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एनपीएस

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NPS में कुछ बदलाव: पैसा निकालने पर टैक्स कम लगेगा, सरकारी कर्मचारियों के लिए भी अच्छी खबर

Last updated: दिसम्बर 11, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

भारत सरकार ने NPS (एनपीएस या नेशनल पेंशन स्कीम) में कुछ बदलावों की घोषणा करी है| यह सभी बदलाव निवेशकों के लिए बहुत लाभकारी हैं|

कुछ बदलाव सभी निवेशकों के लिए हैं और कुछ बदलाव केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही हैं|

आईये जानते हैं विस्तार से|

सरकार ने NPS में क्या बदलाव किये गए हैं?

#1 NPS से रिटायरमेंट पर पैसा निकालने पर टैक्स नियम में बदलाव

यह सभी NPS निवेशकों के लिए है|

आपको रिटायरमेंट के समय जमा राशि में से 40% का एन्युटी प्लान खरीदना होता है| ध्यान दें आप चाहें तो पूरी राशि से भी एन्युटी या पेंशन प्लान खरीद सकते हैं|

बची हुई 60% राशि आप एक मुश्त निकाल सकते हैं| अब इस एक मुश्त राशि को निकालने पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा| पहले केवल 40% राशि ही टैक्स-मुक्त थी| अब पूरी 60% टैक्स मुक्त है|

यह NPS के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है|

NPS से पैसा निकालने पर टैक्स की जानकारी की लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

#2 NPS टियर 2 अकाउंट में निवेश करने पर भी टैक्स बेनिफिट मिलेगा

अभी टैक्स NPS के टैक्स बेनिफिट केवल NPS टियर-1 खाते तक ही सीमित थे|

परन्तु अब NPS टियर 2 खाते में निवेश करने पर भी आपको सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलेगा| ध्यान दें सेक्शन 80C के तहत आपको 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है|

#3 सरकार आपके NPS खाते में बढ़ाएगी योगदान

यह बदलाव केवल केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों (Central Government employees) के लिए है| मेरी जानकारी के अनुसार यह राज्य सरकार के कर्मचारियों (State Government Employees) के लिए नहीं है| परन्त आशा करता हूँ राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी यह परिवर्तन किया जाएगा|

अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और NPS में शामिल हैं, तब सरकार आपके एनपीएस खाते में आपकी आय (Basic+DA) के 14% का भुगतान करेगी| अभी तक सरकार केवल 10% भुगतान करती थी| यह तो काफी लाभकारी बात है| कर्मचारी का योगदान 10% ही रहेगा| ध्यान दें सरकारी योगदान केवल सरकारी कर्मचारियों के NPS में ही है|

ज्यादा योगदान होगा, तो रिटायरमेंट के समय ज्यादा राशि जमा होगी और आपको अधिक्प पेंशन मिलेगी|

अगर आपने किसी प्राइवेट कंपनी में NPS खाता खोला है, तो उनके लिए कोई परिवर्तन नहीं है| साथ ही अगर आपने All Citizens मॉडल के तहत खाता खोला है, तब भी आपके लिए कोई परिवर्तन नहीं है|

#4 आप Equity में ज्यादा निवेश कर पायेंगे

अभी तक सरकारी NPS में आप 15% प्रतिशत से अधिक equity में निवेश नहीं कर सकते| All Citizens मॉडल में निवेशक 75% तक equity में निवेश कर सकते हैं|

क्योंकि NPS लम्बी अवधि का निवेश है, इसमें इक्विटी में अधिक निवेश करना चाहिए| पहले, आप 15% से अधिक नहीं कर सकते थे| अब, अगर आप चाहें, तो 15% से अधिक इक्विटी में निवेश कर सकते हैं| आपको अपना फण्ड मेनेजर बदलने का भी विकल्प मिलेगा| मेरे अनुसार यह भी अच्छी खबर है|

आप भारत सरकार द्वारा किये गए बदलाव के बारे में यहाँ भी पढ़ सकते हैं|

मैंने पहले इस पोस्ट में लिखा था की NPS के तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी दी जायेगी| ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है| वह जानकारी गलत निकली|

Filed Under: NPS Tagged With: Government NPS, New pension scheme, NPS, एनपीएस, नेशनल पेंशन योजना, सरकारी NPS

सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स बचाने के 15 आसान तरीके

Last updated: दिसम्बर 28, 2017 | by दीपेश 6 Comments

जैसे जैसे वित्तीय वर्ष का अंत निकट आता है, वैसे ही हमारी टैक्स बचत के तरीकों की खोज शुरू हो जाती है| अब टैक्स बचाने के कई तरीके हैं|

आपको क्या करना चाहिए? टैक्स कैसे बचाएँ?

सभी के लिए शायद एक ही सुझाव सही नहीं हो सकता| सब को अपनी परिस्थितियों के अनुसार निवश के विकल्प को चुनना चाहिए’|

पिछली पोस्ट में मैंने हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदने पर जो टैक्स बेनिफिट मिलते हैं उस पर चर्चा करी थी|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस (स्वाश्थ्य बीमा) खरीदने पर कितना टैक्स बचा सकते हैं?

इस पोस्ट में मैं चर्चा करूंगा Section 80C के तहत मिलने वाले टैक्स बचत के बारे में| जानेंगे की धारा 80C के तहत आपके पास क्या हैं टैक्स बचत के तरीके|

धारा 80 C  के योग्य योग निवेश उत्पादों में निवेश कर आप अपनी कर योग्य आय को 1.5 लाख तक से घटा सकते हैं। 30% टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए इस मतलब है 46,350 रुपये की बचत|

कृपया ध्यान दें कि आप प्रति वर्ष 80 C उत्पादों में 1.5 लाख से अधिक भी निवेश कर सकते हैं। परन्तु कर लाभ केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा।

उदाहरण के लिए, आपने पीपीएफ में 50,000 रुपये, ईपीएफ में 60,000 रुपये और ईएलएसएस में 1 लाख रुपये का निवेश किया है। हालांकि कुल निवेश 2.1 लाख रुपये है, धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा

आमतौर पर, सभी धारा 80 C  के सभी टैक्स बचत के तरीकों में  लॉक-इन होता है। इसका मतलब कुछ समय तक आपका पैसा अटक जाता है|

आईये कुछ लोकप्रिय निवेश उत्पादों को देखते हैं, जिनमें निवेश करने पर आपको Section 80क के तहत टैक्स बचत का लाभ मिलता है|

#1 पीपीएफ (Public Provident Fund or PPF)

आप अपने, पति/पत्नी या बच्चों के PPF खातों में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है|

माता-पिता या भाई-बहनों के पीपीएफ खाते में निवेश करने पर कोई टैक्स बचत नहीं होती।

पीपीएफ खाता खोलने वाले वित्तीय वर्ष के अंत से 15 वर्षों में परिपक्व होता है| इसलिए, पहले वर्ष का निवेश 15 साल के लिए लॉक हो जाएगा, दूसरे वर्ष का निवेश 14 साल के लिए लॉक हो जाएगा।

पीपीएफ खाता परिपक्व होने पर पांच वर्षों के ब्लाक में खाते की अवधि बढ़ा सकते हैं|

पढ़ें: पीपीएफ खाते के बैर में पूरी जानकारी

पीपीएफ खाते से मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता|

वित्त मंत्रालय हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है।

अभी ब्याज दर 7.6% p.a. हो गयी है|  (January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

पढ़ें: PPF में interest (ब्याज) कैसे कैलकुलेट होता है?


#2 कर्मचारी भविष्य निधि / स्वैच्छिक भविष्य निधि (Employee Provident Fund / Voluntary Provident Fund)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो शायद इसमें आप पहले से ही निवेश कर रहे हैं| राशि स्वचालित रूप (automatically) से आपके वेतन से काट ली जाती है और ईपीएफ में निवेश की जाती है। आप अपनी सैलरी स्लिप की जांच कर सकते हैं कि आप प्रति माह कितना ईपीएफ में निवेश कर रहे है |

एक बात और, अगर आप नौकरी कर रहे हैं, तो शायद आपका EPF में पहले से ही योगदान जा रहा हो| अब क्योंकि ईपीएफ में निवेश करने पर Section 80C के तहत लाभ मिलता है, तो कुछ निवेश तो आपका पहले ही अपने आप हो चुका है| 1.5 लाख की टैक्स सीमा तक पहुचने के लिए आपको केवल बची हुई राशि ही निवेश करनी है| आप बाद में शेष निवेशों की योजना बना सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि केवल आपका  योगदान ही धारा 80 सी के तहत कर लाभ के योग्य है। आपके एम्प्लायरद्वारा आपके EPF में योगदान पर धरा 80C के तहत लाभ नहीं मिलता| आप अपने अनिवार्य ईपीएफ योगदान से अधिक योगदान भी कर सकते हैं। यह योगदान (वीपीएफ) धारा 80 सी के तहत टैक्स बचत के योग्य है।


#3 इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस)

ईएलएसएस एक प्रकार के इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड होते हैं और निवेश करने पर 3 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है| काफी लोग ईएलएसएस को tax-saving mutual fund के नाम से जानते हैं।

ध्यान दे, प्रत्येक निवेश पर 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।

भले ही आप SIP  (सिस्टममैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश कर रहे हों, लेकिन SIP  की प्रत्येक किश्त को 3 साल तक लॉक कर दिया जाएगा। यदि पहली किश्त 15 जनवरी 2018 की है, तो इस किश्त से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 जनवरी 2021 तक खरीदे गए यूनिट्स  को नहीं बेच सकते हैं। दूसरी किस्त (15 फरवरी, 2018) से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 फरवरी, 2021 तक नहीं बेच सकते|

क्योंकि ईएलएसएस (ELSS) यूनिट्स को आप 3 वर्ष से पहले नहीं बेच सकते, तो ऐसी यूनिट्स बेचने पर होने वाले फायदे पर आपको टैक्स नहीं देना होता| ऐसा इसलिए क्योंकि इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स को एक साल बाद बेचने पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

पढ़ें: ईएलएसएस (ELSS) के बारे में कुछ दिलचस्प बातें


#4 टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance)

टर्म लाइफ इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदना का सबसे अच्छा तरीका है|

एक टर्म कवर के साथ आप कम लागत पर काफी अधिक कवर खरीद सकते हैं। अगर आपको कभी कुछ हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में यह राशि आपके परिवार के काफी काम आएगी|

आपके पास हमेशा पर्याप्त जीवन बीमा होना चाहिए।

स्वस्थ 30 वर्षीय पुरुष के लिए 1 करोड़ रुपये के कवर के लिए वार्षिक प्रीमियम लगभग 7,000-10,000 होगा।

ध्यान दें टैक्स बेनिफिट लेने की लिए आपको हर वर्ष नया प्लान लेने की आवश्यकता नहीं है| आपका रिन्यूअल (renewal) प्रीमियम (जो आप पालिसी चालू रखें के लिए हर वर्ष देते हैं) भी धारा 80C के तहत योग्य है|

पढ़ें: 5 बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान


#5 यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, Unit Linked Insurance Plans (ULIPs)

यूलिप जीवन बीमा योजनाओं का एक रूप है, जिसमें निवेश का लाभ भी मिलता है। प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन कवर प्रदान करने की ओर जाता है, जबकि बचा हुआ हिस्सा आपके इच्छा के अनुसार फण्ड में निवेश कर दिया जाता है। पूरे प्रीमियम पर धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।

पांच साल का लॉक-इन होता है। इसका मतलब है कि आप पॉलिसी के प्रारंभ होने की तारीख से पांच साल तक अपना पैसा नहीं ले सकते। इसलिए, आपका पहला वार्षिक प्रीमियम 5 साल के लिए लॉक-इन किया जाएगा, दूसरा प्रीमियम 4 साल के लिए। छठी  किश्त से कोई लॉक-इन नहीं है ।

ध्यान से आप पांचवे वर्ष के अंत तक किसी भी तरह से पैसे नहीं निकाल सकते, भले ही आप अपनी पालिसी को बंद कर दें|

धारा 80 सी के अनुसार, यदि आप लगातार 5 वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो धारा 80 सी के तहत मिले टैक्स लाभ की वापिस ले लिए जाएगा।

पढ़ें: किस प्रकार का जीवन बीमा खरीदें?


#6 पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएं / मनी बैक योजनाएं (Traditional Life Insurance Plan)

मेरे अनुसार ऐसे प्लान से दूर ही रहे| ऐसे प्लान में जीवन बीमा भी कम मिलता है और रिटर्न भी कम होते हैं|यदि आप दो साल के लिए प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो कर लाभ रिवर्स (reverse) कर दिया जाएगा।

पढ़ें: एलआईसी न्यू जीवन आनंद के बारे में पूरी जानकारी

जीवन बीमा पॉलिसियों के बारे में एक बात पर ध्यान दें: यह बात यूलिप और ट्रेडिशनअल इंश्योरेंस प्लान पर भी लागू होती है। बीमित रकम (Sum Assured) के 10% से अधिक वार्षिक प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य नहीं है। यह अप्रैल 1, 2012 के बाद खरीदी गई नीतियों के लिए है।

इसके अतिरिक्त, केवल स्वयं, पति या पत्नी और बच्चों के लिए जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र है। माता-पिता और भाई-बहनों के जीवन बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है।


#7 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट (5-year Tax Saving Fixed Deposit)

आम तौर पर टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (tax saver fixed deposit) के रूप में जाना जाता है।

इस फिक्स्ड डिपाजिट की अवधि 5 वर्ष होती है| इसका मतलब आप पांच साल से पहले इस जमा राशि को नहीं निकाल सकते। मिलने वाले ब्याज पर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के लिए ईएलएसएस और 5-वर्षीय फिक्स्ड डिपाजिट में किसमें करें निवेश?


#8 डाकघर 5-वर्षीय डिपॉज़िट

यह 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट के समान है । यदि 5 साल के अंदर जमा (टूटी हुई) वापस ले लिया जाता है तो कर लाभ वापस कर दिया जाएगा। ऐसे डिपाजिट के लिए ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही (every quarter) घोषणा की जाती है।

ध्यान दे, जो डिपाजिट खोलते समय ब्याज दर है, वही आपको पूरे 5 साल मिलती है| ब्याज दर मिएँ बदलाव का आपके पुराने डिपाजिट पर नहीं पड़ता|

अभी यह दर  7.4% p.a. हो गयी है|(January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#9 राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, National Savings Certificate (NSC)

परिपक्वता (5 वर्ष या 10 वर्ष) से पहले कोई भुगतान नहीं है । समय से पहले पैसे वापसी की अनुमति नहीं है ।

ब्याज कर योग्य है हालांकि, अर्जित ब्याज एनएससी में निवेश को समझा जाता है और धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र है,

इसका मतलब  प्रत्येक वर्ष के ब्याज को एनएससी में निवेश माना जाता है।

वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है|

अभी एनएससी की ब्याज दर (NSC Interest Rate) 7.6% p.a. हो गयी है। (January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#10 वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)

केवल वरिष्ठ नागरिक ही इस योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं। खाता 5 वर्षों में परिपक्व होता है। आंशिक वापसी (partial withdrawal) की अनुमति नहीं है । हालांकि, आप कुछ जुर्माना देकर अकाउंट को 5 वर्ष से पहले  बंद कर सकते हैं। समयपूर्व बंद होने के मामले में टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे।

हर तिमाही वित्त मंत्रालय द्वारा ब्याज दर अधिसूचित की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.3% p.a. चल रही है| (January 1, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में पूरी जानकारी


#11 होम लोन पर प्रिंसिपल रीपेमेंट (Home Loan Principal Repayment)

अगर आपने होम लोन लिया है, तो उस लोन पर principal का भुगतान भी सेक्शन 80C के तहत लाभ के योग्य है|

ध्यान दें आप एक निर्माणाधीन प्रॉपर्टी (under-construction property) के लिए प्रिंसिपल के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते| घर का निर्माण पूर्ण होने के बाद ही आप कटौती का लाभ उठा सकते हैं ।

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए भी पात्र हैं। हालांकि, इस तरह के शुल्क के भुगतान के लिए कर लाभ केवल उस वर्ष में लिया जा सकता है जब आप भुगतान करते हैं।

एक बात और, जिसवर्ष आपको घर का possession मिलता है, उस वित्तीय वर्ष के अंत से 5 साल के भीतर अगर आप घर बेचते हैं, तो आपको मिले टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|


#12 दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस

आप दो बच्चों तक के लिए ट्यूशन फीस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। यदि आपके पास दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप किसी भी दो के लिए दावा कर सकते हैं। भारत में स्थित विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान को फीस का भुगतान किया जाना चाहिए था।

बेनिफिट केवल पूर्णकालिक शिक्षा (full-time education)के लिए भी उपलब्ध है। निजी ट्यूशन, कोचिंग क्लास या किसी अंशकालिक कोर्स के लिए खर्च पात्र नहीं हैं।

अपनी शिक्षा या पति / पत्नी की शिक्षा के लिए खर्च भी टैक्स बेनिफिट के लिए पात्र नहीं है।


#13 सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana Account)

अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो आप अपनी बेटी के लिए यह खाता खोल सकते हैं। खाता 21 वर्ष बाद परिपक्व होगा| आप बेटी की शादी या पढाई के लिए भी पैसा निकाल सकते हैं|

अर्जित ब्याज कर योग्य नहीं है । परिपक्वता राशि भी कर-मुक्त है।

ब्याज दर की घोषणा हर तिमाही पर की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.1% p.a. हो गयी है| (January 1, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में पूरी जानकारी


#14 बीमा कंपनियां से पेंशन योजनाएं (धारा 80 सीसीसी)

बीमा कंपनियों से पेंशन / वार्षिकी योजनाओं में निवेश के लिए आप प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख तक का लाभ ले सकते हैं।

यदि आप परिपक्वता से पहले पेंशन योजनाओं को सरेंडर करते हैं, तो मिलने वाली राशि को उस वर्ष की आयमाना जाएगा और आपको उस पर टैक्स देना होगा।

कृपया ध्यान दें कि धारा 80C और धारा 80 CCC के तहत कुल मिलाकर टैक्स बेनिफिट 1.5 लाख से अधिक नहीं हो सकता।


#15 राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)/ अटल पेंशन योजना (धारा 80 CCD)

अब यहाँ दो हिस्से हैं|

पहला, 1.5 लाख तक सेक्शन 80CCD(1) के तहत| अब यह सेक्शन 80C के तहत लाभ के अन्दर ही आता है|

दूसरा, 50 हज़ार रुपये तक सेक्शन 80CCD(1B) के तहत| यह बेनिफिट सेक्शन 80C के अतिरिक्त है|

अटल पेंशन योजना में निवेश करने पर भी यही लाभ मिलेगा

पढ़ें: एनपीएस में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: अटल पेंशन योजना के बारे में पूरी जानकारी

यह थे कुछ उत्पाद जहां निवेश कर के आप Section 80C के तहत टैक्स लाभ ले सकते हैं| ध्यान दें यह पूरी लिस्ट नहीं है|

एक बात और, निवेश के फैसले को कभी भी सिर्फ टैक्स बेनिफिट से प्रेरित नहीं होना चाहिए। केवल टैक्स बचाने के लिए निवेश न करें| वह  निवेश करें जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त है। अगर टैक्स बेनिफिट मिलता है, तो सोने पे सुहागा|

अगर आपको यह पोस्ट उपयोगी लगी हो, तो अपने परिवार और दोस्तों से अवश्य शेयर करें|

Source/Credit: PersonalFinancePlan.in

Filed Under: Financial Planning, Life Insurance, Mutual Funds, NPS, PPF, Tax Planning Tagged With: section 80C tax benefits, इनकम टैक्स बचत, ईएलएसएस, एनपीएस, टैक्स कैसे बचाएं, टैक्स छूठ, टैक्स बचत के तरीके, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि scheme

एनपीएस (NPS) के बारे में कुछ ग़लतफ़हमियाँ

Last updated: जुलाई 13, 2019 | by दीपेश 106 Comments

एनपीएस (NPS) ने कई निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है क्योंकि इसमें कुछ विशेष कर लाभ हैं।

एनपीएस एक  नया उत्पाद है और साथ ही इसके नियम भी आये दिन बदलते रहते हैं| इसीलिए निवेशकों (या फिर वह लोग जो निवेश करने की सोच रहे हैं) को एनपीएस के बारे मैं कुछ भ्रम (doubts) होना स्वाभाविक है|

पढ़ें: कैसे खोले एनपीएस अकाउंट ऑनलाइन आधार की सहायता से?

इस पोस्ट में मैं एनपीएस (NPS) के कुछ ऐसे पहलुयों पर चर्चा करूँगा, जहाँ पर शायद काफी लोगों को ग़लतफ़हमियाँ हैं|

#1 एनपीएस पेंशन प्रदान करता है ।

एनपीएस केवल धन जमा करने में मदद करता है । सेवानिवृत्ति के समय, आप बीमा कंपनी से वार्षिकी योजना (annuity plan या एक पेंशन योजना) खरीदने के लिए जमा धन का उपयोग करते हैं। आपका एनपीएस फंड प्रबंधक (fund manager) आपको वार्षिकी आय प्रदान करने में कोई भूमिका नहीं अदा करता है।

आपकी पेंशन बीमा कंपनी द्वारा भुगतान की जाएगी।

इसलिए, एनपीएस में निवेश होने वाला पैसा एनपीएस फंड मैनेजर को जाता है। फण्ड मैनेजर अपने विवेक के अनुसार धन को निवेश करता है। एनपीएस में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है। 

आपके रिटायर होने तक आपका पैसा जमा होता है। सेवानिवृत्ति के समय, आपको बीमा कंपनी से जमा राशि के कम से कम 40% तक की एक वार्षिकी योजना खरीदनी होगी। शेष राशि को एक बार में या फिर 70 साल की आयु तक 10 वार्षिक किश्तों (up to 10) में निकाला जा सकता हैं|

पढ़ें: एनपीएस से पैसे निकालते समय कितना टैक्स देना पड़ता है

#2 एनपीएस के टीयर -2 खाते में निवेश पर टैक्स बेनिफिट मिलता है।

सभी कर लाभ, वार्षिकी प्रतिबंध, निकास और निकासी नियम एनपीएस टियर -1 खाते पर ही लागू होते हैं। एनपीएस टियर -2 खाता एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड की तरह है। आप किसी भी समय पैसे निकाल सकते हैं। कर लाभ केवल टीयर -1 एनपीएस खाते में निवेश के लिए है।

All the restrictions and Tax benefits only for Tier-I NPS. No restriction and tax benefit for NPSTier-2 account.

एनपीएस टियर 2 खाते में निवेश करने पर केंद्रीय सरकार के कर्मचारी (Central Government Employee) सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| शर्त यह है की आप इस पैसे को 3 वर्ष से पहले नहीं निकाल पायेंगे (lock-in period of 3 years)| ध्यान दें  यह टैक्स बेनिफिट केवल Central Government Employees ही ले सकते हैं| किसी अन्य व्यक्ति को यह टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

पढ़ें: क्या आपको टियर 2 एनपीएस अकाउंट में निवेश करना चाहिए?

पढ़ें: एनपीएस के लिए संशोधित निकास और निकासी नियम NPS Withdrawal Rules (अंग्रजी)

#3 धारा 80 सीसीडी (1) के तहत एनपीएस में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश के लिए कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं

हाँ, आप 1.5 लाख रुपये तक का कर लाभ ले सकते हैं| लेकिन यहाँ पर एक और पाबंधी है।

किसी कर्मचारी के मामले में, यह लाभ 10% वेतन (बेसिक + महंगाई भत्ता) तक सीमित है। यदि आप स्वयंरोजगार हैं (self-employed), तो यह कटौती आपके कुल आय का 10% है ।

इसलिए, यदि आपका वेतन (बेसिक + डीए) 4 लाख रुपये है, धारा 80 सीसीडी (1) के तहत अधिकतम कर लाभ 40,000 रुपये प्रति वित्तीय वर्ष तक सीमित है।

ध्यान दें, आप धारा 80 CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट अभी भी ले सकते हैं। इसलिए, इस उदाहरण में एनपीएस (खुद किया गया निवेश, own contribution) में निवेश के लिए टैक्सबेनिफिट लाभ आपके मामले में 90,000 रुपये प्रति वित्तीय वर्ष तक सीमित होगा।

ध्यान दें सेक्शन 80CCD(1) के तहत जो टैक्स लाभ है, वह धारा सेक्शन 80C के तहत जो 1.5 लाख रूपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है, उसी के अंतर्गत आता है| सेक्शन 80CCD (1B) के तहत पचास हज़ार रुपये (50,000) तक का टैक्स बेनिफिट इसके अतिरिक्त है|

#4 नियोक्ता(एम्प्लॉयर) द्वारा आपके एनपीएस खाते में कोई भी योगदान कर से छूट है।

यह सच नहीं है। यहाँ भी एक सीमा है|

एम्प्लॉयर द्वारा योगदान पर टैक्स बेनिफिट भी आपके 10% वेतन (बेसिक + महंगाई भत्ता) तक सीमित है| केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए यह सीमा 14% है|

यह टैक्स बेनिफिट आपको धारा 80 सीसीडी (2) के तहत मिलता है|

ध्यान दें कि इस कर कटौती पर कोई अपर कैप (राशि के मामले में) नहीं है। यह कटौती धारा 80 सी के तहतदी गई 1.5 लाख की सीमा के अतिरिक्त है। हालांकि, यह लाभ कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है । स्व-नियोजित(self-employed) इस कटौती का लाभ नहीं उठा सकता है।

जिस उदाहरण पर हमने ऊपर चर्चा की  थी, उसी को जारी रखते हैं| आपको एम्प्लोएर द्वारा एक वित्तीय वर्ष में 40,000 रुपये तक के योगदान पर कर से छूट होगी।

इसलिए, कुल छूट अंशदान निम्नानुसार है:

1 धारा 80 सीसीडी (1) के तहत 40,000 रुपये तक । अपना योगदान। (Own Contribution)

2 धारा 80 सीसीडी (1 B) के तहत 50,000 रुपये तक की राशि । अपना योगदान । (Own Contribution)

3 धारा 80 सीसीडी (2) के तहत 40,000 रुपये तक नियोक्ता योगदान (employer contribution)

इसलिए, इस मामले में, वित्तीय वर्ष में एनपीएस निवेश के लिए कुल कर लाभ 1.3 लाख रुपये तक सीमित होगा।

ध्यान दें, इन निवेशों के बाद भी, आपको धारा 80 सी के तहत कर लाभ के लिए 1.1 लाख रुपये तक का निवेश करने का विकल्प है (पीपीएफ, ईएलएसएस आदि जैसे उत्पादों में)।

जैसा की मैंने ऊपर लिखा है, सेक्शन 80CCD(1) और सेक्शन 80C के तहत आप कुल मिला कर 1.5 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

धारा 80 सीसीडी (1 बी) और धारा 80 सीसीडी (2) के तहत टैक्स बेनिफिट, धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये के तहत बेनिफिट में शामिल नहीं होता|

तो मान मिये आप 1.5 लाख रुपये PPF में भी निवेश कर देते हैं|

परन्तु अतिरिक्त लाभ आपको केवल 1.1 लाख रुपये का ही मिलेगा| क्योंकि आप पहले की 40,000 रुपये का बेनिफिट NPS में निवेश के लिए सेक्शन 80CCD(1) के तहत ले चुके हैं|

ऐसा करके आप कुल मिला कर 2.4 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट ले पाएंगे|

पढ़ें: एनपीएस (NPS) में निवेश करने के टैक्स बेनिफिट

#5 आपका संपूर्ण पैसा इक्विटी (equity) में निवेश किया जाता है

यह भी सच नहीं है । सरकारी क्षेत्र के ग्राहकों के लिए इक्विटी निवेश की सीमा 15% है। अन्य ग्राहकों (सभी नागरिकों के मॉडल, All Citizens model) के लिए, इक्विटी निवेश की सीमा 50%-75% है। आप चाहें तो इक्विटी में कम भी निवेश कर सकते हैं|

#6 एनपीएस में कितना ब्याज (interest) मिलता है?

NPS में आप जो पैसा निवेश करते हैं, वह समझ लिए विभिन्न प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश हो जात है| अब जो रिटर्न वहां मिलेगा, वहीँ रिटर्न आपको मिलेगा| NPS में कोई रिटर्न की गारंटी नहीं है| और न ही NPS मं कुछ ब्याज मिलता है|

ये आम संदेह थे जो मेरे सामने आए हैं। यदि आपके पास एनपीएस के बारे में कोई अन्य संदेह है, तो आप अपना सवाल कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं|

Filed Under: NPS Tagged With: NPS, एनपीएस, एनपीएस के बारे में हिंदी में जानकारी, एनपीएस पूरी जानकारी, एनपीएस हिंदी

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