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Tax Planning

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अब होम लोन भुगतान पर आपको मिलेगा 1.5 लाख रुपये का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट

by दीपेश Leave a Comment

अगर आप नया घर खरीदना चाहते हैं, तब आपके लिए अच्छी खबर है| भारत सरकार आपको 1.5 लाख रुपये तक का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट दे रही है|

बजट 2019 में सरकार एक नयी धारा लायी है, सेक्शन 80EEA|

सेक्शन 80EEA के तहत आपको होम लोन पर ब्याज के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिलेगा| ध्यान दें यह सेक्शन 24 के तहत मिलने वाले 2 लाख (होम लोन ब्याज भुगतान) के टैक्स बेनिफिट से अतिरिक्त है| परन्तु 80EEA के तहत टैक्स लाभ लेने की कुछ शर्तें हैं|

धारा 80EEA के तहत टैक्स बेनिफिट के लिए क्या शर्तें हैं?

सेक्शन 80EEA के तहत 1.5 लाख रुपये के अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट के लिए आपको इन शर्तों को पूरा करना होगा|

  1. यह टैक्स बेनिफिट आपको होम लोन के ब्याज के भुगतान पर मिलता है|
  2. आपका होम लोन 1 अप्रैल 2019 और मार्च 31 2020 के बीच में पारित (sanction) हुआ हो|
  3. आपके मकान की कीमत (स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू, Stamp Duty Value) 45 लाख रुपये तक की होनी चाहिए|
  4. लोन लेते समय आपके नाम पर कोई मकान नहीं होना चाहिए|

आप देख सकते हैं की यह नया टैक्स बेनिफिट केवल पहले बार मकान खरीदने वालों के लिए है|

यह टैक्स बेनिफिट केवल आपको FY2020 में ही नहीं मिलेगा| आगे भी मिलता रहेगा| बस आप ऊपर दी गयी शर्तों को पूरा करते हों|

होम लोन के ब्याज के भुगतान पर सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है| यह नया टैक्स बेनिफिट (सेक्शन 80EEA) एक अतिर्कित टैक्स बेनिफिट है|

अगर आप सारी शर्ते पूरी करते हैं, तब आप कुल मिला कर ब्याज के भुगतान पर 3.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

सेक्शन 24 और सेक्शन 80EEA के टैक्स बेनिफिट में क्या अंतर है?

  1. दोनों ही टैक्स बेनिफिट होम लोन के ब्याज के भुगतान पर मिलते हैं|
  2. सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है| सेक्शन 80EEA के तहत आपको 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है|
  3. सेक्शन 24 सभी होम लोन पर मिलता है| सेक्शन 80EEA के तहत केवल कुछ होम लोन ही पात्र हैं| सारी शर्तों के विवरण ऊपर दिया गया है|
  4. सेक्शन 24 के तहत लाभ केवल तभी ले सकते हैं जबकि आपके मकान के निर्माण पूरा हो गया हो या आपको possession मिल गया हो| निर्माणाधीन प्रॉपर्टी के लिए कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है| हालांकि आप निर्माण के समय किये गए ब्याज के भुगतान का बेनिफिट आप 5 बराबर किश्तों (निर्माण पूरा होने के बाद) में ले सकते हैं| सेक्शन 80EEA के टैक्स बेनिफिट के लिए निर्माण पूरा होने की कोई शर्त नहीं है|

पढ़ें: होम लोन के भुगतान पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: टैक्स बचाने के 35 तरीके

सौजन्य: www.PersonalFinancePlan.in

Filed Under: Financial Planning, Loans, Tax Planning Tagged With: सेक्शन 24, सेक्शन 80C, होम लोन टैक्स बेनिफिट, होम लोन पर टैक्स बेनिफिट

वर्ष 2019-2020 की इनकम टैक्स दरें (1 अप्रैल 2019-मार्च 31, 2020)

by दीपेश Leave a Comment

वित्तीय वर्ष 2019-2020 (1 अप्रैल 2019 – मार्च 31, 2020) के लिए टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं|

वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए इनकम टैक्स स्लैब

देखें तो, टैक्स स्लैब में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है| बस टैक्स रिबेट को बढ़ा दिया गया है|

इसका मतलब यह है की अगर आपकी कर योग्य आय (taxable income) 5 लाख रुपये तक है, तब आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा|

कुछ गलतफेहमियाँ भी हैं इस बारे में| अगर आपको लगता है की 5 लाख तक की आय पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, तो यह गलत है| 5% टैक्स स्लैब को हटाया नहीं गया है|

अगर आपकी कर योग्य आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो आपको रिबेट नहीं मिलेगी और आपको 5 लाख रुपये तक की आय पर भी टैक्स देना होगा| सरकार ने बस यह कहा है की अगर आपकी कर योग्य आय 5 लाख रुपये तक है तब आपको rebate मिलेगी कुछ भी टैक्स नहीं देना होगा|

इसको उदाहरणों से समझते हैं|

नए नियम के अनुसार टैक्स कैलकुलेशन के कुछ उदहारण

बजट 2019 में पर्सनल टैक्स से सम्बंधित कुछ और भी अहम् घोषणाएं की गयीं|

स्टैण्डर्ड डिडक्शन के टैक्स लाभ को बढ़ाया गया

स्टैण्डर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को 40,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया है| अगर आप सैलरी पाते हैं (वेतनभोगी हैं) या पेंशनर (pensioner) हैं, तब आप स्टैण्डर्ड डिडक्शन का लाभ ले सकते हैं| यदि self-employed हैं, तब आपको स्टैण्डर्ड डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा|

मकान बेचने पर टैक्स बचाने के लिए अब एक की जगह दो मकान खरीद सकते हैं

अभी तक घर बेचने पर टैक्स बचाने के तरीकों में से एक तरीका था: आप capital gain को एक नया मकान बनाने या खरीदने में उपयोग कर सकते थे| परन्तु आप केवल एक ही ऐसा मकान खरीद सकते थे| अगले वर्ष से (1 अप्रैल 2019 से) आप टैक्स बचाने के लिए दो प्रॉपर्टी तक में निवेश कर सकते हैं|

बस ऐसा करने की दो शर्तें हैं:

  1. मुनाफे की राशि 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए|
  2. आप इस नियम का लाभ (एक की जगह दो नए मकान) पूरे जीवन में केवल एक बार ही कर सकते हैं|

दूसरे मकान के अनुमानित किराए (notional rent) पर आपको टैक्स नहीं देना होगा

मान लिए आपके पास दो मकान हैं (दिल्ली और नॉएडा में) और दोनों में से एक भी मकान किराए पर नहीं है| हालांकि आपका कोई भी मकान किराए पर नहीं है, परन्तु आपको दो में से एक मकान पर notional rent (अनुमानित किराया) मानना होगा और उस पर टैक्स भी देना होगा| अब देखें तो आपको कुछ किराया नहीं मिला, पर आपको टैक्स देना होगा| अगर आप ऐसे नियम से परेशान थे, तब आपके लिए कुछ रहत है|

अगले वर्ष से (1 अप्रैल 2019 से) से अगर आपके पास दो मकान हैं और दोनों ही self-occupied (किराए पर नहीं हैं) हैं, तब आपको notional rent (अनुमानित किराया) पर कर नहीं देना होगा| ध्यान दें अगर आपके पास दो से अधिक मकान हैं, तब आपको तीसरे मकान से अनुमानित किराए पर टैक्स देना होगा| एक बार और, अगर मकान किराए पर है (चाहे आप पास एक घर हैं या दो), फिर तो किराए पर टैक्स देना ही पड़ेगा|

टैक्स-फ्री Gratuity की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गयी

अगर आप किसी कंपनी में 5 वर्ष काम कर लेते हैं, तब आप Gratuity के हक़दार बन जाते हैं| आमतौर पर, यह राशि आपको आपके रिटायरमेंट के समय (या नौकरी छोड़ते समय) दी जाती है| हम लोग Gratuity की गणना में नहीं जायेंगे| अभी तक आप पूरे जीवन में 10 लाख रुपये तक की Gratuity टैक्स-फ्री पा सकते हैं| अगर इससे ज्यादा पायेंगे, तो आपको अतिरिक्त राशि पर टैक्स देना होगा| अब इस सीमा को बढाकर 20 लाख कर दिया गया है|

बैंक और पोस्ट-ऑफिस डिपाजिट पर TDS सीमा को 10,000 से 40,000 रुपये किया गया

अगर आप बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट खोलते हैं, तो अगर आपका ब्याज 10,000 रुपये से अधिक होता है, तो बैंक 10% TDS काट लेता है| टीडीएस कटने से आपकी टैक्स liability पूरी नहीं होती| अगर आप ऊंचे टैक्स ब्रैकेट में आते हैं ,तो आपको अतिरिक्त टैक्स देना होगा| अन्यथा अगर अतिरिक्त टैक्स कट गया है, तब आप टैक्स रिटर्न भरकर पैसा वापिस ले सकते हैं| आप फॉर्म 15G या 15H भरकर टीडीएस काटने से बचा सकते हैं|

अब टीडीएस की सीमा को 10,000 रुपये से बढाकर 40,000 रुपये कर दिया गया है|  देखें तो टैक्स भार में कुछ बदलाव नहीं है| हाँ, अगर आपकी आय टैक्स सीमा से कम है, तो आपको कुछ सहूलियत ज़रूर हो जायेगी|

सीनियर सिटीजन (वरिष्ठ नागरिकों) को बैंक या पोस्ट-ऑफिस डिपाजिट पर 50,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता| 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स भी नहीं देना होता| इसलिए इस नियम से वरिष्ठ नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा|

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजनां की घोषणा

असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए यह एक पेंशन योजना है| 60 वर्ष की आयु से आजीवन 3,000 रुपये तक की पेंशन मिलेगी| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

Filed Under: Tax Planning Tagged With: इनकम टैक्स दरें, इनकम टैक्स स्लैब

NPS vs. PPF: कौन है बेहतर और किस में करें निवेश?

Last updated: जनवरी 17, 2019 | by दीपेश 10 Comments

अगर आपको NPS (National Pension Scheme या राष्ट्रीय पेंशन योजना) और PPF (Public Provident Fund या पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड)  में से एक का चुनाव करके उसमें निवेश करना हो,  तो आप क्या करेंगे?

आप NPS में निवेश करेंगे या PPF में?

यह करने के लिए NPS और PPF के बारें में बारीकी से जानना ज़रूरी है |

आइये देखते हैं NPS और PPF में से किसमें निवेश करना आपके लिए लाभकारी होगा |

PPF vs. NPS (पीपीएफ vs. एनपीएस)

NPS vs PPF PPF vs NPS hindi एनपीएस पीपीएफ निवेश

जानिये क्या हैं NPS में निवेश करने के टैक्स बेनेफिट्स

आपको क्या करना चाहिए? NPS या PPF?

मुझे PPF बेहतर लगता है|

इस बात की कई वजह हैं|

PPF एक debt प्रोडक्ट के हिसाब से बहुत अच्छे रिटर्न्स देता है | रिटर्न्स पर कोई टैक्स भी नहीं देना होता |

हालांकि अगर आप लम्बे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको equity प्रोडक्ट्स में भी निवेश करना चाहिए |

परन्तु इसका मतलब ये नहीं की आप NPS में निवेश करें | इक्विटी (equity) में निवेश करने के और भी तरीके हैं | जैसे की आप म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं |

NPS में कई बंधन हैं | आप रिटायरमेंट से पहले पैसा नहीं निकाल सकते | अगर निकालते हैं, तो 80% राशि से Annuity प्लान खरीदना होगा | रिटायरमेंट के बाद कुछ टैक्स भी देना पड़ सकता है |

परन्तु NPS जो टैक्स बेनिफिट देता है, उसको भी नज़रन्दाज़ न करें |

मैं यह भी कहना चाहूँगा की आपको केवल टैक्स बचाने के लिए लिए निवेश नहीं करना चाहिए|

मेरे विचार से NPS में 50 हज़ार से ज्यादा निवेश न करें क्योंकि NPS का जो exclusive टैक्स बेनिफिट है वह केवल 50,000 रुपये तक ही है | इसमें भी यह उन लोगों के लिए ज्यादा लाभकारी होगा जो की 30% टैक्स ब्रेकिट में आते हैं|

NPS में केवल अपने रिटायरमेंट के लिए ही निवेश करें | किसी और गोल के लिए निवेश न करें क्योंकि आप अपना इन्वेस्टमेंट रिटायरमेंट से पहले निकाल नहीं सकते|

हालांकि PPF में से आप रिटायरमेंट से पहले भी अपनी जमा राशि निकाल सकते हैं, बेहतर होगा की आप PPF को अपने रिटायरमेंट के लिए बचा कर रखें|

PPF में आप एक साल में 1.5 लाख से ज्यादा निवेश नहीं कर सकते| और NPS में ५० हज़ार से ज्यादा करना नहीं चाहिए| इसका मतलब यह हुआ की आप NPS और PPF में 2 लाख से ज्यादा का निवेश नहीं कर सकते (आपको नहीं करना चाहिए)|

तो अगर आपको 2 लाख से ज्यादा निवेश करना है, तो आपको NPS और PPF के परे देखना होगा| आपको इनमें से किसी एक का ही चुनाव नहीं करना | आप दोनों में निवेश कर सकते हैं|

मेरा मतलब यह नहीं है की आप अगर 2 लाख तक निवेश कर सकते हों, तो केवल NPS और PPF में ही निवेश करें| अपने पोर्टफोलियो को diversify करें | अपने पोर्टफोलियो में विविधता लायें|

अपने इन्वेस्टमेंट्स को NPS और PPF तक सीमित न करें | इनके परे भी देखें |

खासकर अगर आपका रिटायरमेंट में अगर अभी काफी समय है तो, equity म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करना पर ज़रूर विचार करें|

Filed Under: NPS, PPF, Tax Planning Tagged With: National Pension Scheme, NPS, PPF, Public Provident Fund

घर या मकान बेचने पर कैसे बचाएं टैक्स?

by दीपेश Leave a Comment

बहुत से लोग निवेश के लिए मकान खरीदते हैं| निवेश के अलावा भी किसी कारण आपको मकान को बेचना पड़ सकता है| किसी मकान या घर को बेचने पर आपको अगर मुनाफा हुआ है, तब आपको उस मुनाफे पर टैक्स देना होगा|

आज चर्चा करेंगे की कैसे आप मकान बेचने पर होने वाले मुनाफे पर टैक्स बचा सकते हैं| How to save tax on sale of house?

आप सभी प्रकार की मुनाफे पर टैक्स नहीं बचा सकते

अगर आप अपने घर या मकान को 2 वर्ष से पहले बेचते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो इस मुनाफे को short-term capital gain (शोर्ट-टर्म कैपिटल गेन) माना जाएगा| ऐसे मुनाफे पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा| इस तरह को मुनाफे को बचाने का कोई तरीका नहीं है| आपको टैक्स देना ही होगा|

अगर आप अपने मकान को 2 वर्ष के बाद बेचते हैं और आपको मुनाफा होता है,तो ऐसे मुनाफे को long term capital gain माना जाएगा| ऐसे मुनाफे पर आपको 20% टैक्स देना होगा|ध्यान दें मुनाफे की गणना करते समय आपको indexation का लाभ मिलेगा| Long Term Capital Gains on sale of house taxed at 20% after indexation| अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स बचाया जा सकता है| आईये जानते हैं कैसे|

घर या मकान को बेचने पर होने वाले पर 2 तरीके से टैक्स बचाए जा सकता है|

#1 पहला तरीका: दूसरा मकान खरीदने पर (Section 54)

आप जितना भी मुनाफा हुआ है,

  1. उसको मकान बेचने के एक वर्ष पहले या दो वर्ष बाद तक आपने कोई मकान खरीदा है, तो आपको टैक्स से छूठ मिल सकती है| Purchase a new house within one year before or within 2 years after the date of sale of the old house
  2. उस मुनाफे से अगर आपने मकान बेचने के 3 वर्ष के भीतर नया मकान बना लिया है, तब भी आपको टैक्स से छूठ मिल सकती है| Construct a new house within 3 years from the date of sale of the old house

एक उदहारण से समझते हैं|

मान लिए आपने मकान बेचा है और आपको 20 लाख रुपये का मुनाफा (long term capital gain after indexation) होता है|

अगर आपने मकान बेचने से एक वर्ष पहले या दो वर्ष बाद तक कोई मकान खरीदा है (या बेचने के 3 वर्ष के भीतर नया घर बनाया है), तो आपको टैक्स में कुछ छूठ मिल सकती है|

अगर आपने नया घर 30 लाख रुपये का खरीदा है, तो आपको मुनाफे (20 लाख) के किसी भी हिस्से पर टैक्स नहीं देना होगा|

अगर आपके घर 15 लाख रुपये का खरीदा है, तो आपको 15 लाख रुपये के मुनाफे पर छूठ मिलेगी| बचे हुए 5 लाख रुपये के मुनाफे (20 लाख – 15 लाख) पर 20% टैक्स देना होगा|

इन बातों का रखें ख्याल

  1. आप नए मकान को 3 वर्ष से पहले नहीं बेच सकते| अगर बेचते हैं,तो टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|
  2. आपके मकान खरीदने या बनाने के लिए 2 या 3 वर्ष का समय है|परन्तु अगर आप वित्तीय वर्ष की रिटर्न भरने की तारिख तक मकान खरीद या बना नहीं पाते, तो आपको मुनाफे को कैपिटल गेन्स अकाउंट (Capital gains account) में जमा करना होगा| यह अकाउंट आप किसी भी सरकारी बैंक में खोल सकते हैं| स्टेट बैंक की वेबसाइट पर अधिक जानकारी पाईए|
  3. मान लिए आपने 15 नवम्बर 2018 (FY2019) को मकान बेचा है| FY2019 के रिटर्न भरने की आखरी तारिख 31 July 2019 है| अगर आप जुलाई 31 2019 तक नया मकान खरीद या बना नहीं पाते और टैक्स बेनिफिट लेना चाहते हैं, तब आपको यह पैसा capital gains account में जमा करना होगा|घर बनाने या खरीदने के लिएआप यह पैसा निकाल सकते हैं|

#2 दूसरा तरीका (NHAI or REC के बांड खरीद कर) (Section 54 EC)

आप मकान बेचने पर हुए Long term capital gain को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) या रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कंपनी (REC) के बांड खरीद कर भी बचा सकते हैं| इन बांड्स को कैपिटल गेन बांड भी कहा जाता है|

इन बातों का रखें ख्याल

  • आपको मकान बेचने के 6 महीने के भीतर इन बांड में निवेश करना होगा|
  • ध्यान दें इन बांड में 5 वर्ष का लॉक-इन होगा| इसका मतलब आप इन बांड से 5 वर्ष से पहले पैसा नहीं निकाल सकते|
  • आप इन बांड में प्रति वित्तीय वर्ष 50 लाख रुपये से ज्यादा निवेश नहीं कर सकते|
  • आपको इन बांड पर ब्याज भी मिलेगा| ब्याज बदलता रहता है| आप 5-6% p.a. के ब्याज की उम्मीद कर सकते हैं| ब्याज पर आपको टैक्सदेना होगा| अधिक जानकारी के लिए NHAI और REC की वेबसाइट पर जाएँ|

Source: www.PersonalFinancePlan.in

पढ़ें: इनकम टैक्स बचाने के 35 तरीके

Filed Under: Tax Planning, बिना श्रेणी Tagged With: save tax, taxes, इनकम टैक्स बचत, घर बेचने पर टैक्स कैसे बचाएँ, टैक्स कैसे बचाएं, टैक्स बचत के तरीके

2019-2020 में इनकम टैक्स बचाने के 35 तरीकें (35 ways to save Income Tax)

Last updated: सितम्बर 24, 2019 | by दीपेश 1 Comment

इनकम टैक्स बचाने के कई तरीके होते है| कुछ प्रकार की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही कुछ प्रकार की खर्चों या निवेश करके आप टैक्स बचा सकते हैं|

आप इनकम टैक्स बचत के तरीकों को 5 हिस्सों में बाँट सकते हैं|

  1. ऐसी आय जिस पर आपको टैक्स नहीं देना होता (Exempt Income)
  2. धारा 80C के तहत टैक्स लाभ (Section 80C tax benefit)
  3. धारा 80D के तहत टैक्स लाभ (Health Insurance and Health Checkup)
  4. सीनियर सिटीजन के लिए स्पेशल टैक्स बेनिफिट
  5. अन्य टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट होता है?



ऐसी आय जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता (Exempt Income)

#1 40,000 रुपये तक का स्टैण्डर्ड डिडक्शन (Standard Deduction up to Rs. 40,000)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो प्रति वर्ष आप 40,000 रुपये का टैक्स बेनिफिट ऐसे ही पा सकते हैं| आपको कोई भी प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है|

अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और पेंशन पाते हैं, तब भी आप Standard Deduction का लाभ ले सकते हैं|

परन्तु अगर आप self-employed हैं, तब आपको कोई टैक्स लाभ नहीं मिलेगा|


#2 PPF/EPF/टैक्स-फ्री बांड पर मिलने वाला ब्याज

PPF, EPF या टैक्स-फ्री बांड पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता|


#3 बचत बैंक खाते पर ब्याज (Interest Income on Savings Bank Account) (Section 80 TTA)

बचत खाते पर मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर आपको टैक्स नहीं देना होता| Interest on Savings Accounts exempt up to Rs. 10,000 per financial year

अगर आपने एक वित्तीय वर्ष में सभी बचत खातों में मिलाकर 10,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तब अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों पर है|

ध्यान दें इस धारा के तहत टैक्स बेनिफिट केवल बचत खातों (सेविंग्स अकाउंट) पर मिलने वाले ब्याज पर है| फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर सेक्शन 80TTA के तहत कोई छूठ नहीं है|

अगर आपकी आयु 60 वर्ष से ज्यादा है (सीनियर सिटीजन), तब आप धारा 80TTA के तहत लाभ नहीं उठा सकते| ऐसा इसलिए क्योंकि सीनियर सिटीजन को धारा 80TTB के तहत अधिक टैक्स लाभ मिलता है|

 


#4 वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए 50,000 रुपये तक का ब्याज (Section 80 TTB)

इस सेक्शन के तहत टैक्स बेनिफिट केवल सीनियर सिटीजन या वरिष्ठ नागरिकों के लिए है|

60 वर्ष से कम आयु के लोग धारा 80TTB का लाभ नहीं उठा सकते|

आपको सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपाजिट पर 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| Interest on Savings Account and Fixed Deposit exempt up to Rs. 50,000 per financial year for senior citizens

अगर आपने 50,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तो अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों या फिक्स्ड डिपाजिट पर है|

अगर आपने किसी कंपनी के फिक्स्ड डिपाजिट या debenture में निवेश किया है, तो उसके ब्याज पर आपको कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

section 80TTA 80TTB tax benefit टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: Section 80TTA और 80TTB: ब्याज पर पाएं टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: सीनियर सिटीजन को मिलने वाले 7 स्पेशल टैक्स बेनिफिट


#5 50,000 रुपये प्रति वर्ष तक का गिफ्ट

आपको प्रति वर्ष 50,000 रुपये तक के गिफ्ट पर टैक्स नहीं देना होता|

अगर आपको 50,000 रुपये से अधिक का गिफ्ट मिल है, तो अतिरिक्त राशि पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होता है|

इन तीन स्तिथियों में आप पर 50,000 रुपये प्रति वर्ष की सीमा नहीं लगेगी:

  1. अगर आपको यह गिफ्ट किसी करीबी रिश्तेदार से मिला है|
  2. शादी के समय मिला है|
  3. किसी की मृत्यु के बाद inheritance (विरासत) में मिला है|

#6 अगर नौकरी करते हैं और HRA पाते हैं, तो मकान के किराए पर टैक्स बेनिफिट (HRA)

यदि आप नौकरी करते हैं, तो आप इस बारे में शायद पहले से ही काफी जानते हों।

HRA आपके वेतन का एक हिस्सा होता है| आप अपनी सैलरी स्लिप पढ़ कर इस बारे में जान सकते हैं|

एचआरए पर टैक्स बेनिफिट धारा 10 (13A) और आयकर अधिनियम के नियम 2A के तहत मिलता है।

ध्यान दें पूरा HRA टैक्स-मुक्त नहीं होता है| कुछ ही हिस्से पर छूट मिलती है|

आईये देखते हैं, कैसे गणना की जाती है आपको मिलने वाली टैक्स छूठ की|

पहले इन तीन संख्यायों का पता लगायें|

  1. House Rent Allowance(HRA या मकान किराया भत्ता)
  2. Rent – 10% of Basic Salary(किराया – मूल वेतन का 10%)
  3. 40% of Basic Salary. If you are staying in a metro city, 50% of Basic Salary(मूल वेतन का 40%), यदि आप मेट्रो शहर (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रह रहे हैं तो सीमा 50% मूल वेतन है)

इन तीन संख्यायों में जो सबसे कम है, उस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है|

पढ़ें: मकान के किराए पर भी आप कर सकते हैं टैक्स बचत


#7 Leave Travel Allowance (LTA)

यही भी आप तभी ले सकते हैं, जब की आप सैलरी पाते हों और आपकी सैलरी में आपको LTA मिलता हो|

अगर आप देश के अन्दर अपने परिवार के साथ भ्रमण (travel) करते हैं, तो वह खर्चा आपके लिए टैक्स-फ्री हो जाएगा| इसका मतलब LTA का कुछ हिस्सा (आपके खर्चे के बराबर) टैक्स-fee हो जाता है|

ध्यान दें LTA का फायदा आप 4 वर्ष में केवल 2 बार ले सकते हैं|

अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ें|



धारा 80D के तहत टैक्स लाभ

(Health Insurance and Health Checkup)

#8 स्वास्थ्य बीमा और निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए प्रीमियम (सेक्शन 80D) (Health Insurance and Health Check-up)

अपने, पति / पत्नी और बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और हेल्थ चेक-अप के लिए 25,000 रुपये प्रति वर्ष। अगर आप या आपके पति/पत्नी 60 वर्ष से अधिक हैं, तो यह सीमा 50,000 रुपये है|

माता-पिता के लिए स्वास्थ्य जांच और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और के लिए 25,000 रुपये प्रति वर्ष। अगर माता-पिता में से किसी की आयु 60 वर्ष से अधिक है, तो सीमा बढ़ कर 50,000 रुपये हो जाती है|

health insurance tax benefit FY2019 हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट FY2019

#9 अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल व्यय (> = 80 वर्ष) (धारा 80D)

#10 गंभीर बीमारी के लिए उपचार लागत (सेक्शन 80DDB)

#11 आश्रित विकलांग परिजन की चिकित्सा के लिए खर्चा (धारा 80DD)

#12 विकलांग व्यक्ति के मामले में कटौती (धारा 80U)

इन सभी टैक्स बचत के तरीकों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट



सीनियर सिटीजन के लिए स्पेशल टैक्स बेनिफिट

कुछ टैक्स बेनिफिट केवल सीनियर सिटीजन को ही मिलते हैं| जैसे की मैंने ऊपर सेक्शन 80TTB के बारे में चर्चा करी है| साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 50,000 रुपये तक की छूठ मिलती है|

इसके अलावा अगर Reverse Mortgage Loan लिया है, तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाले स्पेशल टैक्स बेनिफिट के बारे में जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|



धारा 80C के तहत टैक्स लाभ (Section 80C tax benefit)

धारा 80 C  के योग्य योग निवेश उत्पादों में निवेश कर आप अपनी कर योग्य आय को 1.5 लाख तक से घटा सकते हैं। 30% टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए इस मतलब है 46,350 रुपये की बचत|

कृपया ध्यान दें कि आप प्रति वर्ष 80 C उत्पादों में 1.5 लाख से अधिक भी निवेश कर सकते हैं। परन्तु कर लाभ केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा।

उदाहरण के लिए, आपने पीपीएफ में 50,000 रुपये, ईपीएफ में 60,000 रुपये और ईएलएसएस में 1 लाख रुपये का निवेश किया है। हालांकि कुल निवेश 2.1 लाख रुपये है, धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा

आमतौर पर, सभी धारा 80 C  के सभी टैक्स बचत के तरीकों में  लॉक-इन होता है। इसका मतलब कुछ समय तक आपका पैसा अटक जाता है|


#13 पीपीएफ (Public Provident Fund or PPF)

आप अपने, पति/पत्नी या बच्चों के PPF खातों में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है|

माता-पिता या भाई-बहनों के पीपीएफ खाते में निवेश करने पर कोई टैक्स बचत नहीं होती।

पीपीएफ खाता खोलने वाले वित्तीय वर्ष के अंत से 15 वर्षों में परिपक्व होता है| इसलिए, पहले वर्ष का निवेश 15 साल के लिए लॉक हो जाएगा, दूसरे वर्ष का निवेश 14 साल के लिए लॉक हो जाएगा।

पीपीएफ खाता परिपक्व होने पर पांच वर्षों के ब्लाक में खाते की अवधि बढ़ा सकते हैं|

पढ़ें: पीपीएफ खाते के बैर में पूरी जानकारी

पीपीएफ खाते से मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता|

वित्त मंत्रालय हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है। अभी ब्याज दर 8% p.a. हो गयी है|  (November 6, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है| नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

पढ़ें: PPF में interest (ब्याज) कैसे कैलकुलेट होता है?


#14 कर्मचारी भविष्य निधि / स्वैच्छिक भविष्य निधि (Employee Provident Fund / Voluntary Provident Fund)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो शायद इसमें आप पहले से ही निवेश कर रहे हैं| राशि स्वचालित रूप (automatically) से आपके वेतन से काट ली जाती है और ईपीएफ (EPF) में निवेश की जाती है। आप अपनी सैलरी स्लिप की जांच कर सकते हैं कि आप प्रति माह कितना ईपीएफ में निवेश कर रहे है |

एक बात और, अगर आप नौकरी कर रहे हैं, तो शायद आपका EPF में पहले से ही योगदान जा रहा हो| अब क्योंकि ईपीएफ में निवेश करने पर Section 80C के तहत लाभ मिलता है, तो कुछ निवेश तो आपका पहले ही अपने आप हो चुका है| 1.5 लाख की टैक्स सीमा तक पहुचने के लिए आपको केवल बची हुई राशि ही निवेश करनी है| आप बाद में शेष निवेशों की योजना बना सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि केवल आपका योगदान ही धारा 80 सी के तहत कर लाभ के योग्य है। आपके एम्प्लायर द्वारा आपके EPF में योगदान पर धारा 80C के तहत लाभ नहीं मिलता| आप अपने अनिवार्य ईपीएफ योगदान से अधिक योगदान भी कर सकते हैं। यह योगदान (वीपीएफ) धारा 80 सी के तहत टैक्स बचत के योग्य है।



#15 इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस or ELSS)

ELSS एक प्रकार के इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड होते हैं और निवेश करने पर 3 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है| काफी लोग ईएलएसएस को tax-saving mutual fund के नाम से जानते हैं।

ध्यान दे, प्रत्येक निवेश पर 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।

भले ही आप SIP  (सिस्टममैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश कर रहे हों, लेकिन SIP  की प्रत्येक किश्त को 3 साल तक लॉक कर दिया जाएगा। यदि पहली किश्त 15 जनवरी 2018 की है, तो इस किश्त से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 जनवरी 2021 तक खरीदे गए यूनिट्स  को नहीं बेच सकते हैं। दूसरी किस्त (15 फरवरी, 2018) से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 फरवरी, 2021 तक नहीं बेच सकते|

पढ़ें: ईएलएसएस (ELSS) के बारे में कुछ दिलचस्प बातें

पढ़ें: PPF vs. ELSS: किसमें करें निवेश?

family insurance plan


#16 टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance)

टर्म लाइफ इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदना का सबसे अच्छा तरीका है|

एक टर्म कवर के साथ आप कम लागत पर काफी अधिक कवर खरीद सकते हैं। अगर आपको कभी कुछ हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में यह राशि आपके परिवार के काफी काम आएगी|

आपके पास हमेशा पर्याप्त जीवन बीमा होना चाहिए।

स्वस्थ 30 वर्षीय पुरुष के लिए 1 करोड़ रुपये के कवर के लिए वार्षिक प्रीमियम लगभग 7,000-10,000 होगा।

ध्यान दें टैक्स बेनिफिट लेने की लिए आपको हर वर्ष नया प्लान लेने की आवश्यकता नहीं है| आपका रिन्यूअल (renewal) प्रीमियम (जो आप पालिसी चालू रखें के लिए हर वर्ष देते हैं) भी धारा 80C के तहत योग्य है|

पढ़ें: 5 बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान


#17 यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, Unit Linked Insurance Plans (ULIPs)

यूलिप जीवन बीमा योजनाओं का एक रूप है, जिसमें निवेश का लाभ भी मिलता है। प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन कवर प्रदान करने की ओर जाता है, जबकि बचा हुआ हिस्सा आपके इच्छा के अनुसार फण्ड में निवेश कर दिया जाता है। पूरे प्रीमियम पर धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।

पांच साल का लॉक-इन होता है| इसका मतलब है कि आप पॉलिसी के प्रारंभ होने की तारीख से पांच साल तक अपना पैसा नहीं ले सकते। इसलिए, आपका पहला वार्षिक प्रीमियम 5 साल के लिए लॉक-इन किया जाएगा, दूसरा प्रीमियम 4 साल के लिए। छठी  किश्त से कोई लॉक-इन नहीं है ।

ध्यान से आप पांचवे वर्ष के अंत तक किसी भी तरह से पैसे नहीं निकाल सकते, भले ही आप अपनी पालिसी को बंद कर दें|

धारा 80 सी के अनुसार, यदि आप लगातार 5 वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो धारा 80 सी के तहत मिले टैक्स लाभ को वापिस ले लिए जाएगा।

पढ़ें: म्यूच्यूअल फण्ड और यूलिप में क्या अंतर है?


#18 पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएं / मनी बैक योजनाएं (Traditional Life Insurance Plan)

मेरे अनुसार ऐसे प्लान से दूर ही रहे| ऐसे प्लान में जीवन बीमा भी कम मिलता है और रिटर्न भी कम होते हैं|यदि आप दो साल के लिए प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो कर लाभ रिवर्स (reverse) कर दिया जाएगा।

पढ़ें: एलआईसी न्यू जीवन आनंद के बारे में पूरी जानकारी

जीवन बीमा पॉलिसियों के बारे में एक बात पर ध्यान दें: यह बात यूलिप और ट्रेडिशनअल इंश्योरेंस प्लान पर भी लागू होती है। बीमित रकम (Sum Assured) के 10% से अधिक वार्षिक प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य नहीं है। यह अप्रैल 1, 2012 के बाद खरीदी गई नीतियों के लिए है।

इसके अतिरिक्त, केवल स्वयं, पति या पत्नी और बच्चों के लिए जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट दिलाएगा। माता-पिता और भाई-बहनों के जीवन बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है।


#19 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट (5-year Tax Saving Fixed Deposit)

आम तौर पर टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (tax saver fixed deposit) के रूप में जाना जाता है।

इस फिक्स्ड डिपाजिट की अवधि 5 वर्ष होती है| इसका मतलब आप पांच साल से पहले इस जमा राशि को नहीं निकाल सकते। मिलने वाले ब्याज पर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के लिए ELSS और 5-वर्षीय फिक्स्ड डिपाजिट में किसमें करें निवेश?


#20 डाकघर 5-वर्षीय डिपॉज़िट (Post Office 5 year Time Deposit)

यह 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट के समान है । यदि 5 साल के अंदर जमा (टूटी हुई) वापस ले लिया जाता है तो कर लाभ वापस कर दिया जाएगा। ऐसे डिपाजिट के लिए ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही (every quarter) घोषणा की जाती है।

ध्यान दे, जो डिपाजिट खोलते समय ब्याज दर है, वही आपको पूरे 5 साल मिलती है| ब्याज दर मिएँ बदलाव का आपके पुराने डिपाजिट पर नहीं पड़ता|

अभी यह दर  7.8% p.a. है|(November 6, 2018) ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#21 राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, National Savings Certificate (NSC)

परिपक्वता (5 वर्ष या 10 वर्ष) से पहले कोई भुगतान नहीं है । समय से पहले पैसे वापसी की अनुमति नहीं है ।

ब्याज कर योग्य है हालांकि, अर्जित ब्याज NSC में निवेश समझा जाता है और धारा 80 सी के तहत टैक्स लाभ का पात्र है|

इसका मतलब प्रत्येक वर्ष के ब्याज को एनएससी में निवेश माना जाता है।

वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है|

अभी एनएससी की ब्याज दर (NSC Interest Rate) 8% p.a. हो गयी है। (November, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#22 वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)

केवल वरिष्ठ नागरिक ही इस योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं। खाता 5 वर्षों में परिपक्व होता है। आंशिक वापसी (partial withdrawal) की अनुमति नहीं है । हालांकि, आप कुछ जुर्माना देकर अकाउंट को 5 वर्ष से पहले  बंद कर सकते हैं। समयपूर्व बंद होने के मामले में टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे।

हर तिमाही वित्त मंत्रालय द्वारा ब्याज दर अधिसूचित की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.7% p.a. चल रही है| (November, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में पूरी जानकारी


#23 होम लोन पर प्रिंसिपल रीपेमेंट (Home Loan Principal Repayment)

अगर आपने होम लोन लिया है, तो उस लोन पर principal का भुगतान भी सेक्शन 80C के तहत लाभ के योग्य है|

ध्यान दें आप एक निर्माणाधीन प्रॉपर्टी (under-construction property) के लिए प्रिंसिपल के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते| घर का निर्माण पूर्ण होने के बाद ही आप कटौती का लाभ उठा सकते हैं ।

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए भी पात्र हैं। हालांकि, इस तरह के शुल्क के भुगतान के लिए कर लाभ केवल उस वर्ष में लिया जा सकता है जब आप भुगतान करते हैं।

एक बात और, जिसवर्ष आपको घर का possession मिलता है, उस वित्तीय वर्ष के अंत से 5 साल के भीतर अगर आप घर बेचते हैं, तो आपको मिले टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|

पढ़ें: होम लोन के भुगतान पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट (Home Loan Repayment Tax Benefit)


#24 आपके घर की स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क (धारा 80C) (Stamp Duty and Registration Fee)

होम लोन के मूल भुगतान (principal repayment) पर सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स लाभ मिलता है| इस बात से सभी लोग अवगत हैं|

पर क्या आप जानते हैं की आप अपने घर लेते समय स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर भी धारा 80C के अंतर्गत आप लाभ ले सकते हैं|

एक बात और, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट लेने के लिए आपको होम लोन लेने की ज़रुरत नहीं है| होम लोन लिए बिना भी आप इस भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| ऐसे व्यय पर टैक्स बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जिस साल आपने यह भुगतान किया हो|


#25 दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस (सेक्शन 80C)

आप दो बच्चों तक के लिए ट्यूशन फीस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। यदि आपके पास दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप किसी भी दो के लिए दावा कर सकते हैं। भारत में स्थित विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान को फीस का भुगतान किया जाना चाहिए था।

बेनिफिट केवल पूर्णकालिक शिक्षा (full-time education)के लिए भी उपलब्ध है। निजी ट्यूशन, कोचिंग क्लास या किसी अंशकालिक कोर्स के लिए खर्च पात्र नहीं हैं।

अपनी शिक्षा या पति / पत्नी की शिक्षा के लिए खर्च भी टैक्स बेनिफिट के लिए पात्र नहीं है।emi calculator


#26 सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana Account)

अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो आप अपनी बेटी के लिए यह खाता खोल सकते हैं। खाता 21 वर्ष बाद परिपक्व होगा| आप बेटी की शादी या पढाई के लिए भी पैसा निकाल सकते हैं|

अर्जित ब्याज कर योग्य नहीं है । परिपक्वता राशि भी कर-मुक्त है।

ब्याज दर की घोषणा हर तिमाही पर की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.5% p.a. है| (November 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में पूरी जानकारी


#27 बीमा कंपनियों से पेंशन योजनाएं (धारा 80 CCC)

बीमा कंपनियों से पेंशन / वार्षिकी योजनाओं में निवेश के लिए आप प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख तक का लाभ ले सकते हैं।

यदि आप परिपक्वता से पहले पेंशन योजनाओं को सरेंडर करते हैं, तो मिलने वाली राशि को उस वर्ष की आयमाना जाएगा और आपको उस पर टैक्स देना होगा।

कृपया ध्यान दें कि धारा 80C और धारा 80 CCC के तहत कुल मिलाकर टैक्स बेनिफिट 1.5 लाख से अधिक नहीं हो सकता।

पढ़ें: LIC जीवन शान्ति: एक बार प्रीमियम, पूरे जीवन पेंशन



अन्य टैक्स बेनिफिट

#28 एनपीएस में निवेश की गई राशि (Investment in NPS under Section 80CCD)

एनपीएस में निवेश करने पर आपको Section 80CCD के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है| साथ ही अगर आपका एम्प्लायर आपके एनपीएस खाते में पैसे जमा करता है, तो आपको उसके लिए भी टैक्स बेनिफिट मिलता है|

Section 80CCD(1): 1.5 लाख रुपये तक (यह  धारा 80C के तहत मिलने वाले लाभ के अन्दर ही आता है)| आपके योगदान के लिए| ध्यान दें धारा 80CCD(1) के तहत टैक्स बेनिफिट Section 80C की 1.5 लाख रुपये की लिमिट के अन्दर ही आता है|

Section 80CCD(1B): 50,000 रुपये तक (यह कर लाभ अतिरिक्त है)| आपके योगदान के लिए|

Section 80CCD(2): यह आपके एम्प्लायर के आपके एनपीएस खाते में योगदान पर मिलता है|

एनपीएस के टैक्स बेनिफिट की अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

पढ़ें: एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट


#29 अटल पेंशन योजना में निवेश (Section 80 CCD)

एनपीएस के तरह अटल पेंशन योजना में भी निवेश करने पर आपको धारा 80CCD के तहत टैक्स लाभ मिलता है|

अटल पेंशन योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|


#30 मकान के किराए पर Section 80GG के तहत कर लाभ

अब HRA पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट से तो कर कोई अवगत है| साथ ही यह टैक्स बेनिफिट आपको आपका एम्प्लायर अपने आप ही दे देता है|

पर अगर आपको HRA नहीं मिलता है या फिर आप self-employed हैं, तब भी आप कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

धारा 80GG के तहत कटौती का लाभ ( 5,000 रुपये प्रति माह, कुल आय का 25%, किराया – वार्षिक आय का 10%) में से सबसे कम राशि तक सीमित है| टैक्स लाभ लेने से पहले आपको कई शर्तों को पूरा करना होगा|

HRA से मिलने वाले टैक्स बेनिफिट की गणना कैसे की जाती है और धारा 80GG के तहत टैक्स बेनिफिट लेने की क्या शर्तें हैं, इस बारे में मैंने विस्तार से जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|


#31 शिक्षा ऋण पर ब्याज (धारा 80E) (Interest on Education Loan)

आप उच्च शिक्षा के लिए लोन के पूरे ब्याज का भुगतान पर धारा 80E के तहत टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| ब्याज की कोई सीमा नहीं है| जितना ब्याज होगा, आपको उतना टैक्स बेनिफिट मिलेगा|

ध्यान दें केवल ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| मूल राशि (principal repayment) के भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है|

आप अपनी, पति/पत्नी, बच्चों (या किसी भी व्यक्ति जिसके लिए आप कानूनी संरक्षक हैं) की उच्च शिक्षा के लोन के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते है|

उच्च शिक्षा का मतलब है वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा (Senior Secondary Examination) उत्तीर्ण करने के बाद की पढ़ाई।

यह टैक्स बेनिफिट आपको उस वर्ष से मिलता है, जब आप इस शिक्षा लोन को चुकाना शुरू करते हैं| यह टैक्स लाभ आप 8 वर्ष तक उठा सकते हैं|

शिक्षा लोन पर मिलने वाले टैक्स लाभ के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|


#32 होम लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट (Home Loan Interest Payment under Section 24)

होम लोन के ब्याज के भुगतान पर आपको 2 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है| अगर आपने एक वर्ष में 2 लाख से अधिक की ब्याज भुगतान किया है, तो अतिरिक्त राशि पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता|

ध्यान दें यह टैक्स बेनिफिट आपको तभी मिलेगा जब आपको आपके घर का possession मिल गया हो|

मकान के निर्माण पूरा होने से पहले (या possession मिलने से पहले) किये गए ब्याज के भुगतान को आप जोड़ सकते हैं और अगले 5 साल (घर का निर्माण पूरा होने के बाद) तक बराबर किश्तों में टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| पर ध्यान दें, कुल मिला कर एक वित्तीय वर्ष में टैक्स बेनिफिट 2 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकता|

अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|


#33 घर की मरम्मत और रखरखाव के लिए लिए गए लोन पर ब्याज (धारा 24) (Interest on Loan taken for repair and maintenance of house)

आपको पता है की आपने घर खरीदने या बनाने के लिए जो होम लोन लिया है, उसके ब्याज के भुगतान पर आपको वर्ष में 2 लाख रुपये तक की छूठ मिलती है (धारा 24 के तहत)|  

पर क्या आप जानते है की आपको यह छूठ अपने मकान की मरम्मत (repair) और रखरखाव (maintenance) के लिए लिए गए लोन पर भी मिलती है| ऐसे किसी लोन पर आप एक वित्तीय वर्ष में 30,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| यह लाभ भी धारा 24 के तहत ही है|


#34 बच्चों की इनकम पर 1,500 रुपये तक (Income of Minor children under Section 10(32))

अगर आपने बच्चों के नाम पर निवेश किया है और उससे कुछ आय होती है, तो वह आय 1,500 रुपये तक टैक्स-फ्री होगी|

अगर आपने दो बच्चों के नाम पर निवेश किया है, तो निवेश से होनी वाली आय पर कुल मिला कर 3,000 रुपये तक की छूठ ले सकते हैं| हर बच्चे के लिए 1,500 रुपये|


#35 सामजिक कार्यों के लिए प्रतिदान (धारा 80G) (Donation for Social Causes)

आपके द्वारा दी गयी कई तरह की डोनेशन धारा 80 जी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं| आपकी दान राशि के 50% या 100% तक की राशि पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है| कुछ तरह के दान पर टैक्स लाभ की सीमा (cap) है और कुछ पर नहीं है| यह इस बात पर निर्भर करता है की आप कहाँ पैसे का दान कर रहे हैं| एक बात और, अगर आप नकद में दान (डोनेशन) देते हैं, तो इस लाभ की सीमा 10,000 रुपये हैं|

इनकम टैक्स कैसे बचाएँ टैक्स बचत के तरीके

एक बात और, निवेश के फैसले को कभी भी सिर्फ टैक्स बेनिफिट से प्रेरित नहीं होना चाहिए। केवल टैक्स बचाने के लिए निवेश न करें| वह निवेश करें जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त है। अगर टैक्स बेनिफिट मिलता है, तो सोने पे सुहागा| किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एक्सपर्ट से भी सलाह लें|

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सेक्शन 80TTA और 80TTB: ब्याज पर पाएं टैक्स बेनिफिट

Last updated: अक्टूबर 1, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

अगर आप अपना पैसा बचत खाते (savings बैंक अकाउंट) या बैंक फिक्स्ड डिपाजिट में रखते हैं, तो आपको सेक्शन 80TTA और सेक्शन 80TTB के तहत मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में पता होना चाहिए|

आईये जानते हैं सेक्शन 80TTA और सेक्शन 80TTB के तहत मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में विस्तार से|

सेक्शन 80TTA का टैक्स बेनिफिट

बचत खाते पर मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर आपको टैक्स नहीं देना होता| Interest on Savings Accounts exempt up to Rs. 10,000 per financial year

अगर आपने एक वित्तीय वर्ष में सभी बचत खातों में मिलाकर 10,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तब अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों पर है|

ध्यान दें इस धारा के तहत टैक्स बेनिफिट केवल बचत खातों (सेविंग्स अकाउंट) पर मिलने वाले ब्याज पर है| फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर सेक्शन 80TTA के तहत कोई छूठ नहीं है|

सेक्शन 80TTB का टैक्स बेनिफिट

इस सेक्शन के तहत टैक्स बेनिफिट केवल सीनियर सिटीजन या वरिष्ठ नागरिकों के लिए है|

60 वर्ष से कम आयु के लोग धारा 80TTB का लाभ नहीं उठा सकते|

आपको सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपाजिट पर 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| Interest on Savings Account and Fixed Deposit exempt up to Rs. 50,000 per financial year for senior citizens

अगर आपने 50,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तो अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों या फिक्स्ड डिपाजिट पर है|

अगर आपने किसी कंपनी के फिक्स्ड डिपाजिट या debenture में निवेश किया है, तो उसके ब्याज पर आपको कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन को मिलने वाले 7 स्पेशल टैक्स बेनिफिट

section 80TTA 80TTB tax benefit टैक्स बेनिफिट

सेक्शन 80TTA और Section 80TTB के बारे में इन बातों का रखें ध्यान

  1. बचत खातों (सेविंग्स अकाउंट) पर मिलने वाले ब्याज पर TDS नहीं लगता|
  2. धारा 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट केवल वरिष्ठ नागरिक (सीनियर सिटीजन) ले सकते हैं| इसका मतलब सेक्शन 80TTB के तहत टैक्स लाभ लेने के लिए आपकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए|
  3. अगर आप धारा 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट ले रहे हैं, तब आप धारा 80TTA के तहत टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते|
  4. एक तरीके से, अगर आपकी आयु 60 वर्ष से कम है, तो आप धारा 80TTA का लाभ लेंगे| अगर आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, तो Section 80TTB का लाभ लेंगे| दोनों धारायों के लाभ एक साथ नहीं ले सकते|
  5. अगर आपके पास कई बचत खाते (सेविंग अकाउंट) हैं, तो आपको सेक्शन 80TTA के तहत टैक्स बेनिफिट कुल मिलाकर 10,000 रुपये तक के ब्याज पर मिलेगा|
  6. सेक्शन 80TTA केवल बचत खातों के ब्याज कर टैक्स बेनिफिट देता है| फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर सेक्शन 80TTA के तहत कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता|
  7. सेक्शन 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट बचत खाते और फिक्स्ड डिपाजिट, दोनों के ब्याज पर मिलता है|
  8. अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और आपके पास कई सेविंग्स अकाउंट और फिक्स्ड डिपाजिट हैं, तब सेक्शन 80TTB के तहत 50,000 का टैक्स बेनिफिट सभी खातों के ब्याज को मिलाकर मिलेगा|
  9. प्रधान मंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) और सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS) के ब्याज पर सेक्शन 80TTB के तहत कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है|
  10. NRI (Non-resident Indian या प्रवासी भारतीय) सेक्शन 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते| परन्तु NRI सेक्शन 80TTA के तहत लाभ ले सकते हैं|

एक उदहारण की सहायता से विस्तार से समझते हैं|

मान लिए दो करदाता हैं| एक की आयु 60 वर्ष से कम है और दूसरे की आयु 60 वर्ष से अधिक है|

दोनों की आय बिलकुल एक समान है|

section 80TTA 80TTB tax benefit टैक्स बेनिफिट 2

आप देख सकते हैं की 60 वर्ष की कम की आयु वाले व्यक्ति ने सेक्शन 80TTA के तहत टैक्स बेनिफिट लिया| इस व्यक्ति को फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिला|

सीनियर सिटीजन ने 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट लिया| इनको बचत खाते के ब्याज और फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज दोनों पर टैक्स बेनिफिट मिला|

यहाँ पर मैंने केवल taxable income की गणना करी है| इस आय पर आप दूसरे टैक्स बेनिफिट (80C, 80D) लगा कर अपनी taxable इनकम और भी कम कर सकते हैं|

अगर आप टैक्स कैलकुलेट करना सीखना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|

अधिक जानकारी के लिए इनकम टैक्स की वेबसाइट पर Section 80TTA और 80TTB को पढ़ें|

Filed Under: Tax Planning Tagged With: 80TTA, 80TTB, टैक्स बेनिफिट सीनियर सिटीजन

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