• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

HindiFinance.com

आपका पर्सनल फाइनेंस ब्लॉग आसान हिंदी में




  • Life Insurance
  • Mutual Funds
  • Financial Planning
  • NPS
  • PPF
  • Tax Planning
  • Aadhaar
  • LIC
  • Loans
Follow @hindifinance

PPF account मेच्योर होने पर क्या हैं आपके विकल्प?

by दीपेश 6 Comments

हम सभी जानते हैं की PPF account 15 साल बाद मेच्योर (Mature) होता है|

दरअसल, आपका PPF account आपने जिस वित्तीय वर्ष (Financial year) में खोला है, उस वित्तीय वर्ष के ख़तम ने के 15 साल बाद मेच्योर होता है|

मान लीजिये आपने अपना PPF account 10 जुलाई, 2012 को खोला| कह Financial year मार्च 31, 2013 को ख़तम होगा. और आपका PPF account March 31, 2028 को मेच्योर होगा|

आप चाहें तो अपना सारे पैसा निकाल कर PPF account बंद कर सकते हैं|

लेकिन इसका मतलब यह नहीं की आपको 15 साल बाद अपना PPF account बंद करना होगा|

आप चाहें तो अपने PPF account को 5 साल के blocks में extend कर सकते हैं| जैसे की 20 साल, 25 साल, 30 साल etc.

और यह आप कितनी बार भी कर सकते हैं|

15 साल पूरे होने पर 5 साल के लिए कर सकते हैं| फिर जब 20 साल हो जायेंगे तो और 5 साल के लिए कर सकते हैं| इसी तरह आप जब तक चाहें, अपने PPF account की अवधी बढ़ाते रह सकते हैं|

PPF account की अवधी कैसे बाधाएं? (How to extend PPF account on maturity?)

PPF account की अवधि बढ़ने के दो तरीकें हैं|

  1. With Contribution (आप निवेश करते रह सकते हैं)
  2. Without Contribution (आप और निवेश नहीं कर सकते)

जब आप PPF account extend करते हैं (अवधि बढ़ाते हैं), तो आप साल में एक बार अपने PPF account में से पैसे निकाल सकते हैं|

Extension of PPF Account (with Contribution)

ऐसा करने पर आप अगले पांच सालों में account extend करते समय अपने PPF account में जमा राशि का 60% प्रतिशत तक हिस्सा निकाल सकते हैं|

निकालना ज़रूरी नहीं है|

ध्यान रखें आप एक साल में केवल एक बार ही निकाल सकते हैं| तो अगले पांच सालों में आप अधिकतम पांच बार ही पैसे निकल सकते हैं|

परन्तु कुल मिलाकर आप 60% (PPF account करते समय जमा राशि) तक ही निकाल सकते हैं|

एक बात का ध्यान रखें|

ऐसा (with Contribution mode में extend करने के लिए) करने की लिए आपको PPF account मेच्योर होने के एक साल के भीतर एक फॉर्म भर कर with Contribution mode में extend करना होगा|

ऐसा न करने पर, आपका PPF account खुद ब खुद (automatically) Without Contribution mode में extend कर दिया जाएगा|

और एक बार आपका account Without Contribution mode में extend हो गया, तो फिर आप कभी भी उसे With Contribution में extend नहीं कर सकते|

Extension of PPF Account (without Contribution)

यह default option है|

अगर आप PPF account मेच्योर होने के एक साल के भीतर न तो account को बंद करते हैं और न ही उसे With Contribution mode में extend करते हैं, तो आपका PPF account automatically Without Contribution mode में extend हो जायगा|

यहाँ आप कुछ निवेश नहीं कर पायेंगे|

परन्तु इस केस में आपके ऊपर पैसा निकलने में कोई बाधा नहीं है|

आप चाहें तो एक बार में सारा पैसा निकाल सकते हैं|

बस एक रोक है, की आप एक साल में केवल एक बार निकाल सकते हैं|

आपको अपने PPF account में balance पर ब्याज (interest) मिलता रहेगा|

तो PPF account मेच्योर होने पर, अपनी ज़रुरत के हिसाब से फैसला करें की आपको क्या करना चाहिए|

Filed Under: Financial Planning, PPF Tagged With: extension of PPF account, PPF account

करोड़पति बनने के लिए हर महीने कितना करना होगा निवेश?

Last updated: जुलाई 2, 2017 | by दीपेश 6 Comments

अगर आप यह सोचते हैं की केवल बड़े investment की आपकी ज़िन्दगी बदल सकते हैं, तो यह देखिये:

अगर आप 25 वर्ष के हैं और हर महीने सिर्फ एक हज़ार रुपये (1,000) निवेश कर सकते हैं, तो रिटायर होने तक (60 साल की उम्र तक) आप 4 लाख 20 हज़ार रुपये जमा कर लेंगे|

1,000 X 12 X 35 = 420,000

क्या 4 लाख 20 हज़ार रुपये कम राशि है?

मेरे लिए तो नहीं|

ऊपर हमें माना की आपको कोई रिटर्न नहीं मिला| पर अगर आप इन्वेस्ट करेंगे तो कुछ रिटर्न की आशा तो ज़रूर होगी|

मान लिए आपको इस निवेश पर 10% p.a. का रिटर्न मिलता है, तो आपके पास रिटायर होना तक कितना पैसा जमा हो जाएगा|

34 लाख 25 हज़ार रुपये|

यह है Power of Compounding|

अब यह तो किसी के लिए भी छोटी राशि नहीं है|

power of compounding how much to invest

अगर आपको 12% रिटर्न मिला होता, तो यह राशि होती 55 लाख 10 हज़ार रुपये|

अगर आपको 8% रिटर्न मिला होता, तो यह राशि होती 21 लाख 56 हज़ार रुपये|

 आप देखेंगे की जमा राशि रिटर्न के साथ-साथ इस बात पर भी निर्भर करती है की आपने निवेश करना कब शुरू किया|

तो आपकी जमा राशि कितनी होगी, यह निर्भर करता है:

  1. आप कितना हर महीने जमा करते है
  2. आपको कितना रिटर्न मिला
  3. आपने कितने समय तक निवेश किया

अगर आप 25 वर्ष की उम्र से निवेश करते हैं, तो आप 34 लाख रुपये इकट्ठे कर पाते हैं (10% p.a. रिटर्न के साथ)|

वहीँ अगर आप 5 साल तक कुछ नहीं करते और 30 साल की उम्र पर निवेश करना शुरू करते हैं, तो आप केवल ~ 21 लाख रुपये ही जमा कर पायेंगे|

केवल पांच साल के देरी करी और 40 प्रतिशत कम धन जमा हुआ|

1 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कितना निवेश करना होगा?

हम लोगों का ध्यान हमेशा बड़े अंकों या आंकड़ो पर अटक जाता है| 1 करोड़ भी ऐसा ही एक नंबर है|

अगर मैं आपसे पूंछू की एक करोड़ इकठ्ठा करने के लिए कितना निवेश करना होगा, तो आप क्या ज़वाब देंगे?

इस सवाल का ज़वाब निर्भर करता है की

  1. आपको 1 करोड़ रुपये कब चाहिए
  2. और आप कितने रिटर्न की अपेक्षा करते हैं

power of compounding 2 how much to invest

आप देख सकते हैं की अगर आप 25 साल की बजाय 35 साल की उम्र पर निवेश करना शुरू करेंगे, तो आपको हर महीने 2,919 रुपये की जगह 8,044 रुपये निवेश करना होगा|

Time is Money. समय भी धन है|

तो अपनी निवेश राशि को कम ना आंके| अगर आप जल्दी निवेश करना शुरू करेंगे तो आपकी निवेश अवधि आपकी कम राशि की भरपाई कर देगी|

निवेश में संयम और अनुशासन भी बहुत अहम् भूमिका निभाते हैं|

ध्यान रखें: बूँद-बूँद सागर बनता है|

अब पानी का सागर बनाना तो किसी के बस की बात नहीं| पर इस कहावत से प्रेरणा लेकर आप अपनी आर्थिक स्तिथि को ज़रूर मज़बूत कर सकते हैं|

Filed Under: Financial Planning Tagged With: financial Planning, power of compounding

कैसे और कब करें Mutual Fund Regular plan से Mutual Fund Direct Plan में Switch?

Last updated: नवम्बर 8, 2017 | by दीपेश 2 Comments

पिछली कुछ पोस्ट्स में हमनें Mutual Fund Direct Plans के फ़ायदे जाने और यह जानने की कोशिश करी की क्या आपको Mutual Funds के Direct Plans में निवेश करना चाहिए या Regular plans में|

अगर आपने वह पोस्ट्स नहीं पढ़ी हैं, तो आप उन्हें यहाँ पढ़ सकते हैं|

क्या आपको Mutual Fund Direct Plans में निवेश करना चाहिए?

कैसे निवेश करें Mutual Fund Direct Plans में?

इन पोस्ट्स को पढ़कर आपको इस बात का तो अंदाजा हो जाएगा की आपको Mutual Fund Direct Plans में कैसे निवेश करना है|

पर अभी भी एक समस्या है|

आपके पुराने निवेश रेगुलर प्लान में हो सकते है| आप नए निवेश डायरेक्ट प्लान में कर के  कमीशन  बचा कर अपने रिटर्न्स बढ़ा सकते हैं| लेकिन जो आपके पुराने निवेश  रेगुलर प्लान में हैं, उन पर कमीशन जाता रहेगा|

कमीशन से बचने के लिए आप अपने रेगुलर प्लान  को डायरेक्ट प्लान में  में स्विच (Switch) कर  सकते हैं|

अब सवाल यह आता है की म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में कैसे जाएँ? आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

किन बातों का ध्यान रखें Regular Plan से Direct Plan में Switch करते समय

म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में स्विच करते समय आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

अगर आप अपना investment एक स्कीम के Regular Plan से Direct प्लान में Switch कर रहे हैं, तो यह दो transactions के बराबर है|

  1. रेगुलर प्लान में बेचना (Redemption in Regular Plan)
  2. डायरेक्ट प्लान में खरीदना (Purchase in Direct Plan)

जब भी आप Mutual Funds बेचते हैं, तो आपको दो बातों का ज़रूर ख्याल रखना चाहिए|

  1. एग्जिट लोड (Exit Load): अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड  को बहुत जल्दी बेच देते हैं, तो आप पर यह पेनल्टी लगती है| Equity mutual funds में अमूमन एक साल से पहले बेचने पर 1% पेनल्टी देनी पड़ती है| Debt Mutual Funds में यह अवधि कम रहती है| ध्यान रखें Exit Load और Exit Load Period हर स्कीम में अलग हो सकता है| अपने Scheme Information Document को पढ़ें या ValueResearchOnline पर भी यह जानकारी पा सकते हैं|
  2. Capital Gains Tax: म्यूच्यूअल फण्ड  बेचने पर आपको टैक्स देना पड़ सकता है| इस बारें में बारीकियां पर इस पोस्ट में चर्चा की गयी है|

ज़रूर पढ़ें: कितना टैक्स देना पड़ता है Mutual Funds बेचने पर?

अगर आप Regular plan से Direct plan mein switch कर रहे है, इस बात पर ध्यान रखना होगा की आप Exit Load बचा सकें और टैक्स का असर कम कर सकें|

Equity Funds में Regular से Direct plan में कब Switch करें?

Equity Funds में एक साल के बाद निकलने पर exit load नहीं देना होता| ध्यान रखें आपके फण्ड में यह अलग हो सकता है|

इसके साथ ही एक साल के बाद आपको कोई capital gains tax भी नहीं देना होता|

तो आप निवेश को अगर एक साल हो गया है, तो आप उसे Regular से Direct प्लान में Switch कर सकते हैं|

Debt Funds में Regular से Direct plan में कब Switch करें?

Debt Mutual Funds में Exit Load इतनी बड़ी रेशानी  नहीं है|

परन्तु Capital Gains Tax एक बड़ी परेशानी है|

3 साल से पहले बेचने पर मुनाफे पर अपने slab rate (tax bracket) के हिसाब से टैक्स देना होता है|

उसके बाद बेचने पर Long Term Capital Gains tax (20% indexation के adjustment के बाद)  देना पड़ेगा| इस केस में tax liability (टैक्स भार) काफी कम हो सकती है|

तो debt mutual funds में आपको Regular से Direct प्लान में Switch करने से पहले आपको 3 साल तक इंतज़ार करना पड़ सकता है|

मेरी Regular plan में SIP चल रही है| उसे Direct प्लान में कैसे स्विच करूं?

आप SIP Switch नहीं कर सकते|

आपको यह करना चाहिए|

  1. Regular Plan में SIP रोकें (इससे आपके regular प्लान में नए investment रुक जायेंगे)
  2. Direct Plan में नयी SIP चालू करें (नए investment Direct plan में होंगे)
  3. धीरे-धीरे Regular plan में अपने निवेश को Direct Plan में स्विच करें (जैसे की ऊपर ज़िक्र किया गया है)

ध्यान दें SIP की हर किश्त एक नए निवेश की तरह होती है| तो एग्जिट लोड (exit load) और capital gains tax बचाने के लिए इस बात का ध्यान ज़रूर रखें|

पढ़ें: SIP (सिप) द्वारा निवेश के फायदे और SIP (सिप) से जुडी मिथ्यायें

ध्यान रखें

मैंने जो सुझाव दिया है शायद आपके लिए सही न हो| कब Switch करना है इस बात का जवाब आपकी परिस्तिथि के हिसाब से अलग हो सकता है| स्विच करने से पहले अपने Financial Advisor या Chartered Accountant से ज़रूर परामर्श करें|

और पढ़ें: How to Switch from Regular Plan of a MF Scheme to Direct Plan of the same Scheme?

अगर आपको इस विषय में कोई सवाल पूछना है, तो Comments section में पूछ सकते हैं|

Filed Under: Financial Planning, Mutual Funds Tagged With: mutual fund direct plan, mutual funds, regular plan to direct plan in hindi, swtich from regular plan to direct plan hindi, म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में कैसे जाएँ

कितना टैक्स देना पड़ता है Mutual Funds बेचने पर?

Last updated: अगस्त 2, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

जब आप म्यूच्यूअल फण्ड बेचते हैं, तो आपको मुनाफे (capital gain) पर टैक्स देना पड़ता है|

इस पोस्ट में में जानेंगे की म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर कितना टैक्स देना पड़ता है|

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में नए हैं और म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में बिलकुल शुरुआत  से जानना चाहते हैं (basic knowledge), तो इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|

म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर टैक्स दो बातों पर निर्भर करता है:

  1. आपने किस प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया है (type of mutual fund) (Equity या debt म्यूच्यूअल फण्ड)
  2. आपकी निवेश अवधि क्या है (holding period)

आईये देखते हैं की कैसे विभिन्न प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड पर टैक्स लगता है|

ध्यान दें टैक्स आपको केवल मुनाफे (या रिटर्न) पर देना होता है| आपके मूल निवेश कर कोई टैक्स नहीं लगता|


Taxation of Equity Mutual Funds (इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर टैक्स)

आप कितना टैक्स देंगे यह निर्भर करता है की आपने अपने mutual fund units को कितने समय तक होल्ड (hold) किया  हैं|

Long term या short term?


Short Term Capital Gains Tax on Sale of Equity Funds

अगर आप अपने यूनिट्स एक वर्ष से पहले बेच देते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो उस मुनाफे को Short Term Capital Gain माना जाएगा|

इस Short Term Capital Gain पर आपको 15% टैक्स (कर) देना होगा|

Example: आपने 1 जनवरी, 2016 को एक लाख रुपये का निवेश एक Equity फण्ड में किया| आपने सारे units 30 सितम्बर, 2016 को 1 लाख 20 हज़ार रुपये में बेच दिए|

आपको 20 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| क्योंकि आपने अपने units 1 साल से पहले ही बेच दिए, यह मुनाफा Short Term Capital Gain माना जाएगा और आपको इस मुनाफे पर 15% टैक्स देना पड़ेगा|

20,000 X 15% = 3,000 (cess and Surcharge extra)


Long Term Capital Gains Tax on Sale of Equity Funds

अगर आप अपने units एक वर्ष के बाद बेच देते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो उस मुनाफे को Long Term Capital Gain माना जाएगा| Equity Mutual Fund बेचने पर जो Long Term Capital Gain होता है, वह FY2018 तक कर-मुक्त (tax-exempt) है| आपको ऐसे मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं देना होगा|

FY2019 (1 अप्रैल 2018) से  बाद बेचने पर जो long टर्म capital gain होगा, उस पर आपको 10% टैक्स देना होगा|

पढ़ें: इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर मुनाफे पर देना पड़ेगा 10% टैक्स

Example: आपने 1 फरवरी , 2018 को एक लाख रुपये का निवेश एक Equity फण्ड में किया| आपने सारे units 2 फ़रवरी, 2019 को 1 लाख 20 हज़ार रुपये में बेच दिए|

आपको 20 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| क्योंकि आपने अपने units 1 साल के बाद बेचे हैं, यह मुनाफा Long Term Capital Gain माना जाएगा और आपको इस मुनाफे पर कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा|

आपको 20 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| क्योंकि आपने अपने units 1 साल के बाद बेचे हैं, यह मुनाफा Long Term Capital Gain माना जाएगा और आपको इस मुनाफे पर 10% प्रतिशत टैक्स देना होगा|

ध्यान दें ELSS (Equity Linked Savings Scheme) भी एक प्रकार का म्यूच्यूअल फण्ड है और ELSS बेचने पर भी इसी प्रकार आपको टैक्स देना होगा|


Taxation of Debt Mutual Funds (डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर टैक्स)

यहाँ भी टैक्स आपके Holding Period पर निर्भर करता है|


Short Term Capital Gains Tax on Sale of Debt Mutual Funds

अगर आप अपने units 3 वर्ष से पहले बेच देते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो उस मुनाफे को Short Term Capital Gain माना जाएगा| इस Short Term Capital Gain पर आपको अपने tax bracket (slab rate) के अनुसार टैक्स देना होगा.

Example: आपने 1 जनवरी, 2016 को एक लाख रुपये का निवेश एक Equity फण्ड में किया| आपने सारे units 3 सितम्बर, 2018 को 1 लाख 30 हज़ार रुपये में बेच दिए| मान लीजिये आप 30% टैक्स bracket में आते हैं|

आपको 30 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| क्योंकि आपने अपने units 3 साल से पहले ही बेच दिए, यह मुनाफा Short Term Capital Gain माना जाएगा और आपको इस मुनाफे पर 30% (आपके टैक्स bracket) टैक्स देना पड़ेगा|

30,000 X 30% = 9,000 (cess and Surcharge extra)


Long Term Capital Gains Tax on Sale of Debt Mutual Funds

अगर आप अपने units 3 वर्ष के बाद बेच देते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो उस मुनाफे को Long Term Capital Gain माना जाएगा| Debt Mutual Fund बेचने पर Long Term Capital Gain की गणना (Calculate) करने का तरीका अलग होता है|

यहाँ पर आपको indexation benefit मिलता है| सोच यह है की आपके investment की कीमत Inflation की वजह से गिर गयी है|

आप 5 साल पहले 100 रुपये में एक सेब (apple) खरीद सकते थे, पर आज 5 साल बाद वही सेब 140 रुपये का आता है| मैंने सेब का उदाहरण केवल inflation (मुद्रास्फीति) के बारे में दर्शाने की लिए किया है|

सरकार आपके investment में जो बढ़त inflation के वजह से हुई है, उसे टैक्स नहीं करती|

Income Tax Department एक Cost Inflation Index बना कर रखता है|

Example: आपने 1 जनवरी, 2010 को एक लाख रुपये का निवेश एक Equity फण्ड में किया| आपने सारे units 3 सितम्बर, 2015 को 1 लाख 70 हज़ार रुपये में बेच दिए| मान लीजिये आप 30% टैक्स bracket में आते हैं|

आपको 70 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| परन्तु Long Term Capital Gain calculate करने का तरीका यहाँ पर अलग है| आपने खरीदा FY 2011 में है और बेचा FY 2016 में है|

Cost Inflation Index for  FY 2011: 711

Cost Inflation Index for  FY 2016: 1081

आपकी investment के खरीदने के price को इस के हिसाब से बढ़ाया जाएगा|

टैक्स calculate करने के लिए अब आपका cost होगी: 1 लाख x 1081/711 = 1.52 लाख

Long Term Capital Gain = 1.7 लाख – 1.52 लाख = 18 हज़ार रुपये

इस मुनाफे पर आपको 20% टैक्स देना होगा|

18,000 X 20% = 3,600 (cess and Surcharge extra)


Dividends पर कितना टैक्स देना होता है?

कई बार आपको आपका म्यूच्यूअल फण्ड Dividend भी अदा करता है|

यह dividend किस तरह टैक्स होता है?

Equity Mutual Funds या Debt Mutual Funds पर जो dividend मिलता है, उस पर आपको टैक्स नहीं देना होता|

परन्तु म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी को आपको dividend बांटने से पहले Dividend Distribution tax देना पड़ता है| और यह आपके पैसे से ही आता है|

भाग्यवश Equity Mutual Funds में DDT नहीं देना होता| FY2018 तक इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड से मिलने वाले dividend पर कोई DDT नहीं है| FY2019 से मिलने वाले dividend पर 10% DDT लगेगा|

परन्तु Debt Mutual Funds में 25% DDT होता है| Cess और Surcharge मिला कर यह 28.84% (FY2019 से 29.12%) हो जाता है| तो समझ लिए की आपको अगर 10 रुपये का dividend मिला है तो, आपके mutual fund की NAV 12.88 रुपये गिर जायेगी|

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018

टैक्स की यह दरें 1 अप्रैल 2018 से लागू होंगी|


यह ध्यान रखें

जब तक आप mutual funds नहीं बेचते, तब तक आपके ऊपर कोई tax liability नहीं आती| इसका मतलब आप अपने mutual fund यूनिट्स नहीं बेचते, तब तक आपको टैक्स की चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है|

ज़रूरी नहीं है की आपको मुनाफा ही हो, आपको नुक्सान भी हो सकता है| उस केस में आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा| आप इस नुकसान को किसी और फ़ायदे के साथ adjust कर सकते हैं| यह विषय किसी और पोस्ट में समझेंगे|

Systematic Investment Plan (SIP) केवल एक निवेश करने का तरीका है|

SIP रोकने या बंद करने पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

टैक्स केवल म्यूच्यूअल फण्ड की units को बेचने पर देना होता है| आपके investment की तारिख SIP शुरू करने की तारिख नहीं मानी जाती| टैक्स नियमों के हिसाब से हर SIP installment एक नए निवेश की तरह है|

मान लीजिए आपने एक equity fund में SIP चलाई है| जो units आपने 15 जनवरी 2016 की SIP installment के द्वारा खरीदीं हैं उनका 1 साल 15 जनवरी 2017 को पूरा होगा|

जो units आपने 15 फरवरी 2016 की SIP installment के द्वारा खरीदीं हैं उनका 1 साल 15 फरवरी 2017 को पूरा होगा| टैक्स भी उसी हिसाब से लगेगा|

Filed Under: Mutual Funds, Tax Planning Tagged With: elss mutual fund, mutual funds, tax on sale of mutual funds, टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फण्ड, म्यूच्यूअल फण्ड में टैक्स

आपका claim reject नहीं होगा अगर आपकी जीवन बीमा (Life Insurance) पालिसी 3 साल पुरानी है

Last updated: सितम्बर 14, 2017 | by दीपेश 10 Comments

कोई भी इंश्योरस पालिसी खरीदते समय सबसे बड़ी शंका लोगों के मन में यह रहती है की कई साल प्रीमियम का भुगतान करने के बावजूद अगर इंश्योरंस कंपनी ने आपके claim को अस्वीकार (reject) कर दिया, तो आप क्या करेंगे?

और इसी शंका के चलते काफी लोग जीवन और स्वास्थ्य बीमा (life and health insurance) नहीं खरीदते हैं| खासकर टर्म लाइफ इंश्योरंस (Term Life Insurance).

सच बताऊँ तो इंश्योरंस कंपनियों का रिकॉर्ड भी आपको कुछ ज्यादा भरोसा नहीं दिलाता. आये दिन आप न्यूज़ पेपर या मेग्ज़िन्स में पढेंगे की किस तरह बिना किसी वजह insurance company मे claim reject कर दिया|

इंश्योरंस कंपनियों पर विश्वास करना मुश्किल होता है| अगर वह किसी भी तरह आपका claim reject कर सकते हैं, तो कर देंगे|

इसी वजह से काफी लोग LIC (Life Insurance Company) में ज्यादा विश्वास करते हैं और प्राइवेट इंश्योरंस कंपनियों को भेड़िया समझते है|

Amendment in Insurance Act (बीमा अधिनियम में संशोधन)

शायद सरकार को इस बात का अंदेशा था| इसी वजह से सरकार ने 2014-2015 में Insurance Act, 1938 में एक संशोधन (Amendment) कर दिया|

अब अगर आपकी जीवन बीमा पालिसी (life insurance policy) 3 साल पुरानी है, तो इंश्योरंस कंपनी आपका life इंश्योरेंस claim reject (अस्वीकार) नहीं कर सकती|

आइये देखते हैं क्या लिखा है कानून में| सेक्शन 45 में लिखा है:

(1) No policy of life insurance shall be called in question on any ground whatsoever after the expiry of three years from the date of the policy, i.e., from the date of issuance of the policy or the date of commencement of risk or the date of revival of the policy or the date of the rider to the policy, whichever is later.

(2) A policy of life insurance may be called in question at any time within three years from the date of issuance of the policy or the date of commencement of risk or the date of revival of the policy or the date of the rider to the policy, whichever is later, on the ground of fraud:

इक मतलब साफ़ है, चाहे आपने पालिसी खरीदते समय झूट बोला हो या कुछ बताना भूल गायें हों, अगर आपको Life Insurance Policy लिए 3 साल हो गए हैं, तो इंश्योरंस कंपनी को claim स्वीकार (settle) करना होगा|

तो इंश्योरंस कंपनी के पास तीन साल हैं किसी भी बात का पता लगाने के लिए|

इस अधिनियम (एक्ट) की कॉपी आपको IRDA की website पर मिल जायेगी|

इससे आपको क्या फायदा होगा?

काफी फायदा होगा|

अगर आपकी पालिसी तीन साल से ज्यादा पुरानी है, तो में उम्मीद करता हूँ की आपका claim काफी जल्दी process (pass) हो जाएगा|

अगर जीवन बीम पालिसी को तीन साल हो गए हैं, तो इंश्योरंस कंपनी के हाथ बंधे हुए हैं| उन्हें claim pass करना ही होगा|

तो आप उम्मीद कर सकते हैं की claim rejection कम हो जायेंगे|

पालिसी धारक को भी कम चिंता करने की ज़रुरत है|

शायद लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री में उनका विश्वास बढ़ सकता है|

ध्यान रखें

यह संशोधन केवल जीवन बीमा (Life Insurance) पालिसी के लिए है|

यह लाभ आपको स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) के लिए नहीं मिलेगा|

Insurance Act (बीमा अधिनियम) में यह संशोधन (Amendment) मार्च 2015) में लाया गया था|

और यह संशोधन 26 December, 2014 से लागू माना जाएगा|

अगर आपने अपनी पालिसी 26 December 2014 से पहले खरीदी थी, तो मेरे लिए यह कहना कठिन है की आपको इस संशोधन के लाभ मिलेगा की नहीं|

हो सकते है मिले या फिर न मिले| शायद जब कोई केस कोर्ट जाएगा तब ही पता चलेगा|

मैं कोई कानूनी विशेषज्ञ नहीं हूँ और इस बात पर टिप्पणी नहीं करूँगा| आप किसी कानूनी जानकार से बात करके इस बात पर स्पष्टता मांग सकते हैं|

क्या आप पालिसी खरीदते समय कोई बात छुपा सकते हैं?

कुछ लोगों से जब मैंने इस बारे में बात करी तो उनका पहला सवाल था की क्या वह लोग जीवन बीमा लेते समय अपनी किसी बीमारी के बारे में इंश्योरंस कंपनी से छुपा सकते हैं|

उनकी सोच थी की इस संशोधन के बाद अगर किसी तरह तीन साल निकल गए तो फिर इंश्योरंस कामनी कुछ नहीं कर पाएगी और उसे आपके इंश्योरंस claim का पेमेंट करना होगा|

बीमारी छुपाने से आपको शायद प्रीमियम भी कम देना पड़े|

यह सोच गलत है और खतरनाक भी|

पहली बात अगर आपकी मृत्यु पालिसी लेने के तीन वर्षों के अन्दर हो जाती है और इंश्योरंस कंपनी को पता चलता है की आपने अपनी बिमारी छुपायी थी, तो वह आपके claim को reject (अस्वीकार) कर देगी|

ऐसा होने पर आपका परिवार क्या करेगा? ऐसे समय में परिवार वैसे ही इतने तनाव में रहता है| आप एक और परेशानी उनके सर छोड़ जायेंगे|

अगर मृत्यु तीन साल बाद भी होती है और इंश्योरंस कंपनी को पता चलता है, तो वह कहीं न कहीं केस अटका सकते हैं| आपको कोर्ट जाना पड़ सकता है| और क्या पता सभी तथ्यों को जानने के कोर्ट आपके विरुद्ध (against) फैसला सुना दे|

Insurance एक contract (अनुबंध) है|

बशर्ते इंश्योरंस कंपनी या एजेंट इमानदार न हो, आपको पूरी इमानदारी से सारी जानकारी इंश्योरंस company को देनी चाहिए पालिसी खरीदते समय|

यह बदलाव आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए बहुत ही लाभकारी है|

परन्तु इस संशोधन का गलत फायदा उठाने की कोशिश न करें| आप अपने परिवार को बड़ी परेशानी में डाल सकते हैं|

और पढ़ें: Life Insurance Companies cannot reject claim after 3 years

Filed Under: Life Insurance Tagged With: Insurance Amendment Act 2015, Life Insurance, Life Insurance claim settlement

कैसे निवेश करें Mutual Fund Direct Plans (म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान) में?

Last updated: अगस्त 2, 2018 | by दीपेश 4 Comments

हमने पिछली पोस्ट में देखा था की आप किस तरह Mutual Fund Direct Plans (म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान) में निवेश करके उसी स्कीम के Regular plan से बेहतर रिटर्न्स पा सकते हैं|

अगर आप लम्बी अवधि (long term) के लिए निवेश कर रहे हैं, तो जमा राशि (Direct plan vs. Regular plan) में अंतर काफी बड़ा हो सकता है| इसका मतलब की अगर आप बराबर पैसा एक ही स्कीम के रेगुलर और डायरेक्ट प्लान में निवेश करते हैं,  तो डायरेक्ट प्लान में ज्यादा पैसा जमा हो जाएगा (रेगुलर प्लान के मुकाबले)|

पढ़ें: क्या होते हैं म्यूच्यूअल फंड डायरेक्ट प्लान? क्या अंतर है डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में?

वैसे, अगर आप म्यूच्यूअल फंड के बारे में शुरुआत  (mutual fund basics) से समझना चाहते हैं , तो इस पोस्ट (म्यूच्यूअल फण्ड क्या हैं? Mutual Fund Basics in Hindi को अवश्य पढ़ें|

अब सवाल आता है की: Mutual Funds के Direct Plans में निवेश कैसे करें? म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में कैसे निवेश करें?

आइये इस पोस्ट में देखते है की आप किन तरीकों से Mutual Funds के Direct Plans में निवेश  कर सकते हैं|


कैसे निवेश करें म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में? How to invest in Mutual Fund Direct plans?

दो तरीकें है:

  1. Offline (पेपर फॉर्म भर कर)
  2. Online (website के द्वारा)

मैं online (ऑनलाइन) निवेश करना पसंद करता हूँ|  

अगर आप Mutual Fund Direct Plans में ऑनलाइन (Online) निवेश नहीं करना चाहते हैं

अगर आप ऑनलाइन (online) म्यूच्यूअल फंड्स नहीं खरीदना चाहते, तो आप Direct plans में निम्नलिखित तरीकों से निवेश कर सकते हैं|

  1. अपने शहर में म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी की निकटतम (nearest) branch (शाखा) में जा कर| जैसे की, आप HDFC Mutual Fund की branch में जा कर फॉर्म भर सकते हैं| ध्यान रखें आपको HDFC Mutual Fund की शाखा में जाना है, HDFC बैंक की शाखा में नहीं| अगर आप HDFC Bank की शाखा  में जायेंगे, तो आप Regular plan में ही निवेश कर पायेंगे| डायरेक्ट प्लान में निवेश नहीं कर पायेंगे|

इसमें बस एक परेशानी है की आपको अगर कई Mutual Fund कंपनी के साथ निवेश करना है, तो सबकी शाखाओं में जाना                पड़ेगा|

  1. अपने शहर में निकटम CAMS या Karvy के ऑफिस में जा कर| वहां आपको सारे फॉर्म्स मिल जायेंगे| आप कई mutual funds में एक ही जगह से निवेश कर सकते हैं|
  2. MF Utility से साथ रजिस्टर करने के बात आप अपने फॉर्म भर कर CAMS या Karvy office में जमा कर सकते हैं|

अगर आप Mutual Fund Direct Plans में ऑनलाइन (Online) निवेश करना चाहते हैं

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में ऑनलाइन निवेश  करने के इच्छुक हैं ,तो आपके पास काफी सारे विकल्प हैं|

बहुत सारी वेबसाइट हैं, जिनकी मदद से आप म्यूच्यूअ फण्ड के Direct plans में निवेश कर सकते हैं|

  1. आप Mutual Fund House की वेबसाइट पर जा कर सकते हैं (मुफ्त)
  2. MF Utility (मुफ्त)
  3. BharosaClub
  4. CAMSOnline/MyCAMS (मुफ्त)
  5. ClearFunds
  6. Expowealth
  7. Invezta
  8. Kuvera
  9. MoneyFront
  10. OroWealth
  11. Piggy (केवल App है)
  12. Savvy
  13. Unovest
  14. Upraise
  15. WealthTrust
  16. WixiFi
  17. Zerodha Coin

सौजन्य: www.PersonalFinancePlan.in

आप इन वेबसाइट  पर जा कर रजिस्टर कर सकते है, उसके बाद जो आपको अच्छा लगे, उस website के माध्यम से निवेश कर सकते हैं|

ध्यान रखें यह वेबसाइट कुछ भी कमीशन नहीं कमाती (क्योंकि Direct plans में Commission नहीं होते), इसीलिए इन वेबसाइट की कुछ फीस होगी, जो आपको भरनी होगी|

परन्तु फीस (fees) commissions के मुकाबले काफी कम होगी, खासकर अगर आपका पोर्टफोलियो काफी बड़ा है|

अगर आप खुद Mutual Fund Schemes का चयन कर सकते हैं

तो अब देरी किस बात की है, अगर आप स्वयं Mutual Fund Schemes का चुनाव कर सकते है, तो जल्दी से Direct plans में निवेश करना शुरू करें|

Go Direct.

परन्तु, अगर आपको म्यूच्यूअल फंड्स के चयन में सहायता चाहिए, तो अपने लोकल डिस्ट्रीब्यूटर (Distributor) से बात करें और Regular Plan में निवेश करें|

अन्यथा आप एक SEBI Registered Investment Adviser से भी परामर्श कर सकते हैं, इसके बाद म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान  में निवेश कर सकते हैं|

म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में अन्य उपयोगी पोस्ट

अगर पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कैसे शुरू करें?

म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते समय इन गलतियों से बचें

म्यूच्यूअल फण्ड सिप (SIP) क्या है? क्या हैं म्यूच्यूअल फण्ड सिप के फायदें?

म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर कितना टैक्स देना पड़ता है?

Filed Under: Mutual Funds Tagged With: investment direct plan, mutual fund direct plan, mutual fund direct plan in hindi, mutual funds, muutal fund regular vs direct plan in hindi, म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में निवेश कैसे करें

  • « Go to Previous Page
  • Page 1
  • Interim pages omitted …
  • Page 33
  • Page 34
  • Page 35
  • Page 36
  • Go to Next Page »

Primary Sidebar

HindiFinance

Subscribe on Youtube




Join our Newsletter
Enter your email address and click on the Get Instant Access button.
Thank you for subscribing.
Something went wrong.
I agree to have my personal information transfered to MailChimp ( more information )
We respect your privacy

For any guest posts or advertising queries, please write to us at hindifinance@gmail.com

Popular Posts

  • अटल पेंशन योजना की पूरी जानकारी (Atal Pension Yojana in Hindi) (2022)
  • सुकन्या समृद्धि योजना की पूरी जानकारी (Sukanya Samriddhi Yojana 2019)
  • नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बारें में पूरी जानकारी (Complete Information about NPS in Hindi)
  • PPF खाते के बारे में पूरी जानकारी (Complete Information about PPF Account in Hindi)
  • कौन से हैं 5 सबसे अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Term Life Insurance Plan)?

(c) Copyright 2025 www.HindiFinance.com | Privacy Policy