• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar

HindiFinance.com

आपका पर्सनल फाइनेंस ब्लॉग आसान हिंदी में




  • Life Insurance
  • Mutual Funds
  • Financial Planning
  • NPS
  • PPF
  • Tax Planning
  • Aadhaar
  • LIC
  • Loans

इनकम टैक्स स्लैब 2018-2019

Follow @hindifinance

इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट करें? (How to calculate Income Tax?) (Hindi)

Last updated: जुलाई 2, 2018 | by दीपेश 2 Comments

क्या आप जानते कई की इनकम टैक्स की गणना कैसे होती है? क्या आप स्वयं अपनी टैक्स लायबिलिटी (income tax liability) निकाल सकते हैं?

वैसे तो बहुत सारे ऑनलाइन कैलकुलेटर उपलब्ध हैं, आपको पता होना चाहिए की आपका इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट होता है| यह केवल आपकी जानकारी के लिए नहीं है| अगर आप टैक्स की गणना को बेहतर समझेंगे, तो आपको टैक्स बचत या टैक्स प्लानिंग करने में भी आसानी होगी|

आपकी कुल आय केवल आपकी सैलरी नहीं है

आपकी आय या आमदनी को पांच हिस्सों में बात जा सकता है|

  1. Income from Salary (वेतन से आय)
  2. Income from House property (हाउस प्रॉपर्टी से आय) (जैसे घर को किराए पर चढ़ाया)
  3. Profit or gain from Business or Profession (किसी बिज़नस से होने वाली आय)
  4. Capital gains (पूँजी लाभ) (सोना, प्रॉपर्टी, शेयर, म्यूच्यूअल फण्ड इत्यादि बेचने पर होने वाला लाभ)
  5. Income from other sources (अन्य स्रोतों से होने वाली आय) जैसे की आपके बचत खाते, फिक्स्ड डिपाजिट इत्यादि पर होने वाला खर्च

इन पाँचों तरह की आय को मिला कर आपकी कुल आय निकाली जाती है|

आप देख सकते हैं की आप कुल आय केवल वेतन नहीं है| वेतन (सैलरी) के अलावा भी आपकी आय हो सकती है और उस पर आपको टैक्स देना पड़ सकता है| और अलग-अलग तरह की आय पर आपको अलग तरीके (या रेट) से टैक्स देना पड़ सकता है|

इनकम टैक्स कैलकुलेट करने के लिए इन बातों का भी रखें ख्याल

  1. आपको पूरी आय पर टैक्स नहीं देना होता|
  2. हो सकता है की आपकी आय या सैलरी के कुछ हिस्से पर कोई टैक्स न देना हो| जैसे की HRA और लता का कुछ हिस्सा| या फिर टैक्स-फ्री बबांड या PPF या EPF का ब्याज|
  3. इसके बाद आप निवेश या खर्चे करके अपना टैक्स भार कम कर सकते हैं|
  4. इसके बाद जो आय बचती है, उस पर आपको अपने टैक्स ब्रैकेट के अनुसार टैक्स देना होता है|
  5. इसके अलावा कुछ तरह की आय (जैसे की capital gains) पर आपको अलग रेट पर टैक्स देना होता है|

Taxable Income = Gross Income – Exempt Income – Tax Deductions

कर योग्य आय = कुल आय – कर मुक्त आय  – कर लाभ (टैक्स डिडक्शन)

कर मुक्त आय (Exempt Income) क्या है?

मैं कुछ उदहारण की सहायता से समझाता हूँ|

  1. आपके HRA (House Rent Allowance या मकान किराया भत्ता) का कुछ हिस्सा कर मुक्त होता है| कितनी हिस्सा कर मुक्त होता है, उसकी जानकारी आप इस पोस्ट में पा सकते हैं|
  2. इसके अलावा Leave Travel Allowance (LTA) का कुछ हिस्सा भी कर मुक्त हो सकता है|
  3. FY2018 तक आपको Conveyance Allowance (19,200 रुपये टैक्स) और मेडिकल Reimbursement (15,000 रुपये तक) भी कर मुक्त है| FY2019 से इन दोनों को हटा दिया गया है और इनकी जगह Standard Deduction (40,000 रुपये) को लाया गया है|
  4. ध्यान इन सभी Allowance का फायदा आपको तभी मिल सकता है की जब यह आपके वेतन के हिस्सा हैं|
  5. पीपीएफ/ईपीएफ खाते पर मिलने वाला ब्याज
  6. टैक्स-फ्री बांड से मिलने वाला ब्याज इत्यादि
  7. 10,000 रुपये तक बचत खाते का ब्याज
  8. वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत खाते, recurring डिपाजिट या फिक्स्ड डिपाजिट पर मिलने वाला ब्याज (50,000 रुपये टैक्स)| यह नियम FY2019 से लागो होगा|

इनके अलावा भी कई तरह की आय हो सकती है, जिन पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता|

ऐसी आय पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता और आपकी कर योग्य आय कम हो जाती है|

आप कुछ निवेश या खर्चे करके अपना टैक्स भार कम कर सकते हैं (Tax Deduction)

कुछ उदहारण देता हूँ|

  1. सेक्शन 80C के तहत निवेश (PPF, EPF, ELSS, NSC, जीवन बीमा प्रीमियम भुगतान, होम लोन principal रीपेमेंट इत्यादि) करने पर 1.5 लाख रुपये तक| अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़ें|
  2. सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर 25,000 रुपये तक टैक्स बेनिफिट (FY2019 से 50,000 रुपये तक| अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़ें|
  3. सेक्शन 80E का तहत शिक्षा लोन के ब्याज के भुगतान पर| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|
  4. सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|
  5. एनपीएस में निवेश के लिए Section 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये का अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|
  6. कुछ विशिष्ट दान करने के लिए धारा 80G के तहत टैक्स बेनिफिट
  7. कुछ अन्य तरीकों को जानने लिए यह पोस्ट पढ़ें|

यह सब करने का बाद आपको अपनी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स कैलकुलेट करना होगा

आप लेटेस्ट टैक्स सलब जानने के लिए यह पोस्ट पढ़ सकते हैं|

income tax slab FY2018 2019

साथ की अगर आपकी कर योग्य आय 3.5 लाख रुपये से कम है, तो आपको 2,500 रुपये की टैक्स रिबेट (tax rebate) भी मिलेगी|

ध्यान हर तरह की आय पर आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स नहीं देना होता| जैसे की capital gains (पूँजी लाभ) पर अलग दर से टैक्स लगता है| जैसे इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर होने वाले लाभ पर FY2019 से आपको ऐसे टैक्स देना होगा|

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018

Illustration (उदहारण)

मान लिए आपकी आय 20 लाख रुपये है|

आपको 1.5 लाख रुपये का HRA मिलता है, जिसमें से 1 लाख रुपये कर मुक्त है| आपको कोई और allowance नहीं मिलता है|

आपने पीपीएफ खाते में 1 लाख रुपये का निवेश किया| ELSS में 50,000 रुपये का निवेश किया| साथ ही 50,000 रुपये आपने एनपीएस में निवेश किया|

20,000 रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान किया|

आपकी कितना टैक्स देना होगा?

इनकम टैक्स कैसे निकालें इनकम टैक्स रिटर्न 1

इनकम टैक्स कैसे निकालें इनकम टैक्स रिटर्न कैसे भरें 2

तो आपको कुल मिला कर 2,63,640 रुपये का टैक्स देना होगा|

अब मान लिए आपने कुछ शेयर बेचे और आपको 50,000 रुपये का मुनाफा (Short Term Capital Gain) हुआ| इस पर आपको 15% टैक्स देना होगा और टैक्स के ऊपर 4% Cess (FY2019) से| इससे आपकी टैक्स liability 7,800 रुपये से बढ़ जायेगी|

ध्यान दें आपका कुछ TDS भी आपका एम्प्लायर काटता होगा| अगर अतिरक्त टैक्स टीडीएस (TDS) के रूप में काट लिया गया है, तो आप इनकम टैक्स रिटर्न भर कर अतिरिक्त टैक्स को वापिस ले सकते हैं| अगर TDS कम कटा है, तो आपको अतिरिक्त टैक्स जमा करना होगा|

उपयोगी लिंक

इनकम टैक्स स्लैब 2017-2018

इनकम टैक्स स्लैब 2018-2019

 

ऑनलाइन इनकम टैक्स कैलकुलेटर

Filed Under: Tax Planning Tagged With: इनकम टैक्स कैलकुलेटर, इनकम टैक्स कैसे निकाले, इनकम टैक्स स्लैब 2017-2018, इनकम टैक्स स्लैब 2018-2019

1 अप्रैल 2018 से लागू होंगे यह 7 नए टैक्स नियम: ध्यान रखें और बचाएं टैक्स

Last updated: मार्च 19, 2018 | by दीपेश 2 Comments

1 April 2018 से टैक्स नियमों में कुछ बदलाव होगा|

आईये जानते हैं कुछ प्रमुख टैक्स बदलावों के बारे में| जानकारी होने पर अतिरिक्त टैक्स बचा सकते हैं और बेहतर टैक्स प्लानिंग कर सकते हैं|

#1 आप ले सकेंगे 40,000 रुपये के Standard Deduction का लाभ

यह लाभ केवल सैलरी पाने वाले या पेंशन पाने वाले लोग ही ले सकते हैं|

अगर आप self-employed हैं, तो आप यह लाभ नहीं ले पायेंगे|

परन्तु कुछ ख़ास लाभ नहीं है क्योंकि चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति (medical bill reimbursement up to Rs 15,000) और conveyance/transport allowance (Rs. 19,600) को वापिस ले लिया गया है|

देखें तो, अधिकतम लाभ 34,200 रुपये से बढ़कर 40,000 रुपये हो जाएगा|

कुछ फायदा तो है|

इसके अलावा एक लाभ यह है की आपको यह टैक्स बेनिफिट लेने के लिए कुछ भी दस्तावेज जमा करने की ज़रुरत नहीं है|

#2 इनकम टैक्स सेस (Cess) 3% से बढ़ कर 4% हो जाएगा

आपको अपने टैक्स दायित्व (liability) के ऊपर cess का भुगतान करना होता है|

मान लिए आपका कुल टैक्स दायित्व 20,000 रुपये आया| उस राशि पर आपको Cess देना पड़ता है|

April 1, 2018 से Cess 3% से बढ़ कर 4% हो जाएगा|

तो पहले अगर 20,000 के टैक्स पर 600 रुपये Cess भरते, 1 अप्रैल से आपको 800 रुपये भरना होगा|

ज़ाहिर है की इससे आपका टैक्स भार थोड़ा सा बढेगा|

अगर जानना चाहते है की कैसे होता है आपका इनकम टैक्स कैलकुलेट, तो इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|

#3 इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड या शेयर बेचने पर होने वाले long term capital gain पर देना होगा 10% टैक्स

अभी (मार्च 31 2018) तक आपको long term capital gain (LTCG) पर कोई टैक्स नहीं देना होता|

यह नियम 1 अप्रैल 2018 से बदल जाएगा और आपको देना होगा 10% टैक्स|

बस इतनी राहत है की आपको 31 जनवरी 2018 तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं देना होगा| साथ ही हर वर्ष 1 लाख रुपये तक के LTCG पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा|

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की गणना को विस्तार से समझने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

#4 इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड से मिलने वाले dividend पर भी लगेगा 10% टैक्स

केवल long term capital gain ही नहीं, इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड से मिलने वाले dividend पर भी आपको टैक्स देना होगा|

ध्यान दें 31 मार्च 2018 तक मिलने वाले इक्विटी फण्ड के dividend पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता|

बहुत से निवेशक नियमित आय की लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के dividend विकल्प में निवेश करते हैं|

बेहतर विकल्प होगा की आप इक्विटी फण्ड की dividend स्कीम को छोड़ कर growth स्कीम में निवेश करें|

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018

#5 हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर मिलने टैक्स बेनिफिट 25,000 रुपये से बढ़कर 50,000 हज़ार रुपये हो जाएगा

अभी (मार्च 31 2018) तक आप अपने परिवार (स्वयं, पति/पत्नी और बच्चों) के हेल्थ  इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर 25,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

1 अप्रैल 2018 से यह सीमा 25,000 रुपये से बढ़ कर 50,000 रुपये प्रति वित्तीय वर्ष हो जायेगी।

अगर आप सीनियर सिटीजन (आयु 60 वर्ष से ज्यादा है), तो आप 30,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते थे, 1 अप्रैल 2018 50,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

अगर आप अपने माता-पिता के लिए भी प्रीमियम देते हैं, तो आप 50,000 अपने लिए और 50,000 अपने माता-पिता के प्रीमियम के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| यानी की कुल मिलाकर 1 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी के प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में आप विस्तार से इस लिंक पर पढ़ सकते हैं

#6 अगर आपने कई वर्ष का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम एक साथ भर दिया है, तो आप उस प्रीमियम को कई वर्ष में बाँट सकते हैं

कई बार अगर आप दो-तीन बर्षों के प्रीमियम का भुगतान एक साथ करते हैं (multi-year policy), तो आपको कुछ discount मिलता है| पर परेशानी यह है की टैक्स बेनिफिट केवल उसी वर्ष मिलता है की जिस वर्ष में आपने प्रीमियम का भुगतान किया ह|

1 अप्रैल 2018 से ऐसा नहीं होगा| अब से आप प्रीमियम को बराबर हिस्सों में बाँट कर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

तो मान लिए आपने दो वर्ष के प्रीमियम का भुगतान किया 60,000 रुपये| ऐसी स्तिथि में आप एक साल में 60,000 रुपये का टैक्स बेनिफिट ले की बजाय दो सालों में 30-30 हज़ार रुपये का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

#7 सीनियर सिटीजन (वरिष्ठ नागरिकों) को 50,000 रुपये तक के ब्याज पर नहीं देना होगा टैक्स

1 April 2018 से वरिष्ठ नागरिकों को बचत खाते (savings account), फिक्स्ड डिपाजिट (fixed deposit) या रेकरिंग डिपाजिट (recurring deposit) पर बर्ष में 50,000 तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा|

यह टैक्स लाभ धारा 80TTB के तहत है|

अगर ब्याज 50,000 रुपये  से ज्यादा है, तो टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा|

अगर आप एक सीनियर सिटीजन हैं और आपने वर्ष में फिक्स्ड डिपाजिट और बचत खाते पर 90,000 रुपये का ब्याज पाया| 50,000 रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होगा|

बचे हुए 40,000 रुपये पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा|

यह नियम आपने बैंकों, सहकारी बैंकों (co-operative bank) और डाकघरों (post-office) में खोलें गए खातों के लिए है।

TDS भी 50,000 रुपये से अधिक ब्याज पर ही लगेगा|

अगर धारा 80 TTB के तहत लाभ ले रहे हैं, तो धारा 80 TTA के तहत कर लाभ नहीं ले सकते हैं। धारा 80TTA के तहत सेविंग्स बैंक अकाउंट पर मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूठ है|

साथ ही सीनियर सिटीजन को कुछ और भी स्पेशल टैक्स बेनिफिट मिलते हैं और 1 अप्रैल 2018 से कुछ अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट भी मिलेंगे| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|

पढ़ें: सीनियर सिटीजन को मिलने वाले 7 स्पेशल टैक्स बेनिफिट

पढ़ें: इनकम टैक्स स्लैब FY2018-2019

Filed Under: Tax Planning Tagged With: इनकम टैक्स के नियम FY2019, इनकम टैक्स बचत, इनकम टैक्स स्लैब 2018-2019

इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Rates for FY2018-2019)

Last updated: फ़रवरी 21, 2018 | by दीपेश 2 Comments

Income Tax Slab Rates for FY 2018-2019 (AY 2019-2020)

Income Tax Slab Rates for FY 2017-2018 (AY 2018-2019)

वित्तीय वर्ष 2018-2019 (FY 2018-2019) के लिए इनकम टैक्स स्लैब के दरों के बदला नहीं गया है| जो टैक्स स्लैब पिछले वर्ष थी, वही अगले वर्ष भी रहेंगी| बस Cess को 3% से बढ़ा कर 4% कर दिया गया है|

व्यक्तिगत कर दाताओं और HUF  के लिए आयकर स्लैब (60 साल से कम उम्र, पुरुष और महिला दोनों के लिए) (Individuals and HUF less than 60 years of age)

income tax slab 2017-2018 in hindi इनकम टैक्स स्लैब आयकर की दरें

 

वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर स्लैब (60 वर्ष या अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम, पुरुषों और महिलायों दोनों के लिए) (Senior Citizens, Individuals between 60 years and 80 years of age)

income tax slab 2017-2018 in hindi इनकम टैक्स स्लैब आयकर की दरें 

अति-वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर स्लैब (80 वर्ष या अधिक, पुरुष और महिला दोनों के लिए) (Very Senior Citizens, 80 years and above)

income tax slab 2017-2018 in hindi इनकम टैक्स स्लैब आयकर की दरें

ध्यान दे आपकी कुल कर योग्य आय निकालने के लिए आपको अपनी कुल आय में से सारे टैक्स बेनिफिट घटाने होंगे, जैसे की Section 80C, 80D, HRA इत्यादि|

साथ ही जो आय कर मुक्त है, जैसे की पीपीएफ पर ब्याज, इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन| इस आय को भी कम करना होगा|

इसके बाद ऊपर दी गयी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स कैलकुलेट किया जाएगा|

Taxable Income = Gross Income – Exempt Income – Tax Deductions

कर योग्य आय = कुल आय – कर मुक्त आय  – कर लाभ (टैक्स डिडक्शन)

साथ की अगर आपकी कर योग्य आय 3.5 लाख रुपये से कम है, तो आपको 2,500 रुपये की टैक्सरिबेट (tax rebate) भी मिलेगी|

एक बात और, कुछ प्रकार की आमदनी जैसे की capital gains (कैपिटल गेन्स) पर अलग कर दर लागू होती है|

पढ़ें: आपको ब्याज पर कितना टैक्स देना होता है? (Tax on Interest Income)

पढ़ें: कितना टैक्स देना होता है म्यूच्यूअल फंड्स बेचने पर?

अपना इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट करें? (How to calculate Income Tax Liability?)

अपना इनकम टैक्स कैलकुलेट करने के लिए आप इस इनकम टैक्स कैलकुलेटर (Income Tax Calculator) का उपयोग कर सकते हैं|

Source: ClearTax

Filed Under: Tax Planning Tagged With: Income tax slab in hindi, इनकम टैक्स स्लैब, इनकम टैक्स स्लैब 2017-2018, इनकम टैक्स स्लैब 2018-2019

Primary Sidebar

HindiFinance

Subscribe on Youtube




Join our Newsletter
Enter your email address and click on the Get Instant Access button.
Thank you for subscribing.
Something went wrong.
I agree to have my personal information transfered to MailChimp ( more information )
We respect your privacy

For any guest posts or advertising queries, please write to us at hindifinance@gmail.com

Popular Posts

  • अटल पेंशन योजना की पूरी जानकारी (Atal Pension Yojana in Hindi) (2022)
  • सुकन्या समृद्धि योजना की पूरी जानकारी (Sukanya Samriddhi Yojana 2019)
  • नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बारें में पूरी जानकारी (Complete Information about NPS in Hindi)
  • PPF खाते के बारे में पूरी जानकारी (Complete Information about PPF Account in Hindi)
  • कौन से हैं 5 सबसे अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान (Best Term Life Insurance Plan)?

(c) Copyright 2025 www.HindiFinance.com | Privacy Policy