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सेक्शन 80TTA और 80TTB: ब्याज पर पाएं टैक्स बेनिफिट

Last updated: अक्टूबर 1, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

अगर आप अपना पैसा बचत खाते (savings बैंक अकाउंट) या बैंक फिक्स्ड डिपाजिट में रखते हैं, तो आपको सेक्शन 80TTA और सेक्शन 80TTB के तहत मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में पता होना चाहिए|

आईये जानते हैं सेक्शन 80TTA और सेक्शन 80TTB के तहत मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में विस्तार से|

सेक्शन 80TTA का टैक्स बेनिफिट

बचत खाते पर मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर आपको टैक्स नहीं देना होता| Interest on Savings Accounts exempt up to Rs. 10,000 per financial year

अगर आपने एक वित्तीय वर्ष में सभी बचत खातों में मिलाकर 10,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तब अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों पर है|

ध्यान दें इस धारा के तहत टैक्स बेनिफिट केवल बचत खातों (सेविंग्स अकाउंट) पर मिलने वाले ब्याज पर है| फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर सेक्शन 80TTA के तहत कोई छूठ नहीं है|

सेक्शन 80TTB का टैक्स बेनिफिट

इस सेक्शन के तहत टैक्स बेनिफिट केवल सीनियर सिटीजन या वरिष्ठ नागरिकों के लिए है|

60 वर्ष से कम आयु के लोग धारा 80TTB का लाभ नहीं उठा सकते|

आपको सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपाजिट पर 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| Interest on Savings Account and Fixed Deposit exempt up to Rs. 50,000 per financial year for senior citizens

अगर आपने 50,000 रुपये से अधिक ब्याज पाया है, तो अतिरिक्त ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह छूठ केवल बैंक, co–operative बैंक या डाकघर में खोले गए बचत खातों या फिक्स्ड डिपाजिट पर है|

अगर आपने किसी कंपनी के फिक्स्ड डिपाजिट या debenture में निवेश किया है, तो उसके ब्याज पर आपको कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन को मिलने वाले 7 स्पेशल टैक्स बेनिफिट

section 80TTA 80TTB tax benefit टैक्स बेनिफिट

सेक्शन 80TTA और Section 80TTB के बारे में इन बातों का रखें ध्यान

  1. बचत खातों (सेविंग्स अकाउंट) पर मिलने वाले ब्याज पर TDS नहीं लगता|
  2. धारा 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट केवल वरिष्ठ नागरिक (सीनियर सिटीजन) ले सकते हैं| इसका मतलब सेक्शन 80TTB के तहत टैक्स लाभ लेने के लिए आपकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए|
  3. अगर आप धारा 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट ले रहे हैं, तब आप धारा 80TTA के तहत टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते|
  4. एक तरीके से, अगर आपकी आयु 60 वर्ष से कम है, तो आप धारा 80TTA का लाभ लेंगे| अगर आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, तो Section 80TTB का लाभ लेंगे| दोनों धारायों के लाभ एक साथ नहीं ले सकते|
  5. अगर आपके पास कई बचत खाते (सेविंग अकाउंट) हैं, तो आपको सेक्शन 80TTA के तहत टैक्स बेनिफिट कुल मिलाकर 10,000 रुपये तक के ब्याज पर मिलेगा|
  6. सेक्शन 80TTA केवल बचत खातों के ब्याज कर टैक्स बेनिफिट देता है| फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर सेक्शन 80TTA के तहत कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता|
  7. सेक्शन 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट बचत खाते और फिक्स्ड डिपाजिट, दोनों के ब्याज पर मिलता है|
  8. अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और आपके पास कई सेविंग्स अकाउंट और फिक्स्ड डिपाजिट हैं, तब सेक्शन 80TTB के तहत 50,000 का टैक्स बेनिफिट सभी खातों के ब्याज को मिलाकर मिलेगा|
  9. प्रधान मंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) और सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS) के ब्याज पर सेक्शन 80TTB के तहत कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है|
  10. NRI (Non-resident Indian या प्रवासी भारतीय) सेक्शन 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते| परन्तु NRI सेक्शन 80TTA के तहत लाभ ले सकते हैं|

एक उदहारण की सहायता से विस्तार से समझते हैं|

मान लिए दो करदाता हैं| एक की आयु 60 वर्ष से कम है और दूसरे की आयु 60 वर्ष से अधिक है|

दोनों की आय बिलकुल एक समान है|

section 80TTA 80TTB tax benefit टैक्स बेनिफिट 2

आप देख सकते हैं की 60 वर्ष की कम की आयु वाले व्यक्ति ने सेक्शन 80TTA के तहत टैक्स बेनिफिट लिया| इस व्यक्ति को फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिला|

सीनियर सिटीजन ने 80TTB के तहत टैक्स बेनिफिट लिया| इनको बचत खाते के ब्याज और फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज दोनों पर टैक्स बेनिफिट मिला|

यहाँ पर मैंने केवल taxable income की गणना करी है| इस आय पर आप दूसरे टैक्स बेनिफिट (80C, 80D) लगा कर अपनी taxable इनकम और भी कम कर सकते हैं|

अगर आप टैक्स कैलकुलेट करना सीखना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|

अधिक जानकारी के लिए इनकम टैक्स की वेबसाइट पर Section 80TTA और 80TTB को पढ़ें|

Filed Under: Tax Planning Tagged With: 80TTA, 80TTB, टैक्स बेनिफिट सीनियर सिटीजन

बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड (Bajaj Finserv EMI Card) के बारे में पूरी जानकारी

Last updated: सितम्बर 28, 2018 | by दीपेश 12 Comments

पिछले कुछ समय से मैं TV पर बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड (Bajaj Finserv EMI Card) के विज्ञापन देख रहा हूँ| मुझे कार्ड के बारे में जिज्ञासा हुई| शायद आपको भी हुई होगी|

आप भी विज्ञापन यहाँ देख सकते हैं|

आज मैं बजाज फाइनेंस के इसी कार्ड के बारे में चर्चा करूंगा|

बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड  क्या है? (Bajaj Finserv EMI Card in Hindi)

इस कार्ड का No Cost EMI कार्ड की तरह की प्रचार किया जा रहा है|

बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड (Bajaj Finserv EMI Card) एक ऐसा कार्ड है, जहां कुछ भी खरीदने पर आपकी खरीद राशि (purchase amount) को अपने आप (automatically) ईएमआई में बदल दिया जाता है।

ख़ास बात यह है की आपको इन ईएमआई पर कोई ब्याज नहीं देना होता|

तो मान लिए आपने 12,000 रुपये की शौपिंग करी और भुगतान के लिए बजाज फाइनेंस कार्ड का इस्तेमाल किया| ऐसे में आपको 2,000 रुपये की 6 मासिक किश्तों में राशि की भुगतान करना होगा|

देखें तो, जहाँ आपको 12,000 रुपये एक मुश्त देना पड़ता, यहाँ आप 6 महीने में 2,000 रुपये की किश्तों में आसानी से पैसा दे सकते हैं|

इससे आपकी जेब पर कम दबाव पड़ता है|

इस कार्ड को आप एक pre-approved लोन की तरह समझ सकते हैं| जहां भी आप कार्ड swipe करते हैं या उपयोग करते हैं, आपकी खरीद राशि को अपने आप लोन में बदल दिया जाएगा और आपको EMI में लोन चुकाना होगा|

ख़ास बात यह है की लोन की ब्याज दर 0% है|

ईएमआई कार्ड पर  आप एक समय पर 3 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं (3 लाख रुपये तक का सामान खरीद सकते हैं)। आप लोन का भुगतान 3, 6, 9, 12, 18 या 24 महीने की EMI में कर सकते हैं।

बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड और क्रेडिट कार्ड में क्या अंतर है?

जब आप अपना क्रेडिट कार्ड स्वाइप करते हैं, तो आपको अगली भुगतान तिथि (payment date) तक पूरी राशि का भुगतान करना होता है। ऐसे में आपको 45 दिनों तक का ब्याज मुक्त क्रेडिट अवधि (interest free credit period) मिल सकता है।

बजाज फिनसर्व कार्ड के मामले में आप अगले कई महीनों में मासिक किश्तों के द्वारा लोन का भुगतान कर सकते हैं| यहाँ भी आपको कुछ ब्याज नहीं देना होगा|

ध्यान दें  क्रेडिट कार्ड देने वाले बैंक भी कई बार आपको खरीद राशि को ईएमआई में बदलने का विकल्प देते हैं। एक तरह से वह आपकी बकाया राशि को पर्सनल लोन में बदल देते हैं। इस लोन पर आपको EMI देनी होती हैं| पर ऐसे मामले में बैंक ब्याज लेते हैं|

बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड में कोई ब्याज नहीं देना होता|

बजाज फिनसर्व EMI कार्ड के लिए कौन आवेदन कर सकता है? (Eligibility: Bajaj Finserv EMI Card)

  1. आपकी आयु 21 से 60 वर्ष की बीच होनी चाहिए।
  2. आपके पास आय का नियमित स्रोत (regular income) होना चाहिए। जहां रेगुलर इनकम की बात आई है, मैं समझता हूँ की एक सैलरी पाने वाले व्यक्ति को यह कार्ड मिलना आसान होगा। छात्रों (students) और self-employed को कार्ड मिलने में परेशानी हो सकती है।

बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड के लिए कैसे एप्लाई करें?

आप ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन एप्लाई कैसे करें?: ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया केवल मौजूदा ग्राहकों (existing customers) (बजाज फिनसर्व फिक्स्ड डिपाजिट, लोन आदि) के लिए है। यदि आप मौजूदा ग्राहक हैं, तो आपको customer पोर्टल में लॉग इन करके 399 रुपये का भुगतान कर सकते हैं| कुछ सप्ताह में ईएमआई कार्ड आपके पते पर भेजा जाएगा।

ऑफ़लाइन एप्लाई कैसे करें?: आप बजाज फिनसर्व शाखाओं या पार्टनर स्टोर  के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। पार्टनर स्टोर से मेरा मतलब वह स्टोर हैं जहाँ बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड accept होता है| आप बजाज फिनसर्व EMI कार्ड के पार्टनर स्टोर की लिस्ट इस लिंक पर पा सकते हैं|

बजाज फाइनेंस ईएमआई कार्ड के लिए क्या डाक्यूमेंट्स/दस्तावेज चाहिए?

  1. एक पहचान प्रमाण (identity proof)
  2. एक पते का प्रमाण (address proof)
  3. एक रद्द चेक (cancelled cheque)
  4. एक फोटोग्राफ (passport sized photograph)
  5. एक NACH mandate फॉर्म (ईएमआई को आपके खाते से auto-debit करने के लिए)| यह ECS mandate की तरह ही है|

यह जानकारी मैंने बजाज फिनसर्व की वेबसाइट से ली है| हो सकता है की कोई और दस्तावेज भी चाहिए हो| मेरे अनुसार इसमें ऐसा कोई भी दस्तावेज नहीं है, जिससे की यह साबित हो सके की आपके पास आय का कोई नियमित स्रोत है| संभव है कि वह आपसे आपका बैंक स्टेटमेंट या सैलरी स्लिप मांगे| इससे वह यह स्थापित कर सकते हैं की आपके पास कोई रेगुलर इनकम है की नहीं|

bajaj finserv emi card बजाज फिनसर्व emi कार्ड ईएमआईबजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड कितने प्रकार के होते हैं?

दो प्रकार के कार्ड हैं।

  1. गोल्ड ईएमआई कार्ड (Gold EMI Card)
  2. टाइटेनियम ईएमआई कार्ड (Titanium EMI Card)

कुझे दोनों कार्ड में कुछ खास अंतर नहीं दिखा| गोल्ड कार्ड के लिए जोइनिंग फीस 412 रुपये है जबकि टाइटेनियम कार्ड के लिए जोइनिंग फीस 884 रुपये है।

हो सकता है, टाइटेनियम कार्ड में लोन राशि अधिक होती हो। हो सकता है बेहतर शौपिंग ऑफर रहते हों|

मैं बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड का उपयोग कहां कर सकता हूं?

यह जानना ज़रूरी है|

आप बजाज फिनसर्व EMI कार्ड का इस्तेमाल हर जगह नहीं कर सकते हैं|

केवल चुनिन्दा पार्टनर स्टोर्स में ही कर सकते हैं| आप स्टोर्स की पूरी सूची यहाँ पा सकते हैं|

ध्यान दें एक क्रेडिट कार्ड अमूमन सभी जगह स्वीकार होता है| बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड केवल चुनिंदा स्टोर और ऑनलाइन वेबसाइट पर स्वीकार किया जा सकता है|

बजाज फिनसर्व की वेबसाइट के अनुसार कि भारत भर में 43,000 से अधिक स्टोरों पर ईएमआई कार्ड स्वीकार किया जाता है। आप बड़ी electronic item की दुकानों, furniture की दुकानों या बड़ी मॉल और दुकानों की EMI कार्ड स्वीकार होने की उम्मीद कर सकते हैं।

आप इस कार्ड का ऑनलाइन शॉपिंग के लिए भी उपयोग कर सकते हैं। मैंने चेक किया| आप Amazon और Flipkart पर ईएमआई कार्ड का उपयोग कर सकते हैं|

Amazon और Flipkart पर एक अच्छी बात है की  आपको किसी अतिरिक्त शुल्क का भुगतान नहीं करना होता।

उदाहरण के लिए, यदि आपकी ऑर्डर राशि 18,000 रुपये है और आप 3 महीने की ईएमआई चुनते हैं, तो आपको प्रति माह 6,000 का ईएमआई देना होगा। आपको अतिरिक्त पैसा नहीं देना पड़ेगा।

बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड के साथ मुझे कितना लोन मिल सकता है?

आप 30,000 रुपये से 3 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं|

आपके लोन की मात्रा की जानकारी आपके कार्ड देते समय दी जायेगी|

लोन कितने समय में चुकाना होता है?

यह निर्भर करता है की आप क्या खरीद रहे हैं| अलग अलग स्टोर या खर्चे पर अवधि अलग हो सकती है|

आपके पास भी भुगतान अवधि चुनने का मौका रहता है|

आप 3,6,9,12,18 या 24 महीनों की EMI में भुगतान कर सकते हैं|

बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड पर ब्याज दर क्या है?

जैसे की ऊपर लिखा है,  कोई ब्याज नहीं देना होता|

इसलिए, यदि आप इस कार्ड का उपयोग करके 12,000 रुपये की खरीद करते हैं और 6 ईएमआई में लोन का भुगतान करते हैं, तो आपको 6 महीनों तक 2,000 रुपये का भुगतान करना होगा।

अगर आप सोच रहे हैं की बजाज फिनसर्व बिना इंटरेस्ट के लोन पर कैसे पैसे कमाएगा| वैसे आपको चिंता करने की ज़रुरत नहीं है|

पर हाँ, बजाज फिनसर्व आपसे पूरे पैसे लेगा और विक्रेता से कुछ discount ले लेगा| यह discount ही बजाज फिनसर्व की कमाई है|

बजाज फाइनेंस EMI कार्ड उपयोग करते समय कुछ और खर्चा होता है क्या?

ध्यान दें विक्रेता बजाज फिनसर्व कार्ड का उपयोग करने के लिए आपको एक अग्रिम शुल्क (processing fee/transaction charge) ले सकता है। ऐसा कोई भी शुल्क आपकी लागत बढ़ा सकता है|

मान लिए आप एक स्टोर में 15,000 रुपये के सामान खरीदते हैं। विक्रेता आपसे बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड का उपयोग करने के लिए अतिरिक्त 600 रुपये चार्ज करता है। प्रभावी रूप से, आप 15,600 रुपये का भुगतान करते हैं।

मेरे अनुसार  ऐसी स्तिथि में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना बेहतर आईडिया होगा|

ध्यान दे यह ज़रूरी नहीं है की हर विक्रेता आपसे कोई अतिरिक्त शुल्क ले| 

क्या में समय से पहले लोन का भुगतान कर सकता हूँ?

जी हां, आप खरीद की तारीख से 6 महीने के बाद किसी भी समय लोन का भुगतान कर सकते हैं। कोई प्रीपेमेंट शुल्क (prepayment charge) नहीं लगेगा।

ईएमआई का भुगतान कैसे करना होगा?

कार्ड के लिए आवेदन करते समय आपको बजाज फिनसर्व को NACH (ECS) mandate देना होता है।

ऐसा करने पर बजाज फिनसर्व आपके खाते को EMI की राशि से अपने आप ही debit कर सकता है|

इसका मतलब आपकी EMI automatically आपके बैंक खाते से कट जायेगी|

यदि आप समय पर भुगतान नहीं करते हैं (यदि आपके बैंक खाते में पर्याप्त राशि नहीं है), आपको penal interest और लेट पेमेंट फीस देनी होगा|

मैंने कार्ड लिया है पर उपयोग नहीं करता| एस स्तिथि में क्या होगा?

यदि आपने पिछले वर्ष में ईएमआई कार्ड का उपयोग नहीं किया है, तो आपसे वार्षिक शुल्क लिया जाएगा।

99 रुपये  + 18% GST = 117 रुपये

यदि आपने पिछले वर्ष के दौरान कार्ड का उपयोग किया है, तो आपसे कोई भी वार्षिक शुल्क नहीं लिया जाएगा।

पिछले वर्ष से मेरा मतलब से validity month से 12 महीने|

मान लीजिए आपने जुलाई 2016 में कार्ड लिया। आपने पहले वर्ष EMI कार्ड पर खरीददारी करी। तो अप्गले वर्ष आपको कोई annual fee नहीं देनी होगी|

परन्तु अगर आपने जुलाई 2017 और जून 2018 के बीच में ईएमआई कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया, तो आप से 99 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।

इन बातों का रखें ख्याल

बजाज फिनसर्व ईएमआई कार्ड काफी उपयोगी साबित हो सकता है। आपको ब्याज नहीं देना होता| तो आप कोई बड़ा item भी खरीद सकते हैं और धीरे-धीरे उसका भुगतान कर सकते हैं|

परन्तु अंधाधुन्द कार्ड का इस्तेमाल करने से बचें| विवेक का इस्तेमाल करें| स्टोर पर कार्ड स्वाइप करने से पहले चेक कर लें की कोई अतिरिक्त चार्ज तो नहीं है|

इन बातों का भी ख्याल रखें:

हो सकता है आपके पास कई sales कॉल आयें बजाज फाइनेंस के दूसरे उत्पाद बेचने के लिए| सोच-समझ कर ही वह उत्पाद लें| ऐसा क्रेडिट कार्ड लेने पर भी होता है।

फ़ालतू खर्चों से बचें| क्योंकि आप अपनी खरीद राशि को आसानी से EMI में बदल सकते हैं, तो शायद आपको चीज़ें बहुत मेहेंगी न लगें| एक साथ 30,000 रुपये देना बड़ी राशि प्रतीत होता है, पर 2,500 रुपये महीना शायद आपको बड़ी राशि न लगे| ऐसी सोच से बचें| अन्यथा आपके खर्चे बिना बात बढ़ सकते हैं|

क्योंकि देर-सवेर पैसा तो आपको देना ही है|बशर्ते EMI Zero इंटरेस्ट (No Cost) है, खर्चा तो खर्चा है|

कार्ड का उपयोग करने से पहले चेक कर लें की कोई अतिरिक्त चार्ज तो नहीं है। जैसा की ऊपर लिखा है की ब्याज दर तो 0% है, परन्तु कुछ विक्रेता अलग से processing fee या transaction चार्ज ले सकते हैं| ऐसी स्तिथि में आपकी लागत बढ़ जायेगी| मैं ऐसी जगह बजाज फाइनेंस EMI कार्ड उपयोग करने से बचूंगा| ऐसी जगह, बेहतर होगा की आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें|

अतिरिक्त जानकारी के लिए पढ़ें

बजाज फिनसर्व EMI कार्ड वेबसाइट

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म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान के रिटर्न में कितना अंतर होता है?

by दीपेश Leave a Comment

म्यूच्यूअल फण्ड के डायरेक्ट प्लान बेहतर रिटर्न देतें हैं (रेगुलर प्लान के मुकाबले)| यह गूढ़ सत्य है|

म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में कोई कमीशन नहीं दिया जाता, इसलिए रिटर्न बेहतर होते हैं|

रेगुलर म्यूच्यूअल फण्ड में कमीशन दिया जाता है| क्योंकि कमीशन का पैसा आपके निवेश से ही आता है, इसलिए रिटर्न कम होते हैं|

परन्तु डायरेक्ट और रेगुलर म्यूच्यूअल फण्ड के रिटर्न में कितना अंतर होता है?

डायरेक्ट प्लान को शुरू हुए अब 5 वर्ष से अधिक समय हो चुका है| अब हमारे पास काफी डाटा है, जिसके आधार पर हम रिटर्न के अंतर का अंदाजा लगा सकते हैं|

म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर और डायरेक्ट प्लान के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़े| अगर म्यूच्यूअल फण्ड आपके लिए नया विषय है और आप म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को पढ़ें|

म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान के रिटर्न में कितना अंतर है? (Performance Comparison: Mutual Fund Regular vs. Direct Plan)

मैंने कुछ लोकप्रिय म्यूच्यूअल फण्ड के डायरेक्ट और रेगुलर प्लान के परफॉरमेंस की तुलना करी|

म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट और रेगुलर प्लान के रिटर्न में अंतर

म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान जनवरी 1, 2013 को शुरू हुए थे| उस दिन डायरेक्ट और रेगुलर का NAV एक समान था|

उसके बाद से डायरेक्ट प्लान का NAV तेज़ी से बढ़ा है क्योंकि म्यूच्यूअल फण्ड के डायरेक्ट प्लान बेहतर रिटर्न देते हैं|

आईये देखते हैं, इसका आपके रिटर्न पर क्या प्रभाव पड़ता है|  मैंने दो तरीके से रिटर्न के अंतर का आंकलन किया है|

  1. डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में 1 जनवरी, 2013 को 1 लाख रुपये का निवेश
  2. 1 जनवरी, 2013 से 30 जून, 2018 तक 10,000 रुपये प्रति माह की SIP (Systematic Investment Plan) (डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में)

म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर vs डायरेक्ट प्लान परफॉरमेंस

अगर आपने Aditya Birla Sunlife Equity Fund के डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में 1 जनवरी, 2013 को 1 लाख रुपये निवेश किया होता, तो 30 जून, 2018 को उस निवेश का मूल्य

डायरेक्ट प्लान में 2.25 लाख रुपये होता| रेगुलर प्लान में 2.14 लाख रुपये होता|

डायरेक्ट प्लान में 11,283 रुपये अधिक होते| ध्यान दें डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में पोर्टफोलियो, फण्ड मेनेजर इत्यादि सब एक समान है| अंतर केवल कमीशन और रिटर्न का है|

ध्यान दें यह अंतर केवल 1 लाख रुपये के निवेश कर है| अगर ज्यादा निवेश किया होता, तो अंतर भी ज्यादा होता| जैसे की 10 लाख रुपये के निवेश पर अंतर 1 लाख 11 हज़ार रुपये का होता|

अगर 10,000 रुपये प्रति माह की SIP चलाई होती, तो अंतर 31,132 रुपये का होता| अगर सिप की राशि ज्यादा होती,  तो अंतर भी ज्यादा होता|

इन बातों पर ध्यान दें

  1. डायरेक्ट प्लान का रिटर्न इसलिए बेहतर है क्योंकि डायरेक्ट प्लान में कोई कमीशन का भुगतान नहीं होता| Mutual Fund Direct Plan में Expense ratio कम होता है|
  2. म्यूच्यूअल फण्ड के डायरेक्ट प्लान का NAV रेगुलर प्लान के NAV से ज्यादा है| परन्तुआप यह न समझें की डायरेक्ट प्लान महंगे हैं| डायरेक्ट प्लान के NAV इसलिए ज्यादा है क्योंकि उसमें बेहतर रिटर्न मिलते हैं|
  3. डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान के NAV का अंतर समय के साथ बढ़ता ही जाएगा|
  4. आप देख सकते हैं की डायरेक्ट और रेगुलर प्लान के परफॉरमेंस में अंतर इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड (equity mutual fund) में ज्यादा है| डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में यह अंतर कम होता है|
  5. सभी फण्ड में अंतर एक सामान नहीं होगा| कम या ज्यादा हो सकता है|
  6. ऊपर का आंकलन केवल 5.5 वर्षों के लिए है| जैसे-जैसे निवेश की अवधि बढ़ेगी, यह अंतर बढ़ता जाएगा|

लम्बी अवधि में रेगुलर और डायरेक्ट प्लान के रिटर्न में कितना अंतर पड़ेगा?

यह बात तो समय ही बताएगा|

परन्तु हम कुछ अंदाजा लगा सकते हैं|

अगर यह माने को परफॉरमेंस में अंतर इतना ही रहेगा (और रिटर्न भी ऐसे ही रहेंगे), तो हम यह देखते हैं की 20 वर्ष तक 10,000 रुपये प्रति वर्ष की SIP से कितना फर्क पड़ेगा|

यह सही तरीका तो नहीं है, परन्तु आपको कुछ आईडिया लग जाएगा|

म्यूच्यूअल फंड डायरेक्ट प्लान सिप रेगुलर प्लान सिप

आप देख सकते हैं की कुछ फण्ड में अंतर 60 लाख रुपये तक चला गया है| केवल डायरेक्ट और रेगुलर प्लेन में निवेश करने की वजह से इतना बड़ा अंतर|

आपको क्या करना चाहिए?

अगर आप स्वयं ही सही म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव कर सकते हैं (और करते हैं), तो आपको म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में निवेश करने चाहिए| ऐसे निवेशकों के लिए रेगुलर प्लान में निवेश करना बेवकूफी होगा| ऐसी बहुत सी वेबसाइट हैं, जहां से आप म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं|

अगर आप स्वयं म्यूच्यूअल फंड का चुनाव नहीं कर सकते, तब आपके पास दो विकल्प हैं:

  1. किसी अच्छे फाइनेंसियल एडवाइजर या म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क करें| उनसे सलाह में और रेगुलर प्लान में निवेश करें| या
  2. किसी SEBI इन्वेस्टमेंट एडवाइजर (SEBI RIA) से संपर्क करें और उनसे सलाह लें| आपको उनको फीस देनी होगी, पर आप उसके बाद डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं|

अगर आप स्वयं फण्ड का चुनाव नहीं कर सकते, रेगुलर प्लान में निवेश नहीं करना चाहते और फीस भी नहीं देना चाहते, तो यह बड़ी समस्या है| डायरेक्ट प्लान में थोड़े से अधिक रिटर्न पाने की मंशा अच्छी है, परन्तु गलत फण्ड में निवेश से ज्यादा नुकसान हो सकता है|

आपको फैसला करना होगा की आपके लिए क्या बेहतर है|

सौजन्य: www.personalfinanceplan.in

Filed Under: Mutual Funds Tagged With: difference between direct and regular mutual fund, म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में निवेश कैसे करें, म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में कैसे जाएँ, म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर वस डायरेक्ट

HDFC Life Click 2 Invest ULIP: Review (एचडीएफसी क्लिक 2 इन्वेस्ट यूलिप: समीक्षा)

by दीपेश Leave a Comment

पिछली पोस्ट में मैंने यूलिप (ULIP or Unit Linked Insurance Plan) और म्यूच्यूअल फण्ड के बीच के अंतर पर चर्चा करी थी|

हमनें देखा था की कुछ मामलों में यूलिप बेहतर है और कुछ मामलों में म्यूच्यूअल फण्ड| आप आपने पसंद के अनुसार चुनाव कर सकते हैं|

इस पोस्ट में मैं एक लोकप्रिय यूलिप के बारे में चर्चा करूंगा| HDFC Life Click 2 Invest

HDFC के इस यूलिप के बारें में जानेंगे और देखेंगे की क्या आपको इस यूलिप में निवेश करना चाहिए|


HDFC Life Click 2 Invest ULIP: Review in Hindi (एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप)

  1. प्रवेश के समय न्यूनतम आयु (Minimum Entry Age): कोई सीमा नहीं
  2. प्रवेश के समय अधिकतम आयु (Maximum Entry Age): 65 वर्ष
  3. मेच्योरिटी के समय न्यूनतम आयु (Minimum Exit age): 18 वर्ष
  4. मेच्योरिटी के समय अधिकतम आयु (Maximum Exit age): 75 वर्ष
  5. प्रीमियम भुगतान विकल्प (Premium Payment Options):
    1. एकल (सिंगल प्रीमियम): केवल एक बार प्रीमियम
    2. लिमिटेड प्रीमियम: प्रीमियम भुगतान अवधि के बराबर पालिसी अवधि (5,7 या 10 वर्ष)
    3. रेगुलर प्रीमियम: प्रीमियम भुगतान अवधि पालिसी अवधि के बराबर होती है, 5 से 20 वर्ष
  6. आपकी बीमा राशि आपके वार्षिक प्रीमियम पर निर्भर करेगी| न्युन्यम प्रीमियम नीचे टेबल में दी हुई है|
  7. HDFC क्लिक 2 इन्वेस्ट यूलिप एक Type-I यूलिप है| पालिसी अवधि के दौरान निवेशक की मृत्यु की स्तिथि में नॉमिनी को फण्ड वैल्यू या बीमा राशि में से अधिक राशि मिलेगी|
  8. अगर आप इस यूलिप में निवेश करते हैं, तो अपने पैसा पांच वर्ष पूरे होने से पहले नहीं निकाल सकते| Cannot take out money before completion of 5 years, प्लान सरेंडर करते हैं, तब भी आप पैसा 5 वर्ष से पहले नहीं निकाल सकते|

बेस्ट यूलिप प्लान ह्द्फ्क यूलिप हिंदी HDFC यूलिप click 2 invest age policy term premium

यूलिप आपको जीवन बीमा और निवेश दोनों का लाभ प्रदान करते हैं| आपके प्रीमियम/निवेश का कुछ जीवन बीमा प्रदान करने की ओर जाता है और कुछ पैसा निवेश की ओर|

अगर आप जानना चाहते हैं की यूलिप कैसे काम करते हैं, तो इस पोस्ट को पढ़ें|

इस यूलिप में charges कितने हैं?

हमनें पिछली पोस्ट में देखा था की यूलिप के charges आप रिटर्न को काफी प्रभवित कर सकते हैं|

जितने कम चार्ज हैं, उतना आपके लिए बेहतर है|

अगर आप जानना चाहते हैं की यूलिप के चार्ज आपके रिटर्न को किस तरह प्रभावित कर सकते हैं, तो इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ें|

बेस्ट यूलिप प्लान HDFC यूलिप click 2 invest age चार्ज

यहाँ देख कर लगता है की HDFC Click 2 Invest प्लान की चार्ज बहुत ज्यादा नहीं है, जो की एक अच्छी बात है|


एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप में क्या फण्ड के विकल्प हैं? (Fund options in HDFC Click 2 Invest ULIP)

यह यूलिप आपको 8 फण्ड के विकल्प देता है|

  1. Equity Plus Fund
  2. Diversified Equity Fund
  3. Blue Chip Fund
  4. Opportunities Fund
  5. Balanced Fund
  6. Income Fund
  7. Bond Fund
  8. Conservative Fund

Best ulip हिंदी HDFC click 2 invest यूलिप

आप देख सकते हैं की हर फण्ड अलग प्रकार का है| कुछ फण्ड कम risky है, तो कुछ फण्ड ज्यादा| आप अपनी ज़रुरत के अनुसार फण्ड का चुनाव कर सकते हैं|

आप इन फण्ड का परफॉरमेंस HDFC Click 2 Invest की वेबसाइट पर चेक कर चेक कर सकते हैं|


HDFC Life Click 2 Invest ULIP: Death Benefit (एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप: मृत्यु लाभ)

HDFC क्लिक 2 इन्वेस्ट यूलिप एक Type-I यूलिप है|

पालिसी अवधि के दौरान निवेशक की मृत्यु की स्तिथि में नॉमिनी को फण्ड वैल्यू या बीमा राशि में से अधिक राशि मिलेगी|

Death Benefit = Maximum (Fund Value, Sum Assured)

जैसा की हम जानते हैं की यूलिप में आपके पैसे को निवेश किया जाता है| उस निवेश राशि से यूलिप के चार्ज भी वसूले जाते हैं| फण्ड वैल्यू (Fund Value) आपके निवेश का मूल्य है|


HDFC Life Click 2 Invest ULIP: Maturity Benefit (एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप: परिपक्वता लाभ)

अगर निवेशक की पालिसी अवधि के दौरान मृत्यु नहीं होती, तो उसको पालिसी अवधि के अंत में मेच्योरिटी बेनिफिट मिलेगा|

पालिसी अवधि के अंत में निवेशक को Fund Value दे दी जायेगी|


HDFC Click 2 Invest ULIP: Tax Benefit (एचडीएफसी क्लिक टू इन्वेस्ट यूलिप: टैक्स बेनिफिट)

इस HDFC यूलिप में निवेश पर आप Section 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

ध्यान दें टैक्स बेनिफिट आपकी बीमा राशि के 10% तक सीमित होगा|


इस HDFC यूलिप में मेच्योरिटी राशि पर टैक्स देना होगा? (HDFC Life Click 2 Invest: Tax Treatment)

HDFC life Click 2 Invest प्लान से मिलने वाली राशि कर-मुक्त है|

परन्तु ध्यान दें मेच्योरिटी राशि कर मुक्त होने के लिए आपकी बीमा राशि आपके वार्षिक प्रीमियम का कम से कम 10 गुना होनी चाहिए|

Life Cover (Sum Assured या जीवन बीमा) >= 10 X वार्षिक प्रीमियम (10 X Annual Premium)

यह बात दिलचस्प है|

सिंगल प्रीमियम प्लान में ऐसा नहीं होगा| जैसे की हमनें ऊपर देखा की सिंगल प्रीमियम प्लान में जीवन बीमा आपके प्रीमियम का 125% है|  Life Cover = 1.25 X वार्षिक प्रीमियम

आप देख सकते हैं बीमा राशि वार्षिक प्रीमियम के 10 गुने से कम है|

इसका मतलब अगर आप सिंगल प्रीमियम प्लान लिया है, तो मेच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि टैक्स फ्री नहीं होगी| Maturity Amount taxable in case of Single Premium Plans

साथ ही आप देख सकते हैं की अगर प्रवेश आयु 55 वर्ष से अधिक है, तो रेगुलर ओर लिमिटेड प्रीमियम प्लान में आप बीमा राशि आपके वार्षिक प्रीमियम का केवल 7 गुना है| इसलिए ऐसी स्तिथि में भी मेच्योरिटी राशि पर टैक्स देना होगा| Maturity amount taxable if entry age is 55 years or above

देखें तो, इस एचडीएफसी यूलिप में राशि तभी कर-मुक्त है:

  1. जब आप लिमिटेड या रेगुलर प्रीमियम प्लान लें; और
  2. जब पालिसी खरीदते समय आपकी आयु 55 वर्ष से कम है

क्या आपको HDFC Click 2 Invest यूलिप में निवेश करना चाहिए?

देखिये अगर आपको जीवन बीमा की ज़रुरत नहीं है, तब इस HDFC यूलिप में निवेश न करें| आप बिना बात जीवन बीमा के लिए पैसे खर्च करेंगे (जबकि आपको जीवन बीमा चाहिए ही नहीं)| हालांकि Type-I यूलिप होने की वजह से मोर्टेलिटी चार्ज का असर कम होगा, परन्तु जब जीवन बीमा चाहिए ही नहीं, तो कुछ भी खर्चा करने की क्या आवश्यकता|

अगर आयु 55 वर्ष से अधिक है, तब भी इस यूलिप में निवेश करने की गलती न करें|

सिंगल प्रीमियम प्लान में निवेश न करें|

इस यूलिप में charges कम हैं| इसलिए अगर आपकी आयु ज्यादा नहीं है (40 वर्ष से ज्यादा नहीं है) और आपको जीवन बीमा की भी ज़रुरत है, तब आप इस प्लान में निवेश कर सकते हैं|

परन्तु हाँ, इस यूलिप की बजाय आप म्यूच्यूअल फण्ड में भी निवेश कर सकते हैं| जीवन बीमा के लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान ले सकते हैं| यूलिप और म्यूच्यूअल फंड के बीच अंतर को जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें

Source

HDFC Life Website

HDFC Click 2 Invest Product Brochure

HDFC Click 2 Invest Policy Wordings

Filed Under: Financial Planning, Life Insurance Tagged With: HDFC click 2 invest, hdfc ulip in hindi, hdfc यूलिप, बेस्ट यूलिप पालिसी, बेस्ट यूलिप प्लान

यूलिप (ULIP) और म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund) में क्या अंतर है?

by दीपेश Leave a Comment

शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए म्यूच्यूअल फण्ड (mutual fund) और यूलिप (ULIP) बहुत ही लोकप्रिय माध्यम हैं|

क्या आप जानते हैं की म्यूच्यूअल फण्ड और ULIP के होते हैं?

क्या आप म्यूच्यूअल फण्ड और यूलिप के अंतर जानते हैं?

आपको म्यूच्यूअल फण्ड या यूलिप में किस में निवेश करना चाहिए?

इस पोस्ट में इन सवालों के जवाब समझने की कोशिश करेंगे|

पहले संक्षिप्त में यह जानते हैं की म्यूच्यूअल फण्ड और यूलिप (ULIP or Unit Linked Insurance Plan)| उसके बाद म्यूच्यूअल फंड और यूलिप के बीच के अंतर पर चर्चा करेंगे|


म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है? What is a mutual fund?

जब आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते हैं, तो आप अपने पैसे को एक अनुभवी निवेशक (फण्ड मेनेजर) को सौंपते है| वह फण्ड मेनेजर आपके पैसे को निवेश करता है| उस निवेश पर जो रिटर्न मिला, वह आपका|

म्यूच्यूअल फण्ड अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे की इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड, डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड, hybrid म्यूच्यूअल फण्ड, गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड इत्यादि|

आप अपनी ज़रुरत के अनुसार म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव कर सकते हैं| म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|


यूलिप प्लान क्या होता हैं? What is a ULIP in Hindi?

यूलिप आपको investment और insurance दोनों का लाभ देता है|

आपके निवेश का कुछ हिस्सा आपको insurance प्रदान करने की ओर जाता है| बचा हुआ हिस्सा निवेश हो जाता है| हर यूलिप में आपके पास निवेश करने के लिए कई फण्ड के विकल्प होते हैं| आप अपनी ज़रुरत के अनुसार चुनाव कर सकते हैं|

यूलिप प्रमुख तौर पर दो प्रकार के होते हैं:

  1. Type-I यूलिप: धारक की मृत्यु की स्तिथि में बीमा राशि और निवेश के मूल्य (फण्ड वैल्यू) में हो राशि अधिक है, वह राशि मिलती है|
  2. Type-II यूलिप: धारक की मृत्यु की स्तिथि में बीमा राशि और फण्ड वैल्यू दोनों मिलती है|

अगर आप यह जानना चाहते हैं की यूलिप कैसे काम करते हैं, तो इस पोस्ट को पढ़ें|

आईये अब देखते हैं की म्यूच्यूअल फण्ड और यूलिप में क्या अंतर है|


#1 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: टैक्स बेनिफिट (Mutual Funds vs. ULIP: Tax Benefit)

यूलिप में निवेश करने पर आप Section 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

सभी म्यूच्यूअल फण्ड में आपको यह टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता| केवल इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS म्यूच्यूअल फण्ड) में निवेश करने पर ही Section 80C के तहत आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है| किसी अन्य म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा|

विजेता: मेरे अनुसार यहाँ पर कोई स्पष्ट विजेता नहीं है|


#2 यूलिप vs. म्यूच्यूअल फण्ड: टैक्स ट्रीटमेंट (Mutual Funds vs. ULIP: Tax Treatment)

यूलिप से पैसे निकालने पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता| No Tax on maturity or surrender proceeds from ULIPs

म्यूच्यूअल फण्ड में टैक्स दो बातों पर निर्भर करता है

  1. आपने किस प्रकार का म्यूच्यूअल फण्ड खरीदा है (Type of mutual fund)
  2. आपका निवेश कितना पुराना है (holding period)

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड को एक वर्ष से पहले बेचने पर आपको मुनाफे पर 15% टैक्स देना होता है| एक वर्ष के बाद बेचने पर आपको मुनाफे पर 10% प्रतिशत टैक्स देना होगा|

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड को तीन वर्ष से पहले बेचने पर आपको अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना पड़ता है| तीन बर्ष के बाद बेचने पर आपको मुनाफे पर इंडेक्सेशन के बाद 20 प्रतिशत टैक्स (20% after indexation) देना होगा|

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018 यूलिप

म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर लगने वाले टैक्स के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

विजेता: यूलिप (ULIP)


#3 यूलिप vs. म्यूच्यूअल फण्ड: पोर्टफोलियो rebalancing (Mutual Funds vs. ULIP: Portfolio Rebalancing)

कोई भी फाइनेंसियल advisor आपको समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को rebalance करने का सुझाव देगा| Rebalancing का मतलब है किसी एक प्रकार के फण्ड को बेचकर दूसरे प्रकार के फण्ड में निवेश करना|

ऐसा आप अपने पोर्टफोलियो में Asset Allocation बनाए रखने के लिए कर सकते हैं|

यूलिप में ऐसा करने के लिए आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा| यूलिप के एक फण्ड से दूसरे फण्ड में पैसा शिफ्ट करने पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

परन्तु म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा नहीं है| एक म्यूच्यूअल फण्ड से दुसरे म्यूच्यूअल फण्ड में स्विच करना का मतलब है, पहले फण्ड को बेचा और दूसरा म्यूच्यूअल फण्ड खरीदा| ऐसा करने पर आपको टैक्स देना पड़ेगा|

विजेता: यूलिप (ULIP)


#4 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: पैसा निकालने में आसानी  (Mutual Funds vs. ULIP: Liquidity)

यूलिप में आप पांच वर्ष पूरे होने से पहले अपने पैसे नहीं निकाल सकते| यहाँ तक की, अगर आप प्लान को सरेंडर भी कर देते हैं, तब भी आप अपने पैसे पांच वर्ष पूरे होने से पहले नहीं निकाल सकते|

म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा कोई प्रतिबन्ध नहीं है| बस टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फण्ड (ELSS या ईएलएसएस) में आप 3 वर्ष पूरा होने से पहले पैसे नहीं निकाल सकते|

किसी भी अन्य म्यूच्यूअल फण्ड में आप जब चाहें अपने पैसे निकाल सकते हैं| कुछ इक्विटी म्यूच्यूअल फंड में एक वर्ष से पहले पैसे निकालने पर आपको थोड़ी से पेनल्टी (exit load) देनी पड़ सकती है| परन्तु पैसा निकालने पर कोई पाबंधी नहीं है|

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में तो कुछ पेनल्टी भी नहीं देनी होती|

विजेता: म्यूच्यूअल फण्ड


#5 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: शुल्क (Mutual Funds vs. ULIP: Charges)

म्यूच्यूअल फण्ड में शुल्कों को एक ही संख्या में बताया जाता है, जिसे expense ratio कहते हैं| इसमें फण्ड मैनेजमेंट चार्ज, कमीशन इत्यादि| सभी कुछ इसी के अन्दर होता है|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में एक्सपेंस रेश्यो 1% से 2.5% प्रतिशत के बीच में होता है| डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में यह ratio कम होता है|

म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में expense ratio कम होता है|

ध्यान दें, अगर सभी कुछ एक समान है, तो कम शुल्क का मतलब है बेहतर रिटर्न|

यूलिप में विभिन्न प्रकार के चार्ज होते हैं|

  1. Policy Administration Charge (पालिसी एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज)
  2. Premium Allocation Charge (प्रीमियम एलोकेशन चार्ज)
  3. Mortality Charge (मोर्टेलिटी चार्ज) (यह आपको जीवन बीमा प्रदान करने के लिए लिया जाता है
  4. Fund Management Charge (फण्ड मैनेजमेंट चार्ज) (यह आपके पैसे को निवेश करने की ज़िम्मेदारी के लिए लिया जाता है)

पर एक परेशानी यह है की सभी यूलिप में सभी प्रकार के चार्ज नहीं होते| शुल्कों का स्तर भी हर यूलिप में अलग हो सकता है| जैसे की बजाज एलियांज Goal Assure यूलिप में पालिसी एडमिनिस्ट्रेशन या प्रीमियम एलोकेशन चार्ज नहीं है|

विजेता: कोई स्पष्ट विजेता नहीं है| मेरे अनुसार म्यूच्यूअल फण्ड बेहतर है|


#6 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: रिटर्न  (Mutual Funds vs. ULIP: Returns)

किसमें रिटर्न बेहतर मिलेंगे, इस बात की कोई गारंटी नहीं है|

म्यूच्यूअल फण्ड में आपको टैक्स ज्यादा देना पड़ सकता है|

परन्तु यूलिप में आपको अधिक शुल्क देने पड़ सकते हैं| क्योंकि यूलिप में जीवन बीमा भी मिलता है, इसलिए लिए भी मोर्टेलिटी charges कटते हैं| इन शुल्कों का आपके रिटर्न पर काफी प्रभाव पड़ सकता है|

एक अहम् बात: म्यूच्यूअल फण्ड में जो NAV आपको दखता है, वही आपका रिटर्न है| ऐसी इसलिए क्योंकि NAV निकालते समय सारे चार्ज एडजस्ट कर लिए जाते हैं|

परन्तु यूलिप में कुछ चार्ज आपके NAV में एडजस्ट नहीं होते| कुछ चार्ज जैसे की मोर्टेलिटी चार्ज आपकी फण्ड की यूनिट्स को cancel करके recover किया जाता है| इसका मतलब यूलिप फण्ड का NAV आपके रिटर्न का सही अंदेशा नहीं देते|

विजेता: कोई स्पष्ट विजेता नहीं है| कोई प्रमाण नहीं है की म्यूच्यूअल फण्ड के फण्ड मेनेजर ULIP फण्ड में मेनेजर से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं| परन्तु अगर आपके यूलिप में अत्यधिक चार्ज हैं, तो आपके रिटर्न पर काफी असर पड़ सकता है| मेरे अनुसार म्यूच्यूअल फण्ड थोड़ा बेहतर है|


#7 म्यूच्यूअल फण्ड vs. यूलिप: निवेश करने में आसानी (Mutual Funds vs. ULIP: Flexibility)

अगर आपका यूलिप फण्ड बुरे रिटर्न दे रहा है, तो आप कुछ नहीं कर सकते| बहुत से बहुत, उसी यूलिप के दूसरे फण्ड में स्विच (switch) कर सकते हैं| आप अपना पैसा कहीं और नहीं ले कर जा सकते| अगर आपको किसी और यूलिप में पैसा ले कर जाना है, तब आपको अपना प्लान सरेंडर करना होगा|

म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा कोई प्रतिबन्ध नहीं है| अगर आपका म्यूच्यूअल फण्ड अच्छे रिटर्न नहीं दे रहा है, तब आसानी से आप अपने म्यूच्यूअल फण्ड को बेच कर दूसरे म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते हैं|

साथ ही, अगर आप ULIP में अपने प्रीमियम से  अधिक निवेश करना चाहते हैं (top–up premium), तब आपको अपनी बीमा राशि भी बढानी होगी| अधिक बीमा राशि का मतलब अधिक mortality charges| यह आपके यूलिप के रिटर्न को प्रभावित कर सकता है| म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसी कोई पाबंधी नहीं है|

अगर आपको एइअस लगता है की आपको अब जीवन बीमा की ज़रुरत नहीं है, तो आप अपने यूलिप से बीमा को नहीं हठा सकते| अगर आपने टर्म इंश्योरेंस प्लान लिया होता, तो आप प्रीमियम देना बंद करने पर प्लान अपने आप खत्म हो जाता|

विजेता: म्यूच्यूअल फण्डयूलिप म्यूच्यूअल फण्ड के बीच अंतर

 


यूलिप में बारे में कुछ अन्य बातें (परेशानियां)

  1. यूलिप में आपको प्रीमियम और बीमा राशि लिंक होते हैं| अमूमन आपका वार्षिक प्रीमियम आपकी बीमा राशि (Sum Assured) का 10% होता है| यहाँ पर आपकी प्रीमियम चुकाने के क्षमता से आपकी जीवा बीमा राशि प्रभावित हो सकती है| मान लिए अगर आप एक वर्ष में 50,000 रुपये निवेश कर सकते हैं, तब आप यूलिप में 5 लाख रुपये से अधिक का जीवन बीमा नहीं ले पायेंगे| टर्म इंश्योरेंस प्लान में ऐसी कोई पाबंधी नहीं है|
  2. यूलिप से मिलने वाली राशि तभी कर-मुक्त है जब की आपकी बीमा राशि (Sum Assured) आपके वार्षिक प्रीमियम का कम से कम 10 गुना हो| अगर आपकी आयु ज्यादा है या फिर आप सिंगल प्रीमियम ULIP खरीद रहे हैं, तब शायद ऐसा न हो| अगर आप यूलिप लेने की सोच रहे हैं, तब इस बात का अवश्य ख़याल रखें|
  3. यूलिप आपको जीवन बीमा भी देता है| परन्तु आपके निवेश का जो हिस्सा आपको जीवन बीमा दिलाने (mortality charges) की ओर जाता है, वह एक टर्म इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम के मुकाबले काफी ज्यादा होता है| इसका मतलब की टर्म इंश्योरेंस प्लान में उतना ही बीमा आपको कम कीमत में मिलता है| इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ सकते हैं|

म्यूच्यूअल फण्ड या यूलिप: किसमें निवेश करें?

स्पष्ट जवाब देना बहुत मुश्किल है| हमनें देखा की कुछ मामलों में म्यूच्यूअल फण्ड बेहतर हैं और कुछ मामलों में यूलिप (ULIP) बेहतर हैं|

बहुत कुछ आप पर निर्भर करता है|

यूलिप में निवेश और जीवन बीमा दोनों के लाभ मिलता हैं| म्यूच्यूअल फण्ड में केवल निवेश का लाभ है| यहाँ पर आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान अलग से खरीदना पड़ेगा|

कुछ निवेशकों के लिए यूलिप को समझना आसान है| प्रीमियम देने पर आपके निवेश और जीवन बीमा दोनों की चिंता खत्म| ऐसे निवेशक यूलिप में निवेश कर सकते हैं| अगर आप यूलिप में निवेश करना चाहते हैं, तो ऐसे यूलिप का चुनाव करें जिसमें शुल्क कम हों| अधिक शुल्क आपके रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं| आपको सोच समझ कर अपने लिए बेस्ट यूलिप प्लान का चुनाव करना होगा|

अगर आपको जीवन बीमा नहीं चाहिए, तब तो आपको यूलिप में निवेश करना ही नहीं चाहिए| क्योंकि जब आपको जीवन बीमा चाहिए ही नहीं, तब तक जीवन बीमा की लिए खर्चा क्यों उठाना चाहेंगे| इसलिए बुजुर्गों के लिए यूलिप एक बहुत ही बेकार विकल्प है|

मुझे म्यूच्यूअल फण्ड बेहतर लगते हैं| यह मेरी निजी राय है| मैं जानता हूँ की टैक्स ज्यादा है, परन्तु flexibility (लचीलापन) और liquidity (पैसा निकालने में आसानी) म्यूच्यूअल फण्ड में ज्यादा है|

अगर जीवन बीमा की ज़रुरत है, तो मैं टर्म इंशोयरेंस प्लान लेना पसंद करूंगा|

आप कहाँ निवेश करेंगे: म्यूच्यूअल फण्ड में या यूलिप में?

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ट्रेक्टर लोन कहाँ मिलता है? कितना लोन मिल सकता है?

by दीपेश Leave a Comment

आईये जानते हैं ट्रेक्टर लोन के बारे में विस्तार से|

ट्रेक्टर लोन कौन ले सकते हैं? पात्रता क्या है?

  1. ट्रेक्टर लोन किसी को भी मिल सकता है| अगर आप किसान नहीं हैं, तब भी आप ट्रेक्टर खरीदने के लिए लोन ले सकते हैं|
  2. आपके पास लोन के भुगतान के लिए पर्याप्त आय होनी चाहिए| SBI स्त्री शक्ति लोन में आपकी वार्षिक आय कम से कम 1.5 लाख रुपये होनी चाहिए|
  3. इसके अलावा हर बैंक के अलग नियम हो सकते हैं| जैसे की, भारतीय स्टेट बैंक ट्रेक्टर खरीदने के लिए लोन लेने के लिए आपके पास कम से कम दो एकड़ ज़मीन होनी चाहिए|

ट्रेक्टर लोन कैसे मिलता है? ट्रेक्टर लोन कहाँ मिलता है? How to get Tractor Loan?

आप ट्रेक्टर लोन के लिए बैंक या लोन कंपनी की शाखा में जा कर आवेदन कर सकते हैं|

सभी प्रमुख बैंक ट्रेक्टर खरीदने के लिए लोन देते हैं| साथ ही श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस, महिंद्रा फाइनेंस जैसे लोन कंपनी भी ट्रेक्टर खरीदने के लिए लोन देती हैं|

आप ट्रेक्टर डीलर के यहाँ (ट्रेक्टर खरीदते समय) भी लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं|

ट्रेक्टर लोन कितना मिल सकता है? Tractor Loan Size

आपको ट्रेक्टर के पूरे मूल्य का लोन नहीं मिलेगा| आपको अपनी तरफ से कुछ न कुछ पैसा लगाना होगा|

हर बैंक या वित्तीय संस्थान के नियम इस बारे में अलार्ग हो सकते है| परन्तु 15-20% मूल्य आपको अपनी तरह से ही लाना होगा|

SBI में आपको ट्रेक्टर के मूल्य के 85% राशि तक का लोन मिल सकता हैं|

ट्रेक्टर लोन के लिए क्या डॉक्यूमेंट चाहियें?

हर बैंक की दस्तावेजों की लिस्ट अलग हो सकती है| आप बैंक से संपर्क कर पूरी लिस्ट ले सकते हैं|

  1. आपके फोटो
  2. आपकी पहचान और पते का प्रमाण (Identity and Address Proof)
  3. आपकी ज़मीन के कागज़ात (अगर आप किसान हैं)
  4. बैंक के स्टेटमेंट
  5. आपकी आय की जानकारी

दस्तावेज की लिस्ट इस बात पर भी निर्भर करती है की आप किसान हैं की नहीं| उदहारण के लिए आप एचडीएफसी ट्रेक्टर लोन (HDFC tractor loan) की डॉक्यूमेंट लिस्ट आप यहाँ पर चेक कर सकते हैं|

sbi tractor loan hindi सबी ट्रेक्टर लोन

पुराने ट्रेक्टर खरीदने के लिए भी क्या लोन मिलता है? (Loan for second hand tractor)

आप पुराना या second hand ट्रेक्टर खरीदने के लिए भी ट्रेक्टर लोन ले सकते हैं|

ट्रेक्टर लोन में ब्याज दर कितनी होती है? (Tractor Loan Interest Rate)

हर बैंक या लोन कंपनी की ब्याज दर अलग हो सकती है| साथ ही, यह ब्याज दर समय समय पर बदलती रह सकती है|

ट्रेक्टर लोन में इंटरेस्ट के अलावा आपको कुछ अन्य खर्चे भी उठाने पड़ सकते हैं:

  1. Processing fee (स्टेट बैंक लोन राशि का 0.5% प्रोसेसिंग फीस के रूप में लेता है)
  2. इंश्योरेंस (बैंक या लोन कंपनी ट्रेक्टर पर इंश्योरेंस लेने को अनिवार्य कर सकती हैं)
  3. डॉक्यूमेंट चार्ज (कुछ कानूनी कार्य के लिए खर्चा उठाना पड़ेगा)

इसके अलावा भी कई शुल्क हो सकते हैं, जो आपको उठाने पड़ेंगे| लोन लेने से पहले बैंक से सब पता कर लें|

स्टेट बैंक की वेबसाइट पर 12% की ब्याज दर लिखी हुई है|

HDFC ट्रेक्टर लोन की ब्याज दर 12% से 24% प्रतिशत के बीच हो सकती हैं| प्रोसेसिंग फीस 2% है|

ट्रेक्टर लोन के लिए कुछ सिक्योरिटी देनी पड़ती है क्या?

यह निर्भर करता है बैंक या लोन देने वाली कंपनी पर|

कुछ बैंक आपसे कुछ ज़मीन गिरवी रखने को कहते हैं| वहीँ कुछ बैंक ऐसे भी हैं, जो कुछ भी सिक्योरिटी नहीं मांगते| बस, लोन का भुगतान न होने तक ट्रेक्टर उनको hypothecate रहता है|

SBI लोन के मूल्य की ज़मीन को गिरवी रखने को कहता है|

वहीँ, HDFC बैंक और महिंद्रा फाइनेंस के साथ आपको ज़मीन गिरवी रखने की ज़रुरत नहीं है|

बैंक या लोन कंपनी ट्रेक्टर का इंश्योरेंस लेने को अनिवार्य कर सकती हैं|

ट्रेक्टर लोन का भुगतान कितने समय में करना होता है?

आपको 5 से 7 वर्ष के भीतर लोन का भुगतान करना होता है|

अन्य महत्वपूर्ण लिंक

स्टेट बैंक न्यू ट्रेक्टर लोन (SBI New Tractor Loan)

स्टेट बैंक तत्काल ट्रेक्टर लोन (SBI Tatkal Tractor Loan)

भारतीय स्टेट बैंक स्त्री शक्ति ट्रेक्टर लोन (SBI Stree Shakti Tractor Loan)

आईसीआईसीआई बैंक ट्रेक्टर लोन (ICICI Bank Tractor Loan)

महिंद्रा फाइनेंस ट्रेक्टर लोन (Mahindra Finance Tractor Loan)

महिंद्रा फाइनेंस ट्रेक्टर लोन EMI कैलकुलेटर

श्रीराम ट्रांसपोर्ट ट्रेक्टर लोन (Shriram Transport Finance Loan)

किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card)

खेती की ज़मीन पर लोन कैसे लें?

Filed Under: Loans Tagged With: SBI ट्रेक्टर लोन कैलकुलेटर, ट्रेक्टर लोन, महिंद्रा फाइनेंस ट्रेक्टर लोन इंटरेस्ट रेट, महिंद्रा फाइनेंस डाउन पेमेंट, ह्द्फ्क ट्रेक्टर लोन

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