जैसा कि हम जानते है टैक्स सेविंग सीज़न बहुत करीब है और हम टैक्स सेविंग निवेश खोजने के लिए चारों ओर खोज शुरू करते हैं। टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या इक्विटी लिंक्ड बचत योजना (ईएलएसएस) लोकप्रिय कर-बचत विकल्पों में से एक है।
ELSS क्या है? ईएलएसएस क्या है? What is ELSS in Hindi?
इक्विटी लिंक्ड बचत योजना (ईएलएसएस) एक साधारण इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की तरह ही है|
बस इतना अंतर है की ELSS (ईएलएसएस) में 3 साल का लॉक-इन है। इसका मतलब की आप अपने निवेश को 3 साल से पहले नहीं निकाल सकते|
साथ ही आपको ELSS (ईएलएसएस) में निवेश के लिए प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है (Section 80 क के तहत)|
शायद ज़्यादातर लोग ELSS (Equity Linked Savings Scheme) के बारे मैं इतना ही जानते हैं|
कुछ पहलू ऐसे भी हैं जो हम में से कई लोगो को पता नहीं हैं ।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS), 2005 को वित्त मंत्रालय (और SEBI) द्वारा नोटिफाई किया गया था। इसलिए, ELSS योजनाओं को इन नियमों के द्वारा नियंत्रित किया जाता है|
आईये जानते हैं, ELSS के कुछ कम ज्ञात पहलुयों को|
#1 निवेश 500 रुपये के मल्टिपल में होगा, न्यूनतम निवेश 500 रुपये होगा।
#2 ELSS यूनिट्स का ट्रांसफर, pledge (लोन लेने के लिए) केवल तीन साल बाद ही किया जा सकता है ।
#3 यह योजना एक वित्तीय वर्ष के दौरान न्यूनतम 3 माह के लिए खुली होगी। हालांकि यह पहलू इतना महत्वपूर्ण नहीं है । ज्यादातर ELSS योजनाएं, ओपन एंडेड स्कीम (open ended scheme) हैं। इसका मतलब आप जब चाहें तब निवेश कर सकते हैं|
#4 यदि आप SIP के माध्यम से ELSS में निवेश करते हैं, तो हर SIP किश्त एक नया निवेश है। इस विषय पर मैंने काफी निवेशकों को भ्रमित पाया है। कई निवेशकों की धारणा है कि 3 साल का लॉक इन ELSS में पहले निवेश की तारीख से होता है। ऐसा नहीं है|
SIP की हर किश्त एक नया निवेश है|
उदाहरण के लिए, यदि आप 15 दिसंबर 2016 को SBI Taxgain Scheme (SBI ELSS) में SIP की किश्त के माध्यम से जो म्यूच्यूअल फण्ड यूनिट खरीदते हैं, ऐसी यूनिट 15 दिसंबर, 2019 तक लॉक हो जाएंगी।
15 जनवरी, 2017 को SIP की किश्त के माध्यम से एसबीआई ईएलएसएस में खरीदे गए यूनिट 15 जनवरी, 2020 तक लॉक किए जाएंगे।
यह एक महत्वपूर्ण पहलू है। ELSS फण्ड के कई समर्थक (कर-बचत के लिए) का तर्क है कि ईएलएसएस में सभी धारा 80 सी निवेशों के बीच सबसे कम लॉक-इन अवधि है। परंतु इस बात को नजरअंदाज न करें कि ELSS में हर निवेश 3 साल लॉक-इन (3 year lock-in) के अधीन है।
पीपीएफ के तहत, केवल आपके पहले निवेश को 15 साल के लिए लॉक किया जाता है। अगर आपका PPF दस साल पुराना है, तो उस साल किया गया निवेश केवल 5 बर्ष के लिए लॉक-इन रहेगा| एक खाते के लिए जो 15 साल की प्रारंभिक परिपक्वता पूरी कर ली है औरविस्तार किया गया है तो अधिकतम लॉक-इन 5 साल है। वैसे, आप आंशिक निकासी कर सकते हैं और अपने पीपीएफ खाते से लोन भी ले सकते हैं।
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#5 एक ELSS फण्ड को कम से कम 80% प्रतोशत राशि equity, cumulative convertible preference shares and fully convertible debentures और bonds में निवेश करनी होती है| एक बात का और ध्यान दें की कम से कम 65% निवेश equity में रहेगा|
#6 एक म्यूच्यूअल फण्ड हाउस में सिर्फ एक ही ELSS योजना हो सकती है। परन्तु आप देख सकते हैं की कुछ फण्ड हाउस के में एक से ज्यादा स्कीम हैं|
#7 निवेशक की मृत्यु की स्थिति में, नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी मृतक यूनिट के आवंटन की तिथि के एक साल बाद ही निवेश को बेच सकता हैं। इसलिए, अगर निवेशक यूनिट की खरीदने के 5 महीने बाद मृत्यु हो जाती हैं, तो नामित व्यक्ति को यूनिट्स को तभी मिल जायेंगी| परन्तु यूनिट्स को बेचने के लिए और 7 महीने का इंतज़ार करना पडेगा। ध्यान दे की नामित व्यक्ति उन्हें बहुत पहले ट्रांसफर कर सकता है लेकिन एक वर्ष तक बेच नहीं सकता है। तो देखें तो, निवेशक की मृत्यु की स्तिथि में लॉक-इन अवधि 3 वर्ष से घाट कर 1 वर्ष हो जाती है।
ईएलएसएस (ELSS) के यह नियम जानकार आप ELSS में निवेश करना तो नहीं छोड़ेंगे| और सच में देखें तो इन नियमों से बहुत ज्यादा फर्क भी नहीं पड़ता| परन्तु नियमो को जानना हमेशा अच्छा होता है|
Harishankar says
क्या SBI mutual fund ELSS ke अंतर्गत आता है? निवेश की सीमा है क्या ?
दीपेश says
हरिशंकर जी,
SBI म्यूच्यूअल फण्ड काभी एक ELSS है|
परन्तु sbi के सारे फण्ड ELSS नहीं हैं|