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Life Insurance

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कैसे यूलिप आपके वित्तीय लक्ष्य (financial goal) पूरे करने में मदद कर सकता है?

by दीपेश Leave a Comment

जब निवेश की बारी आती है, तो आपको हमेशा अपने लक्ष्यों पर फोकस सोचना चाहिए|

लक्ष्यों से मेरा मतलब है आपके Financial या Life Goals से|

Financial या life goals क्या होते हैं?

Life goals वह वस्तुएं या अनुभव हैं, जो की आप अपनी ज़िन्दगी में पाना चाहते हैं|

क्योंकि हर किसी को ज़िन्दगी से अलग ख्वाहिश होती है, हम सभी के ज़िन्दगी में अलग-अलग Financial या Life Goal हो सकते हैं| जैसे की आपके और मेरे बिलकुल अलग फाइनेंसियल या life goal हो सकते हैं|

अपने लिए घर खरीदना आपका goal हो सकता है|

बच्चों की पढ़ाई या शादी का लिए धन इकठ्ठा करना एक goal हो सकता है|

अपना व्यापार शुरू करना या पूरी दुनिया का भ्रमण करना भी एक life goal हो सकता है|

अपने रिटायरमेंट के लिए पैसा इकठ्ठा करना भी एक goal है|

और यही नहीं| आपके life goal कुछ भी हो सकते हैं|

अब जब वित्तीय लक्ष्यों की बात कर रहे हैं, तो उसमें राशि का ज़िक्र तो होना ही चाहिए|

जैसे की, आपको घर खरीदना है, अपने आप में पूरी जानकारी नहीं है|

आपको 10 साल बाद घर खरीदना है और उसके लिए आपको 25 लाख रुपये जमा करने हैं| यह अपने आप में एक पूरा और स्मार्ट गोल है| इस जानकारी के साथ आप अपने निवेश को आसानी से प्लान कर सकते हैं|

वित्तीय लक्ष्य (financial या life goal) के अनुसार निवेश करने के क्या फायदे हैं?

क्योंकि आपको अपनी निवेश अवधि और निर्धारित राशि का पता है, आप यह पता लगा सकते हैं की आपको हर महीने कितना निवेश करना होगा|

नियमित समय पर आप देख सकते हैं की आपके निवेश आपकी आशानुसार रिटर्न दे रहे हैं या नहीं| आप अपने गोल की तरफ सही तरह से अग्रसर हैं की नहीं| अगर नहीं है, तो आप अपना निवेश बदल सकते हैं|

आप एक योजना के अनुसार निवेश करते हैं| निवेश में संयम बनाए रखना बहुत ज़रूरी हैं| अगर आपका फोकस आपके गोल्स पर हैं और रिटर्न पर नहीं, तो निवेश संयम (investment discipline) बनाये रखना भी आसान हो जाता है|

आप अपने लक्ष्यों (गोल्स) को छोटी अवधि (short term) और लम्बी अवधि (long term) में बाँट सकते हैं|

छोटी अवधि के लक्ष्यों (short term goals) के लिए आप बैंक फिक्स्ड डिपाजिट या डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते हैं| ऐसा इसीलिए क्योंकि आपका लक्ष्य नज़दीक है और आप ज्यादा रिस्क नहीं ले सकते|

लम्बी अवधि के लक्ष्यों (long term goals) के लिए  आप ज्यादा रिस्क ले सकते हैं और शेयर बाज़ार में निवेश कर सकते हैं| इसके लिए आप इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड या ULIP (Unit Linked Insurance Plan) के इक्विटी फण्ड में भी निवेश कर सकते हैं|

अगर आप लम्बी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो शेयर बाज़ार के उतार चढ़ाव को नज़रंदाज़ कर सकते हैं| निवेशित रहें|

बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरेंस द्वारा आयोजित इवेंट

कुछ दिन पहले (जनवरी 8, 2018) मैंने Bajaj Allianz Life Insurance द्वारा आयोजित एक इवेंट में हिस्सा लिया| उस इवेंट में गोल बेस्ड प्लानिंग पर काफी जोर दिया गया| लोगों ने अपने अनुभव शेयर किये और बताया की बिना किसी गोल के निवेश करने से उन्हें क्या नुकसान हुआ| साथ ही इस बात पर भी चर्चा करी की किस तरह ULIP लम्बी अवधि के गोल के लिए एक अच्छा निवेश हो सकते हैं|

एक यूलिप (ULIP उया Unit Linked Insurance Plan) किस प्रकार आपके लक्ष्य (life goals) तक पहुँचने ने आपकी मदद कर सकता है?

यूलिप एक लम्बी अवधि के निवेश है| आप यूलिप से पांच वर्ष से पहले पैसा नहीं निकाल सकते|

इससे फायदा यह होता है की आप शेयर बाज़ार के उतार चढ़ाव से प्रभावित नहीं होते| आपको पहले से ही मालूम है की आपने लम्बी अवधि के लिए निवेश किया है|

ऐसी सोच के साथ आप बेफिक्र हो कर अपने life goal के लिए निवेश कर सकते हैं| #investbefikar

इसी वजह से ULIP आपके लम्बी अवधि के लक्ष्यों के लिए (for long term goals) एक अच्छा निवेश माध्यम हो सकते हैं|

आपके पास कई तरह के फण्ड में निवेश करने का विकल्प होता है| आप अपनी इच्छा और ज़रुरत के अनुसार यूलिप के इक्विटी, डेब्ट या हाईब्रिड फण्ड में निवेश कर सकते हैं| साथ ही आपके पास आपके शेयर बाज़ार के द्रष्टिकोण के अनुसार किसी फण्ड में स्विच करने का विकल्प है|

यूलिप (ULIP) में निवेश करने पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलते हैं और परिपक्वता के समय (maturity) निकाले हुए पैसे पर कोई टैक्स भी नहीं देना होता|

बहुत लोग यह मानते हैं की यूलिप में चार्जेज (charges) काफी ज्यादा होते हैं और आपके रिटर्न इससे प्रभीवित होते हैं| ध्यान दें यूलिप में आपको लाइफ इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट दोनों का बेनिफिट मिलता है और अब यूलिप में चार्जेज (पिछले दशक) पहले के मुकाबले काफी कम हो गए हैं|

Filed Under: Life Insurance Tagged With: Bajaj Allianz, Life Insurance, Sponsored, ULIP, Unit Linked Insurance Plan

Claim Settlement Ratio for FY2017 (Life Insurance): कौनसी है बेस्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी?

by दीपेश 2 Comments

IRDA ने वित्तीय वर्ष 2017 (FY2016-2017) के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट (Annual Report) जारी कर दी है।

उस रिपोर्ट में FY2017 के लिए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (जीवन बीमा कंपनी) के क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (claim settlement ratio) के बारे में भी जानकारी है|

क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (Claim Settlement Ratio of Life Insurance Company) क्या होता है?

इससे यह पता चलता है की इंश्योरेंस कंपनी से पिछले साले आये हुए दावों (claim) में से कितने क्लेम का भुगतान किया और कितनों को रिजेक्ट कर दिया|

तो मान लिए एक कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो 80% है, तो इसका मतलब यह हुआ की कंपनी ने 80% दावों (क्लेम) का भुगतान किया और 20% क्लेम को रिजेक्ट कर दिया|

जाहिर है, जितना अधिक क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (claim settlement ratio) होगा, उतना ही बेहतर है|

क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (claim settlement ratio) दो तरीकों से देखा जा सकता है

  1. संख्या के अनुसार (Claim Settlement Ratio by Number of Claims)
  2. क्लेम राशि के अनुसार (Claim Settlement Ratio by Benefit Amount)

आईये उदहारण से समझते हैं|

एक बीमा कंपनी के पास 100 क्लेम आये|

90 क्लेम 5 लाख रुपये के थे और बचे हुए 10 क्लेम 50 लाख रुपये के थे|

अब मान लिए जीवन बीमा कंपनी ने 5 लाख के सारे क्लेम का भुगतान कर दिया|

परन्तु 50 लाख के 10 क्लेम में से केवल 5 क्लेम का ही भुगतान किया|

अब संख्या के अनुसार देखें, तो बीमा कंपनी ने 100 में से 95 क्लेम का भुगतान कर दिया, तो क्लेम संख्या के अनुसार claim settlement ratio) हुआ 95%|

क्लेम राशि के अनुसार बीमा कंपनी पर कुल मिला कर 9.5 करोड़ रुपये के क्लेम आये (90 X 5 लाख + 10 X 50 लाख रुपये), परन्तु बीमा कंपनी ने केवल 7 करोड़ रुपये (90 X 5 लाख + 5 X 50 लाख रुपये) का ही भुगतान किया|

अब अगर क्लेम राशि के अनुसार क्लेम सेटलमेंट रेश्यो देखें, तो हुआ 73.6%

Claim Settlement Ratio by Number of Claims = 95%

Claim Settlement Ratio by Benefit Amount = 73.6%

अब IRDA की रिपोर्ट में यह दोनों ही नंबर होते हैं, तो आप किस नंबर पर ज्यादा ध्यान देंगे|

अगर आप एक नई जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो क्या आप दूसरे नंबर पर विचार नहीं करेंगे?

इस बात में कोई दोराय नहीं की आप चाहेंगे की यह दोनों की नंबर अच्छे हों|

Claim Settlement Ratio of Life Insurance Companies for FY2017 (FY2017 के लिए जीवन बीमा कंपनियों का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो)

आइए साल 2017 के आंकड़ों को देखते हैं। (Source: www.PersonalFinancePlan.in)

2017 2018 जीवन बीमा कंपनी क्लेम सेटलमेंट claim settlement ratio 2018

 

2017 2018 जीवन बीमा कंपनी क्लेम सेटलमेंट claim settlement ratio 2018 बेस्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी

2017 2018 जीवन बीमा कंपनी क्लेम सेटलमेंट claim settlement ratio 2018 बेस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान

 

वित्त वर्ष 2016-2017 के जीवन बीमा कंपनियों के Claim Settlement Ratio से क्या बात स्पष्ट है?

आप देख सकते हैं की क्लेम राशि के सन्दर्भ में क्लेम सेटलमेंट रेश्यो कम है| Claim Settlement Ratio by Number of Claims is better than Claims Settlement Ratio by Benefit Amount.

अब यह जान कर आपको आश्चर्य नहीं होगा की जो क्लेम सेटलमेंट रेश्यो आप विज्ञापनों में पढ़ते हैं, वह क्लेम सेटलमेंट क्लेम की संख्या के अनुसार होता है| Claim Settlement Ratio by Number of Claims is typically advertised. ऐसा इसलिए क्योंकि यह नंबर बेहतर होता है|

ऐसा प्रतीत होता है कि ज्यादा बीमा राशि वाले काफी क्लेम रिजेक्ट किये गए हैं| हो सकता है की टर्म इंशोयरेंस प्लान के तहत आये क्लेम भी काफी रिजेक्ट हो रहे हों|

स्वीकृत क्लेम (जिन क्लेम का भुगतान लिया गया) की औसत राशि (average size of accepted claim) अस्वीकृत क्लेम (जिन क्लेम को रिजेक्ट कर दिया गया) के मुकाबले कम है।

पर एक बात का ध्यान दे| आप एक बीमा कंपनी से एक बड़े क्लेम में ज्यादा जांच पड़ताल की उम्मीद कर सकते हैं|

साथ ही, अगर कोई पालिसी खरीदते समय कुछ धोखाधड़ी (fraud या कोई ज़रूरी जानकारी छिपाना) का इरादा रखता है, तो ऐसा व्यक्ति बड़ी राशि की पालिसी ही खरीदेगा|

पर जीवन बीमा कंपनी को भी क्लीन चिट न दें| हो सकता है की बीमा कंपनी का रुझान भी बड़े क्लेम के रिजेक्ट करने की तरफ ज्यादा हो|

ध्यान दे यह जानकारी केवल जीवन बीमा कंपनियों की है| इसमें हेल्थ इंश्योरेंस के क्लेम के बारे में कोई जानकारी नहीं है|

बेहतर होता की हमें विभिन्न प्रकार की पालिसी (टर्म इंश्योरेंस प्लान, पारंपरिक जीवन बीमा प्लान और यूलिप)के लिए अलग-अलग क्लेम सेटलमेंट की जानकारी दी गयी होती| पर ऐसा नहीं है|

पढ़ें: कौन से हैं 5 सर्वश्रेष्ठ टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान? 5 Best Term Insurance Plan

इस जानकारी का आप किस तरीके से प्रयोग कर सकते हैं?

अगर आप एक नयी पालिसी लेने जा रहे हैं, तो आप चाहेंगे की उसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो संख्या और क्लेम राशि दोनों के अनुसार अच्छा हो|

अगर दोनों ratio (अनुपातों) में काफी अंतर है, तो आपको थोडा सोचना पड़ेगा|

देखिये किसी एक साल ऐसा होता है, तो चलता है| क्योंकि हो सकता है की कोई बड़े क्लेम वाले fraud केस आ गया हो|

पर अगर हर साल ऐसा होता हैं, तो परेशानी का विषय है|

ऐसी स्तिथि में कुछ तो गलत है| या फिर तो इंश्योरेंस कंपनी बेचते समय कुछ गड़बड़ी करती है, या क्लेम के भुगतान के समय| आपको सतर्क होने की ज़रुरत है|

एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ (HDFC Standard Life) के उदहारण पर एक नजर डाले।

एचडीएफसी स्टैण्डर्ड लाइफ इंश्योरेंस

हर साल काफी अंतर है|  ध्यान दें HDFC Standard Life  इकलौती कंपनी नहीं है की जहाँ अंतर काफी ज्यादा है| और भी कंपनी है|

Insurance Amendment Act, 2015 में आपको कुछ राहत मिल सकती है

यदि आपकी पॉलिसी 3 वर्ष से अधिक पुरानी है तो जीवन बीमा कंपनियां आपके दावे को अस्वीकार (रिजेक्ट) नहीं कर सकती हैं।

इसका मतलब है, एक बार आपकी जीवन बीमा पॉलिसी 3 साल पुरानी हुई, तो बीमा कंपनी किसी भी कारण से आपके क्लेम को रिजेक्ट नहीं कर सकती|

ऐसी स्तिथि में क्लैम सेटलमेंट रेश्यो की अहमियत थोड़ी कम हो जाती है|

हालांकि, अगर आप एक नई टर्म इंश्योरेंस प्लान लेने की योजना बना रहे हैं, तो बेहतर होगा की ऐसी कंपनी के साथ जाएँ जिसके दोनों claim settlement ratio अच्छे हैं| ध्यान दें मृत्यु पालिसी लेने के तीन वर्ष के भीतर भी हो सकती है|

इस विषय में आप विस्तार से इस पोस्ट में पढ़ सकते हैं|

पढ़ें: अगर आपकी जीवन बीमा पालिसी 3 साल पुरानी है, तो क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा

Source: PersonalFinancePlan.in

Filed Under: Financial Planning, Life Insurance Tagged With: claim settlement ratio in hindi, IRDA claim settlement life insurance companies, Life Insurance, Life Insurance claim settlement, term life insurance

कौन से हैं 5 सबसे अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Term Life Insurance Plan)?

Last updated: मार्च 31, 2018 | by दीपेश 82 Comments

अगर आपके जीवन में कोई  भी (पति/पत्नी, माता-पिता, बच्चे, भाई-बहन या और कोई) आपकी income  पर निर्भर करते हैं, तो आपको जीवन बीमा योजना (life insurance policy) लेने की आवश्यकता हो सकती है|

जीवन बीमा कई तरीकों से खरीदा जा सकता है, जैसे की ULIP, traditional प्लान या टर्म इंश्योरेंस प्लान|

हम लोग एक लेख में देख चुके हैं की टर्म इंश्योरेंस प्लान (Term Life Insurance Plan) जीवन बीमा खरीदनेका सबसे अच्छा औए सस्ता तरीका है|

टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान क्या है (टर्म इंश्योरेंस क्या है)?

टर्म इंश्योरेंस सबसे सरल भाषा में एक ऐसा  बीमा उत्पाद है  जो पॉलिसीधारक (policyholder) की मृत्यु की स्थिति में, परिवार को बीमा राशि (कवर राशि) प्रदान करता है। टर्म योजना एक निश्चित समय  (पॉलिसी अवधि / अवधि) के लिए जोखिम कवरेज प्रदान करती है ।

अगर बीमा पॉलिसी में में दिए गए  समय अवधि के दौरान मौत हो जाती  है और पॉलिसी सक्रिय है – या फ़ोर्स  में है – तो मृत्यु लाभ (death benefit) का भुगतान किया जाता है।

अगर पालिसी अवधि के दौरान धारक की मृत्यु नहीं होती, तो अवधि समाप्त होने पर धारक को कुछ भी नहीं मिलता|

टर्म इंश्योरेंस प्लान में कोई भी निवेश का हिस्सा नहीं होता|

अब बाज़ार में टर्म इंश्योरेंस प्लान की कमी नहीं है| हर इंश्योरेंस कंपनी का एक टर्म प्लान है|

तो आपको कौन सा टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदना चाहिए|

सच में देखे तो आप किसी भी इंश्योरेंस कंपनी से टर्म प्लान खरीद सकते हैं| बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता|

जिस भी इंश्योरेंस कंपनी से आप comfortable हों, उस कंपनी से टर्म इंश्योरेंस ले सकते हैं|

हमने पिछली एक पोस्ट में देखा था की अगर आपका प्लान (जीवन बीमा) तीन साल पुराना है, तो इंश्योरेंस कंपनी आपका claim reject नहीं कर सकती|

पढ़ें: अगर जीवन बीमा पालिसी तीन साल पुरानी है, तो क्लेम खारिज(claim reject)  नहीं होगा

कौन से हैं सर्वश्रेष्ठ टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान (Best Term Life Insurance Plan)

हालाँकि आप कौनसी कंपनी से खरीदते हैं, इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, इस पोस्ट में, मैं भारत में कुछ बेहतरीन ऑनलाइन (Online) टर्म बीमा योजनाओं के बारे में चर्चा करुँगा।

ये सभी योजनायें ऑनलाइन के माध्यम से खरीदी जा सकती हैं।

ऑफ़लाइन (Offline) योजनाओं की तुलना में ऑनलाइन टर्म बीमा योजना लगभग 30-40% तक सस्ती हो सकती हैं|

कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से पूरी  प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। ध्यान रखें अगर किसी वजह से इंश्योरेंस कंपनी आपकी मेडिकल जांच (medical check-up) करना चाहती है, तो वेह जांच ऑनलाइन (online) नहीं हो सकती|

खरीदी प्रक्रिया के दौरान आप एजेंट/सलाहकार के बहकावे से बच सकते हैं।

मैंने इन ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का कैसे चुनाव किया?

मैंने चुनाव के लिए योजना का प्रीमियम और claim settlement ratio पर ध्यान दिया|

प्रीमियम कम है, तो अच्छा है|

Claim settlement ratio (क्लेम सेटलमेंट रेश्यो) यह दर्शाता है की कंपनी कितने क्लेम का सम्मान करती है| जाहिर है, जितना ज्यादा यह नंबर होगा, उतना ही आप इंश्योरेंस कंपनी में विश्वास कर सकते हैं|

साथ ही मैंने केवल इस बात पर ही ध्यान नहीं दिया की कितने प्रतिशत claim का भुगतान किया गया| मैंने claim settlement को राशि के हिसाब से भी देखा| यह जानना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि इसको देख कर ही हम जान सकते हैं की कहीं इंश्योरेंस कंपनी बड़े claim तो reject नहीं कर रही|

इस बारें में ज्यादा जानने की लिए आप इस लेख (अंग्रेजी) को पढ़ सकते हैं|

साथ ही मैंने बड़ी इंश्योरेंस कंपनी को चुनने का प्रयास किया है|

सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Online Term Insurance Plan)

  1. LIC e-Term प्लान  (एलआईसी ई-टर्म) (यह प्लान आपके लिए काफी महँगा रहेगा) (Review/समीक्षा पढ़ें)
  2. ICICI Pru Iprotect ISmart plan (Review/समीक्षा पढ़ें)
  3. Max Life Online Term Plan   (Review/समीक्षा पढ़ें)
  4. Aegon Religare iTerm Plan
  5. Tata AIA IRaksha Supreme

आईये जानते हैं की इन प्लान में 50 लाख का टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम कितना रहेगा| साथ ही यह भी देखेंगे की अगर आपको ज्यादा राशि का कवर चाहिए (जैसे की 1 करोड़ का कवर), तो उसके लिए आपको कितना प्रीमियम देना होगा|

best term insurance plan hindi premium calculator टर्म इंश्योरेंस क्या है ऑनलाइन टर्म प्लान

ध्यान दें की यह प्रीमियम 30 वर्षीय स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए 30 साल की पालिसी अवधि के लिए हैं| विभिन्न वेबसाइट पर टर्म इंश्योरेंस कैलकुलेटर उपलब्ध हैं, आप उन वेबसाइट पर जा कर अपने लिए प्रीमियम कैलकुलेट कर सकते हैं|

ध्यान दें यह प्रीमियम राशि जो बताई गयी है, वह केवल बेसिक टर्म प्लान के लिए है| अगर आपको अपने प्लान से साथ कुछ इंश्योरेंस राइडर  भी लेना चाहते हैं, तो प्रीमियम भी बढ़ेगा| टर्म इंश्योरेंस राइडर के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (अंग्रेजी) को अवश्य पढ़ें|

टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम आपकी आयु और पालिसी अवधि की आयु के साथ बढता है

टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम पूरी पालिसी अवधि के लिए एक सामान रहता है| पालिसी लेते समय ही प्रीमियम का फैसला हो जाता है और पूरी अवधि वही प्रीमियम रहता है|

अब यह प्रीमियम कितना होगा, यह आपकी आयु और पालिसी अवधि पर निर्भर करता है|

टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम आपकी आयु का साथ बढ़ता है| इसका मतलब 45 वर्ष की आयु के व्यक्ति का प्रीमियम 30 वर्ष की आयु के व्यक्ति के प्रीमियम से ज्यादा होना चाहिए|

साथ ही पालिसी अवधि के साथ प्रीमियम भी बढ़ता है| जैसे की,  एक व्यक्ति के लिए 15 वर्ष की अवधि के टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम 30 वर्ष की अवधि के प्रीमियम से कम होगा|

Filed Under: Life Insurance Tagged With: Best life insurance plan, Life Insurance, Term insurance plan, ऑनलाइन टर्म प्लान, टर्म इंश्योरेंस क्या है?

आपका claim reject नहीं होगा अगर आपकी जीवन बीमा (Life Insurance) पालिसी 3 साल पुरानी है

Last updated: सितम्बर 14, 2017 | by दीपेश 10 Comments

कोई भी इंश्योरस पालिसी खरीदते समय सबसे बड़ी शंका लोगों के मन में यह रहती है की कई साल प्रीमियम का भुगतान करने के बावजूद अगर इंश्योरंस कंपनी ने आपके claim को अस्वीकार (reject) कर दिया, तो आप क्या करेंगे?

और इसी शंका के चलते काफी लोग जीवन और स्वास्थ्य बीमा (life and health insurance) नहीं खरीदते हैं| खासकर टर्म लाइफ इंश्योरंस (Term Life Insurance).

सच बताऊँ तो इंश्योरंस कंपनियों का रिकॉर्ड भी आपको कुछ ज्यादा भरोसा नहीं दिलाता. आये दिन आप न्यूज़ पेपर या मेग्ज़िन्स में पढेंगे की किस तरह बिना किसी वजह insurance company मे claim reject कर दिया|

इंश्योरंस कंपनियों पर विश्वास करना मुश्किल होता है| अगर वह किसी भी तरह आपका claim reject कर सकते हैं, तो कर देंगे|

इसी वजह से काफी लोग LIC (Life Insurance Company) में ज्यादा विश्वास करते हैं और प्राइवेट इंश्योरंस कंपनियों को भेड़िया समझते है|

Amendment in Insurance Act (बीमा अधिनियम में संशोधन)

शायद सरकार को इस बात का अंदेशा था| इसी वजह से सरकार ने 2014-2015 में Insurance Act, 1938 में एक संशोधन (Amendment) कर दिया|

अब अगर आपकी जीवन बीमा पालिसी (life insurance policy) 3 साल पुरानी है, तो इंश्योरंस कंपनी आपका life इंश्योरेंस claim reject (अस्वीकार) नहीं कर सकती|

आइये देखते हैं क्या लिखा है कानून में| सेक्शन 45 में लिखा है:

(1) No policy of life insurance shall be called in question on any ground whatsoever after the expiry of three years from the date of the policy, i.e., from the date of issuance of the policy or the date of commencement of risk or the date of revival of the policy or the date of the rider to the policy, whichever is later.

(2) A policy of life insurance may be called in question at any time within three years from the date of issuance of the policy or the date of commencement of risk or the date of revival of the policy or the date of the rider to the policy, whichever is later, on the ground of fraud:

इक मतलब साफ़ है, चाहे आपने पालिसी खरीदते समय झूट बोला हो या कुछ बताना भूल गायें हों, अगर आपको Life Insurance Policy लिए 3 साल हो गए हैं, तो इंश्योरंस कंपनी को claim स्वीकार (settle) करना होगा|

तो इंश्योरंस कंपनी के पास तीन साल हैं किसी भी बात का पता लगाने के लिए|

इस अधिनियम (एक्ट) की कॉपी आपको IRDA की website पर मिल जायेगी|

इससे आपको क्या फायदा होगा?

काफी फायदा होगा|

अगर आपकी पालिसी तीन साल से ज्यादा पुरानी है, तो में उम्मीद करता हूँ की आपका claim काफी जल्दी process (pass) हो जाएगा|

अगर जीवन बीम पालिसी को तीन साल हो गए हैं, तो इंश्योरंस कंपनी के हाथ बंधे हुए हैं| उन्हें claim pass करना ही होगा|

तो आप उम्मीद कर सकते हैं की claim rejection कम हो जायेंगे|

पालिसी धारक को भी कम चिंता करने की ज़रुरत है|

शायद लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री में उनका विश्वास बढ़ सकता है|

ध्यान रखें

यह संशोधन केवल जीवन बीमा (Life Insurance) पालिसी के लिए है|

यह लाभ आपको स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) के लिए नहीं मिलेगा|

Insurance Act (बीमा अधिनियम) में यह संशोधन (Amendment) मार्च 2015) में लाया गया था|

और यह संशोधन 26 December, 2014 से लागू माना जाएगा|

अगर आपने अपनी पालिसी 26 December 2014 से पहले खरीदी थी, तो मेरे लिए यह कहना कठिन है की आपको इस संशोधन के लाभ मिलेगा की नहीं|

हो सकते है मिले या फिर न मिले| शायद जब कोई केस कोर्ट जाएगा तब ही पता चलेगा|

मैं कोई कानूनी विशेषज्ञ नहीं हूँ और इस बात पर टिप्पणी नहीं करूँगा| आप किसी कानूनी जानकार से बात करके इस बात पर स्पष्टता मांग सकते हैं|

क्या आप पालिसी खरीदते समय कोई बात छुपा सकते हैं?

कुछ लोगों से जब मैंने इस बारे में बात करी तो उनका पहला सवाल था की क्या वह लोग जीवन बीमा लेते समय अपनी किसी बीमारी के बारे में इंश्योरंस कंपनी से छुपा सकते हैं|

उनकी सोच थी की इस संशोधन के बाद अगर किसी तरह तीन साल निकल गए तो फिर इंश्योरंस कामनी कुछ नहीं कर पाएगी और उसे आपके इंश्योरंस claim का पेमेंट करना होगा|

बीमारी छुपाने से आपको शायद प्रीमियम भी कम देना पड़े|

यह सोच गलत है और खतरनाक भी|

पहली बात अगर आपकी मृत्यु पालिसी लेने के तीन वर्षों के अन्दर हो जाती है और इंश्योरंस कंपनी को पता चलता है की आपने अपनी बिमारी छुपायी थी, तो वह आपके claim को reject (अस्वीकार) कर देगी|

ऐसा होने पर आपका परिवार क्या करेगा? ऐसे समय में परिवार वैसे ही इतने तनाव में रहता है| आप एक और परेशानी उनके सर छोड़ जायेंगे|

अगर मृत्यु तीन साल बाद भी होती है और इंश्योरंस कंपनी को पता चलता है, तो वह कहीं न कहीं केस अटका सकते हैं| आपको कोर्ट जाना पड़ सकता है| और क्या पता सभी तथ्यों को जानने के कोर्ट आपके विरुद्ध (against) फैसला सुना दे|

Insurance एक contract (अनुबंध) है|

बशर्ते इंश्योरंस कंपनी या एजेंट इमानदार न हो, आपको पूरी इमानदारी से सारी जानकारी इंश्योरंस company को देनी चाहिए पालिसी खरीदते समय|

यह बदलाव आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए बहुत ही लाभकारी है|

परन्तु इस संशोधन का गलत फायदा उठाने की कोशिश न करें| आप अपने परिवार को बड़ी परेशानी में डाल सकते हैं|

और पढ़ें: Life Insurance Companies cannot reject claim after 3 years

Filed Under: Life Insurance Tagged With: Insurance Amendment Act 2015, Life Insurance, Life Insurance claim settlement

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