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टैक्स कैसे बचाएं

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घर या मकान बेचने पर कैसे बचाएं टैक्स?

by दीपेश Leave a Comment

बहुत से लोग निवेश के लिए मकान खरीदते हैं| निवेश के अलावा भी किसी कारण आपको मकान को बेचना पड़ सकता है| किसी मकान या घर को बेचने पर आपको अगर मुनाफा हुआ है, तब आपको उस मुनाफे पर टैक्स देना होगा|

आज चर्चा करेंगे की कैसे आप मकान बेचने पर होने वाले मुनाफे पर टैक्स बचा सकते हैं| How to save tax on sale of house?

आप सभी प्रकार की मुनाफे पर टैक्स नहीं बचा सकते

अगर आप अपने घर या मकान को 2 वर्ष से पहले बेचते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो इस मुनाफे को short-term capital gain (शोर्ट-टर्म कैपिटल गेन) माना जाएगा| ऐसे मुनाफे पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा| इस तरह को मुनाफे को बचाने का कोई तरीका नहीं है| आपको टैक्स देना ही होगा|

अगर आप अपने मकान को 2 वर्ष के बाद बेचते हैं और आपको मुनाफा होता है,तो ऐसे मुनाफे को long term capital gain माना जाएगा| ऐसे मुनाफे पर आपको 20% टैक्स देना होगा|ध्यान दें मुनाफे की गणना करते समय आपको indexation का लाभ मिलेगा| Long Term Capital Gains on sale of house taxed at 20% after indexation| अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स बचाया जा सकता है| आईये जानते हैं कैसे|

घर या मकान को बेचने पर होने वाले पर 2 तरीके से टैक्स बचाए जा सकता है|

#1 पहला तरीका: दूसरा मकान खरीदने पर (Section 54)

आप जितना भी मुनाफा हुआ है,

  1. उसको मकान बेचने के एक वर्ष पहले या दो वर्ष बाद तक आपने कोई मकान खरीदा है, तो आपको टैक्स से छूठ मिल सकती है| Purchase a new house within one year before or within 2 years after the date of sale of the old house
  2. उस मुनाफे से अगर आपने मकान बेचने के 3 वर्ष के भीतर नया मकान बना लिया है, तब भी आपको टैक्स से छूठ मिल सकती है| Construct a new house within 3 years from the date of sale of the old house

एक उदहारण से समझते हैं|

मान लिए आपने मकान बेचा है और आपको 20 लाख रुपये का मुनाफा (long term capital gain after indexation) होता है|

अगर आपने मकान बेचने से एक वर्ष पहले या दो वर्ष बाद तक कोई मकान खरीदा है (या बेचने के 3 वर्ष के भीतर नया घर बनाया है), तो आपको टैक्स में कुछ छूठ मिल सकती है|

अगर आपने नया घर 30 लाख रुपये का खरीदा है, तो आपको मुनाफे (20 लाख) के किसी भी हिस्से पर टैक्स नहीं देना होगा|

अगर आपके घर 15 लाख रुपये का खरीदा है, तो आपको 15 लाख रुपये के मुनाफे पर छूठ मिलेगी| बचे हुए 5 लाख रुपये के मुनाफे (20 लाख – 15 लाख) पर 20% टैक्स देना होगा|

इन बातों का रखें ख्याल

  1. आप नए मकान को 3 वर्ष से पहले नहीं बेच सकते| अगर बेचते हैं,तो टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|
  2. आपके मकान खरीदने या बनाने के लिए 2 या 3 वर्ष का समय है|परन्तु अगर आप वित्तीय वर्ष की रिटर्न भरने की तारिख तक मकान खरीद या बना नहीं पाते, तो आपको मुनाफे को कैपिटल गेन्स अकाउंट (Capital gains account) में जमा करना होगा| यह अकाउंट आप किसी भी सरकारी बैंक में खोल सकते हैं| स्टेट बैंक की वेबसाइट पर अधिक जानकारी पाईए|
  3. मान लिए आपने 15 नवम्बर 2018 (FY2019) को मकान बेचा है| FY2019 के रिटर्न भरने की आखरी तारिख 31 July 2019 है| अगर आप जुलाई 31 2019 तक नया मकान खरीद या बना नहीं पाते और टैक्स बेनिफिट लेना चाहते हैं, तब आपको यह पैसा capital gains account में जमा करना होगा|घर बनाने या खरीदने के लिएआप यह पैसा निकाल सकते हैं|

#2 दूसरा तरीका (NHAI or REC के बांड खरीद कर) (Section 54 EC)

आप मकान बेचने पर हुए Long term capital gain को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) या रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कंपनी (REC) के बांड खरीद कर भी बचा सकते हैं| इन बांड्स को कैपिटल गेन बांड भी कहा जाता है|

इन बातों का रखें ख्याल

  • आपको मकान बेचने के 6 महीने के भीतर इन बांड में निवेश करना होगा|
  • ध्यान दें इन बांड में 5 वर्ष का लॉक-इन होगा| इसका मतलब आप इन बांड से 5 वर्ष से पहले पैसा नहीं निकाल सकते|
  • आप इन बांड में प्रति वित्तीय वर्ष 50 लाख रुपये से ज्यादा निवेश नहीं कर सकते|
  • आपको इन बांड पर ब्याज भी मिलेगा| ब्याज बदलता रहता है| आप 5-6% p.a. के ब्याज की उम्मीद कर सकते हैं| ब्याज पर आपको टैक्सदेना होगा| अधिक जानकारी के लिए NHAI और REC की वेबसाइट पर जाएँ|

Source: www.PersonalFinancePlan.in

पढ़ें: इनकम टैक्स बचाने के 35 तरीके

Filed Under: Tax Planning, बिना श्रेणी Tagged With: save tax, taxes, इनकम टैक्स बचत, घर बेचने पर टैक्स कैसे बचाएँ, टैक्स कैसे बचाएं, टैक्स बचत के तरीके

क्या आप इनकम टैक्स बचाने के इन 13 स्मार्ट तरीकों के बारे में जानते हैं?

by दीपेश 2 Comments

जब टैक्स बचाने के लिए निवेश की बात आती है, हम में से अधिकांश लोग जीवन बीमा, पेंशन योजनाओं, ईएलएसएस, पीपीएफ और ईपीएफ और होम लोन के भुगतान के बारे में  जानते हैं।

पर इनके अलावा भी बहुत सारे तरीके हैं, जिन से आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं|

#1 बचत बैंक खाते पर ब्याज (Interest Income on Savings Bank Account) (Section 80 TTA)

आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज 10,000 रुपये तक कर मुक्त है|

यह टैक्स छूठ आपको सेक्शन 80TTA के अंतर्गत मिलती है|

अगर आपने सेविंग्स अकाउंट पर एक वित्तीय वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक ब्याज कमाया है, तो अतिरिक्त राशि पर आपको अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स जमा करना होगा|

ध्यान दें की यह छूठ आपके सभी बचत बैंक खातों (savings bank account) को मिला कर है| तो आप बहुत सारे सेविंग्स अकाउंट खोल कर अपना टैक्स नहीं बचा सकते|

ध्यान दें यह छूठ केवल बचत बैंक खातों पर मिलने वाले ब्याज पर है।

फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) पर मिलने वाले ब्याज पर ऐसी कोई राहत नहीं है।

पढ़ें: सेक्शन 80C के तहत किन तरीकों से कर सकते हैं टैक्स बचत?

#2 शिक्षा ऋण पर ब्याज (धारा 80E) (Interest on Education Loan)

आप उच्च शिक्षा के लिए लोन के पूरे ब्याज का भुगतान पर धारा 80E के तहत टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

ध्यान दें केवल ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| मूल राशि (principal repayment) के भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है|

आप अपनी, पति/पत्नी, बच्चों (या किसी भी व्यक्ति जिसके लिए आप कानूनी संरक्षक हैं) की उच्च शिक्षा के लोन के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते है|

उच्च शिक्षा का मतलब है वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा (Senior Secondary Examination) उत्तीर्ण करने के बाद की पढ़ाई।

यह टैक्स बेनिफिट आपको उस वर्ष से मिलता है, जब आप इस शिक्षा लोन को चुकाना शुरू करते हैं| यह टैक्स लाभ आप 8 वर्ष तक उठा सकते हैं|

शिक्षा लोन पर मिलने वाले टैक्स लाभ के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

#3 घर के किराए पर Section 80GG के तहत कर लाभ

अब HRA पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट से तो कर कोई अवगत है| साथ यह टैक्स बेनिफिट आपको आपका एम्प्लायर अपने आप ही दे देता है|

पर अगर आपको HRA नहीं मिलता है या फिर आप self-employed हैं, तब भी आप कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

धारा 80GG के तहत कटौती का लाभ ( 5,000 रुपये प्रति माह, कुल आय का 25%, किराया – वार्षिक आय का 10%) में से सबसे कम राशि तक सीमित है| टैक्स लाभ लेने से पहले आपको कई शर्तों को पूरा करना होगा|

HRA से मिलने वाले टैक्स बेनिफिट की गणना कैसे की जाती है और धारा 80GG के तहत टैक्स बेनिफिट लेने की क्या शर्तें हैं, इस बारे में मैंने विस्तार से दूसरी पोस्ट में चर्चा करी है|

पढ़ें: मकान के किराए पर भी आप कर सकते हैं टैक्स बचत

#4 आपके घर की स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क (धारा 80C) (Stamp Duty and Registration Fee)

होम लोन के मूल भुगतान (principal repayment) पर सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स लाभ मिलता है| इस बात से सभी लोग अवगत हैं|

पर क्या आप जानते हैं की आप अपने घर लेते समय स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर भी धारा 80C के अंतर्गत आप लाभ ले सकते हैं|

एक बात और, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट लेने के लिए आपको होम लोन लेने की ज़रुरत नहीं है| होम लोन लिए बिना भी आप इस भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| ऐसे व्यय पर टैक्स बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जिस साल आपने यह भुगतान किया हो|

धारा 80 सी के तहत स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के लिए कटौती का दावा भी कर सकते हैं। आप इन खर्चों के लिए इस कटौती का लाभ ले सकते हैं भले ही आपने गृह ऋण न लिया हो।

#5 स्वास्थ्य बीमा और निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए प्रीमियम (सेक्शन 80D) (Health Insurance and Health Check–up)

#6 अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल व्यय (> = 80 वर्ष) (धारा 80D)

#7 गंभीर बीमारी के लिए उपचार लागत (सेक्शन 80DDB)

#8 आश्रित विकलांग परिजन की चिकित्सा के लिए खर्चा  (धारा 80DD)

#9 विकलांग व्यक्ति के मामले में कटौती (धारा 80U)

इन सभी टैक्स बचत के तरीकों के बारे में गहराई से जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट

#10 एनपीएस में निवेश की गई राशि (Section 80CCD)

एनपीएस में निवेश करने पर आपको Section 80CCD के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है| साथ ही अगर आपका एम्प्लायर आपके एनपीएस खाते में पैसे जमा करता है, तो आपको उसके लिए भी टैक्स बेनिफिट मिलता है|

Section 80CCD(1): 1.5 लाख रुपये तक (यह  धारा 80C के तहत मिलने वाले लाभ के अन्दर ही आता है)| आपके योगदान के लिए|

Section 80CCD(1B): 50,000 रुपये तक (यह कर लाभ अतिरिक्त है)| आपके योगदान के लिए|

Section 80CCD(2): यह आपके एम्प्लायर के आपके एनपीएस खाते में योगदान पर मिलता है|

एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|

पढ़ें: एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट

#11 अटल पेंशन योजना में निवेश (Section 80 CCD)

एनपीएस के तरह अटल पेंशन योजना में भी निवेश करने पर आपको धारा 80CCD के तहत टैक्स लाभ मिलता है|

अटल पेंशन योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

#12 घर की मरम्मत और रखरखाव के लिए लिए गए लोन पर ब्याज (धारा 24) (Interest on Loan taken for repair and maintenance of house)

आपको पता है की आपने घर खरीदने या बनाने के लिए जो होम लोन लिया है, उसके ब्याज के भुगतान पर आपको वर्ष में 2 लाख रुपये तक की छूठ मिलती है (धारा 24 के तहत)|  

पर क्या आप जानते है की आपको यह छूठ अपने मकान की मरम्मत (repair) और रखरखाव (maintenance) के लिए लिए गए लोन पर भी मिलती है| ऐसे किसी लोन पर आप एक वित्तीय वर्ष में 30,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| यह लाभ भी धारा 24 के तहत ही है|

#13 सामजिक कार्यों के लिए प्रतिदान (धारा 80G) (Donation for Social Causes)

आपके द्वारा दी गयी कई तरह की डोनेशन धारा 80 जी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं| आपकी दान राशि के 50% या 100% तक की राशि पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है| कुछ तरह के दान पर टैक्स लाभ की सीमा (cap) है और कुछ पर नहीं है| यह इस बात पर निर्भर करता है की आप कहाँ पैसे का दान कर रहे हैं| एक बात और, अगर आप नकद में दान (डोनेशन) देते हैं, तो इस लाभ की सीमा 10,000 रुपये हैं|

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सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स बचाने के 15 आसान तरीके

Last updated: दिसम्बर 28, 2017 | by दीपेश 6 Comments

जैसे जैसे वित्तीय वर्ष का अंत निकट आता है, वैसे ही हमारी टैक्स बचत के तरीकों की खोज शुरू हो जाती है| अब टैक्स बचाने के कई तरीके हैं|

आपको क्या करना चाहिए? टैक्स कैसे बचाएँ?

सभी के लिए शायद एक ही सुझाव सही नहीं हो सकता| सब को अपनी परिस्थितियों के अनुसार निवश के विकल्प को चुनना चाहिए’|

पिछली पोस्ट में मैंने हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदने पर जो टैक्स बेनिफिट मिलते हैं उस पर चर्चा करी थी|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस (स्वाश्थ्य बीमा) खरीदने पर कितना टैक्स बचा सकते हैं?

इस पोस्ट में मैं चर्चा करूंगा Section 80C के तहत मिलने वाले टैक्स बचत के बारे में| जानेंगे की धारा 80C के तहत आपके पास क्या हैं टैक्स बचत के तरीके|

धारा 80 C  के योग्य योग निवेश उत्पादों में निवेश कर आप अपनी कर योग्य आय को 1.5 लाख तक से घटा सकते हैं। 30% टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए इस मतलब है 46,350 रुपये की बचत|

कृपया ध्यान दें कि आप प्रति वर्ष 80 C उत्पादों में 1.5 लाख से अधिक भी निवेश कर सकते हैं। परन्तु कर लाभ केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा।

उदाहरण के लिए, आपने पीपीएफ में 50,000 रुपये, ईपीएफ में 60,000 रुपये और ईएलएसएस में 1 लाख रुपये का निवेश किया है। हालांकि कुल निवेश 2.1 लाख रुपये है, धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट केवल 1.5 लाख तक सीमित होगा

आमतौर पर, सभी धारा 80 C  के सभी टैक्स बचत के तरीकों में  लॉक-इन होता है। इसका मतलब कुछ समय तक आपका पैसा अटक जाता है|

आईये कुछ लोकप्रिय निवेश उत्पादों को देखते हैं, जिनमें निवेश करने पर आपको Section 80क के तहत टैक्स बचत का लाभ मिलता है|

#1 पीपीएफ (Public Provident Fund or PPF)

आप अपने, पति/पत्नी या बच्चों के PPF खातों में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है|

माता-पिता या भाई-बहनों के पीपीएफ खाते में निवेश करने पर कोई टैक्स बचत नहीं होती।

पीपीएफ खाता खोलने वाले वित्तीय वर्ष के अंत से 15 वर्षों में परिपक्व होता है| इसलिए, पहले वर्ष का निवेश 15 साल के लिए लॉक हो जाएगा, दूसरे वर्ष का निवेश 14 साल के लिए लॉक हो जाएगा।

पीपीएफ खाता परिपक्व होने पर पांच वर्षों के ब्लाक में खाते की अवधि बढ़ा सकते हैं|

पढ़ें: पीपीएफ खाते के बैर में पूरी जानकारी

पीपीएफ खाते से मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता| साथ ही परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता|

वित्त मंत्रालय हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है।

अभी ब्याज दर 7.6% p.a. हो गयी है|  (January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

पढ़ें: PPF में interest (ब्याज) कैसे कैलकुलेट होता है?


#2 कर्मचारी भविष्य निधि / स्वैच्छिक भविष्य निधि (Employee Provident Fund / Voluntary Provident Fund)

अगर आप सैलरी पाते हैं, तो शायद इसमें आप पहले से ही निवेश कर रहे हैं| राशि स्वचालित रूप (automatically) से आपके वेतन से काट ली जाती है और ईपीएफ में निवेश की जाती है। आप अपनी सैलरी स्लिप की जांच कर सकते हैं कि आप प्रति माह कितना ईपीएफ में निवेश कर रहे है |

एक बात और, अगर आप नौकरी कर रहे हैं, तो शायद आपका EPF में पहले से ही योगदान जा रहा हो| अब क्योंकि ईपीएफ में निवेश करने पर Section 80C के तहत लाभ मिलता है, तो कुछ निवेश तो आपका पहले ही अपने आप हो चुका है| 1.5 लाख की टैक्स सीमा तक पहुचने के लिए आपको केवल बची हुई राशि ही निवेश करनी है| आप बाद में शेष निवेशों की योजना बना सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि केवल आपका  योगदान ही धारा 80 सी के तहत कर लाभ के योग्य है। आपके एम्प्लायरद्वारा आपके EPF में योगदान पर धरा 80C के तहत लाभ नहीं मिलता| आप अपने अनिवार्य ईपीएफ योगदान से अधिक योगदान भी कर सकते हैं। यह योगदान (वीपीएफ) धारा 80 सी के तहत टैक्स बचत के योग्य है।


#3 इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस)

ईएलएसएस एक प्रकार के इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड होते हैं और निवेश करने पर 3 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है| काफी लोग ईएलएसएस को tax-saving mutual fund के नाम से जानते हैं।

ध्यान दे, प्रत्येक निवेश पर 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।

भले ही आप SIP  (सिस्टममैटिक इनवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश कर रहे हों, लेकिन SIP  की प्रत्येक किश्त को 3 साल तक लॉक कर दिया जाएगा। यदि पहली किश्त 15 जनवरी 2018 की है, तो इस किश्त से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 जनवरी 2021 तक खरीदे गए यूनिट्स  को नहीं बेच सकते हैं। दूसरी किस्त (15 फरवरी, 2018) से खरीदी गयी यूनिट्स आप 15 फरवरी, 2021 तक नहीं बेच सकते|

क्योंकि ईएलएसएस (ELSS) यूनिट्स को आप 3 वर्ष से पहले नहीं बेच सकते, तो ऐसी यूनिट्स बेचने पर होने वाले फायदे पर आपको टैक्स नहीं देना होता| ऐसा इसलिए क्योंकि इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स को एक साल बाद बेचने पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

पढ़ें: ईएलएसएस (ELSS) के बारे में कुछ दिलचस्प बातें


#4 टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance)

टर्म लाइफ इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदना का सबसे अच्छा तरीका है|

एक टर्म कवर के साथ आप कम लागत पर काफी अधिक कवर खरीद सकते हैं। अगर आपको कभी कुछ हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में यह राशि आपके परिवार के काफी काम आएगी|

आपके पास हमेशा पर्याप्त जीवन बीमा होना चाहिए।

स्वस्थ 30 वर्षीय पुरुष के लिए 1 करोड़ रुपये के कवर के लिए वार्षिक प्रीमियम लगभग 7,000-10,000 होगा।

ध्यान दें टैक्स बेनिफिट लेने की लिए आपको हर वर्ष नया प्लान लेने की आवश्यकता नहीं है| आपका रिन्यूअल (renewal) प्रीमियम (जो आप पालिसी चालू रखें के लिए हर वर्ष देते हैं) भी धारा 80C के तहत योग्य है|

पढ़ें: 5 बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान


#5 यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, Unit Linked Insurance Plans (ULIPs)

यूलिप जीवन बीमा योजनाओं का एक रूप है, जिसमें निवेश का लाभ भी मिलता है। प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन कवर प्रदान करने की ओर जाता है, जबकि बचा हुआ हिस्सा आपके इच्छा के अनुसार फण्ड में निवेश कर दिया जाता है। पूरे प्रीमियम पर धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।

पांच साल का लॉक-इन होता है। इसका मतलब है कि आप पॉलिसी के प्रारंभ होने की तारीख से पांच साल तक अपना पैसा नहीं ले सकते। इसलिए, आपका पहला वार्षिक प्रीमियम 5 साल के लिए लॉक-इन किया जाएगा, दूसरा प्रीमियम 4 साल के लिए। छठी  किश्त से कोई लॉक-इन नहीं है ।

ध्यान से आप पांचवे वर्ष के अंत तक किसी भी तरह से पैसे नहीं निकाल सकते, भले ही आप अपनी पालिसी को बंद कर दें|

धारा 80 सी के अनुसार, यदि आप लगातार 5 वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो धारा 80 सी के तहत मिले टैक्स लाभ की वापिस ले लिए जाएगा।

पढ़ें: किस प्रकार का जीवन बीमा खरीदें?


#6 पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएं / मनी बैक योजनाएं (Traditional Life Insurance Plan)

मेरे अनुसार ऐसे प्लान से दूर ही रहे| ऐसे प्लान में जीवन बीमा भी कम मिलता है और रिटर्न भी कम होते हैं|यदि आप दो साल के लिए प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो कर लाभ रिवर्स (reverse) कर दिया जाएगा।

पढ़ें: एलआईसी न्यू जीवन आनंद के बारे में पूरी जानकारी

जीवन बीमा पॉलिसियों के बारे में एक बात पर ध्यान दें: यह बात यूलिप और ट्रेडिशनअल इंश्योरेंस प्लान पर भी लागू होती है। बीमित रकम (Sum Assured) के 10% से अधिक वार्षिक प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य नहीं है। यह अप्रैल 1, 2012 के बाद खरीदी गई नीतियों के लिए है।

इसके अतिरिक्त, केवल स्वयं, पति या पत्नी और बच्चों के लिए जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र है। माता-पिता और भाई-बहनों के जीवन बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है।


#7 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट (5-year Tax Saving Fixed Deposit)

आम तौर पर टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (tax saver fixed deposit) के रूप में जाना जाता है।

इस फिक्स्ड डिपाजिट की अवधि 5 वर्ष होती है| इसका मतलब आप पांच साल से पहले इस जमा राशि को नहीं निकाल सकते। मिलने वाले ब्याज पर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के लिए ईएलएसएस और 5-वर्षीय फिक्स्ड डिपाजिट में किसमें करें निवेश?


#8 डाकघर 5-वर्षीय डिपॉज़िट

यह 5-वर्षीय बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट के समान है । यदि 5 साल के अंदर जमा (टूटी हुई) वापस ले लिया जाता है तो कर लाभ वापस कर दिया जाएगा। ऐसे डिपाजिट के लिए ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही (every quarter) घोषणा की जाती है।

ध्यान दे, जो डिपाजिट खोलते समय ब्याज दर है, वही आपको पूरे 5 साल मिलती है| ब्याज दर मिएँ बदलाव का आपके पुराने डिपाजिट पर नहीं पड़ता|

अभी यह दर  7.4% p.a. हो गयी है|(January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#9 राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, National Savings Certificate (NSC)

परिपक्वता (5 वर्ष या 10 वर्ष) से पहले कोई भुगतान नहीं है । समय से पहले पैसे वापसी की अनुमति नहीं है ।

ब्याज कर योग्य है हालांकि, अर्जित ब्याज एनएससी में निवेश को समझा जाता है और धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र है,

इसका मतलब  प्रत्येक वर्ष के ब्याज को एनएससी में निवेश माना जाता है।

वित्त मंत्रालय द्वारा हर तिमाही ब्याज दर सूचित करता है|

अभी एनएससी की ब्याज दर (NSC Interest Rate) 7.6% p.a. हो गयी है। (January 1, 2018)

ध्यान दें यह ब्याज दर हर तीन महीने पर बदल सकती है|

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|


#10 वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)

केवल वरिष्ठ नागरिक ही इस योजना में निवेश करने के लिए पात्र हैं। खाता 5 वर्षों में परिपक्व होता है। आंशिक वापसी (partial withdrawal) की अनुमति नहीं है । हालांकि, आप कुछ जुर्माना देकर अकाउंट को 5 वर्ष से पहले  बंद कर सकते हैं। समयपूर्व बंद होने के मामले में टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे।

हर तिमाही वित्त मंत्रालय द्वारा ब्याज दर अधिसूचित की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.3% p.a. चल रही है| (January 1, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के बारे में पूरी जानकारी


#11 होम लोन पर प्रिंसिपल रीपेमेंट (Home Loan Principal Repayment)

अगर आपने होम लोन लिया है, तो उस लोन पर principal का भुगतान भी सेक्शन 80C के तहत लाभ के योग्य है|

ध्यान दें आप एक निर्माणाधीन प्रॉपर्टी (under-construction property) के लिए प्रिंसिपल के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट नहीं ले सकते| घर का निर्माण पूर्ण होने के बाद ही आप कटौती का लाभ उठा सकते हैं ।

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए भी पात्र हैं। हालांकि, इस तरह के शुल्क के भुगतान के लिए कर लाभ केवल उस वर्ष में लिया जा सकता है जब आप भुगतान करते हैं।

एक बात और, जिसवर्ष आपको घर का possession मिलता है, उस वित्तीय वर्ष के अंत से 5 साल के भीतर अगर आप घर बेचते हैं, तो आपको मिले टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|


#12 दो बच्चों के लिए ट्यूशन फीस

आप दो बच्चों तक के लिए ट्यूशन फीस पर भी टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। यदि आपके पास दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप किसी भी दो के लिए दावा कर सकते हैं। भारत में स्थित विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल या अन्य शैक्षणिक संस्थान को फीस का भुगतान किया जाना चाहिए था।

बेनिफिट केवल पूर्णकालिक शिक्षा (full-time education)के लिए भी उपलब्ध है। निजी ट्यूशन, कोचिंग क्लास या किसी अंशकालिक कोर्स के लिए खर्च पात्र नहीं हैं।

अपनी शिक्षा या पति / पत्नी की शिक्षा के लिए खर्च भी टैक्स बेनिफिट के लिए पात्र नहीं है।


#13 सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana Account)

अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो आप अपनी बेटी के लिए यह खाता खोल सकते हैं। खाता 21 वर्ष बाद परिपक्व होगा| आप बेटी की शादी या पढाई के लिए भी पैसा निकाल सकते हैं|

अर्जित ब्याज कर योग्य नहीं है । परिपक्वता राशि भी कर-मुक्त है।

ब्याज दर की घोषणा हर तिमाही पर की जाती है|

अभी ब्याज दर 8.1% p.a. हो गयी है| (January 1, 2018)

नवीनतम ब्याज दर (interest rate) जानने के लिए आप इस पोस्ट पर जाएँ|

सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

पढ़ें: सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में पूरी जानकारी


#14 बीमा कंपनियां से पेंशन योजनाएं (धारा 80 सीसीसी)

बीमा कंपनियों से पेंशन / वार्षिकी योजनाओं में निवेश के लिए आप प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख तक का लाभ ले सकते हैं।

यदि आप परिपक्वता से पहले पेंशन योजनाओं को सरेंडर करते हैं, तो मिलने वाली राशि को उस वर्ष की आयमाना जाएगा और आपको उस पर टैक्स देना होगा।

कृपया ध्यान दें कि धारा 80C और धारा 80 CCC के तहत कुल मिलाकर टैक्स बेनिफिट 1.5 लाख से अधिक नहीं हो सकता।


#15 राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)/ अटल पेंशन योजना (धारा 80 CCD)

अब यहाँ दो हिस्से हैं|

पहला, 1.5 लाख तक सेक्शन 80CCD(1) के तहत| अब यह सेक्शन 80C के तहत लाभ के अन्दर ही आता है|

दूसरा, 50 हज़ार रुपये तक सेक्शन 80CCD(1B) के तहत| यह बेनिफिट सेक्शन 80C के अतिरिक्त है|

अटल पेंशन योजना में निवेश करने पर भी यही लाभ मिलेगा

पढ़ें: एनपीएस में निवेश करने पर टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: अटल पेंशन योजना के बारे में पूरी जानकारी

यह थे कुछ उत्पाद जहां निवेश कर के आप Section 80C के तहत टैक्स लाभ ले सकते हैं| ध्यान दें यह पूरी लिस्ट नहीं है|

एक बात और, निवेश के फैसले को कभी भी सिर्फ टैक्स बेनिफिट से प्रेरित नहीं होना चाहिए। केवल टैक्स बचाने के लिए निवेश न करें| वह  निवेश करें जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त है। अगर टैक्स बेनिफिट मिलता है, तो सोने पे सुहागा|

अगर आपको यह पोस्ट उपयोगी लगी हो, तो अपने परिवार और दोस्तों से अवश्य शेयर करें|

Source/Credit: PersonalFinancePlan.in

Filed Under: Financial Planning, Life Insurance, Mutual Funds, NPS, PPF, Tax Planning Tagged With: section 80C tax benefits, इनकम टैक्स बचत, ईएलएसएस, एनपीएस, टैक्स कैसे बचाएं, टैक्स छूठ, टैक्स बचत के तरीके, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि scheme

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