarter) घोषणा की जाती है।

ध्यान दे, जो डिपाजिट खोलते समय ब्याज दर है, वही आपको पूरे 5 साल मिलती है| ब्याज दर मिएँ बदलाव का आपके पुराने डिपाजिट पर नहीं पड़ता|

अभी यह दर  7.4% p.a. हो गयी है|(January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#9 राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, National Savings Certificate (NSC)

परिपक्वता (5 वर्ष या 10 वर्ष) से पहले कोई भुगतान नहीं है । समय से पहले पैसे वापसी की अनुमति नहीं है ।

ब्याज कर योग्य है हालांकि, अर्जित ब्याज एनएससी में निवेश को समझा जाता है और धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र है,

इसका मतलब  प्रत्येक वर्ष के ब्याज को एनएससी में निवेश माना जाता है।

वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है|

अभी एनएससी की ब्याज दर (NSC Interest Rate) 7.6% p.a. हो गयी है। (January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#10 वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)

केवल वरिष्ठ नागरिक ही इस योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं। खाता 5 वर्षों में परिपक्व होता है। आंशिक वापसी (partial withdrawal) की अनुमति नहीं है । हालांकि, आप कुछ जुर्माना देकर अकाउंट को 5 वर्ष से पहले  बंद कर सकते हैं। समयपूर्व बंद होने के मामले में टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे।

हर तिमाही वित्त मंत्रालय द्वारा ब्याज दर अधिसूचित की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.3% p.a. चल रही है| (January 1, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में पूरी जानकारी


#11 होम लोन पर प्रिंसिपल रीपेमेंट (Home Loan Principal Repayment)

अगर आपने होम लोन लिया है, तो उस लोन पर principal का भुगतान भी सेक्शन 80C के तहत लाभ के योग्य है|

ध्यान दें आप एक निर्माणाधीन प्रॉपर्टी (under-construction property) के लिए प्रिंसिपल के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते| घर का निर्माण पूर्ण होने के बाद ही आप कटौती का लाभ उठा सकते हैं ।

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए भी पात्र हैं। हालांकि, इस तरह के शुल्क के भुगतान के लिए कर लाभ केवल उस वर्ष में लिया जा सकता है जब आप भुगतान करते हैं।

एक बात और, जिसवर्ष आपको घर का possession मिलता है, उस वित्तीय वर्ष के अंत से 5 साल के भीतर अगर आप घर बेचते हैं, तो आपको मिले टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|


#12 दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस

आप दो बच्चों तक के लिए ट्यूशन फीस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। यदि आपके पास दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप किसी भी दो के लिए दावा कर सकते हैं। भारत में स्थित विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान को फीस का भुगतान किया जाना चाहिए था।

बेनिफिट केवल पूर्णकालिक शिक्षा (full-time education)के लिए भी उपलब्ध है। निजी ट्यूशन, कोचिंग क्लास या किसी अंशकालिक कोर्स के लिए खर्च पात्र नहीं हैं।

अपनी शिक्षा या पति / पत्नी की शिक्षा के लिए खर्च भी टैक्स बेनिफिट के लिए पात्र नहीं है।


#13 सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana Account)

अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो आप अपनी बेटी के लिए यह खाता खोल सकते हैं। खाता 21 वर्ष बाद परिपक्व होगा| आप बेटी की शादी या पढाई के लिए भी पैसा निकाल सकते हैं|

अर्जित ब्याज कर योग्य नहीं है । परिपक्वता राशि भी कर-मुक्त है।

ब्याज दर की घोषणा हर तिमाही पर की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.1% p.a. हो गयी है| (January 1, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में पूरी जानकारी


#14 बीमा कंपनियां से पेंशन योजनाएं (धारा 80 सीसीसी)

बीमा कंपनियों से पेंशन / वार्षिकी योजनाओं में निवेश के लिए आप प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख तक का लाभ ले सकते हैं।

यदि आप परिपक्वता से पहले पेंशन योजनाओं को सरेंडर करते हैं, तो मिलने वाली राशि को उस वर्ष की आयमाना जाएगा और आपको उस पर टैक्स देना होगा।

कृपया ध्यान दें कि धारा 80C और धारा 80 CCC के तहत कुल मिलाकर टैक्स बेनिफिट 1.5 लाख से अधिक नहीं हो सकता।


#15 राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)/ अटल पेंशन योजना (धारा 80 CCD)

अब यहाँ दो हिस्से हैं|

पहला, 1.5 लाख तक सेक्शन 80CCD(1) के तहत| अब यह सेक्शन 80C के तहत लाभ के अन्दर ही आता है|

दूसरा, 50 हज़ार रुपये तक सेक्शन 80CCD(1B) के तहत| यह बेनिफिट सेक्शन 80C के अतिरिक्त है|

अटल पेंशन योजना में निवेश करने पर भी यही लाभ मिलेगा

पढ़ें: एनपीएस में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: अटल पेंशन योजना के बारे में पूरी जानकारी

यह थे कुछ उत्पाद जहां निवेश कर के आप Section 80C के तहत टैक्स लाभ ले सकते हैं| ध्यान दें यह पूरी लिस्ट नहीं है|

एक बात और, निवेश के फैसले को कभी भी सिर्फ टैक्स बेनिफिट से प्रेरित नहीं होना चाहिए। केवल टैक्स बचाने के लिए निवेश न करें| वह  निवेश करें जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त है। अगर टैक्स बेनिफिट मिलता है, तो सोने पे सुहागा|

अगर आपको यह पोस्ट उपयोगी लगी हो, तो अपने परिवार और दोस्तों से अवश्य शेयर करें|

Source/Credit: PersonalFinancePlan.in

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