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LIC की नयी योजना: एलआईसी माइक्रो बचत प्लान(LIC Micro Bachat in Hindi)

by दीपेश Leave a Comment

एलआईसी से एक नया जीवन बीमा प्लान (LIC Micro Bachat, एलआईसी माइक्रो बचत ) शुरू करी है| जानते हैं इस प्लान के बारे में विस्तार से|

एलआईसी माइक्रो बचत (Plan 851): पूरी जानकारी और समीक्षा (LIC Micro Bachat: Review in Hindi)

  • न्यूनतम प्रवेश आयु (Minimum Entry Age): 18 वर्ष
  • अधिकतम प्रवेश आयु (Maximum Entry Age): 55 वर्ष
  • पालिसी अवधि (Policy Term) : 10 से 15 वर्ष
  • प्रीमियम भुगतान अवधि (Premium Payment Term) पालिसी अवधि के बराबर होगी|
  • अगर 10 वर्ष की पालिसी अवधि है, तो 10 वर्ष की ही प्रीमियम भुगतान अवधि होगी|
  • न्यूनतम मूल बीमित राशि (Minimum Sum Assured): 50,000 रुपये
  • अधिकतम मूल बीमा राशि (Maximum Sum Assured): 2 लाख रुपये
  • पालिसी से लोन भी ले सकते हैं| (Loan Facility Available)
  • प्रीमियम भरने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है|
  • परिपक्वता (मेच्योरिटी) के समय मिलने वाली राशि कर-मुक्त (tax-free) है| Maturity amount is exempt from income tax.
  • आप प्लान के साथ दुर्घटना मृत्यु और विकलांगता लाभ (Accidental Death and Disability Rider) राइडर खरीद सकते हैं।
  • आप एक से अधिक LIC Micro Bachat plan खरीद सकते हैं| परन्तु सभी माइक्रो बचत प्लान में मिला कर आपका बीमा 2 लाख रुपये से अधिक का नहीं हो सकता| तो, मान लिए आप 1.5 रुपये के बीमा वाला माइक्रो बचत प्लान लेते हैं| इसके बाद आप LIC माइक्रो बचत प्लान के तहत केवल 50 रुपये का बीमा और ले सकते हैं|
  • प्लान लेते समय किसी मेडिकल जांच की ज़रुरत नहीं है|

एलआईसी माइक्रो बचत प्लान के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप LIC वेबसाइट पर जा सकते हैं|

एलआईसी माइक्रो बचत प्लान में प्रीमियम कितना देना होगा? LIC Micro Bachat Plan: Premium calculator)

प्रीमियम आपकी आयु, पालिसी अवधि और बीमा राशि पर निर्भर करेगा|

अगर प्रीमियम का कुछ आईडिया चाहते हैं, तो इस टेबल को देख सकते हैं|

LIC Micro bachat plan premium table एलआईसी माइक्रो बचत प्लान प्रीमियम टेबल 851 प्लान
एलआईसी माइक्रो बचत प्लान (प्रीमियम टेबल)

यह प्रीमियम प्रति 1,000 रुपये बीमा के लिए हैं|

मान लिए एक 35 वर्षीय व्यक्ति 1 लाख रुपये का बीमा खरीदता है| पालिसी अवधि 15 वर्ष है| ऐसे में उसको (1 लाख/1,000)*52.2 = 5,220 रुपये का वार्षिक प्रीमियम देना होगा| इस प्रीमियम के ऊपर GST भी लगेगा|

प्रीमियम का भुगतान आप वार्षिक (Annual), अर्ध-वार्षिक(half-yearly), तिमाही (quarterly) और मासिक (monthly) तौर पर कर सकते हैं| वार्षिक और अर्ध-वार्षिक भुगतान करने पर थोड़ी सी rebate (discount) भी मिलेगा|

साथ ही ज्यादा बीमा लेने पर भी आपको कुछ छूठ (rebate) मिलेगी|

एलआईसी माइक्रो बचत (Plan 851): मृत्यु लाभ (LIC Micro Bachat: Death Benefit)

पालिसी अवधि के दौरान पालिसी धारक की मृत्यु होने पर नॉमिनी को निम्नलिखित राशि मिलेगी:

अगर पालिसी लेने के 5 वर्ष पूरे होने से पहले पालिसीधारक की मृत्यु होती है, तब नॉमिनी को बीमा राशि (Sum Assured) दी जायेगी|

अगर पालिसी लेने के 5 वर्ष के बाद पालिसीधारक की मृत्यु होती है, तब नॉमिनी को बीमा राशि के साथ loyalty addition (लॉयल्टी एडिशन या निष्ठां वृद्धि) भी दी जायेगी|

लॉयल्टी वृद्धि (loyalty addition) पॉलिसी में 5 साल पूरे करने के बाद ही लागू होगा। इसलिए, यदि 5 वर्ष से पहले मृत्यु हो जाती है, तो कोई लॉयल्टी वृद्धि का अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाएगा।

आपकी पालिसी के लिए loyalty addition की घोषणा समय-समय पर एलआईसी करेगा|

एलआईसी माइक्रो बचत (Plan 851): मेच्योरिटी लाभ (LIC Micro Bachat: Maturity Benefit)

पालिसी मेच्योर होने पर आपको बीमा राशि के साथ loyalty addition (लॉयल्टी एडिशन या निष्ठां वृद्धि) दिए जायेंगे|

Maturity Amount = Sum Assured + Loyalty Addition

Sum Assured (बीमा राशि) तो आपको पता है, परन्तु लॉयल्टी एडिशन के बारे में अभी से कहना मुश्किल है|

एलआईसी माइक्रो बचत में रिटर्न कैसे मिलते हैं?

एलआईसी माइक्रो बचत एक participating प्लान है| इसका मतलब आपके रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है की एलआईसी आपकी पालिसी अवधि के दौरान कितने लॉयल्टी एडिशन की घोषणा करता है|

ज्यादा लॉयल्टी वृद्धि मिलती है, तो रिटर्न बेहतर होंगे|

ऐसे में या कह पाना मुश्किल है की आपको कितना रिटर्न मिलेगा|

मेरे अनुसार आपको 4-6% p.a. के बीच रिटर्न मिलेंगे|

एलआईसी माइक्रो बचत प्लान (LIC Micro Bachat Plan) brochure

एलआईसी के अन्य प्लान के बारे में जानकारी

एलआईसी जीवन शांति (LIC Jeevan Shanti)

एलआईसी जीवन अक्षय VI (LIC Jeevan Akshay VI)

एलआईसी न्यू जीवन आनंद (LIC New Jeevan Anand)

एलआईसी जीवन उत्कर्ष (LIC Jeevan Utkarsh)

एलआईसी जीवन उमंग (LIC Jeevan Umang)

एलआईसी न्यू एंडोमेंट प्लान (LIC New Endowment Plan)

एलआईसी जीवन तरुण (LIC Jeevan Tarun)

एलआईसी ई-टर्म प्लान (LIC e-Term plan)

एलआईसी बीमा बचत प्लान (LIC Bima Bachat Plan)

एलआईसी जीवन शिरोमणि (LIC Jeevan Shiromani)

एलआईसी जीवन लक्ष्य (LIC Jeevan Lakshya)

एलआईसी सिंगल प्रीमियम एंडोमेंट प्लान (LIC Single Premium Endowment Plan)

एलआईसी कैंसर कवर प्लान (LIC Cancer Cover Plan)

एलआईसी न्यू मनीबेक प्लान-20 वर्ष (LIC New Money Back Plan – 20 years)

अन्य उपयोगी पोस्ट या लिंक

LIC प्रीमियम कैलकुलेटर

अपनी LIC पालिसी से लोन कैसे लें?

कौन से हैं बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Term Insurance Plan)

किस प्रकार का जीवन बीमा लेना चाहिए?

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)

Filed Under: LIC, Life Insurance Tagged With: LIC Micro Bachat Yojana, एलआईसी माइक्रो बचत योजना

Health Insurance Claim Settlement Ratios 2018 (हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट 2018)

Last updated: जनवरी 31, 2019 | by दीपेश Leave a Comment

जब भी हम कोई इंश्योरेंस प्लान लेने जाते हैं, तो पालिसी का चुनाव करने से पहले हम उस कंपनी के क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (claim settlement ratio) के बारे में जानना चाहते हैं| क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जितना ज्यादा है, आपको उस कंपनी में उतना आपको उतना ही विश्वास रहेगा|

क्लेम सेटलमेंट रेश्यो की गणना करने के लिए आप “जितने क्लेम का आपने भुगतान किया” का “जितने क्लेम आपके पास आये” से भाग (divide) करते हैं|

Claim Settlement Ratio = No. of claims settled/No. of claims received

क्लेम सेटलमेंट रेश्यो की यह परिभाषा जीवन बीमा कंपनी ( लाइफ इंश्योरेंस कंपनी) के लिए चलती है| हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में क्लेम सेटलमेंट दूसरे तरीके से देखा जाता है| यहाँ पर हम लोग Incurred Claims Ratio या ICR की बात करते हैं|

Incurred Claims Ratio (ICR) = कंपनी ने कितनी राशि का क्लेम में भुगतान किया/कंपनी ने कितना प्रीमियम इकठ्ठा किया = Amount paid in Claims/Health Insurance Premium collected during the year

जनवरी 2019 में हेल्थ इंशोयरेंस कंपनियों के लिए FY2018 की यह जानकारी रिलीज़ करी गयी|

Health Insurance Claim Settlement Ratios 2018 (हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट 2018)

incurred claims ration health insurance companies FY2018 हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट 2018

Incurred Claims Ratio (ICR) कितना होना चाहिए?

लाइफ इंश्योरेंस में क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जितना ज्यादा है, उतना अच्छा है| परन्तु हेल्थ इंश्योरेंस के ICR के साथ ऐसा नहीं है|

अगर ICR बहुत ज्यादा है (100% से भी ज्यादा), इस बात के दो मतलब हो सकते हैं|

  1. कंपनी क्लेम सेटल करने में बहुत अच्छी है| यह एक अच्छी बात है|
  2. कंपनी ने अपनी पालिसी का दाम सही से नहीं रखा है| ऐसी स्तिथि में आने वाले समय में आपकी पालिसी का प्रीमियम एक दम से बढ़ाया जा सकता है| यह आपके लिए परेशानी की वजह है|

अब ICR किस वजह से ज्यादा है, यह बता पाना मुश्किल है|

अगर ICR बहुत कम हैं (60% से भी कम), इसकी भी दो वजह हो सकती है|

  1. कंपनी बहुत क्लेम रिजेक्ट करती है| यह परेशानी वाली बात है|
  2. कंपनी के क्लेम ही नहीं आ रहे| कंपनी ने शायद स्वस्थ्य लोगो को ही बीमा बेचा है| या फिर इंश्योरेंस कंपनी ने पालिसी का दाम सही रखा है| ऐसे में आपके लिए कुछ भी कह पाना मुश्किल है| आप नहीं कह सकते ही कंपनी अच्छी है या बुरी है|

अब ICR किस वजह से कम है, यह बता पाना मुश्किल है|

मेरे अनुसार ऐसी इंश्योरेंस कंपनी के साथ हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें, जिनका ICR 60% से 90% के बीच में हो| केवल एक वर्ष के ICR पर ध्यान ने दें| कम से कम 2-3 वर्षों के ICR पर ध्यान दें|

उससे भी ज़रूरी बात, पालिसी लेते समय कुछ भी न छुपायें| इंश्योरेंस कंपनी को अपने स्वास्थ्य के बारे मिएँ पूरी जानकारी दें| इससे आपका क्लेम रिजेक्ट होने की संभावना कम हो जायेगी|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट (2019)

अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (अंग्रेजी) में पढ़ें|

Filed Under: Financial Planning, Life Insurance Tagged With: health insurance premium, हेल्थ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस और टैक्स बचत

आपको कितना जीवन बीमा खरीदना चाहिए? (How much Life Insurance should you buy?)

by दीपेश Leave a Comment

कई बार हम अपने लिए अच्छा निवेश (जैसे की बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड या शेयर) ढूंढते रहते हैं, परन्तु फाइनेंसियल प्लानिंग के सबसे महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान नहीं देते|

कभी आपने सोचा है की अगर आपको कुछ हो गया, तो आपके लक्ष्यों के लिए निवेश कैसे जारी रहेगा? आपके बच्चों के स्कूल के फीस का भुगतान कैसे होगा? उनकी उच्च शिक्षा या विवाह के लिए धन कहाँ से आएगा? आपके परिवार का खर्चा कैसे चलेगा? आपके होम लोन के EMI का भुगतान कैसे होगा? आपकी अनुपस्तिथि में परिवार को विषम वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है|

इसी कारण लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा (Life Insurance) खरीदना बहुत ज़रूरी है| एक जीवन बीमा प्लान के तहत पालिसीधारक की मृत्यु होने पर उसके परिवार की जीवन बीमा की राशी मिलती है| इस राशि से आपका परिवार निर्वाह कर सकता है|

अब सवाल यह आता है की : कितना जीवन बीमा आपके परिवार के लिए पर्याप्त होगा?

मैं जब लोगों से पूछता हूँ की क्या उन्होंने जीवन बीमा लिया है, तो बहुत से लोगों का जवाब “हाँ” होता है| परन्तु जब में उनसे बीमा की राशि पूछता हूँ, तब मुझे काफी आश्चर्य होता है| किसी के पास एक लाख रुपये का बीमा है, तो किसी के पास 2 लाख रुपये है|

अब सोचने वाली बात यह है: अगर आपको कुछ हो जाता है, तो क्या जीवन बीमा से मिलने वाली राशि आपके परिवार के लिए पर्याप्त है? मेरे अनुसार 1 या 2 लाख रुपये से आपके परिवार का गुज़ारा नहीं होगा|

आपके कितना जीवन बीमा खरीदना चाहिए? (How much life insurance do you need?)

आपको विभिन्न वेबसाइट पर कैलकुलेटर मिल जायेंगे जहां आप यह चेक कर सकते हैं|

कुछ एडवाइजर कहते हैं की आपके पास आपकी आय का 10-15 गुना जीवन बीमा होना चाहिए| अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये हैं, तो आपके पास 50 लाख रुपये का जीवन बीमा (life insurance) होना चाहिए| मैं इस तरह की दृष्टिकोण से बहुत प्रभावित नहीं हूँ|

मेरे अनुसार आपको कुछ ऐसा करना चाहिए|

आपके पास इतना जीवन बीमा होना चाहिए की, अगर आपकी बीमा राशि में आपकी मौजूदा संपत्ति (धन) को जोड़ दिया जाए, तो वह निम्नलिखित तीन कामों के लिए पर्याप्त हो|

  1. आपके सारे लोन का भुगतान हो सके| आपके बाद आपके लोन को चुकाने का भार आपके परिवार पर आ जाएगा| अगर आपका परिवार आपके लोन का भुगतान नहीं कर पाता है, तो बैंक आपके घर/कार इत्यादि को बेच कर सारे पैसे वसूल सकता है|
  2. आपके सारे लक्ष्यों (goals) को पूरा करने के लिए काफी हो| लक्ष्य के उदहारण बच्चों की पढाई/शादी, घर खरीदना इत्यादि|
  3. आपके परिवार के नियमित खर्चों के लिए पर्याप्त हो| आपके परिवार के बहुत सारे नियमित खर्चे भी होंगे (राशन का खर्चा, बिजली/फ़ोन बिल, बच्चों की स्कूल फीस इत्यादि)

Your Existing Wealth (मौजूदा संपत्ति) + Life Insurance Cover (जीवन बीमा)

>= Amount needed to square off all your loans (आपके सारे लोन चुका सके)+

Provide for all your goals (आपके सारे लक्ष्य के लिए पर्याप्त हो)+

Provide for regular expenses of the family (आपके परिवार के आम खर्चों के लिए पर्याप्त हो)

उदहारण से समझते हैं|

मान लिए आपके पास

  1. 5 लाख रुपये जमा हैं|
  2. आपके होम लोन 25 लाख रुपये का बचा हुआ है|
  3. आपका कार लोन 3 लाख रुपये का बचा हुआ है|
  4. आपको बच्चों की पढाई और शादी के लिए 30 लाख रुपये की ज़रुरत है|
  5. साथ ही आपके परिवार का 20,000 रुपये प्रति माह का खर्चा है|

Your Existing Wealth (मौजूदा संपत्ति)= 5 लाख रुपये

कुल मिला कर लोन = 25 लाख + 3 लाख = 28 लाख रुपये

आपके लक्ष्य पूरे करना के लिए पैसा: 30 लाख रुपये

अब आपके परिवार को महीने के 20,000 रुपये चाहिए| ध्यान दें धीरे-धीरे महंगाई भी बढ़ेगी| अभी के लिए शायद 20,000 रुपये काफी हों| परन्तु 10 वर्ष बाद यह राशि काफी नहीं होगी| साथ ही कुछ अकस्माक खर्चे (इमरजेंसी) भी आ सकते हैं, जो की इसी धन में से दिए जायेंगे| इसलिए आपके पास यहाँ थोड़ा अधिक पैसा होना चाहिए|

20,000 रुपये हुए साल के 2 लाख 40 हज़ार रुपये| इस राशि को 25 से गुना करें| राशि हुई 96 रुपये| 25 से गुना इस लिए किया की अगर 4% रिटर्न भी मिला, तो वर्ष के 2 लाख 40 हज़ार रुपये हो जायेंगें|

कितना बीमा चाहिए?

5 लाख +जीवन बीमा राशि = 28 लाख रुपये + 25 लाख रुपये + 96 लाख रुपये

जीवन बीमा राशि = 1.44 करोड़ रुपये

आपको इतना जीवन बीमा लेना ही चाहिए|

जीवन बीमा कई तरीके से लें सकते हैं? कैसे लेना चाहिए?

इस बारे में मैं पहले भी चर्चा कर चुका हूँ|

आप तीन तरीकों से जीवन बीमा खरीद सकते हैं|

  1. पारम्परिक जीवन बीमा प्लान (ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस प्लान)
  2. यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान)
  3. टर्म इंश्योरेंस प्लान (Term Insurance Plan)

टर्म इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदने का सबसे अच्छा तरीका है| अगर आप कुछ अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को पढ़ें|

इस बात का रखें ख्याल

एक बात और, जो जीवन बीमा से राशि मिलेगी, उसे निवेश भी करना होगा| शायद आपको निवेश की अच्छी जानकारी हो, परन्तु ज़रूरी नहीं है की आपके परिवार को भी अच्छी जानकारी हो| ऐसी स्तिथि में आपके परिवार को बेवकूफ बनाया जा सकता है| कुछ लोग अपनी कमाई के लिए आपके परिवार से उलटे-पुल्टे निवेश करा सकते हैं| अगर ऐसा हुआ, तो आपकी सारी मेहनत बेकार हो जायेगी

ऐसी स्तिथि से बचने की लिए आपके पास कुछ विकल्प हैं|

  1. अपने परिवार में किसी सदस्य की निवेश की जानकारी बढायें| यह मुश्किल काम है परन्तु आपके परिवार को परेशानी से बचा सकता है|
  2. आप कहीं लिख कर रखें की आपके बाद जीवन बीमा से मिलनी वाली राशि को कैसे निवेश करना है और अपने परिवार को बता कर रखें| यह ज़रूर लिखें की क्या नहीं करना है|
  3. किसी भरोसेमंद व्यक्ति या एडवाइजर को ढूंढें, जो आपके बाद आपके पैसा का ख्याल रख सके और आपके परिवार का निवेश में मार्गदर्शन कर सकें|

Filed Under: Life Insurance Tagged With: life insurance calculator, जीवन बीमा कितना चाहिए, टर्म इंश्योरेंस प्लान, टर्म प्लान जीवन बीमा

एलआईसी जीवन शांति (LIC Jeevan Shanti): LIC का नया सिंगल प्रीमियम पेंशन प्लान

Last updated: अक्टूबर 10, 2018 | by दीपेश 2 Comments

एलआईसी जीवन शांति (LIC Jeevan Shanti) एलआईसी का नया पेंशन प्लान है|

LIC Jeevan Shanti एक सिंगल प्रीमियम पेंशन प्लान है| इसका मतलब आप एक बार प्रीमियम देते हैं और पूरे जीवन पेंशन पाते हैं|

कुछ समय पहले मैंने एलआईसी की लोकप्रिय पेंशन प्लान (LIC Jeevan Akshay VI) के बारे में चर्चा करी थी|

एलआईसी जीवन शांति और एलआईसी जीवन अक्षय में बहुत सारी समानताएं हैं| साथ ही थोड़े अंतर भी हैं|

LIC Jeevan Shanti में immediate annuity (तात्कालिक वार्षिकी) के 7 और deferred annuity (आस्थगित वार्षिकी) के 2 विकल्प हैं|

आगे बढ़ने से पहले यह जानते हैं की immediate annuity (तात्कालिक वार्षिकी) और deferred annuity (आस्थगित वार्षिकी) क्या होते हैं?

तात्कालिक वार्षिकी (Immediate Annuity) और आस्थगित वार्षिकी योजना (Deferred Annuity) के बीच क्या अंतर है?

तात्कालिक वार्षिकी (Immediate Annuity) में  आप एक बार एकमुश्त राशि का भुगतान करते हैं और बीमा कंपनी आपको आजीवन पेंशन देती है। पेंशन का भुगतान प्लान खरीदने के तुरंत बाद शुरू हो जाता है|  बीमा कंपनी आपको पूरे जीवन पेंशन का भुगतान करेगी।

एलआईसी जीवन अक्षय VI एक तात्कालिक वार्षिकी (immediate) योजना है।

आस्थगित वार्षिकी योजना (Deferred Annuity) में  आप बीमा कंपनी को प्रीमियम देते हैं| परन्तु आपकी पेंशन तभी शुरू नहीं होती| आपका पैसा निवेश किया जाता है| और कुछ समय बाद आपकी पेंशन शुरू होती है|

आप ऐसा प्लान खरीदते समय यह बता सकते हैं की आपकी पेंशन कितने समय बाद शुरू होनी चाहिए| इस अवधि को आस्थगन अवधि (deferment period) भी कहते हैं|

एलआईसी जीवन शांति (LIC Jeevan Shanti) में तात्कालिक वार्षिकी (Immediate Annuity) और आस्थगित वार्षिकी योजना (Deferred Annuity) दोनों के विकल्प हैं|

Deferred एन्युटी विकल्प में आप 20 वर्ष तक पेंशन का आस्थगन कर सकते हैं| मतलब अगर आपने 20 वर्ष तक आस्थगन करने के विकल्प चुना (deferment period = 20 years), तो आपकी पेंशन 20 वर्ष बाद चालू होगी|

इस प्लान में आपको पेंशन की गारंटी होती है| पालिसी लेते समय ही आपको पता होता है की आपको प्रति वर्ष कितनी पेंशन मिलेगी| कोई भी अनिश्चितता नहीं है|

इस प्लान में आप एक बार एकमुश्त राशि का भुगतान करते हैं और इंश्योरेंस कंपनी आपको जीवन भर पेंशन देती है (पेंशन शुरू होने के बाद)|

आप ऐसे विकल्प का चुनाव भी कर सकते हैं जहां आपके बाद आपके पति या पत्नी को भी पेंशन मिलेगी|

एलआईसी जीवन शांति के विभिन्न विकल्पों पर विस्तार से चर्चा करेंगे|

एलआईसी जीवन शांति (LIC Jeevan Shanti in Hindi)

  1. Single Premium Pension plan (केवल एक बार प्रीमियम का भुगतान करना है)
  2. न्यूनतम प्रवेश आयु (Minimum Entry Age): 30 वर्ष
  3. अधिकतम प्रवेश आयु (Maximum Entry Age):
    1. Immediate Annuity में विकल्प F के लिए 100 वर्ष, अन्य विकल्पों के लिए 85 वर्ष.
    2. Deferred Annuity के दोनों विकल्पों में 79 वर्ष
  4. न्यूनतम निवेश (Minimum Purchase Price): 1.5 लाख रुपये, NPS निवेशकों और दिव्यांगजन के खरीदने पर न्यूनतम राशि कम होगी|
  5. अधिकतम निवेश (Maximum Purchase Price): कोई सीमा नहीं
  6. पेंशन भुगतान: आपके पास मासिक (monthly), त्रेमासिक (quarterly), छमाही (half-yearly) या वार्षिक (annual) पेंशन पाने का विकल्प हैं|एलआईसी जीवन शांति नियम समीक्षा पात्रता
  7. LIC Jeevan Shanti में लोन सुविधा एक वर्ष के बाद उपलब्ध है| परन्तु सभी विकल्पों में लोन सुविधा उपलब्ध नहीं है| Immediate Annuity के विकल्प F और J में लोन सुविधा उपलब्ध है| Deferred Annuity प्लान के दोनों विकल्पों में लोन सुविधा उपलब्ध है|
  8. आपको केवल उतना ही लोन मिल सकता है जिसका ब्याज आपकी  पेंशन के 50% से अधिक न हो| साथ ही लोन राशि आपके प्लान की सरेंडर वैल्यू  के 80% से अधिक नहीं हो सकती|
  9. पालिसी ऑनलाइन खरीदने पर आपको 2% rebate मिलती है, अतिरिक्त पेंशन के रूप में| अगर आप NPS निवेशक के तौर पर निवेश कर रहे हैं, तब भी आपको 2% की rebate मिलेगी|
  10. आपके प्रीमियम पर 1.8% GST लगता है| अगर आप 10 लाख रुपये का प्लान खरीदना चाहते हैं, तो आपको 10 लाख 18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा| 18,000 रुपये का GST|
  11. एलआईसी जीवन शांति प्लान लेते समय किसी मेडिकल जांच की ज़रुरत नहीं है|
  12. कुछ विकल्पों में आप प्लान को सरेंडर (Surrender) भी कर सकते हैं| Surrender Value निवेशक की आयु पर निर्भर करेगी|

अधिक जानकारी के लिए आप LIC की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं|

एलआईसी जीवन शांति: क्या हैं एन्युटी विकल्प (Annuity options under LIC Jeevan Shanti)

जैसे की ऊपर चर्चा करी है, एलआईसी जीवन शांति प्लान 7 immediate annuity (तात्कालिक वार्षिकी) और 2 Deferred annuity (आस्थगित वार्षिकी) विकल्पों में आती है|

एलआईसी जीवन शांति के प्रकार LIC Jeevan Shanti in Hindi

इन विकल्पों पर बाद में विस्तार से चर्चा करेंगे| नीचे संक्षिप्त में जानकारी दी हुई है|

एलआईसी जीवन शांति वार्षिकी के विकल्प

एलआईसी जीवन शांति में कितना ब्याज मिलता है? (Interest Rate in LIC Jeevan Shanti)

एलआईसी जीवन शांति एक एन्युटी प्लान (Annuity plan) है|

ध्यान से देखें तो, जीवन शांति किसी Fixed Deposit की तरह नहीं है| फिक्स्ड डिपाजिट में आपको नियमित तौर पर ब्याज मिलता है| FD मेच्योर होने पर आपको आपका पैसा लौटा दिया जाता है| आप चाहें तो अपने पैसे को दोबारा से निवेश कर सकते हैं| परन्तु इस बात की कोई गारंटी नहीं है की आपको ब्याज की दर कम मिलेगी या ज्यादा|

एलआईसी जीवन शांति में इंटरेस्ट रेट की गारंटी है| आपको पूरे जीवन एक ही ब्याज दर मिलेगी| कुछ विकल्पों में आपका पैसा नॉमिनी को लौटा दिया जाता है, जबकि कुछ विकल्पों में केवल पेंशन मिलती है| आपको ऊपर टेबल में यह बात चेक कर सकते हैं|

एलआईसी जीवन शांति में ब्याज दर निम्न बातों पर निर्भर करती है|

  1. आपके एन्युटी विकल्प पर भी ब्याज दर निर्भर करती है| ऊपर 9 विकल्प दिए हुए हैं| सभी में ब्याज दर अलग होगी|
  2. निवेशक की प्रवेश आयु पर एन्युटी रेट (इंटरेस्ट रेट) निर्भर करता है| आमतौर पर, अगर प्लान खरीदते समय आपकी आयु ज्यादा है, तो ब्याज दर भी ज्यादा मिलती है| परन्तु Deferred Annuity विकल्पों में शायद ऐसा न हो|
  3. अगर आपने joint (संयुक्त) एन्युटी प्लान लिया है, जहां आपके बाद आपकी पत्नी (पति) या किसी रिश्तेदार को पेंशन मिलेगी, तो उनकी आयु पर भी इंटरेस्ट रेट निर्भर करेगा|
  4. Deferred annuity प्लान में आस्थगन अवधि (deferment period) के साथ एन्युटी रेट बढ़ता है| इसका मतलब अगर आस्थगन अवधि ज्यादा है, तो आपका एन्युटी रेट (ब्याज दर) भी ज्यादा होगी| Deferred Annuity प्लान में पेंशन आस्थगन अवधि के समाप्त होने के बाद चालू होती है|

पहले ब्याज दर देख लें| नीचे immediate annuity के 7 विकल्पों की ब्याज दरों की जानकारी दी हुई है|

एलआईसी जीवन शांति इंटरेस्ट रेट ब्याज दर एन्युटी रेट

इसके बाद Deferred Annuity (Single Life) के रेट पर भी नज़र डालते हैं|

एलआईसी जीवन शांति ब्याज दर एन्युटी रेट एलआईसी जीवन अक्षय vs. एलआईसी जीवन शांति

  1. यह राशि प्रति 10 लाख रुपये की खरीद पर है| जैसे की, 60 वर्ष की आयु और पहले विकल्प (immediate annuity, 60 वर्ष, विकल्प i या A) में 10 लाख रुपये के निवेश पर 90,942 रुपये प्रति वर्ष मिलेंगे|
  2. ऊपर लिखी हुई राशि वार्षिक पेंशन के लिए है| मासिक, त्रेमासिक या छमाही राशियाँ अलग होंगी|
  3. आप देख सकते हैं सभी विकल्पों की ब्याज दर (एन्युटी रेट) बिलकुल अलग है|
  4. ब्याज दर आपकी आयु के साथ बढती है| कम आयु पर एन्युटी खरीदने पर ब्याज दर कम होती है| Deferred annuity विकल्प में हमेशा ऐसा नहीं हो रहा है|
  5. आपको पूरे जीवन पेंशन मिलती रहेगी| आप चाहें 65 वर्ष तक जीयें, या 100 वर्ष तक या 150 वर्ष तक| LIC आपको इसी ब्याज दर के अनुसार ब्याज देती रहेगी|
  6. यह ब्याज दर (annuity rate) समय-समय पर बदल सकती है| आप प्लान लेने से पहले LIC शाखा में या LIC ब्रांच में या LIC वेबसाइट पर अवश्य चेक करें|
  7. LIC Jeevan शांति प्लान ऑनलाइन खरीदने पर 2% अधिक पेंशन मिलेगी| जो टेबल ऊपर दी गयी है, वह ऑनलाइन खरीदने पर मिलने वाला इंटरेस्ट रेट है| अगर आपके यही निवेश LIC की शाखा में जा कर किया होता, तो आपको 2% पेंशन कम मिलती| मलतब 90,942 की बजाय पार्टी वर्ष केवल 89,158 रुपये प्रति वर्ष ही मिलते|
  8. साथ ही अधिक निवेश करने पर भी कुछ अतिरिक्त पेंशन मिलेगी|एलआईसी जीवन शांति ऑनलाइन rebate discount
  9. ऊपर के उदाहरण को चालू रखें तो, अगर 10 लाख रुपये निवेश करते हैं, तो आपको 90,942 की बजाय 92,442 रुपये प्रति वर्ष की पेंशन मिलेगी| आप देख सकते हैं की पेंशन 1,500 रुपये ज्यादा है|

आईये अब विभिन्न विकल्पों के बारे में विस्तार से जानते हैं| Immediate Annuity विकल्प में LIC Jeevan Akshay और LIC Jeevan Shanti में कुछ ख़ास अंतर नहीं है| इसलिए immediate annuity विकल्पों के बारे में बाद में चर्चा करूंगा| पहले चर्चा करते हैं Deferred Annuity विकल्पों के बारे में|


एलआईसी जीवन शांति: विकल्प 1 (Deferred Annuity)

Deferred Annuity for Single Life

आगे बढ़ने से पहले कुछ बातों पर चर्चा करते हैं, जो की दोनों Deferred एन्युटी विकल्पों में लागू होंगी|

Deferred Annuity (आस्थगित वार्षिकी प्लान) में, आपको आस्थगन अवधि (deferment period) के अंत तक कुछ भी नहीं मिलता है । इसलिए, यदि आस्थगन अवधि के दौरान निवेशक का निधन हो जाता है, तो नॉमिनी को खरीद मूल्य (निवेश राशि) से कुछ तो अधिक राशि मिलनी चाहिए।

इसी के लिए LIC ने इस प्लान में Guaranteed Addition (गारंटीकृत परिवर्धन) का प्रावधान रखा|

Guaranteed Addition क्या हैं? (केवल Deferred Annuity विकल्पों में लागू)

गारंटीड एडिशन का उपयोग दो स्थितियों में होता है:

  1. आस्थगन अवधि (विलम्ब अवधि या defermen tperiod) के दौरान मृत्यु होने पर Death बेनिफिट (मृत्यु लाभ) कैलकुलेट करने के लिए
  2. आस्थगन अवधि (विलम्ब अवधि या deferment period) के बाद मृत्यु होने पर Death बेनिफिट (मृत्यु लाभ) कैलकुलेट करने के लिए

हर महीने आपकी पालिसी में कुछ गारंटीड एडिशन जुड़ता जाता है| यह आस्थगन अवधि (deferment period) के अंत तक होता है|

प्रति माह गारंटीकृत परिवर्धन (Monthly Guaranteed Addition) = निवेश राशि * मासिक टैब्यूलर एन्युइटी दर / 12 = Purchase Price * Monthly Tabular Annuity Rate

Monthly tabular Annuity rate = आपके प्लान का एन्युटी रेट * 96%/12

Deferred Annuity विकल्पों में मृत्यु लाभ क्या है? (Death Benefit in Deferred Annuity variants)

मृत्यु लाभ (Death Benefit) = Higher of A and B

A= खरीद मूल्य (Purchase Price) + अर्जित गारंटीकृत परिवर्धन (Accrued Guaranteed Addition – अभी तक किये गए कुल वार्षिक भुगतान

B = खरीद मूल्य (Purchase Price) का 110%

अगर आस्थगन अवधि (Deferment period) के दौरान निवेशक की मृत्यु होती है, तब तक वार्षिकी का कुछ भी भुगतान नहीं हुआ होगा| इसलिए, deferment period के दौरान मृत्यु होने पर आपके नॉमिनी व्यक्ति को खरीद मूल्य + अर्जित गारंटीकृत परिवर्धन  (Purchase Price + Accrued Guaranteed Addition) मिलेगा|

अगर मृत्यु deferment period समाप्त होने के बाद होती है, तो नॉमिनी को मिलने वाली राशि में से अभी तक किये गए पेंशन भुगतान को घटा दिया जाएगा|

आस्थगन अवधि (Deferment period) के दौरान मृत्यु लाभ बढ़ेगा और deferment period की समाप्ति पर (वार्षिकी भुगतान शुरू होने के साथ) नीचे जाना शुरू हो जाएगा।

नॉमिनी के पास death बेनिफिट को लेने के 3 विकल्प हैं:

  1. एकमुश्त ले सकता है
  2. लाभ राशि से तत्काल वार्षिकी (immediate annuity) खरीद सकता है| इस वार्षिकी की ब्याज दर नॉमिनी की आयु पर निर्भर करेगी|
  3. किश्तों में राशि ले सकता है| नॉमिनी इच्छा के अनुसार 5, 10 या 15 वर्ष तक किश्तें पा सकता है।

अब वापिस आते हैं विकल्प 1 पर|

Pension Benefit (पेंशन लाभ) : आस्थगन अवधि (deferment period) के अंत तक कोई पेंशन नहीं। विलंब अवधि के अंत के बाद, वह निवेशक को जीवन के लिए पेंशन मिलेगी।

Death Benefit( मृत्यु लाभ) : जैसा ऊपर लिखा हुआ है, नॉमिनी के पास पैसा लेने की कई विकल्प होंगे|

Maturity Benefit (परिपक्वता लाभ): ऐसा कोई लाभ नहीं है|

Surrender Benefit (सरेंडर लाभ):  प्लान को सरेंडर कर सकते हैं|

Loan option (लोन विकल्प): उपलब्ध है

उदहारण (Example)

एक 60 वर्षीय व्यक्ति विकल्प 1 में 10 लाख रुपये निवेश करता है।   GST मिलाकर 10.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।

60 वर्ष और विकल्प 1 (deferment period, 20 वर्ष) के लिए टेबल में 149,592 है।

आपको पहले 20 वर्षों के लिए कुछ भी नहीं मिलेगा। विलंब अवधि (20 वर्ष) की समाप्ति के बाद, आपको जीवन के लिए 149,592 रुपये प्रति वर्ष की पेंशन मिलेगी।

आस्थगन अवधि (deferment period) के अंत तक, आपको हर महीने गारंटीकृत एडिशन मिलेंगे| आपको Guaranteed एडिशन (149,592 * 96%) / 12 = 11,967 रुपये प्रति माह की दर से प्राप्त होंगे। इस वजह से deferment period के दौरान आपकी पालिसी का मृत्यु लाभ बढ़ता रहेगा|

यदि  पालिसी लेने के 10 वर्ष बाद (deferment period की समाप्ति से पहले) निवेशक की मृत्यु होती है, तो नॉमिनी को 10 लाख + 120 महीने * 11, 967 = 24.36 लाख रुपये मिलेगा। Death Benefit लेने के अन्य विकल्प भी नॉमिनी के पास मौजूद रहेंगे|

अगर निवेशक की deferment period के दौरान मृत्यु नहीं होती, तो पालिसी में 28.72 लाख रुपये की गारंटीड एडिशन जुड़ चुके होंगे|

अब मान लिए की निवेशक की मृत्यु 85 वर्ष की आयु में होती है, ऐसी स्तिथि में निवेशक को 5 वर्ष पेंशन मिल चुकी है|

एस स्तिथि में Death Benefit होगा, 10 लाख रुपये + 28.72 लाख रुपये (अर्जित गारंटीकृत जोड़) – 5 * 1.49 लाख रुपये (5 वर्ष के पेंशन भुगतान के लिए)= 31.24 लाख रुपये। नॉमिनी अपनी इच्छा के अनुसार मृत्यु लाभ को एक-मुश्त, तात्कालिक वार्षिकी (immediate annuity) या किश्तों में ले सकता है|


एलआईसी जीवन शांति: विकल्प 2 (Deferred Annuity)

Deferred Annuity for Joint Life

विकल्प 1 और विकल्प 2 के बीच केवल एक अंतर है| विकल्प 2 में आपके बाद पेंशन आपकी पत्नी या रिश्तेदारों (second annuitant) की जारी रहती है| मृत्यु लाभ (death benefit) दोनों वार्षिकीग्राही (both annuitants) की मृत्यु के बाद नॉमिनी को मिलता है।

Joint Annuity (संयुक्त वार्षिकी) में दूसरा annuitant पति/पत्नी , भाई/बहन या कोई भी पूर्वज या वंशज (माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, बच्चे, पोता, पोती, नाती, नातिन) हो सकता है|

इसके अतिरिक्त, वार्षिकी दर दूसरे annuitant की आयु पर भी निर्भर करेगी।

Pension Benefit (पेंशन लाभ) : आस्थगन अवधि (deferment period) के अंत तक कोई पेंशन नहीं मिलेगी। Deferment period की समाप्ति के, निवेशक को पूरे जीवन पेंशन मिलेगी। निवेशक के निधन के बाद दूसरे annuitant को जीवन भर उतनी ही पेंशन मिलेगा। यदि दूसरे वार्षिकीग्राही (second annuitant) की मृत्यु निवेशक से पहले हो जाती है, तो पेंशन निवेशक के निधन के बाद रुक जाएगी।

Death Benefit (मृत्यु लाभ) : दोनों annuitants की मृत्यु के नॉमिनी को death बेनिफिट मिलेगी। मृत्यु लाभ की गणना विकल्प 1 के समान ही है। नॉमिनी के पास मृत्यु लाभ लेने के तीन विकल्प हैं: एकमुश्त, एन्युटी या किश्तों में

Maturity Benefit (परिपक्वता लाभ): ऐसा कोई लाभ नहीं है|

Surrender Benefit (सरेंडर लाभ): प्लान को सरेंडर कर सकते हैं|

Loan Option (लोन विकल्प) : उपलब्ध है

उदहारण (Example)

एक 60 वर्षीय व्यक्ति विकल्प 2 में 10 लाख रुपये निवेश करता है।  1.8% GST मिलाकर 10.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।

दूसरी annuitant की उम्र 50 है। दूसरी annuitant की आयु भी आपकी वार्षिकी दर को प्रभावित करेगी।

वार्षिकी दर (deferment period, 20 वर्ष) 216,036 रुपये होगी।

आपको पहले 20 वर्षों के लिए कुछ भी नहीं मिलेगा। आस्थगन अवधि (20 वर्ष) की समाप्ति के बाद, आपको आजीवन 216,036 रुपये प्रति वर्ष की पेंशन मिल जाएगी। आपके बाद, दूसरे annuitant (पति/पत्नी/परिवारजन) को आजीवन पेंशन मिलेगी।

यदि दूसरे annuitant की मृत्यु निवेशक से पहले हो जाती है, तो पेंशन निवेशक के निधन के बाद रुक जाएगी। नॉमिनी को कोई पेंशन नहीं मिलेगी।

Deferment period (अस्थागन अवधि) के अंत तक, आपको हर महीने Guaranteed Addition (216,036 * 96%) / 12 = 17,282 की दर से प्राप्त होंगे|

इस विकल्प में, मृत्यु लाभ दोनों annuitant की मृत्यु के बाद नॉमिनी को दिया जाएगा।

यदि 10 वर्ष बाद ( deferment period के अंत से पहले) के दोनों annuitant की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को 10 लाख + 120 महीने * 17,282 = 30.73 लाख रुपये मिलेगा। नॉमिनी के पास death बेनिफिट लेने के कई विकल्प हैं|

अगर कोई भी annuitant आस्थगन अवधि (deferment period) के अंत तक जीवित रहता है, तो पॉलिसी में 41.47 लाख रुपये के गारंटीड एडिशन जमा हो जायेंगे।

अब मान लिए की अंतिम जीवित वार्षिकीग्राही (last surviving annuitant) की मृत्यु deferment period के समाप्त होने के पांच वर्ष बाद होती है, तो ऐसी स्तिथि में 5 वर्ष पेंशन मिल चुकी है|

इसके बाद मृत्यु होने पर, नॉमिनी को 10 लाख रुपये + 41.47 लाख रुपये (अर्जित गारंटीकृत जोड़) – 5 * 2.16 लाख (एन्युइटी भुगतान पहले ही किए गए हैं) = 40.67 लाख रुपये मिलेंगे|

नॉमिनी अपनी इच्छा के अनुसार मृत्यु लाभ को एक-मुश्त, तात्कालिक वार्षिकी (immediate annuity) या किश्तों में ले सकता है|

 


एलआईसी जीवन शांति: विकल्प A (Immediate Annuity)

Annuity for Life

इस विकल्प में आपको जीवन भर पेंशन मिलेगी| आपको एक बार भुगतान करना है|

Pension Benefit (पेंशन बेनिफिट): आपको जीवन भर पेंशन मिलेगी| आपकी मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी|

Death Benefit (मृत्यु लाभ): निवेशक की मृत्यु होने पर नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलेगा| पेंशन का भुगतान भी रुक जाएगा|

Maturity Benefit (परिपक्वता लाभ): क्योंकि पेंशन पूरे जीवन चलेगी, मेच्योरिटी का तो कोई सवाल ही नहीं उठता|

Surrender Benefit (सरेंडर लाभ): आप प्लान सरेंडर नहीं कर सकते| इसका मतलब यह हुआ की निवेश किया हुआ पैसा आपको या आपके नॉमिनी को कभी भी वापिस नहीं मिलेगा|

उदहारण (Example)

एक 60 वर्षीय व्यक्ति विकल्प A में 10 लाख रुपये निवेश करता है| 1.8% GST मिलाकर उन्हें 10.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा|

ऊपर टेबल देखें तो 90,942 रुपये लिखा हुआ है| आप आयु और विकल्प को मिलाकर देख सकते हैं|

इसका मतलब यह है की आप 10 लाख रुपये निवेश करने पर 90,942 रुपये की वार्षिक पेंशन पायेंगे|

आपके यह पेंशन पूरे जीवन मिलेगी| आपकी मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| नॉमिनी को कुछ भी वापिस नहीं दिया जाएगा|

यहाँ थोड़ी समस्या है, अगर निवेशक की मृत्यु जल्दी हो जाती है, तो सारा पैसा डूब जाएगा|


एलआईसी जीवन शांति: विकल्प B/C/D/E (Immediate Annuity)

Annuity payable for 5, 10, 15 or 20 years certain and thereafter as long as the annuitant is alive

Pension Benefit (पेंशन बेनिफिट): इसमें आपको या आपके परिवार को निर्धारित समय तक पेंशन मिलेगी| निर्धारित अवधि के बाद, जब तक आप जीवित हैं, आपको तब तक पेंशन मिलेगी|

अगर निर्धारित अवधि से पहले मृत्यु हो जाती है, तो निर्धारित अवधि तक आपके परिवार को पेंशन मिलेगी| इसका मतलब आप जीवित रहे या न रहे, आपके परिवार (या आपको) को कम से कम निर्धारित अवधि तक तो पेंशन मिलनी ही है| निर्धारित अवधि के बाद तब तक पेंशन मिलेगी, जब तक आप जीवित हैं|

निर्धारित अवधि के 4 विकल्प हैं: 5 वर्ष, 10 वर्ष, 15 वर्ष, 20 वर्ष| आप कोई भी विकल्प चुन सकते हैं| जितनी कम निर्धारित अवधि होगी, उतनी ही अधिक ब्याज दर होगी|

Death Benefit (मृत्यु लाभ): जैसा की ऊपर लिखा है, निर्धारित अवधि से पहले मृत्यु होने पर नॉमिनी को निर्धारित अवधि तक पेंशन मिलती रहेगी| उसके बाद पेंशन रुक जायेगी और नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलेगा|

निर्धारित अवधि के बाद मृत्यु होने पर पेंशन रुक जायेगी| नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलेगा|

Maturity Benefit (परिपक्वता लाभ): मेच्योरिटी को कोई मतलब नहीं है|

Surrender Benefit (सरेंडर लाभ): सरेंडर नहीं कर सकते|

उदहारण (Example)

एक 60 वर्षीय व्यक्ति विकल्प D (15 वर्ष) में 10 लाख रुपये निवेश करता है| 1.8% GST मिलाकर उन्हें 10.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा|

15 वर्ष की निर्धारित अवधि का चुनाव किया गया है|

ऊपर टेबल देखें तो (आयु और विकल्प मिलाकर) 86,250 रुपये लिखा हुआ है|

इसका मतलब यह है की आप 10 लाख रुपये निवेश करने पर 86,250 रुपये की वार्षिक पेंशन पायेंगे|

आपके यह पेंशन पूरे जीवन मिलेगी|

परन्तु अगर आपकी मृत्यु 6 साल बाद हो जाती है, तो आपके नॉमिनी को बचे हुए 9 वर्ष तक पेंशन मिलेगी| निर्धारित अवधि के अंत पर नॉमिनी की पेंशन रोक दी जायेगी|

अगर मृत्यु 15 वर्ष के बाद होती है, तो मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलेगा|


एलआईसी जीवन शांति: विकल्प F (Immediate Annuity)

Annuity for life with return of purchase price on death of the annuitant

Pension Benefit (पेंशन बेनिफिट): आपको पूरे जीवन पेंशन मिलेगी| आपकी मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी|

Death Benefit (मृत्यु लाभ): निवेशक की मृत्यु होने पर पेंशन का भुगतान रुक जाएगा और नॉमिनी को निवेश राशि लौटा दी जाएगी| अगर आपने 10 लाख रुपये का प्लान लिया था, तो नॉमिनी को 10 लाख रुपये लौटा दिए जायेंगे| परन्तु यहाँ पर नॉमिनी के पास दो विकल्प और हैं|

अगर नॉमिनी चाहे तो, वह एक मुश्त पैसा लेने की बजाय Death बेनिफिट राशि से एक एन्युटी प्लान भी खरीद सकता है| एन्युटी प्लान का इंटरेस्ट रेट नॉमिनी की आयु पर निर्भर करेगा|

इसके अलावा नॉमिनी के पास death बेनिफिट को 5/10/15 वर्षों तक किश्तों में पाने का विकल्प भी है| किश्तें मासिक, त्रेमासिक, अर्ध वार्षिक या वार्षिक हो सकती है| LIC जीवन अक्षय में ऐसे कोई विकल्प नहीं थे|

Maturity Benefit (परिपक्वता लाभ): क्योंकि पेंशन पूरे जीवन चलेगी, मेच्योरिटी का तो कोई सवाल ही नहीं उठता|

Surrender Benefit (सरेंडर लाभ): पालिसी लेने के एक वर्ष बाद आप पालिसी को सरेंडर कर सकते हैं| एलआईसी जीवन अक्षय को सरेंडर करने पर मिलने वाली राशि सरेंडर के समय आपकी आयु पर निर्भर करेगी| इस राशि को कैसे कैलकुलेट करना है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है|

उदहारण (Example)

एक 60 वर्षीय व्यक्ति विकल्प F में 10 लाख रुपये निवेश करता है| 1.8% GST मिलाकर उन्हें 10.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा|

ऊपर टेबल देखें तो 67,428 रुपये लिखा हुआ है| आप आयु और विकल्प को मिलाकर देख सकते हैं|

10 लाख रुपये निवेश करने पर आपको 67,428 रुपये की वार्षिक पेंशन मिलेगी|

आपके यह पेंशन पूरे जीवन मिलेगी| आपकी मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| मृत्यु पर निवेश राशि आपके नॉमिनी को 10 लाख रुपये लौटा दिए जायेंगे|

विकल्प 1 और विकल्प 3 में केवल यही अंतर है| विकल्प 1 में नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलता, जबकि विकल्प 3 में नॉमिनी को निवेश राशि लौटा दी जाती है| इसीलिए विकल्प 3 की ब्याज दर भी कम है|

निवेशक की मृत्यु के बाद निवेश राशि (10 लाख रुपये) नॉमिनी को लौटा दी जायेगी| अगर नॉमिनी चाहे तो, एक मुश्त राशि लेने की बजाय इस पैसे से एक एन्युटी प्लान खरीद सकता है या यह पैसा किश्तों में ले सकता है|


एलआईसी जीवन शांति: विकल्प G (Immediate Annuity)

Annuity payable for life increasing at a simple rate of 3% p.a.

Pension Benefit (पेंशन बेनिफिट): आपको पूरे जीवन पेंशन मिलेगी| हर वर्ष आपकी पेंशन की राशि 3% से बढ़ जायेगी|

Death Benefit (मृत्यु लाभ): निवेशक की मृत्यु होने पर पेंशन का भुगतान रुक जाएगा|नॉमिनी को कुछ भी नहीं दिया जाएगा|

Maturity Benefit (परिपक्वता लाभ): पूरे जीवन पेंशन मिलेगी| मेच्योरिटी का कोई मतलब ही नहीं है|

Surrender Benefit (सरेंडर लाभ): सरेंडर करने का विकल्प नहीं है|

उदहारण (Example)

एक 60 वर्षीय व्यक्ति विकल्प G (विकल्प iv) में 10 लाख रुपये निवेश करता है| 1.8% GST मिलाकर उन्हें 10.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा|

10 लाख रुपये निवेश करने पर आपको 72,888 रुपये की वार्षिक पेंशन मिलेगी|

पहले वर्ष 72,888 रुपये की पेंशन मिलेगी| अगले वर्ष पेंशन राशि 3% से बढ़ जायेगी|

दूसरे वर्ष 75,074 रुपये की पेंशन मिलेगी|

तीसरे वर्ष 77,261 रुपये की पेंशन मिलेगी|

आपके पूरे जीवन में पेंशन इसी तरह बढती रहेगी|

आपकी मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| मृत्यु पर निवेश राशि आपके नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलेगा|


एलआईसी जीवन शांति: विकल्प H (Immediate Annuity)

Annuity for life with a provision of 50% of the annuity payable to spouse during his/her lifetime on death of the annuitant

Pension Benefit (पेंशन बेनिफिट): निवेशक को आजीवन पेंशन मिलेगी| निवेशक की मृत्यु के बाद पत्नी (या पति) को आजीवन पेंशन मिलेगी| पत्नी या पत्नी को केवल 50% पेंशन राशि ही मिलेगी|

Death Benefit (मृत्यु लाभ): निवेशक की मृत्यु होने पर पत्नी (या पति) को 50% पेंशन का भुगतान किया जाएगा|

पत्नी की मृत्यु के बाद नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलेगा|

अगर पत्नी (या पति) की मृत्यु निवेशक से पहले हो जाती है, तो निवेशक की मृत्यु पर पेंशन रोक दी जायेगी| नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलेगा|

Maturity Benefit (परिपक्वता लाभ): पूरे जीवन पेंशन मिलेगी| मेच्योरिटी का कोई मतलब ही नहीं है|

Surrender Benefit (सरेंडर लाभ): सरेंडर करने का विकल्प नहीं है|

उदहारण (Example)

एक 60 वर्षीय व्यक्ति विकल्प H में 10 लाख रुपये निवेश करता है| GST मिलाकर उन्हें 10.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा|

ऊपर टेबल देखें में (60 वर्ष की आयु और विकल्प H या v) 85,638 रुपये लिखा हुआ है|

10 लाख रुपये निवेश करने पर आपको 85,638 रुपये की वार्षिक पेंशन मिलेगी|

आपके पूरे जीवन यह पेंशन मिलेगी| आपके बाद आपकी पत्नी (या पति) को आजीवन इसकी आधी पेंशन मिलेगी| आपके बाद आपकी पत्नी को 85,638 * 50% = 42,819 रुपये की वार्षिक पेंशन मिलेगी|

आपकी पत्नी की मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलेगा|

अगर आपकी पत्नी की मृत्यु आप से पहले हो जाती है, तो आपकी मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| आपके परिवार को कुछ भी नहीं मिलेगा|


एलआईसी जीवन शांति: विकल्प I (Immediate Annuity)

Annuity for life with a provision of 100% of the annuity payable to spouse during his/her lifetime on death of the annuitant

विकल्प H के मुकाबले थोड़ा सा ही अंतर है|

विकल्प H में निवेशक (pensioner) की मृत्यु के बाद पत्नी (पत्नी) को 50% पेंशन मिलती थी|

विकल्प I में पूरी पेंशन जारी रहेगी| और कोई अंतर नहीं है|

आप देख सकते हैं, क्योंकि विकल्प I में पत्नी को अधिक पेंशन मिलती है, तो विकल्प I की ब्याज दर विकल्प H से कम है|

उदहारण (Example)

एक 60 वर्षीय व्यक्ति विकल्प I में 10 लाख रुपये निवेश करता है| GST मिलाकर उन्हें 10.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा|

ऊपर टेबल देखें में (60 वर्ष की आयु और विकल्प vi) 80,844 रुपये लिखा हुआ है|

10 लाख रुपये निवेश करने पर आपको 80,844 रुपये की वार्षिक पेंशन मिलेगी|

आपके पूरे जीवन यह पेंशन मिलेगी| आपके बाद आपकी पत्नी (या पति) को आजीवन इतनी ही पेंशन मिलेगी| आपके बाद आपकी पत्नी को आजीवन 80,844 रुपये की वार्षिक पेंशन मिलेगी|

आपकी पत्नी की मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| नॉमिनी को कुछ भी नहीं मिलेगा|

अगर आपकी पत्नी की मृत्यु आपसे पहले हो जाती है, तो आपकी मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| आपके परिवार को कुछ भी नहीं मिलेगा|


एलआईसी जीवन शांति: विकल्प J (Immediate Annuity)

Annuity for life with a provision of 100% of the annuity payable to spouse during his/ her life time on death of annuitant. The purchase price will be returned on the death of last survivor.

विकल्प I में पति और पत्नी की मृत्यु के बाद आपके परिवार को कुछ भी नहीं मिलता|

विकल्प J में अंतर यह है की पति और पत्नी की मृत्यु के बाद नॉमिनी को निवेश राशि लौटा दी जाती है|

Pension Benefit (पेंशन बेनिफिट): निवेश की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी (या पति) को पेंशन मिलेगी| पत्नी (पति) को उतनी ही पेंशन जारी रहेगी|

पत्नी की मृत्यु के बाद पेंशन रोक दी जायेगी|अगर पत्नी (या पति) की मृत्यु निवेशक से पहले हो जाती है, तो निवेशक की मृत्यु पर पेंशन रोक दी जायेगी|

Death Benefit (मृत्यु लाभ): निवेशक की मृत्यु होने पर पत्नी (या पति) को 100% पेंशन का भुगतान किया जाएगा| पत्नी की मृत्यु के बाद नॉमिनी को निवेश राशि लौटा दी जायेगी|

अगर पत्नी (या पति) की मृत्यु निवेशक से पहले हो जाती है, तब निवेशक की मृत्यु पर नॉमिनी को निवेश राशि लौटा दी जायेगी|

ध्यान दें विकल्प F (Immediate Annuity with return of Purchase Price) की तरह यहाँ पर भी नॉमिनी के पास death benefit को एक मुश्त लेने की बजाय एन्युटी प्लान खरीदने का या बेनिफिट को किश्तों में लेने का विकल्प है|

Maturity Benefit (परिपक्वता लाभ): पालिसी कभी मेच्योर ही नहीं होगी|

Surrender Benefit (सरेंडर लाभ): सरेंडर करने का विकल्प नहीं है|

उदहारण (Example)

एक 60 वर्षीय व्यक्ति विकल्प J में 10 लाख रुपये निवेश करता है| GST मिलाकर उन्हें 10.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा|

ऊपर टेबल देखें में (60 वर्ष की आयु और विकल्प vii) में 67,074 रुपये लिखा हुआ है|

10 लाख रुपये निवेश करने पर आपको 67,074 रुपये की वार्षिक पेंशन मिलेगी|

आपके पूरे जीवन यह पेंशन मिलेगी| आपके बाद आपकी पत्नी (या पति) को आजीवन इतनी ही पेंशन मिलेगी| आपके बाद आपकी पत्नी को आजीवन 67,074 रुपये की वार्षिक पेंशन मिलेगी|

आपकी पत्नी की मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| नॉमिनी को 10 लाख रुपये लौटा दिए जायेंगे|

अगर आपकी पत्नी की मृत्यु आपसे पहले हो जाती है, तो आपकी मृत्यु के बाद पेंशन रुक जायेगी| नॉमिनी को 10 लाख रुपये लौटा दिए जायेंगे|

जैसा की ऊपर लिखा हुआ है, अगर नॉमिनी चाहे. तो पैसा एक मुश्त लेने की बजाय उस राशि से एन्युटी प्लान खरीद सकता है या राशि को किश्तों (5/10/15 वर्ष) में ले सकता है|

एलआईसी जीवन शांति: टैक्स बेनिफिट LIC Jeevan Shanti Tax Benefits in Hindi

एलआईसी जीवन शांति में निवेश करने पर आपको सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है|

परन्तु जो पेंशन मिलती है, उस पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होता है|

मृत्यु के बाद अगर नॉमिनी को कोई राशि मिलती है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा|

एलआईसी जीवन शांति प्लान कैसे खरीदें? How to buy LIC Jeevan Shanti?

आप यह प्लान LIC शाखा में जा कर या किसी LIC एजेंट की सहायता से खरीद सकते हैं|

आप एलआईसी जीवन शांति प्लान ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं| आपको LIC की वेबसाइट पर जाना होगा| जैसे की ऊपर बताया गया है, ऑनलाइन खरीदने पर आपको थोड़ी सी बेहतर ब्याज दर भी मिलेगी|

एलाईसी जीवन शांति और एलआईसी जीवन अक्षय VI में अंतर (Difference between LIC Jeevan Shanti and LIC Jeevan Akshay)

  1. एलआईसी जीवन शांति और एलआईसी जीवन अक्षय दोनों एकल प्रीमियम एन्युइटी (Single Premium Annuity) योजनाएं हैं।
  2. दोनों ही प्लान आपको ब्याज दर की गारंटी देते हैं|
  3. एलआईसी जीवन अक्षय VI आपको केवल immediate annuity का विकल्प प्रदान करता है।दूसरी ओर, एलआईसी जीवन शांति आपको immediate annuity और deferred annuity दोनों विकल्प प्रदान करती है।
  4. एलआईसी जीवन अक्षय (LIC Jeevan Akshay) में joint पालिसी केवल पति या पत्नी के साथ ही ले सकते हैं।दूसरी तरफ, LIC Jeevan Shanti के आप पति/पत्नी , भाई/बहन या किसी भी पूर्वज या वंशज (माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, बच्चे, पोता, पोती, नाती, नातिन) के साथ पालिसी ले सकते हैं|
  5. LIC Jeevan Akshay में एन्युटी रेट दूसरे annuitant की आयु पर निर्भर नहीं करता| LIC Jeevan Shanti में दूसरे annuitant की आयु भी देखी जाती है|
  6. एलआईसी जीवन अक्षय में मृत्यु लाभ केवल एकमुश्त लिया जा सकता है| LIC Jeevan Shanti में मृत्यु लाभ (death benefit) लेने के तीन विकल्प हैं: एकमुश्त, एन्युटी प्लान या किश्तों में|
  7. जीवन अक्षय में लोन सुविधा उपलब्ध नहीं है| जीवन शान्ति के कुछ विकल्पों में लोन सुविधा उपलब्ध है|

एलआईसी जीवन शांति के बारे में एक अजीब बात

आप उम्मीद करते हैं की प्रवेश आयु के साथ आपका एन्युटी रेट भी बढेगा| Immediate annuity पके 7 विकल्पों में तो ऐसा ही होता है|

परन्तु Deferred Annuity में ऐसा शायद हमेशा न हो| आप नीचे टेबल में देख सकते हैं| यह टेबल Deferred Annuity (option 1, Single Life) के लिए है|

एलआईसी जीवन अक्षय वस एलआईसी जीवन शांति vs. LIC जीवन अक्षय

आप देख सकते हैं की कुछ मामलों में प्रवेश आयु बढ़ने के साथ ब्याज ददर कम हो रही है|

मेरे अनुसार इसके वजह LIC Jeevan शांति के death बेनिफिट की गणना है| यह मृत्यु लाभ समय के साथ बदलता रहता है|

मृत्यु लाभ = खरीद मूल्य + गारंटीकृत परिवर्धन (Accrued Guaranteed Addition) – अभी तक किये गए वार्षिक भुगतान। साथ ही, गारंटीकृत परिवर्धन वार्षिकी दर पर निर्भर करते हैं।

इसलिए, Death Benefit आस्थगन अवधि के अंत तक बढ़ता है| आस्थगन अवधि (deferment period) की समाप्ति के बाद (वार्षिकी भुगतान किए जाने के कारण) मृत्यु लाभ घटता है।

एलआईसी जीवन शांति कैलकुलेटर LIC Jeevan Shanti calculator पेंशन कैलकुलेटर

 

इसलिए आपके लिए सही विकल्प का चुनाव थोड़ा मुश्किल हो सकता है| अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह ले सकते हैं|

एलआईसी के दूसरे प्लान के बारे में जानकारी

एलआईसी जीवन अक्षय VI (LIC Jeevan Akshay VI)

एलआईसी न्यू जीवन आनंद (LIC New Jeevan Anand)

एलआईसी जीवन उत्कर्ष (LIC Jeevan Utkarsh)

एलआईसी जीवन उमंग (LIC Jeevan Umang)

एलआईसी न्यू एंडोमेंट प्लान (LIC New Endowment Plan)

एलआईसी जीवन तरुण (LIC Jeevan Tarun)

एलआईसी ई-टर्म प्लान (LIC e-Term plan)

एलआईसी बीमा बचत प्लान (LIC Bima Bachat Plan)

एलआईसी जीवन शिरोमणि (LIC Jeevan Shiromani)

एलआईसी जीवन लक्ष्य (LIC Jeevan Lakshya)

एलआईसी सिंगल प्रीमियम एंडोमेंट प्लान (LIC Single Premium Endowment Plan)

एलआईसी कैंसर कवर प्लान (LIC Cancer Cover Plan)

एलआईसी न्यू मनीबेक प्लान-20 वर्ष (LIC New Money Back Plan – 20 years)

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HDFC Life Click 2 Invest ULIP: Review (एचडीएफसी क्लिक 2 इन्वेस्ट यूलिप: समीक्षा)

by दीपेश Leave a Comment

पिछली पोस्ट में मैंने यूलिप (ULIP or Unit Linked Insurance Plan) और म्यूच्यूअल फण्ड के बीच के अंतर पर चर्चा करी थी|

हमनें देखा था की कुछ मामलों में यूलिप बेहतर है और कुछ मामलों में म्यूच्यूअल फण्ड| आप आपने पसंद के अनुसार चुनाव कर सकते हैं|

इस पोस्ट में मैं एक लोकप्रिय यूलिप के बारे में चर्चा करूंगा| HDFC Life Click 2 Invest

HDFC के इस यूलिप के बारें में जानेंगे और देखेंगे की क्या आपको इस यूलिप में निवेश करना चाहिए|


HDFC Life Click 2 Invest ULIP: Review in Hindi (एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप)

  1. प्रवेश के समय न्यूनतम आयु (Minimum Entry Age): कोई सीमा नहीं
  2. प्रवेश के समय अधिकतम आयु (Maximum Entry Age): 65 वर्ष
  3. मेच्योरिटी के समय न्यूनतम आयु (Minimum Exit age): 18 वर्ष
  4. मेच्योरिटी के समय अधिकतम आयु (Maximum Exit age): 75 वर्ष
  5. प्रीमियम भुगतान विकल्प (Premium Payment Options):
    1. एकल (सिंगल प्रीमियम): केवल एक बार प्रीमियम
    2. लिमिटेड प्रीमियम: प्रीमियम भुगतान अवधि के बराबर पालिसी अवधि (5,7 या 10 वर्ष)
    3. रेगुलर प्रीमियम: प्रीमियम भुगतान अवधि पालिसी अवधि के बराबर होती है, 5 से 20 वर्ष
  6. आपकी बीमा राशि आपके वार्षिक प्रीमियम पर निर्भर करेगी| न्युन्यम प्रीमियम नीचे टेबल में दी हुई है|
  7. HDFC क्लिक 2 इन्वेस्ट यूलिप एक Type-I यूलिप है| पालिसी अवधि के दौरान निवेशक की मृत्यु की स्तिथि में नॉमिनी को फण्ड वैल्यू या बीमा राशि में से अधिक राशि मिलेगी|
  8. अगर आप इस यूलिप में निवेश करते हैं, तो अपने पैसा पांच वर्ष पूरे होने से पहले नहीं निकाल सकते| Cannot take out money before completion of 5 years, प्लान सरेंडर करते हैं, तब भी आप पैसा 5 वर्ष से पहले नहीं निकाल सकते|

बेस्ट यूलिप प्लान ह्द्फ्क यूलिप हिंदी HDFC यूलिप click 2 invest age policy term premium

यूलिप आपको जीवन बीमा और निवेश दोनों का लाभ प्रदान करते हैं| आपके प्रीमियम/निवेश का कुछ जीवन बीमा प्रदान करने की ओर जाता है और कुछ पैसा निवेश की ओर|

अगर आप जानना चाहते हैं की यूलिप कैसे काम करते हैं, तो इस पोस्ट को पढ़ें|

इस यूलिप में charges कितने हैं?

हमनें पिछली पोस्ट में देखा था की यूलिप के charges आप रिटर्न को काफी प्रभवित कर सकते हैं|

जितने कम चार्ज हैं, उतना आपके लिए बेहतर है|

अगर आप जानना चाहते हैं की यूलिप के चार्ज आपके रिटर्न को किस तरह प्रभावित कर सकते हैं, तो इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ें|

बेस्ट यूलिप प्लान HDFC यूलिप click 2 invest age चार्ज

यहाँ देख कर लगता है की HDFC Click 2 Invest प्लान की चार्ज बहुत ज्यादा नहीं है, जो की एक अच्छी बात है|


एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप में क्या फण्ड के विकल्प हैं? (Fund options in HDFC Click 2 Invest ULIP)

यह यूलिप आपको 8 फण्ड के विकल्प देता है|

  1. Equity Plus Fund
  2. Diversified Equity Fund
  3. Blue Chip Fund
  4. Opportunities Fund
  5. Balanced Fund
  6. Income Fund
  7. Bond Fund
  8. Conservative Fund

Best ulip हिंदी HDFC click 2 invest यूलिप

आप देख सकते हैं की हर फण्ड अलग प्रकार का है| कुछ फण्ड कम risky है, तो कुछ फण्ड ज्यादा| आप अपनी ज़रुरत के अनुसार फण्ड का चुनाव कर सकते हैं|

आप इन फण्ड का परफॉरमेंस HDFC Click 2 Invest की वेबसाइट पर चेक कर चेक कर सकते हैं|


HDFC Life Click 2 Invest ULIP: Death Benefit (एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप: मृत्यु लाभ)

HDFC क्लिक 2 इन्वेस्ट यूलिप एक Type-I यूलिप है|

पालिसी अवधि के दौरान निवेशक की मृत्यु की स्तिथि में नॉमिनी को फण्ड वैल्यू या बीमा राशि में से अधिक राशि मिलेगी|

Death Benefit = Maximum (Fund Value, Sum Assured)

जैसा की हम जानते हैं की यूलिप में आपके पैसे को निवेश किया जाता है| उस निवेश राशि से यूलिप के चार्ज भी वसूले जाते हैं| फण्ड वैल्यू (Fund Value) आपके निवेश का मूल्य है|


HDFC Life Click 2 Invest ULIP: Maturity Benefit (एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप: परिपक्वता लाभ)

अगर निवेशक की पालिसी अवधि के दौरान मृत्यु नहीं होती, तो उसको पालिसी अवधि के अंत में मेच्योरिटी बेनिफिट मिलेगा|

पालिसी अवधि के अंत में निवेशक को Fund Value दे दी जायेगी|


HDFC Click 2 Invest ULIP: Tax Benefit (एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप: टैक्स बेनिफिट)

इस HDFC यूलिप में निवेश पर आप Section 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

ध्यान दें टैक्स बेनिफिट आपकी बीमा राशि के 10% तक सीमित होगा|


इस HDFC यूलिप में मेच्योरिटी राशि पर टैक्स देना होगा? (HDFC Life Click 2 Invest: Tax Treatment)

HDFC life Click 2 Invest प्लान से मिलने वाली राशि कर-मुक्त है|

परन्तु ध्यान दें मेच्योरिटी राशि कर मुक्त होने के लिए आपकी बीमा राशि आपके वार्षिक प्रीमियम का कम से कम 10 गुना होनी चाहिए|

Life Cover (Sum Assured या जीवन बीमा) >= 10 X वार्षिक प्रीमियम (10 X Annual Premium)

यह बात दिलचस्प है|

सिंगल प्रीमियम प्लान में ऐसा नहीं होगा| जैसे की हमनें ऊपर देखा की सिंगल प्रीमियम प्लान में जीवन बीमा आपके प्रीमियम का 125% है|  Life Cover = 1.25 X वार्षिक प्रीमियम

आप देख सकते हैं बीमा राशि वार्षिक प्रीमियम के 10 गुने से कम है|

इसका मतलब अगर आप सिंगल प्रीमियम प्लान लिया है, तो मेच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि टैक्स फ्री नहीं होगी| Maturity Amount taxable in case of Single Premium Plans

साथ ही आप देख सकते हैं की अगर प्रवेश आयु 55 वर्ष से अधिक है, तो रेगुलर ओर लिमिटेड प्रीमियम प्लान में आप बीमा राशि आपके वार्षिक प्रीमियम का केवल 7 गुना है| इसलिए ऐसी स्तिथि में भी मेच्योरिटी राशि पर टैक्स देना होगा| Maturity amount taxable if entry age is 55 years or above

देखें तो, इस एचडीएफसी यूलिप में राशि तभी कर-मुक्त है:

  1. जब आप लिमिटेड या रेगुलर प्रीमियम प्लान लें; और
  2. जब पालिसी खरीदते समय आपकी आयु 55 वर्ष से कम है

क्या आपको HDFC Click 2 Invest यूलिप में निवेश करना चाहिए?

देखिये अगर आपको जीवन बीमा की ज़रुरत नहीं है, तब इस HDFC यूलिप में निवेश न करें| आप बिना बात जीवन बीमा के लिए पैसे खर्च करेंगे (जबकि आपको जीवन बीमा चाहिए ही नहीं)| हालांकि Type-I यूलिप होने की वजह से मोर्टेलिटी चार्ज का असर कम होगा, परन्तु जब जीवन बीमा चाहिए ही नहीं, तो कुछ भी खर्चा करने की क्या आवश्यकता|

अगर आयु 55 वर्ष से अधिक है, तब भी इस यूलिप में निवेश करने की गलती न करें|

सिंगल प्रीमियम प्लान में निवेश न करें|

इस यूलिप में charges कम हैं| इसलिए अगर आपकी आयु ज्यादा नहीं है (40 वर्ष से ज्यादा नहीं है) और आपको जीवन बीमा की भी ज़रुरत है, तब आप इस प्लान में निवेश कर सकते हैं|

परन्तु हाँ, इस यूलिप की बजाय आप म्यूच्यूअल फण्ड में भी निवेश कर सकते हैं| जीवन बीमा के लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान ले सकते हैं| यूलिप और म्यूच्यूअल फंड के बीच अंतर को जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें

Source

HDFC Life Website

HDFC Click 2 Invest Product Brochure

HDFC Click 2 Invest Policy Wordings

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यूलिप (ULIP) और म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund) में क्या अंतर है?

by दीपेश Leave a Comment

शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए म्यूच्यूअल फण्ड (mutual fund) और यूलिप (ULIP) बहुत ही लोकप्रिय माध्यम हैं|

क्या आप जानते हैं की म्यूच्यूअल फण्ड और ULIP के होते हैं?

क्या आप म्यूच्यूअल फण्ड और यूलिप के अंतर जानते हैं?

आपको म्यूच्यूअल फण्ड या यूलिप में किस में निवेश करना चाहिए?

इस पोस्ट में इन सवालों के जवाब समझने की कोशिश करेंगे|

पहले संक्षिप्त में यह जानते हैं की म्यूच्यूअल फण्ड और यूलिप (ULIP or Unit Linked Insurance Plan)| उसके बाद म्यूच्यूअल फंड और यूलिप के बीच के अंतर पर चर्चा करेंगे|


म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है? What is a mutual fund?

जब आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते हैं, तो आप अपने पैसे को एक अनुभवी निवेशक (फण्ड मेनेजर) को सौंपते है| वह फण्ड मेनेजर आपके पैसे को निवेश करता है| उस निवेश पर जो रिटर्न मिला, वह आपका|

म्यूच्यूअल फण्ड अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे की इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड, डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड, hybrid म्यूच्यूअल फण्ड, गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड इत्यादि|

आप अपनी ज़रुरत के अनुसार म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव कर सकते हैं| म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|


यूलिप प्लान क्या होता हैं? What is a ULIP in Hindi?

यूलिप आपको investment और insurance दोनों का लाभ देता है|

आपके निवेश का कुछ हिस्सा आपको insurance प्रदान करने की ओर जाता है| बचा हुआ हिस्सा निवेश हो जाता है| हर यूलिप में आपके पास निवेश करने के लिए कई फण्ड के विकल्प होते हैं| आप अपनी ज़रुरत के अनुसार चुनाव कर सकते हैं|

यूलिप प्रमुख तौर पर दो प्रकार के होते हैं:

  1. Type-I यूलिप: धारक की मृत्यु की स्तिथि में बीमा राशि और निवेश के मूल्य (फण्ड वैल्यू) में हो राशि अधिक है, वह राशि मिलती है|
  2. Type-II यूलिप: धारक की मृत्यु की स्तिथि में बीमा राशि और फण्ड वैल्यू दोनों मिलती है|

अगर आप यह जानना चाहते हैं की यूलिप कैसे काम करते हैं, तो इस पोस्ट को पढ़ें|

आईये अब देखते हैं की म्यूच्यूअल फण्ड और यूलिप में क्या अंतर है|


#1 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: टैक्स बेनिफिट (Mutual Funds vs. ULIP: Tax Benefit)

यूलिप में निवेश करने पर आप Section 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

सभी म्यूच्यूअल फण्ड में आपको यह टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता| केवल इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS म्यूच्यूअल फण्ड) में निवेश करने पर ही Section 80C के तहत आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है| किसी अन्य म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

विजेता: मेरे अनुसार यहाँ पर कोई स्पष्ट विजेता नहीं है|


#2 यूलिप vs. म्यूच्यूअल फण्ड: टैक्स ट्रीटमेंट (Mutual Funds vs. ULIP: Tax Treatment)

यूलिप से पैसे निकालने पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता| No Tax on maturity or surrender proceeds from ULIPs

म्यूच्यूअल फण्ड में टैक्स दो बातों पर निर्भर करता है

  1. आपने किस प्रकार का म्यूच्यूअल फण्ड खरीदा है (Type of mutual fund)
  2. आपका निवेश कितना पुराना है (holding period)

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड को एक वर्ष से पहले बेचने पर आपको मुनाफे पर 15% टैक्स देना होता है| एक वर्ष के बाद बेचने पर आपको मुनाफे पर 10% प्रतिशत टैक्स देना होगा|

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड को तीन वर्ष से पहले बेचने पर आपको अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना पड़ता है| तीन बर्ष के बाद बेचने पर आपको मुनाफे पर इंडेक्सेशन के बाद 20 प्रतिशत टैक्स (20% after indexation) देना होगा|

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018 यूलिप

म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर लगने वाले टैक्स के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

विजेता: यूलिप (ULIP)


#3 यूलिप vs. म्यूच्यूअल फण्ड: पोर्टफोलियो rebalancing (Mutual Funds vs. ULIP: Portfolio Rebalancing)

कोई भी फाइनेंसियल advisor आपको समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को rebalance करने का सुझाव देगा| Rebalancing का मतलब है किसी एक प्रकार के फण्ड को बेचकर दूसरे प्रकार के फण्ड में निवेश करना|

ऐसा आप अपने पोर्टफोलियो में Asset Allocation बनाए रखने के लिए कर सकते हैं|

यूलिप में ऐसा करने के लिए आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा| यूलिप के एक फण्ड से दूसरे फण्ड में पैसा शिफ्ट करने पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

परन्तु म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा नहीं है| एक म्यूच्यूअल फण्ड से दुसरे म्यूच्यूअल फण्ड में स्विच करना का मतलब है, पहले फण्ड को बेचा और दूसरा म्यूच्यूअल फण्ड खरीदा| ऐसा करने पर आपको टैक्स देना पड़ेगा|

विजेता: यूलिप (ULIP)


#4 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: पैसा निकालने में आसानी  (Mutual Funds vs. ULIP: Liquidity)

यूलिप में आप पांच वर्ष पूरे होने से पहले अपने पैसे नहीं निकाल सकते| यहाँ तक की, अगर आप प्लान को सरेंडर भी कर देते हैं, तब भी आप अपने पैसे पांच वर्ष पूरे होने से पहले नहीं निकाल सकते|

म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा कोई प्रतिबन्ध नहीं है| बस टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फण्ड (ELSS या ईएलएसएस) में आप 3 वर्ष पूरा होने से पहले पैसे नहीं निकाल सकते|

किसी भी अन्य म्यूच्यूअल फण्ड में आप जब चाहें अपने पैसे निकाल सकते हैं| कुछ इक्विटी म्यूच्यूअल फंड में एक वर्ष से पहले पैसे निकालने पर आपको थोड़ी से पेनल्टी (exit load) देनी पड़ सकती है| परन्तु पैसा निकालने पर कोई पाबंधी नहीं है|

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में तो कुछ पेनल्टी भी नहीं देनी होती|

विजेता: म्यूच्यूअल फण्ड


#5 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: शुल्क (Mutual Funds vs. ULIP: Charges)

म्यूच्यूअल फण्ड में शुल्कों को एक ही संख्या में बताया जाता है, जिसे expense ratio कहते हैं| इसमें फण्ड मैनेजमेंट चार्ज, कमीशन इत्यादि| सभी कुछ इसी के अन्दर होता है|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में एक्सपेंस रेश्यो 1% से 2.5% प्रतिशत के बीच में होता है| डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में यह ratio कम होता है|

म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में expense ratio कम होता है|

ध्यान दें, अगर सभी कुछ एक समान है, तो कम शुल्क का मतलब है बेहतर रिटर्न|

यूलिप में विभिन्न प्रकार के चार्ज होते हैं|

  1. Policy Administration Charge (पालिसी एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज)
  2. Premium Allocation Charge (प्रीमियम एलोकेशन चार्ज)
  3. Mortality Charge (मोर्टेलिटी चार्ज) (यह आपको जीवन बीमा प्रदान करने के लिए लिया जाता है
  4. Fund Management Charge (फण्ड मैनेजमेंट चार्ज) (यह आपके पैसे को निवेश करने की ज़िम्मेदारी के लिए लिया जाता है)

पर एक परेशानी यह है की सभी यूलिप में सभी प्रकार के चार्ज नहीं होते| शुल्कों का स्तर भी हर यूलिप में अलग हो सकता है| जैसे की बजाज एलियांज Goal Assure यूलिप में पालिसी एडमिनिस्ट्रेशन या प्रीमियम एलोकेशन चार्ज नहीं है|

विजेता: कोई स्पष्ट विजेता नहीं है| मेरे अनुसार म्यूच्यूअल फण्ड बेहतर है|


#6 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: रिटर्न  (Mutual Funds vs. ULIP: Returns)

किसमें रिटर्न बेहतर मिलेंगे, इस बात की कोई गारंटी नहीं है|

म्यूच्यूअल फण्ड में आपको टैक्स ज्यादा देना पड़ सकता है|

परन्तु यूलिप में आपको अधिक शुल्क देने पड़ सकते हैं| क्योंकि यूलिप में जीवन बीमा भी मिलता है, इसलिए लिए भी मोर्टेलिटी charges कटते हैं| इन शुल्कों का आपके रिटर्न पर काफी प्रभाव पड़ सकता है|

एक अहम् बात: म्यूच्यूअल फण्ड में जो NAV आपको दखता है, वही आपका रिटर्न है| ऐसी इसलिए क्योंकि NAV निकालते समय सारे चार्ज एडजस्ट कर लिए जाते हैं|

परन्तु यूलिप में कुछ चार्ज आपके NAV में एडजस्ट नहीं होते| कुछ चार्ज जैसे की मोर्टेलिटी चार्ज आपकी फण्ड की यूनिट्स को cancel करके recover किया जाता है| इसका मतलब यूलिप फण्ड का NAV आपके रिटर्न का सही अंदेशा नहीं देते|

विजेता: कोई स्पष्ट विजेता नहीं है| कोई प्रमाण नहीं है की म्यूच्यूअल फण्ड के फण्ड मेनेजर ULIP फण्ड में मेनेजर से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं| परन्तु अगर आपके यूलिप में अत्यधिक चार्ज हैं, तो आपके रिटर्न पर काफी असर पड़ सकता है| मेरे अनुसार म्यूच्यूअल फण्ड थोड़ा बेहतर है|


#7 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: निवेश करने में आसानी (Mutual Funds vs. ULIP: Flexibility)

अगर आपका यूलिप फण्ड बुरे रिटर्न दे रहा है, तो आप कुछ नहीं कर सकते| बहुत से बहुत, उसी यूलिप के दूसरे फण्ड में स्विच (switch) कर सकते हैं| आप अपना पैसा कहीं और नहीं ले कर जा सकते| अगर आपको किसी और यूलिप में पैसा ले कर जाना है, तब आपको अपना प्लान सरेंडर करना होगा|

म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा कोई प्रतिबन्ध नहीं है| अगर आपका म्यूच्यूअल फण्ड अच्छे रिटर्न नहीं दे रहा है, तब आसानी से आप अपने म्यूच्यूअल फण्ड को बेच कर दूसरे म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते हैं|

साथ ही, अगर आप ULIP में अपने प्रीमियम से  अधिक निवेश करना चाहते हैं (top–up premium), तब आपको अपनी बीमा राशि भी बढानी होगी| अधिक बीमा राशि का मतलब अधिक mortality charges| यह आपके यूलिप के रिटर्न को प्रभावित कर सकता है| म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसी कोई पाबंधी नहीं है|

अगर आपको एइअस लगता है की आपको अब जीवन बीमा की ज़रुरत नहीं है, तो आप अपने यूलिप से बीमा को नहीं हठा सकते| अगर आपने टर्म इंश्योरेंस प्लान लिया होता, तो आप प्रीमियम देना बंद करने पर प्लान अपने आप खत्म हो जाता|

विजेता: म्यूच्यूअल फण्डयूलिप म्यूच्यूअल फण्ड के बीच अंतर

 


यूलिप में बारे में कुछ अन्य बातें (परेशानियां)

  1. यूलिप में आपको प्रीमियम और बीमा राशि लिंक होते हैं| अमूमन आपका वार्षिक प्रीमियम आपकी बीमा राशि (Sum Assured) का 10% होता है| यहाँ पर आपकी प्रीमियम चुकाने के क्षमता से आपकी जीवा बीमा राशि प्रभावित हो सकती है| मान लिए अगर आप एक वर्ष में 50,000 रुपये निवेश कर सकते हैं, तब आप यूलिप में 5 लाख रुपये से अधिक का जीवन बीमा नहीं ले पायेंगे| टर्म इंश्योरेंस प्लान में ऐसी कोई पाबंधी नहीं है|
  2. यूलिप से मिलने वाली राशि तभी कर-मुक्त है जब की आपकी बीमा राशि (Sum Assured) आपके वार्षिक प्रीमियम का कम से कम 10 गुना हो| अगर आपकी आयु ज्यादा है या फिर आप सिंगल प्रीमियम ULIP खरीद रहे हैं, तब शायद ऐसा न हो| अगर आप यूलिप लेने की सोच रहे हैं, तब इस बात का अवश्य ख़याल रखें|
  3. यूलिप आपको जीवन बीमा भी देता है| परन्तु आपके निवेश का जो हिस्सा आपको जीवन बीमा दिलाने (mortality charges) की ओर जाता है, वह एक टर्म इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम के मुकाबले काफी ज्यादा होता है| इसका मतलब की टर्म इंश्योरेंस प्लान में उतना ही बीमा आपको कम कीमत में मिलता है| इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ सकते हैं|

म्यूच्यूअल फण्ड या यूलिप: किसमें निवेश करें?

स्पष्ट जवाब देना बहुत मुश्किल है| हमनें देखा की कुछ मामलों में म्यूच्यूअल फण्ड बेहतर हैं और कुछ मामलों में यूलिप (ULIP) बेहतर हैं|

बहुत कुछ आप पर निर्भर करता है|

यूलिप में निवेश और जीवन बीमा दोनों के लाभ मिलता हैं| म्यूच्यूअल फण्ड में केवल निवेश का लाभ है| यहाँ पर आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान अलग से खरीदना पड़ेगा|

कुछ निवेशकों के लिए यूलिप को समझना आसान है| प्रीमियम देने पर आपके निवेश और जीवन बीमा दोनों की चिंता खत्म| ऐसे निवेशक यूलिप में निवेश कर सकते हैं| अगर आप यूलिप में निवेश करना चाहते हैं, तो ऐसे यूलिप का चुनाव करें जिसमें शुल्क कम हों| अधिक शुल्क आपके रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं| आपको सोच समझ कर अपने लिए बेस्ट यूलिप प्लान का चुनाव करना होगा|

अगर आपको जीवन बीमा नहीं चाहिए, तब तो आपको यूलिप में निवेश करना ही नहीं चाहिए| क्योंकि जब आपको जीवन बीमा चाहिए ही नहीं, तब तक जीवन बीमा की लिए खर्चा क्यों उठाना चाहेंगे| इसलिए बुजुर्गों के लिए यूलिप एक बहुत ही बेकार विकल्प है|

मुझे म्यूच्यूअल फण्ड बेहतर लगते हैं| यह मेरी निजी राय है| मैं जानता हूँ की टैक्स ज्यादा है, परन्तु flexibility (लचीलापन) और liquidity (पैसा निकालने में आसानी) म्यूच्यूअल फण्ड में ज्यादा है|

अगर जीवन बीमा की ज़रुरत है, तो मैं टर्म इंशोयरेंस प्लान लेना पसंद करूंगा|

आप कहाँ निवेश करेंगे: म्यूच्यूअल फण्ड में या यूलिप में?

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