वित्तीय वर्ष का आखिरी तिमाही यानी की टैक्स सेविंग सीज़न, यहाँ पर ज़्यादातर लोगों को टैक्स बचाने के लिए कहीं न कहीं निवेश करना होता है|
शायद आपको भी करना हो| ऐसे में आप कहाँ निवेश करेंगे?
पिछले कुछ लेखों में मैंने पीपीएफ (PPF), ईएलएसएस (ELSS), एनपीएस (NPS) इत्यादि पर चर्चा करी है| साथ ही इस बात पर भी चर्चा करी की किस प्रकार के निवेशक को कौन सा निवेश ज्यादा भायेगा|
इसी सिलसिले में हम आज चर्चा करेंगे टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपाजिट (Tax Saving Fixed Deposit) और ईएलएसएस पर| जानेंगे अंतर और देखेंगे की आपको क्या करना चाहिए|
पढ़ें: PPF vs. ELSS
पढ़ें: PPF vs. NPS
इस पोस्ट में, मैं कर-बचत फिक्स्ड डिपॉजिट और ELSS की तुलना करूँगा।
कर बचत फिक्स्ड डिपाजिट (Tax Saving Fixed Deposit in Hindi) क्या है?
Tax-saving fixed deposit (कर-बचत फिक्स्ड डिपाजिट) एक साधारण फिक्स्ड डिपाजिट की तरह ही होती है|फ़र्क सिर्फ इतना है की इस FD की अवधि 5 वर्ष होती है। साथ ही, निवेश करने के लिए आपको आयकर की धारा 80C के तहत कर लाभ मिलता है|
और हाँ, आपका पैसा 5 साल तक लॉक-इन (lock-in) रहता है| इसका मतलब की आप 5 साल तक अपने पैसे को वापिस नहीं ले सकते|
जो भी ब्याज आपको मिलता है, उस पर आपको अपनी टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होता है| सभी फिक्स्ड डिपाजिट में ब्याज पर टैक्स देना ही होता है|
पढ़ें: ब्याज पर कितना टैक्स देना होता है
ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड बचत योजना) क्या है (ELSS in Hindi)?
ELSS एक प्रकार का इक्विटी म्यूचुअल फंड है । आपका निवेश 3 साल के लिए लॉक हो जाता है ।
पढ़ें: ईएलएसएस के बारे में कुछ दिलचस्प बातें
Tax Saving Fixed Deposit vs. ELSS in Hindi
ELSS और टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट्स दोनों अलग उत्पाद हैं।
ईएलएसएस एक इक्विटी (equity) निवेश है| FD एक डेब्ट (debt) निवेश है|
ईएलएसएस में 3 साल का लॉक-इन है| टैक्स-सेविंग फिक्स डिपाजिट में 5 साल का लॉक-इन है|
ईएलएसएस में आपको निवेश को बेचते समय कोई टैक्स नहीं देना होगा| ELSS में आपको निवेश बेचने पर होने वाले मुनाफे पर 10% टैक्स देना होगा| Long Term Capital Gains Tax at 10% on sale of ELSS units.
फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज कर हर साल टैक्स भरना होगा|
Tax Saver FD और ELSS में रिटर्न किसमें बेहतर हैं?
टैक्स सेविंग एफडी निश्चित रिटर्न प्रदान करता है। जब आप निवेश करते हैं, तभी आपको पता होता है, की आपको रिटर्न कितना मिलेगा|
ईएलएसएस के साथ, अस्थिरता के लिए तैयार रहें । रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है| आपको घाटा भी हो सकता है| परन्तु टैक्स-सेविंग FD से बहुत अधिक रिटर्न भी मिल सकते हैं’|
कम लॉक-इन के चक्कर में गलती न करें (Do not fall for lower lock-in)
ELSS के कई समर्थकों का यह तर्क है कि ELSS में सबसे कम लॉक-इन अवधि (3 साल की) है। किसी भी और टैक्स बचाने वाले निवेश में इतना कम लॉक-इन नहीं है|
मेरे अनुसार यह सोचने का सही तरीका नहीं है| साथ ही यह बात कुछ हद तक ही ठीक है|
उदाहरण के लिए, भले ही ELSS की लॉक-इन अवधि 3 साल है, इसका मतलब यह नहीं है कि ईएलएसएस 3 साल के लक्ष्य के लिए उपयुक्त हैं। ईएलएसएस एक इक्विटी उत्पाद है| बशर्ते लॉक-इन केवल तीन साल हो,इसका मतलब यह नहीं है की आप तीन साल के लिए ही निवेश करें| मेरे अनुसार अगर आपको किसी भी इक्विटी उत्पाद में निवेश करना है, तो 7-10 साल का लक्ष्य होना चाहिए|
ELSS में प्रत्येक निवेश 3 साल के लॉक-इन के अधीन है। पीपीएफ (15 वर्ष) और यूएलआईपी (5 वर्ष) जैसे अन्य उत्पादों में लॉक-इन को पहली निवेश की तारीख से गिना जाता है। इसलिए, यदि आपके पास 10 साल का पीपीएफ खाता है, तो आपका नया निवेश केवल 5 वर्षों के लिए लॉक होगा।
वैसे, 3 से अधिक वर्षों के लिए ELSS में निवेश करने में कुछ भी गलत नहीं है।
आपको क्या करना चाहिए?
पहले तो अपने पोर्टफोलियो का आंकलन करें| अगर आपके पोर्टफोलियो में आपको इक्विटी की ज़रुरत है, तो ईएलएसएस में निवेश करें|
अगर किसी डेब्ट उत्पाद में निवेश करने की ज़रुरत है, तो टैक्स-सेवर फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश कर की सोचसकते हैं|
पर हाँ, अगर किसी डेब्ट उत्पाद में ही निवेश करना है, तो एक बार पीपीएफ के बारे में भी सोचे|
पीपीएफ में ब्याज पर टैक्स नहीं देना होता| फिक्स्ड डिपाजिट में ब्याज पर टैक्स देना होता है|
बस एक परेशानी है की आपका पैसा 15 साल तक के लिए अटक जाता है| पर यह एक नए खाते के लिए है| अगर आपके पास पीपीएफ खाता है जो पहले से 10 साल का है, तो आप पीपीएफ खाते में जो निवेश करते हैं, वह केवल 5 साल के लिए लॉक होगा। ऐसी स्थिथि में, 5 साल की टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉज़िट निवेश कीज़रुरत नहीं है|
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