• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

HindiFinance.com

आपका पर्सनल फाइनेंस ब्लॉग आसान हिंदी में




  • Life Insurance
  • Mutual Funds
  • Financial Planning
  • NPS
  • PPF
  • Tax Planning
  • Aadhaar
  • LIC
  • Loans

टैक्स बचत के तरीके

Follow @hindifinance

घर या मकान बेचने पर कैसे बचाएं टैक्स?

by दीपेश Leave a Comment

बहुत से लोग निवेश के लिए मकान खरीदते हैं| निवेश के अलावा भी किसी कारण आपको मकान को बेचना पड़ सकता है| किसी मकान या घर को बेचने पर आपको अगर मुनाफा हुआ है, तब आपको उस मुनाफे पर टैक्स देना होगा|

आज चर्चा करेंगे की कैसे आप मकान बेचने पर होने वाले मुनाफे पर टैक्स बचा सकते हैं| How to save tax on sale of house?

आप सभी प्रकार की मुनाफे पर टैक्स नहीं बचा सकते

अगर आप अपने घर या मकान को 2 वर्ष से पहले बेचते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो इस मुनाफे को short-term capital gain (शोर्ट-टर्म कैपिटल गेन) माना जाएगा| ऐसे मुनाफे पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा| इस तरह को मुनाफे को बचाने का कोई तरीका नहीं है| आपको टैक्स देना ही होगा|

अगर आप अपने मकान को 2 वर्ष के बाद बेचते हैं और आपको मुनाफा होता है,तो ऐसे मुनाफे को long term capital gain माना जाएगा| ऐसे मुनाफे पर आपको 20% टैक्स देना होगा|ध्यान दें मुनाफे की गणना करते समय आपको indexation का लाभ मिलेगा| Long Term Capital Gains on sale of house taxed at 20% after indexation| अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स बचाया जा सकता है| आईये जानते हैं कैसे|

घर या मकान को बेचने पर होने वाले पर 2 तरीके से टैक्स बचाए जा सकता है|

#1 पहला तरीका: दूसरा मकान खरीदने पर (Section 54)

आप जितना भी मुनाफा हुआ है,

  1. उसको मकान बेचने के एक वर्ष पहले या दो वर्ष बाद तक आपने कोई मकान खरीदा है, तो आपको टैक्स से छूठ मिल सकती है| Purchase a new house within one year before or within 2 years after the date of sale of the old house
  2. उस मुनाफे से अगर आपने मकान बेचने के 3 वर्ष के भीतर नया मकान बना लिया है, तब भी आपको टैक्स से छूठ मिल सकती है| Construct a new house within 3 years from the date of sale of the old house

एक उदहारण से समझते हैं|

मान लिए आपने मकान बेचा है और आपको 20 लाख रुपये का मुनाफा (long term capital gain after indexation) होता है|

अगर आपने मकान बेचने से एक वर्ष पहले या दो वर्ष बाद तक कोई मकान खरीदा है (या बेचने के 3 वर्ष के भीतर नया घर बनाया है), तो आपको टैक्स में कुछ छूठ मिल सकती है|

अगर आपने नया घर 30 लाख रुपये का खरीदा है, तो आपको मुनाफे (20 लाख) के किसी भी हिस्से पर टैक्स नहीं देना होगा|

अगर आपके घर 15 लाख रुपये का खरीदा है, तो आपको 15 लाख रुपये के मुनाफे पर छूठ मिलेगी| बचे हुए 5 लाख रुपये के मुनाफे (20 लाख – 15 लाख) पर 20% टैक्स देना होगा|

इन बातों का रखें ख्याल

  1. आप नए मकान को 3 वर्ष से पहले नहीं बेच सकते| अगर बेचते हैं,तो टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|
  2. आपके मकान खरीदने या बनाने के लिए 2 या 3 वर्ष का समय है|परन्तु अगर आप वित्तीय वर्ष की रिटर्न भरने की तारिख तक मकान खरीद या बना नहीं पाते, तो आपको मुनाफे को कैपिटल गेन्स अकाउंट (Capital gains account) में जमा करना होगा| यह अकाउंट आप किसी भी सरकारी बैंक में खोल सकते हैं| स्टेट बैंक की वेबसाइट पर अधिक जानकारी पाईए|
  3. मान लिए आपने 15 नवम्बर 2018 (FY2019) को मकान बेचा है| FY2019 के रिटर्न भरने की आखरी तारिख 31 July 2019 है| अगर आप जुलाई 31 2019 तक नया मकान खरीद या बना नहीं पाते और टैक्स बेनिफिट लेना चाहते हैं, तब आपको यह पैसा capital gains account में जमा करना होगा|घर बनाने या खरीदने के लिएआप यह पैसा निकाल सकते हैं|

#2 दूसरा तरीका (NHAI or REC के बांड खरीद कर) (Section 54 EC)

आप मकान बेचने पर हुए Long term capital gain को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) या रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कंपनी (REC) के बांड खरीद कर भी बचा सकते हैं| इन बांड्स को कैपिटल गेन बांड भी कहा जाता है|

इन बातों का रखें ख्याल

  • आपको मकान बेचने के 6 महीने के भीतर इन बांड में निवेश करना होगा|
  • ध्यान दें इन बांड में 5 वर्ष का लॉक-इन होगा| इसका मतलब आप इन बांड से 5 वर्ष से पहले पैसा नहीं निकाल सकते|
  • आप इन बांड में प्रति वित्तीय वर्ष 50 लाख रुपये से ज्यादा निवेश नहीं कर सकते|
  • आपको इन बांड पर ब्याज भी मिलेगा| ब्याज बदलता रहता है| आप 5-6% p.a. के ब्याज की उम्मीद कर सकते हैं| ब्याज पर आपको टैक्सदेना होगा| अधिक जानकारी के लिए NHAI और REC की वेबसाइट पर जाएँ|

Source: www.PersonalFinancePlan.in

पढ़ें: इनकम टैक्स बचाने के 35 तरीके

Filed Under: Tax Planning, बिना श्रेणी Tagged With: save tax, taxes, इनकम टैक्स बचत, घर बेचने पर टैक्स कैसे बचाएँ, टैक्स कैसे बचाएं, टैक्स बचत के तरीके

मकान के किराए पर कैसे बचा सकते है इनकम टैक्स? (HRA, Section 80GG)

Last updated: फ़रवरी 27, 2019 | by दीपेश 19 Comments

काफी लोग होम लोन पर टैक्स बेनिफिट के बारे में जानते हैं| मूल भुगतान (principal repayment) के लिए धारा 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है| ब्याज के भुगतान (interest payment) के लिए 2 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है|

अब घर लेना तो सबके बस की बात नहीं| मकानों के दाम आसमान छू रहे हैं| इसीलिए हम में से काफी लोग किराये पर भी रहते हैं|

अच्छी बात यह है की किराए पर रहने पर भी आपको कुछ टैक्स बेनिफिट मिलते हैं| इसका मतलब अगर आप किराए पर रहते हैं, टी दिए गए किराए पर कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

आईये जानते हैं की क्या हैं यह टैक्स बेनेफिट्स

1. House Rent Allowance (HRA या एचआरए) मकान किराया भत्ता

यदि आप कहीं नौकरी करते हैं, तो आप इस बारे में शायद पहले से ही काफी जानते हों।

HRA आपके वेतन का एक हिस्सा होता है| आप अपनी सैलरी स्लिप पढ़ कर इस बारे में जान सकते हैं|

एचआरए पर टैक्स बेनिफिट धारा 10 (13A) और आयकर अधिनियम के नियम 2A के तहत मिलता है।

ध्यान दें पूरा HRA टैक्स-मुक्त नहीं होता है| कुछ ही हिस्से पर छूट मिलती है|

आईये देखते हैं, कैसे गणना की जाती है आपको मिलने वाली टैक्स छूठ की|

पहले इन तीन संख्यायों का पता लगायें|

  1. House Rent Allowance (HRA या मकान किराया भत्ता)
  2. Rent – 10% of Basic Salary (किराया – मूल वेतन का 10%)
  3. 40% of Basic Salary. If you are staying in a metro city, 50% of Basic Salary (मूल वेतन का 40%), यदि आप मेट्रो शहर (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रह रहे हैं तो सीमा 50% मूल वेतन है)

इन तीन संख्यायों में जो सबसे कम है, उस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है|

आईये उदहारण की सहायता से समझते हैं|

अमित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता है।

उसकी बेसिक सैलरी 60,000 रुपये प्रति माह है|

उसे  HRA के रूप में 45,000 रुपये प्रति माह प्राप्त होता है। वह एक किराए के घर में रहता है और प्रति माह 40,000 रुपये का किराया देता है।

अगर आप किसी मेट्रो सिटी में नहीं रहते हैं

tax benefit rent HRA section 80 GG 1 टैक्स बचत टैक्स सेविंग taxes

अगर आप किसी मेट्रो सिटी में रहते हैं

आप एचआरए को देख सकते हैं, जिस शहर में आप रह रहे हैं, उस पर निर्भर करता है।

इसलिए, यदि अमित 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और मुंबई में रहते हैं, तो वह आयकर की कीमत (360,000 रुपये का 30%) = 1.2 लाख (सेस को छोड़कर) बचाएंगे। यह एक महत्वपूर्ण राशि है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के 15 आसान तरीके

इन बातों का ख्याल रखें

  1. एचआरए आपकी सैलरी (वेतन) का हिस्सा होना चाहिए| इसका मतलब आपकी सैलरी स्लिप (salary structure) में HRA दिखना चाहिए (आपके फॉर्म 16 में दिखना चाहिए)
  2. आप एचआरए के तहत टैक्स बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जबकि आप एक किराए के घर में रह रहे हों| यदि आप अपने घर में रह रहे हैं तो आपको HRA पर कोई टैक्स लाभ नहीं मिलेगा। पूरे HRA पर टैक्स देना होगा|
  3. आपकी टैक्स छूठ के बाद जो एचआरए का अतिरिक्त हिस्सा है, उस पर आपको अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।
  4. निजी क्षेत्र में कुछ कंपनियां आपको वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अपने वेतन का ढांचा (सैलरी structure) चुनने का विकल्प देतीं है| आप इस एचआरए के कैलकुलेशन को ध्यान में रखते हुए अपने लिए HRA चुन सकते हैं और अधिक टैक्स बचा सकते हैं।
  5. एचआरए (HRA) पर टैक्स छूठ मासिक आधार (monthly basis) पर है। इसका मतलब 12 महीनों की छूठ को मिला पूरे साल की छूठ की गणना होती है| यदि आपका वेतन और किराया वित्तीय वर्ष के दौरान स्थिर रहता है, तो यह पहलू कुछ भी प्रभावित नहीं करेगा। परन्तु, यदि वेतन या किराए में साल के बीच में परिवर्तन होता है, तो पहले हर महीने की गणना करनी होगी। उसके बाद आप पूरे साल का निकाल सकते हैं|

मैं अपने माता-पिता के घर में रहता हूँ| क्या मैं एचआरए का टैक्स बेनिफिट ले सकता हूँ?

हां, आप यह कर सकते हैं। पर माता पिता को किराया ज़रूर दें। बेहतर होगा की माता-पिता के बैंक खाते में किराया जमा करें और रसीद भी लें|

इससे पूरा रिकॉर्ड बना रहेगा और अगर आयकर विभाग इस बात पर सवाल उठाता है, तो आपके पास प्रमाण होगा|

और हाँ, आपके माता-पिता के आयकर रिटर्न में इस किराये की आय दिखनी चाहिए।

क्या मैं अपने पति या पत्नी को घर का किराया देकर टैक्स बेनिफिट ले सकता/सकती हूँ?

मतलब घर आपके पति या पत्नी के नाम पर है और आप उन्हें किराया दे रहे हैं|

ऐसा न करें, तो बेहतर हैं| फंस सकते हैं| आयकर विभाग इस बात पर सवाल उठा सकता है|

मैं और मेरी पत्नी दोनों जॉब करते हैं| किराया भी देते हैं| क्या HRA का टैक्स बेनिफिट दोनों ले सकते हैं?

हां, आप दोनों HRA का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

पर कुछ बातों का ख्याल रखें|

केवल उतना ही टैक्स बेनिफिट लें, जिसका भुगतान आप कर रहे हैं| मान लिए कुल किराया 30,000 रुपये है| आप 20,000 रुपये का भुगतान कर रहे हैं और आपकी पत्नी 10,000 रुपये का भुगतान कर रहीं हैं| आपको बराबर भुगतान करने की कोई ज़रुरत नहीं हैं|

जब HRA बेनिफिट को कैलकुलेट करें, तो आप 20,000 रुपये किराया मानें और आपकी पत्नी 10,000| आप दोनों 30,000 रुपये किराया नहीं मान सकते|

बेहतर होगा की बैंक में पैसे ट्रान्सफर करने का पूरा रिकॉर्ड हो| अगर पूरा किराया आप ही देते हैं, तो अपनी पत्नी से हर महीने 10,000 रुपये आपके खाते में ट्रान्सफर करने हो कहें|

यदि संभव हो तो, मकान मालिक से दो रसीदें लें।

मैंने होम लोन के माध्यम से एक घर खरीदा है, परन्तु किराए के घर में रहता हूँ|

ऐसी स्तिथि में आप होम लोन और HRA दोनों पर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

पर हाँ, ऐसा न हो की आप बस टैक्स बचने के लिए ही किराए पर रह रहे हों| अगर आपका अपना घर और किराय्व वाला घर बहुत आस-पास हैं, तो आयकर विभाग इस पर सवाल उठा सकता है|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस खरीदकर बचीयें इनकम टैक्स

2. Section80 GG (Self Employed लोगों के लिए)

अब मान लिए की:

  1. आप सेल्फ-एम्प्लोयेड (self-employed) हैं, तो आपको HRA मिलेगा ही नहीं| तो आप टैक्स बेनिफिट कैसे लेंगे?
  2. यह भी हो सकता है की आपका एम्प्लायर आपको HRA देता ही न हो| इसका मतलब HRA आपकी सैलरी का हिस्सा नहीं है| आप टैक्स बेनिफिट कैसे लेंगे?

ऐसे लोगों के लिए भी सरकार ने घर के किराए पर कुछ राहत दी है|

यह राहत Section 80GG के तहत दी गयी है।

आईये देखते हैं ली आपको कितनी राहत मिलती है|

पहले इन तीन राशियों को कैलकुलेट करिए

  1. Rs. 5,000 per month (प्रति माह 5,000 रुपये, 60,000 रुपये प्रति वर्ष)
  2. 25% of Total Income (कुल आय का 25%)
  3. Rent – 10% of Total Income (किराया – कुल आय का 10%)

अब तीनों राशियों में जो भी सबसे कम है, आपको उतना लाभ मिलेगा|

तो आप देख सकते हैं की अधिकतम लाभ 60,000 रुपये तक सीमित है|

पर हाँ, यह लाभ पाने के लिए आपको कुछ शर्तें पूरी करनी होगी|

  1. जिस शहर में आप काम कर रहे हैं, वहां आपके, आपके पति / पत्नी या नाबालिग बच्चे के नाम पर कोई मकान नहीं होना चाहिए।
  2. आपके पास किसी अन्य स्थान पर कोई मकान (self-occupied property) नहीं होनी चाहिए|
  3. आपने पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान HRA नहीं मिलना चाहिए। यदि आप वित्तीय वर्ष में 1 महीने के लिए कार्यरत थे (और एचआरए का फायदा उठाते हैं) और शेष अवधि में स्व-नियोजित (self-employed) थे, तो आप धारा 80 GG के तहत टैक्स लाभ नहीं ले सकते।

कटौती धारा 80GG का दावा करने के लिए, आपको फार्म 10 BA के तहत बताना होगा।

Filed Under: Tax Planning Tagged With: टैक्स बचत, टैक्स बचत के तरीके, टैक्स बचाने के तरीके, मकान के किराए पर टैक्स बचत

सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स बचाने के 15 आसान तरीके

Last updated: दिसम्बर 28, 2017 | by दीपेश 6 Comments

जैसे जैसे वित्तीय वर्ष का अंत निकट आता है, वैसे ही हमारी टैक्स बचत के तरीकों की खोज शुरू हो जाती है| अब टैक्स बचाने के कई तरीके हैं|

आपको क्या करना चाहिए? टैक्स कैसे बचाएँ?

सभी के लिए शायद एक ही सुझाव सही नहीं हो सकता| सब को अपनी परिस्थितियों के अनुसार निवश के विकल्प को चुनना चाहिए’|

पिछली पोस्ट में मैंने हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदने पर जो टैक्स बेनिफिट मिलते हैं उस पर चर्चा करी थी|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस (स्वाश्थ्य बीमा) खरीदने पर कितना टैक्स बचा सकते हैं?

इस पोस्ट में मैं चर्चा करूंगा Section 80C के तहत मिलने वाले टैक्स बचत के बारे में| जानेंगे की धारा 80C के तहत आपके पास क्या हैं टैक्स बचत के तरीके|

धारा 80 C  के योग्य योग निवेश उत्पादों में निवेश कर आप अपनी कर योग्य आय को 1.5 लाख तक से घटा सकते हैं। 30% टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए इस मतलब है 46,350 रुपये की बचत|

कृपया ध्यान दें कि आप प्रति वर्ष 80 C उत्पादों में 1.5 लाख से अधिक भी निवेश कर सकते हैं। परन्तु कर लाभ केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा।

उदाहरण के लिए, आपने पीपीएफ में 50,000 रुपये, ईपीएफ में 60,000 रुपये और ईएलएसएस में 1 लाख रुपये का निवेश किया है। हालांकि कुल निवेश 2.1 लाख रुपये है, धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा

आमतौर पर, सभी धारा 80 C  के सभी टैक्स बचत के तरीकों में  लॉक-इन होता है। इसका मतलब कुछ समय तक आपका पैसा अटक जाता है|

आईये कुछ लोकप्रिय निवेश उत्पादों को देखते हैं, जिनमें निवेश करने पर आपको Section 80क के तहत टैक्स बचत का लाभ मिलता है|

#1 पीपीएफ (Public Provident Fund or PPF)

आप अपने, पति/पत्नी या बच्चों के PPF खातों में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है|

माता-पिता या भाई-बहनों के पीपीएफ खाते में निवेश करने पर कोई टैक्स बचत नहीं होती।

पीपीएफ खाता खोलने वाले वित्तीय वर्ष के अंत से 15 वर्षों में परिपक्व होता है| इसलिए, पहले वर्ष का निवेश 15 साल के लिए लॉक हो जाएगा, दूसरे वर्ष का निवेश 14 साल के लिए लॉक हो जाएगा।

पीपीएफ खाता परिपक्व होने पर पांच वर्षों के ब्लाक में खाते की अवधि बढ़ा सकते हैं|

पढ़ें: पीपीएफ खाते के बैर में पूरी जानकारी

पीपीएफ खाते से मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता|

वित्त मंत्रालय हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है।

अभी ब्याज दर 7.6% p.a. हो गयी है|  (January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

पढ़ें: PPF में interest (ब्याज) कैसे कैलकुलेट होता है?


#2 कर्मचारी भविष्य निधि / स्वैच्छिक भविष्य निधि (Employee Provident Fund / Voluntary Provident Fund)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो शायद इसमें आप पहले से ही निवेश कर रहे हैं| राशि स्वचालित रूप (automatically) से आपके वेतन से काट ली जाती है और ईपीएफ में निवेश की जाती है। आप अपनी सैलरी स्लिप की जांच कर सकते हैं कि आप प्रति माह कितना ईपीएफ में निवेश कर रहे है |

एक बात और, अगर आप नौकरी कर रहे हैं, तो शायद आपका EPF में पहले से ही योगदान जा रहा हो| अब क्योंकि ईपीएफ में निवेश करने पर Section 80C के तहत लाभ मिलता है, तो कुछ निवेश तो आपका पहले ही अपने आप हो चुका है| 1.5 लाख की टैक्स सीमा तक पहुचने के लिए आपको केवल बची हुई राशि ही निवेश करनी है| आप बाद में शेष निवेशों की योजना बना सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि केवल आपका  योगदान ही धारा 80 सी के तहत कर लाभ के योग्य है। आपके एम्प्लायरद्वारा आपके EPF में योगदान पर धरा 80C के तहत लाभ नहीं मिलता| आप अपने अनिवार्य ईपीएफ योगदान से अधिक योगदान भी कर सकते हैं। यह योगदान (वीपीएफ) धारा 80 सी के तहत टैक्स बचत के योग्य है।


#3 इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस)

ईएलएसएस एक प्रकार के इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड होते हैं और निवेश करने पर 3 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है| काफी लोग ईएलएसएस को tax-saving mutual fund के नाम से जानते हैं।

ध्यान दे, प्रत्येक निवेश पर 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।

भले ही आप SIP  (सिस्टममैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश कर रहे हों, लेकिन SIP  की प्रत्येक किश्त को 3 साल तक लॉक कर दिया जाएगा। यदि पहली किश्त 15 जनवरी 2018 की है, तो इस किश्त से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 जनवरी 2021 तक खरीदे गए यूनिट्स  को नहीं बेच सकते हैं। दूसरी किस्त (15 फरवरी, 2018) से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 फरवरी, 2021 तक नहीं बेच सकते|

क्योंकि ईएलएसएस (ELSS) यूनिट्स को आप 3 वर्ष से पहले नहीं बेच सकते, तो ऐसी यूनिट्स बेचने पर होने वाले फायदे पर आपको टैक्स नहीं देना होता| ऐसा इसलिए क्योंकि इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स को एक साल बाद बेचने पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

पढ़ें: ईएलएसएस (ELSS) के बारे में कुछ दिलचस्प बातें


#4 टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance)

टर्म लाइफ इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदना का सबसे अच्छा तरीका है|

एक टर्म कवर के साथ आप कम लागत पर काफी अधिक कवर खरीद सकते हैं। अगर आपको कभी कुछ हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में यह राशि आपके परिवार के काफी काम आएगी|

आपके पास हमेशा पर्याप्त जीवन बीमा होना चाहिए।

स्वस्थ 30 वर्षीय पुरुष के लिए 1 करोड़ रुपये के कवर के लिए वार्षिक प्रीमियम लगभग 7,000-10,000 होगा।

ध्यान दें टैक्स बेनिफिट लेने की लिए आपको हर वर्ष नया प्लान लेने की आवश्यकता नहीं है| आपका रिन्यूअल (renewal) प्रीमियम (जो आप पालिसी चालू रखें के लिए हर वर्ष देते हैं) भी धारा 80C के तहत योग्य है|

पढ़ें: 5 बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान


#5 यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, Unit Linked Insurance Plans (ULIPs)

यूलिप जीवन बीमा योजनाओं का एक रूप है, जिसमें निवेश का लाभ भी मिलता है। प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन कवर प्रदान करने की ओर जाता है, जबकि बचा हुआ हिस्सा आपके इच्छा के अनुसार फण्ड में निवेश कर दिया जाता है। पूरे प्रीमियम पर धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।

पांच साल का लॉक-इन होता है। इसका मतलब है कि आप पॉलिसी के प्रारंभ होने की तारीख से पांच साल तक अपना पैसा नहीं ले सकते। इसलिए, आपका पहला वार्षिक प्रीमियम 5 साल के लिए लॉक-इन किया जाएगा, दूसरा प्रीमियम 4 साल के लिए। छठी  किश्त से कोई लॉक-इन नहीं है ।

ध्यान से आप पांचवे वर्ष के अंत तक किसी भी तरह से पैसे नहीं निकाल सकते, भले ही आप अपनी पालिसी को बंद कर दें|

धारा 80 सी के अनुसार, यदि आप लगातार 5 वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो धारा 80 सी के तहत मिले टैक्स लाभ की वापिस ले लिए जाएगा।

पढ़ें: किस प्रकार का जीवन बीमा खरीदें?


#6 पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएं / मनी बैक योजनाएं (Traditional Life Insurance Plan)

मेरे अनुसार ऐसे प्लान से दूर ही रहे| ऐसे प्लान में जीवन बीमा भी कम मिलता है और रिटर्न भी कम होते हैं|यदि आप दो साल के लिए प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो कर लाभ रिवर्स (reverse) कर दिया जाएगा।

पढ़ें: एलआईसी न्यू जीवन आनंद के बारे में पूरी जानकारी

जीवन बीमा पॉलिसियों के बारे में एक बात पर ध्यान दें: यह बात यूलिप और ट्रेडिशनअल इंश्योरेंस प्लान पर भी लागू होती है। बीमित रकम (Sum Assured) के 10% से अधिक वार्षिक प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य नहीं है। यह अप्रैल 1, 2012 के बाद खरीदी गई नीतियों के लिए है।

इसके अतिरिक्त, केवल स्वयं, पति या पत्नी और बच्चों के लिए जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र है। माता-पिता और भाई-बहनों के जीवन बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है।


#7 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट (5-year Tax Saving Fixed Deposit)

आम तौर पर टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (tax saver fixed deposit) के रूप में जाना जाता है।

इस फिक्स्ड डिपाजिट की अवधि 5 वर्ष होती है| इसका मतलब आप पांच साल से पहले इस जमा राशि को नहीं निकाल सकते। मिलने वाले ब्याज पर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के लिए ईएलएसएस और 5-वर्षीय फिक्स्ड डिपाजिट में किसमें करें निवेश?


#8 डाकघर 5-वर्षीय डिपॉज़िट

यह 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट के समान है । यदि 5 साल के अंदर जमा (टूटी हुई) वापस ले लिया जाता है तो कर लाभ वापस कर दिया जाएगा। ऐसे डिपाजिट के लिए ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही (every quarter) घोषणा की जाती है।

ध्यान दे, जो डिपाजिट खोलते समय ब्याज दर है, वही आपको पूरे 5 साल मिलती है| ब्याज दर मिएँ बदलाव का आपके पुराने डिपाजिट पर नहीं पड़ता|

अभी यह दर  7.4% p.a. हो गयी है|(January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#9 राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, National Savings Certificate (NSC)

परिपक्वता (5 वर्ष या 10 वर्ष) से पहले कोई भुगतान नहीं है । समय से पहले पैसे वापसी की अनुमति नहीं है ।

ब्याज कर योग्य है हालांकि, अर्जित ब्याज एनएससी में निवेश को समझा जाता है और धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र है,

इसका मतलब  प्रत्येक वर्ष के ब्याज को एनएससी में निवेश माना जाता है।

वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है|

अभी एनएससी की ब्याज दर (NSC Interest Rate) 7.6% p.a. हो गयी है। (January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#10 वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)

केवल वरिष्ठ नागरिक ही इस योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं। खाता 5 वर्षों में परिपक्व होता है। आंशिक वापसी (partial withdrawal) की अनुमति नहीं है । हालांकि, आप कुछ जुर्माना देकर अकाउंट को 5 वर्ष से पहले  बंद कर सकते हैं। समयपूर्व बंद होने के मामले में टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे।

हर तिमाही वित्त मंत्रालय द्वारा ब्याज दर अधिसूचित की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.3% p.a. चल रही है| (January 1, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में पूरी जानकारी


#11 होम लोन पर प्रिंसिपल रीपेमेंट (Home Loan Principal Repayment)

अगर आपने होम लोन लिया है, तो उस लोन पर principal का भुगतान भी सेक्शन 80C के तहत लाभ के योग्य है|

ध्यान दें आप एक निर्माणाधीन प्रॉपर्टी (under-construction property) के लिए प्रिंसिपल के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते| घर का निर्माण पूर्ण होने के बाद ही आप कटौती का लाभ उठा सकते हैं ।

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए भी पात्र हैं। हालांकि, इस तरह के शुल्क के भुगतान के लिए कर लाभ केवल उस वर्ष में लिया जा सकता है जब आप भुगतान करते हैं।

एक बात और, जिसवर्ष आपको घर का possession मिलता है, उस वित्तीय वर्ष के अंत से 5 साल के भीतर अगर आप घर बेचते हैं, तो आपको मिले टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|


#12 दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस

आप दो बच्चों तक के लिए ट्यूशन फीस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। यदि आपके पास दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप किसी भी दो के लिए दावा कर सकते हैं। भारत में स्थित विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान को फीस का भुगतान किया जाना चाहिए था।

बेनिफिट केवल पूर्णकालिक शिक्षा (full-time education)के लिए भी उपलब्ध है। निजी ट्यूशन, कोचिंग क्लास या किसी अंशकालिक कोर्स के लिए खर्च पात्र नहीं हैं।

अपनी शिक्षा या पति / पत्नी की शिक्षा के लिए खर्च भी टैक्स बेनिफिट के लिए पात्र नहीं है।


#13 सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana Account)

अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो आप अपनी बेटी के लिए यह खाता खोल सकते हैं। खाता 21 वर्ष बाद परिपक्व होगा| आप बेटी की शादी या पढाई के लिए भी पैसा निकाल सकते हैं|

अर्जित ब्याज कर योग्य नहीं है । परिपक्वता राशि भी कर-मुक्त है।

ब्याज दर की घोषणा हर तिमाही पर की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.1% p.a. हो गयी है| (January 1, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में पूरी जानकारी


#14 बीमा कंपनियां से पेंशन योजनाएं (धारा 80 सीसीसी)

बीमा कंपनियों से पेंशन / वार्षिकी योजनाओं में निवेश के लिए आप प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख तक का लाभ ले सकते हैं।

यदि आप परिपक्वता से पहले पेंशन योजनाओं को सरेंडर करते हैं, तो मिलने वाली राशि को उस वर्ष की आयमाना जाएगा और आपको उस पर टैक्स देना होगा।

कृपया ध्यान दें कि धारा 80C और धारा 80 CCC के तहत कुल मिलाकर टैक्स बेनिफिट 1.5 लाख से अधिक नहीं हो सकता।


#15 राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)/ अटल पेंशन योजना (धारा 80 CCD)

अब यहाँ दो हिस्से हैं|

पहला, 1.5 लाख तक सेक्शन 80CCD(1) के तहत| अब यह सेक्शन 80C के तहत लाभ के अन्दर ही आता है|

दूसरा, 50 हज़ार रुपये तक सेक्शन 80CCD(1B) के तहत| यह बेनिफिट सेक्शन 80C के अतिरिक्त है|

अटल पेंशन योजना में निवेश करने पर भी यही लाभ मिलेगा

पढ़ें: एनपीएस में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: अटल पेंशन योजना के बारे में पूरी जानकारी

यह थे कुछ उत्पाद जहां निवेश कर के आप Section 80C के तहत टैक्स लाभ ले सकते हैं| ध्यान दें यह पूरी लिस्ट नहीं है|

एक बात और, निवेश के फैसले को कभी भी सिर्फ टैक्स बेनिफिट से प्रेरित नहीं होना चाहिए। केवल टैक्स बचाने के लिए निवेश न करें| वह  निवेश करें जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त है। अगर टैक्स बेनिफिट मिलता है, तो सोने पे सुहागा|

अगर आपको यह पोस्ट उपयोगी लगी हो, तो अपने परिवार और दोस्तों से अवश्य शेयर करें|

Source/Credit: PersonalFinancePlan.in

Filed Under: Financial Planning, Life Insurance, Mutual Funds, NPS, PPF, Tax Planning Tagged With: section 80C tax benefits, इनकम टैक्स बचत, ईएलएसएस, एनपीएस, टैक्स कैसे बचाएं, टैक्स छूठ, टैक्स बचत के तरीके, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि scheme

Primary Sidebar

HindiFinance

Subscribe on Youtube




Join our Newsletter
Enter your email address and click on the Get Instant Access button.
Thank you for subscribing.
Something went wrong.
I agree to have my personal information transfered to MailChimp ( more information )
We respect your privacy

For any guest posts or advertising queries, please write to us at hindifinance@gmail.com

Popular Posts

  • अटल पेंशन योजना की पूरी जानकारी (Atal Pension Yojana in Hindi) (2022)
  • सुकन्या समृद्धि योजना की पूरी जानकारी (Sukanya Samriddhi Yojana 2019)
  • नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बारें में पूरी जानकारी (Complete Information about NPS in Hindi)
  • PPF खाते के बारे में पूरी जानकारी (Complete Information about PPF Account in Hindi)
  • कौन से हैं 5 सबसे अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Term Life Insurance Plan)?

(c) Copyright 2025 www.HindiFinance.com | Privacy Policy