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टैक्स बचाने के तरीके

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2019-2020 में इनकम टैक्स बचाने के 35 तरीकें (35 ways to save Income Tax)

Last updated: सितम्बर 24, 2019 | by दीपेश 1 Comment

इनकम टैक्स बचाने के कई तरीके होते है| कुछ प्रकार की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही कुछ प्रकार की खर्चों या निवेश करके आप टैक्स बचा सकते हैं|

आप इनकम टैक्स बचत के तरीकों को 5 हिस्सों में बाँट सकते हैं|

  1. ऐसी आय जिस पर आपको टैक्स नहीं देना होता (Exempt Income)
  2. धारा 80C के तहत टैक्स लाभ (Section 80C tax benefit)
  3. धारा 80D के तहत टैक्स लाभ (Health Insurance and Health Checkup)
  4. सीनियर सिटीजन के लिए स्पेशल टैक्स बेनिफिट
  5. अन्य टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट होता है?



ऐसी आय जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता (Exempt Income)

#1 40,000 रुपये तक का स्टैण्डर्ड डिडक्शन (Standard Deduction up to Rs. 40,000)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो प्रति वर्ष आप 40,000 रुपये का टैक्स बेनिफिट ऐसे ही पा सकते हैं| आपको कोई भी प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है|

अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और पेंशन पाते हैं, तब भी आप Standard Deduction का लाभ ले सकते हैं|

परन्तु अगर आप self-employed हैं, तब आपको कोई टैक्स लाभ नहीं मिलेगा|


#2 PPF/EPF/टैक्स-फ्री बांड पर मिलने वाला ब्याज

PPF, EPF या टैक्स-फ्री बांड पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता|


#3 बचत बैंक खाते पर ब्याज (Interest Income on Savings Bank Account) (Section 80 TTA)

बचत खाते पर मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर आपको टैक्स नहीं देना होता| Interest on Savings Accounts exempt up to Rs. 10,000 per financial year

अगर आपने एक वित्तीय वर्ष में सभी बचत खातों में मिलाकर 10,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तब अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों पर है|

ध्यान दें इस धारा के तहत टैक्स बेनिफिट केवल बचत खातों (सेविंग्स अकाउंट) पर मिलने वाले ब्याज पर है| फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर सेक्शन 80TTA के तहत कोई छूठ नहीं है|

अगर आपकी आयु 60 वर्ष से ज्यादा है (सीनियर सिटीजन), तब आप धारा 80TTA के तहत लाभ नहीं उठा सकते| ऐसा इसलिए क्योंकि सीनियर सिटीजन को धारा 80TTB के तहत अधिक टैक्स लाभ मिलता है|

 


#4 वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए 50,000 रुपये तक का ब्याज (Section 80 TTB)

इस सेक्शन के तहत टैक्स बेनिफिट केवल सीनियर सिटीजन या वरिष्ठ नागरिकों के लिए है|

60 वर्ष से कम आयु के लोग धारा 80TTB का लाभ नहीं उठा सकते|

आपको सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपाजिट पर 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| Interest on Savings Account and Fixed Deposit exempt up to Rs. 50,000 per financial year for senior citizens

अगर आपने 50,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तो अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों या फिक्स्ड डिपाजिट पर है|

अगर आपने किसी कंपनी के फिक्स्ड डिपाजिट या debenture में निवेश किया है, तो उसके ब्याज पर आपको कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

section 80TTA 80TTB tax benefit टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: Section 80TTA और 80TTB: ब्याज पर पाएं टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: सीनियर सिटीजन को मिलने वाले 7 स्पेशल टैक्स बेनिफिट


#5 50,000 रुपये प्रति वर्ष तक का गिफ्ट

आपको प्रति वर्ष 50,000 रुपये तक के गिफ्ट पर टैक्स नहीं देना होता|

अगर आपको 50,000 रुपये से अधिक का गिफ्ट मिल है, तो अतिरिक्त राशि पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होता है|

इन तीन स्तिथियों में आप पर 50,000 रुपये प्रति वर्ष की सीमा नहीं लगेगी:

  1. अगर आपको यह गिफ्ट किसी करीबी रिश्तेदार से मिला है|
  2. शादी के समय मिला है|
  3. किसी की मृत्यु के बाद inheritance (विरासत) में मिला है|

#6 अगर नौकरी करते हैं और HRA पाते हैं, तो मकान के किराए पर टैक्स बेनिफिट (HRA)

यदि आप नौकरी करते हैं, तो आप इस बारे में शायद पहले से ही काफी जानते हों।

HRA आपके वेतन का एक हिस्सा होता है| आप अपनी सैलरी स्लिप पढ़ कर इस बारे में जान सकते हैं|

एचआरए पर टैक्स बेनिफिट धारा 10 (13A) और आयकर अधिनियम के नियम 2A के तहत मिलता है।

ध्यान दें पूरा HRA टैक्स-मुक्त नहीं होता है| कुछ ही हिस्से पर छूट मिलती है|

आईये देखते हैं, कैसे गणना की जाती है आपको मिलने वाली टैक्स छूठ की|

पहले इन तीन संख्यायों का पता लगायें|

  1. House Rent Allowance(HRA या मकान किराया भत्ता)
  2. Rent – 10% of Basic Salary(किराया – मूल वेतन का 10%)
  3. 40% of Basic Salary. If you are staying in a metro city, 50% of Basic Salary(मूल वेतन का 40%), यदि आप मेट्रो शहर (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रह रहे हैं तो सीमा 50% मूल वेतन है)

इन तीन संख्यायों में जो सबसे कम है, उस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है|

पढ़ें: मकान के किराए पर भी आप कर सकते हैं टैक्स बचत


#7 Leave Travel Allowance (LTA)

यही भी आप तभी ले सकते हैं, जब की आप सैलरी पाते हों और आपकी सैलरी में आपको LTA मिलता हो|

अगर आप देश के अन्दर अपने परिवार के साथ भ्रमण (travel) करते हैं, तो वह खर्चा आपके लिए टैक्स-फ्री हो जाएगा| इसका मतलब LTA का कुछ हिस्सा (आपके खर्चे के बराबर) टैक्स-fee हो जाता है|

ध्यान दें LTA का फायदा आप 4 वर्ष में केवल 2 बार ले सकते हैं|

अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ें|



धारा 80D के तहत टैक्स लाभ

(Health Insurance and Health Checkup)

#8 स्वास्थ्य बीमा और निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए प्रीमियम (सेक्शन 80D) (Health Insurance and Health Check-up)

अपने, पति / पत्नी और बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और हेल्थ चेक-अप के लिए 25,000 रुपये प्रति वर्ष। अगर आप या आपके पति/पत्नी 60 वर्ष से अधिक हैं, तो यह सीमा 50,000 रुपये है|

माता-पिता के लिए स्वास्थ्य जांच और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और के लिए 25,000 रुपये प्रति वर्ष। अगर माता-पिता में से किसी की आयु 60 वर्ष से अधिक है, तो सीमा बढ़ कर 50,000 रुपये हो जाती है|

health insurance tax benefit FY2019 हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट FY2019

#9 अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल व्यय (> = 80 वर्ष) (धारा 80D)

#10 गंभीर बीमारी के लिए उपचार लागत (सेक्शन 80DDB)

#11 आश्रित विकलांग परिजन की चिकित्सा के लिए खर्चा (धारा 80DD)

#12 विकलांग व्यक्ति के मामले में कटौती (धारा 80U)

इन सभी टैक्स बचत के तरीकों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट



सीनियर सिटीजन के लिए स्पेशल टैक्स बेनिफिट

कुछ टैक्स बेनिफिट केवल सीनियर सिटीजन को ही मिलते हैं| जैसे की मैंने ऊपर सेक्शन 80TTB के बारे में चर्चा करी है| साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 50,000 रुपये तक की छूठ मिलती है|

इसके अलावा अगर Reverse Mortgage Loan लिया है, तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाले स्पेशल टैक्स बेनिफिट के बारे में जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|



धारा 80C के तहत टैक्स लाभ (Section 80C tax benefit)

धारा 80 C  के योग्य योग निवेश उत्पादों में निवेश कर आप अपनी कर योग्य आय को 1.5 लाख तक से घटा सकते हैं। 30% टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए इस मतलब है 46,350 रुपये की बचत|

कृपया ध्यान दें कि आप प्रति वर्ष 80 C उत्पादों में 1.5 लाख से अधिक भी निवेश कर सकते हैं। परन्तु कर लाभ केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा।

उदाहरण के लिए, आपने पीपीएफ में 50,000 रुपये, ईपीएफ में 60,000 रुपये और ईएलएसएस में 1 लाख रुपये का निवेश किया है। हालांकि कुल निवेश 2.1 लाख रुपये है, धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा

आमतौर पर, सभी धारा 80 C  के सभी टैक्स बचत के तरीकों में  लॉक-इन होता है। इसका मतलब कुछ समय तक आपका पैसा अटक जाता है|


#13 पीपीएफ (Public Provident Fund or PPF)

आप अपने, पति/पत्नी या बच्चों के PPF खातों में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है|

माता-पिता या भाई-बहनों के पीपीएफ खाते में निवेश करने पर कोई टैक्स बचत नहीं होती।

पीपीएफ खाता खोलने वाले वित्तीय वर्ष के अंत से 15 वर्षों में परिपक्व होता है| इसलिए, पहले वर्ष का निवेश 15 साल के लिए लॉक हो जाएगा, दूसरे वर्ष का निवेश 14 साल के लिए लॉक हो जाएगा।

पीपीएफ खाता परिपक्व होने पर पांच वर्षों के ब्लाक में खाते की अवधि बढ़ा सकते हैं|

पढ़ें: पीपीएफ खाते के बैर में पूरी जानकारी

पीपीएफ खाते से मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता|

वित्त मंत्रालय हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है। अभी ब्याज दर 8% p.a. हो गयी है|  (November 6, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है| नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

पढ़ें: PPF में interest (ब्याज) कैसे कैलकुलेट होता है?


#14 कर्मचारी भविष्य निधि / स्वैच्छिक भविष्य निधि (Employee Provident Fund / Voluntary Provident Fund)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो शायद इसमें आप पहले से ही निवेश कर रहे हैं| राशि स्वचालित रूप (automatically) से आपके वेतन से काट ली जाती है और ईपीएफ (EPF) में निवेश की जाती है। आप अपनी सैलरी स्लिप की जांच कर सकते हैं कि आप प्रति माह कितना ईपीएफ में निवेश कर रहे है |

एक बात और, अगर आप नौकरी कर रहे हैं, तो शायद आपका EPF में पहले से ही योगदान जा रहा हो| अब क्योंकि ईपीएफ में निवेश करने पर Section 80C के तहत लाभ मिलता है, तो कुछ निवेश तो आपका पहले ही अपने आप हो चुका है| 1.5 लाख की टैक्स सीमा तक पहुचने के लिए आपको केवल बची हुई राशि ही निवेश करनी है| आप बाद में शेष निवेशों की योजना बना सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि केवल आपका योगदान ही धारा 80 सी के तहत कर लाभ के योग्य है। आपके एम्प्लायर द्वारा आपके EPF में योगदान पर धारा 80C के तहत लाभ नहीं मिलता| आप अपने अनिवार्य ईपीएफ योगदान से अधिक योगदान भी कर सकते हैं। यह योगदान (वीपीएफ) धारा 80 सी के तहत टैक्स बचत के योग्य है।



#15 इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस or ELSS)

ELSS एक प्रकार के इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड होते हैं और निवेश करने पर 3 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है| काफी लोग ईएलएसएस को tax-saving mutual fund के नाम से जानते हैं।

ध्यान दे, प्रत्येक निवेश पर 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।

भले ही आप SIP  (सिस्टममैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश कर रहे हों, लेकिन SIP  की प्रत्येक किश्त को 3 साल तक लॉक कर दिया जाएगा। यदि पहली किश्त 15 जनवरी 2018 की है, तो इस किश्त से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 जनवरी 2021 तक खरीदे गए यूनिट्स  को नहीं बेच सकते हैं। दूसरी किस्त (15 फरवरी, 2018) से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 फरवरी, 2021 तक नहीं बेच सकते|

पढ़ें: ईएलएसएस (ELSS) के बारे में कुछ दिलचस्प बातें

पढ़ें: PPF vs. ELSS: किसमें करें निवेश?

family insurance plan


#16 टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance)

टर्म लाइफ इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदना का सबसे अच्छा तरीका है|

एक टर्म कवर के साथ आप कम लागत पर काफी अधिक कवर खरीद सकते हैं। अगर आपको कभी कुछ हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में यह राशि आपके परिवार के काफी काम आएगी|

आपके पास हमेशा पर्याप्त जीवन बीमा होना चाहिए।

स्वस्थ 30 वर्षीय पुरुष के लिए 1 करोड़ रुपये के कवर के लिए वार्षिक प्रीमियम लगभग 7,000-10,000 होगा।

ध्यान दें टैक्स बेनिफिट लेने की लिए आपको हर वर्ष नया प्लान लेने की आवश्यकता नहीं है| आपका रिन्यूअल (renewal) प्रीमियम (जो आप पालिसी चालू रखें के लिए हर वर्ष देते हैं) भी धारा 80C के तहत योग्य है|

पढ़ें: 5 बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान


#17 यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, Unit Linked Insurance Plans (ULIPs)

यूलिप जीवन बीमा योजनाओं का एक रूप है, जिसमें निवेश का लाभ भी मिलता है। प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन कवर प्रदान करने की ओर जाता है, जबकि बचा हुआ हिस्सा आपके इच्छा के अनुसार फण्ड में निवेश कर दिया जाता है। पूरे प्रीमियम पर धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।

पांच साल का लॉक-इन होता है| इसका मतलब है कि आप पॉलिसी के प्रारंभ होने की तारीख से पांच साल तक अपना पैसा नहीं ले सकते। इसलिए, आपका पहला वार्षिक प्रीमियम 5 साल के लिए लॉक-इन किया जाएगा, दूसरा प्रीमियम 4 साल के लिए। छठी  किश्त से कोई लॉक-इन नहीं है ।

ध्यान से आप पांचवे वर्ष के अंत तक किसी भी तरह से पैसे नहीं निकाल सकते, भले ही आप अपनी पालिसी को बंद कर दें|

धारा 80 सी के अनुसार, यदि आप लगातार 5 वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो धारा 80 सी के तहत मिले टैक्स लाभ को वापिस ले लिए जाएगा।

पढ़ें: म्यूच्यूअल फण्ड और यूलिप में क्या अंतर है?


#18 पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएं / मनी बैक योजनाएं (Traditional Life Insurance Plan)

मेरे अनुसार ऐसे प्लान से दूर ही रहे| ऐसे प्लान में जीवन बीमा भी कम मिलता है और रिटर्न भी कम होते हैं|यदि आप दो साल के लिए प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो कर लाभ रिवर्स (reverse) कर दिया जाएगा।

पढ़ें: एलआईसी न्यू जीवन आनंद के बारे में पूरी जानकारी

जीवन बीमा पॉलिसियों के बारे में एक बात पर ध्यान दें: यह बात यूलिप और ट्रेडिशनअल इंश्योरेंस प्लान पर भी लागू होती है। बीमित रकम (Sum Assured) के 10% से अधिक वार्षिक प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य नहीं है। यह अप्रैल 1, 2012 के बाद खरीदी गई नीतियों के लिए है।

इसके अतिरिक्त, केवल स्वयं, पति या पत्नी और बच्चों के लिए जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट दिलाएगा। माता-पिता और भाई-बहनों के जीवन बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है।


#19 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट (5-year Tax Saving Fixed Deposit)

आम तौर पर टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (tax saver fixed deposit) के रूप में जाना जाता है।

इस फिक्स्ड डिपाजिट की अवधि 5 वर्ष होती है| इसका मतलब आप पांच साल से पहले इस जमा राशि को नहीं निकाल सकते। मिलने वाले ब्याज पर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के लिए ELSS और 5-वर्षीय फिक्स्ड डिपाजिट में किसमें करें निवेश?


#20 डाकघर 5-वर्षीय डिपॉज़िट (Post Office 5 year Time Deposit)

यह 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट के समान है । यदि 5 साल के अंदर जमा (टूटी हुई) वापस ले लिया जाता है तो कर लाभ वापस कर दिया जाएगा। ऐसे डिपाजिट के लिए ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही (every quarter) घोषणा की जाती है।

ध्यान दे, जो डिपाजिट खोलते समय ब्याज दर है, वही आपको पूरे 5 साल मिलती है| ब्याज दर मिएँ बदलाव का आपके पुराने डिपाजिट पर नहीं पड़ता|

अभी यह दर  7.8% p.a. है|(November 6, 2018) ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#21 राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, National Savings Certificate (NSC)

परिपक्वता (5 वर्ष या 10 वर्ष) से पहले कोई भुगतान नहीं है । समय से पहले पैसे वापसी की अनुमति नहीं है ।

ब्याज कर योग्य है हालांकि, अर्जित ब्याज NSC में निवेश समझा जाता है और धारा 80 सी के तहत टैक्स लाभ का पात्र है|

इसका मतलब प्रत्येक वर्ष के ब्याज को एनएससी में निवेश माना जाता है।

वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है|

अभी एनएससी की ब्याज दर (NSC Interest Rate) 8% p.a. हो गयी है। (November, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#22 वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)

केवल वरिष्ठ नागरिक ही इस योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं। खाता 5 वर्षों में परिपक्व होता है। आंशिक वापसी (partial withdrawal) की अनुमति नहीं है । हालांकि, आप कुछ जुर्माना देकर अकाउंट को 5 वर्ष से पहले  बंद कर सकते हैं। समयपूर्व बंद होने के मामले में टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे।

हर तिमाही वित्त मंत्रालय द्वारा ब्याज दर अधिसूचित की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.7% p.a. चल रही है| (November, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में पूरी जानकारी


#23 होम लोन पर प्रिंसिपल रीपेमेंट (Home Loan Principal Repayment)

अगर आपने होम लोन लिया है, तो उस लोन पर principal का भुगतान भी सेक्शन 80C के तहत लाभ के योग्य है|

ध्यान दें आप एक निर्माणाधीन प्रॉपर्टी (under-construction property) के लिए प्रिंसिपल के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते| घर का निर्माण पूर्ण होने के बाद ही आप कटौती का लाभ उठा सकते हैं ।

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए भी पात्र हैं। हालांकि, इस तरह के शुल्क के भुगतान के लिए कर लाभ केवल उस वर्ष में लिया जा सकता है जब आप भुगतान करते हैं।

एक बात और, जिसवर्ष आपको घर का possession मिलता है, उस वित्तीय वर्ष के अंत से 5 साल के भीतर अगर आप घर बेचते हैं, तो आपको मिले टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|

पढ़ें: होम लोन के भुगतान पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट (Home Loan Repayment Tax Benefit)


#24 आपके घर की स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क (धारा 80C) (Stamp Duty and Registration Fee)

होम लोन के मूल भुगतान (principal repayment) पर सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स लाभ मिलता है| इस बात से सभी लोग अवगत हैं|

पर क्या आप जानते हैं की आप अपने घर लेते समय स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर भी धारा 80C के अंतर्गत आप लाभ ले सकते हैं|

एक बात और, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट लेने के लिए आपको होम लोन लेने की ज़रुरत नहीं है| होम लोन लिए बिना भी आप इस भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| ऐसे व्यय पर टैक्स बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जिस साल आपने यह भुगतान किया हो|


#25 दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस (सेक्शन 80C)

आप दो बच्चों तक के लिए ट्यूशन फीस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। यदि आपके पास दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप किसी भी दो के लिए दावा कर सकते हैं। भारत में स्थित विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान को फीस का भुगतान किया जाना चाहिए था।

बेनिफिट केवल पूर्णकालिक शिक्षा (full-time education)के लिए भी उपलब्ध है। निजी ट्यूशन, कोचिंग क्लास या किसी अंशकालिक कोर्स के लिए खर्च पात्र नहीं हैं।

अपनी शिक्षा या पति / पत्नी की शिक्षा के लिए खर्च भी टैक्स बेनिफिट के लिए पात्र नहीं है।emi calculator


#26 सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana Account)

अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो आप अपनी बेटी के लिए यह खाता खोल सकते हैं। खाता 21 वर्ष बाद परिपक्व होगा| आप बेटी की शादी या पढाई के लिए भी पैसा निकाल सकते हैं|

अर्जित ब्याज कर योग्य नहीं है । परिपक्वता राशि भी कर-मुक्त है।

ब्याज दर की घोषणा हर तिमाही पर की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.5% p.a. है| (November 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में पूरी जानकारी


#27 बीमा कंपनियों से पेंशन योजनाएं (धारा 80 CCC)

बीमा कंपनियों से पेंशन / वार्षिकी योजनाओं में निवेश के लिए आप प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख तक का लाभ ले सकते हैं।

यदि आप परिपक्वता से पहले पेंशन योजनाओं को सरेंडर करते हैं, तो मिलने वाली राशि को उस वर्ष की आयमाना जाएगा और आपको उस पर टैक्स देना होगा।

कृपया ध्यान दें कि धारा 80C और धारा 80 CCC के तहत कुल मिलाकर टैक्स बेनिफिट 1.5 लाख से अधिक नहीं हो सकता।

पढ़ें: LIC जीवन शान्ति: एक बार प्रीमियम, पूरे जीवन पेंशन



अन्य टैक्स बेनिफिट

#28 एनपीएस में निवेश की गई राशि (Investment in NPS under Section 80CCD)

एनपीएस में निवेश करने पर आपको Section 80CCD के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है| साथ ही अगर आपका एम्प्लायर आपके एनपीएस खाते में पैसे जमा करता है, तो आपको उसके लिए भी टैक्स बेनिफिट मिलता है|

Section 80CCD(1): 1.5 लाख रुपये तक (यह  धारा 80C के तहत मिलने वाले लाभ के अन्दर ही आता है)| आपके योगदान के लिए| ध्यान दें धारा 80CCD(1) के तहत टैक्स बेनिफिट Section 80C की 1.5 लाख रुपये की लिमिट के अन्दर ही आता है|

Section 80CCD(1B): 50,000 रुपये तक (यह कर लाभ अतिरिक्त है)| आपके योगदान के लिए|

Section 80CCD(2): यह आपके एम्प्लायर के आपके एनपीएस खाते में योगदान पर मिलता है|

एनपीएस के टैक्स बेनिफिट की अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

पढ़ें: एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट


#29 अटल पेंशन योजना में निवेश (Section 80 CCD)

एनपीएस के तरह अटल पेंशन योजना में भी निवेश करने पर आपको धारा 80CCD के तहत टैक्स लाभ मिलता है|

अटल पेंशन योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|


#30 मकान के किराए पर Section 80GG के तहत कर लाभ

अब HRA पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट से तो कर कोई अवगत है| साथ ही यह टैक्स बेनिफिट आपको आपका एम्प्लायर अपने आप ही दे देता है|

पर अगर आपको HRA नहीं मिलता है या फिर आप self-employed हैं, तब भी आप कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

धारा 80GG के तहत कटौती का लाभ ( 5,000 रुपये प्रति माह, कुल आय का 25%, किराया – वार्षिक आय का 10%) में से सबसे कम राशि तक सीमित है| टैक्स लाभ लेने से पहले आपको कई शर्तों को पूरा करना होगा|

HRA से मिलने वाले टैक्स बेनिफिट की गणना कैसे की जाती है और धारा 80GG के तहत टैक्स बेनिफिट लेने की क्या शर्तें हैं, इस बारे में मैंने विस्तार से जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|


#31 शिक्षा ऋण पर ब्याज (धारा 80E) (Interest on Education Loan)

आप उच्च शिक्षा के लिए लोन के पूरे ब्याज का भुगतान पर धारा 80E के तहत टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| ब्याज की कोई सीमा नहीं है| जितना ब्याज होगा, आपको उतना टैक्स बेनिफिट मिलेगा|

ध्यान दें केवल ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| मूल राशि (principal repayment) के भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है|

आप अपनी, पति/पत्नी, बच्चों (या किसी भी व्यक्ति जिसके लिए आप कानूनी संरक्षक हैं) की उच्च शिक्षा के लोन के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते है|

उच्च शिक्षा का मतलब है वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा (Senior Secondary Examination) उत्तीर्ण करने के बाद की पढ़ाई।

यह टैक्स बेनिफिट आपको उस वर्ष से मिलता है, जब आप इस शिक्षा लोन को चुकाना शुरू करते हैं| यह टैक्स लाभ आप 8 वर्ष तक उठा सकते हैं|

शिक्षा लोन पर मिलने वाले टैक्स लाभ के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|


#32 होम लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट (Home Loan Interest Payment under Section 24)

होम लोन के ब्याज के भुगतान पर आपको 2 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है| अगर आपने एक वर्ष में 2 लाख से अधिक की ब्याज भुगतान किया है, तो अतिरिक्त राशि पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता|

ध्यान दें यह टैक्स बेनिफिट आपको तभी मिलेगा जब आपको आपके घर का possession मिल गया हो|

मकान के निर्माण पूरा होने से पहले (या possession मिलने से पहले) किये गए ब्याज के भुगतान को आप जोड़ सकते हैं और अगले 5 साल (घर का निर्माण पूरा होने के बाद) तक बराबर किश्तों में टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| पर ध्यान दें, कुल मिला कर एक वित्तीय वर्ष में टैक्स बेनिफिट 2 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकता|

अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|


#33 घर की मरम्मत और रखरखाव के लिए लिए गए लोन पर ब्याज (धारा 24) (Interest on Loan taken for repair and maintenance of house)

आपको पता है की आपने घर खरीदने या बनाने के लिए जो होम लोन लिया है, उसके ब्याज के भुगतान पर आपको वर्ष में 2 लाख रुपये तक की छूठ मिलती है (धारा 24 के तहत)|  

पर क्या आप जानते है की आपको यह छूठ अपने मकान की मरम्मत (repair) और रखरखाव (maintenance) के लिए लिए गए लोन पर भी मिलती है| ऐसे किसी लोन पर आप एक वित्तीय वर्ष में 30,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| यह लाभ भी धारा 24 के तहत ही है|


#34 बच्चों की इनकम पर 1,500 रुपये तक (Income of Minor children under Section 10(32))

अगर आपने बच्चों के नाम पर निवेश किया है और उससे कुछ आय होती है, तो वह आय 1,500 रुपये तक टैक्स-फ्री होगी|

अगर आपने दो बच्चों के नाम पर निवेश किया है, तो निवेश से होनी वाली आय पर कुल मिला कर 3,000 रुपये तक की छूठ ले सकते हैं| हर बच्चे के लिए 1,500 रुपये|


#35 सामजिक कार्यों के लिए प्रतिदान (धारा 80G) (Donation for Social Causes)

आपके द्वारा दी गयी कई तरह की डोनेशन धारा 80 जी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं| आपकी दान राशि के 50% या 100% तक की राशि पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है| कुछ तरह के दान पर टैक्स लाभ की सीमा (cap) है और कुछ पर नहीं है| यह इस बात पर निर्भर करता है की आप कहाँ पैसे का दान कर रहे हैं| एक बात और, अगर आप नकद में दान (डोनेशन) देते हैं, तो इस लाभ की सीमा 10,000 रुपये हैं|

इनकम टैक्स कैसे बचाएँ टैक्स बचत के तरीके

एक बात और, निवेश के फैसले को कभी भी सिर्फ टैक्स बेनिफिट से प्रेरित नहीं होना चाहिए। केवल टैक्स बचाने के लिए निवेश न करें| वह निवेश करें जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त है। अगर टैक्स बेनिफिट मिलता है, तो सोने पे सुहागा| किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एक्सपर्ट से भी सलाह लें|

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क्या आप इनकम टैक्स बचाने के इन 13 स्मार्ट तरीकों के बारे में जानते हैं?

by दीपेश 2 Comments

जब टैक्स बचाने के लिए निवेश की बात आती है, हम में से अधिकांश लोग जीवन बीमा, पेंशन योजनाओं, ईएलएसएस, पीपीएफ और ईपीएफ और होम लोन के भुगतान के बारे में  जानते हैं।

पर इनके अलावा भी बहुत सारे तरीके हैं, जिन से आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं|

#1 बचत बैंक खाते पर ब्याज (Interest Income on Savings Bank Account) (Section 80 TTA)

आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज 10,000 रुपये तक कर मुक्त है|

यह टैक्स छूठ आपको सेक्शन 80TTA के अंतर्गत मिलती है|

अगर आपने सेविंग्स अकाउंट पर एक वित्तीय वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक ब्याज कमाया है, तो अतिरिक्त राशि पर आपको अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स जमा करना होगा|

ध्यान दें की यह छूठ आपके सभी बचत बैंक खातों (savings bank account) को मिला कर है| तो आप बहुत सारे सेविंग्स अकाउंट खोल कर अपना टैक्स नहीं बचा सकते|

ध्यान दें यह छूठ केवल बचत बैंक खातों पर मिलने वाले ब्याज पर है।

फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) पर मिलने वाले ब्याज पर ऐसी कोई राहत नहीं है।

पढ़ें: सेक्शन 80C के तहत किन तरीकों से कर सकते हैं टैक्स बचत?

#2 शिक्षा ऋण पर ब्याज (धारा 80E) (Interest on Education Loan)

आप उच्च शिक्षा के लिए लोन के पूरे ब्याज का भुगतान पर धारा 80E के तहत टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

ध्यान दें केवल ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| मूल राशि (principal repayment) के भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है|

आप अपनी, पति/पत्नी, बच्चों (या किसी भी व्यक्ति जिसके लिए आप कानूनी संरक्षक हैं) की उच्च शिक्षा के लोन के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते है|

उच्च शिक्षा का मतलब है वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा (Senior Secondary Examination) उत्तीर्ण करने के बाद की पढ़ाई।

यह टैक्स बेनिफिट आपको उस वर्ष से मिलता है, जब आप इस शिक्षा लोन को चुकाना शुरू करते हैं| यह टैक्स लाभ आप 8 वर्ष तक उठा सकते हैं|

शिक्षा लोन पर मिलने वाले टैक्स लाभ के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

#3 घर के किराए पर Section 80GG के तहत कर लाभ

अब HRA पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट से तो कर कोई अवगत है| साथ यह टैक्स बेनिफिट आपको आपका एम्प्लायर अपने आप ही दे देता है|

पर अगर आपको HRA नहीं मिलता है या फिर आप self-employed हैं, तब भी आप कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

धारा 80GG के तहत कटौती का लाभ ( 5,000 रुपये प्रति माह, कुल आय का 25%, किराया – वार्षिक आय का 10%) में से सबसे कम राशि तक सीमित है| टैक्स लाभ लेने से पहले आपको कई शर्तों को पूरा करना होगा|

HRA से मिलने वाले टैक्स बेनिफिट की गणना कैसे की जाती है और धारा 80GG के तहत टैक्स बेनिफिट लेने की क्या शर्तें हैं, इस बारे में मैंने विस्तार से दूसरी पोस्ट में चर्चा करी है|

पढ़ें: मकान के किराए पर भी आप कर सकते हैं टैक्स बचत

#4 आपके घर की स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क (धारा 80C) (Stamp Duty and Registration Fee)

होम लोन के मूल भुगतान (principal repayment) पर सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स लाभ मिलता है| इस बात से सभी लोग अवगत हैं|

पर क्या आप जानते हैं की आप अपने घर लेते समय स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर भी धारा 80C के अंतर्गत आप लाभ ले सकते हैं|

एक बात और, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट लेने के लिए आपको होम लोन लेने की ज़रुरत नहीं है| होम लोन लिए बिना भी आप इस भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| ऐसे व्यय पर टैक्स बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जिस साल आपने यह भुगतान किया हो|

धारा 80 सी के तहत स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के लिए कटौती का दावा भी कर सकते हैं। आप इन खर्चों के लिए इस कटौती का लाभ ले सकते हैं भले ही आपने गृह ऋण न लिया हो।

#5 स्वास्थ्य बीमा और निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए प्रीमियम (सेक्शन 80D) (Health Insurance and Health Check–up)

#6 अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल व्यय (> = 80 वर्ष) (धारा 80D)

#7 गंभीर बीमारी के लिए उपचार लागत (सेक्शन 80DDB)

#8 आश्रित विकलांग परिजन की चिकित्सा के लिए खर्चा  (धारा 80DD)

#9 विकलांग व्यक्ति के मामले में कटौती (धारा 80U)

इन सभी टैक्स बचत के तरीकों के बारे में गहराई से जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट

#10 एनपीएस में निवेश की गई राशि (Section 80CCD)

एनपीएस में निवेश करने पर आपको Section 80CCD के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है| साथ ही अगर आपका एम्प्लायर आपके एनपीएस खाते में पैसे जमा करता है, तो आपको उसके लिए भी टैक्स बेनिफिट मिलता है|

Section 80CCD(1): 1.5 लाख रुपये तक (यह  धारा 80C के तहत मिलने वाले लाभ के अन्दर ही आता है)| आपके योगदान के लिए|

Section 80CCD(1B): 50,000 रुपये तक (यह कर लाभ अतिरिक्त है)| आपके योगदान के लिए|

Section 80CCD(2): यह आपके एम्प्लायर के आपके एनपीएस खाते में योगदान पर मिलता है|

एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|

पढ़ें: एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट

#11 अटल पेंशन योजना में निवेश (Section 80 CCD)

एनपीएस के तरह अटल पेंशन योजना में भी निवेश करने पर आपको धारा 80CCD के तहत टैक्स लाभ मिलता है|

अटल पेंशन योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

#12 घर की मरम्मत और रखरखाव के लिए लिए गए लोन पर ब्याज (धारा 24) (Interest on Loan taken for repair and maintenance of house)

आपको पता है की आपने घर खरीदने या बनाने के लिए जो होम लोन लिया है, उसके ब्याज के भुगतान पर आपको वर्ष में 2 लाख रुपये तक की छूठ मिलती है (धारा 24 के तहत)|  

पर क्या आप जानते है की आपको यह छूठ अपने मकान की मरम्मत (repair) और रखरखाव (maintenance) के लिए लिए गए लोन पर भी मिलती है| ऐसे किसी लोन पर आप एक वित्तीय वर्ष में 30,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| यह लाभ भी धारा 24 के तहत ही है|

#13 सामजिक कार्यों के लिए प्रतिदान (धारा 80G) (Donation for Social Causes)

आपके द्वारा दी गयी कई तरह की डोनेशन धारा 80 जी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं| आपकी दान राशि के 50% या 100% तक की राशि पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है| कुछ तरह के दान पर टैक्स लाभ की सीमा (cap) है और कुछ पर नहीं है| यह इस बात पर निर्भर करता है की आप कहाँ पैसे का दान कर रहे हैं| एक बात और, अगर आप नकद में दान (डोनेशन) देते हैं, तो इस लाभ की सीमा 10,000 रुपये हैं|

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मकान के किराए पर कैसे बचा सकते है इनकम टैक्स? (HRA, Section 80GG)

Last updated: फ़रवरी 27, 2019 | by दीपेश 19 Comments

काफी लोग होम लोन पर टैक्स बेनिफिट के बारे में जानते हैं| मूल भुगतान (principal repayment) के लिए धारा 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है| ब्याज के भुगतान (interest payment) के लिए 2 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है|

अब घर लेना तो सबके बस की बात नहीं| मकानों के दाम आसमान छू रहे हैं| इसीलिए हम में से काफी लोग किराये पर भी रहते हैं|

अच्छी बात यह है की किराए पर रहने पर भी आपको कुछ टैक्स बेनिफिट मिलते हैं| इसका मतलब अगर आप किराए पर रहते हैं, टी दिए गए किराए पर कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

आईये जानते हैं की क्या हैं यह टैक्स बेनेफिट्स

1. House Rent Allowance (HRA या एचआरए) मकान किराया भत्ता

यदि आप कहीं नौकरी करते हैं, तो आप इस बारे में शायद पहले से ही काफी जानते हों।

HRA आपके वेतन का एक हिस्सा होता है| आप अपनी सैलरी स्लिप पढ़ कर इस बारे में जान सकते हैं|

एचआरए पर टैक्स बेनिफिट धारा 10 (13A) और आयकर अधिनियम के नियम 2A के तहत मिलता है।

ध्यान दें पूरा HRA टैक्स-मुक्त नहीं होता है| कुछ ही हिस्से पर छूट मिलती है|

आईये देखते हैं, कैसे गणना की जाती है आपको मिलने वाली टैक्स छूठ की|

पहले इन तीन संख्यायों का पता लगायें|

  1. House Rent Allowance (HRA या मकान किराया भत्ता)
  2. Rent – 10% of Basic Salary (किराया – मूल वेतन का 10%)
  3. 40% of Basic Salary. If you are staying in a metro city, 50% of Basic Salary (मूल वेतन का 40%), यदि आप मेट्रो शहर (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रह रहे हैं तो सीमा 50% मूल वेतन है)

इन तीन संख्यायों में जो सबसे कम है, उस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है|

आईये उदहारण की सहायता से समझते हैं|

अमित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता है।

उसकी बेसिक सैलरी 60,000 रुपये प्रति माह है|

उसे  HRA के रूप में 45,000 रुपये प्रति माह प्राप्त होता है। वह एक किराए के घर में रहता है और प्रति माह 40,000 रुपये का किराया देता है।

अगर आप किसी मेट्रो सिटी में नहीं रहते हैं

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अगर आप किसी मेट्रो सिटी में रहते हैं

आप एचआरए को देख सकते हैं, जिस शहर में आप रह रहे हैं, उस पर निर्भर करता है।

इसलिए, यदि अमित 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और मुंबई में रहते हैं, तो वह आयकर की कीमत (360,000 रुपये का 30%) = 1.2 लाख (सेस को छोड़कर) बचाएंगे। यह एक महत्वपूर्ण राशि है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के 15 आसान तरीके

इन बातों का ख्याल रखें

  1. एचआरए आपकी सैलरी (वेतन) का हिस्सा होना चाहिए| इसका मतलब आपकी सैलरी स्लिप (salary structure) में HRA दिखना चाहिए (आपके फॉर्म 16 में दिखना चाहिए)
  2. आप एचआरए के तहत टैक्स बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जबकि आप एक किराए के घर में रह रहे हों| यदि आप अपने घर में रह रहे हैं तो आपको HRA पर कोई टैक्स लाभ नहीं मिलेगा। पूरे HRA पर टैक्स देना होगा|
  3. आपकी टैक्स छूठ के बाद जो एचआरए का अतिरिक्त हिस्सा है, उस पर आपको अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।
  4. निजी क्षेत्र में कुछ कंपनियां आपको वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अपने वेतन का ढांचा (सैलरी structure) चुनने का विकल्प देतीं है| आप इस एचआरए के कैलकुलेशन को ध्यान में रखते हुए अपने लिए HRA चुन सकते हैं और अधिक टैक्स बचा सकते हैं।
  5. एचआरए (HRA) पर टैक्स छूठ मासिक आधार (monthly basis) पर है। इसका मतलब 12 महीनों की छूठ को मिला पूरे साल की छूठ की गणना होती है| यदि आपका वेतन और किराया वित्तीय वर्ष के दौरान स्थिर रहता है, तो यह पहलू कुछ भी प्रभावित नहीं करेगा। परन्तु, यदि वेतन या किराए में साल के बीच में परिवर्तन होता है, तो पहले हर महीने की गणना करनी होगी। उसके बाद आप पूरे साल का निकाल सकते हैं|

मैं अपने माता-पिता के घर में रहता हूँ| क्या मैं एचआरए का टैक्स बेनिफिट ले सकता हूँ?

हां, आप यह कर सकते हैं। पर माता पिता को किराया ज़रूर दें। बेहतर होगा की माता-पिता के बैंक खाते में किराया जमा करें और रसीद भी लें|

इससे पूरा रिकॉर्ड बना रहेगा और अगर आयकर विभाग इस बात पर सवाल उठाता है, तो आपके पास प्रमाण होगा|

और हाँ, आपके माता-पिता के आयकर रिटर्न में इस किराये की आय दिखनी चाहिए।

क्या मैं अपने पति या पत्नी को घर का किराया देकर टैक्स बेनिफिट ले सकता/सकती हूँ?

मतलब घर आपके पति या पत्नी के नाम पर है और आप उन्हें किराया दे रहे हैं|

ऐसा न करें, तो बेहतर हैं| फंस सकते हैं| आयकर विभाग इस बात पर सवाल उठा सकता है|

मैं और मेरी पत्नी दोनों जॉब करते हैं| किराया भी देते हैं| क्या HRA का टैक्स बेनिफिट दोनों ले सकते हैं?

हां, आप दोनों HRA का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

पर कुछ बातों का ख्याल रखें|

केवल उतना ही टैक्स बेनिफिट लें, जिसका भुगतान आप कर रहे हैं| मान लिए कुल किराया 30,000 रुपये है| आप 20,000 रुपये का भुगतान कर रहे हैं और आपकी पत्नी 10,000 रुपये का भुगतान कर रहीं हैं| आपको बराबर भुगतान करने की कोई ज़रुरत नहीं हैं|

जब HRA बेनिफिट को कैलकुलेट करें, तो आप 20,000 रुपये किराया मानें और आपकी पत्नी 10,000| आप दोनों 30,000 रुपये किराया नहीं मान सकते|

बेहतर होगा की बैंक में पैसे ट्रान्सफर करने का पूरा रिकॉर्ड हो| अगर पूरा किराया आप ही देते हैं, तो अपनी पत्नी से हर महीने 10,000 रुपये आपके खाते में ट्रान्सफर करने हो कहें|

यदि संभव हो तो, मकान मालिक से दो रसीदें लें।

मैंने होम लोन के माध्यम से एक घर खरीदा है, परन्तु किराए के घर में रहता हूँ|

ऐसी स्तिथि में आप होम लोन और HRA दोनों पर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

पर हाँ, ऐसा न हो की आप बस टैक्स बचने के लिए ही किराए पर रह रहे हों| अगर आपका अपना घर और किराय्व वाला घर बहुत आस-पास हैं, तो आयकर विभाग इस पर सवाल उठा सकता है|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस खरीदकर बचीयें इनकम टैक्स

2. Section80 GG (Self Employed लोगों के लिए)

अब मान लिए की:

  1. आप सेल्फ-एम्प्लोयेड (self-employed) हैं, तो आपको HRA मिलेगा ही नहीं| तो आप टैक्स बेनिफिट कैसे लेंगे?
  2. यह भी हो सकता है की आपका एम्प्लायर आपको HRA देता ही न हो| इसका मतलब HRA आपकी सैलरी का हिस्सा नहीं है| आप टैक्स बेनिफिट कैसे लेंगे?

ऐसे लोगों के लिए भी सरकार ने घर के किराए पर कुछ राहत दी है|

यह राहत Section 80GG के तहत दी गयी है।

आईये देखते हैं ली आपको कितनी राहत मिलती है|

पहले इन तीन राशियों को कैलकुलेट करिए

  1. Rs. 5,000 per month (प्रति माह 5,000 रुपये, 60,000 रुपये प्रति वर्ष)
  2. 25% of Total Income (कुल आय का 25%)
  3. Rent – 10% of Total Income (किराया – कुल आय का 10%)

अब तीनों राशियों में जो भी सबसे कम है, आपको उतना लाभ मिलेगा|

तो आप देख सकते हैं की अधिकतम लाभ 60,000 रुपये तक सीमित है|

पर हाँ, यह लाभ पाने के लिए आपको कुछ शर्तें पूरी करनी होगी|

  1. जिस शहर में आप काम कर रहे हैं, वहां आपके, आपके पति / पत्नी या नाबालिग बच्चे के नाम पर कोई मकान नहीं होना चाहिए।
  2. आपके पास किसी अन्य स्थान पर कोई मकान (self-occupied property) नहीं होनी चाहिए|
  3. आपने पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान HRA नहीं मिलना चाहिए। यदि आप वित्तीय वर्ष में 1 महीने के लिए कार्यरत थे (और एचआरए का फायदा उठाते हैं) और शेष अवधि में स्व-नियोजित (self-employed) थे, तो आप धारा 80 GG के तहत टैक्स लाभ नहीं ले सकते।

कटौती धारा 80GG का दावा करने के लिए, आपको फार्म 10 BA के तहत बताना होगा।

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हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट (FY2019)

Last updated: अप्रैल 3, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

आप सभी स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) के लाभों से अवगत हैं लेकिन क्या आप जानते हैं की हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदने पर आपको टैक्स बेनिफिट भी मिलते हैं|

साथ ही हेल्थ चेक-अप (health Checkup) कराने पर हुए खर्चे पर भी आप टैक्स बेनिफिट ले सकतेहैं| तो हुआ न सोने पे सुहागा|

इसके अलावा कुछ विशिष्ठ परिस्तिथियों में लिए गए चिकित्सा के खर्चे पर भी टैक्स छूठ ली जा सकती है|

तो आईये जानते हैं विस्तार से इन इनकम टैक्स बचने के उपायों के बारे में|

#1 हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit on Health Insurance Premium and Preventive Health Checkup under Section 80D in Hindi)

आप वित्तीय वर्ष के दौरान परिवार (स्वयं, पति/पत्नी और आश्रित बच्चों के लिए) के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

यह टैक्स बेनिफिट आपको आयकर की धारा 80D के तहत मिलता है|

अगर आपकी या आपकी पत्नी (पति) में से किसी की भी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, तो यह टैक्स बेनिफिट बढ़ कर 50,000 रुपये प्रति वर्ष हो जाता है| FY2018 तक यह बेनिफिट केवल 30,000 रुपये था|

साथ ही, आप अपने, पति/पत्नी और बच्चों के हेल्थ चेक-अप के लिए 5,000 रुपये तक का बेनिफिट ले सकते हैं|

पर हाँ कुल मिला कर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और चेक-अप पर वर्ष में 25,000 रुपये (या 50,000 रुपये अगर आप वरिष्ठ नागरिक हैं) का टैक्स बेनिफिट ही ले सकते हैं|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कम करने के 8 तरीके


#2 माता-पिता  के स्वाश्थ्य बीमा और स्वास्थ्य जांच के लिए प्रीमियम (धारा 80 D) (Tax Benefit for Health Premium and Preventive Health Checkup for Parents)

जी हाँ, आप अपने माता-पिता के लिए लिए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

आपके माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करने पर भी प्रति वित्तीय वर्ष 25,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं।

अगर माता-पिता में से कोई भी एक वरिष्ठ नागरिक हैं, तो यह सीमा बढ़ कर 50,000 रुपये हो जाती है। वित्तीय वर्ष 2018 तक यह टैक्स बेनिफिट 30,000 रुपये तक सीमित था|

आप माता-पिता के हेल्थ चेक-अप के लिए 5,000 रुपये तक का कर लाभ ले सकते हैं| पर जैसा की ऊपर लिखा है, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और हेल्थ चेक-अप दोनों को मिलाकर बेनिफिट 25,000 रुपये (या 30,000 रुपये ही हो सकता है)|


इन बातों का रखें ध्यान

  • अगर टैक्स बेनिफिट चाहिए, तो स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए भुगतान नकद (cash) में न करें। अगर नकद में करेंगे, तो टैक्स बेनिफिट नहीं ले पायेंगे|
  • भुगतान बैंकिंग चैनल (चेक, डिमांड ड्राफ्ट, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि) के माध्यम से किया जाता है।
  • निवारक स्वास्थ्य जांच (हेल्थ चेक-अप) के लिए भुगतान नकद में किया जा सकता है। और नकद भुगतान के लिए भी टैक्स बेनिफिट लिया जा सकता है|
  • भाई बहन के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के भुगतान के लिए कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है|
  • क्रिटिकल इलनेस हेल्थ इंश्योरेंस प्लान और टॉप-अप और सुपर टॉप-अप बीमा प्लान के लिए भी प्रीमियम का भुगतान धारा 80 डी के तहत टैक्स बेनिफिट के योग्य है।
  • अगर आपने कई वर्षों के प्रीमियम (multi-year policy) का भुगतान एक ही साथ कर दिया है, तो प्रीमियम को बराबर हिस्सों में बाँट कर आप टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| मान लिए आपने दो साल की पालिसी के लिए 40,000 रुपये का भुगतान किया, तो आप उन  दो वर्ष में 20-20 हज़ार रुपयों का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

health insurance tax benefit FY2019 हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट FY2019

उदहारण 1

अगर आप 35 साल के हैं और आपके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, तो आप स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए अधिकतम 75,000 रुपये का लाभ ले सकते हैं ।

अपने, पति / पत्नी और बच्चों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और स्वास्थ्य जांच के लिए 25,000 रुपये| और माता-पिता के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और स्वास्थ्य जांच के लिए 50,000 रुपये|

उदहारण 2

आपके परिवार में 6 सदस्य हैं| आप (35 वर्ष ), आपकी पत्नी (35), आपके दो बच्चे (7,3), आपके माता-पिता (59, 62)| आपने अपने, अपनी पत्नी और बच्चों के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लिया है, जिसका वार्षिक प्रीमियम 21,000 रुपये है|

आपके माता-पिता के इंश्योरेंस का प्रीमियम 32,000 रुपये है| साथ ही आपने परिवार के हेल्थ चेक के लिए 12,000 रुपये का खर्चा किया जबकि माता-पिता के लिए 16,000 रुपये का खर्चा किया|

health insurance tax benefit 2 हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट FY2019

आप देख सकते हैं की आपने कुल खर्चा 81,000 रुपये लिया परन्तु आपको टैक्स बेनिफिट केवल 62,000 रुपये का ही मिल पा रहा है|


#3 Uninsured वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिकित्सा खर्च (> = 60 वर्ष) (धारा 80 D)

यदि आप (पति/पत्नी या आश्रित बच्चे) एक  वरिष्ठ नागरिक (> = 60 वर्ष) हैं और कोई स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस प्लान) नहीं खरीदा है, तो आप प्रति वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक के चिकित्सा व्यय पर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं।

साथ ही अगर आपके माता या पिता के पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है, तो उनकी चिकित्सा पर हुए खर्चे पर भी आप टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| पर यह तभी हो सकता है, जबकि उनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है|

ध्यान दे कि ऐसे चिकित्सीय व्ययों पर टैक्स बचत केवल तब ही की जा सकती है जब संबंधित वरिष्ठ व्यक्ति के पास कोई स्वस्थ्य बीमा नहीं है|

कृपया ध्यान दें, स्वस्थ्य बीमा, हेल्थ चेक-अप और चिकित्सा खर्च, इस सभी के लिए कुल मिला कर 50,000 रुपये का टैक्स लाभ ही ले सकते हैं|

माता-पिता के लिए अतिरिक्त 50,000 रुपये का टैक्स लाभ ले सकते हैं|

FY2018 तक यह टैक्स बेनिफिट 30,000 रुपये तक सीमित था| और केवल अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु) के लिए ही उपलब्ध था|

उदहारण 3

आप एक वरिष्ठ नागरिक हैं (आयु 60 वर्ष से अधिक है) लेकिन आपकी पत्नी की आयु 60 वर्ष से कम है| आपने अपने लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान नहीं खरीदा है परन्तु  अपनी पत्नी के लिए एक खरीदा है|

आप अपने ऊपर हुए चिकित्सा खर्च, अपनी पत्नी के स्वास्थ्य बीमा और दोनों की स्वास्थ्य जांच के लिए 50,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

उदहारण 4

अगर आपके माता-पिता का कोई भी वरिष्ठ नागरिक हैं (आयु 60 से अधिक है) और uninsured है, तो आप प्रति वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक के चिकित्सा खर्च के लिए कर लाभ ले सकते हैं।

जैसा कि ऊपर चर्चा करी है, माता-पिता के लिए प्रीमियम भुगतान, स्वास्थ्य जांच और चिकित्सा व्यय का कुल टैक्स बेनिफिट 50,000 रुपये प्रति वित्तीय वर्ष तक सीमित है।

पढ़ें: 10 ऐसे खर्चे जो आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्लान कवर नहीं करता


#4 कुछ विशिष्ठ बीमारियों के उपचार के लिए लागत (धारा 80DDB) (Treatment of specified illnesses under Section 80DDB)

अपने या आश्रित रिश्तेदारों के लिए इन बीमारियों पर हुए खर्च के लिए आप 40,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं।

यह आप  अपने, पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता या भाई-बहन के लिए कर सकते हैं|

एक वरिष्ठ नागरिक (> = 60 वर्ष) के इलाज के लिए यह सीमा बढ़कर 1 लाख रुपये हो जाती है। यह नियम FY2019 (1 अप्रैल 2018 से la

FY2018 तक यह सीमा एक वरिष्ठ नागरिक (> = 60 वर्ष) के लिए 60,000 और अति वरिष्ठ नागरिक (>=80 years) के लिए  80,000 रुपये थी।

पर हाँ, इस धरा के तहत आप लाभ तभी ले सकते हैं जबकि आपने किसी बीमा पालिसी के तहत इस खर्चे की प्रतिपूर्ति (reimbursement) न करी हो|

आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आपको विशेषज्ञ डॉक्टर से एक प्रमाण पत्र देना होगा। दोनों , निजी और सरकारी अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों का प्रमाणपत्र पर्याप्त होगा। ऐसी बीमारियों की सूची नियम 11DD में प्रदान की गई है । कुछ प्रमुख बीमारियाँ हैं: cancer, dementia, chronic renal failure, Parkinson disease, Hemophilia etc.


#5 किसी आश्रित विकलांग परिजन की चिकित्सा के लिए खर्चा (धारा 80 DD)  Deduction for treatment cost of a dependent with disability (Section 80DD)

आश्रित परिजन से मतलब पति/पत्नी, माता-पिता, बच्चे या भाई-बहन हो सकते हैं।

यदि ऊपर लिखे परिजन में से कोई विकलांग है, तो चिकित्सा उपचार, नर्सिंग, प्रशिक्षण या पुनर्वास (rehabilitation) के लिए किये गए खर्चे पर 75,000 रुपये तक टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

अगर आप ऐसे परिजन के मेंटेनेंस की लिए किसी स्कीम में पैसा लगा रहे हैं, तो वह राशि भी आप शामिल कर सकते हैं|

गंभीर विकलांगता के मामले में यह सीमा बढ़ कर 1.25 लाख रुपये हो जाती है। आपको एक मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा| अधिक विवरण के लिए, आयकर अधिनियम की धारा 80 DD और नियम 11 A देखें।


#6 विकलांग व्यक्ति के मामले में कटौती (धारा 80 U)

अगर करदाता स्वयं विकलांग है, तो वह धारा 80 U के तहत 75,000 रुपये का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। उपचार लागतों का इस लाभ से कोई संबंध नहीं है | गंभीर विकलांगता की स्तिथि में यह सीमा 1.25 लाख तक बढ़ जाती है।


#7 धारा 17 (2) के तहत चिकित्सा खर्च (केवल FY2018 तक)

आपके नियोक्ता (employer) द्वारा आपको और आपके परिवार के चिकित्सा उपचार के खर्चों के लिए भुगतान की गई राशि (प्रतिपूर्ति, reimbursement) पर 15,000 रुपये तक आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। परिवार में स्वयं, पति या पत्नी, बच्चे, आश्रित माता-पिता और भाई-बहन शामिल हैं ।

यह छूट self-employed के लिए उपलब्ध नहीं है। आपको अपने नियोक्ता को चिकित्सा बिल जमा करना होगा।

यह लाभ केवल FY2018 तक था| इसे वापिस ले लिया गया है|

FY2019 से आपको 40,000 रुपये तक का स्टैण्डर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) मिलेगा| इसके लिए आपको कोई बिल जमा करने की ज़रुरत नहीं है| अगर आप सैलरी या पेंशन पाते हैं, तभी यह लाभ ले सकते हैं| यह लाभ self-employed के लिए उपलब्ध नहीं है।


हेल्थ इंश्योरेंस या चिकित्सा खर्च के लिए कितना टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं?

आपका छह (स्वयं, पति, दो बच्चों और माता-पिता) लोगो का परिवार हैं। अभिभावक वरिष्ठ नागरिक हैं आप निम्नलिखित के लिए कटौती (या छूट प्राप्त) का दावा कर सकते हैं:

  1. अपने, पति / पत्नी और बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और हेल्थ चेक-अप के लिए 25,000 रुपये प्रति वर्ष। अगर आप या आपके पति/पत्नी 60 वर्ष से अधिक हैं, तो यह सीमा 50,000 रुपये है|
  2. माता-पिता के लिए स्वास्थ्य जांच और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और के लिए 25,000 रुपये प्रति वर्ष। अगर माता-पिता में से किसी की आयु 60 वर्ष से अधिक है, तो सीमा बढ़ कर 50,000 रुपये हो जाती है|

यदि आप या परिवार का कोई सदस्य किसी विशेष बीमारी से पीड़ित हैं या विकलांग हैं तो चिकित्सा खर्चों के लिए अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट लिए जा सकते हैं|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी कुछ मिथ्याएं और न खरीदने के बहाने

Source: www.PersonalFinancePlan.in

इमेज सौजन्य: Flickr

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एनपीएस टियर 2 अकाउंट की पूरी जानकारी और क्या आपको निवेश करना चाहिए?

Last updated: जुलाई 13, 2019 | by दीपेश 2 Comments

पिछले कुछ वर्षों में एनपीएस को  धारा 80 CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये के विशेष कर लाभ की वजह से कई नए निवेशकों को आकर्षित किया है।

क्या आप जानते हैं कि यह टैक्स बेनिफिट केवल एनपीएस टियर 1 खाते तक ही सीमित हैं? टियर एनपीएस अकाउंट में निवेश के बारे में क्या?

हालांकि एनपीएस टियर 2 ज्यादा आकर्षित नहीं करता है क्योंकि निवेश पर कोई कर लाभ नहीं है, फिर भी यह एक निवेश विकल्प प्रस्तुत करता है।

इस पोस्ट में, एनपीएस टियर 2 के बारें में चर्चा करूँगा| एनपीएस टियर 2 में निवेश पर क्या कोई टैक्स बेनिफिट मिलता है? पैसा निकालने पर कितना टैक्स देना होगा? साथ ही, अगर एनपीएस टियर 2 अकाउंट में निवेश करने पर विचार कर रहे है, तो आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।

इन सभी बातों पर चर्चा करेंगे और देखेंगे की क्या आपको एनपीएस tier 2 अकाउंट में निवेश करना चाहिए|

क्या मैं एनपीएस टियर 1 खाते को खोले बिना एक टीयर 2 एनपीएस खाता खोल सकता हूँ?

Can I open NPS Tier-2 account without opening NPS Tier-I account?

आप केवल टियर-2 एनपीएस अकाउंट (NPS Tier-2 account) नहीं खोल सकते।

टियर -2 एनपीएस अकाउंट (NPS Tier-2 account) सिर्फ NPS Tier-I अकाउंट के साथ ही खोला जा सकताहै|

पढ़ें: कैसे खोले एनपीएस अकाउंट ऑनलाइन आधार की सहायता से?

एनपीएस टियर 2 खाते के नियम

एनपीएस टियर-2 के खाते से निकासी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। जब भी आप चाहते हैं आप अपने निवेश को बेच कर अपना पैसा निकाल सकते हैं।

ध्यान दें एनपीएस Tier-I खाते में पैसे निकालने पर बहुत सारी पाबंधियाँ हैं| समझ लिए आपका पैसा 60 वर्ष की आयु तक अटक जाता है|

एनपीएस टियर 2 (NPS Tier-2 account) में ऐसा कोई  प्रतिबन्ध नहीं है|

पढ़ें: एनपीएस के लिए संशोधित निकास और निकासी नियम NPS Withdrawal Rules (अंग्रजी)

एनपीएस टियर 2 अकाउंट में निवेश पर टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit for investing in NPS Tier-2 account)

एनपीएस के टियर–2 खाते में निवेश पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है। No tax benefit for investing in NPS Tier-2 account.

एनपीएस टियर 2 खाते में निवेश करने पर केंद्रीय कर्मचारी (Central Government Employee) सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| शर्त यह है की आप इस पैसे को 3 वर्ष से पहले नहीं निकाल पायेंगे (lock-in period of 3 years)| ध्यान दें  यह टैक्स बेनिफिट केवल Central Government Employees ही ले सकते हैं| किसी अन्य व्यक्ति को यह टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

सेक्शन 80C में PPF, ELSS, EPF, GPF, लाइफ इंश्योरेंस इत्यादि निवेश भी आते हैं| कुल मिलाकर 1.5 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

सेक्शन 80CCD के टैक्स बेनिफिट केवल tier 1 अकाउंट में निवेश करने के लिए हैं| Tax Benefit is only for investment in NPS Tier 1 account.

पढ़ें: एनपीएस (NPS) में निवेश करने के टैक्स बेनिफिट

एनपीएस टियर 2 खाता से पैसा निकालने पर कितना टैक्स देना होता है?

इस मामले पर बेहतर स्पष्टता की प्रतीक्षा करनी होगी । 3 संभावित उपचार हो सकते हैं :-

#1 टीयर-1 एनपीएस के समान टैक्स ट्रीटमेंट देना चाहिए| (मेरे अनुसार ऐसा नहीं होगा)

टीयर 1 एनपीएस से पैसा निकालने पर जमा राशि का 40% पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता|

ध्यान दें कि आप सेवानिवृत्ति के समय जमा धन का 60% तक एकमुश्त राशि वापस ले सकते हैं। हालांकि, केवल 40% टैक्स से मुक्त है।

पढ़ें: एनपीएस से पैसे निकालते समय कितना टैक्स देना पड़ता है

आप यह तर्क दे सकते हैं कि एनपीएस टियर 2 को भी सामान टैक्स बर्ताव मिलना चाहिए|

परन्तु जहाँ Income Tax Act में एनपीएस टियर 1 से पैसा निकालते समय टैक्स छूट का विवरण है, वहां पर लिखा है की यह उसी निवेश को मिलेगा जहाँ Section 80CCD के तहत निवेश पर लाभ मिला है| और यह लाभ केवल NPS टियर 1 खाते में निवेश पर मिलता है|

अब एनपीएस टियर 2 में निवेश करने पर तो कोई लाभ है नहीं|

इसीलिए मेरे अनुसार टियर 2 अकाउंट से पैसा निकालना पर NPS टियर 1 खाते जैसा टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

#2 कैपिटल गेन्स उपचार मिलना चाहिए (capital gains टैक्स ट्रीटमेंट)

आप कह सकते हैं की एनपीएस टियर-2 एक ओपन म्यूचुअल फंड की तरह है I इसलिए, एक समान टैक्स ट्रीटमेंट  मिलना चाहिए।

पढ़ें: म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर कितना अक्स देना पड़ता है?

एनपीएस टियर 2 की इक्विटी स्कीम (E) को इक्विटी फंड (equity mutual fund) के सामान टैक्स ट्रीटमेंट  प्राप्त होना चाहिए। सरकारी बॉन्ड (G) या कॉरपोरेट बॉन्ड स्कीम (C)  पर debt म्यूचुअल फंड की तरह कर लगाया जाना चाहिए।

या फिर पूरे निवेश को debt म्यूच्यूअल फण्ड जैसा ट्रीटमेंट मिलना चाहिए|

हालांकि, ऐसा होने के लिए, एनपीएस टियर-2 निवेश को धारा 2 के तहत capital asset माना जाना चाहिए। मुझे यकीन नहीं है कि ऐसा है।

इसीलिए मेरे अनुसार यह विकल्प भी लागू नहीं है| अगर यह विकल्प लागू होता, तो काफी अच्छा होता NPS tier 2 निवेशकों के लिए|

#3 अपनी टैक्स स्लैब (tax slab) के अनुसार आपको मुनाफे पर टैक्स देना होगा

अब जो भी आपको आपके निवेश पर मुनाफा हुआ है, उस पर अपनी टैक्स स्लैब (10%, 20%, 30%) के अनुसार टैक्स देना होगा|

समझ लिए आपने 1 लाख रुपये निवेश किया और 5 साल बाद वेह बढ़ कर 1.5 लाख रुपये हो गया, ऐसे में आपको 50,000 के मुनाफे पर अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स होगा|

अगर म्यूच्यूअल फण्ड के सामान बर्ताव होता (दूसरा विकल्प), तो काफी कम टैक्स देना होता|

अब यह तीसरा विकल्प आपके लिए काफी महंगा साबित हो सकता है|

कौन सा टैक्स ट्रीटमेंट विकल्प लागू होगा?

मुझे नहीं पता। विकल्प 1 निश्चित रूप से तस्वीर से बाहर है।

विकल्प विकल्प 2 और 3 के बीच होना चाहिए।

जब तक सरकार कुछ स्पष्टता नहीं देती, मेरे अनुसार तीसरा विकल्प होना चाहिए|

क्या आपको टीयर -2 एनपीएस में निवेश करना चाहिए?

मेरे अनुसार नहीं करना चाहिए|

पहले तो आपको टियर 2 खाते मैं निवेश करने पर कोई अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट नहीं मिलते|

दूसरा, एनपीएस टियर -2 से निकासी पर टैक्स कैसे लगाया जाए, इस बारे में ज्यादा स्पष्टता नहीं है। शायद, बेहतर स्पष्टता अगले कुछ वर्षों में आ जाएगी। आप विकल्प 3 देख सकते हैं, बड़ी परेशानी का कारण हो सकता है।

साथ ही आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश तो कर की सकते हैं| वहां पर आपको यह भी पता है, टैक्स ट्रीटमेंट क्या होगा|

तो ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड (मतलब की NPS Tier II) में निवेश क्यों करें, जहाँ कोई स्पष्टता नहीं है|

तो, ऐसी कोई ज़रुरत या फायदा नहीं दिखता, एनपीएस टियर 2 अकाउंट में निवेश करने का|

अभी के लिए टियर -2 एनपीएस से दूर रहें ।

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