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रेपो रेट लिंक्ड होम लोन: अब सस्ते होंगे होम लोन

by दीपेश Leave a Comment

अगर आपको शिकायत रहती है की आपका बैंक होम लोन की ब्याज दर कम नहीं कर रहा है, तब आपके लिए अच्छी खबर है|

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आदेश दिया है की 1 अक्तूबर 2019 से दिए जाने वाले नए लोन (new floating rate loan) अब बाहरी बेंचमार्क (external benchmark) से लिंक होंगे| होम लोन और ऑटो लोन आमतौर पर floating rate लोन होते हैं|

आईये जानते हैं की इस नए नियम से आपको क्या फायदा होगा|

होम लोन की ब्याज दर कैसे कैलकुलेट होती है?

आपके होम लोन की ब्याज दर के दो हिस्से होते हैं|

  1. Benchmark (बेंचमार्क): जैसे की Base Rate, MCLR, बेंचमार्क ब्याज दर बदलती रहती है|
  2. Spread (स्प्रेड): यह आपके रोज़गार, लोन चुकाने की क्षमता, क्रेडिट स्कोर इत्यादि पर निर्भर करता है| स्प्रेड आम तुअर पर आपकी लोन की अवधि के दौरान एक समान रहता है|

आपकी ब्याज दर होगी Benchmark + Spread

मान लिए अभी benchmark 8% है और आपके लोन का स्प्रेड 1.5% है, तब आपके लोन की ब्याज दर होगी 9.5% p.a.|

अगर कुछ समय बाद बेंचमार्क बढ़ कर 9% हो जाता है, तब आपके लोन की ब्याज दर बढ़ कर 9%+1.5%=10.5% हो जायेगी|

अगर benchmark घट कर 7% हो जाता है, तब आपके लोन की ब्याज दर घट कर 7%+1.5% = 8.5% हो जायेगी|

बेंचमार्क की ब्याज दर हर बैंक एक फार्मूला के अनुसार कैलकुलेट करता है|

इसमें परेशानी क्या है?

यह देखा गया है की बैंक benchmark ब्याज दर को बढ़ा तो जल्दी देते हैं, परन्तु कम आसानी से नहीं करते| इससे लोन उधार्कर्तायों (borrower) को बड़ी परेशानी होती है| उनकी ईएमआई (EMI) बढ़ तो जल्दी जाती है, परन्तु आसानी से कम नहीं होती|

जब इकॉनमी (economy) में ब्याज दर बढती है, तब आपके लोन की ब्याज दर जल्दी से बढ़ जाती है|

परन्तु जब इकॉनमी में ब्याज दर कम हो रही होती हैं, तब ब्याज दर जल्दी से कम नहीं होती है|

External Benchmark (बाहरी बेंचमार्क) से क्या फायदा होगा?

बैंक का बाहरी बेंचमार्क पर कोई नियंत्रण नहीं होता|

बैंक रिज़र्व बैंक रेपो रेट या ट्रेज़री बिल यील्ड (treasury bill yield) को external benchmark की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं|

अब क्योंकि बैंक का benchmark ब्याज दर पर कोई नियंत्रण नहीं है, जब भी बाहरी बेंचमार्क की दर बदलेगी, आपके लोन की ब्याज दर भी बढ़ेगी या घटेगी|

आपके लोन की ब्याज दर कम आसानी से हो जायेगी| बैंक यहाँ कोई चालाकी नहीं कर पायेगा|

भारतीय स्टेट बैंक ने रेपो रेट लिंक्ड होम लोन (RLLR होम लोन) शुरू भी किया है| इस लोन में रिज़र्व बैंक की रेपो रेट (Repo rate) को benchmark बनाया गया है| इस होम लोन की ब्याज दर पुराने होम लोन से कम है| अधिक जानकारी के लिए आप SBI होम लोन की वेबसाइट पर जा सकते हैं|

मेरे पास पहले से होम लोन है, क्या मैं शिफ्ट कर सकता हूँ?

जी हाँ, अगर आपके पास मौजूदा लोन है, जो की base rate या MCLR जैसे benchmark से जुड़ा हुआ है, आप उसे external benchmark वाले लोन में शिफ्ट कर सकते हैं|

मेरे अनुसार इसके लिए आपको कुछ ख़ास फीस भी नहीं देनी होगी|

आप 1 अक्तूबर 2019 के बाद अपने बैंक से संपर्क करें| पता करें की अगर आप लोन को शिफ्ट करते हैं, तो आपके लोन की नयी ब्याज दर क्या होगी?

अगर नयी ब्याज दर आपकी मौजूदा ब्याज दर से कम है, तो आप शिफ्ट कर सकते हैं| शिफ्ट करने की फीस को भी ध्यान में रखें|

अगर आपका लोन बैंक से नहीं है, तब आपको यह विकल्प नहीं मिलेगा| अगर आपका लोन HDFC, DHFL या LIC Housing Finance से है, तब आपको अभी इस नियम का लाभ नहीं मिलेगा| परन्तु ऐसी स्तिथि में आप अपने लोन को बैंक में ट्रान्सफर करा सकते हैं|

अतिरिक्त जानकारी के लिए पढ़ें

भारतीय रिज़र्व बैंक का सर्कुलर (Reserve Bank Circular)

Filed Under: Loans Tagged With: होम लोन, होम लोन ब्याज दर

अब होम लोन भुगतान पर आपको मिलेगा 1.5 लाख रुपये का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट

by दीपेश Leave a Comment

अगर आप नया घर खरीदना चाहते हैं, तब आपके लिए अच्छी खबर है| भारत सरकार आपको 1.5 लाख रुपये तक का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट दे रही है|

बजट 2019 में सरकार एक नयी धारा लायी है, सेक्शन 80EEA|

सेक्शन 80EEA के तहत आपको होम लोन पर ब्याज के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिलेगा| ध्यान दें यह सेक्शन 24 के तहत मिलने वाले 2 लाख (होम लोन ब्याज भुगतान) के टैक्स बेनिफिट से अतिरिक्त है| परन्तु 80EEA के तहत टैक्स लाभ लेने की कुछ शर्तें हैं|

धारा 80EEA के तहत टैक्स बेनिफिट के लिए क्या शर्तें हैं?

सेक्शन 80EEA के तहत 1.5 लाख रुपये के अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट के लिए आपको इन शर्तों को पूरा करना होगा|

  1. यह टैक्स बेनिफिट आपको होम लोन के ब्याज के भुगतान पर मिलता है|
  2. आपका होम लोन 1 अप्रैल 2019 और मार्च 31 2020 के बीच में पारित (sanction) हुआ हो|
  3. आपके मकान की कीमत (स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू, Stamp Duty Value) 45 लाख रुपये तक की होनी चाहिए|
  4. लोन लेते समय आपके नाम पर कोई मकान नहीं होना चाहिए|

आप देख सकते हैं की यह नया टैक्स बेनिफिट केवल पहले बार मकान खरीदने वालों के लिए है|

यह टैक्स बेनिफिट केवल आपको FY2020 में ही नहीं मिलेगा| आगे भी मिलता रहेगा| बस आप ऊपर दी गयी शर्तों को पूरा करते हों|

होम लोन के ब्याज के भुगतान पर सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है| यह नया टैक्स बेनिफिट (सेक्शन 80EEA) एक अतिर्कित टैक्स बेनिफिट है|

अगर आप सारी शर्ते पूरी करते हैं, तब आप कुल मिला कर ब्याज के भुगतान पर 3.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

सेक्शन 24 और सेक्शन 80EEA के टैक्स बेनिफिट में क्या अंतर है?

  1. दोनों ही टैक्स बेनिफिट होम लोन के ब्याज के भुगतान पर मिलते हैं|
  2. सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है| सेक्शन 80EEA के तहत आपको 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है|
  3. सेक्शन 24 सभी होम लोन पर मिलता है| सेक्शन 80EEA के तहत केवल कुछ होम लोन ही पात्र हैं| सारी शर्तों के विवरण ऊपर दिया गया है|
  4. सेक्शन 24 के तहत लाभ केवल तभी ले सकते हैं जबकि आपके मकान के निर्माण पूरा हो गया हो या आपको possession मिल गया हो| निर्माणाधीन प्रॉपर्टी के लिए कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है| हालांकि आप निर्माण के समय किये गए ब्याज के भुगतान का बेनिफिट आप 5 बराबर किश्तों (निर्माण पूरा होने के बाद) में ले सकते हैं| सेक्शन 80EEA के टैक्स बेनिफिट के लिए निर्माण पूरा होने की कोई शर्त नहीं है|

पढ़ें: होम लोन के भुगतान पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: टैक्स बचाने के 35 तरीके

सौजन्य: www.PersonalFinancePlan.in

Filed Under: Financial Planning, Loans, Tax Planning Tagged With: सेक्शन 24, सेक्शन 80C, होम लोन टैक्स बेनिफिट, होम लोन पर टैक्स बेनिफिट

मकान के डाउन-पेमेंट (Down-payment) के लिए पर्सनल लोन, क्या यह अच्छा आईडिया है?

by दीपेश Leave a Comment

सभी का सपना होता है की उनका एक घर हो| मकानों के कीमतें इतनी ज्यादा हैं की अधिकाँश लोगों को मकान खरीदने के लिए लोन लेना पड़ता है| परन्तु आपको बैंक आपकी खरीद राशि के 75-90% तक का लोन ही देते हैं| बची हुई राशि आपको अपनी जेब से देनी होती है| इसे डाउन-पेमेंट (down-payment) भी कहते हैं|

मान लिए आप 30 लाख रुपये का घर खरीदते हैं, ऐसे में बैंक आपको 27 लाख से अधिक राशि का लोन नहीं देगा| बचे हुए 3 लाख रुपये का भुगतान आपको करना होगा|

अगर आपने समझदारी से निवेश किया है, तब तो आपने यह पैसा जमा कर लिए होगा| परन्तु अगर आपने ऐसा नहीं किया है, तब आपके पास यह कुछ विकल्प हैं:

  1. आप अपने परिवारजन या मित्र से कुछ समय के लिए उधार ले सकते हैं|
  2. अपने एम्प्लायर से लोन ले सकते हैं|
  3. गोल्ड लोन, प्रॉपर्टी लोन, म्यूच्यूअल लोन इत्यादि ले सकते हैं|
  4. प्रोविडेंट फण्ड से लोन ले सकते हैं
  5. आपका कोई निवेश है, तो उसे बेच कर पैसा इकठ्ठा कर सकते हैं|

परन्तु आपके पास यह विकल्प नहीं है, तब आप क्या करेंगे?

अभी भी एक विकल्प बचा है|

आपके पास पर्सनल लोन का विकल्प है| पर्सनल लोन असुरक्षित लोन होते हैं और आपको कोई सेकुरिटी नहीं देनी होती| पर्सनल लोन मिल भी आसानी से जाते हैं|

परन्तु क्या आपको होम लोन डाउन-पेमेंट के लिए पर्सनल लोन लेना चाहिए?

आईये कुछ बातों पर विचार करते हैं|

  1. अगर आप पर्सनल लोना लेते हैं, तब आपको दो लोन चुकाने होंगे| पहला होम लोन और दूसरा पर्सनल लोन| आपको देखना होगा की आप दोनों लोन का भुगतान कर पायेंगे या नहीं|
  2. आपकी होम लोन की अधिकतम सीमा दो बातों पर निर्भर करती है| मकान का मूल्य और आपकी लोन चुकाने की क्षमता| अगर यह सीमा मकान के मूल्य की वजह से है (और आपकी लोन चुकाने की क्षमता अधिक है), तब तो आप शायद दो लोन का भुगतान कर देंगे| उदहारण: आपको लोन तो 50 लाख का चुका सकते हैं, परन्तु मकान की कीमत 30 लाख होने की वजह से आपको 27 लाख से अधिक का लोन नहीं मिला सकता| यहाँ पर्सनल लोन आपको इतना परेशान नहीं करेगा|
  3. परन्तु अगर आपकी लोन चुकाने की क्षमता कम है| मान लिए मकान की कीमत 40 लाख रुपये है, परन्तु आपकी लोन चुकाने की क्षमता केवल 30 लाख रुपये की है| ऐसे में बैंक आपको 30 लाख से अधिक राशि का लोन नहीं देगा| अब अगर आप किसी तरह 5 से 10 लाख का पर्सनल लोन ले लेते हैं, तो उसे चुकायेंगे कैसे| ऐसी स्तिथि में बहुत समस्या हो सकती है|
  4. पर्सनल लोन की ब्याज दर भी काफी अधिक होती है| इससे पर्सनल लोन की ईएमआई बढ़ जायेगी|
  5. अगर आप मकान के डाउन-पेमेंट के लिए पर्सनल लोन लेते हैं, तो उसके भुगतान पर भी आपको कुछ टैक्स बेनिफिट मिलते हैं| ब्याज के भुगतान के लिए सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपुए तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है| मूल के भुगतान के लिए कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता|

पढ़ें: आपको कितना होम लोन मिल सकता है?

आपको क्या करना चाहिए?

मेरे अनुसार होम लोन डाउन-पेमेंट के लिए पर्सनल लोन लेने से बचें| आपको लोन की ईएमआई के भुगतान में परेशानी हो सकती है| आपका मासिक बजट भी प्रभावित होगा|

केवल पर्सनल लोन ही नहीं, मैंने ऊपर और भी कई तरह के लोन की चर्चा करी है| जैसे की गोल्ड लोन, प्रॉपर्टी लोन इत्यादि| इन लोन का भी भुगतान करना ही पड़ेगा|

अगर घर लेने की सोच रहे हैं, तो अभी से डाउन-पेमेंट के लिए पैसा जमा करना शुरू कर दें| आप हर महीने कुछ पैसा निकाल कर फिक्स्ड डिपाजिट, रेकरिंग डिपाजिट यस लिक्विड फण्ड में डाल सकते हैं|

पढ़ें: आपको लोन देते समय बैंक किन बातों का ख्याल रखते हैं?

पढ़ें: होम लोन राशि बढाने के 5 तरीके

सौजन्य: EmiCalculator.net, Flickr

Filed Under: Financial Planning, Loans Tagged With: sbi होम लोन, पर्सनल लोन, होम लोन डाउन-पेमेंट

होम लोन पात्रता (Home Loan Eligibility) बढ़ाने के 5 तरीके

by दीपेश Leave a Comment

मकानों की कीमत बहुत अधिक हैं और अधिकतर लोगों को घर खरीदने के लिए लोन लेना पड़ता है| मकानों की कीमत अधिक होने की वजह से लोन राशि भी अधिक चाहिए होती है| अगर आपको ज़रुरत के अनुसार लोन नहीं मिल पाया, तो आप क्या करेंगे? मेरा मतलब है की आपकी लोन की पात्रता (loan eligibility) आपकी लोन की ज़रुरत से कम है|

इस पोस्ट में चर्चा करेंगे अपनी लोन eligibility बढाने के 5 तरीकों के बारे में|

आगे बढ़ने से पहले देखते हैं की बैंक आपकी लोन पात्रता कैसे निकालते है|

बैंक आपके लोन की eligibility (पात्रता) कैसे निकालता है?

बैंक आपको केवल उतना ही लोन देगा, जिसका की आप आसानी से भुगतान कर पाएं|

आप जितनी EMI का भुगतान कर सकते हैं, उसी के अनुसार आपको लोन दिया जाता है|

मान लिए आपकी मासिक आय 50,000 रुपये है| आपके ऊपर कोई और लोन नहीं है|

हर बैंक के नियम अलग होते हैं| मान लिए आपके बैंक का नियम है की आपकी आय के 50% से अधिक की EMI का लोन नहीं दिया जाएगा|

अगर मासिक आय 50,000 रुपये है, तो अधिकतम ईएमआई 25,000 रुपये से अधिक नहीं हो सकती|

अधिकतम EMI, लोन अवधि और ब्याज दर का प्रयोग करके आप अपनी लोन पात्रता कैलकुलेट कर सकते हैं|

मान लिए लोन अवधि है 15 वर्ष और ब्याज दर है 10% p.a.

आपकी अधिकतम लोन राशि होगी: PV(10%/12, 15*12, 25,000, 0) = 23.26 लाख रुपये

आपको इस राशि से अधिक का लोन नहीं मिलेगा| ध्यान दें अगर आपके पास कोई दूसरा लोन भी है, तो उस लोन की EMI को भी शामिल किया जाएगा| मान लिए आपके दूसरे लोन की EMI 10,000 रुपये है, तो आपके नए लोन की EMI 15,000 रुपये (25,000-10,000) से अधिक नहीं हो सकती|

इस विषय में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (आपको कितना होम लोन मिल सकता है?) को पढ़ें|

आईये देखते हैं 5 तरीके जिससे की आप अपनी लोन पात्रता (eligibility) बढ़ा सकते हैं|

#1 अपनी आय को बढायें

यह समझना तो आसान है परन्तु करना शायद आसान नहीं है| आय बढ़ेगी, तो अधिक EMI का भुगतान कर सकते हैं| अगर अधिक EMI का भुगतान कर सकते हैं, तो आपकी लोन पात्रता भी बढ़ जायेगी|

#2 जोईंट लोन (Joint Loan) लें

एक से भले दो| अगर आप अपनी पत्नी/पति को co-borrower (सह-उधारकर्ता) बनाते हैं, तो लोन की पात्रता निकालने के लिए आप दोनों की आय को जोड़ दिया जाएगा| इससे भी आपकी लोन की पात्रता बढ़ सकती है| ध्यान दें आय तभी बढ़ेगी, जब आपकी पत्नी/पति की कोई आमदनी हो|

#3 पुराने लोन चुकाएं

हमनें ऊपर चर्चा करी थी की आपकी लोन पात्रता निकालते समय आपके मौजूदा लोन को भी ध्यान में रखा जाता है| मौजूदा लोन आपकी लोन पात्रता को कम कर देते हैं| इसलिए आप मौजूदा लोन का भुगतान करके भी अपनी लोन पात्रता बढ़ा सकते हैं|

#4 लोन अवधि को बढाएं

लोन अवधि बढ़ने पर लोन की EMI कम होती है|

अगर आप 40 लाख रुपये का लोन 20 वर्ष के लिए लेते हैं (ब्याज दर 9%), तब आपकी ईएमआई 35,989 रुपये| इतने लोन के लिए आपकी मासिक आय 71,978 होनी चाहिए|

अगर आपकी मासिक आय 71,978 रुपये ही रहती और आप 30 वर्ष का लोन लेते, तब आपकी लोन पात्रता 44.72 लाख रुपये हो जाती| आप देख सकते हैं की लोन अवधि 20 से 30 वर्ष करने पर लोन की eligibility 40 लाख से 44.72 लाख रुपये हो गयी|

#5 आप नए लोन उत्पाद ले सकते हैं

बैंक भी आज कल ऐसे लोन प्रोडक्ट ले कर आ रहे हैं, जहाँ की आपकी लोन की पात्रता ज्यादा हो|

उदाहरण है SBI FlexiPay होम लोन| इस लोन में आपकी लोन की पात्रता 20% तक बढ़ जाती है| ऐसा करने के लिए बैंक पहले कुछ वर्षों में केवल ब्याज ही लेता है| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

इसके अलावा कुछ और उत्पाद भी है, जहाँ आप अपने माता/पिता के साथ joint लोन ले सकते हैं| जब तक आपके पिता काम कर रहे, तब तक आप दोनों EMI का भुगतान करेंगे और EMI ज्यादा होगी| जब आपके पिता रिटायर हो जायेंगे, तब केवल आपको ईएमआई का भुगतान करना होगा| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ें|

ऊपर दिए गए सुझावों के अलावा कुछ तरीके हैं ज्यादा लोन पाने के| आप कुछ अतिरिक्त सेकुरिटी देते हैं, तब भी बैंक आपकी लोन राशि बढाने को तैयार हो सकता है| साथ ही, अपने क्रेडिट स्कोर का ध्यान रखें| अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तब भी बैंक आपको अधिक लोन देने को मान सकता है|

अतिरिक्त लिंक

SBI Home Loan

कैसे आप अपना होम लोन जल्दी खत्म कर सकते हैं?

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एचडीएफसी रीच होम लोन (HDFC Reach Home Loan) की पूरी जानकारी

by दीपेश Leave a Comment

एचडीएफसी होम लोन ब्याज दर emi कैलकुलेटर
एचडीएफसी रीच होम लोन

घर खरीदने के लिए ज़्यादातर लोगों को होम लोन लेना पड़ता है| आईये इस पोस्ट में चर्चा करते हैं एचडीएफसी रीच होम लोन (HDFC Reach Home Loan) के बारे में|

चर्चा करेंगे पात्रता (eligibility), अधिकतम लोन राशि, ब्याज दर इत्यादि के बारे में|

एचडीएफसी रीच होम लोन (HDFC Reach Home Loan) का इस्तेमाल किस लिए कर सकते हैं?

  1. नया मकान खरीदने के लिए
  2. प्लाट पर मकान बनाने के लिए
  3. प्लाट खरीदने के लिए
  4. अपने मकान में बदलाव के लिए, जैसे की नया फर्श डालना हो, प्लास्टर या पेंट कराना हो, नया कमरा बनवाना हो|
  5. होम लोन ट्रान्सफर या रिफाइनेंस के लिए
  6. टॉप-अप लोन के लिए

एचडीएफसी रीच होम लोन (HDFC Reach Home Loan) कौन ले सकता है? (Eligibility)

  1. आयु 18 आयर 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए|
  2. आप नौकरी करते हों या सेल्फ-एम्प्लोयेड हों, आप लोन ले सकते हैं|
  3. अगर आप नौकरी करते हैं, तब आपकी मासिक आय कम से कम 10,000 रुपये होनी चाहिए|
  4. अगर आप सेल्फ-एम्प्लोयेड हैं, तब आपकी वार्षिक आय कम से कम 2 लाख रुपये होनी चाहिए|
  5. मकान के अभी मालिकों (owners) को एक साथ आवेदन करना होगा|

एचडीएफसी रीच होम लोन: कितना लोन मिल सकता है?

अगर मकान बनाने, खरीदने या मकान में बदलाव के लिए लोन ले रहे हैं, तब आपको मकान के मूल्य के 80% तक का लोन मिल सकता है|

अगर प्लाट खरीदने के लिए लोन ले रहे हैं, तो प्लाट के मूल्य के 60% तक की राशि का लोन मिल सकता है|

अगर प्रॉपर्टी लोन लेना चाह रहे हैं, तब प्रॉपर्टी वैल्यू की 50% राशि का लोन मिल सकता है|

ध्यान दें यह राशि केवल एक उपरी सीमा है| आपकी लोन राशि आपकी लोन भुगतान की क्षमता पर निर्भर करेगा| आपको केवल उतना ही लोन दिया जाएगा, जिसको की आप आसानी से चूका पाएं|

लोन पात्रता के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

आप HDFC की वेबसाइट पर लोन पात्रता (Loan Eligibility) चेक कर सकते हैं|

एचडीएफसी रीच होम लोन की अवधि क्या है?

अवधि लोन राशि के इस्तेमाल, आपकी आयु और प्रॉपर्टी की आयु पर निर्भर कर सकती है|

नया मकान खरीदने या बनाने, मकान बढाने के लिए या होम लोन रिफाइनेंस के लिए लोन की अधिकतम अवधि 30 वर्ष होगी|

प्लाट लोन या प्रॉपर्टी लोन की अधिकतम अवधि 20 वर्ष होगी|

एचडीएफसी रीच होम लोन की ब्याज दर क्या है? (HDFC Reach Home Loan

 Interest Rate)

ब्याज दर बदलती रहती है| आपको लेटेस्ट ब्याज दर HDFC की वेबसाइट पर या शाखा में मिलेगी|

लोन की ब्याज दर 10% से 16.35% p.a. के बीच हो सकती है| आपके लोन की ब्याज दर कई बातों पर निर्भर करेगी| जैसे की, आप नौकरी करते हैं या नहीं, आपके क्रेडिट स्कोर इत्यादि|

अगर कोई महिला (आपकी माँ, पत्नी, बहन, बेटी इत्यादि) भी सह-आवेदक हैं, तब लोन की ब्याज थोड़ी कम होगी|

ब्याज के अलावा आपको कुछ प्रकार की फीस भी देनी होगी| प्रोसेसिंग फीस लोन राशि का 2% है, जो की काफी ज्यादा है|

एचडीएफसी होम लोन लेने के लिए आपको क्या दस्तावेज़ चाहिए होंगे?

लोन के लिए आपको पहचान पत्र (identity proof),  पते का प्रमाण (Address Proof), आय का प्रमाण (income proof), बैंक स्टेटमेंट इत्यादि देने होंगे|

  1. पहचान पत्र/ Address Proof: आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, ड्राईवर लाइसेंस
  2. इनकम प्रूफ:सैलरी स्लिप,  फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, पासबुक इत्यादि| अगर सेल्फ-एम्प्लोयेड हैं, तो कंपनी की बैलेंस शीट, प्रॉफिट-लोस स्टेटमेंट, आपकी फर्म के बैंक स्टेटमेंट इत्यादि|

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एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन: ऐसा लोन जहां आपको EMI नहीं देनी होती

by दीपेश Leave a Comment

ज्यादा खुश होने की ज़रुरत नहीं है|

लोन का भुगतान तो यहाँ भी करना पड़ता है| बस आपको EMI नहीं देनी होती|

EMI का मतलब है Equated Monthly Installment, इसका मतलब आपको हर महीने एक ही राशि का भुगतान करना होता है| आपकी EMI का कुछ हिस्सा ब्याज के भुगतान की ओर जाता है| बची हुई राशि से मूल राशी (principal) का भुगतान होता है| और यह प्रक्रिया पूरी लोन अवधि के दौरान चालू रहती है|

एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन में क्या अलग है?

एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन में EMI नहीं होती| हर महीने अलग राशि का भुगतान करना होता है|

इस लोन में हर महीने एक समान मूल राशि का भुगतान होता है| इसके साथ हर महीने ब्याज भी देना होता है| ब्याज तो बकाया मूल राशि पर निर्भर करता है| अब क्योंकि हर महीने मूल राशि बदलती रहेगी, ब्याज राशि भी बदलती रहेगी|

आईये एक उदहारण की सहायता से एक आम होम लोन और एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन में अंतर समझते हैं|

मान लिए आप 50 लाख रुपये का लोन लेते हैं| लोन अवधि 20 वर्ष है और होम लोन इंटरेस्ट रेट 9% p.a. है|

एक आम होम लोन (Regular Home loan)

आपकी EMI 44,986 रुपये होगी| आप देख सकते है की आपको हर महीने इसी राशि का भुगतान करना है|

शुरुआत में EMI का अधिकांश हिस्सा ब्याज के भुगतान की ओर जाता है| लोन की समाप्ति की तरफ पैसा अधिकाँश पैसा मूल के भुगतान की ओर जाता है|

EMI कैलकुलेट कैसे होती है, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

Axis Bank QuikPay home loan in hindi
एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन
Axis बैंक होम लोन

एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन में क्या होता है?

आप नीचे देख सकते हैं की हर महीने एक ही मूल राशि का भुगतान होता है| 50 लाख का लोन है 20 वर्ष के लिए| 50 लाख/240 महीने = 20,833 रुपये

हर महीने ब्याज का राशि अलग होती है|

इसी वजह से आपको हर महीने लोन भुगतान के लिए अलग राशि देनी होती है|

पहले महीने 58,333 रुपये देने होंगे| दूसरे महीने 58,177 रुपये देने होंगे| हर महीने आपकी भुगतान की राशि कम होती जायेगी|

Axis Bank QuikPay home loan in hindi
एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन
Axis bank home loan
एक्सिस बैंक होम लोन

एक्सिस QuikPay होम लोन का क्या फायदा है?

ऊपर वाले उदहारण में आम होम लोन में भुगतान के लिए आपको 1.08 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा| 50 करोड़ का मूल भुगतान (principal repayment) और 58 लाख का ब्याज का भुगतान|

एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन में कुल मिला कर 95.18 लाख रुपये का भुगतान करना होगा| 50 लाख का मूल भुगतान और 45.18 लाख रुपये का ब्याज का भुगतान|

आपकी बचत हुई 12.8 लाख रुपये की|

ऐसा क्यों हुआ?

इसकी वजह यह है की एक्सिस बैंक होम लोन में मूल राशि का भुगतान तेज़ी से हो रहा है|

अगर आप एक आम होम लोन में देखें, तो लोन की शुरुआत में EMI का अधिकतर हिस्सा ब्याज के भुगतान की ओर जा रहा है| पहले वर्ष में केवल 93,636 रूपए की मूल राशि भुगतान हुआ|

यहीं एक्सिस QuikPay लोन में 2.5 लाख रुपये की मूल राशि का भुगतान हुआ|

क्योंकि principal राशि तेज़ी से कम हो रही है, ब्याज अपने आप कम हो जाता है|

क्या आपको एक्सिस QuikPay होम लोन लेना चाहिए?

एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन एक अच्छा उत्पाद है| परन्तु एक परेशानी है|

इस लोन की ब्याज दर 0.15% से 0.20% प्रतिशत से अधिक है|

मेरे अनुसार इस लोन के लिए अधिक ब्याज दर देने की ज़रुरत नहीं है|

इसकी दो वजह है|

  1. एक्सिस QuikPay होम लोन में ब्याज का बचत इसलिए होती है क्योंकि मूल राशि तेज़ी से कम होती है| आप ऐसा अपने आप भी कर सकते हैं| आप जब चाहें होम लोन में थोड़ा पूर्व भुगतान कर सकते हैं|
  2. आप चाहें तो अपने साधारण होम लोन में भी नियमित तौर पर मूल राशि का भुगतान करके अपने ब्याज का भार को कम कर सकते हैं| आपको बस हर महीने थोड़ा पूर्व भुगतान करना होगा| समझना थोड़ा मुश्किल है, परन्तु नीचे दी गयी टेबल में यह बताने की कोशिश करी है|
Axis Bank QuikPay home loan in hindi
एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन

जब तक एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन में ब्याज की दर एक साधारण लोन के समान हैं कर देता, तब तक आपको यह लोन लेने की ज़रुरत नहीं है|

एक्सिस बैंक QuikPay होम लोन के बारे में अधिक जानकारी के लिए एक्सिस बैंक की वेबसाइट पर जाएँ|

सौजन्य: www.PersonalFinancePlan.in

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