अब आम जनता का रुझान धीरे-धीरे म्यूच्यूअल फण्ड की ओर बढ़ रहा है| काफी लोगों ने पिछले कुछ समय में म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना शुरू किया है|
क्या आप भी उन्ही लोगों में हैं? या फिर आप अभी भी म्यूच्यूअल फण्ड से दूर ही रहते हैं|
अब म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना तो आपकी मर्ज़ी है|
परन्तु म्यूच्यूअल फण्ड क्या होते हैं, कितने तरह के होते हैं और कैसे काम करते हैं, यह तो आपको पता होना ही चाहिए|
आईये इस पोस्ट में म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में विस्तार से जानते हैं|
- म्यूच्यूअल फण्ड क्या है?
- म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने ले क्या फायदे हैं?
- म्यूच्यूअल फण्ड कितने प्रकार के होते हैं?
- म्यूच्यूअल फण्ड NAV क्या होता है?
- आपको कैसे अपने लिए सही म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव करना चाहिए?
- म्यूच्यूअल फण्ड में Growth और Dividend विकल्प क्या होते हैं?
- म्यूच्यूअल फण्ड Direct और Regular plan क्या होते हैं?
- आपको म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर कितना टैक्स देना होता है?
- म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीदें?
- म्यूच्यूअल फण्ड SIP, STP और SWP क्या हैं?
म्यूच्यूअल फण्ड क्या है? What is a Mutual Fund in Hindi?
आपको शेयर बाज़ार में निवेश करना है| पर यह पता नहीं की कहाँ निवेश करें|
एक बात का खतरा और भी है|
मान लिए आपने कोई शेयर खरीदा और किसी वजह से उसका दाम काफी गिर गया, तो आपको काफी नुकसान हो सकता है|
म्यूच्यूअल फण्ड आपकी इन समस्यायों को दूर करते हैं|
पहला, जब आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते हैं, तो आप अपने पैसे को एक अनुभवी निवेशक (फण्ड मेनेजर) को सौंपते है| वह फण्ड मेनेजर आपके पैसे को निवेश करता है|
दूसरा, साथ ही वह फण्ड मेनेजर आपका सारा पैसा एक शेयर में या एक जगह पर निवेश नहीं करता| कई शेयर पर निवेश करता है| तो अगर किसी शेयर ने अच्छा नहीं भी किया, तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा|
तीसरा, फण्ड मेनेजर करने की ज़रुरत नहीं है की कौनसा शेयर खरीदें या बेचें| यह सारा काम फण्ड मेनेजर करता है|
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने का क्या फायदे हैं? (Benefits of investing in Mutual Funds)
#1 आपका पैसा एक अनुभवी फण्ड मेनेजर निवेश करता है|
हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है की आपको अच्छे रिटर्न्स ही मिलेंगे, परन्तु फण्ड मेनेजर के अनुभव, जानकारी और कौशल (skill)का फायदा तो होना ही चाहिए|
अगर आप एक आम निवेशक हैं और आपके पास शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए ज़रूरी जानकारी और समय नहीं है, तो आपके लिए म्यूच्यूअल फण्ड शेयर बाज़ार में पैसा लगाने का एक अच्छा माध्यम हैं|
#2 जैसा की ऊपर लिखा है की आपका पैसा कई जगह निवेश होता है| तो इससे अगर एक-दो शेयर बुरा भी करते हैं, तो शायद आपको इतना नुकसान न हो| इस बात को diversification भी कहते हैं|
#3 म्यूच्यूअल फण्ड कई प्रकार के होते हैं| आप अपनी ज़रुरत अनुसार फण्ड का चयन कर सकते हैं| बहुत से लोग सोचते हैं की म्यूच्यूअल फण्ड केवल शेयर बाज़ार में ही निवेश करते हैं| ऐसा नहीं है|
ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड भी होते हैं जिनकी कीमत शेयर बाज़ार के उतार चढ़ाव से कम ज्यादा नहीं होती| मैं विभिन्न प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में नीचे चर्चा करूंगा|
पढ़ें: अपने लिए बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव कैसे करें?
म्यूच्यूअल फण्ड में कितना निवेश करना होता है? म्यूच्यूअल फण्ड का मूल्य (NAV) क्या होता है?
म्यूच्यूअल फण्ड में अमूमन आप 500 रुपये से निवेश करना शुरू कर सकते हैं| निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है|
म्यूच्यूअल फण्ड में ख़रीदने की मात्र को यूनिट्स (units) और उसके मूल्य को NAV (Net Asset Value) कहते हैं|
समझ लिए की जैसे आप शेयर खरीदते हैं और उसका मूल्य देते हैं, म्यूच्यूअल फण्ड में आप यूनिट खरीदते हैं और उसका मूल्य (NAV) देते हैं|
तो मान लिए आपने 1,000 रुपये का निवेश किया और उस समय फण्ड का NAV था 50 रुपये, तो आपको 1,000/50 = 20 यूनिट्स मिलेंगे| अब मान लिए कुछ वर्षों बाद आपको फण्ड का NAV बढ़ कर 90 रुपये हो गया, तो आपके निवेश का मूल्य हो जाएगा 20 X 90 = 1,800 रुपये| आपने 1,000 रुपये निवेश किया था, जिसका मूल्य हो गया है 1,800 रुपये|
अब हर फण्ड का NAV अलग होता है|
एक बात और, यह धारणा गलत है की जिस म्यूच्यूअल फण्ड का NAV कम है, वह सस्ता है| ऐसे भ्रम में न रहे|
म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार (Types of Mutual Fund)
प्रमुख तौर पर म्यूच्यूअल फण्ड 3-4 प्रकार के हो सकते हैं|
- इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड (Equity Mutual Fund)
- डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड (Debt Mutual Fund)
- हाइब्रिड म्यूच्यूअल फण्ड (Hybrid Mutual Fund)
- गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड (Gold Mutual Fund)
अब इन फण्ड में भी कई प्रकार हो सकते हैं|
#1 इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार (Types of Equity Mutual Funds in Hindi)
Equity म्यूच्यूअल फण्ड के भी कई प्रकार हैं| यह निर्भर करता है की फण्ड किस प्रकार के शेयर में निवेश करता है|
- Large Cap Fund (लार्ज कैप फण्ड): बहुत बड़ी कंपनी के शेयर में निवेश करते हैं| उदहारण: SBI BlueChip Fund, ICICI Prudential Focussed Bluechip Fund, Birla Sun Life Frontline Equity Fund
- Multi-cap Fund (मल्टी कैप फण्ड): हर तरह की कंपनी के शेयर में निवेश करते हैं| उदहारण : ICICI Prudential Value Discovery Fund, Franklin India Equity Fund
- Midcap Fund (मिड कैप फण्ड): बीच के आकार की कंपनी में निवेश करते हैं| उदहारण: Mirae Asset Emerging Bluechip Fund, Franklin India Prima Fund
- Small Cap Fund (स्माल कैप फण्ड): बहुत छोटी कंपनी के शेयर में निवेश करते हैं| उदहारण: SBI Small & Midcap Fund, DSP BlackRock Smallcap Fund
- Equity linked Savings Scheme (ईएलएसएस): ऐसे फण्ड में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| उदहारण: Axis Long Term Equity Fund, Birla Sun Life Tax Relief 96 Fund
ध्यान दें मैंने फण्ड के नाम केवल उदहारण देने के लिए दिए हैं| यह निवेश करने का सुझाव नहीं है|
ध्यान दें इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड और भी कई प्रकार के हो सकते हैं| जैसे की कुछ म्यूच्यूअल फण्ड केवल एक क्षेत्र की कंपनी में की निवेश करते हैं| जैसे की बैंकिंग फण्ड, फार्म फण्ड, टेक्नोलॉजी फण्ड इत्यादि| ऐसे फण्ड को Sector Funds कहते हैं|
मैंने बस आपको आईडिया देने के लिए उदहारण दिया है| और हाँ, जब मैं बड़ी या छोटी कंपनी की बात कर रहा हूँ, मेरा मतलब कंपनी की market capitalization से है| ईएलएसएस में निवेश करने पर आपको Section 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है|
पढ़ें: जानिये ईएलएसएस (ELSS) के बारें में कुछ दिलचस्प बातें
#2 डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार (Types of Debt Mutual Funds in Hindi)
काफी लोग जब म्यूच्यूअल फंड्स के बारे में सोचते हैं, तो उनको लगता है की म्यूच्यूअल फंड्स केवल शेयर बाज़ार में ही निवेश करते हैं| ऐसा नहीं है| ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड भी हैं, जो शेयर बाज़ार से बहुत दूर रहते हैं| डेब्ट फण्ड में कुछ ऐसा ही होता है|
डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड सरकारी या कंपनी के ऋण (bonds) में निवेश करते हैं| ज़ाहिर है की ऐसे फण्ड में निवेश करने पर आपको शेयर बाज़ार के उतार चढ़ाव का सामना नहीं करना पड़ता|
- Liquid fund (उदहारण:आईसीआईसीआई लिक्विड फण्ड, एचडीएफसी लिक्विड फण्ड)
- Ultra Short term debt fund (उदहारण: आईसीआईसीआई फ्लेक्सिबल इनकम प्लान, एक्सिस ट्रेज़री एडवांटेज फण्ड)
- Short term debt fund (उदहारण: SBI Short Term Debt Fund, रिलायंस शोर्ट टर्म डेब्ट फण्ड)
- Long term debt fund (उदहारण: आईसीआईसीआई इनकम प्लान, रिलायंस इनकम प्लान)
- Gilt fund (उदहारण : SBI gilt fund-long term plan, ICICI Prudential Long Term Gilt Fund)
इनके अलावा भी कई प्रकार के डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स होते हैं|
#3 हाइब्रिड म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार (Types of Hybrid Mutual Funds in Hindi)
कुछ ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड भी होते हैं, जो की कुछ हिस्सा शेयर बाज़ार में और कुछ हिस्सा bonds में निवेश करते हैं| ऐसे फंड्स को हाइब्रिड फण्ड कहते हैं|
- बैलेंस्ड फण्ड (Balanced Funds): ऐसे फंड्स कम से कम 65% पैसा शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं| उदहारण: HDFC Balanced Fund, ICICI Prudential Balanced Fund, Franklin India Balanced Fund
- डायनामिक एसेट एलोकेशन फण्ड (Dynamic Asset allocation funds): परिस्थिति के अनुसार पैसला लेते हैं की कहाँ कितना निवेश करना है| उदहारण: ICICI Prudential Balanced Advantage Fund
इसके अलावा ऐसे फण्ड भी होते हैं, जो की ज़्यादातर पैसा डेब्ट (bonds) में निवेश करते हैं और थोडा सा पैसा ही शेयर बाज़ार में लगाते हैं, जैसे की मंथली इनकम प्लान (monthly income plans या MIP)|
म्यूच्यूअल फण्ड ग्रोथ या डिविडेंड (Mutual Fund Growth or dividend in Hindi)
साथ ही हर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में आप पास दो विकल्प होते हैं: आप Growth option चुन सकते हैं या Dividend option.
Growth आप्शन में आपको कुछ पैसा चाहिए तो आपके अपने यूनिट्स बेचने पड़ेंगे|
परन्तु Dividend option में समय-समय पर आपको फण्ड से dividend मिलता रहता है| ध्यान दे कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता| जितना आपको डिविडेंड मिलता है, आपके फण्ड का NAV उतना ही कम हो जाता है| एक बात और, dividend मिलने की कोई गारंटी नहीं होती|
आप ग्रोथ आप्शन लें या डिविडेंड आप्शन, यह बहुत बातों पर निर्भर करता हैं| पर हाँ, अगर आप लम्बे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो Growth विकल्प बेहतर होगा|
अगर आप कम अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं और आपको कुछ-कुछ समय पर थोड़ी आय चाहिए, तो डिविडेंड विकल बेहतर हो सकता है| पर ऐसा ज़रूरी नहीं है| Dividend option में निवेश करने से पहले इस पोस्ट को ज़रूर पढ़ें|
साथ ही आपको यह भी देखना पड़ेगा की आपको टैक्स कितना देना पड़ेगा|
म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान या रेगुलर प्लान (Mutual Fund Direct Plan or Regular Plan in Hindi)
इसके अलावा एक तरीका और है जिस पर आप म्यूच्यूअल फंड्स को विभाजित कर सकते हैं|
डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान
जब आप किसी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम के रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं, तो बीच में एक डिस्ट्रीब्यूटर (एजेंट या intermediary) होता है| अब कोई एजेंट है, तो उसको कमीशन तो मिलेगा ही|यह कमीशन आपको पैसे से ही आता है| इससे आपका रिटर्न भी प्रभावित होता है|
म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में कोई भी एजेंट नहीं होता| आप सीधे म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के साथ निवेश करते हैं| अब क्योंकि कोई कमीशन नहीं होता, तो इसलिए आपको रिटर्न थोड़े बेहतर मिलते हैं|
म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान (mutual fund direct plan in hindi) के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दी गयी पोस्ट पढ़ सकते हैं|
क्या आपको म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में निवेश करना चाहिए?
म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में कैसे निवेश करें?
कैसे बदलें म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान को डायरेक्ट प्लान में?
आपको ज्यादा कंफ्यूज होने की ज़रुरत नहीं है| उदहारण की सहायता से समझते हैं| बार करते हैं SBI Mutual Fund के एक large cap fund के बारे में: SBI BlueChip Fund
अब यह फण्ड 4 विकल्पों में उपलब्ध है|
SBI BlueChip Fund- Growth– Direct Plan
SBI BlueChip Fund-Growth–Regular Plan
SBI BlueChip Fund-Dividend–Direct Plan
SBI BlueChip Fund-Dividend– Regular Plan
शायद अब आपकी उलझन दूर हो गयी होगी| और हाँ इस सभी प्लान का NAV अलग होगा|
म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर कितना टैक्स देना पड़ता है? (Tax on mutual funds)
ध्यान दें आपको केवल मुनाफे (या रिटर्न) पर टैक्स देना होता है, अपने मूल निवेश कर नहीं| और मुनाफे पर टैक्स भी बात तभी आती है, जब आप अपने निवेश को बेचते हैं| Tax only on realized gains
टैक्स कितना लगेगा, यह दो बातों पर निर्भर करता है
- आपने किस प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया है| इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड और डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड के मुनाफे पर अलग-अलग तरीके से टैक्स देना होता है| (Type of mutual fund)
- आपकी निवेश अवधि (holding period)
इस विषय में मैंने एक दूसरी पोस्ट में विस्तार से चर्चा करी है| आप उस पोस्ट को इस लिंक पर पढ़ सकते हैं|
म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीदें? म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कैसे करें?
आप म्यूच्यूअल फण्ड में ऑफलाइन (पेपर फॉर्म भरकर) या ऑनलाइन दोनों तरीकों से निवेश कर सकते हैं|
आप म्यूच्यूअल फण्ड किसी डिस्ट्रीब्यूटर या एजेंट की सहायता से खरीद सकते हैं| इसके अलावा बहुत सारे ऑनलाइन वेबसाइट हैं जहां पर रजिस्टर करने के बाद आप म्यूच्यूअल फंड्स ऑनलाइन खरीद सकते हैं|
इस बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट (अगर पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कैसे शुरू करें?) को पढ़ें|
म्यूच्यूअल फण्ड SIP, STP और SWP क्या हैं?
SIP (Sytematic Investment Plan) म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने का तरीका है| अगर आप SIP के ज़रिये निवेश करते हैं, तो हर महीने एक तय राशि आपके बैंक अकाउंट से automatically कट कर आपके चुनिन्दा म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश हो जायेगी|
SIP द्वारा निवेश करने पर निवेश में संयम बना रहता है| SIP के नया फायदों और ग़लतफ़हमियों को समझने के लिए इस पोस्ट (म्यूच्यूअल फण्ड SIP क्या है?, SIP से निवेश करने के फायदे और नुकसान) को पढ़ें|
STP (Systematic Transfer Plan) भी SIP की तरह निवेश कर का तरीका ही है| बस अंतर इतना है की हर महीने पैसा आपके बैंक खाते की बजाय एक म्यूच्यूअल फण्ड से दूसरे म्यूच्यूअल फण्ड में जाता है| STP के ज़रिये आप धीरे-धीरे अपने धन म्यूच्यूअल फण्ड में लगा सकते हैं| STP के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|
SWP (Systematic Withdrawal Plan) म्यूच्यूअल फण्ड में पैसा निकालने का तरीका है| अगर आप SWP शुरू करते हैं, तो हर महीने आपके म्यूच्यूअल फण्ड की कुछ यूनिट्स automatically बिकेंगी और एक तय राशि आपके बैंक खाते में आ जायेगी| SWP रिटायर्ड लोगों के लिए काफी उपयोगी हो सकती है| SWP के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट के पढ़ें|
पढ़ें: म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते समय इन गलतियों से बचें
Ishwarlal says
मुझे ₹5000 पर मंथ इन्वेस्टमेंट 15 वर्ष तक करना है मुझे क्या बेनिफिट मिलेगा?
दीपेश says
ईश्वरलाल जी,
आपका सवाल सही से समझ नहीं आया|
आपका पैसा निवेश होगा, उस पर रिटर्न मिलेगा|