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SBI FlexiPay Home Loan (एसबीआई होम लोन) की पूरी जानकारी

by दीपेश Leave a Comment

इस पोस्ट में भारतीय स्टेट बैंक के एक लोकप्रिय होम लोन “SBI FlexiPay Home Loan Scheme” के बारे में चर्चा करूंगा| स्टेट बैंक के अनुसार इस होम लोन स्कीम में आपको 20% तक अधिक लोन मिल सकता है|

जब आप लोन लेकर निर्माणाधीन (under-construction) मकान खरीदते हैं, तो एक समस्या रहती है| जब तक आपके घर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक आपको EMI और मौजूदा मकान का किराया दोनों देने पड़ते हैं| किराए और EMI का एक साथ भुगतान आपके बजट पर भारी पड़ सकता है| SBI की FlexiPay होम लोन स्कीम आपकी यहाँ मदद कर सकती है|

भारतीय स्टेट बैंक फ्लेक्सी-पे होम लोन स्कीम (SBI FlexiPay Home Loan Scheme)

  1. यह लोन स्कीम केवल वेतनभोगियों (salaried employees) के लिए है|
  2. आपके पास कम से कम 2 साल के कार्य अनुभव (work-experience) होना चाहिए। Minimum Work-experience of 2 years
  3. आयु 21 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  4. वबैंक के अनुसार आपकी लोन पात्रता इस स्कीम में 20% तक अधिक होगी|
  5. आपके पास 36-60 महीने तक की अधिस्थगन अवधि (moratorium period) चुनने का विकल्प होता है| Moratorium period के दौरान आपको केवल ब्याज का भुगतान करना होता है।Moratorium period के दौरान आप pre-payment नहीं कर सकते|
  6. Floating Rate Loan है|
  7. 30 साल तक की लोन भुगतान अवधि (Loan Tenure of upto 30 years)

एसबीआई FlexiPay लोन स्कीम में क्या अलग है?

मुख्य अंतर यही है की आपको moratorium period में केवल ब्याज का भुगतान करना होता है| आप इसे Pre-EMI स्कीम भी समझ सकते हैं| इससे आपके बजट पर भोझा कुहक कम हो जाता है|

आप लोन के लिए आवेदन करते समय moratorium period बताना होता है| यह अवधि 36 से 60 वर्ष तक हो सकती है|

ध्यान दें अगर आपके घर का निर्माण moratorium अवधि की समाप्ति से पहले नहीं हुआ, तो अवधि की समाप्ति के बाद आपको पूरी EMI (Full EMI) देनी होगी| Full EMI में principal और interest दोनों देने पड़ते हैं| इसलिए भुगतान राशि बढ़ जाती है|

जैसे ही आपको घर का possession मिल जाता है, तब से आपको पूरी EMI (Full EMI) देनी होती है| अगर घर का possession moratorium period की समाप्ति से पहले मिल जाता है, तब आपकी Full EMI तभी से चालू हो जायेगी|

मान लिए आपके लोन में moratorium period 5 वर्ष का है, परन्तु घर का निर्माण 3 वर्ष में पूरा हो जाता है, तो Full EMI 3 वर्ष के बाद ही चालू हो जायेगी|

आपकी लोन पात्रता (Loan Eligibility) कैसे बढ़ जाती है?

यह समझना मुश्किल नहीं है|

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि moratorium period के दौरान आपको केवल ब्याज देना होता है| ध्यान दें ब्याज का भुगतान आपको उतने ही लोन पर देना होता है जो लोन आपको दिया जा चुका है (न की sanction amount पर)| आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है, परन्तु बैंक ने अभी तक केवल 25 लाख रुपये का फण्ड ही रिलीज़ किया है| आपको moratorium period के दौरान 25 लाख रुपये पर ब्याज देना होगा|

मैंने पहले एक पोस्ट में चर्चा करी है की बैंक आपकी लोन पात्रता (Loan eligibility) कैसे कैलकुलेट करते हैं| बैंक आपको केवल उतना ही लोन देना चाहते हैं जिसका की आप आराम से भुगतान कर पाएं|

इस वजह से बैंक आपको इतना की लोन देते हैं जिसकी EMI आपकी मासिक आय के 30-40% से अधिक न हो|

एक उदहारण की सहायता से समझते हैं|

मान लिए कि बैंक आपकी आय के 40% की EMI से संतुष्ट हैं| Fixed Obligation to Income ratio of 40%) अगर आपकी मासिक आय 1 लाख रुपये है, तो बैंक आपको उतना ही लोन देगी जिसकी EMI 40,000 रुपये से अधिक न है।

20 साल की लोन अवधि और 10% की ब्याज दर पर 41.44 लाख रुपये के लोन पर 40,000 रुपये की ईएमआई होगी। लोन राशि निकालने के लिए आप माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल में PV फंक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं| PV(10%/12, 20*12, 40,000, 0,0) = 41.44 लाख रुपये| किसी भी साधारण होम लोन स्कीम में आपको 41.44 लाख रुपये से अधिक का लोन नहीं मिलेगा|

अब देखते हैं की एसबीआई होम लोन की FlexiPay लोन स्कीम में ऐसा क्या होता है की आपकी लोन eligibility बढ़ जाती है|

जैसे ही हमनें ऊपर देखा, SBI FlexiPay होम लोन स्कीम में आपको moratorium period के दौरान केवल ब्याज देना होता है| इसी वजह से आपको लोन पात्रता बढ़ जाती है|

इसका मतलब बैंक आपको इतना लोन दे सकता है जिसका ब्याज 40,000 रुपये से ज्यादा न हो| लोन राशि निकालने के लिए आप ऐसा करें: 40,000/(10%/12) = 48 लाख रुपये

48 लाख रुपये के लोन पर आपके मासिक ब्याज 40,000 रुपये होगा| इसलिए एसबीआई होम लोन की FlexiPay स्कीम के तहत आपको 48 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है|

एक साधारण लोन स्कीम में केवल 41.44 लाख रुपये का होम लोन मिल रहा था|

SBI FlexiPay लोन स्कीम में आपकी पात्रता 16% बढ़ गयी है|

परन्तु आपको SBI FlexiPay लोन में अधिक ब्याज देना होगा

ब्याज की दर अलग नहीं है|

परन्तु क्योंकि आप प्रारंभिक वर्षों के लिए केवल ब्याज राशि का भुगतान कर रहे हैं, इसलिए आपका principal कम नहीं होता| इस वजह से आपको पूरे लोन की अवधि में ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा|

आप एक साधारण होम लोन स्कीम में 40 लाख रुपये का लोन लेते हैं। ब्याज दर 10% प्रति वर्ष है और लोन की अवधि 20 साल है। इस लोन की आपकी EMI होगी 38,600 रुपये|

SBI होम लोन की FlexiPay योजना के दो उदहारण लेते हैं।

Case 1: 40 लाख रुपये का लोन। 20 साल की लोन अवधि (5 वर्ष का moratorium period + 15 साल Full EMI)। पहले पांच वर्षों के लिए, आप प्रति माह 33,333 रुपये (40 लाख रुपये *10%/12) का भुगतान करेंगे। 6 वें वर्ष की शुरुआत से 20 वें वर्ष के अंत तक, आप प्रति माह 42,984 रुपये का भुगतान करेंगे।

Case 2: 40 लाख रुपये का लोन। 25 साल का Tenor (5 वर्ष moratorium period + 20 वर्ष Full EMI)। पहले पांच वर्षों के लिए, आप प्रति माह 33,333 रुपये का भुगतान करेंगे।  6 वें वर्ष की शुरुआत से 25 वें वर्ष के अंत तक, आप प्रति माह 38,600 रुपये का भुगतान करेंगे।

sbi home loan hindi एसबीआई होम लोन की जानकारी आवश्यक दस्तावेज

आप देख सकते हैं कि आप SBI FlexiPay होम लोन स्कीम के तहत आपको अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना पड़ रहा है।

एसबीआई होम लोन (FlexiPay) स्कीम की ब्याज दर क्या है?

ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है|

एसबीआई होम लोन की ब्याज दर sbi flexipay होम लोन स्कीम

लेटेस्ट ब्याज दर के लिए स्टेट बैंक होम लोन की वेबसाइट पर जाएँ|

एसबीआई होम लोन (FlexiPay) के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं?

आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट आप नीचे देख सकते हैं|

एसबीआई होम लोन की जानकारी होम लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज एसबीआई

इन बातों का रखें ध्यान

SBI FlexiPay होम लोन स्कीम उन लोगों के लिए उपयोगी है जिन्हें अधिक लोन चाहिए|

मान लिए आपको साधारण होम लोन स्कीम में 40 लाख रुपये का लोन मिल सकता है और आपको केवल 30 लाख रुपये के लोन की ज़रुरत है| ऐसे में आपको SBI FlexiPay होम लोन लेने की कोई ज़रुरत नहीं है| आप साधारण होम लोन योजना के साथ ही जाएँ| FlexiPay लोन स्कीम के तहत आपको बिना बात ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा|

परन्तु यदि आपकी लोन पात्रता साधारण होम लोन स्कीम में 40 लाख रुपये है और आपको 45 लाख रुपये का होम लोन चाहिए, तब एसबीआई होम लोन की FlexiPay स्कीम कारगर साबित हो सकती है| पर ध्यान रखिएँ की आपको अधिक ब्याज देना होगा|

एक बात और: आपको FlexiPay लोन की शुरुआत में कम पैसा देना होगा, परन्तु बाद में आपका खर्चा बढ़ जाएगा| जैसे की ऊपर देखा आपको पहले 5 वर्ष 33,333 रुपये देने हैं, परन्तु उसके बाद हर महीने 42,984 रुपये देने होंगे| अगर आपकी आय समय के साथ नहीं बढ़ी, तो आपको लोन चुकाने में परेशानी हो सकती है|

Source: www.PersonalFinancePlan.in

Loan Calculator from EMICalculator.net

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अपने लिए लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें? (How to select a liquid fund?)

by दीपेश Leave a Comment

कुछ समय पहले मैंने एक पोस्ट में इस बात पर चर्चा करी थी की अपने लिए बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड के चुनाव कैसे करें|

अगर कम अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करें|

अगर लम्बी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करें|

आज मैं लिक्विड फण्ड (liquid fund) के बारे में चर्चा करूंगा| इस पोस्ट में जानेंगे की:

  1. लिक्विड फण्ड क्या होते हैं? What are Liquid Funds?
  2. लिक्विड फण्ड कहाँ निवेश करते हैं?
  3. लिक्विड फण्ड में कितना रिटर्न मिलता है?
  4. लिक्विड फण्ड में निवेश करने पर क्या रिस्क रहता है? (Risk with Liquid Funds)
  5. एक अच्छे लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें?

बहुत से निवेशक लिक्विड फण्ड (liquid fund) को बचत खाते में पैसे रखने का विकल्प मानते हैं| बचत खाते में आपको 4% का ब्याज मिलता है| Liquid fund में आपको 6-7% p.a. तक का रिटर्न मिल जाता है|

ध्यान दें liquid fund में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती| रिटर्न कम या ज्यादा भी हो सकता है| लिक्विड फंड्स के यूनिट बेचने पर आपके बैंक खाते में अगले दिन पैसा आ जाता है|

लिक्विड फण्ड क्या होते हैं? लिक्विड फण्ड काम कैसे करते हैं?

Liquid funds भी म्यूच्यूअल फण्ड का एक विकल्प हैं| Liquid fund एक प्रकार के debt mutual fund होते हैं|

लिक्विड फण्ड शेयर बाज़ार में निवेश नहीं करते|

लिक्विड फण्ड बांड (bonds) में निवेश करते हैं| Liquid fund ऐसे बांड में निवेश करते हैं जो की 91 दिन के भीतर मेच्योर हो रहे हों| सरकारी बांड्स (Government Bonds) और निजी कंपनी के bonds (bonds from private companies) में निवेश करते हैं| इस निवेश से जो रिटर्न मिलता है, उससे आपके यूनिट का NAV धीरे-धीरे बढ़ता रहता है|

लिक्विड फण्ड में रिस्क क्या होता है? Risk in Liquid Funds

सबसे बड़ा रिस्क यह है की जिस कंपनी के बांड में पैसा निवेश किया है, वह कंपनी डिफ़ॉल्ट (default) कर दे| इसका मतलब किसी वजह कंपनी पैसा लौटा न पाए| इस रिस्क को क्रेडिट रिस्क (Credit Risk) भी कहा जाता है|

अगर पैसा नहीं लौटा, तो आपके लिक्विड फण्ड का NAV गिर जाएगा| मतलब की आपको नुकसान हो सकता है|

ध्यान दें सरकारी बांड में default की संभावना नहीं होती| यह रिस्क केवल Corporate Bonds (निजी कंपनी के बांड्स) में रहता है|

लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें?  How to choose Liquid Fund?

जैसे की ऊपर चर्चा करी है की liquid fund में कुछ रिस्क होता है| अब यह रिस्क रहेगा| इस रिस्क को आप पूरे तरीके से नहीं हटा सकते| यह रिस्क केवल तभी हट सकता है जब की लिक्विड फण्ड केवल सरकारी बांड में निवेश करें|

परन्तु क्योंकि सरकारी बांड में रिटर्न कम मिलता है, फण्ड मेनेजर corporate bond में भी निवेश करते हैं| ऐसा करने से रिटर्न तो बढ़ता है परन्तु रिस्क भी बढ़ जाता है|

हर म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी का लिक्विड फण्ड होता है| परन्तु फण्ड के रिटर्न में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता|

आम तौर पर रिटर्न में 0.2% से 0.3% तक का अंतर होगा| ऐसे में बेस्ट रिटर्न वाले लिक्विड फण्ड की ओर भागना अच्छा विचार नहीं है|

निवेश करते समय आपको इन दो बातों को सुनिश्चित करना होगा|

  1. आपके लिक्विड फण्ड का बांड डिफ़ॉल्ट न करे: यह सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल है| अगर आप ऐसा चाहते हैं तो आपको ऐसा लिक्विड फण्ड चुनना होगा, जो की केवल सरकारी बांड में निवेश करे| परन्तु फिर रिटर्न थोड़े कम होंगे|
  2. अगर डिफ़ॉल्ट हो भी, तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान न हो: यह बात आप सुनिश्चित कर सकते हैं|

#1 केवल बड़े लिक्विड फण्ड में निवेश करें (Invest in bigger funds)

आप ऐसे लिक्विड फण्ड को चुनें जिसका size कम से कम 10,000 करोड़ रुपये हो|

इसका फायदा यह है की बड़े फण्ड को बहुत सारी कंपनी के बांड में निवेश करना होगा| अगर किसी वजह कोई कंपनी डिफ़ॉल्ट भी करती है, तो आपके फण्ड के NAV पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा|

एक उदहारण से समझते हैं| 10,000 करोड़ निवेश करने के लिए फण्ड मेनेजर को शायद 100-150 कंपनी में निवेश करना पड़े| मान लिए सभी कंपनी में बराबर निवेश किया है| अगर कोई बांड default भी कर देता है, तो आपके NAV पर 0.5-1% का प्रभाव पड़ेगा|

यहीं अगर फण्ड 200 करोड़ रुपये का होता, तो शायद 10-20 कंपनी के बांड से ही काम चल गया होता|  ऐसे में किसी बांड में डिफ़ॉल्ट हुआ, तो 5-10% का असर पड़ेगा|

इसीलिए कम से कम 10,000 कोर्ड के कार्पस वाले लिक्विड फण्ड में ही निवेश करें|

#2 अधिक प्रतिष्ठित और बड़ी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के लिक्विड फण्ड में निवेश करें

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में छोटे और बड़े म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी में कोई फर्क नहीं पड़ता|

पर जब बात डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड और लिक्विड फण्ड की आती है, बड़ी कंपनियों के साथ ही निवेश करें|

ऐसा इसलिए की उनकी प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुँच सकता है| उनके पास इतनी आर्थिक शक्ति भी हो सकती है की अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए आपको कुछ राहत दे सकें|

#3 फण्ड का expense ratio कम हो

जितना कम एक्सपेंस रेश्यो (expense ratio) होगा, आपके रिटर्न उतना ही बढेगा|

आपको expense ratio की जानकारी ValueResearch की वेबसाइट पर मिल जायेगी|

select best liquid fund बेस्ट लिक्विड फण्ड hindi

#4 लिक्विड फण्ड की Star rating पर ध्यान न दें

लिक्विड फण्ड का चुनाव करते समय म्यूच्यूअल फण्ड रेटिंग्स (mutual fund ratings) पर बिल्कुल ध्यान न दें|

अगर rating पर ज्यादा ध्यान देंगे, तो गलती हो सकती है| ऐसा इसलिए क्योंकि rating काफी हद तक रिटर्न पर ज़ोर देती हैं (रिस्क पर नहीं)|

कुछ समय पहले एक 5-star लिक्विड फण्ड का NAV एक दिन में 10% गिर गया क्योंकि एक बांड में डिफ़ॉल्ट हो गया था|

#5 केवल रिटर्न के पीछे न भागें

बहुत सारे निवेशक किसी भी फण्ड का चुनाव पिछले कुछ समय में मिले रिटर्न (past performance) के आधार पर करते हैं| अगर आप इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के चुनाव के समय ऐसा करते हैं, तब आपको शायद बहुत ज्यादा परेशानी न हो|

परन्तु अगर डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड या लिक्विड म्यूच्यूअल फण्ड के चुनाव के पुराने रिटर्न पर बहुत ज्यादा ध्यान देंगे, तो परेशानी हो सकती है|

जैसे की मैंने ऊपर चर्चा करी है विभिन्न लिक्विड फण्ड के रिटर्न में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता| कुछ फण्ड मेनेजर अपने फण्ड को बेहतर दिखाने के लिए अधिक रिस्क ले सकते हैं (जिससे की उनके फण्ड को बेहतर रिटर्न मिले)| हो सकता है वह बेकार कंपनियों के बांड में निवेश करें| ऐसी कंपनी में डिफ़ॉल्ट की संभावना भी ज्यादा हो सकती है|

लिक्विड फण्ड में आप केवल बचत खाते (savings account) से थोड़े से बेहतर रिटर्न पाने के लिए करते हैं| रिटर्न का बहुत ज्यादा पीछा न करें| नुकसान भी हो सकता है| बड़े लिक्विड फण्ड में निवेश करें|

Source: www.PersonalFinancePlan.in

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क्रेडिट कार्ड कैसे बंद करें? (How to cancel a Credit Card?)

by दीपेश Leave a Comment

आप अपने क्रेडिट कार्ड को बंद (cancel) करना चाहते हैं| क्रेडिट कार्ड बंद करने की कई वजह हो सकती हैं|

  1. आपके पास पहले से ही अन्य कार्ड हैं, जो आपके लिए पर्याप्त हैं और आपको किसी अन्य कार्ड की आवश्यकता नहीं है।
  2. आपके क्रेडिट कार्ड में वार्षिक शुल्क है, जो आपको पसंद नहीं है| बाज़ार में फ्री क्रेडिट कार्ड (बिना annual fee के) की कमी नहीं है|
  3. आप बैंक की सेवा से परेशान हैं|
  4. क्रेडिट कार्ड की वजह से आप कुछ ज्यादा ही खर्चा कर रहे हैं|

वजह कोई भी हो, आपको अपने क्रेडिट कार्ड को सही तरीके से बंद (cancel/रद्द) करना होगा।

क्रेडिट कार्ड बंद करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

# 1 क्रेडिट कार्ड cancel कराने से पहले अपने reward points का प्रयोग करें।

कार्ड cancel होने के बाद आप reward points का उपयोग नहीं कर पाएंगे। क्रेडिट कार्ड पर खर्चा करने पर आपको reward points मिलते हैं| इन reward points का इस्तेमाल आप कुछ सामान खरीदने में या बिल के भुगतान में प्रयोग कर सकते हैं| इन पॉइंट्स को बेकार न जाने दें और कार्ड रद्द (cancel) करने से पहले इनका इस्तेमाल करें|

# 2 क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि का भुगतान करें।

जब तक पूरे बिल का भुगतान नहीं होगा, क्रेडिट कार्ड बंद नहीं हो सकता| कई बार लोग गुस्से में क्रेडिट कार्ड फेंक देते हैं और सोचते हैं की अगर इस्तेमाल नहीं कर रहे, तो कोई फर्क नहीं पड़ता| ऐसा करने पर परेशानी हो सकती है। अगर पूरे बिल का भुगतान नहीं करेंगे, तो बकाया राशि आपके कार्ड में दिखती रहेगी| ब्याज, पेनल्टी और वार्षिक शुल्क भी लग सकता है| आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है| खराब क्रेडिट स्कोर के साथ आपको नया लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में परेशानी होगी|

# 3 कार्ड रद्द करने के बाद ऑटो-डेबिट निर्देश बदलने होंगे।

कई बार हम लोग अपने बिल और इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान क्रेडिट-कार्ड के auto-debit पर डाल देते हैं| ऐसे में बिल या प्रीमियम राशि अपने आप ही आपके क्रेडिट कार्ड से कट जाती है। आप बाद में क्रेडिट कार्ड के बिल में इसका भुगतान कर देते हैं| अगर आप अपना क्रेडिट कार्ड बंद कर रहे हैं, तो auto-debit किसी और बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड पर ट्रान्सफर कर दें| ध्यान दें अगर किसी वजह आप इंश्योरेंस का पेमेंट चूक गए, तो बीमा कंपनी आपका बीमा रद्द कर सकती है और आपका क्लेम रिजेक्ट कर सकती है|

अपना क्रेडिट कार्ड कैसे रद्द करें? (How to cancel Credit Card?)

बकाया राशि का भुगतान करने के बाद आपको बैंक को अपना निर्णय बताना होगा। यदि आप बैंक को कार्ड बंद करने के लिए कहते हैं, तो बैंक आपको पहले बकाया राशि का भुगतान करने को कहेगा।

बैंक आपको क्रेडिट कार्ड बैंक करने से रोकने के लिए कई प्रकार के प्रलोभन दे सकता है| आपके शुल्क माफ़ कर सकता है| आपकी क्रेडिट लिमिट बढ़ा सकता है| आपको कोई और बेहतरीन कार्ड दे सकता है| आपको निर्णय लेना होगा की आप क्या करना चाहते हैं|

अगर क्रेडिट कार्ड करने का फैसला कर लिया है, तो:

  1. आप बंद फॉर्म भर सकते हैं और बैंक को भेज सकते हैं।
  2. आप customer care में कॉल कर सकते हैं और उन्हें क्रेडिट कार्ड बंद करने को कह सकते हैं।
  3. आप क्रेडिट कार्ड बंद करने का अनुरोध बैंक की मोबाइल ऐप (mobile app) से भी कर सकते हैं।
  4. आप कार्ड को बंद करने के लिए बैंक को एक ई-मेल भेज सकते हैं।
  5. बैंक की वेबसाइट पर जा कर क्रेडिट कार्ड बंद/रद्द कर सकते हैं|

आपको इस सम्बन्ध में कोई ई-मेल या SMS भी मिलना चाहिए| सब कुछ ठीक रहा, तो कुछ ही समय में आपका क्रेडिट कार्ड cancel हो जाएगा|

ध्यान दें केवल क्रेडिट कार्ड cancel करने की request डाल कर आपका काम पूरा नहीं हुआ| अगर आप पास SMS या इ-मेल आती है की बैंक को आपकी request मिल गयी है, इसका मतलब यह नहीं है की आपका क्रेडिट कार्ड cancel हो गया| अभी आपका काम पूरा नहीं हुआ| किसी वजह से बैंक शायद आपका क्रेडिट कार्ड cancel न करे|

आपको ऐसा सुबूत चाहिए की आपका क्रेडिट कार्ड बंद हो गया है| अगर बाद में आपके पास SMS या ई-मेल आती है की आपका कार्ड cancel हो गया है, तो ऐसे SMS या ई-मेल को संभाल कर रखें|

अगर क्रेडिट कार्ड बन्द करने के बाद ऐसा हो, तो हो जाएँ सावधान

  • क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने के बाद भी आपके पास क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट आ रहा है|स्टेटमेंट आपकी ई-मेल या घर के पते पर आ रहा है। भले ही आपकी बकाया राशि शून्य हो, इसका मतलब यह है की आपका क्रेडिट कार्ड अभी बंद नहीं हुआ है| बंद खातों का स्टेटमेंट नहीं आता| ऐसे में सावधान हो जाएँ और बैंक से संपर्क करें और खाता बंद न होने का कारण पूछें|
  • कुछ समय बाद वार्षिक शुल्क आ सकता है| या फिर आपके कार्ड पर fraud हो सकता है| भले ही fraud की स्तिथि में आपकी जिम्मेदारी सीमित है, परन्तु आप बिना बात इस परेशानी में क्यों पड़ें| बैंक से संपर्क करके खाता बंद न होने का कारण पूछें और उचित कदम उठाएं|

कैसे सुनिश्चित करें की आपका क्रेडिट कार्ड cancel/रद्द हो गया है?

  1. आपके पास क्रेडिट कार्ड cancel/रद्द/बंद होने के confirmation (पुष्टिकरण) का SMS या ई-मेल आया है| ऐसी ई-मेल या SMS को संभाल कर रखें|
  2. आपको नियमित तौर पर अपना क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट चेक करना चाहिए| आपको ऐसा करने के लिए पैसे खर्च करने की ज़रुरत भी नहीं है| आप हर वर्ष अपनी क्रेडिट रिपोर्ट फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं|  आपकी क्रेडिट रिपोर्ट आपके सभी लोन और क्रेडिट कार्ड का विवरण प्रदान करती है। यह चेक करने के लिए की आपका क्रेडिट कार्ड सक्रीय है या बंद है, क्रेडिट कार्ड बंद करने के कुछ महीने बाद आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें। यदि क्रेडिट कार्ड खाता अभी भी सक्रिय दिखाया गया है, तो आपको बैंक से बात करें। यदि खाता बंद दिखाया गया है, तब आपका खाता वास्तव में बंद हो गया है। इस रिपोर्ट को संभाल कर रखें।

पढ़ें: क्रेडिट स्कोर सुधारने के 7 आसान तरीके

पढ़ें: खराब क्रेडिट स्कोर होने के बावजूद ले सकते हैं आप यह 6 लोन

Source: EMICalculator.net

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2019-2020 में इनकम टैक्स बचाने के 35 तरीकें (35 ways to save Income Tax)

Last updated: सितम्बर 24, 2019 | by दीपेश 1 Comment

इनकम टैक्स बचाने के कई तरीके होते है| कुछ प्रकार की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही कुछ प्रकार की खर्चों या निवेश करके आप टैक्स बचा सकते हैं|

आप इनकम टैक्स बचत के तरीकों को 5 हिस्सों में बाँट सकते हैं|

  1. ऐसी आय जिस पर आपको टैक्स नहीं देना होता (Exempt Income)
  2. धारा 80C के तहत टैक्स लाभ (Section 80C tax benefit)
  3. धारा 80D के तहत टैक्स लाभ (Health Insurance and Health Checkup)
  4. सीनियर सिटीजन के लिए स्पेशल टैक्स बेनिफिट
  5. अन्य टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट होता है?



ऐसी आय जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता (Exempt Income)

#1 40,000 रुपये तक का स्टैण्डर्ड डिडक्शन (Standard Deduction up to Rs. 40,000)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो प्रति वर्ष आप 40,000 रुपये का टैक्स बेनिफिट ऐसे ही पा सकते हैं| आपको कोई भी प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है|

अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और पेंशन पाते हैं, तब भी आप Standard Deduction का लाभ ले सकते हैं|

परन्तु अगर आप self-employed हैं, तब आपको कोई टैक्स लाभ नहीं मिलेगा|


#2 PPF/EPF/टैक्स-फ्री बांड पर मिलने वाला ब्याज

PPF, EPF या टैक्स-फ्री बांड पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता|


#3 बचत बैंक खाते पर ब्याज (Interest Income on Savings Bank Account) (Section 80 TTA)

बचत खाते पर मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर आपको टैक्स नहीं देना होता| Interest on Savings Accounts exempt up to Rs. 10,000 per financial year

अगर आपने एक वित्तीय वर्ष में सभी बचत खातों में मिलाकर 10,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तब अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों पर है|

ध्यान दें इस धारा के तहत टैक्स बेनिफिट केवल बचत खातों (सेविंग्स अकाउंट) पर मिलने वाले ब्याज पर है| फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर सेक्शन 80TTA के तहत कोई छूठ नहीं है|

अगर आपकी आयु 60 वर्ष से ज्यादा है (सीनियर सिटीजन), तब आप धारा 80TTA के तहत लाभ नहीं उठा सकते| ऐसा इसलिए क्योंकि सीनियर सिटीजन को धारा 80TTB के तहत अधिक टैक्स लाभ मिलता है|

 


#4 वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए 50,000 रुपये तक का ब्याज (Section 80 TTB)

इस सेक्शन के तहत टैक्स बेनिफिट केवल सीनियर सिटीजन या वरिष्ठ नागरिकों के लिए है|

60 वर्ष से कम आयु के लोग धारा 80TTB का लाभ नहीं उठा सकते|

आपको सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपाजिट पर 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| Interest on Savings Account and Fixed Deposit exempt up to Rs. 50,000 per financial year for senior citizens

अगर आपने 50,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तो अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों या फिक्स्ड डिपाजिट पर है|

अगर आपने किसी कंपनी के फिक्स्ड डिपाजिट या debenture में निवेश किया है, तो उसके ब्याज पर आपको कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

section 80TTA 80TTB tax benefit टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: Section 80TTA और 80TTB: ब्याज पर पाएं टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: सीनियर सिटीजन को मिलने वाले 7 स्पेशल टैक्स बेनिफिट


#5 50,000 रुपये प्रति वर्ष तक का गिफ्ट

आपको प्रति वर्ष 50,000 रुपये तक के गिफ्ट पर टैक्स नहीं देना होता|

अगर आपको 50,000 रुपये से अधिक का गिफ्ट मिल है, तो अतिरिक्त राशि पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होता है|

इन तीन स्तिथियों में आप पर 50,000 रुपये प्रति वर्ष की सीमा नहीं लगेगी:

  1. अगर आपको यह गिफ्ट किसी करीबी रिश्तेदार से मिला है|
  2. शादी के समय मिला है|
  3. किसी की मृत्यु के बाद inheritance (विरासत) में मिला है|

#6 अगर नौकरी करते हैं और HRA पाते हैं, तो मकान के किराए पर टैक्स बेनिफिट (HRA)

यदि आप नौकरी करते हैं, तो आप इस बारे में शायद पहले से ही काफी जानते हों।

HRA आपके वेतन का एक हिस्सा होता है| आप अपनी सैलरी स्लिप पढ़ कर इस बारे में जान सकते हैं|

एचआरए पर टैक्स बेनिफिट धारा 10 (13A) और आयकर अधिनियम के नियम 2A के तहत मिलता है।

ध्यान दें पूरा HRA टैक्स-मुक्त नहीं होता है| कुछ ही हिस्से पर छूट मिलती है|

आईये देखते हैं, कैसे गणना की जाती है आपको मिलने वाली टैक्स छूठ की|

पहले इन तीन संख्यायों का पता लगायें|

  1. House Rent Allowance(HRA या मकान किराया भत्ता)
  2. Rent – 10% of Basic Salary(किराया – मूल वेतन का 10%)
  3. 40% of Basic Salary. If you are staying in a metro city, 50% of Basic Salary(मूल वेतन का 40%), यदि आप मेट्रो शहर (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रह रहे हैं तो सीमा 50% मूल वेतन है)

इन तीन संख्यायों में जो सबसे कम है, उस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है|

पढ़ें: मकान के किराए पर भी आप कर सकते हैं टैक्स बचत


#7 Leave Travel Allowance (LTA)

यही भी आप तभी ले सकते हैं, जब की आप सैलरी पाते हों और आपकी सैलरी में आपको LTA मिलता हो|

अगर आप देश के अन्दर अपने परिवार के साथ भ्रमण (travel) करते हैं, तो वह खर्चा आपके लिए टैक्स-फ्री हो जाएगा| इसका मतलब LTA का कुछ हिस्सा (आपके खर्चे के बराबर) टैक्स-fee हो जाता है|

ध्यान दें LTA का फायदा आप 4 वर्ष में केवल 2 बार ले सकते हैं|

अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ें|



धारा 80D के तहत टैक्स लाभ

(Health Insurance and Health Checkup)

#8 स्वास्थ्य बीमा और निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए प्रीमियम (सेक्शन 80D) (Health Insurance and Health Check-up)

अपने, पति / पत्नी और बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और हेल्थ चेक-अप के लिए 25,000 रुपये प्रति वर्ष। अगर आप या आपके पति/पत्नी 60 वर्ष से अधिक हैं, तो यह सीमा 50,000 रुपये है|

माता-पिता के लिए स्वास्थ्य जांच और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और के लिए 25,000 रुपये प्रति वर्ष। अगर माता-पिता में से किसी की आयु 60 वर्ष से अधिक है, तो सीमा बढ़ कर 50,000 रुपये हो जाती है|

health insurance tax benefit FY2019 हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट FY2019

#9 अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल व्यय (> = 80 वर्ष) (धारा 80D)

#10 गंभीर बीमारी के लिए उपचार लागत (सेक्शन 80DDB)

#11 आश्रित विकलांग परिजन की चिकित्सा के लिए खर्चा (धारा 80DD)

#12 विकलांग व्यक्ति के मामले में कटौती (धारा 80U)

इन सभी टैक्स बचत के तरीकों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट



सीनियर सिटीजन के लिए स्पेशल टैक्स बेनिफिट

कुछ टैक्स बेनिफिट केवल सीनियर सिटीजन को ही मिलते हैं| जैसे की मैंने ऊपर सेक्शन 80TTB के बारे में चर्चा करी है| साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 50,000 रुपये तक की छूठ मिलती है|

इसके अलावा अगर Reverse Mortgage Loan लिया है, तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाले स्पेशल टैक्स बेनिफिट के बारे में जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|



धारा 80C के तहत टैक्स लाभ (Section 80C tax benefit)

धारा 80 C  के योग्य योग निवेश उत्पादों में निवेश कर आप अपनी कर योग्य आय को 1.5 लाख तक से घटा सकते हैं। 30% टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए इस मतलब है 46,350 रुपये की बचत|

कृपया ध्यान दें कि आप प्रति वर्ष 80 C उत्पादों में 1.5 लाख से अधिक भी निवेश कर सकते हैं। परन्तु कर लाभ केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा।

उदाहरण के लिए, आपने पीपीएफ में 50,000 रुपये, ईपीएफ में 60,000 रुपये और ईएलएसएस में 1 लाख रुपये का निवेश किया है। हालांकि कुल निवेश 2.1 लाख रुपये है, धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा

आमतौर पर, सभी धारा 80 C  के सभी टैक्स बचत के तरीकों में  लॉक-इन होता है। इसका मतलब कुछ समय तक आपका पैसा अटक जाता है|


#13 पीपीएफ (Public Provident Fund or PPF)

आप अपने, पति/पत्नी या बच्चों के PPF खातों में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है|

माता-पिता या भाई-बहनों के पीपीएफ खाते में निवेश करने पर कोई टैक्स बचत नहीं होती।

पीपीएफ खाता खोलने वाले वित्तीय वर्ष के अंत से 15 वर्षों में परिपक्व होता है| इसलिए, पहले वर्ष का निवेश 15 साल के लिए लॉक हो जाएगा, दूसरे वर्ष का निवेश 14 साल के लिए लॉक हो जाएगा।

पीपीएफ खाता परिपक्व होने पर पांच वर्षों के ब्लाक में खाते की अवधि बढ़ा सकते हैं|

पढ़ें: पीपीएफ खाते के बैर में पूरी जानकारी

पीपीएफ खाते से मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता|

वित्त मंत्रालय हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है। अभी ब्याज दर 8% p.a. हो गयी है|  (November 6, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है| नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

पढ़ें: PPF में interest (ब्याज) कैसे कैलकुलेट होता है?


#14 कर्मचारी भविष्य निधि / स्वैच्छिक भविष्य निधि (Employee Provident Fund / Voluntary Provident Fund)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो शायद इसमें आप पहले से ही निवेश कर रहे हैं| राशि स्वचालित रूप (automatically) से आपके वेतन से काट ली जाती है और ईपीएफ (EPF) में निवेश की जाती है। आप अपनी सैलरी स्लिप की जांच कर सकते हैं कि आप प्रति माह कितना ईपीएफ में निवेश कर रहे है |

एक बात और, अगर आप नौकरी कर रहे हैं, तो शायद आपका EPF में पहले से ही योगदान जा रहा हो| अब क्योंकि ईपीएफ में निवेश करने पर Section 80C के तहत लाभ मिलता है, तो कुछ निवेश तो आपका पहले ही अपने आप हो चुका है| 1.5 लाख की टैक्स सीमा तक पहुचने के लिए आपको केवल बची हुई राशि ही निवेश करनी है| आप बाद में शेष निवेशों की योजना बना सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि केवल आपका योगदान ही धारा 80 सी के तहत कर लाभ के योग्य है। आपके एम्प्लायर द्वारा आपके EPF में योगदान पर धारा 80C के तहत लाभ नहीं मिलता| आप अपने अनिवार्य ईपीएफ योगदान से अधिक योगदान भी कर सकते हैं। यह योगदान (वीपीएफ) धारा 80 सी के तहत टैक्स बचत के योग्य है।



#15 इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस or ELSS)

ELSS एक प्रकार के इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड होते हैं और निवेश करने पर 3 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है| काफी लोग ईएलएसएस को tax-saving mutual fund के नाम से जानते हैं।

ध्यान दे, प्रत्येक निवेश पर 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।

भले ही आप SIP  (सिस्टममैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश कर रहे हों, लेकिन SIP  की प्रत्येक किश्त को 3 साल तक लॉक कर दिया जाएगा। यदि पहली किश्त 15 जनवरी 2018 की है, तो इस किश्त से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 जनवरी 2021 तक खरीदे गए यूनिट्स  को नहीं बेच सकते हैं। दूसरी किस्त (15 फरवरी, 2018) से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 फरवरी, 2021 तक नहीं बेच सकते|

पढ़ें: ईएलएसएस (ELSS) के बारे में कुछ दिलचस्प बातें

पढ़ें: PPF vs. ELSS: किसमें करें निवेश?

family insurance plan


#16 टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance)

टर्म लाइफ इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदना का सबसे अच्छा तरीका है|

एक टर्म कवर के साथ आप कम लागत पर काफी अधिक कवर खरीद सकते हैं। अगर आपको कभी कुछ हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में यह राशि आपके परिवार के काफी काम आएगी|

आपके पास हमेशा पर्याप्त जीवन बीमा होना चाहिए।

स्वस्थ 30 वर्षीय पुरुष के लिए 1 करोड़ रुपये के कवर के लिए वार्षिक प्रीमियम लगभग 7,000-10,000 होगा।

ध्यान दें टैक्स बेनिफिट लेने की लिए आपको हर वर्ष नया प्लान लेने की आवश्यकता नहीं है| आपका रिन्यूअल (renewal) प्रीमियम (जो आप पालिसी चालू रखें के लिए हर वर्ष देते हैं) भी धारा 80C के तहत योग्य है|

पढ़ें: 5 बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान


#17 यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, Unit Linked Insurance Plans (ULIPs)

यूलिप जीवन बीमा योजनाओं का एक रूप है, जिसमें निवेश का लाभ भी मिलता है। प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन कवर प्रदान करने की ओर जाता है, जबकि बचा हुआ हिस्सा आपके इच्छा के अनुसार फण्ड में निवेश कर दिया जाता है। पूरे प्रीमियम पर धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।

पांच साल का लॉक-इन होता है| इसका मतलब है कि आप पॉलिसी के प्रारंभ होने की तारीख से पांच साल तक अपना पैसा नहीं ले सकते। इसलिए, आपका पहला वार्षिक प्रीमियम 5 साल के लिए लॉक-इन किया जाएगा, दूसरा प्रीमियम 4 साल के लिए। छठी  किश्त से कोई लॉक-इन नहीं है ।

ध्यान से आप पांचवे वर्ष के अंत तक किसी भी तरह से पैसे नहीं निकाल सकते, भले ही आप अपनी पालिसी को बंद कर दें|

धारा 80 सी के अनुसार, यदि आप लगातार 5 वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो धारा 80 सी के तहत मिले टैक्स लाभ को वापिस ले लिए जाएगा।

पढ़ें: म्यूच्यूअल फण्ड और यूलिप में क्या अंतर है?


#18 पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएं / मनी बैक योजनाएं (Traditional Life Insurance Plan)

मेरे अनुसार ऐसे प्लान से दूर ही रहे| ऐसे प्लान में जीवन बीमा भी कम मिलता है और रिटर्न भी कम होते हैं|यदि आप दो साल के लिए प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो कर लाभ रिवर्स (reverse) कर दिया जाएगा।

पढ़ें: एलआईसी न्यू जीवन आनंद के बारे में पूरी जानकारी

जीवन बीमा पॉलिसियों के बारे में एक बात पर ध्यान दें: यह बात यूलिप और ट्रेडिशनअल इंश्योरेंस प्लान पर भी लागू होती है। बीमित रकम (Sum Assured) के 10% से अधिक वार्षिक प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य नहीं है। यह अप्रैल 1, 2012 के बाद खरीदी गई नीतियों के लिए है।

इसके अतिरिक्त, केवल स्वयं, पति या पत्नी और बच्चों के लिए जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट दिलाएगा। माता-पिता और भाई-बहनों के जीवन बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है।


#19 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट (5-year Tax Saving Fixed Deposit)

आम तौर पर टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (tax saver fixed deposit) के रूप में जाना जाता है।

इस फिक्स्ड डिपाजिट की अवधि 5 वर्ष होती है| इसका मतलब आप पांच साल से पहले इस जमा राशि को नहीं निकाल सकते। मिलने वाले ब्याज पर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के लिए ELSS और 5-वर्षीय फिक्स्ड डिपाजिट में किसमें करें निवेश?


#20 डाकघर 5-वर्षीय डिपॉज़िट (Post Office 5 year Time Deposit)

यह 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट के समान है । यदि 5 साल के अंदर जमा (टूटी हुई) वापस ले लिया जाता है तो कर लाभ वापस कर दिया जाएगा। ऐसे डिपाजिट के लिए ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही (every quarter) घोषणा की जाती है।

ध्यान दे, जो डिपाजिट खोलते समय ब्याज दर है, वही आपको पूरे 5 साल मिलती है| ब्याज दर मिएँ बदलाव का आपके पुराने डिपाजिट पर नहीं पड़ता|

अभी यह दर  7.8% p.a. है|(November 6, 2018) ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#21 राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, National Savings Certificate (NSC)

परिपक्वता (5 वर्ष या 10 वर्ष) से पहले कोई भुगतान नहीं है । समय से पहले पैसे वापसी की अनुमति नहीं है ।

ब्याज कर योग्य है हालांकि, अर्जित ब्याज NSC में निवेश समझा जाता है और धारा 80 सी के तहत टैक्स लाभ का पात्र है|

इसका मतलब प्रत्येक वर्ष के ब्याज को एनएससी में निवेश माना जाता है।

वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है|

अभी एनएससी की ब्याज दर (NSC Interest Rate) 8% p.a. हो गयी है। (November, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#22 वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)

केवल वरिष्ठ नागरिक ही इस योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं। खाता 5 वर्षों में परिपक्व होता है। आंशिक वापसी (partial withdrawal) की अनुमति नहीं है । हालांकि, आप कुछ जुर्माना देकर अकाउंट को 5 वर्ष से पहले  बंद कर सकते हैं। समयपूर्व बंद होने के मामले में टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे।

हर तिमाही वित्त मंत्रालय द्वारा ब्याज दर अधिसूचित की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.7% p.a. चल रही है| (November, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में पूरी जानकारी


#23 होम लोन पर प्रिंसिपल रीपेमेंट (Home Loan Principal Repayment)

अगर आपने होम लोन लिया है, तो उस लोन पर principal का भुगतान भी सेक्शन 80C के तहत लाभ के योग्य है|

ध्यान दें आप एक निर्माणाधीन प्रॉपर्टी (under-construction property) के लिए प्रिंसिपल के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते| घर का निर्माण पूर्ण होने के बाद ही आप कटौती का लाभ उठा सकते हैं ।

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए भी पात्र हैं। हालांकि, इस तरह के शुल्क के भुगतान के लिए कर लाभ केवल उस वर्ष में लिया जा सकता है जब आप भुगतान करते हैं।

एक बात और, जिसवर्ष आपको घर का possession मिलता है, उस वित्तीय वर्ष के अंत से 5 साल के भीतर अगर आप घर बेचते हैं, तो आपको मिले टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|

पढ़ें: होम लोन के भुगतान पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट (Home Loan Repayment Tax Benefit)


#24 आपके घर की स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क (धारा 80C) (Stamp Duty and Registration Fee)

होम लोन के मूल भुगतान (principal repayment) पर सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स लाभ मिलता है| इस बात से सभी लोग अवगत हैं|

पर क्या आप जानते हैं की आप अपने घर लेते समय स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर भी धारा 80C के अंतर्गत आप लाभ ले सकते हैं|

एक बात और, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट लेने के लिए आपको होम लोन लेने की ज़रुरत नहीं है| होम लोन लिए बिना भी आप इस भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| ऐसे व्यय पर टैक्स बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जिस साल आपने यह भुगतान किया हो|


#25 दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस (सेक्शन 80C)

आप दो बच्चों तक के लिए ट्यूशन फीस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। यदि आपके पास दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप किसी भी दो के लिए दावा कर सकते हैं। भारत में स्थित विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान को फीस का भुगतान किया जाना चाहिए था।

बेनिफिट केवल पूर्णकालिक शिक्षा (full-time education)के लिए भी उपलब्ध है। निजी ट्यूशन, कोचिंग क्लास या किसी अंशकालिक कोर्स के लिए खर्च पात्र नहीं हैं।

अपनी शिक्षा या पति / पत्नी की शिक्षा के लिए खर्च भी टैक्स बेनिफिट के लिए पात्र नहीं है।emi calculator


#26 सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana Account)

अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो आप अपनी बेटी के लिए यह खाता खोल सकते हैं। खाता 21 वर्ष बाद परिपक्व होगा| आप बेटी की शादी या पढाई के लिए भी पैसा निकाल सकते हैं|

अर्जित ब्याज कर योग्य नहीं है । परिपक्वता राशि भी कर-मुक्त है।

ब्याज दर की घोषणा हर तिमाही पर की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.5% p.a. है| (November 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में पूरी जानकारी


#27 बीमा कंपनियों से पेंशन योजनाएं (धारा 80 CCC)

बीमा कंपनियों से पेंशन / वार्षिकी योजनाओं में निवेश के लिए आप प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख तक का लाभ ले सकते हैं।

यदि आप परिपक्वता से पहले पेंशन योजनाओं को सरेंडर करते हैं, तो मिलने वाली राशि को उस वर्ष की आयमाना जाएगा और आपको उस पर टैक्स देना होगा।

कृपया ध्यान दें कि धारा 80C और धारा 80 CCC के तहत कुल मिलाकर टैक्स बेनिफिट 1.5 लाख से अधिक नहीं हो सकता।

पढ़ें: LIC जीवन शान्ति: एक बार प्रीमियम, पूरे जीवन पेंशन



अन्य टैक्स बेनिफिट

#28 एनपीएस में निवेश की गई राशि (Investment in NPS under Section 80CCD)

एनपीएस में निवेश करने पर आपको Section 80CCD के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है| साथ ही अगर आपका एम्प्लायर आपके एनपीएस खाते में पैसे जमा करता है, तो आपको उसके लिए भी टैक्स बेनिफिट मिलता है|

Section 80CCD(1): 1.5 लाख रुपये तक (यह  धारा 80C के तहत मिलने वाले लाभ के अन्दर ही आता है)| आपके योगदान के लिए| ध्यान दें धारा 80CCD(1) के तहत टैक्स बेनिफिट Section 80C की 1.5 लाख रुपये की लिमिट के अन्दर ही आता है|

Section 80CCD(1B): 50,000 रुपये तक (यह कर लाभ अतिरिक्त है)| आपके योगदान के लिए|

Section 80CCD(2): यह आपके एम्प्लायर के आपके एनपीएस खाते में योगदान पर मिलता है|

एनपीएस के टैक्स बेनिफिट की अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

पढ़ें: एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट


#29 अटल पेंशन योजना में निवेश (Section 80 CCD)

एनपीएस के तरह अटल पेंशन योजना में भी निवेश करने पर आपको धारा 80CCD के तहत टैक्स लाभ मिलता है|

अटल पेंशन योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|


#30 मकान के किराए पर Section 80GG के तहत कर लाभ

अब HRA पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट से तो कर कोई अवगत है| साथ ही यह टैक्स बेनिफिट आपको आपका एम्प्लायर अपने आप ही दे देता है|

पर अगर आपको HRA नहीं मिलता है या फिर आप self-employed हैं, तब भी आप कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

धारा 80GG के तहत कटौती का लाभ ( 5,000 रुपये प्रति माह, कुल आय का 25%, किराया – वार्षिक आय का 10%) में से सबसे कम राशि तक सीमित है| टैक्स लाभ लेने से पहले आपको कई शर्तों को पूरा करना होगा|

HRA से मिलने वाले टैक्स बेनिफिट की गणना कैसे की जाती है और धारा 80GG के तहत टैक्स बेनिफिट लेने की क्या शर्तें हैं, इस बारे में मैंने विस्तार से जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|


#31 शिक्षा ऋण पर ब्याज (धारा 80E) (Interest on Education Loan)

आप उच्च शिक्षा के लिए लोन के पूरे ब्याज का भुगतान पर धारा 80E के तहत टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| ब्याज की कोई सीमा नहीं है| जितना ब्याज होगा, आपको उतना टैक्स बेनिफिट मिलेगा|

ध्यान दें केवल ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| मूल राशि (principal repayment) के भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है|

आप अपनी, पति/पत्नी, बच्चों (या किसी भी व्यक्ति जिसके लिए आप कानूनी संरक्षक हैं) की उच्च शिक्षा के लोन के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते है|

उच्च शिक्षा का मतलब है वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा (Senior Secondary Examination) उत्तीर्ण करने के बाद की पढ़ाई।

यह टैक्स बेनिफिट आपको उस वर्ष से मिलता है, जब आप इस शिक्षा लोन को चुकाना शुरू करते हैं| यह टैक्स लाभ आप 8 वर्ष तक उठा सकते हैं|

शिक्षा लोन पर मिलने वाले टैक्स लाभ के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|


#32 होम लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट (Home Loan Interest Payment under Section 24)

होम लोन के ब्याज के भुगतान पर आपको 2 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है| अगर आपने एक वर्ष में 2 लाख से अधिक की ब्याज भुगतान किया है, तो अतिरिक्त राशि पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता|

ध्यान दें यह टैक्स बेनिफिट आपको तभी मिलेगा जब आपको आपके घर का possession मिल गया हो|

मकान के निर्माण पूरा होने से पहले (या possession मिलने से पहले) किये गए ब्याज के भुगतान को आप जोड़ सकते हैं और अगले 5 साल (घर का निर्माण पूरा होने के बाद) तक बराबर किश्तों में टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| पर ध्यान दें, कुल मिला कर एक वित्तीय वर्ष में टैक्स बेनिफिट 2 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकता|

अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|


#33 घर की मरम्मत और रखरखाव के लिए लिए गए लोन पर ब्याज (धारा 24) (Interest on Loan taken for repair and maintenance of house)

आपको पता है की आपने घर खरीदने या बनाने के लिए जो होम लोन लिया है, उसके ब्याज के भुगतान पर आपको वर्ष में 2 लाख रुपये तक की छूठ मिलती है (धारा 24 के तहत)|  

पर क्या आप जानते है की आपको यह छूठ अपने मकान की मरम्मत (repair) और रखरखाव (maintenance) के लिए लिए गए लोन पर भी मिलती है| ऐसे किसी लोन पर आप एक वित्तीय वर्ष में 30,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| यह लाभ भी धारा 24 के तहत ही है|


#34 बच्चों की इनकम पर 1,500 रुपये तक (Income of Minor children under Section 10(32))

अगर आपने बच्चों के नाम पर निवेश किया है और उससे कुछ आय होती है, तो वह आय 1,500 रुपये तक टैक्स-फ्री होगी|

अगर आपने दो बच्चों के नाम पर निवेश किया है, तो निवेश से होनी वाली आय पर कुल मिला कर 3,000 रुपये तक की छूठ ले सकते हैं| हर बच्चे के लिए 1,500 रुपये|


#35 सामजिक कार्यों के लिए प्रतिदान (धारा 80G) (Donation for Social Causes)

आपके द्वारा दी गयी कई तरह की डोनेशन धारा 80 जी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं| आपकी दान राशि के 50% या 100% तक की राशि पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है| कुछ तरह के दान पर टैक्स लाभ की सीमा (cap) है और कुछ पर नहीं है| यह इस बात पर निर्भर करता है की आप कहाँ पैसे का दान कर रहे हैं| एक बात और, अगर आप नकद में दान (डोनेशन) देते हैं, तो इस लाभ की सीमा 10,000 रुपये हैं|

इनकम टैक्स कैसे बचाएँ टैक्स बचत के तरीके

एक बात और, निवेश के फैसले को कभी भी सिर्फ टैक्स बेनिफिट से प्रेरित नहीं होना चाहिए। केवल टैक्स बचाने के लिए निवेश न करें| वह निवेश करें जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त है। अगर टैक्स बेनिफिट मिलता है, तो सोने पे सुहागा| किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एक्सपर्ट से भी सलाह लें|

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भारतीय स्टेट बैंक की विभिन्न कार लोन स्कीम (Car Loan Schemes from SBI)

by दीपेश Leave a Comment

मैंने  कुछ समय पहले कार लोन के बारे में विस्तार से चर्चा करी थी| यह भी दर्शाया था की आप अपने कार लोन की EMI कैसे कम कर सकते हैं|

आज चर्चा करते हैं भारतीय स्टेट बैंक की कार लोन स्कीम के बारे में| विभिन्न कार लोन स्कीम की पात्रता और ब्याज दरों के बारे में भी जानेंगे|

भारतीय स्टेट बैंक 3 प्रकार के कार लोन प्रदान करता है:

  1. नयी कार खरीदने के लिए
  2. पुरानी कार (pre-owned or second-hand) खरीदने के लिए
  3. मौजूदा होम लोन ग्राहकों के लिए (नयी या पुरानी कार खरीदने के लिए)

आईये जानते हैं इन तीनों लोन स्कीम के बारे में|

#1 स्टेट बैंक न्यू कार लोन (SBI New Car Loan in Hindi)

  • यह लोन नयी कार खरीदने के लिए मिलता है|
  • आप कार, मल्टी-यूटिलिटी वाहन (Multi-Utility Vehicle or MUV) और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (Sports Utility Vehicle or SUV) खरीदने के लिए लोन ले सकते हैं।
  • 7 साल तक की लोन अवधि (Loan Tenure of upto 7 years)
  • आपको on-road price की 90% राशि तक का लोन मिल जाता है| On-road price में कार की कीमत (ex-showroom price), पंजीकरण शुल्क (रजिस्ट्रेशन चार्ज), इंश्योरेंस, extended वारंटी, accessories की खर्चा इत्यादि शामिल होता है| यह सब अतिरिक्त शुल्क आपकी गाड़ी की कीमत का 20-30% हो सकते हैं|
  • लोन का भुगतान करने पर कोई prepayment penalty नहीं है|
  • Processing Fees: 6 लाख रुपये तक के लोन के लिए 1000 रुपये, 6 लाख रुपये से अधिक के लोन के लिए 1,500 रुपये।GST इसके ऊपर लगेगा|
  • अगर आपने हाल ही में अपने पैसे से गाड़ी खरीदी है, तब भी बैंक से लोन ले सकते हैं| एक तरीके से आपको आपका पैसा वापिस मिल जाएगा और उसके बाद आप लोन की EMI भर सकते हैं|
  • मान लीजिए कि आप अपने धन से 5 लाख रुपये की कार खरीदी है| परन्तु इसके बाद आपको कुछ पैसे की ज़रुरत है। ऐसी स्तिथि में आप 3 लाख रुपये का कार लोन बैंक से ले सकते हैं| स्टेट बैंक आपको उसी कार पर 3 लाख रुपये का लोन देगा| आप इस राशि का अपनी इच्छानुसार प्रयोग कर सकते हैं| बस एक शर्त है की लोन लेते समय आपकी कार 3 महीने से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
  • ब्याज दर: 20% से 9.70%।ब्याज दर बदलती रहती है| आप स्टेट बैंक की वेबसाइट पर जा कर लेटेस्ट ब्याज दर चेक कर सकते हैं|

स्टेट बैंक न्यू कार लोन की पात्रता (SBI New Car Loan: Eligibility)

  1. आयु 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए|
  2. आपकी आय के स्त्रोत के पर आपकी न्यूनतम आय (minimum income) और अधिकतम लोन राशि निर्भर करती है|

भारतीय स्टेट बैंक कार लोन

यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं या PSU या बड़ी निजी कंपनियों में काम करते हैं, तो लोन आसानी से मिल जाना चाहिए|

आप देख सकते हैं सरकारी कमर्चारियों या अन्य वेतनभोगियों के लिए पात्रता के नियम भी सरल हैं| जैसे की अगर आप सैलरी पाते हैं, तो आपकी न्यूनतम आय 2.5 लाख रुपये होनी चाहिए| अन्य लोगों की कम से कम 4 लाख रुपये की वार्षिक आय होनी चाहिए|

SBI New Car Loan की अधिक जानकारी के लिए स्टेट बैंक वेबसाइट पर जाएँ|

#2 पुरानी कार के लिए स्टेट बैंक लोन(SBI Certified Pre-owned Car Loan)

  • कार 5 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए|
  • कार किसी प्रमाणित कार डीलर जैसेMaruti True Value और महिंद्रा फर्स्ट चॉइस से खरीदी जानी चाहिए।
  • आवेदक की वार्षिक आय कम से कम 2 लाख रुपये होनी चाहिए| Minimum Net Annual Income of Rs 2 lacs
  • अधिकतम लोन राशि (Maximum Loan Amount): आपकी वार्षिक आय का 2.5 गुना
  • आपको गाड़ी की कीमत का 20% हिस्सा अपनी ओर से लाना होगा|
  • लोन की अवधि इस बात पर निर्भर करती है की आपकी कार कितनी पुरानी है| लोन की अवधि निकालने के लिए 8 वर्ष में से कार की आयु घटा दें| उदहारण के लिए, मान लिए, आपकी गाड़ी (जो आप लेना चाहते हैं) 4 वर्ष पुरानी है| इस कार पर आपको 8 – 4 = 4 वर्ष से अधिक का लोन नहीं मिलेगा|
  • किसी भी स्तिथि में 5 वर्ष से अधिक की अवधि का लोन नहीं मिलेगा|
  • Processing fees: लोन राशि का 5%, न्यूनतम 450 रुपये और अधिकतम 9,100 रुपये। इसके ऊपर GST भी लगेगा| प्रोसेसिंग फीस के बारे में नवीनतम जानकारी के लिए स्टेट बैंक की वेबसाइट पर जाएँ|
  • ब्याज दर: 1 year MCLR + 65% = 12.90%, लेटेस्ट इंटरेस्ट रेट के लिए स्टेट बैंक वेबसाइट पर जाएँ|
  • आप देख सकते हैं की पुरानी कार के लोन की ब्याज दर नयी कार के लोन से काफी ज्यादा है|

स्टेट बैंक के पुरानी या सेकंड हैण्ड कार लोन के बारे में अधिक जानकारी के लिए स्टेट बैंक की वेबसाइट पर जाएँ|

#3 स्टेट बैंक लॉयल्टी कार लोन योजना (SBI Loyalty Car Loan Scheme)

  • इस लोन स्कीम का फायदा केवल स्टेट बैंक के मौजूदा होम लोन उधारकर्ता ले सकते हैं। (Only for existing home loan borrowers of SBI)
  • नई और पुरानी दोनों कारों के लिए लोन ले सकते हैं|
  • आयु 21 और 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • कार की On-road price की 100% राशि तक का लोन मिल जाता है|
  • अधिकतम लोन राशि (Maximum Loan Amount): अपने घर के बाजार मूल्य का 75% (75% of market value) में से बकाया होम लोन राशि को घटा लें| Maximum Loan amount = 75% of market value of house – outstanding home loan amount
  • आपको कार के on-road price से अधिक का लोन नहीं मिलेगा|
  • पात्रता SBI न्यू कार लोन के सामान ही है।न्यूनतम वार्षिक आय 2 लाख रुपये होनी चाहिए|
  • SBI इस लोन के लिए आपके घर को ही security मानता है|
  • नयी कार के लिए ब्याज दरों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है|
  • परन्तु आप पुरानी कार ले रहे हैं, तो loyalty car loan के तहत आपको बेहतर ब्याज दर मिलेगी (पुर्नानी कार के लोन के मुकाबले)|

भारतीय स्टेट बैंक लॉयल्टी कार लोन

भारतीय स्टेट बैंक लॉयल्टी कार लोन के बारे में अधिक जानकारी के लिए स्टेट बैंक की वेबसाइट पर जाएँ|

ध्यान दें आपका CIBIL स्कोर भी आपको कार लोन मिलने की संभावना को प्रभावित कर सकते है| साथ ही स्टेट बैंक आपको कार लोन देने से पहले कई अन्य मापदंड की जांच कर सकता हैं|

स्टेट बैंक कार लोन EMI कैलकुलेटर

 

emicalculator.net

Source: EMICalculator.net

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स्टेट बैंक एक्सप्रेस पावर पर्सनल लोन (SBI Xpress Power Personal Loan in Hindi)

by दीपेश Leave a Comment

इस पोस्ट में भारतीय स्टेट बैंक एक्सप्रेस पावर पर्सनल लोन (SBI Xpress Power Personal Loan) के बारे में चर्चा करेंगे| पहले इस लोन को SBI Xpress Bandhan Loan के नाम से जाना जाता था|

मैंने पहले भी स्टेट बैंक के पर्सनल लोन उत्पादों के बारे में चर्चा करी है|

  1. स्टेट बैंक एक्सप्रेस क्रेडिट पर्सनल लोन (SBI Xpress Credit Personal Loan): केवल उन लोगों को मिलता है, जिनका SBI में सैलरी अकाउंट है|
  2. स्टेट बैंक पेंशन लोन (SBI Pension Loan): केवल उन्ही पेंशनभोगियों को मिलता है, जिनकी पेंशन SBI के बैंक खाते में आती हैं|

अगर आपके पास SBI में सैलरी अकाउंट नहीं है, तो आप क्या करेंगे? ऐसी स्तिथि में आप SBI Xpress Power Loan के लिए एप्लाई कर सकते हैं|

जानते हैं स्टेट बैंक एक्सप्रेस पॉवर पर्सनल लोन के बारे में विस्तार से|

स्टेट बैंक एक्सप्रेस पावर लोन: पात्रता (SBI Express Power Loan: Eligibility)

  • स्टेट बैंक के साथ सैलरी अकाउंट (salary account) की आवश्यकता नहीं है| आपका किसी और बैंक के साथ सालरी अकाउंट हैं, तब भी आप इस लोन के लिए एप्लाई पर सकते हैं|
  • केवल सैलरी पाने वाले लोग ही एप्लाई कर सकते हैं (only for salaried employees)| अगर आप self-employed हैं, तब आप आवेदन नहीं कर सकते|
  • आप किसी सरकारी, रक्षा प्रतिष्ठानों, PSU, प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों और बड़ी निजी कंपनी के कर्मचारी होने चाहिए|
  • कम से कम 50,000 रुपये की मासिक आय होनी चाहिए|
  • आपको केवल उतना ही लोन मिलेगा जिससे की आपके लोन की EMI आपकी मासिक आय (net monthly income) के 50% से ज्यादा न हो| EMI <= 50% * Net Monthly Income

स्टेट बैंक एक्सप्रेस पावर पर्सनल लोन: मुख्य विशेषताएं

  • टर्म लोन या ओवरड्राफ्ट दोनों रूप में उपलब्ध है|
  • न्यूनतम टर्म लोन राशि: 25,000 रुपये, अधिकतम टर्म लोन राशि: आपकी मासिक आय का 24 गुना (अधिकतम 15 लाख रुपये का लोन मिल सकता है)
  • न्यूनतम ओवरड्राफ्ट राशि: 5 लाख रुपये, अधिकतम ओवरड्राफ्ट राशि: आपकी मासिक आय का 24 गुना (अधिकतम 15 लाख रुपये का लोन मिल सकता है)
  • Processing Fees: लोन राशि का 1%, GST अलग से लगेगा
  • लोन अवधि: अधिकतम 60 महीने, अगर आप जल्दी रिटायर हो रहे हैं, तो लोन आपको रिटायर होने से पहले चुकाना होगा|
  • लोन के समयपूर्व भुगतान पर पेनल्टी देनी होगी, परन्तु वेबसाइट पर पेनल्टी की मात्र का कोई ज़िक्र नहीं है|

स्टेट बैंक एक्सप्रेस पावर पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट क्या है? (SBI Xpress Power Loan Interest Rate)

लोन का इंटरेस्ट रेट समय-समय पर बदलता रहता है| आप लेटेस्ट लोन इंटरेस्ट रेट SBI की वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं|

अभी आपको 12%-15% p.a. की ब्याज दर लोन मिलेगा|

Sbi xpress power personal loan स्टेट बैंक एक्सप्रेस पॉवर पर्सनल लोन

इंटरेस्ट इन बातों पर भी निर्भर करता है:

  1. महिलायों को 0.15% ब्याज दर देनी होती है|
  2. आपके लोन के प्रकार पर (टर्म लोन और ओवरड्राफ्ट की ब्याज दर अलग है)
  3. अगर आप लोन की EMI को सीधे अपनी सैलरी से कटवाते हैं, तब भी आपको थोड़ा कम ब्याज देना होगा|
  4. आपको कहां नौकरी करते हैं
  5. हो सकता है की आपकी लोन ब्याज दर आपके क्रेडिट स्कोर कर भी निर्भर करें

स्टेट बैंक एक्सप्रेस पॉवर पर्सनल लोन के लिए कैसे एप्लाई करें? क्या डॉक्यूमेंट लगेंगे?

आप ऑनलाइन एप्लाई पर सकते हैं या SBI की शाखा में जा कर आवेदन कर सकते हैं|

लोन के लिए एप्लाई करने की लिए आपको:

  1. पहचान का प्रमाण (identity proof)
  2. पते का प्रमाण (Address proof)
  3. सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट इत्यादि देने होंगे

अतिरिक्त लिंक

SBI Xpress Power Loan

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