• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

HindiFinance.com

आपका पर्सनल फाइनेंस ब्लॉग आसान हिंदी में




  • Life Insurance
  • Mutual Funds
  • Financial Planning
  • NPS
  • PPF
  • Tax Planning
  • Aadhaar
  • LIC
  • Loans
You are here: Home / Tax Planning / वर्ष 2019-2020 की इनकम टैक्स दरें (1 अप्रैल 2019-मार्च 31, 2020)
Follow @hindifinance

वर्ष 2019-2020 की इनकम टैक्स दरें (1 अप्रैल 2019-मार्च 31, 2020)

by दीपेश Leave a Comment

वित्तीय वर्ष 2019-2020 (1 अप्रैल 2019 – मार्च 31, 2020) के लिए टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं|

वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए इनकम टैक्स स्लैब

देखें तो, टैक्स स्लैब में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है| बस टैक्स रिबेट को बढ़ा दिया गया है|

इसका मतलब यह है की अगर आपकी कर योग्य आय (taxable income) 5 लाख रुपये तक है, तब आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा|

कुछ गलतफेहमियाँ भी हैं इस बारे में| अगर आपको लगता है की 5 लाख तक की आय पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, तो यह गलत है| 5% टैक्स स्लैब को हटाया नहीं गया है|

अगर आपकी कर योग्य आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो आपको रिबेट नहीं मिलेगी और आपको 5 लाख रुपये तक की आय पर भी टैक्स देना होगा| सरकार ने बस यह कहा है की अगर आपकी कर योग्य आय 5 लाख रुपये तक है तब आपको rebate मिलेगी कुछ भी टैक्स नहीं देना होगा|

इसको उदाहरणों से समझते हैं|

नए नियम के अनुसार टैक्स कैलकुलेशन के कुछ उदहारण

बजट 2019 में पर्सनल टैक्स से सम्बंधित कुछ और भी अहम् घोषणाएं की गयीं|

स्टैण्डर्ड डिडक्शन के टैक्स लाभ को बढ़ाया गया

स्टैण्डर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को 40,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया है| अगर आप सैलरी पाते हैं (वेतनभोगी हैं) या पेंशनर (pensioner) हैं, तब आप स्टैण्डर्ड डिडक्शन का लाभ ले सकते हैं| यदि self-employed हैं, तब आपको स्टैण्डर्ड डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा|

मकान बेचने पर टैक्स बचाने के लिए अब एक की जगह दो मकान खरीद सकते हैं

अभी तक घर बेचने पर टैक्स बचाने के तरीकों में से एक तरीका था: आप capital gain को एक नया मकान बनाने या खरीदने में उपयोग कर सकते थे| परन्तु आप केवल एक ही ऐसा मकान खरीद सकते थे| अगले वर्ष से (1 अप्रैल 2019 से) आप टैक्स बचाने के लिए दो प्रॉपर्टी तक में निवेश कर सकते हैं|

बस ऐसा करने की दो शर्तें हैं:

  1. मुनाफे की राशि 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए|
  2. आप इस नियम का लाभ (एक की जगह दो नए मकान) पूरे जीवन में केवल एक बार ही कर सकते हैं|

दूसरे मकान के अनुमानित किराए (notional rent) पर आपको टैक्स नहीं देना होगा

मान लिए आपके पास दो मकान हैं (दिल्ली और नॉएडा में) और दोनों में से एक भी मकान किराए पर नहीं है| हालांकि आपका कोई भी मकान किराए पर नहीं है, परन्तु आपको दो में से एक मकान पर notional rent (अनुमानित किराया) मानना होगा और उस पर टैक्स भी देना होगा| अब देखें तो आपको कुछ किराया नहीं मिला, पर आपको टैक्स देना होगा| अगर आप ऐसे नियम से परेशान थे, तब आपके लिए कुछ रहत है|

अगले वर्ष से (1 अप्रैल 2019 से) से अगर आपके पास दो मकान हैं और दोनों ही self-occupied (किराए पर नहीं हैं) हैं, तब आपको notional rent (अनुमानित किराया) पर कर नहीं देना होगा| ध्यान दें अगर आपके पास दो से अधिक मकान हैं, तब आपको तीसरे मकान से अनुमानित किराए पर टैक्स देना होगा| एक बार और, अगर मकान किराए पर है (चाहे आप पास एक घर हैं या दो), फिर तो किराए पर टैक्स देना ही पड़ेगा|

टैक्स-फ्री Gratuity की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गयी

अगर आप किसी कंपनी में 5 वर्ष काम कर लेते हैं, तब आप Gratuity के हक़दार बन जाते हैं| आमतौर पर, यह राशि आपको आपके रिटायरमेंट के समय (या नौकरी छोड़ते समय) दी जाती है| हम लोग Gratuity की गणना में नहीं जायेंगे| अभी तक आप पूरे जीवन में 10 लाख रुपये तक की Gratuity टैक्स-फ्री पा सकते हैं| अगर इससे ज्यादा पायेंगे, तो आपको अतिरिक्त राशि पर टैक्स देना होगा| अब इस सीमा को बढाकर 20 लाख कर दिया गया है|

बैंक और पोस्ट-ऑफिस डिपाजिट पर TDS सीमा को 10,000 से 40,000 रुपये किया गया

अगर आप बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट खोलते हैं, तो अगर आपका ब्याज 10,000 रुपये से अधिक होता है, तो बैंक 10% TDS काट लेता है| टीडीएस कटने से आपकी टैक्स liability पूरी नहीं होती| अगर आप ऊंचे टैक्स ब्रैकेट में आते हैं ,तो आपको अतिरिक्त टैक्स देना होगा| अन्यथा अगर अतिरिक्त टैक्स कट गया है, तब आप टैक्स रिटर्न भरकर पैसा वापिस ले सकते हैं| आप फॉर्म 15G या 15H भरकर टीडीएस काटने से बचा सकते हैं|

अब टीडीएस की सीमा को 10,000 रुपये से बढाकर 40,000 रुपये कर दिया गया है|  देखें तो टैक्स भार में कुछ बदलाव नहीं है| हाँ, अगर आपकी आय टैक्स सीमा से कम है, तो आपको कुछ सहूलियत ज़रूर हो जायेगी|

सीनियर सिटीजन (वरिष्ठ नागरिकों) को बैंक या पोस्ट-ऑफिस डिपाजिट पर 50,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता| 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स भी नहीं देना होता| इसलिए इस नियम से वरिष्ठ नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा|

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजनां की घोषणा

असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए यह एक पेंशन योजना है| 60 वर्ष की आयु से आजीवन 3,000 रुपये तक की पेंशन मिलेगी| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

(Visited 1,086 times, 1 visits today)

Filed Under: Tax Planning Tagged With: इनकम टैक्स दरें, इनकम टैक्स स्लैब

Reader Interactions

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Primary Sidebar

HindiFinance

Subscribe on Youtube




Join our Newsletter
Enter your email address and click on the Get Instant Access button.
I agree to have my personal information transfered to MailChimp ( more information )
We respect your privacy

For any guest posts or advertising queries, please write to us at hindifinance@gmail.com

Popular Posts

  • अटल पेंशन योजना की पूरी जानकारी (Atal Pension Yojana in Hindi) (2022)
  • सुकन्या समृद्धि योजना की पूरी जानकारी (Sukanya Samriddhi Yojana 2019)
  • नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बारें में पूरी जानकारी (Complete Information about NPS in Hindi)
  • PPF खाते के बारे में पूरी जानकारी (Complete Information about PPF Account in Hindi)
  • कौन से हैं 5 सबसे अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Term Life Insurance Plan)?

(c) Copyright 2022 www.HindiFinance.com | Privacy Policy