• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

HindiFinance.com

आपका पर्सनल फाइनेंस ब्लॉग आसान हिंदी में




  • Life Insurance
  • Mutual Funds
  • Financial Planning
  • NPS
  • PPF
  • Tax Planning
  • Aadhaar
  • LIC
  • Loans

mutual funds

Follow @hindifinance

नियमित आय के लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के dividend पर भरोसा न करें?

Last updated: जून 26, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

पिछले कुछ समय में काफी निवेशकों में नियमित आय (regular) के लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के डिविडेंड विकल्प (Dividend option of Equity Mutual Fund Scheme) में निवेश करना शुरू किया है|

हर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में निवेश के दो विकल्प होते हैं: Growth और Dividend

Dividend विकल्प के तहत आपको समय-समय पर dividend मिलता है| Growth विकल्प में कोई dividend नहीं मिलता| इन विकल्पों के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

मेरे अनुसार नियमित आय के लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के dividend option में निवेश करना एक बुरा विकल्प है| आपको इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के dividend विकल्प में निवेश नहीं करना चाहिए|

इस पोस्ट में मैं कारणों पर चर्चा करूंगा|

#1 Dividend मिलने की कोई गारंटी नहीं होती

नियमों के अनुसार dividend केवल मुनाफे में ही दिया जा सकता है| तो अगर शेयर बाज़ार गिर रहा है, तो हो सकता है की फण्ड मेनेजर के पास dividend देने के लिए मुनाफा ही ना हों| इसलिए आप dividend पर भरोसा नहीं कर सकते|

#2 Dividend देना फण्ड मेनेजर की मर्ज़ी है, आपका अधिकार नहीं

वैसे तो फण्ड मेनेजर dividend देने की कोशिश करेंगे, पर अगर आपको dividend नहीं मिलता, तो आप कुछ कर नहीं सकते|

मेरा मतलब है की अगर किसी वजह से फण्ड dividend की घोषणा नहीं करता, तो आप कुछ नहीं कर सकते| यह भी हो सकता है की आपकी उम्मीद से कम dividend की घोषणा हो|

हाँ, चाहें तो, आप अपने निवेश को बेच सकते हैं|

#3 Dividend आपके पैसे से ही आता है

कुछ लोगों में धारणा है की dividend मुफ्त की कमाई है| ऐसा बिलकुल नहीं है|

जितना डिविडेंड मिलता है, उतनी ही मात्र से आपके निवेश का मूल्य कम हो जाता है||

सच में देखें तो, टैक्स की वजह से मूल्य ज्यादा कम हो जाता है|

मान लिए आपके फण्ड का NAV 50 रुपये चल रहा है और फण्ड 2 रुपये के dividend की घोषणा करता है, तो डिविडेंड मिलते ही आपके फण्ड का NAV 50 रुपये से घट कर 48 रुपये हो जाएगा|

#4 Dividend पर टैक्स भी देना पड़ता है

म्यूच्यूअल फण्ड के dividend पर टैक्स के बारे में जानने से पहले एक बात का ध्यान रखें|

Dividend पर आप टैक्स नहीं देते, परन्तु म्यूच्यूअल फण्ड आपकी तरफ से टैक्स भरता है| परन्तु  टैक्स आता आपके पैसे से ही है|

समझ लिए, म्यूच्यूअल फण्ड टैक्स काट कर आपको पैसे देता है| ऐसे टैक्स को Dividend Distribution Tax (DDT) कहते हैं| उसके बाद मिले हुए dividend पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता|

आईये देखते हैं की यह कैसे काम करता है|

म्यूच्यूअल फण्ड दो प्रकार के होते हैं| इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड (equity mutual fund) और डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड (debt mutual fund)

इस पोस्ट में मैं प्रमुख तौर पर इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में ही बात कर रहा हूँ|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड (Equity Mutual Fund)

वित्तीय वर्ष 2018 (मार्च 31 2018) तक मिलने वाले dividend पर कोई टैक्स नहीं लगेगा| परन्तु FY 2019 (1 अप्रैल 2018) से मिलने वाले dividend पर आपको 10% टैक्स देना होगा| इसके ऊपर सरचार्ज (12%) or Cess (4%) भी लेगा| तो कुल मिला कर आपका टैक्स हुआ 11.65%.

सच में देखें तो आपका टैक्स और भी ज्यादा हुआ|

फण्ड के आपके दिए गए dividend पर 10% टैक्स देना है|

आपको 100 रुपये का dividend देने के लिए फण्ड को 100/(1-10%) = 111.11 रुपये बांटने होंगे|

साथ ही जो 11.11 रुपये  का Dividend Distribution Tax देना है, उस पर 12% का सरचार्ज और 4% सेस लगेगा| कुल मिला कर आपका टैक्स हुआ, 12.94 रुपये|

तो समझ लिए की अगर आपके हाथ में 100 रुपये का dividend आया, तो आपके फण्ड का NAV 112.94 रुपये से कम हो जाएगा| 12.94 रुपये गए टैक्स में|

अगर आपने Dividend option की जगह Growth option में निवेश किया होता तो:

वित्तीय वर्ष 2019 से इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर होने वाले long term capital gain पर भी 10% टैक्स देना है|

परन्तु यहाँ पर आपको सरचार्ज नहीं देना होता|

तो कुल मिलकर आपको टैक्स देना होता है 10.4%| Dividend पर आपको 11.65% टैक्स देना पड़ रहा है|

Growth option में दो और फायदे हैं:

  1. आपको हर वित्तीय वर्ष 1 लाख रुपये तक के long term capital gain पर कोई टैक्स नहीं देना होता|
  2. साथ ही अगर आपकी कुल इनकम (LTCG हटाने के बाद) 2.5 लाख (या 3 लाख रुपये) से कम है, तो ऐसी कमी को भी आप LTCG की मात्रा में से कम कर सकते हैं|
  3. मान लिए आप 40 वर्ष के हैं और आपकी कुल आय 1 लाख रुपये है| आपको इक्विटी फण्ड बेचने पर कुल मिला कर 5 लाख रुपये का LTCG हुआ| अब क्यूंकि आप आय 2.5 लाख से 1.5 लाख रुपये कम है, तो आपको कुल मिला कर 5 लाख – 1.5 लाख – 1 लाख = 2.5 रुपये के मुनाफे पर ही 10% टैक्स देना होगा|
  4. Dividend पर तो म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी ही टैक्स काट लेती है| इसलिए वहां पर कोई रियायत नहीं है|

मेरे अनुसार dividend के लिए इंतज़ार करने से बेहतर विल्कल्प है की आप म्यूच्यूअल फण्ड के Growth option में निवेश करें| जब आपको पैसे की ज़रुरत है, तब आप अपने निवेश को बेच कर पैसे निकाल सकते हैं|

उससे भी ज़रूरी बात, अगर आपको नियमित आय चाहिए, तो इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के बजाय डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करें| इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में केवल वही पैसा निवेश होना चाहिए, जो की आप लम्बी अवधि तक नहीं निकालेंगे|

मैंने Dividend वाले म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया है? अब मैं क्या करूं?

यह निर्णय बहुत सी बातों पर निर्भर करता है|

आपका फाइनेंसियल एडवाइजर आपके पोर्टफोलियो के देख कर आपको सही राय दे सकता है|

पर हाँ, अब इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के dividend विकल्प में निवेश करना कोई अच्छा आईडिया नहीं है| आगे से तो निवेश न ही करें|

जो आप निवेश कर चुके हैं, उस निवेश को आप एक वर्ष पूरा होने के बाद (जब आपका exit load वाला पीरियड पूरा हो जाए), आप उस निवेश को Dividend से Growth में शिफ्ट कर सकते हैं|

ध्यान दें मैं यह नहीं कह रहा हूँ की नियमित आय की लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के Growth आप्शन में निवेश करें| वह भी गलत होगा| मैं बस यह कह रहा हूँ की Growth आप्शन Dividend विकल्प से बेहतर हैं|

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड (Debt Mutual Fund) की dividend स्कीम के बारे में मेरी राय

Dividend पर 25% टैक्स (DDT) लगता है| इसके ऊपर सरचार्ज (12%) or Cess (4%) भी लेगा| तो कुल मिला कर आपका टैक्स हुआ 29.12%|

अगर इक्विटी फण्ड के तरह ही गणना करें,  आपके हाथ में 100 रुपये का dividend आया, तो आपके फण्ड का NAV कम हो जाएगा 138.82 रुपये से|

3 वर्ष से पहले डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर आपको मुनाफे पर अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होता है|

3 वर्ष के बाद बेचें पर मुनाफे पर 20% टैक्स होता है| पर यहाँ आपको indexation का बेनिफिट मिलता है|

आपको नियमित आय की ज़रुरत है और आप 10% या 20% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, तो आपको dividend विकल्प में निवेश करने की ज़रुरत नहीं है|

अगर आप 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और आपको नियमित आय की ज़रुरत है, तो आप dividend विकल्प के बारे में सोच सकते हैं|

यहाँ भी आपका फाइनेंसियल एडवाइजर आपके पोर्टफोलियो के देख कर आपको सही राय दे पायेगा|

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018

Filed Under: Mutual Funds, Tax Planning Tagged With: mutual fund dividend, mutual funds, tax on mutual fund dividend, टैक्स म्यूच्यूअल फण्ड डिविडेंड

कैसे और कब करें Mutual Fund Regular plan से Mutual Fund Direct Plan में Switch?

Last updated: नवम्बर 8, 2017 | by दीपेश 2 Comments

पिछली कुछ पोस्ट्स में हमनें Mutual Fund Direct Plans के फ़ायदे जाने और यह जानने की कोशिश करी की क्या आपको Mutual Funds के Direct Plans में निवेश करना चाहिए या Regular plans में|

अगर आपने वह पोस्ट्स नहीं पढ़ी हैं, तो आप उन्हें यहाँ पढ़ सकते हैं|

क्या आपको Mutual Fund Direct Plans में निवेश करना चाहिए?

कैसे निवेश करें Mutual Fund Direct Plans में?

इन पोस्ट्स को पढ़कर आपको इस बात का तो अंदाजा हो जाएगा की आपको Mutual Fund Direct Plans में कैसे निवेश करना है|

पर अभी भी एक समस्या है|

आपके पुराने निवेश रेगुलर प्लान में हो सकते है| आप नए निवेश डायरेक्ट प्लान में कर के  कमीशन  बचा कर अपने रिटर्न्स बढ़ा सकते हैं| लेकिन जो आपके पुराने निवेश  रेगुलर प्लान में हैं, उन पर कमीशन जाता रहेगा|

कमीशन से बचने के लिए आप अपने रेगुलर प्लान  को डायरेक्ट प्लान में  में स्विच (Switch) कर  सकते हैं|

अब सवाल यह आता है की म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में कैसे जाएँ? आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

किन बातों का ध्यान रखें Regular Plan से Direct Plan में Switch करते समय

म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में स्विच करते समय आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

अगर आप अपना investment एक स्कीम के Regular Plan से Direct प्लान में Switch कर रहे हैं, तो यह दो transactions के बराबर है|

  1. रेगुलर प्लान में बेचना (Redemption in Regular Plan)
  2. डायरेक्ट प्लान में खरीदना (Purchase in Direct Plan)

जब भी आप Mutual Funds बेचते हैं, तो आपको दो बातों का ज़रूर ख्याल रखना चाहिए|

  1. एग्जिट लोड (Exit Load): अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड  को बहुत जल्दी बेच देते हैं, तो आप पर यह पेनल्टी लगती है| Equity mutual funds में अमूमन एक साल से पहले बेचने पर 1% पेनल्टी देनी पड़ती है| Debt Mutual Funds में यह अवधि कम रहती है| ध्यान रखें Exit Load और Exit Load Period हर स्कीम में अलग हो सकता है| अपने Scheme Information Document को पढ़ें या ValueResearchOnline पर भी यह जानकारी पा सकते हैं|
  2. Capital Gains Tax: म्यूच्यूअल फण्ड  बेचने पर आपको टैक्स देना पड़ सकता है| इस बारें में बारीकियां पर इस पोस्ट में चर्चा की गयी है|

ज़रूर पढ़ें: कितना टैक्स देना पड़ता है Mutual Funds बेचने पर?

अगर आप Regular plan से Direct plan mein switch कर रहे है, इस बात पर ध्यान रखना होगा की आप Exit Load बचा सकें और टैक्स का असर कम कर सकें|

Equity Funds में Regular से Direct plan में कब Switch करें?

Equity Funds में एक साल के बाद निकलने पर exit load नहीं देना होता| ध्यान रखें आपके फण्ड में यह अलग हो सकता है|

इसके साथ ही एक साल के बाद आपको कोई capital gains tax भी नहीं देना होता|

तो आप निवेश को अगर एक साल हो गया है, तो आप उसे Regular से Direct प्लान में Switch कर सकते हैं|

Debt Funds में Regular से Direct plan में कब Switch करें?

Debt Mutual Funds में Exit Load इतनी बड़ी रेशानी  नहीं है|

परन्तु Capital Gains Tax एक बड़ी परेशानी है|

3 साल से पहले बेचने पर मुनाफे पर अपने slab rate (tax bracket) के हिसाब से टैक्स देना होता है|

उसके बाद बेचने पर Long Term Capital Gains tax (20% indexation के adjustment के बाद)  देना पड़ेगा| इस केस में tax liability (टैक्स भार) काफी कम हो सकती है|

तो debt mutual funds में आपको Regular से Direct प्लान में Switch करने से पहले आपको 3 साल तक इंतज़ार करना पड़ सकता है|

मेरी Regular plan में SIP चल रही है| उसे Direct प्लान में कैसे स्विच करूं?

आप SIP Switch नहीं कर सकते|

आपको यह करना चाहिए|

  1. Regular Plan में SIP रोकें (इससे आपके regular प्लान में नए investment रुक जायेंगे)
  2. Direct Plan में नयी SIP चालू करें (नए investment Direct plan में होंगे)
  3. धीरे-धीरे Regular plan में अपने निवेश को Direct Plan में स्विच करें (जैसे की ऊपर ज़िक्र किया गया है)

ध्यान दें SIP की हर किश्त एक नए निवेश की तरह होती है| तो एग्जिट लोड (exit load) और capital gains tax बचाने के लिए इस बात का ध्यान ज़रूर रखें|

पढ़ें: SIP (सिप) द्वारा निवेश के फायदे और SIP (सिप) से जुडी मिथ्यायें

ध्यान रखें

मैंने जो सुझाव दिया है शायद आपके लिए सही न हो| कब Switch करना है इस बात का जवाब आपकी परिस्तिथि के हिसाब से अलग हो सकता है| स्विच करने से पहले अपने Financial Advisor या Chartered Accountant से ज़रूर परामर्श करें|

और पढ़ें: How to Switch from Regular Plan of a MF Scheme to Direct Plan of the same Scheme?

अगर आपको इस विषय में कोई सवाल पूछना है, तो Comments section में पूछ सकते हैं|

Filed Under: Financial Planning, Mutual Funds Tagged With: mutual fund direct plan, mutual funds, regular plan to direct plan in hindi, swtich from regular plan to direct plan hindi, म्यूच्यूअल फण्ड रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में कैसे जाएँ

कितना टैक्स देना पड़ता है Mutual Funds बेचने पर?

Last updated: अगस्त 2, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

जब आप म्यूच्यूअल फण्ड बेचते हैं, तो आपको मुनाफे (capital gain) पर टैक्स देना पड़ता है|

इस पोस्ट में में जानेंगे की म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर कितना टैक्स देना पड़ता है|

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में नए हैं और म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में बिलकुल शुरुआत  से जानना चाहते हैं (basic knowledge), तो इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|

म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर टैक्स दो बातों पर निर्भर करता है:

  1. आपने किस प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया है (type of mutual fund) (Equity या debt म्यूच्यूअल फण्ड)
  2. आपकी निवेश अवधि क्या है (holding period)

आईये देखते हैं की कैसे विभिन्न प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड पर टैक्स लगता है|

ध्यान दें टैक्स आपको केवल मुनाफे (या रिटर्न) पर देना होता है| आपके मूल निवेश कर कोई टैक्स नहीं लगता|


Taxation of Equity Mutual Funds (इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर टैक्स)

आप कितना टैक्स देंगे यह निर्भर करता है की आपने अपने mutual fund units को कितने समय तक होल्ड (hold) किया  हैं|

Long term या short term?


Short Term Capital Gains Tax on Sale of Equity Funds

अगर आप अपने यूनिट्स एक वर्ष से पहले बेच देते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो उस मुनाफे को Short Term Capital Gain माना जाएगा|

इस Short Term Capital Gain पर आपको 15% टैक्स (कर) देना होगा|

Example: आपने 1 जनवरी, 2016 को एक लाख रुपये का निवेश एक Equity फण्ड में किया| आपने सारे units 30 सितम्बर, 2016 को 1 लाख 20 हज़ार रुपये में बेच दिए|

आपको 20 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| क्योंकि आपने अपने units 1 साल से पहले ही बेच दिए, यह मुनाफा Short Term Capital Gain माना जाएगा और आपको इस मुनाफे पर 15% टैक्स देना पड़ेगा|

20,000 X 15% = 3,000 (cess and Surcharge extra)


Long Term Capital Gains Tax on Sale of Equity Funds

अगर आप अपने units एक वर्ष के बाद बेच देते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो उस मुनाफे को Long Term Capital Gain माना जाएगा| Equity Mutual Fund बेचने पर जो Long Term Capital Gain होता है, वह FY2018 तक कर-मुक्त (tax-exempt) है| आपको ऐसे मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं देना होगा|

FY2019 (1 अप्रैल 2018) से  बाद बेचने पर जो long टर्म capital gain होगा, उस पर आपको 10% टैक्स देना होगा|

पढ़ें: इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर मुनाफे पर देना पड़ेगा 10% टैक्स

Example: आपने 1 फरवरी , 2018 को एक लाख रुपये का निवेश एक Equity फण्ड में किया| आपने सारे units 2 फ़रवरी, 2019 को 1 लाख 20 हज़ार रुपये में बेच दिए|

आपको 20 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| क्योंकि आपने अपने units 1 साल के बाद बेचे हैं, यह मुनाफा Long Term Capital Gain माना जाएगा और आपको इस मुनाफे पर कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा|

आपको 20 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| क्योंकि आपने अपने units 1 साल के बाद बेचे हैं, यह मुनाफा Long Term Capital Gain माना जाएगा और आपको इस मुनाफे पर 10% प्रतिशत टैक्स देना होगा|

ध्यान दें ELSS (Equity Linked Savings Scheme) भी एक प्रकार का म्यूच्यूअल फण्ड है और ELSS बेचने पर भी इसी प्रकार आपको टैक्स देना होगा|


Taxation of Debt Mutual Funds (डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर टैक्स)

यहाँ भी टैक्स आपके Holding Period पर निर्भर करता है|


Short Term Capital Gains Tax on Sale of Debt Mutual Funds

अगर आप अपने units 3 वर्ष से पहले बेच देते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो उस मुनाफे को Short Term Capital Gain माना जाएगा| इस Short Term Capital Gain पर आपको अपने tax bracket (slab rate) के अनुसार टैक्स देना होगा.

Example: आपने 1 जनवरी, 2016 को एक लाख रुपये का निवेश एक Equity फण्ड में किया| आपने सारे units 3 सितम्बर, 2018 को 1 लाख 30 हज़ार रुपये में बेच दिए| मान लीजिये आप 30% टैक्स bracket में आते हैं|

आपको 30 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| क्योंकि आपने अपने units 3 साल से पहले ही बेच दिए, यह मुनाफा Short Term Capital Gain माना जाएगा और आपको इस मुनाफे पर 30% (आपके टैक्स bracket) टैक्स देना पड़ेगा|

30,000 X 30% = 9,000 (cess and Surcharge extra)


Long Term Capital Gains Tax on Sale of Debt Mutual Funds

अगर आप अपने units 3 वर्ष के बाद बेच देते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो उस मुनाफे को Long Term Capital Gain माना जाएगा| Debt Mutual Fund बेचने पर Long Term Capital Gain की गणना (Calculate) करने का तरीका अलग होता है|

यहाँ पर आपको indexation benefit मिलता है| सोच यह है की आपके investment की कीमत Inflation की वजह से गिर गयी है|

आप 5 साल पहले 100 रुपये में एक सेब (apple) खरीद सकते थे, पर आज 5 साल बाद वही सेब 140 रुपये का आता है| मैंने सेब का उदाहरण केवल inflation (मुद्रास्फीति) के बारे में दर्शाने की लिए किया है|

सरकार आपके investment में जो बढ़त inflation के वजह से हुई है, उसे टैक्स नहीं करती|

Income Tax Department एक Cost Inflation Index बना कर रखता है|

Example: आपने 1 जनवरी, 2010 को एक लाख रुपये का निवेश एक Equity फण्ड में किया| आपने सारे units 3 सितम्बर, 2015 को 1 लाख 70 हज़ार रुपये में बेच दिए| मान लीजिये आप 30% टैक्स bracket में आते हैं|

आपको 70 हज़ार रुपये का मुनाफा हुआ| परन्तु Long Term Capital Gain calculate करने का तरीका यहाँ पर अलग है| आपने खरीदा FY 2011 में है और बेचा FY 2016 में है|

Cost Inflation Index for  FY 2011: 711

Cost Inflation Index for  FY 2016: 1081

आपकी investment के खरीदने के price को इस के हिसाब से बढ़ाया जाएगा|

टैक्स calculate करने के लिए अब आपका cost होगी: 1 लाख x 1081/711 = 1.52 लाख

Long Term Capital Gain = 1.7 लाख – 1.52 लाख = 18 हज़ार रुपये

इस मुनाफे पर आपको 20% टैक्स देना होगा|

18,000 X 20% = 3,600 (cess and Surcharge extra)


Dividends पर कितना टैक्स देना होता है?

कई बार आपको आपका म्यूच्यूअल फण्ड Dividend भी अदा करता है|

यह dividend किस तरह टैक्स होता है?

Equity Mutual Funds या Debt Mutual Funds पर जो dividend मिलता है, उस पर आपको टैक्स नहीं देना होता|

परन्तु म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी को आपको dividend बांटने से पहले Dividend Distribution tax देना पड़ता है| और यह आपके पैसे से ही आता है|

भाग्यवश Equity Mutual Funds में DDT नहीं देना होता| FY2018 तक इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड से मिलने वाले dividend पर कोई DDT नहीं है| FY2019 से मिलने वाले dividend पर 10% DDT लगेगा|

परन्तु Debt Mutual Funds में 25% DDT होता है| Cess और Surcharge मिला कर यह 28.84% (FY2019 से 29.12%) हो जाता है| तो समझ लिए की आपको अगर 10 रुपये का dividend मिला है तो, आपके mutual fund की NAV 12.88 रुपये गिर जायेगी|

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018

टैक्स की यह दरें 1 अप्रैल 2018 से लागू होंगी|


यह ध्यान रखें

जब तक आप mutual funds नहीं बेचते, तब तक आपके ऊपर कोई tax liability नहीं आती| इसका मतलब आप अपने mutual fund यूनिट्स नहीं बेचते, तब तक आपको टैक्स की चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है|

ज़रूरी नहीं है की आपको मुनाफा ही हो, आपको नुक्सान भी हो सकता है| उस केस में आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा| आप इस नुकसान को किसी और फ़ायदे के साथ adjust कर सकते हैं| यह विषय किसी और पोस्ट में समझेंगे|

Systematic Investment Plan (SIP) केवल एक निवेश करने का तरीका है|

SIP रोकने या बंद करने पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

टैक्स केवल म्यूच्यूअल फण्ड की units को बेचने पर देना होता है| आपके investment की तारिख SIP शुरू करने की तारिख नहीं मानी जाती| टैक्स नियमों के हिसाब से हर SIP installment एक नए निवेश की तरह है|

मान लीजिए आपने एक equity fund में SIP चलाई है| जो units आपने 15 जनवरी 2016 की SIP installment के द्वारा खरीदीं हैं उनका 1 साल 15 जनवरी 2017 को पूरा होगा|

जो units आपने 15 फरवरी 2016 की SIP installment के द्वारा खरीदीं हैं उनका 1 साल 15 फरवरी 2017 को पूरा होगा| टैक्स भी उसी हिसाब से लगेगा|

Filed Under: Mutual Funds, Tax Planning Tagged With: elss mutual fund, mutual funds, tax on sale of mutual funds, टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फण्ड, म्यूच्यूअल फण्ड में टैक्स

कैसे निवेश करें Mutual Fund Direct Plans (म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान) में?

Last updated: अगस्त 2, 2018 | by दीपेश 4 Comments

हमने पिछली पोस्ट में देखा था की आप किस तरह Mutual Fund Direct Plans (म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान) में निवेश करके उसी स्कीम के Regular plan से बेहतर रिटर्न्स पा सकते हैं|

अगर आप लम्बी अवधि (long term) के लिए निवेश कर रहे हैं, तो जमा राशि (Direct plan vs. Regular plan) में अंतर काफी बड़ा हो सकता है| इसका मतलब की अगर आप बराबर पैसा एक ही स्कीम के रेगुलर और डायरेक्ट प्लान में निवेश करते हैं,  तो डायरेक्ट प्लान में ज्यादा पैसा जमा हो जाएगा (रेगुलर प्लान के मुकाबले)|

पढ़ें: क्या होते हैं म्यूच्यूअल फंड डायरेक्ट प्लान? क्या अंतर है डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में?

वैसे, अगर आप म्यूच्यूअल फंड के बारे में शुरुआत  (mutual fund basics) से समझना चाहते हैं , तो इस पोस्ट (म्यूच्यूअल फण्ड क्या हैं? Mutual Fund Basics in Hindi को अवश्य पढ़ें|

अब सवाल आता है की: Mutual Funds के Direct Plans में निवेश कैसे करें? म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में कैसे निवेश करें?

आइये इस पोस्ट में देखते है की आप किन तरीकों से Mutual Funds के Direct Plans में निवेश  कर सकते हैं|


कैसे निवेश करें म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में? How to invest in Mutual Fund Direct plans?

दो तरीकें है:

  1. Offline (पेपर फॉर्म भर कर)
  2. Online (website के द्वारा)

मैं online (ऑनलाइन) निवेश करना पसंद करता हूँ|  

अगर आप Mutual Fund Direct Plans में ऑनलाइन (Online) निवेश नहीं करना चाहते हैं

अगर आप ऑनलाइन (online) म्यूच्यूअल फंड्स नहीं खरीदना चाहते, तो आप Direct plans में निम्नलिखित तरीकों से निवेश कर सकते हैं|

  1. अपने शहर में म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी की निकटतम (nearest) branch (शाखा) में जा कर| जैसे की, आप HDFC Mutual Fund की branch में जा कर फॉर्म भर सकते हैं| ध्यान रखें आपको HDFC Mutual Fund की शाखा में जाना है, HDFC बैंक की शाखा में नहीं| अगर आप HDFC Bank की शाखा  में जायेंगे, तो आप Regular plan में ही निवेश कर पायेंगे| डायरेक्ट प्लान में निवेश नहीं कर पायेंगे|

इसमें बस एक परेशानी है की आपको अगर कई Mutual Fund कंपनी के साथ निवेश करना है, तो सबकी शाखाओं में जाना                पड़ेगा|

  1. अपने शहर में निकटम CAMS या Karvy के ऑफिस में जा कर| वहां आपको सारे फॉर्म्स मिल जायेंगे| आप कई mutual funds में एक ही जगह से निवेश कर सकते हैं|
  2. MF Utility से साथ रजिस्टर करने के बात आप अपने फॉर्म भर कर CAMS या Karvy office में जमा कर सकते हैं|

अगर आप Mutual Fund Direct Plans में ऑनलाइन (Online) निवेश करना चाहते हैं

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में ऑनलाइन निवेश  करने के इच्छुक हैं ,तो आपके पास काफी सारे विकल्प हैं|

बहुत सारी वेबसाइट हैं, जिनकी मदद से आप म्यूच्यूअ फण्ड के Direct plans में निवेश कर सकते हैं|

  1. आप Mutual Fund House की वेबसाइट पर जा कर सकते हैं (मुफ्त)
  2. MF Utility (मुफ्त)
  3. BharosaClub
  4. CAMSOnline/MyCAMS (मुफ्त)
  5. ClearFunds
  6. Expowealth
  7. Invezta
  8. Kuvera
  9. MoneyFront
  10. OroWealth
  11. Piggy (केवल App है)
  12. Savvy
  13. Unovest
  14. Upraise
  15. WealthTrust
  16. WixiFi
  17. Zerodha Coin

सौजन्य: www.PersonalFinancePlan.in

आप इन वेबसाइट  पर जा कर रजिस्टर कर सकते है, उसके बाद जो आपको अच्छा लगे, उस website के माध्यम से निवेश कर सकते हैं|

ध्यान रखें यह वेबसाइट कुछ भी कमीशन नहीं कमाती (क्योंकि Direct plans में Commission नहीं होते), इसीलिए इन वेबसाइट की कुछ फीस होगी, जो आपको भरनी होगी|

परन्तु फीस (fees) commissions के मुकाबले काफी कम होगी, खासकर अगर आपका पोर्टफोलियो काफी बड़ा है|

अगर आप खुद Mutual Fund Schemes का चयन कर सकते हैं

तो अब देरी किस बात की है, अगर आप स्वयं Mutual Fund Schemes का चुनाव कर सकते है, तो जल्दी से Direct plans में निवेश करना शुरू करें|

Go Direct.

परन्तु, अगर आपको म्यूच्यूअल फंड्स के चयन में सहायता चाहिए, तो अपने लोकल डिस्ट्रीब्यूटर (Distributor) से बात करें और Regular Plan में निवेश करें|

अन्यथा आप एक SEBI Registered Investment Adviser से भी परामर्श कर सकते हैं, इसके बाद म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान  में निवेश कर सकते हैं|

म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में अन्य उपयोगी पोस्ट

अगर पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कैसे शुरू करें?

म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते समय इन गलतियों से बचें

म्यूच्यूअल फण्ड सिप (SIP) क्या है? क्या हैं म्यूच्यूअल फण्ड सिप के फायदें?

म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर कितना टैक्स देना पड़ता है?

Filed Under: Mutual Funds Tagged With: investment direct plan, mutual fund direct plan, mutual fund direct plan in hindi, mutual funds, muutal fund regular vs direct plan in hindi, म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में निवेश कैसे करें

क्या आपको Mutual Fund Direct Plans में निवेश करना चाहिए?

Last updated: अगस्त 2, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

पिछले कुछ महीनों या सालों में आपने Mutual Funds के Direct Plans के काफी सुना होगा|

काफी पर्सनल फाइनेंस के विशेषज्ञों की राय है की आपको Mutual Funds के Direct Plans में निवेश करना चाहिए और बेहतर रिटर्न्स पाने चाहियें|

आइये जानने की कोशिश करते हैं की:

  1. Mutual Fund Direct plans (म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान) क्या होते है?
  2. एक म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम के Direct plan और Regular plan में क्या अंतर होता है?
  3. Direct plan और Regular plan के रिटर्न्स में कितना अंतर हो सकता है?
  4. क्या आपको डायरेक्ट प्लान्स में निवेश करना चाहिए या रेगुलर प्लान  में?
  5. कैसे पता लगायें की आप Direct Plan में निवेश करते हैं या Regular प्लान में?
  6. Mutual Fund Direct Plans में कैसे निवेश करें? म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में कैसे निवेश करें?

वैसे, डायरेक्ट और रेगुलर प्लान से पहले अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड की बिलकुल बुनियादी जानकारी (basic knowledge) पाना चाहते हैं, इस पोस्ट (म्यूच्यूअल फण्ड क्या है? Mutual Fund in Hindi) को पढ़ें|

क्या होते हैं Mutual Fund के Direct plans और Regular Plans?

हर म्यूच्यूअल फण्ड- स्कीम Direct और Regular प्लान में उपलब्ध होती है|

Direct plan में आप सीधे Mutual Fund company के साथ निवेश करते हैं|

Regular plan में आप एक म्यूच्यूअल फण्ड Distributor की सहायता लेते है|

उदाहरण: Birla Sun Life Frontline Equity Fund Regular (रेगुलर) और Direct (डायरेक्ट) प्लान दोनों में विकल्पों ही उपलब्ध है|

क्या अंतर है एक Mutual Fund के Direct और Regular Plan में?

दोनों प्लान्स में एक ही फण्ड मेनेजर आपके पैसे को मैनेज करता है|

दोनों प्लान्स में पोर्टफोलियो से एक सामान होता है|

बस एक ही अंतर होता है|

Regular plans में intermediary (एजेंट या MF Distirbutor) की मौजूदगी होती है|

एक Mutual Fund Distributor इन्वेस्टर को फण्ड के चयन में और फण्ड खरीदने में मदद करता है|

इस प्रयास (effort) के लिए Mutual Fund कंपनी Distributor को कमीशन (commission) देती है|

हालांकि आपको अपनी तरफ से कुछ भी नहीं देना होता, यह कमीशन आपके पैसे में से ही दिया जाता है|

एक बात का और ध्यान रखें, कमीशन केवल निवेश करते समय नहीं दिया जाता| जब तक आप निवेशित रहेंगे, तब तक कमीशन दिया जाएगा|

Direct प्लान्स में कमीशन का कोई सवाल नहीं उठता| म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में कोई कमीशन नहीं दिया जाता|

कमीशन न होने की वजह से Direct Plan का expense ratio (एक्सपेंस रेशो) Regular plan के expense ratio से कम होता है|

इसी वजह से Direct plans Regular plans से बेहतर रिटर्न्स देते हैं|

म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान उसी स्कीम के रेगुलर प्लान से बेहतर रिटर्न देते हैं|

ध्यान रखें किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम का Direct plan उसी स्कीम के Regular प्लान से ज्यादा रिटर्न्स देगा|

Direct और Regular plans में रिटर्न्स में कितना अंतर होता है?

म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट और रेगुलर प्लान के रिटर्न में कितना अंतर होता है?

कोई Constant (स्थिर) अंतर नहीं है|

हर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम का अलग होता है|

अमूमन, equity funds में यह अंतर 0.5% p.a से 1% p.a तक होता है|

Debt म्यूच्यूअल फंड्स में यह अंतर कम होता है|

ऊपर मैंने Birla Sun Life Frontline Equity Fund का ज़िक्र किया था|

आईये देखते हैं की इस फण्ड के Direct और Regular Plan में निवेश करने पर कितना अंतर आता है|

Direct Plans जनवरी 1, 2013 को शुरू किये गए थे|

मान लिए आपने 1 लाख रुपये इस स्कीम के Direct और Regular प्लान्स में निवेश किया जनवरी 1, 2013 को|

आईये देखते हैं दिसंबर 31, 2016 (4 साल बाद) को इस निवेश की मूल्य क्या होता|

Birla Sun Life Frontline Equity Fund- Direct Plan: 1.76 लाख (Annual Return: 15.21%)

Birla Sun Life Frontline Equity Fund- Regular Plan:  1.70 लाख (Annual Return: 14.21%)

Direct प्लान में आपने 6,000 रुपये ज्यादा बनाएं.

यह अंतर केवल चार साल के लिए है.

अगर माने की रिटर्न्स में यह अंतर इसी तरह कायम रहेगा, तो 20 बाद यह अंतर  6,000 रुपये से बढ़कर 2.73 लाख रुपये हो जाएगा|

अब आपको अंदाजा होगा की आपका कितना पैसा कमीशन की वजह से चला जाता है|

यह अंतर केवल 1 लाख रुपये के निवेश पर है| अगर आपने 10 लाख रुपये निवेश किया होता, हो यह अंतर 20 साल बाद 27.3 लाख रुपये होता|

अब यह आपको देखना होगा की यह अंतर बड़ा है या छोटा|

मेरे विचार में यह काफी बड़ा अंतर है|

आपको म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में निवेश करना चाहिए या रेगुलर प्लान में?

इस सवाल का जवाब मुश्किल नहीं है|

आपको Mutual Fund Direct Plans में निवेश करना चाहिए.

अगर आप स्वयं म्यूच्यूअल फण्ड का चयन कर सकते हैं, तब तो आपको Direct plans में ही निवेश करना चाहिए| Regular plans में निवेश करना अच्छा निर्णय नहीं होगा|

परन्तु अगर आप खुद चुनाव नहीं कर सकते और आपको मदद चाहिए, तो आप एक SEBI Registered Investment Adviser से सलाह लें| उसके बाद आप Direct plan में निवेश कर सकते हैं|

अगर आप SEBI RIA की मदद भी नहीं लेना चाहते और खुद फंड्स नहीं चुन सकते, तो बेहतर होगा की आप एक Mutual Fund Distributor के माध्यम से रेगुलर प्लान में निवेश करें.

कैसे पता लगायें की आप Direct Plan में निवेश करते हैं या Regular प्लान में?

बहुत आसान है|

Direct Plans में स्कीम के नाम के आगे Direct लगा होता है|

जैसे, HDFC Balanced Fund- Direct plan-Growth

आप अपना statement देख कर चेक सकते हैं|

आप Regular Plan में इन्वेस्ट कर रहे हैं अगर:

  1. आप किसी distributor की मदद से निवेश कर रहे है
  2. अगर आप अपने Bank Branch (शाखा) में जा कर निवेश करते हैं
  3. अगर आप “Free” websites (FundsIndia, ICICIDirect etc) के माध्यम से निवेश कर रहे हैं

Mutual Fund Direct Plans में कैसे निवेश करें?

म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में आप ऑफलाइन (पेपर फॉर्म भरकर) या ऑनलाइन (online) दोनों तरीकों से निवेश कर सकते हैं| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में कैसे निवेश करें?) को पढ़ें|

Filed Under: Mutual Funds Tagged With: direct plans, mutual fund direct plan, mutual fund direct plan in hindi, mutual funds, regular plan vs direct plan in hindi, म्यूच्यूअल फण्ड डायरेक्ट प्लान में निवेश कैसे करें

Primary Sidebar

HindiFinance

Subscribe on Youtube




Join our Newsletter
Enter your email address and click on the Get Instant Access button.
Thank you for subscribing.
Something went wrong.
I agree to have my personal information transfered to MailChimp ( more information )
We respect your privacy

For any guest posts or advertising queries, please write to us at hindifinance@gmail.com

Popular Posts

  • अटल पेंशन योजना की पूरी जानकारी (Atal Pension Yojana in Hindi) (2022)
  • सुकन्या समृद्धि योजना की पूरी जानकारी (Sukanya Samriddhi Yojana 2019)
  • नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बारें में पूरी जानकारी (Complete Information about NPS in Hindi)
  • PPF खाते के बारे में पूरी जानकारी (Complete Information about PPF Account in Hindi)
  • कौन से हैं 5 सबसे अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Term Life Insurance Plan)?

(c) Copyright 2025 www.HindiFinance.com | Privacy Policy