कुछ समय पहले मैंने एक पोस्ट में इस बात पर चर्चा करी थी की अपने लिए बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड के चुनाव कैसे करें|
अगर कम अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करें|
अगर लम्बी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करें|
आज मैं लिक्विड फण्ड (liquid fund) के बारे में चर्चा करूंगा| इस पोस्ट में जानेंगे की:
- लिक्विड फण्ड क्या होते हैं? What are Liquid Funds?
- लिक्विड फण्ड कहाँ निवेश करते हैं?
- लिक्विड फण्ड में कितना रिटर्न मिलता है?
- लिक्विड फण्ड में निवेश करने पर क्या रिस्क रहता है? (Risk with Liquid Funds)
- एक अच्छे लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें?
बहुत से निवेशक लिक्विड फण्ड (liquid fund) को बचत खाते में पैसे रखने का विकल्प मानते हैं| बचत खाते में आपको 4% का ब्याज मिलता है| Liquid fund में आपको 6-7% p.a. तक का रिटर्न मिल जाता है|
ध्यान दें liquid fund में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती| रिटर्न कम या ज्यादा भी हो सकता है| लिक्विड फंड्स के यूनिट बेचने पर आपके बैंक खाते में अगले दिन पैसा आ जाता है|
लिक्विड फण्ड क्या होते हैं? लिक्विड फण्ड काम कैसे करते हैं?
Liquid funds भी म्यूच्यूअल फण्ड का एक विकल्प हैं| Liquid fund एक प्रकार के debt mutual fund होते हैं|
लिक्विड फण्ड शेयर बाज़ार में निवेश नहीं करते|
लिक्विड फण्ड बांड (bonds) में निवेश करते हैं| Liquid fund ऐसे बांड में निवेश करते हैं जो की 91 दिन के भीतर मेच्योर हो रहे हों| सरकारी बांड्स (Government Bonds) और निजी कंपनी के bonds (bonds from private companies) में निवेश करते हैं| इस निवेश से जो रिटर्न मिलता है, उससे आपके यूनिट का NAV धीरे-धीरे बढ़ता रहता है|
लिक्विड फण्ड में रिस्क क्या होता है? Risk in Liquid Funds
सबसे बड़ा रिस्क यह है की जिस कंपनी के बांड में पैसा निवेश किया है, वह कंपनी डिफ़ॉल्ट (default) कर दे| इसका मतलब किसी वजह कंपनी पैसा लौटा न पाए| इस रिस्क को क्रेडिट रिस्क (Credit Risk) भी कहा जाता है|
अगर पैसा नहीं लौटा, तो आपके लिक्विड फण्ड का NAV गिर जाएगा| मतलब की आपको नुकसान हो सकता है|
ध्यान दें सरकारी बांड में default की संभावना नहीं होती| यह रिस्क केवल Corporate Bonds (निजी कंपनी के बांड्स) में रहता है|
लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें? How to choose Liquid Fund?
जैसे की ऊपर चर्चा करी है की liquid fund में कुछ रिस्क होता है| अब यह रिस्क रहेगा| इस रिस्क को आप पूरे तरीके से नहीं हटा सकते| यह रिस्क केवल तभी हट सकता है जब की लिक्विड फण्ड केवल सरकारी बांड में निवेश करें|
परन्तु क्योंकि सरकारी बांड में रिटर्न कम मिलता है, फण्ड मेनेजर corporate bond में भी निवेश करते हैं| ऐसा करने से रिटर्न तो बढ़ता है परन्तु रिस्क भी बढ़ जाता है|
हर म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी का लिक्विड फण्ड होता है| परन्तु फण्ड के रिटर्न में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता|
आम तौर पर रिटर्न में 0.2% से 0.3% तक का अंतर होगा| ऐसे में बेस्ट रिटर्न वाले लिक्विड फण्ड की ओर भागना अच्छा विचार नहीं है|
निवेश करते समय आपको इन दो बातों को सुनिश्चित करना होगा|
- आपके लिक्विड फण्ड का बांड डिफ़ॉल्ट न करे: यह सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल है| अगर आप ऐसा चाहते हैं तो आपको ऐसा लिक्विड फण्ड चुनना होगा, जो की केवल सरकारी बांड में निवेश करे| परन्तु फिर रिटर्न थोड़े कम होंगे|
- अगर डिफ़ॉल्ट हो भी, तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान न हो: यह बात आप सुनिश्चित कर सकते हैं|
#1 केवल बड़े लिक्विड फण्ड में निवेश करें (Invest in bigger funds)
आप ऐसे लिक्विड फण्ड को चुनें जिसका size कम से कम 10,000 करोड़ रुपये हो|
इसका फायदा यह है की बड़े फण्ड को बहुत सारी कंपनी के बांड में निवेश करना होगा| अगर किसी वजह कोई कंपनी डिफ़ॉल्ट भी करती है, तो आपके फण्ड के NAV पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा|
एक उदहारण से समझते हैं| 10,000 करोड़ निवेश करने के लिए फण्ड मेनेजर को शायद 100-150 कंपनी में निवेश करना पड़े| मान लिए सभी कंपनी में बराबर निवेश किया है| अगर कोई बांड default भी कर देता है, तो आपके NAV पर 0.5-1% का प्रभाव पड़ेगा|
यहीं अगर फण्ड 200 करोड़ रुपये का होता, तो शायद 10-20 कंपनी के बांड से ही काम चल गया होता| ऐसे में किसी बांड में डिफ़ॉल्ट हुआ, तो 5-10% का असर पड़ेगा|
इसीलिए कम से कम 10,000 कोर्ड के कार्पस वाले लिक्विड फण्ड में ही निवेश करें|
#2 अधिक प्रतिष्ठित और बड़ी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के लिक्विड फण्ड में निवेश करें
इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में छोटे और बड़े म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी में कोई फर्क नहीं पड़ता|
पर जब बात डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड और लिक्विड फण्ड की आती है, बड़ी कंपनियों के साथ ही निवेश करें|
ऐसा इसलिए की उनकी प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुँच सकता है| उनके पास इतनी आर्थिक शक्ति भी हो सकती है की अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए आपको कुछ राहत दे सकें|
#3 फण्ड का expense ratio कम हो
जितना कम एक्सपेंस रेश्यो (expense ratio) होगा, आपके रिटर्न उतना ही बढेगा|
आपको expense ratio की जानकारी ValueResearch की वेबसाइट पर मिल जायेगी|
#4 लिक्विड फण्ड की Star rating पर ध्यान न दें
लिक्विड फण्ड का चुनाव करते समय म्यूच्यूअल फण्ड रेटिंग्स (mutual fund ratings) पर बिल्कुल ध्यान न दें|
अगर rating पर ज्यादा ध्यान देंगे, तो गलती हो सकती है| ऐसा इसलिए क्योंकि rating काफी हद तक रिटर्न पर ज़ोर देती हैं (रिस्क पर नहीं)|
कुछ समय पहले एक 5-star लिक्विड फण्ड का NAV एक दिन में 10% गिर गया क्योंकि एक बांड में डिफ़ॉल्ट हो गया था|
#5 केवल रिटर्न के पीछे न भागें
बहुत सारे निवेशक किसी भी फण्ड का चुनाव पिछले कुछ समय में मिले रिटर्न (past performance) के आधार पर करते हैं| अगर आप इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के चुनाव के समय ऐसा करते हैं, तब आपको शायद बहुत ज्यादा परेशानी न हो|
परन्तु अगर डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड या लिक्विड म्यूच्यूअल फण्ड के चुनाव के पुराने रिटर्न पर बहुत ज्यादा ध्यान देंगे, तो परेशानी हो सकती है|
जैसे की मैंने ऊपर चर्चा करी है विभिन्न लिक्विड फण्ड के रिटर्न में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता| कुछ फण्ड मेनेजर अपने फण्ड को बेहतर दिखाने के लिए अधिक रिस्क ले सकते हैं (जिससे की उनके फण्ड को बेहतर रिटर्न मिले)| हो सकता है वह बेकार कंपनियों के बांड में निवेश करें| ऐसी कंपनी में डिफ़ॉल्ट की संभावना भी ज्यादा हो सकती है|
लिक्विड फण्ड में आप केवल बचत खाते (savings account) से थोड़े से बेहतर रिटर्न पाने के लिए करते हैं| रिटर्न का बहुत ज्यादा पीछा न करें| नुकसान भी हो सकता है| बड़े लिक्विड फण्ड में निवेश करें|
Source: www.PersonalFinancePlan.in
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