आजकल जहाँ हॉस्पिटल के बिल तेजी से बढ़ रहे हैं, हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance या स्वास्थ्य बीमा) प्लान की अहमियत को समझना कोई मुश्किल काम नहीं है|परन्तु अगर आप समझते हैं की आपका health insurance प्लान (स्वास्थ्य बीमा) आपकी बीमारी का सारा खर्चा उठा लेगा, तो यह भी गलत होगा|
आपको यह भी पता होना चाहिये कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस कुछ जगह (case) में आपका साथ छोड़ सकता है। जिसके कारण आपको अपनी खुद के जेब से पैसे देने पड़ेगे।
इसीलिए आपके लिए यह जानना बहुत जरुरी है की आप अपने insurance प्लान की कवरेज (coverage) को समझें, जिससे बाद में आपको परेशानी ना हो ।
आइये देखते हैं की कब आपका health insurance प्लान आपका अस्पताल का सारा खर्चा नहीं उठाएगा|
#1 क्या आपने co-payment चुना है?
अगर ऐसा है तो आपको अपने हिस्से का भुगतान खुद करना होगा , कंपनी इसमे भागीदारी नहीं लेगी।
चलिए समझते है इसका गड़ित, यदि आपने 20 % का cop-ayemt का बिकल्प चुना है तो हॉस्पिटल बिल का 20℅ आपको भरना होगा ।
मान लिये आपके कवर १० लाख रूपए का है और आपका बिल 5 लाख रुपये का बनता है| इसके साथ आपके प्लान में 20% co-payment भी है| ऐसे केस में इंश्योरेंस कंपनी केवल 4 लाख रुपये का ही भुगतान करेगी| एक लाख रुपये आपको अपनी जेब से देने होंगे|
#2 क्या आपके प्लान में आपने deductible लिया है?
आईये उदाहरण से समझते है|
मान लीजिये आपने super top-up plan ख़रीदा है 10 लाख का और उसका साल का deductible 2 लाख रुपये है, तो पहले 2 लाख का खर्चा आपको अपनी जेब से देना होगा।
अगर आपका बिल 5 लाख का है, तो 2 लाख आप देंगे और 3 लाख इंश्योरेंस कंपनी देगी| उसी साल दोबारा भरती होते हैं और 3 लाख का बिल बनता है, तो सारा खर्चा इंश्योरंस कंपनी उठाएगी क्योंकि आप 2 लाख रुपये पहले ही दे चुके हैं|
#3 किसी प्रकार का excess, sub-limit के ऊपर ?
एक बहुत आसान उदाहरण देता हूँ| मान लिजिए आपका टोटल कवर 10 लाख का है और मोतियाबिंद के इलाज के लिए 25000 की sub limit है|
अगर आप cataract (मोतियाबिंद) का ऑपरेशन कराते हैं और बिल 60,000 का बनता है, तो इंश्योरंस कंपनी केवल 25,000 ही देगी|
#4 तय कमरे के किराये से ज्यादा खर्चा(room-rent sublimit)
यह समझना कभी कभी बहुत पेचिदा हो जाता है।
अस्पताल में कई तरह के कमरे होते हैं और सबका किराया अलग अलग होता है| आपकी इंश्योरेंस पालिसी में ऐसे दैनिक किराये (daily room rent) पर लिमिट होती है| कमाल की बात यह है की दूसरे खर्चे जैसे की सर्जरी,डॉक्टर परामर्श आदि सब कमरे के किराए पर निर्भर करते हैं| जितना महंगा कमरा, उतना महंगा इलाज़|
मान लिए आपकी पालिसी में यह लिमिट 5,000 रूपये है| पर आप अस्पताल में ऐसा कमरा चुनते है जिसका किराया दिन का 10,000 रुपये है| ऐसे केस में इंश्योरेंस कंपनी केवल आधा बिल ही देगी| यह कटौती केवल कमरे के किराए पर ही नहीं, बल्कि पूरे बिल पर लगेगी|
इस केस में मान लिए 5 लाख का बिल बना है, तो इंश्योरेंस कंपनी केवल 2.5 लाख रुपये ही देगी|
इस बारें में ज्यादा जान्ने के लिए आप, यह पोस्ट पढ़ सकते हैं|
#5 इंतजार अवधि (waiting period) ख़त्म होने से पहले एक मौजूदा बीमारी (pre-existing illness) का इलाज
आपको इस तरह के waiting period की जानकारी होनी चहिये| यह जानकारी आपकी policy contract में दी होती है। सस्ते प्लान का waiting period अधिक हो सकता है ।
#6 कुछ वर्षो के लिए विशिष्ट इलाज की लागत
आपके इंश्योरेंस प्लान खरीदने के कुछ साल तक कुछ common operation कवर नहीं होते| जैसे की किडनी/गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) में पत्थर, हर्निया, cataract आदि|
ऐसा न हो तो कुछ लोग ऐसे इलाज़ का खर्चा बचाने के लिए ही इंश्योरेंस लेंगे|
ध्यान रखें की इसका आपकी pre-existing illness से कोई सम्बन्ध नहीं है|
#7 पहले 30-90 दिनों में उपचार
हर पालिसी में पहले 30-90 दिन कोई planned ट्रीटमेंट cover नहीं होता।
ध्यान रखें की किसी दुर्घटना के वजह से hospitalization और आपातकाल स्थिति इन 30-90 दिनों में भी कवर होती है।
#8 Permanent exclusions
HIV/aids , डेंटल या cosmetic ट्रीटमेन्ट आदि आपके हेल्थ insurance में कवर नहीं होता। ऐसे और भी इलाज़ हो सकते हैं| अपने पालिसी document को सही से पढ़े और समझें|
ध्यान रखें कॉस्मेटिक सर्जरी अथवा डेंटल ट्रीटमेंट किसी दुर्घटना के कारण हुआ तो कंपनी इसे कवर कर सकती है।
#9 विदेशों में उपचार
अधिकतर policy विदेशों में उपचार नहीं कवर करती। ये सभी प्लान भारत में होने वाले उपचार को ही कवर करते हैं ।
जो प्लान विदेश में उपचार को कवर करते हैं, वह काफी मेहेंगे हो सकते हैं|
#10 उपभोग्य (consumables)
आपके अंतिम अस्पताल के बिल में ऑपरेशन का खर्च, कमरे का किराया , दवाई इत्यादि ही नहीं होते| औए भी काफी सारी चीज़ें होती हैं| जैसे की खाने का बिल, diapers, बेबी फ़ूड, TV chargesम internet charges आदि| ऐसे खर्चे आपी इइंश्योरेंस कंपनी नहीं देगी|
यह सब खर्चे आसानी से आपे बिल का 8-10% हिस्सा बना सकते हैं| यह आपको अपनी जेब से ही देने होंगे और आपको इसके लिए तैयार रहना चाहिए|
आपको क्या करना चाहिए?
आपने बशर्ते health insurance ले लिया हो, पर आपको ऐसे खर्चो को ध्यान में रखना चाहिए जो की आपका प्लान कवर नहीं करता| और आपको ऐसे खर्चो के भुगतान के लिए हमेशा कुछ पैसा बचा के रखना चाहिए|
साथ ही साथ अपने इंश्योरेंस प्लान की coverage को समझें| अपने पालिसी document को अच्छे से पढ़े|
अगर कुछ इलाज़ या बिल का हिस्सा पालिसी के हिसाब से कवर नहीं होता, तो कंपनी उसे नहीं अदा करेगी| ऐसे केस में कंपनी से लड़ने में अपना समाया बर्बाद न करें|
अपने समय और उर्जा को बचाएँ उन मामलों के लिए जहाँ पर इंश्योरेंस कंपनी ने गलत फैसला लिया है|
साथ ही कुछ पैसा जमा कर के रखें मेडिकल आपातकालीन स्तिथियों के लिए और ऐसे खर्चों के लिए जो इंश्योरेंस कंपनी कवर नहीं करती|
Salan Khalkho says
अधिकांश लोग यह मानते हैं की बिमा करा लिया तो साडी चिंता मुक्त| लेकिन सच बात तो यह ही की बिमा केवल कुछ चुनिन्दा चीजों के प्रति ही जिमेदारी उठाती है| ऐसे में सभी को यह जानना जरुरी है की Health Insurance plan (स्वास्थ्य बीमा) सब कुछ कवर नहीं करता| सभी के लिए यह लेख बहुत महत्वपूर्ण है|
दीपेश says
शुक्रिया!!!
request करूंगा की इस पोस्ट को अपने मित्रों और परिवार के साथ भी शेयर करें|