पर्याप्त बीमा खरीदना फाइनेंसियल प्लानिंग का पहला कदम है|
आप यहाँ पर गलती नहीं कर सकते|
आपको समझने की ज़रुरत है की अगर निवेश करने में गलती हो गयी, तो आप आगे ज़िन्दगी में इस सुधार सकते हैं| परन्तु अगर जीवन बीमा लेने में गलती हो गयी, तो शायद आपको दूसरा मौका न मिले| सोचिये आपकी इस गलती की वजह से आपके परिवार को कितनी परेशानी हो सकती है| आपके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है|
अगर पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा नहीं लिया, तो शायद आप अपने परिवार का इलाज़ किसी अच्छे अस्पताल में न करा पाएं|
इसके बावजूद भी हम में से बहुत से हमारे बीमा पोर्टफोलियो पर ध्यान नहीं देते हैं। जीवन बीमा तो फिर भी ले लेते हैं| पर हेल्थ इंश्योरेंस को पैसे की बर्बादी समझते हैं|
आईये ऐसी ही कुछ गलतियों पर इस पोस्ट में जिक्र करते हैं| वैसे तो हम लोगों को कई प्रकार के बीमा की ज़रुरत होती है, परन्तु इस पोस्ट में मैं केवल जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर चर्चा को सीमित रखूँगा।
#1 मेरे Employer मुझे जीवन और स्वास्थ्य कवर प्रदान करता है । मुझे अलग से बीमा खरीदने की ज़रुरत नहीं है|
संगठित क्षेत्र में कई Employer अपने कर्मचारियों और उनके तत्काल परिवारों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान करते हैं। कुछ Employer अपने कर्मचारियों को जीवन कवर भी प्रदान करते हैं। आम तौर पर पूरे परिवार के लिए स्वास्थ्य कवर 2-4 लाख रुपये होता है। अगर जीवन बीमा दिया जाता है, तो वह आपकी वार्षिक आय का 2-5 गुना होता है|
अब आपको अपने आप से यह सवाल पूछने की जरूरत है| क्या यह बीमा राशि पर्याप्त है?
क्या किसी बड़े शहर में 4 लोगो के परिवार के लिए 3 लाख की स्वास्थ्य कवर (हेल्थ इंश्योरेंस) पर्याप्त है?
बात करें जीवन बीमा की| मान लिए, आपके एम्प्लायर ने आपको 20 लाख का जीवन बीमा दे दिया है|
आपकी अनुपस्तिथि में क्या आपका परिवार 20 लाख रूपए के साथ अपनी जीवन शैली बनाए रख पाएगा (यदि आपकी वार्षिक आय 8 लाख रुपए थी)। क्या आपके होम लोन का भुगतान हो पायेगा?
आपकी बीमा की ज़रुरत के बारे में आपको ज्याद पता है या आपके एम्प्लायर को?
क्या आप चाहते हैं कि आपका Employer निर्णय करे की आपको इलाज़ के लिए कौन से अस्पताल जाना है?
एम्प्लायर द्वारा दिया गया बीमा केवल तभी तक है, जब आप उसी नौकरी में हैं| आपके नौकरी छोड़ने पर यह बीमा नहीं रहेगा| क्या आपके नौकरी छोड़ने पर आपकी बीमा की ज़रुरत खत्म हो जायेगी?
अगर नौकरी बदल रहे हैं, तो शायद नया एम्प्लायर आपको यह बीमा कवर न दें या बीमा का हो| तब आप क्या करेंगे? नयी नौकरी शुरू करने और पुरानी नौकरी छोड़ने में कुछ समय हो सकता है, उस बीच में आपके पास कोई कवर नहीं होगा| अगर इस दौरान कुछ हो गया तो आप क्या करेंगे?
अपने बीमा की पोर्टफोलियो पर नियंत्रण पाएं| पर्याप्त जीवन और स्वास्थ्य बीमा स्वयं खरीदें|
#2 मैं समझता हूँ की बीमा खरीदने की ज़रुरत है पर मेरे पास पैसे नहीं हैं
अब इसका फैसला आपको करना है|
अगर आपके पास लाइफ इंश्योरेंस (जीवन बीमा) और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम के लिए पैसे नहीं है, तब आप अस्पताल के महेंगे इलाज़ के लिए पैसे कहाँ से लायेंगे|
अगर आपको कुछ हो गया, तो आपके घर को चलाने के लिए पैसे कहाँ से आयेंगे? आपके होम लोन का भुगतान कैसे होगा? आपके बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी?
अगर आपके पास इन सवालों के जवाब नहीं है, तो आपको कैसे भी करके जीवन और स्वास्थ्य बीमा लेना चाहिए|
आपके प्रीमियम को कम करने का तरीके हैं| इस पोस्ट में पढ़ सकते हैं|
पढ़ें: कैसे कम करें अपना हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम?
#3 आप टैक्स को बचाने के लिए बीमा खरीदते हैं
जीवन बीमा के प्रीमियम भुगतान पर धारा 80C के तहत प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक की छूठ मिलती है|
स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) प्रीमियम भुगतान पर आयकर धारा 80D के तहत प्रति वर्ष 25,000 हज़ार रुपये तक की छूठ मिलती है| FY2019 से यह छूठ बढ़ा कर 50,000 रुपये प्रति वर्ष कर दी गयी है|
अगर आपका ध्यान बीमा खरीदते समय केवल टैक्स बेनिफिट पर रहेगा, तो आप गलती कर सकते हैं|
पहले अपने लिए पर्याप्त बीमा खरीदें| टैक्स बेनिफिट तो केवल सोने पर सुहागा है|
आपको जीवन में दुर्भाग्यपूर्ण और अप्रत्याशित घटनाओं से बचाने के लिए बीमा खरीदने चाहिए और न केवल टैक्स को बचाने के लिए।
#4 अगर प्रीमियम दे रहा हूँ, तो कुछ तो वापिस मिलना चाहिए
अगर कुछ वापिस नहीं मिला और मैंने क्लेम नहीं किया, तो सारा पैसा बेकार गया|
यह बहुत ही गलत सोच है|
इसी कारण बहुत से लोग टर्म लाइफ इंश्योरेंस नहीं खरीदते| कुछ लोग हेल्थ इंश्योरेंस भी इस वजह से नहीं खरीदते|
मेरे अनुसार टर्म लाइफ इंश्योरेंस जीवन बीमा खरीदने का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका है| एक पोस्ट में मैंने सबसे अच्छे टर्म इंश्योरेंस प्लान के बारे में भी चर्चा करी है|
परन्तु क्योंकि टर्म इंश्योरेंस प्लान में कुछ पैसा वापिस नहीं मिलता (अगर आपको पालिसी अवधि के अंत तक जीवित रहते हैं), बहुत से लोग ऐसे प्लान से बचते हैं|
ऐसे लोग टर्म इंश्योरेंस की जगह कम रिटर्न वाले ट्रेडिशनल इंश्योरेंस प्लान (जैसे की एलआईसी जीवन आनंद) में निवेश करते हैं| ऐसे प्लान में न तो रिटर्न अच्छे मिलते हैं और न ही पर्याप्त जीवन बीमा मिलता है|
या फिर कुछ लोग यूलिप (Unit Linked Insurance Plan या ULIP) में निवेश करते हैं| यहाँ भी काफी परेशानियां हैं|
इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट को न मिलाएं| Do not mix Insurance and Investment.
ऐसी गलती करने की बजाय, अगर आप टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदें और पैसा अलग से निवेश करें, तो आपको जीवन बीमा भी ज्यादा मिलेगा और शायद रिटर्न भी|
#5 मैं युवा और स्वस्थ हूँ, मुझे बीमा की ज़रूरत नहीं है
अच्छी बात है|
पर क्या आप दावे से कह सकते हैं की कभी बीमार नहीं पड़ेंगे? या आप कभी अस्पताल में कभी भर्ती नहीं होंगे? ज़िन्दगी में कभी भी कुछ भी हो सकता है| आपको तैयार रहने की ज़रुरत है|
एक्सीडेंट तो किसी का भी हो सकता है? ऐसी स्तिथि में अस्पताल में भारती भी होना पड़ सकता है और मृत्यु भी हो सकती है|
बशर्ते आप युवा और स्वस्थ हों, आपको जीवन और स्वास्थ्य बीमा लेने की ज़रुरत है|
अगर आप कम आयु में बीमा लेते हैं, तो आपका प्रीमियम भी कम होगा| अगर बीमारी होने का इंतज़ार करेंगे, तो बीमारी होने के बाद शायद आपको बीमा मिले ही नहीं|
#6 अपने बच्चों के नाम पर जीवन बीमा खरीदना
इससे बड़ी बेवकूफी तो हो ही नहीं सकती|
आप जीवन बीमा इसलिए खरीदते हैं ताकि आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार की जरूरतों को पूरा किया जा सके। यदि आप आपके बच्चे के जीवन पर जीवन बीमा खरीदते हैं और कुछ आप के साथ होता है, तो बीमा कंपनी कुछ भी भुगतान नहीं करेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि बीमा आपके बच्चे का जीवन पर है, आपके जीवन पर नहीं|
बच्चे के नाम पर निवेश करने पर रिटर्न तो बेहतर मिलते हैं, परन्तु जीवन बीमा का कोई अर्थ नहीं बचता|
और जब आप बीमा और निवेश की जरूरतों को मिलाते हैं, तो ऐसी गलतियाँ हो सकती हैं|
#7 मैंने यह प्लान इसलिए खरीदा क्योंकि बेचने वाला मेरा मित्र या परिवार से था
आपको न कहना आना चाहिए|
अगर आपका मित्र या परिवार जन आपको कोई ऐसी बीमा पालिसी बेच रहा है जो आपके लिए लाभकारी है, तो अवश्य खरीदें|
परन्तु इस वजह से न खरीदें क्यूंकि आप उनसे मना नहीं कर सकते|
अगर आपके मित्र को आपको गलत प्लान बेचते हुए बुरा नहीं लग रहा, तो आपको न करने में बुरा नहीं लगना चाहिए|
विनम्रता से न कहना सीखें|
#8 अपने दिमाग से फैसला लें, न की अपने दिल से
जब कोई इंश्योरेंस एजेंट आपसे संपर्क करता है, तो बेचने के लिए आपकी भावनाओं को अपील करता है|
आपसे कहा जाएगा की इस प्लान को लेने पर आप अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं|
इस बात को सुनने के बाद मना करना बहुत मुश्किल है| मना करने पर अपराध बोध होगा|
एक स्मार्ट विक्रेता इस बात को जानता है| इसीलिए वह आपके दिल से अपील करता है|
आप समझदारी से काम लें|
आपने दिल को दिमाग पर भारी न होने दें| किसी भी इंश्योरेंस प्लान को सही से जांचे परखें और उसके बाद ही निर्णय लें|
संक्षिप्त में
- पर्याप्त स्वास्थ्य और जीवन कवर खरीदें। केवल टैक्स बचाने पर ध्यान न दें|
- केवल अपने एम्प्लायर द्वारा स्वास्थ्य (या जीवन) बीमा कवर पर भरोसा न करें|
- बीमा और निवेश की जरूरतों को न मिलाएं|
- अपने बच्चों के नाम पर जीवन बीमा न लें|
- अपने आपको को सुपरमैन न समझें, बीमा को ज़रुरत सभी को है|
- अपने मित्रों और परिवार जनों को मना करना सीखें|
- समझदारी से काम लें| दिल की बजाय, दिमाग से फैसला करें|
Image Credit: Chris and Karen Highland, 2015. The original image and information about usage rights can be downloaded from Flickr
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