• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

HindiFinance.com

आपका पर्सनल फाइनेंस ब्लॉग आसान हिंदी में




  • Life Insurance
  • Mutual Funds
  • Financial Planning
  • NPS
  • PPF
  • Tax Planning
  • Aadhaar
  • LIC
  • Loans
Follow @hindifinance

एलआईसी नवजीवन प्लान (टेबल 853) (LIC Navjeevan plan in Hindi)

by दीपेश Leave a Comment

एलआईसी नवजीवन (LIC Navjeevan, Plan no. 853) एक पारंपरिक जीवन बीमा प्लान है।

जानते हैं एलआईसी के इस नए प्लान के बारे में|

इस प्लान में आपके पास प्रीमियम भुगतान के दो विकल्प हैं|

  1. Single Premium (एकल प्रीमियम): आपको केवल एक बार ही प्रीमियम का भुगतान करना है
  2. Limited Premium (सीमित प्रीमियम): आपको 5 वर्ष तक प्रीमियम का भुगतान करना होगा| लिमिटेड प्रीमियम प्लान दो विकल्पों में आता है| विकल्प 1 और विकल्प 2| इन विकल्पों के बारे में बाद में चर्चा करेंगे|

एलआईसी नवजीवन मुख्य विशेषताएं (LIC Navjeevan: Complete Information in Hindi)

  1. प्रवेश के समय न्यूनतम आयु (Minimum Entry Age): Single Premium (एकल प्रीमियम) में 90 दिन की आयु, Limited Premium में विकल्प 1 के तहत 90 दिन, लिमिटेड प्रीमियम विकल्प 2 के तहत 45 वर्ष
  2. प्रवेश के समय अधिकतम आयु (Maximum Entry Age): Single Premium (एकल प्रीमियम) में 44 वर्ष, Limited Premium में विकल्प 1 में 60 वर्ष, लिमिटेड प्रीमियम विकल्प 2 में 65 वर्ष
  3. परिपक्वता के समय अधिकतम आयु (Maximum Age at Maturity): Single Premium (एकल प्रीमियम) में 62 वर्ष, Limited Premium में विकल्प 1 में 75 वर्ष, लिमिटेड प्रीमियम विकल्प 2 में 80 वर्ष
  4. न्यूनतम बीमा राशि (Minimum Basic Sum Assured): 1 लाख रुपये
  5. अधिकतम बेसिक बीमा राशि (Maximum Basic Sum Assured): कोई सीमा नहीं है।
  6. पॉलिसी अवधि (Policy Term): 10 से 18 वर्ष (आप कोई भी पालिसी अवधि चुन सकते हैं)
  7. प्रीमियम भुगतान अवधि (Premium Payment Term): जैसा की ऊपर बताया गया है, आपके पास दो विकल्प हैं| Single Premium (एकल प्रीमियम) और Limited Premium (लिमिटेड प्रीमियम)|
  8. प्रीमियम भुगतान का तरीका: एकल प्रीमियम प्लान में आपको एक-मुश्त प्रीमियम का भुगतान करना होगा| लिमिटेड प्रीमियम में आप मासिक (monthly), त्रेमासिक (quarterly), अर्धवार्षिक (half-yearly) या वार्षिक (annual) भुगतान कर सकते हैं|
  9. आप इस प्लान को ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीद सकते हैं| ऑनलाइन खरीदने पर आपको एकल प्रीमियम में 2% की छूठ मिलेगी, लिमिटेड प्रीमियम में 5% की छूठ मिलेगी|
  10. आप इस पालिसी से लोन ले सकते हैं| सिंगल प्रीमियम में आप 3 महीने के बाद लोन ले सकते हैं| लिमिटेड प्रीमियम में आप 2 वर्ष के बाद लोन ले सकते हैं|
एलआईसी नवजीवन प्लान टेबल 853

एलआईसी नवजीवन प्लान: लिमिटेड प्रीमियम प्लान में दो विकल्प क्या हैं?

पहले विकल्प (Option 1) के तहत आपकी बीमा राशि आपके प्रीमियम का 10 गुना होगी| Sum Assured = 10*Annual Premium

पहले विकल्प (Option 2) के तहत आपकी बीमा राशि आपके प्रीमियम का 7 गुना होगी| Sum Assured = 7*Annual Premium

अगर आपकी आयु 45 वर्ष से कम है, तब आपको option 1 ही चुनना होगा| इसका मतलब आपका बीमा वार्षिक प्रीमियम का 10 गुना होगा|

अगर आपकी आयु 45 वर्ष से ज्यादा है, तब आपके पास सच में विकल्प है| आपको option 1 या 2 में से किसी को भी चुन सकते हैं|

इन बातों के अवश्य ध्यान रखें:

  1. विकल्प 2 और 2 केवल लिमिटेड प्रीमियम प्लान में ही उपलब्ध है| अगर आप एकल प्रीमियम प्लान खरीदते हैं, तब जीवन बीमा आपके प्रीमियम का 10 गुना होगा|
  2. विकल्प 2 में आपको बेहतर रिटर्न मिलेंगे|
  3. परन्तु अगर आप विकल्प 2 चुनते हैं, तब मेच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि पर आपको टैक्स देना होगा| विकल्प 1 में आपकी राशि पर कोई टैक्स नहीं देना होगा|

एलआईसी नवजीवन: मृत्यु लाभ (LIC Navjeevan: Death Benefit)

पहले पांच वर्षों के दौरान मृत्यु की स्थिति में (Death before 5 years): मृत्यु पर बीमित राशि (Sum Assured on Death)

पांच वर्ष की समाप्ति के बाद मृत्यु और परिपक्वता से पहले (Death after 5 years but before policy maturity): मृत्यु पर बीमित राशि (Sum Assured on Death) + लॉयल्टी वृद्धि (Loyalty Addition, if any)

आप मृत्यु लाभ (Death Benefit) को एक-मुश्त की बजाय किश्तों में भी ले सकते हैं|

एलआईसी नवजीवन: परिपक्वता लाभ LIC Navjeevan: Maturity Benefit)

पालिसी मेच्योर होने के समय आपको बीमा राशि और लॉयल्टी एडिशन मिलेंगे|

Maturity Benefit = Sum Assured + Loyalty Addition

लॉयल्टी वृद्धि (Loyalty Addition or LA) केवल पालिसी मेच्योरिटी या धारक की मृत्यु के वर्ष में ही लागू होता है (हर वर्ष नहीं)| और यह भी तब की जब आपकी पालिसी कम से कम 5 साल पुरानी हो|

आप मेच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि को एक-मुश्त लेने की बजाय किश्तों में भी ले सकते हैं|

एलआईसी नवजीवन: रिटर्न कितना मिलता है? (LIC Navjeevan: Return)

जैसे की आपने ऊपर देखा, आपके रिटर्न का एक हिस्सा लॉयल्टी वृद्धि (Loyalty Addition or LA) से आता है| इसके बारे में आप पक्के से कुछ भी नहीं कह सकते| यह कितना मिलेगा, यह निर्भर करता है एलआईसी के परफॉरमेंस पर|

आप 4 से 6% के रिटर्न उम्मीद कर सकते हैं| मेरे अनुसार यह रिटर्न अच्छा नहीं है|

साथ ही ध्यान दें की लिमिटेड प्रीमियम के दूसरे विकल्प में मेच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि पर टैक्स भी लगेगा|

मेरे अनुसार आपको एलआईसी नवजीवन प्लान में निवेश नहीं करना चाहिए|

आप टर्म इंश्योरेंस प्लान  का इस्तेमाल कर  बेहतर जीवन बीमा और पीपीएफ या इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करके कहीं बेहतर रिटर्न पा सकते हैं|

क्या आप एलआईसी नवजीवन प्लान में निवेश करेंगे?

एलआईसी नवजीवन प्लान की बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिए आप LIC की वेबसाइट पर जा सकते हैं|

Filed Under: LIC, Life Insurance Tagged With: एलआईसी, एलआईसी जीवन शांति, एलआईसी नवजीवन, एलाईसी जीवन आनंद

आपको लोन देते समय बैंक किन बातों पर ध्यान देता है?

by दीपेश Leave a Comment

जब आप बैंक में किसी लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक क्या बातें देखता है? कैसे निर्णय लेते है की आपको लोन दिया जाए की नहीं या कितना लोन दिया जाए| आईये देखते हैं|

मैं केवल होम लोन की बात नहीं कर कर रहा हूँ| पर्सनल लोन हो या कार लोन या प्रॉपर्टी लोन, हर तरह की लोन में बैंक इन बातों पर अवश्य ध्यान देता है| अगर आप बैंक के नज़रिए से सोचें, तब आपको शायद बैंक के निर्णय का समझने में आसानी होगी| आप अपने लोन आवेदन की बेहतर तय्यारी भी कर सकते हैं|

#1 आप लोन लौटा सकते हैं या नहीं

यह तो सबसे महत्वपूर्ण है|

अगर आपके पास लोन चुकाने की क्षमता नहीं है, तो बैंक आपको लोन नहीं देगा|

अगर लोन दिया जा भी रहा है, तो उतना ही दिया जाएगा, जो की आप आसानी से चुका सकें|

आमतौर पर बैंक आपको आपके मासिक वेतन के 50% से अधिक राशि (की EMI) का लोन नहीं देते| इसका मतलब यह है की बैंक आपको उतना ही लोन देंगे, की उसकी EMI (मासिक किश्त) आपके वेतन के 50% प्रतिशत से कम हो| मान लिए सब कुछ काट कर आपके हाथ में 30,000 रुपये आते हैं|  ऐसे में बैंक आपकी EMI को 15,000 रुपये तक सीमित रखेगा|

ऐसा इसलिए क्योंकि केवल लोन की किश्त ही आपका अकेला खर्चा नहीं है| अगर आपका सारा पैसा लोन की EMI में चला जाएगा, तो आपका घर कैसे चलेगा|

#2 आपकी आय स्थिर है या नहीं

अगर आप वेतनभोगी (salaried) हैं, तब आपको आसानी से लोन मिल जाता है| ब्याज दर भी कम होती है| हालांकि लोन की मात्रा (Loan amount) आपकी आय पर निर्भर करता है, परन्तु लोन मिलने में आसानी रहती है| ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक को पता है की आपकी आय स्थिर है| बैंक को लगता है की आप हर महीने लोन की किश्त देने की क्षमता रखते हैं|

अगर आप सरकारी नौकरी करते हैं या किसी बड़ी कंपनी में काम करते हैं, तब तो लोन मिलने में और भी आसानी होगी|

यदि आप कोई बिज़नस करते हैं या सेल्फ-एम्प्लोयेड (self-employed) हैं, तब लोन मिलने में तो परेशानी होती ही है, साथ ही ब्याज दर भी ज्यादा होती है| ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी आय शायद बहुत स्थिर न हो| किसी महीने में 30,000 की कमाई हुई और किसी महीने में 50,000 की| ऐसी में बैंक को इतना विश्वास नहीं रहता और वह लोन देने में हिचक सकता है|

#3 आपके क्रेडिट स्कोर को भी देखा जाता है

आपकी लोन चुकाने की क्षमता तो एक बात है|

आपकी लोन चुकाने की इच्छा को भी देखा जाता है| आपने अपने पुराने लोन या क्रेडिट कार्ड का समय पर भुगतान किया है की नहीं?

यह देखने का सबसे अच्छा तरीका आपका क्रेडिट स्कोर या क्रेडिट रिपोर्ट देखना है|

अगर आपके क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है, तो आपको लोन मिलने में परेशानी हो सकती है|

इसलिए लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर अवश्य चेक कर लें| आप अपना क्रेडिट स्कोर फ्री में भी चेक कर सकते हैं| इसलिए समय समय पर क्रेडिट स्कोर चेक करते रहे| अगर किसी कारण से आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो उसे सुधारने की कोशिश करें|

#4 आप क्या सेकुरिटी दे सकते हैं

लोन प्रमुख तौर पर दो प्रकार के होते हैं: सुरक्षित लोन (Secured Loan) या असुरक्षित लोन (unsecured loan)

सुरक्षित लोन (Secured Loan) के उदहारण हैं: होम लोन, गोल्ड लोन, म्यूच्यूअल फण्ड लोन, प्रॉपर्टी लोन, एलआईसी पालिसी लोन, कार लोन इत्यादि| इन सभी लोन में आप कुछ गिरवी रखते हैं, इसका मतलब की आप सेकुरिटी देते हैं| अगर आप लोन का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तब बैंक आपकी सेकुरिटी बेच कर अपना पैसा वसूल लेगा|

असुरक्षित लोन (Unsecured Loan) का उदहारण है पर्सनल लोन| पर्सनल लोन में आप कुछ भी गिरवी नहीं रखते| केवल आपकी लोन चुकाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही लोन दिया जाता है| आपका क्रेडिट स्कोर भी बहुत अच्छा होना चाहिए| लोन के भुगतान न कर पाने की स्तिथि में बैंक कुछ बेच तो नहीं सकता परन्तु उसके पास कानूनी विकल्प होते हैं|

आमतौर पर, सुरक्षित लोन की ब्याज दर किसी असुरक्षित लोन की ब्याज दर से कम होती है|

कुछ ऐसे लोन भी होते हैं जहां की आपकी लोन चुकाने की क्षमता पर ध्यान नहीं दिया जाता| जैसे की गोल्ड लोन या शेयर लोन या म्यूच्यूअल फण्ड लोन| ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ पर लोन के भुगतान न होने पर आपकी सेकुरिटी को बहुत ही आसानी से बेचा जा सकता है|

यहीं अगर लोन का पैसा वसूलने के कोई प्रॉपर्टी बेचनी पड़ जाए, तो यह एक लम्बी प्रक्रिया है| इसलिए होम लोन या प्रॉपर्टी लोन में आपकी लोन चुकाने की क्षमता पर बहुत ध्यान दिया जाता है|

साथ ही आपकी प्रॉपर्टी की quality को भी देखा जाता है| अगर किसी अच्छे इलाके में प्रॉपर्टी है, तो आसानी से लोन मिल जाएगा| परन्तु कहीं दूर दराज़ इलाके में प्रॉपर्टी है, तो आसानी से लोन नहीं मिलेगा|

ध्यान दें कुछ लोन सरकारी योजनायों के तहत दिए जाते हैं, जैसे की मुद्रा लोन| कुछ लोन प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत दिए जाए हैं| साथ ही शिक्षा लोन इत्यादि पर भी ऊपर दिए गए मापदंड न लगाए जाएँ| परन्तु अधिकतर लोन देते समय बैंक ऊपर दी गयी बातों का ख्याल रखता है|

Filed Under: Loans Tagged With: lic पालिसी लोन, sbi लोन, कार लोन, बैंक लोन

कैसे बनाएं अपने लिए इमरजेंसी फण्ड?

by दीपेश Leave a Comment

फाइनेंसियल प्लानिंग करते समय अपने लिए इमरजेंसी फण्ड बनाना एक अहम् लक्ष्य होता है|

ध्यान दें इमरजेंसी फण्ड का मतलब किसी म्यूच्यूअल फण्ड से नहीं है| यह बस वह पैसा है जो की किसी आपातकालीन स्तिथि में आप इस्तेमाल कर सकते हैं| परिवार में किसी के इलाज़ के खर्चे के लिए, नौकरी जाने पर, अतिरिक्त पैसे की ज़रुरत पड़ने पर या किसी वित्तीय संकट में| आप इस पैसे की ऐसी स्तिथि में उपयोग कर सकते हैं|

आपके पास कितना इमरजेंसी फण्ड होना चाहिए?

सबके लिए यह संख्या अलग होगी|

मेरे अनुसार अगर आप नौकरी करते हैं और सैलरी पाते हैं, तब आप 6-8 महीने की सैलरी के बराबर पैसा इमरजेंसी फण्ड में रख सकते हैं| अन्यथा आप 12 महीनों के खर्चों के बराबर पैसा रख सकते हैं| जब खर्चों की बात आ रही है, तो अपने लोन की EMI को शामिल करना न भूलें|

अगर नौकरी नहीं करते और self-employed हैं, तब कम से कम 12-15 महीनों के खर्चों के बराबर पैसा इमरजेंसी फण्ड में रखें|

आईये अब देखते हैं की आप अपने इमरजेंसी फण्ड के पैसे को निवेश कैसे करें| परन्तु उससे पहले यह देखते हैं की इमरजेंसी फण्ड के पैसे को कैसे निवेश न करें|

क्योंकि इमरजेंसी फण्ड के पैसे की ज़रुरत आपको कभी भी पड़ सकती है, इसलिए इस पैसे को किसी भी ऐसी जगह निवेश न करें:

  1. जहां से आप आसानी से पैसा निकाल न सकें| आप प्रॉपर्टी में निवेश नहीं कर सकते, PPF या EPF में इमरजेंसी फण्ड का पैसा नहीं रख सकते|
  2. जहाँ आपके निवेश में उतार चढ़ाव आये| आपको इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में इमरजेंसी फण्ड का निवेश नहीं करना चाहिए| ज़रुरत पड़ने पर आपको नीचे दामों पर अपने यूनिट बेचनी पड़ सकती हैं|

#1 बचत खाता (सेविंग्स बैंक अकाउंट)

सबसे आसान तरीका है| सब लोग कुछ अतिरिक्त पैसा तो बचत खाते में रखते ही हैं|

आप इस पैसे को कभीं भी निकाल सकते हैं| बैंक शाखा में जा कर या ATM से|

बस आपको ब्याज दर कम मिलेगी| अधिकाँश बैंक आपको 4% p.a. की ब्याज दर देते हैं|

बचत खाते के ब्याज पर आपको 10,000 तक के ब्याज पर कोई टैक्स भी नहीं देना होता|

पढ़ें:Section 80TTA और Section 80TTB: ब्याज पर बचाएं टैक्स

#2 बैंक फिक्स्ड डिपाजिट (Bank Fixed Deposit)

आप पैसे का फिक्स्ड डिपाजिट बना सकते हैं| ज़रुरत पड़ने पर आप फिक्स्ड डिपाजिट तोड़ कर पैसा निकाल सकते हैं| FD तोड़ने की लिए आपको बैंक जाना होगा| कुछ बैंक आपको नेट बैंकिंग के साधन से भी FD तोड़ने का विकल्प देते हैं|

फिक्स्ड डिपाजिट की ब्याज दर बचत खाते की ब्याज दर से ज्यादा होगी, परन्तु समयपूर्व फिक्स्ड डिपाजिट तोड़ने पर आपको कुछ पेनल्टी देनी होगी|

ब्याज पर आपको अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा| अगर वरिष्ठ नागरिक हैं, तो आपको 50,000 रुपये तक के ब्याज पर रियायत मिलती है|

#3 फ्लेक्सी डिपाजिट (Flexi-Deposit)

आप इसे बचत खाते और फिक्स्ड डिपाजिट के बीच का विकल्प मान सकते हैं|

कुछ बैंक आपको फ्लेक्सी-डिपाजिट का विकल्प दे सकते हैं|

फ्लेक्सी-डिपाजिट में आपको कुछ नहीं करना होगा| आपके बचत खाते में जो अतिरिक्त पैसा (एक सीमा के ऊपर) होता है, उस राशि का अपने आप (automatically) फिक्स्ड डिपाजिट बन जाता है|

मान लिए आपके खाते में यह सीमा 25,000 रुपये है| अगर आपके खाते में 35,000 रुपये हैं, तो 10,000 रुपये की अपने आप फिक्स्ड डिपाजिट खुल जायेगी|

अगर बाद में आप 30,000 रुपये निकालना चाहते हैं, तब FD अपने आप टूट जायेगी| आप 30,000 रुपये निकाल पायेंगे और 5,000 रुपये आपके बचत खाते में रह जायेंगे|

#4 लिक्विड फण्ड (Liquid Fund)

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते हैं तो लिक्विड फण्ड भी एक विकल्प हो सकता है| ध्यान दें लिक्विड फण्ड इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड नहीं होते| लिक्विड फण्ड के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

50,000 रुपये तक की राशि तो आपके खाते में हाथ के हाथ आ जाती है| उससे अधिक राशि के लिए आपको एक दिन (1 business day) का इंतज़ार करना होगा| परन्तु लिक्विड फण्ड में फिक्स्ड डिपाजिट के मुकाबले थोड़ा रिस्क रहता है|

पढ़ें: अपने लिए लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें?

#5 नकद (Cash)

आप अपने पास कुछ पैसा नकद भी रख सकते हैं| ज़्यादातर लोग कुछ पैसा नकद रखते हैं| बस, आपको इस नकद राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा| बेहतर होगा की इस पैसे को बैंक में जमा करा दें|

यह थे 5 तरीके अपने इमरजेंसी फण्ड फण्ड जमा करने के|

आप इमरजेंसी के लिए कैसे निवेश करते हैं?

Filed Under: Financial Planning Tagged With: emergency fund, इमरजेंसी फण्ड, लिक्विड फण्ड

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना क्या है? (सरकार की नयी पेंशन योजना) (PM-SYM in Hindi)

Last updated: फ़रवरी 27, 2019 | by दीपेश 8 Comments

भारत सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों लोगों के लिए एक नयी पेंशन योजना शुरू करी है| आईये जानते हैं इस पेंशन योजना के बारे में|

कौन इस पेंशन योजना में भाग ले सकता हैं? कितनी पेंशन मिलेगी? पेंशन पाने के लिए कितना निवेश करना होगा? पेंशन कब चालू होगी? पेंशन खाता कैसे खोलना होगा? चर्चा करते हैं इन सभी बातों पर|

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन (PM-SYM) योजना क्या है?

यह भारत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए एक पेंशन योजना है|

इस योजना के तहत आपको हर महीने कुछ राशि निवेश करनी होगी| 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर आपको 3,000 रुपये की मासिक पेंशन शुरू हो जायेगी| यह पेंशन आपको जीवन भर मिलेगी| इस पेंशन राशि पर सरकार की गारंटी है|

जितना आप योगदान करते हैं, सरकार भी आपके खाते में उतना ही योगदान करेगी|

आपकी मासिक निवेश राशि आपकी आयु पर निर्भर करती है|

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन (PM-SYM) में निवेश करने के क्या लाभ हैं?

  1. 60 वर्ष की आयु तक आप योगदान करेंगे| सरकार भी आपके खाते में योगदान करेगी|
  2. 60 वर्ष की आयु से आपको 3,000 रुपये की पेंशन मिलेगी| आपको यह पेंशन आजीवन मिलेगी|
  3. आपके बाद आपनी पत्नी को आधी पेंशन (1,500 रुपये) मिलेगी| यह पेंशन उनको आजीवन मिलेगी|
  4. पत्नी की मृत्यु के बाद परिवार को कोई पेंशन या एक-मुश्त राशि नहीं मिलेगी|

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में कौन निवेश कर सकता है? PradhanMantri Shram Yogi Maandhan Yojana: Eligilbility

  1. खाता खोलते समय आपकी आयु 18 से 40 वर्ष होनी चाहिए|
  2. मासिक आय 15,000 रुपये से कम होनी चाहिए|
  3. आप इनकम टैक्स या कर दाता नहीं होने चाहिए| अगर इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं, तो इस योजना में खाता नहीं खोल सकते|
  4. आपका EPF/GPF/NPS/ESIC खाता नहीं होना चाहिए| यह योजना केवल असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए है|
  5. आपके पास आधार नंबर होना चाहिए|
  6. आपका बचत खाता (Savings Bank Account) होना चाहिए|
  7. आपके पास मोबाइल नंबर होना चाहिए|

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में कितना निवेश करना होगा?

यह खाता खोलते समय आपकी आयु पर निर्भर करता है|

अगर आप 18 वर्ष के हैं, तो 60 वर्ष की आयु से 3,000 रुपये की पेंशन पाने के लिए आपको हर महीने 55 रुपये के निवेश करना होगा| आपको यह निवेश आपको 60 वर्ष की आयु तक करना होगा|

अगर आप 29 वर्ष के हैं, तो 60 वर्ष की आयु से 3,000 रुपये की पेंशन पाने के लिए आपको हर महीने 100 रुपये के निवेश करना होगा|

अगर आप 40 वर्ष के हैं, तो 60 वर्ष की आयु से 3,000 रुपये की पेंशन पाने के लिए आपको हर महीने 200 रुपये के निवेश करना होगा|

यह निवेश आपको 60 वर्ष की आयु तक करना होगा|

ध्यान दें सरकार भी आपके खाते में इतना ही योगदान करेगी| Government makes a matching contribution.

प्रधानमन्त्री श्रमयोगी मानधन योजना कितना निवेश करना होगा
कितना निवेश करना होगा?

ध्यान दें आपकी निवेश राशि कभी बदलेगी नहीं| अगर आप 18 वर्ष की आयु से खाता शुरू कर रहे हैं, तो 60 वर्ष की आयु तक आपको 55 रुपये प्र्टती माह जमा करने होंगे|

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना की पूरी जानकारी के लिए आप इस विडियो को भी देख सकते हैं|

प्रधानमन्त्री श्रमयोगी मानधन योजना की पूरी जानकारी

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना खाता कैसे खोलें?

अभी आप यह खाता किसी भी Common Service Center (CSC) में जा कर खोल सकते हैं|

आपको यह दस्तावेज लेकर जाने होंगे:

  1. आधार कार्ड
  2. बैंक खाते की पासबुक या चेक
  3. अपने मोबाइल (यह वह नंबर होना चाहिए, जो की आपके आधार कार्ड से लिंक्ड हैं), इस नंबर पर OTP (One-Time Password) आएगा| वैसे मेरे अनुसार इसके बिना भी आपका काम चल जाना चाहिए|
  4. पहले योगदान के लिए धन राशि

आपकी आयु के अनुसार आपकी निवेश राशि कैलकुलेट हो जायेगी और पहला भुगतान आप नकद में कर सकते हैं| साथ ही आपको एक एक auto-debit फॉर्म पर sign करना होगा| अगले महीने से मासिक किश्त अपने आप आपके खाते से कट जायेगी|

आपको प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना अकाउंट नंबर (PM–SYM account number) ही हाथ के हाथ दिया जाएगा| साथ ही आपको इस योजना का कार्ड भी दिया जाएगा|

कुछ समय बाद PM–SYM की वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन भी शुरू की जायेगी जहां जा कर आप स्वयं खाता खोल सकते हैं|

20190220_Pradhan Mantri ShramYogi Maandhan yojana प्रधानमन्त्री श्रमयोगी मानधन योजना खाता कैसे खोलें

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना खाता में योगदान कैसे करना होगा?

खाता खोलते समय आप अपने बैंक खाते की जानकारी देंगे|

उसके बाद हर महीने आपके खाते से पैसे अपने आप कट जायेंगे|

अगर किसी वजह से आपके PM-SYM खाते में योगदान नहीं हो पाता, तब आप अपने खाते में पुराना भुगतान (जो रह गया था) करके उसे चालू कर सकते हैं| ऐसी स्तिथि में आपको कुछ पेनल्टी भी देनी पड़ सकती है|

निवेशक की मृत्यु 60 वर्ष की आयु के बाद होती है, तब क्या होगा?

आपके बाद आपकी पत्नी (या पति) को आधी पेंशन (1,500 रुपये) मिलेगी| उनकी मृत्यु के बाद किसी को कुछ भी नहीं मिलेगा|

अगर पत्नी (या पति) की मृत्यु निवेशक से पहले हो जाती है, तो निवेशक की मृत्यु के बाद पेंशन रोक दी जायेगी| किसी को कुछ भी नहीं मिलेगा|

ध्यान दें निवेशक की बाद केवल उनकी पत्नी (या पति) को ही पेंशन जारी रह सकती है| बच्चों या किसी और को पेंशन मिलने का कोई प्रावधान नहीं है|

निवेशक की मृत्यु 60 वर्ष की आयु से पहले होती है, तब क्या होगा?

यहाँ पर दो विकल्प हैं|

पहला विकल्प: ऐसी स्तिथि में निवेश की पत्नी (या पति) खाते को जारी रख सकती हैं| ध्यान दें भुगतान निवेशक की आयु के अनुसार करना होगा| मान लिए निवेशक की मृत्यु के समय आयु 50 वर्ष है| पत्नी की आयु 45 वर्ष है| खाते को जारी रखने के लिए और पेंशन पाने के लिए पत्नी को 10 वर्ष और भुगतान करना होगा| इसका मतलब 10 वर्ष बाद, जब पत्नी की आयु 55 वर्ष होगी, 3,000 रुपये की पेंशन चालू हो जायेगी|

दूसरा विकल्प: पत्नी (या पति) खाता बंद कर सकती हैं| ऐसी स्तिथि में निवेश राशि और उस मिले रिटर्न को पत्नी को एक-मुश्त दे दिया जाएगा| ध्यान दें ऐसी स्तिथि में सरकार द्वारा किये गए योगदान को आपकी पत्नी को नहीं दिया जाएगा|

एक बात और, अगर किसी वजह से निवशक स्थायी रूप से विकलांग हो जाता है, ऐसी स्तिथि में भी निवेशक की पत्नी (या पत्नी) पर वही विकल्प रहेंगे, जो की निवेशक की मृत्यु होने पर है| वह खाता जारी रख सकती हैं या सारा पैसा निकाल सकती हैं|

क्या 60 वर्ष की आयु से पहले प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना खाता स्वेच्छा से बंद किया जा सकता है?

जी हाँ, 60 वर्ष की आयु से पहले भी खाता बंद किया जा सकता है|

अगर 10 पूरे होने से पहले खाता बंद करते हैं, तब आपको आपके द्वारा निवेश किया गया पैसा बचत खाते के ब्याज (सेविंग्स बैंक अकाउंट की ब्याज दर) के साथ लौटा दिया जाएगा| सरकार के द्वारा आपके खाते में किये गए योगदान को नहीं लौटाया जाएगा|

अगर 10 पूरे होने से बाद (और 60 वर्ष की आयु से पहले) खाता बंद करते हैं, तो आपके निवेश को उस पर अर्जित रिटर्न के साथ लौटा दिया जाएगा| सरकार के द्वारा आपके खाते में किये गए योगदान को नहीं लौटाया जाएगा|

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना और अटल पेंशन योजना में क्या अंतर है?

पहली बार सुनने में दोनों की योजनायें एक जैसी ही लगती हैं| दोनों में ही आप 60 वर्ष की आयु से पहले योगदान करते हैं और 60 वर्ष के बाद आजीवन पेंशन मिलती है| परन्तु बहुत सारे अंतर हैं|

#1 अटल पेंशन योजना में कोई भी निवेश कर सकता है| बस अटल पेंशन खाता खोलते समय आपकी आयु 18 से 40 वर्ष की बीच होनी चाहिए| इसके अलावा कोई शर्त नहीं है| प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में प्रवेश आयु के अलावा और भी बहुत सारी शर्तें हैं| केवल असंगठित क्षेत्र (unorganized sector) में काम करने वाले लोग ही खाता खोल सकते हैं| मासिक आय 15,000 रुपये से कम होनी चाहिए|

#2  अटल पेंशन योजना में आप 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की पेंशन का चुनाव कर सकते हैं| प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना (PM-SYM) में अभी केवल 3,000 रुपये की पेंशन का ही प्रावधान है|

#3 अटल पेंशन योजना में अब सरकार योगदान नहीं करती| प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में अर्कार भी बराबर योगदान करती हैं| इसी वजह से PM-SYM में कम योगदान करना पड़ता है| अटल पेंशन योजना में 3,000 रुपये की पेंशन पाने के लिए 18 वर्षीय निवेशक को हर महीने 126 रुपये का निवेश करना होगा| 29 वर्षीय व्यक्ति को 318 रुपये का निवेश करना होगा| प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में आपका निवेश 55 और 100 रुपये होगा|

#4 सबसे बड़ा अंतर पेंशन के तरीके में है| अटल पेंशन योजना में पहले आपको पेंशन मिलती है| आपके बाद आपकी पत्नी को पेंशन जारी रहती है| आपकी पत्नी के बाद नॉमिनी को जमा राशि दे दी जाती है| प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना (PM-SYM) में कुछ अलग होता है| पहले आपको पेंशन मिलती है| आपके बाद आपकी पत्नी को केवल आधी पेंशन (1,500 रुपये) मिलती है| पत्नी की मृत्यु के बाद परिवार को कुछ भी नहीं मिलता|

#5 क्या आप अटल पेंशन योजना और प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना (PM-SYM) खोल सकते हैं? : मेरे अनुसार अभी कोई ऐसा प्रावधान नहीं है जो आपको दोनों खातों को खोलने से रोकता हो| अगर दोनों खातों की पात्रता शर्तों (eligibility conditions) को पूरा करते हैं, तो आप दोनों खाते खोल सकते हैं|

दोनों योजनायों के बीच के अंतर को आप नीचे टेबल में भी देख सकते हैं|

प्रधानमन्त्री श्रमयोगी मानधन योजना और अटल पेंशन योजना में अंतर

अतिरिक्त जानकारी

भारत सरकार का प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना (PM-SYM) के बारे में नोटिफिकेशन

Filed Under: Aadhaar, NPS Tagged With: PradhaanMantri ShramYogi Maandhan Yojana, प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना

LIC की नयी योजना: एलआईसी माइक्रो बचत प्लान(LIC Micro Bachat in Hindi)

by दीपेश Leave a Comment

एलआईसी से एक नया जीवन बीमा प्लान (LIC Micro Bachat, एलआईसी माइक्रो बचत ) शुरू करी है| जानते हैं इस प्लान के बारे में विस्तार से|

एलआईसी माइक्रो बचत (Plan 851): पूरी जानकारी और समीक्षा (LIC Micro Bachat: Review in Hindi)

  • न्यूनतम प्रवेश आयु (Minimum Entry Age): 18 वर्ष
  • अधिकतम प्रवेश आयु (Maximum Entry Age): 55 वर्ष
  • पालिसी अवधि (Policy Term) : 10 से 15 वर्ष
  • प्रीमियम भुगतान अवधि (Premium Payment Term) पालिसी अवधि के बराबर होगी|
  • अगर 10 वर्ष की पालिसी अवधि है, तो 10 वर्ष की ही प्रीमियम भुगतान अवधि होगी|
  • न्यूनतम मूल बीमित राशि (Minimum Sum Assured): 50,000 रुपये
  • अधिकतम मूल बीमा राशि (Maximum Sum Assured): 2 लाख रुपये
  • पालिसी से लोन भी ले सकते हैं| (Loan Facility Available)
  • प्रीमियम भरने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है|
  • परिपक्वता (मेच्योरिटी) के समय मिलने वाली राशि कर-मुक्त (tax-free) है| Maturity amount is exempt from income tax.
  • आप प्लान के साथ दुर्घटना मृत्यु और विकलांगता लाभ (Accidental Death and Disability Rider) राइडर खरीद सकते हैं।
  • आप एक से अधिक LIC Micro Bachat plan खरीद सकते हैं| परन्तु सभी माइक्रो बचत प्लान में मिला कर आपका बीमा 2 लाख रुपये से अधिक का नहीं हो सकता| तो, मान लिए आप 1.5 रुपये के बीमा वाला माइक्रो बचत प्लान लेते हैं| इसके बाद आप LIC माइक्रो बचत प्लान के तहत केवल 50 रुपये का बीमा और ले सकते हैं|
  • प्लान लेते समय किसी मेडिकल जांच की ज़रुरत नहीं है|

एलआईसी माइक्रो बचत प्लान के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप LIC वेबसाइट पर जा सकते हैं|

एलआईसी माइक्रो बचत प्लान में प्रीमियम कितना देना होगा? LIC Micro Bachat Plan: Premium calculator)

प्रीमियम आपकी आयु, पालिसी अवधि और बीमा राशि पर निर्भर करेगा|

अगर प्रीमियम का कुछ आईडिया चाहते हैं, तो इस टेबल को देख सकते हैं|

LIC Micro bachat plan premium table एलआईसी माइक्रो बचत प्लान प्रीमियम टेबल 851 प्लान
एलआईसी माइक्रो बचत प्लान (प्रीमियम टेबल)

यह प्रीमियम प्रति 1,000 रुपये बीमा के लिए हैं|

मान लिए एक 35 वर्षीय व्यक्ति 1 लाख रुपये का बीमा खरीदता है| पालिसी अवधि 15 वर्ष है| ऐसे में उसको (1 लाख/1,000)*52.2 = 5,220 रुपये का वार्षिक प्रीमियम देना होगा| इस प्रीमियम के ऊपर GST भी लगेगा|

प्रीमियम का भुगतान आप वार्षिक (Annual), अर्ध-वार्षिक(half-yearly), तिमाही (quarterly) और मासिक (monthly) तौर पर कर सकते हैं| वार्षिक और अर्ध-वार्षिक भुगतान करने पर थोड़ी सी rebate (discount) भी मिलेगा|

साथ ही ज्यादा बीमा लेने पर भी आपको कुछ छूठ (rebate) मिलेगी|

एलआईसी माइक्रो बचत (Plan 851): मृत्यु लाभ (LIC Micro Bachat: Death Benefit)

पालिसी अवधि के दौरान पालिसी धारक की मृत्यु होने पर नॉमिनी को निम्नलिखित राशि मिलेगी:

अगर पालिसी लेने के 5 वर्ष पूरे होने से पहले पालिसीधारक की मृत्यु होती है, तब नॉमिनी को बीमा राशि (Sum Assured) दी जायेगी|

अगर पालिसी लेने के 5 वर्ष के बाद पालिसीधारक की मृत्यु होती है, तब नॉमिनी को बीमा राशि के साथ loyalty addition (लॉयल्टी एडिशन या निष्ठां वृद्धि) भी दी जायेगी|

लॉयल्टी वृद्धि (loyalty addition) पॉलिसी में 5 साल पूरे करने के बाद ही लागू होगा। इसलिए, यदि 5 वर्ष से पहले मृत्यु हो जाती है, तो कोई लॉयल्टी वृद्धि का अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाएगा।

आपकी पालिसी के लिए loyalty addition की घोषणा समय-समय पर एलआईसी करेगा|

एलआईसी माइक्रो बचत (Plan 851): मेच्योरिटी लाभ (LIC Micro Bachat: Maturity Benefit)

पालिसी मेच्योर होने पर आपको बीमा राशि के साथ loyalty addition (लॉयल्टी एडिशन या निष्ठां वृद्धि) दिए जायेंगे|

Maturity Amount = Sum Assured + Loyalty Addition

Sum Assured (बीमा राशि) तो आपको पता है, परन्तु लॉयल्टी एडिशन के बारे में अभी से कहना मुश्किल है|

एलआईसी माइक्रो बचत में रिटर्न कैसे मिलते हैं?

एलआईसी माइक्रो बचत एक participating प्लान है| इसका मतलब आपके रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है की एलआईसी आपकी पालिसी अवधि के दौरान कितने लॉयल्टी एडिशन की घोषणा करता है|

ज्यादा लॉयल्टी वृद्धि मिलती है, तो रिटर्न बेहतर होंगे|

ऐसे में या कह पाना मुश्किल है की आपको कितना रिटर्न मिलेगा|

मेरे अनुसार आपको 4-6% p.a. के बीच रिटर्न मिलेंगे|

एलआईसी माइक्रो बचत प्लान (LIC Micro Bachat Plan) brochure

एलआईसी के अन्य प्लान के बारे में जानकारी

एलआईसी जीवन शांति (LIC Jeevan Shanti)

एलआईसी जीवन अक्षय VI (LIC Jeevan Akshay VI)

एलआईसी न्यू जीवन आनंद (LIC New Jeevan Anand)

एलआईसी जीवन उत्कर्ष (LIC Jeevan Utkarsh)

एलआईसी जीवन उमंग (LIC Jeevan Umang)

एलआईसी न्यू एंडोमेंट प्लान (LIC New Endowment Plan)

एलआईसी जीवन तरुण (LIC Jeevan Tarun)

एलआईसी ई-टर्म प्लान (LIC e-Term plan)

एलआईसी बीमा बचत प्लान (LIC Bima Bachat Plan)

एलआईसी जीवन शिरोमणि (LIC Jeevan Shiromani)

एलआईसी जीवन लक्ष्य (LIC Jeevan Lakshya)

एलआईसी सिंगल प्रीमियम एंडोमेंट प्लान (LIC Single Premium Endowment Plan)

एलआईसी कैंसर कवर प्लान (LIC Cancer Cover Plan)

एलआईसी न्यू मनीबेक प्लान-20 वर्ष (LIC New Money Back Plan – 20 years)

अन्य उपयोगी पोस्ट या लिंक

LIC प्रीमियम कैलकुलेटर

अपनी LIC पालिसी से लोन कैसे लें?

कौन से हैं बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Term Insurance Plan)

किस प्रकार का जीवन बीमा लेना चाहिए?

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)

Filed Under: LIC, Life Insurance Tagged With: LIC Micro Bachat Yojana, एलआईसी माइक्रो बचत योजना

म्यूच्यूअल फण्ड में ग्रोथ (Growth) और डिविडेंड (Dividend) विकल्प क्या होते हैं? किसमें करें निवेश?

by दीपेश Leave a Comment

म्यूच्यूअल फण्ड dividend और ग्रोथ विकल्प क्या होते हैं?

हर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में निवेश के दो विकल्प होते हैं|

#1 Growth (ग्रोथ)

आपको कोई डिविडेंड नहीं मिलता| अगर आपको अपने निवेश से कुछ पैसा चाहिए, तो आपको अपनी कुछ यूनिट्स को बेचना होगा| यूनिट्स बेचने पर जो मुनाफा होता है, उस पर आपको capital gains टैक्स देना होता है|

ग्रोथ विकल्प में आपका पैसा निवेशित रहता है आर बेहतर तरीके से कंपाउंड (compound) हो सकता है|

SBI BlueChip Fund-Growth

#2 Dividend (डिविडेंड)

समय-समय पर आपको dividend मिलता है| Dividend कब मिलना है और कितना मिलना है, यह आपकी इच्छा के अनुसार नहीं होता| फण्ड मेनेजर पर निर्भर करता है| साथ ही dividend केवल मुनाफे में से दिया जा सकता है| इसलिए अगर स्टॉक market अच्चा नहीं कर रहे, तो फण्ड की dividend देने की क्षमता प्रभावित हो सकती है|

SBI BlueChip Fund-Dividend

ध्यान दें dividend आपके पैसे से ही आता है| आपको जितना dividend मिलता है, उतना ही आपके फण्ड का NAV कम हो जाता है| दरअसल, NAV कुछ ज्यादा गिरता है क्योंकि dividend पर Dividend डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) भी लगता है| यह टैक्स आपको नहीं देना होता| म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी यह टैक्स काटकर ही आपको पैसा देती है|

जो dividend आपके हाथ में आता है, उस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता|

#3 Dividend Re-investment

यहाँ एक तीसरा विकल्प भी हैं| इस विकल्प में dividend आपके हाथ में नहीं आता| dividend दोबारा से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश हो जाता है| बाकी सब, dividend विकल्प के सामान ही है|

ग्रोथ या डिविडेंड किस विकल्प में निवेश करें?

ग्रोथ विकल्प में आपके पास पैसा केवल यूनिट्स बेचें पर आता है| ऐसे में आपको कैपिटल गेन्स हो सकते हैं और उस पर आपको टैक्स देना होगा|

डिविडेंड विकल्प में आपके dividend पर DDT (डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स) लगता है|

इसलिए आपका निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा की आपको किस पर कम टैक्स देना होगा|

Capital gain पर या Dividend पर?

अगर कैपिटल gain पर कम टैक्स देना होगा, तो Growth option बेहतर है|

अगर dividend पर कम टैक्स देना होगा, तो Dividend विकल्प बेहतर है|

म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर या dividend मिलने पर कितना टैक्स देना होता है?

इस बारे में मैंने इस पोस्ट में विस्तार से चर्चा करी है|

संक्षिप्त में जानकारी के लिए नीचे देख सकते हैं|

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018
म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर या डिविडेंड पर कितना टैक्स लगता है?

Dividend (डिविडेंड) और Growth (ग्रोथ) में क्या चुनाव करें?

यह निर्भर करेगा इन बातों पर:

  1. आप किस तरह के फंड में निवेश कर रहे हैं (इक्विटी या डेब्ट फण्ड)
  2. आप कितनी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं
  3. आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं (केवल डेब्ट फण्ड में चुनाव प्रभावित होगा)

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड (Equity Mutual Fund) में क्या करना चाहिए?

देखिये इक्विटी म्यूच्यूअल फंड में कम अवधि के लिए निवेश करना अच्छा विचार नहीं है|

अगर आप एक वर्ष से अधिक के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको capital gain पर 10.4% टैक्स देना होगा| यहीं आपको dividend पर तकरीबन 11.5% का टैक्स देना होगा|

इसलिए ग्रोथ option बेहतर है|

अगर आप इक्विटी फण्ड में निवेश कर रहे हैं, तो ग्रोथ विकल्प (Growth option) में ही निवेश करें|

कुछ निवेशकों नियमित आय के लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के विकल्प में निवेश करते हैं| यह एक बुरा आईडिया है| पहले तो dividend की कोई गारंटी नहीं है| दूसरी बात आप Growth option के यूनिट्स बेचकर भी अपनी ज़रुरत पूरी कर सकते हैं| टैक्स भी कम लगेगा| मैंने इस विषय पर दूसरे पोस्ट में विस्तार से चर्चा करी है|

पढ़ें: नियमित आय के लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के dividend पर भरोसा न करें

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड (Debt Mutual Fund) में क्या करना चाहिए?

अगर आप डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर रहे हैं, तो आपका निर्णय आपके टैक्स स्लैब और आपकी निवेश अवधि पर निर्भर करेगा|

अगर आप अपनी यूनिट्स को 3 वर्ष से पहले बेचते हैं, तो आपको मुनाफे पर अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा|

अगर आप अपनी यूनिट्स को 3 वर्ष के बाद बेचते हैं, तो आपको मुनाफे 20% (indexation के बाद) टैक्स देना होगा|

Dividend पर तकरीबन 28% DDT लगता है|

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में चुनाव करना आसान है|

अगर आप 5% या 20% वाले टैक्स स्लैब में आते हैं, तो Growth विकल्प में निवेश करें| निवेश अवधि से कोई फर्क नहीं पड़ता| Dividend विकल्प में 28% टैक्स लगेगा| मुनाफे पर केवल 5% या 20% टैक्स लगेगा|

अगर आप 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और 3 वर्ष से कम अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको Dividend (डिविडेंड) या Dividend Reinvestment विकल्प में निवेश करना चाहिए| मुनाफे पर 30% देना होगा, dividend विकल्प में 28% टैक्स ही लगेगा|

अगर आप 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और 3 वर्ष से अधिक अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तब भी आपको Growth option चुनना चाहिए| मुनाफे पर 20% (इंडेक्सेशन के बाद) टैक्स देना होगा, डिविडेंड पर 28% प्रतिशत लगेगा|

संक्षेप में:

अधिक जानकारी और उदाहरणों के लिए इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ें|

Filed Under: Financial Planning, Mutual Funds Tagged With: dividend vs. growth, growth, म्यूच्यूअल फण्ड

  • « Go to Previous Page
  • Page 1
  • Interim pages omitted …
  • Page 3
  • Page 4
  • Page 5
  • Page 6
  • Page 7
  • Interim pages omitted …
  • Page 36
  • Go to Next Page »

Primary Sidebar

HindiFinance

Subscribe on Youtube




Join our Newsletter
Enter your email address and click on the Get Instant Access button.
Thank you for subscribing.
Something went wrong.
I agree to have my personal information transfered to MailChimp ( more information )
We respect your privacy

For any guest posts or advertising queries, please write to us at hindifinance@gmail.com

Popular Posts

  • अटल पेंशन योजना की पूरी जानकारी (Atal Pension Yojana in Hindi) (2022)
  • सुकन्या समृद्धि योजना की पूरी जानकारी (Sukanya Samriddhi Yojana 2019)
  • नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बारें में पूरी जानकारी (Complete Information about NPS in Hindi)
  • PPF खाते के बारे में पूरी जानकारी (Complete Information about PPF Account in Hindi)
  • कौन से हैं 5 सबसे अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Term Life Insurance Plan)?

(c) Copyright 2025 www.HindiFinance.com | Privacy Policy