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गोल्ड बांड क्या होते हैं? क्या फायदे हैं? कैसे खरीदें?

by दीपेश Leave a Comment

सोने में निवेश करने की लिए आपको केवल सोने की सिक्के या सोने के आभूषण खरीदने की ज़रुरत नहीं है| कुछ और भी तरीके हैं सोने या गोल्ड में निवेश करने के|

आप गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड खरीद सकते हैं या Sovereign Gold Bond (गोल्ड बांड) भी खरीद सकते हैं|

आईये इस पोस्ट में गोल्ड बांड के बारे में विस्तार से जानते हैं|

सॉवरेन गोल्ड बांड (Sovereign Gold Bond) के बारे में कुछ अहम् बातें

  1. गोल्ड बांड में आपको 2.5% प्रति वर्ष का ब्याज मिलता है| सोने के किसी और निवेश के तरीके में आपको ब्याज नहीं मिलता|
  2. अगर आप निवेश करना चाहते हैं, तो आपको कम से कम एक यूनिट (1 gram) खरीदनी होगी|
  3. आप एक 1 वर्ष (अप्रैल से मार्च) में अधिकतम 4 किलो सोने के बराबर (4000 यूनिट) गोल्ड बांड खरीद सकते हैं|
  4. गोल्ड बांड भारत सरकार द्वारा जारी किये जाते हैं| इसलिए आपको अपने पैसे के बारे में चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है| गोल्ड बांड में भारत सरकार की गारंटी होती है|
  5. गोल्ड बांड की एक यूनिट एक ग्राम सोने के सामान होती है|
  6. गोल्ड बांड 8 वर्ष बाद मेच्योर होते हैं| 8 वर्ष बाद आपको उस समय के सोने के मूल्य के अनुसार पैसा लौटा दिया जाएगा|
  7. हालांकि गोल्ड बांड 8 वर्ष में मेच्योर होते हैं, आपके पास पांचवें, छठे और सांतवें वर्ष में निर्धारत समय पर अपने बांड वापिस दे कर अपना पैसा ले सकते हैं|
  8. आप गोल्ड बांड को गिरवी रख कर गोल्ड लोन भी ले सकते हैं|
  9. गोल्ड बांड स्टॉक एक्सचेंज पर भी लिस्ट किये जायेंगे| वहाँ से भी आप गोल्ड बांड खरीद या बेच सकते हैं|

एक उदहारण की सहायता से समझते हैं

मान लिए आपने 100 यूनिट गोल्ड बांड खरीदे| इसका मतलब आपने 100 ग्राम सोना खरीदा| खरीदने के समय सोने के मूल्य 2,800 रुपये प्रति ग्राम (28,000 रुपये तोला) चल रहा था| आपने कुल मिला कर 2.8 लाख रुपये का निवेश किया|

आपको हर वर्ष 2.8 लाख X 2.5% = 7,000 रुपये का ब्याज मिलेगा| ध्यान दें आपको हर 6 महीने पर 3,500 रुपये का ब्याज मिलेगा|

8 वर्ष बाद, आपको उस समय के सोने के मूल्य के अनुसार पैसा लौटा दिया जाएगा| मान लिए उस समय सोने के मूल्य 30,000 रुपये तोला है| ऐसे में आपको 100 gram सोने के लिए 100X3,000 = 3 लाख रुपये मिलेंगे| अगर सोने का मूल्य 26,000 रुपये तोला होता है, तो आपको 2.6 लाख रुपये मिलेंगे|

सोने के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क आपको ही उठाना पड़ता है|

गोल्ड बांड बेचने पर टैक्स कितना देना होता है?

गोल्ड बांड के ब्याज पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होता है|

अगर आप गोल्ड बांड सरकार को वापिस देते हैं (8 वर्ष बाद मेच्योर होने पर या उससे पहले), तब आपको होने वाले मुनाफे पर कुछ भी टैक्स नहीं देना होगा| जैसे की आपने 2.8 लाख के निवेश किया था और आपको 8 वर्ष बाद 3 लाख रुपये  वापिस मिलते हैं, तब आपको इस राशि पर टैक्स देने की ज़रुरत नहीं है|

अगर आप गोल्ड बांड को स्टॉक एक्सचेंज पर बेचते हैं, तब आपको टैक्स देना होगा| अगर आप 3 वर्ष से पहले बेचते हैं, तो आपको मुनाफे पर अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा| अगर आप 3 वर्ष के बाद बेचते हैं, तो आपको 20% (indexation के बाद) टैक्स देना होगा|

सॉवरेन गोल्ड बांड (Sovereign Gold Bond) कैसे खरीदें?

भारत सरकार समय-समय पर सॉवरेन गोल्ड बांड ज़ारी करती है|

आप अपने बैंक की सहायता से या फिर अपने broker की सहायता से गोल्ड बांड खरीद सकते हैं| आप ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं|

अगर चाहें तो, स्टॉक एक्सचेंज पर भी सॉवरेन गोल्ड बांड खरीद या बेच सकते हैं|

आप भारतीय स्टेट बैंक की वेबसाइट पर गोल्ड बांड के बारें में अधिक जानकारी पा सकते हैं|

Filed Under: Financial Planning, Loans, Mutual Funds Tagged With: Sbi गोल्ड लोन, गोल्ड बांड, गोल्ड लोन

होम लोन लेने की सही आयु क्या है?

by दीपेश Leave a Comment

आजकल मकानों की कीमत इतनी ज्यादा है की अधिकाँश लोगों को घर खरीदने के लिए होम लोन लेना पड़ता है|

होम लोन लेने की सही आयु क्या है? क्या आपको अपने करियर की शुरुआत में ही होम लोन लेकर घर खरीद लेना चाहिए या फिर आपको इंतज़ार करना चाहिए और कुछ समय बाद ही होम लोन लेना चाहिए|

कोई पक्का जवाब नहीं है| आपकी सोच पर निर्भर करता है| अगर आपको पाने घर में रहने में बहुत अधिक सुकून मिलता है, तो शायद आप जल्दी घर खरीदना चाहेंगे| साथ ही, आपकी आर्थिक स्तिथि, आपकी आय, आपके cashflow पर भी निर्भर करता है|

आईये चर्चा करते हैं कुछ ऐसे ही पहलूयों पर| 

यदि करियर के शुरात में लोन लेते हैं?

क्या फायदे हैं?

  1. जब नया नया पैसा कमाना शुरू करते हैं, तो कुछ फ़ालतू खर्चे भी शुरू हो जाते हैं| ऐसे में अगर हर महीने कुछ EMI कटती रहेगी, तो फ़ालतू खर्चे कुछ कम होंगे|
  2. यदि आप कम आयु में होम लोन लेते हैं, तो आपके लोन की अवधि ज्यादा हो सकती है। ऐसे इसलिए क्योंकि आपके रिटायर होने में अभी काफी समय है| लम्बी लोन अवधि का मतलब कम EMI| साथ ही आपकी लोन की क्षमता (loan eligibility) भी बढ़ सकती है|
  3. अगर आप अपने लोन का भुगतान जल्दी कर देते हैं, तो आपके पास बाद में निवेश के ज्यादा विकल्प होंगे| आपके पास निवेश में ज्यादा लचीलापन होगा|
  4. जब आप कम आयु में निर्माणाधीन प्रॉपर्टी (under construction property) खरीदते हैं,  तब निर्माण में कुछ समस्या आने पर आपके पास उबरने का अधिक समय होता है| ध्यान दें एक निर्माणधीन प्रॉपर्टी बनी हुई प्रॉपर्टी से सस्ती भी होती हाँ|
  5. आप विशेष विशेष लोन उत्पादों जैसे की SBI FlexiPay लोन की लिए आवेदन कर सकते हैं|
  6. कम आयु में आपके पास कम जिम्मेदारी और अधिक लचीलापन है।

परेशानी क्या हैं?

  1. कैरियर की शुरुआत में आय कम होती है| अगर आप होम लोन ले लेंगे, तो हो सकता है की EMI के भुगतान के बाद आपके पास निवेश करने के लिए कुछ पैसा ही न बचे| आगे जा कर परेशानी हो सकती है|
  2. साथ ही कम आयु में आपको पता भी नहीं होता की आप कहाँ जा कर बसेंगे| ऐसे में आपका मकान एक निवेश बन कर रह जाएगा और आपको दूसरे शहर से अब कुछ मैनेज करने में प्रॉब्लम हो सकती है|
  3. क्योंकि आय कम है, इसलिए लोन की पात्रता भी कम हो सकती है| ऐसे में हो सकता है की आप ऐसा घर खरीद लें जहां आप रहना न चाहते हों|
  4. घर के लिए डाउन पेमेंट (down payment) की राशि जमा करने में परेशानी हो सकती है|

यदि आप 40 से 50 की आयु के बीच में लोन लेते हैं

फायदे क्या हैं?

  1. आपको ज्यादा स्पष्टता होती है की आप कहाँ आप बसना चाहते हैं और किस तरह का घर लेना चाहते हैं|
  2. डाउन-पेमेंट का प्रबंध करने में शायद ज्यादा परेशानी न हो|
  3. क्योंकि आय अधिक होने की उम्मीद है, EMI भुगतान से शायद आपके अन्य निवेश (रिटायरमेंट, बच्चों की पढाई/शादी इत्यादि) ज्यादा प्रभावित न हो|

परेशानी क्या है?

  1. लोन अवधि कम हो सकती है और इसलिए EMI का बोझ अधिक हो सकता है। यदि समय के साथ आपकी आय नहीं बढ़ी है, तो लोन पात्रता कम हो जायेगी|
  2. यदि आपने पहले अच्छी फाइनेंसियल प्लानिंग नहीं करी है, तो ईएमआई का भार आपको गंभीर आर्थिक परेशानी में डाल सकता है| इसलिए, यदि आप देर से घर खरीदना चाहते हैं, तो आपको अपने पहले के वर्षों में समझदारी से निवेश करना होगा।
  3. अगर आप इस आयु में निर्माणाधीन (under construction property) खरीदते हैं, तो आपके लिए अधिक जोखिम है| अगर मकान के निर्माण में कुछ समस्या आई, तो आपके पास उबरने के लिए अधिक ससमय नहीं होगा|

होम लोन लेने के लिए आदर्श आयु क्या है?

कोई सही या गलत जवाब नहीं है। बहुत जल्दी घर लेने के फायदें और नुकसान दोनों हैं|

साथ ही देर से घर लेने के भी बहुत से फायदे और नुकसान हैं|

आप इन सभी बातों पर विचार करें और अपने लिए फैसला लें|

इन बातों का ध्यान रखें|

  • ऐसी प्लानिंग करें की रिटायर होने से पहले घर ज़रूर खरीद पाएं| अगर आपकी अभी घर खरीदने की योजना नहीं है, तो आप घर खरीदने के लिए पैसा जोड़ना ज़रूर शुरू कर दें। उदाहरण के लिए, आप 25 वर्ष के हो सकते हैं और 15-20 साल बाद घर खरीदना चाहते हैं। घर खरीदने के लिए बचत करना शुरू करें। इस उदाहरण में, चूंकि लक्ष्य कई वर्ष दूर है, आप घर खरीदने के लिए इक्विटी फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
  • अपने होम लोन के भुगतान के अन्य वित्तीय लक्ष्यों (financial goal) के लिए निवेश से समझौता न करें।
  • सुनिश्चित करें कि आप रिटायर होने से पहले होम लोन चुका दें। अच्छी बात है कि बैंक इसे सुनिश्चित करेंगे।

वैसे मेरे अनुसार  30 से 40 के आयु होम लोन लेने का एक अच्छा समय होना चाहिए। परन्तु यह मेरी राय है, आपकी क्या राय है?

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घर या मकान बेचने पर कैसे बचाएं टैक्स?

by दीपेश Leave a Comment

बहुत से लोग निवेश के लिए मकान खरीदते हैं| निवेश के अलावा भी किसी कारण आपको मकान को बेचना पड़ सकता है| किसी मकान या घर को बेचने पर आपको अगर मुनाफा हुआ है, तब आपको उस मुनाफे पर टैक्स देना होगा|

आज चर्चा करेंगे की कैसे आप मकान बेचने पर होने वाले मुनाफे पर टैक्स बचा सकते हैं| How to save tax on sale of house?

आप सभी प्रकार की मुनाफे पर टैक्स नहीं बचा सकते

अगर आप अपने घर या मकान को 2 वर्ष से पहले बेचते हैं और आपको मुनाफा होता है, तो इस मुनाफे को short-term capital gain (शोर्ट-टर्म कैपिटल गेन) माना जाएगा| ऐसे मुनाफे पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होगा| इस तरह को मुनाफे को बचाने का कोई तरीका नहीं है| आपको टैक्स देना ही होगा|

अगर आप अपने मकान को 2 वर्ष के बाद बेचते हैं और आपको मुनाफा होता है,तो ऐसे मुनाफे को long term capital gain माना जाएगा| ऐसे मुनाफे पर आपको 20% टैक्स देना होगा|ध्यान दें मुनाफे की गणना करते समय आपको indexation का लाभ मिलेगा| Long Term Capital Gains on sale of house taxed at 20% after indexation| अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स बचाया जा सकता है| आईये जानते हैं कैसे|

घर या मकान को बेचने पर होने वाले पर 2 तरीके से टैक्स बचाए जा सकता है|

#1 पहला तरीका: दूसरा मकान खरीदने पर (Section 54)

आप जितना भी मुनाफा हुआ है,

  1. उसको मकान बेचने के एक वर्ष पहले या दो वर्ष बाद तक आपने कोई मकान खरीदा है, तो आपको टैक्स से छूठ मिल सकती है| Purchase a new house within one year before or within 2 years after the date of sale of the old house
  2. उस मुनाफे से अगर आपने मकान बेचने के 3 वर्ष के भीतर नया मकान बना लिया है, तब भी आपको टैक्स से छूठ मिल सकती है| Construct a new house within 3 years from the date of sale of the old house

एक उदहारण से समझते हैं|

मान लिए आपने मकान बेचा है और आपको 20 लाख रुपये का मुनाफा (long term capital gain after indexation) होता है|

अगर आपने मकान बेचने से एक वर्ष पहले या दो वर्ष बाद तक कोई मकान खरीदा है (या बेचने के 3 वर्ष के भीतर नया घर बनाया है), तो आपको टैक्स में कुछ छूठ मिल सकती है|

अगर आपने नया घर 30 लाख रुपये का खरीदा है, तो आपको मुनाफे (20 लाख) के किसी भी हिस्से पर टैक्स नहीं देना होगा|

अगर आपके घर 15 लाख रुपये का खरीदा है, तो आपको 15 लाख रुपये के मुनाफे पर छूठ मिलेगी| बचे हुए 5 लाख रुपये के मुनाफे (20 लाख – 15 लाख) पर 20% टैक्स देना होगा|

इन बातों का रखें ख्याल

  1. आप नए मकान को 3 वर्ष से पहले नहीं बेच सकते| अगर बेचते हैं,तो टैक्स बेनिफिट वापिस ले लिए जायेंगे|
  2. आपके मकान खरीदने या बनाने के लिए 2 या 3 वर्ष का समय है|परन्तु अगर आप वित्तीय वर्ष की रिटर्न भरने की तारिख तक मकान खरीद या बना नहीं पाते, तो आपको मुनाफे को कैपिटल गेन्स अकाउंट (Capital gains account) में जमा करना होगा| यह अकाउंट आप किसी भी सरकारी बैंक में खोल सकते हैं| स्टेट बैंक की वेबसाइट पर अधिक जानकारी पाईए|
  3. मान लिए आपने 15 नवम्बर 2018 (FY2019) को मकान बेचा है| FY2019 के रिटर्न भरने की आखरी तारिख 31 July 2019 है| अगर आप जुलाई 31 2019 तक नया मकान खरीद या बना नहीं पाते और टैक्स बेनिफिट लेना चाहते हैं, तब आपको यह पैसा capital gains account में जमा करना होगा|घर बनाने या खरीदने के लिएआप यह पैसा निकाल सकते हैं|

#2 दूसरा तरीका (NHAI or REC के बांड खरीद कर) (Section 54 EC)

आप मकान बेचने पर हुए Long term capital gain को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) या रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कंपनी (REC) के बांड खरीद कर भी बचा सकते हैं| इन बांड्स को कैपिटल गेन बांड भी कहा जाता है|

इन बातों का रखें ख्याल

  • आपको मकान बेचने के 6 महीने के भीतर इन बांड में निवेश करना होगा|
  • ध्यान दें इन बांड में 5 वर्ष का लॉक-इन होगा| इसका मतलब आप इन बांड से 5 वर्ष से पहले पैसा नहीं निकाल सकते|
  • आप इन बांड में प्रति वित्तीय वर्ष 50 लाख रुपये से ज्यादा निवेश नहीं कर सकते|
  • आपको इन बांड पर ब्याज भी मिलेगा| ब्याज बदलता रहता है| आप 5-6% p.a. के ब्याज की उम्मीद कर सकते हैं| ब्याज पर आपको टैक्सदेना होगा| अधिक जानकारी के लिए NHAI और REC की वेबसाइट पर जाएँ|

Source: www.PersonalFinancePlan.in

पढ़ें: इनकम टैक्स बचाने के 35 तरीके

Filed Under: Tax Planning, बिना श्रेणी Tagged With: save tax, taxes, इनकम टैक्स बचत, घर बेचने पर टैक्स कैसे बचाएँ, टैक्स कैसे बचाएं, टैक्स बचत के तरीके

मेडिकल लोन क्या है? आपको कैसे मिल सकता है?

by दीपेश Leave a Comment

ऐसा हो सकता है की आपके परिवार में किसी व्यक्ति का अस्पताल में ऑपरेशन कराना हो और उसके लिए धन की आवश्यकता हो| बहुत से तरीके हैं इस इलाज़ के खर्चे के भुगतान के लिए| आप अपनी सेविंग्स में से पैसा निकाल सकते हैं, किसी परिवारजन या मित्र से पैसा ले सकते हैं|

इसके अलावा वक और विकल्प है| आप मेडिकल लोन (Medical Loan) ले सकते हैं| मेडिकल लोन काफी हद तक पर्सनल लोन की तरह ही होता है| कुछ कंपनी का मेडिकल लोन उत्पाद देखने पर लगता है की उन्होंने बस पर्सनल लोन को ही मेडिकल लोन का नाम दे दिया है|

मेडिकल लोन और पर्सनल लोन में क्या अंतर है? (Difference between Personal Loan and Medical Loan)

सबसे प्रमुख अंतर यह है की पर्सनल लोन में पैसा आपको दिया जाता है और आप उस पैसे को अपने अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं|

मेडिकल लोन में फाइनेंस कंपनी पैसा सीधे आपके अस्पताल को ट्रान्सफर करती है|

पैसा आपके हाथ में नहीं आता| वैसे तो बहुत सी कंपनी मेडिकल लोन देती होंगी| मैं आपको 2 कंपनी का नाम बताता हूँ (LetsMD और ArogyaFinance)| आप इनकी वेबसाइट पर जा कर चेक कर सकते हैं|

ऐसा भी हो सकता है की लोन कंपनी आपको कुछ  ऐसे अस्पतालों में इलाज़ कराने को कहें, जिनके साथ उनका टाई-अप हो|ऐसे में आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है|

ध्यान दें कुछ मेडिकल लोन ऐसे भी हैं जहाँ पैसा आपके हाथ में दिया जाता है|परन्तु मेरे अनुसार वह मेडिकल लोन नहीं है, बल्कि पर्सनल लोन हैं| टाटा कैपिटल के मेडिकल लोन में ऐसा ही होता है|

मेडिकल लोन की ब्याज दर क्या होती है? (Interest Rate for a medical loan)

पर्सनल लोन के ब्याज दर जैसी ही होनी चाहिए|

परन्तु मैंने कुछ लोन कंपनी की वेबसाइट चेक करी, तो वहाँ बताया गया था की वह कुछ भी ब्याज नहीं लेते (0% interest)|

ऐसे में यह कंपनी अस्पताल से discount ले सकती हैं|

उदहारण के लिए, मान लिए आपके इलाज़ का बिल 1 लाख रुपये होगा| आप 1 लाख रुपये का मेडिकल लोन लेते हैं और आपको यह लोन 10,000 रुपये की 10 EMI में चुकाना है| आपके लिए हुई 0% EMI|

ऐसे में अस्पताल लोन कंपनी को 10,000 रुपये का discount दे देगा| लोन कंपनी को अस्पताल को केवल 90,000 रुपये देने होंगे| आप पूरे 1 लाख रुपये का भुगतान करेंगे|

यह discount ही लोन कंपनी की कमाई का साधन है| साथ ही प्रोसेसिंग फीस के माध्यम से भी कंपनी की कमाई होती है|

ऐसा भी हो सकता है की आपको कुछ अस्पतालों में इलाज़ के लिए 0% की ब्याज दर पर लोन मिले और कुछ में न मिले|

एक बात और, मेडिकल लोन किसी भी प्रकार का स्वरुप ले सकता है| मैंने केवल एक स्वरुप पर ही चर्चा करी है|

ध्यान दें बैंक आपको 0% EMI का मेडिकल लोन नहीं दे सकते| रिज़र्व बैंक की पाबंधी है| यह आपको किसी लोन कंपनी से ही मिलेगा|अगर बैंक से मेडिकल लोन मिलता है, तो उस पर ब्याज देना होगा|

कितना मेडिकल लोन मिल सकता है? (How much medical loan can you get?)

लोन कंपनी पर निर्भर करता है|

Tata Capital 25 लाख रुपये तक का मेडिकल लोन देता है|

ध्यान दें लोन की राशि आपकी आपकी आय पर भी निर्भर करेगी|

मेडिकल लोन की पात्रता क्या है? (Medical Loan: Eligibility)

हर लोन कंपनी के पात्रता के नियम अलग हो सकते हैं|

आपको लोन कंपनी से चेक करना होगा| वेबसाइट पर कुछ ख़ास जानकारी नहीं है|

मेरे अनुसार, अगर आप सैलरी पाते हैं, तब शायद लोन मिलना आसान हो| ऐसा इसलिए क्योंकि मेडिकल लोन असुरक्षित लोन (unsecured लोन) है|

लोन कंपनी आपकी लोन भुगतान की क्षमता को देख कर ही लोनदेगी| आपका क्रेडिट स्कोर भी आपके लोन आवेदन को प्रभावित कर सकता है|

Tata Capital केवल उन्ही लोगों को मेडिकल लोन देता है, जो कम से कम 20,000 रुपये की सैलरी पाते हों|

मेडिकल लोन के लिए कुछ गिरवी रखना होता है? (No security required)

मेडिकल लोन असुरक्षित लोन (unsecured loan) है| कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता|

मेडिकल लोन की अवधि कितनी हो सकती है? (Loan Tenure of medical loan)

लोन की 3 महीने से 6 वर्ष तक हो सकती है| इस बारे में कोई नियम नहीं है| लोन कंपनी अवधि सेट कर सकती हैं|

मेडिकल लोन के लिए आवेदन कैसे करें? क्या दस्तावेज चाहिए होंगे?

आप लोन कंपनी की वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं| आप लोन कंपनी को कॉल करके भी जानकारी ले सकते हैं|

आपको इन दस्तावेजों की ज़रुरत पड़ेगी|

  1. PAN कार्ड
  2. पते का प्रमाण
  3. आय का प्रमाण (सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट इत्यादि)

क्या आपको मेडिकल लोन लेना चाहिए?

आपको अपने लिए आपातकाल के लिए कुछ पैसा अलग से रखना चाहिए (emergency fund)| ऐसे करने से शायद आप इस तरह के लोन से बच जाएँ|

परन्तु अगर ज़रुरत है और पर्याप्त धन पाने का कोई तरीका नहीं है, तो मेडिकल लोनलेना ही पड़ेगा| लोन के अन्य विकल्पों को भी देखें (जैसे की गोल्ड लोन, पर्सनल लोन इत्यादि)| उसके बाद ही फैसला लें|

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NPS में कुछ बदलाव: पैसा निकालने पर टैक्स कम लगेगा, सरकारी कर्मचारियों के लिए भी अच्छी खबर

Last updated: दिसम्बर 11, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

भारत सरकार ने NPS (एनपीएस या नेशनल पेंशन स्कीम) में कुछ बदलावों की घोषणा करी है| यह सभी बदलाव निवेशकों के लिए बहुत लाभकारी हैं|

कुछ बदलाव सभी निवेशकों के लिए हैं और कुछ बदलाव केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही हैं|

आईये जानते हैं विस्तार से|

सरकार ने NPS में क्या बदलाव किये गए हैं?

#1 NPS से रिटायरमेंट पर पैसा निकालने पर टैक्स नियम में बदलाव

यह सभी NPS निवेशकों के लिए है|

आपको रिटायरमेंट के समय जमा राशि में से 40% का एन्युटी प्लान खरीदना होता है| ध्यान दें आप चाहें तो पूरी राशि से भी एन्युटी या पेंशन प्लान खरीद सकते हैं|

बची हुई 60% राशि आप एक मुश्त निकाल सकते हैं| अब इस एक मुश्त राशि को निकालने पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा| पहले केवल 40% राशि ही टैक्स-मुक्त थी| अब पूरी 60% टैक्स मुक्त है|

यह NPS के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है|

NPS से पैसा निकालने पर टैक्स की जानकारी की लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

#2 NPS टियर 2 अकाउंट में निवेश करने पर भी टैक्स बेनिफिट मिलेगा

अभी टैक्स NPS के टैक्स बेनिफिट केवल NPS टियर-1 खाते तक ही सीमित थे|

परन्तु अब NPS टियर 2 खाते में निवेश करने पर भी आपको सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलेगा| ध्यान दें सेक्शन 80C के तहत आपको 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है|

#3 सरकार आपके NPS खाते में बढ़ाएगी योगदान

यह बदलाव केवल केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों (Central Government employees) के लिए है| मेरी जानकारी के अनुसार यह राज्य सरकार के कर्मचारियों (State Government Employees) के लिए नहीं है| परन्त आशा करता हूँ राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी यह परिवर्तन किया जाएगा|

अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और NPS में शामिल हैं, तब सरकार आपके एनपीएस खाते में आपकी आय (Basic+DA) के 14% का भुगतान करेगी| अभी तक सरकार केवल 10% भुगतान करती थी| यह तो काफी लाभकारी बात है| कर्मचारी का योगदान 10% ही रहेगा| ध्यान दें सरकारी योगदान केवल सरकारी कर्मचारियों के NPS में ही है|

ज्यादा योगदान होगा, तो रिटायरमेंट के समय ज्यादा राशि जमा होगी और आपको अधिक्प पेंशन मिलेगी|

अगर आपने किसी प्राइवेट कंपनी में NPS खाता खोला है, तो उनके लिए कोई परिवर्तन नहीं है| साथ ही अगर आपने All Citizens मॉडल के तहत खाता खोला है, तब भी आपके लिए कोई परिवर्तन नहीं है|

#4 आप Equity में ज्यादा निवेश कर पायेंगे

अभी तक सरकारी NPS में आप 15% प्रतिशत से अधिक equity में निवेश नहीं कर सकते| All Citizens मॉडल में निवेशक 75% तक equity में निवेश कर सकते हैं|

क्योंकि NPS लम्बी अवधि का निवेश है, इसमें इक्विटी में अधिक निवेश करना चाहिए| पहले, आप 15% से अधिक नहीं कर सकते थे| अब, अगर आप चाहें, तो 15% से अधिक इक्विटी में निवेश कर सकते हैं| आपको अपना फण्ड मेनेजर बदलने का भी विकल्प मिलेगा| मेरे अनुसार यह भी अच्छी खबर है|

आप भारत सरकार द्वारा किये गए बदलाव के बारे में यहाँ भी पढ़ सकते हैं|

मैंने पहले इस पोस्ट में लिखा था की NPS के तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी दी जायेगी| ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है| वह जानकारी गलत निकली|

Filed Under: NPS Tagged With: Government NPS, New pension scheme, NPS, एनपीएस, नेशनल पेंशन योजना, सरकारी NPS

आपको कितना जीवन बीमा खरीदना चाहिए? (How much Life Insurance should you buy?)

by दीपेश Leave a Comment

कई बार हम अपने लिए अच्छा निवेश (जैसे की बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड या शेयर) ढूंढते रहते हैं, परन्तु फाइनेंसियल प्लानिंग के सबसे महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान नहीं देते|

कभी आपने सोचा है की अगर आपको कुछ हो गया, तो आपके लक्ष्यों के लिए निवेश कैसे जारी रहेगा? आपके बच्चों के स्कूल के फीस का भुगतान कैसे होगा? उनकी उच्च शिक्षा या विवाह के लिए धन कहाँ से आएगा? आपके परिवार का खर्चा कैसे चलेगा? आपके होम लोन के EMI का भुगतान कैसे होगा? आपकी अनुपस्तिथि में परिवार को विषम वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है|

इसी कारण लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा (Life Insurance) खरीदना बहुत ज़रूरी है| एक जीवन बीमा प्लान के तहत पालिसीधारक की मृत्यु होने पर उसके परिवार की जीवन बीमा की राशी मिलती है| इस राशि से आपका परिवार निर्वाह कर सकता है|

अब सवाल यह आता है की : कितना जीवन बीमा आपके परिवार के लिए पर्याप्त होगा?

मैं जब लोगों से पूछता हूँ की क्या उन्होंने जीवन बीमा लिया है, तो बहुत से लोगों का जवाब “हाँ” होता है| परन्तु जब में उनसे बीमा की राशि पूछता हूँ, तब मुझे काफी आश्चर्य होता है| किसी के पास एक लाख रुपये का बीमा है, तो किसी के पास 2 लाख रुपये है|

अब सोचने वाली बात यह है: अगर आपको कुछ हो जाता है, तो क्या जीवन बीमा से मिलने वाली राशि आपके परिवार के लिए पर्याप्त है? मेरे अनुसार 1 या 2 लाख रुपये से आपके परिवार का गुज़ारा नहीं होगा|

आपके कितना जीवन बीमा खरीदना चाहिए? (How much life insurance do you need?)

आपको विभिन्न वेबसाइट पर कैलकुलेटर मिल जायेंगे जहां आप यह चेक कर सकते हैं|

कुछ एडवाइजर कहते हैं की आपके पास आपकी आय का 10-15 गुना जीवन बीमा होना चाहिए| अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये हैं, तो आपके पास 50 लाख रुपये का जीवन बीमा (life insurance) होना चाहिए| मैं इस तरह की दृष्टिकोण से बहुत प्रभावित नहीं हूँ|

मेरे अनुसार आपको कुछ ऐसा करना चाहिए|

आपके पास इतना जीवन बीमा होना चाहिए की, अगर आपकी बीमा राशि में आपकी मौजूदा संपत्ति (धन) को जोड़ दिया जाए, तो वह निम्नलिखित तीन कामों के लिए पर्याप्त हो|

  1. आपके सारे लोन का भुगतान हो सके| आपके बाद आपके लोन को चुकाने का भार आपके परिवार पर आ जाएगा| अगर आपका परिवार आपके लोन का भुगतान नहीं कर पाता है, तो बैंक आपके घर/कार इत्यादि को बेच कर सारे पैसे वसूल सकता है|
  2. आपके सारे लक्ष्यों (goals) को पूरा करने के लिए काफी हो| लक्ष्य के उदहारण बच्चों की पढाई/शादी, घर खरीदना इत्यादि|
  3. आपके परिवार के नियमित खर्चों के लिए पर्याप्त हो| आपके परिवार के बहुत सारे नियमित खर्चे भी होंगे (राशन का खर्चा, बिजली/फ़ोन बिल, बच्चों की स्कूल फीस इत्यादि)

Your Existing Wealth (मौजूदा संपत्ति) + Life Insurance Cover (जीवन बीमा)

>= Amount needed to square off all your loans (आपके सारे लोन चुका सके)+

Provide for all your goals (आपके सारे लक्ष्य के लिए पर्याप्त हो)+

Provide for regular expenses of the family (आपके परिवार के आम खर्चों के लिए पर्याप्त हो)

उदहारण से समझते हैं|

मान लिए आपके पास

  1. 5 लाख रुपये जमा हैं|
  2. आपके होम लोन 25 लाख रुपये का बचा हुआ है|
  3. आपका कार लोन 3 लाख रुपये का बचा हुआ है|
  4. आपको बच्चों की पढाई और शादी के लिए 30 लाख रुपये की ज़रुरत है|
  5. साथ ही आपके परिवार का 20,000 रुपये प्रति माह का खर्चा है|

Your Existing Wealth (मौजूदा संपत्ति)= 5 लाख रुपये

कुल मिला कर लोन = 25 लाख + 3 लाख = 28 लाख रुपये

आपके लक्ष्य पूरे करना के लिए पैसा: 30 लाख रुपये

अब आपके परिवार को महीने के 20,000 रुपये चाहिए| ध्यान दें धीरे-धीरे महंगाई भी बढ़ेगी| अभी के लिए शायद 20,000 रुपये काफी हों| परन्तु 10 वर्ष बाद यह राशि काफी नहीं होगी| साथ ही कुछ अकस्माक खर्चे (इमरजेंसी) भी आ सकते हैं, जो की इसी धन में से दिए जायेंगे| इसलिए आपके पास यहाँ थोड़ा अधिक पैसा होना चाहिए|

20,000 रुपये हुए साल के 2 लाख 40 हज़ार रुपये| इस राशि को 25 से गुना करें| राशि हुई 96 रुपये| 25 से गुना इस लिए किया की अगर 4% रिटर्न भी मिला, तो वर्ष के 2 लाख 40 हज़ार रुपये हो जायेंगें|

कितना बीमा चाहिए?

5 लाख +जीवन बीमा राशि = 28 लाख रुपये + 25 लाख रुपये + 96 लाख रुपये

जीवन बीमा राशि = 1.44 करोड़ रुपये

आपको इतना जीवन बीमा लेना ही चाहिए|

जीवन बीमा कई तरीके से लें सकते हैं? कैसे लेना चाहिए?

इस बारे में मैं पहले भी चर्चा कर चुका हूँ|

आप तीन तरीकों से जीवन बीमा खरीद सकते हैं|

  1. पारम्परिक जीवन बीमा प्लान (ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस प्लान)
  2. यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान)
  3. टर्म इंश्योरेंस प्लान (Term Insurance Plan)

टर्म इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदने का सबसे अच्छा तरीका है| अगर आप कुछ अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को पढ़ें|

इस बात का रखें ख्याल

एक बात और, जो जीवन बीमा से राशि मिलेगी, उसे निवेश भी करना होगा| शायद आपको निवेश की अच्छी जानकारी हो, परन्तु ज़रूरी नहीं है की आपके परिवार को भी अच्छी जानकारी हो| ऐसी स्तिथि में आपके परिवार को बेवकूफ बनाया जा सकता है| कुछ लोग अपनी कमाई के लिए आपके परिवार से उलटे-पुल्टे निवेश करा सकते हैं| अगर ऐसा हुआ, तो आपकी सारी मेहनत बेकार हो जायेगी

ऐसी स्तिथि से बचने की लिए आपके पास कुछ विकल्प हैं|

  1. अपने परिवार में किसी सदस्य की निवेश की जानकारी बढायें| यह मुश्किल काम है परन्तु आपके परिवार को परेशानी से बचा सकता है|
  2. आप कहीं लिख कर रखें की आपके बाद जीवन बीमा से मिलनी वाली राशि को कैसे निवेश करना है और अपने परिवार को बता कर रखें| यह ज़रूर लिखें की क्या नहीं करना है|
  3. किसी भरोसेमंद व्यक्ति या एडवाइजर को ढूंढें, जो आपके बाद आपके पैसा का ख्याल रख सके और आपके परिवार का निवेश में मार्गदर्शन कर सकें|

Filed Under: Life Insurance Tagged With: life insurance calculator, जीवन बीमा कितना चाहिए, टर्म इंश्योरेंस प्लान, टर्म प्लान जीवन बीमा

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