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sbi होम लोन की जानकारी

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SBI FlexiPay Home Loan (एसबीआई होम लोन) की पूरी जानकारी

by दीपेश Leave a Comment

इस पोस्ट में भारतीय स्टेट बैंक के एक लोकप्रिय होम लोन “SBI FlexiPay Home Loan Scheme” के बारे में चर्चा करूंगा| स्टेट बैंक के अनुसार इस होम लोन स्कीम में आपको 20% तक अधिक लोन मिल सकता है|

जब आप लोन लेकर निर्माणाधीन (under-construction) मकान खरीदते हैं, तो एक समस्या रहती है| जब तक आपके घर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक आपको EMI और मौजूदा मकान का किराया दोनों देने पड़ते हैं| किराए और EMI का एक साथ भुगतान आपके बजट पर भारी पड़ सकता है| SBI की FlexiPay होम लोन स्कीम आपकी यहाँ मदद कर सकती है|

भारतीय स्टेट बैंक फ्लेक्सी-पे होम लोन स्कीम (SBI FlexiPay Home Loan Scheme)

  1. यह लोन स्कीम केवल वेतनभोगियों (salaried employees) के लिए है|
  2. आपके पास कम से कम 2 साल के कार्य अनुभव (work-experience) होना चाहिए। Minimum Work-experience of 2 years
  3. आयु 21 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  4. वबैंक के अनुसार आपकी लोन पात्रता इस स्कीम में 20% तक अधिक होगी|
  5. आपके पास 36-60 महीने तक की अधिस्थगन अवधि (moratorium period) चुनने का विकल्प होता है| Moratorium period के दौरान आपको केवल ब्याज का भुगतान करना होता है।Moratorium period के दौरान आप pre-payment नहीं कर सकते|
  6. Floating Rate Loan है|
  7. 30 साल तक की लोन भुगतान अवधि (Loan Tenure of upto 30 years)

एसबीआई FlexiPay लोन स्कीम में क्या अलग है?

मुख्य अंतर यही है की आपको moratorium period में केवल ब्याज का भुगतान करना होता है| आप इसे Pre-EMI स्कीम भी समझ सकते हैं| इससे आपके बजट पर भोझा कुहक कम हो जाता है|

आप लोन के लिए आवेदन करते समय moratorium period बताना होता है| यह अवधि 36 से 60 वर्ष तक हो सकती है|

ध्यान दें अगर आपके घर का निर्माण moratorium अवधि की समाप्ति से पहले नहीं हुआ, तो अवधि की समाप्ति के बाद आपको पूरी EMI (Full EMI) देनी होगी| Full EMI में principal और interest दोनों देने पड़ते हैं| इसलिए भुगतान राशि बढ़ जाती है|

जैसे ही आपको घर का possession मिल जाता है, तब से आपको पूरी EMI (Full EMI) देनी होती है| अगर घर का possession moratorium period की समाप्ति से पहले मिल जाता है, तब आपकी Full EMI तभी से चालू हो जायेगी|

मान लिए आपके लोन में moratorium period 5 वर्ष का है, परन्तु घर का निर्माण 3 वर्ष में पूरा हो जाता है, तो Full EMI 3 वर्ष के बाद ही चालू हो जायेगी|

आपकी लोन पात्रता (Loan Eligibility) कैसे बढ़ जाती है?

यह समझना मुश्किल नहीं है|

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि moratorium period के दौरान आपको केवल ब्याज देना होता है| ध्यान दें ब्याज का भुगतान आपको उतने ही लोन पर देना होता है जो लोन आपको दिया जा चुका है (न की sanction amount पर)| आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है, परन्तु बैंक ने अभी तक केवल 25 लाख रुपये का फण्ड ही रिलीज़ किया है| आपको moratorium period के दौरान 25 लाख रुपये पर ब्याज देना होगा|

मैंने पहले एक पोस्ट में चर्चा करी है की बैंक आपकी लोन पात्रता (Loan eligibility) कैसे कैलकुलेट करते हैं| बैंक आपको केवल उतना ही लोन देना चाहते हैं जिसका की आप आराम से भुगतान कर पाएं|

इस वजह से बैंक आपको इतना की लोन देते हैं जिसकी EMI आपकी मासिक आय के 30-40% से अधिक न हो|

एक उदहारण की सहायता से समझते हैं|

मान लिए कि बैंक आपकी आय के 40% की EMI से संतुष्ट हैं| Fixed Obligation to Income ratio of 40%) अगर आपकी मासिक आय 1 लाख रुपये है, तो बैंक आपको उतना ही लोन देगी जिसकी EMI 40,000 रुपये से अधिक न है।

20 साल की लोन अवधि और 10% की ब्याज दर पर 41.44 लाख रुपये के लोन पर 40,000 रुपये की ईएमआई होगी। लोन राशि निकालने के लिए आप माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल में PV फंक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं| PV(10%/12, 20*12, 40,000, 0,0) = 41.44 लाख रुपये| किसी भी साधारण होम लोन स्कीम में आपको 41.44 लाख रुपये से अधिक का लोन नहीं मिलेगा|

अब देखते हैं की एसबीआई होम लोन की FlexiPay लोन स्कीम में ऐसा क्या होता है की आपकी लोन eligibility बढ़ जाती है|

जैसे ही हमनें ऊपर देखा, SBI FlexiPay होम लोन स्कीम में आपको moratorium period के दौरान केवल ब्याज देना होता है| इसी वजह से आपको लोन पात्रता बढ़ जाती है|

इसका मतलब बैंक आपको इतना लोन दे सकता है जिसका ब्याज 40,000 रुपये से ज्यादा न हो| लोन राशि निकालने के लिए आप ऐसा करें: 40,000/(10%/12) = 48 लाख रुपये

48 लाख रुपये के लोन पर आपके मासिक ब्याज 40,000 रुपये होगा| इसलिए एसबीआई होम लोन की FlexiPay स्कीम के तहत आपको 48 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है|

एक साधारण लोन स्कीम में केवल 41.44 लाख रुपये का होम लोन मिल रहा था|

SBI FlexiPay लोन स्कीम में आपकी पात्रता 16% बढ़ गयी है|

परन्तु आपको SBI FlexiPay लोन में अधिक ब्याज देना होगा

ब्याज की दर अलग नहीं है|

परन्तु क्योंकि आप प्रारंभिक वर्षों के लिए केवल ब्याज राशि का भुगतान कर रहे हैं, इसलिए आपका principal कम नहीं होता| इस वजह से आपको पूरे लोन की अवधि में ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा|

आप एक साधारण होम लोन स्कीम में 40 लाख रुपये का लोन लेते हैं। ब्याज दर 10% प्रति वर्ष है और लोन की अवधि 20 साल है। इस लोन की आपकी EMI होगी 38,600 रुपये|

SBI होम लोन की FlexiPay योजना के दो उदहारण लेते हैं।

Case 1: 40 लाख रुपये का लोन। 20 साल की लोन अवधि (5 वर्ष का moratorium period + 15 साल Full EMI)। पहले पांच वर्षों के लिए, आप प्रति माह 33,333 रुपये (40 लाख रुपये *10%/12) का भुगतान करेंगे। 6 वें वर्ष की शुरुआत से 20 वें वर्ष के अंत तक, आप प्रति माह 42,984 रुपये का भुगतान करेंगे।

Case 2: 40 लाख रुपये का लोन। 25 साल का Tenor (5 वर्ष moratorium period + 20 वर्ष Full EMI)। पहले पांच वर्षों के लिए, आप प्रति माह 33,333 रुपये का भुगतान करेंगे।  6 वें वर्ष की शुरुआत से 25 वें वर्ष के अंत तक, आप प्रति माह 38,600 रुपये का भुगतान करेंगे।

sbi home loan hindi एसबीआई होम लोन की जानकारी आवश्यक दस्तावेज

आप देख सकते हैं कि आप SBI FlexiPay होम लोन स्कीम के तहत आपको अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना पड़ रहा है।

एसबीआई होम लोन (FlexiPay) स्कीम की ब्याज दर क्या है?

ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है|

एसबीआई होम लोन की ब्याज दर sbi flexipay होम लोन स्कीम

लेटेस्ट ब्याज दर के लिए स्टेट बैंक होम लोन की वेबसाइट पर जाएँ|

एसबीआई होम लोन (FlexiPay) के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं?

आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट आप नीचे देख सकते हैं|

एसबीआई होम लोन की जानकारी होम लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज एसबीआई

इन बातों का रखें ध्यान

SBI FlexiPay होम लोन स्कीम उन लोगों के लिए उपयोगी है जिन्हें अधिक लोन चाहिए|

मान लिए आपको साधारण होम लोन स्कीम में 40 लाख रुपये का लोन मिल सकता है और आपको केवल 30 लाख रुपये के लोन की ज़रुरत है| ऐसे में आपको SBI FlexiPay होम लोन लेने की कोई ज़रुरत नहीं है| आप साधारण होम लोन योजना के साथ ही जाएँ| FlexiPay लोन स्कीम के तहत आपको बिना बात ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा|

परन्तु यदि आपकी लोन पात्रता साधारण होम लोन स्कीम में 40 लाख रुपये है और आपको 45 लाख रुपये का होम लोन चाहिए, तब एसबीआई होम लोन की FlexiPay स्कीम कारगर साबित हो सकती है| पर ध्यान रखिएँ की आपको अधिक ब्याज देना होगा|

एक बात और: आपको FlexiPay लोन की शुरुआत में कम पैसा देना होगा, परन्तु बाद में आपका खर्चा बढ़ जाएगा| जैसे की ऊपर देखा आपको पहले 5 वर्ष 33,333 रुपये देने हैं, परन्तु उसके बाद हर महीने 42,984 रुपये देने होंगे| अगर आपकी आय समय के साथ नहीं बढ़ी, तो आपको लोन चुकाने में परेशानी हो सकती है|

Source: www.PersonalFinancePlan.in

Loan Calculator from EMICalculator.net

Filed Under: Loans Tagged With: sbi flexipay होम लोन, sbi होम लोन की जानकारी, sbi होम लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज, sbi होम लोन रेट, भारतीय स्टेट बैंक होम लोन 2018, भारतीय स्टेट बैंक होम लोन 2019

होम लोन लेते समय इन 6 बातों का रखें ध्यान

Last updated: जनवरी 8, 2018 | by दीपेश Leave a Comment

अगर आप होम लोन ले कर घर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें|

#1 पहले प्रॉपर्टी के दाम पर खरीद फरोख्त करें, फिर होम लोन पर

अब लोन तो आप तब लेंगे, जब आपने मकान या परोपरी फाइनल कर ली हो|

हमारा काफी ध्यान बैंक से बातचीत करने और ब्याज दर कम करने में लगा हो सकता है| आप संभवतः प्रोसेसिंग फीस (processing fee) का कुछ हिस्सा बचा लेंगे या ब्याज दर 0.10-0.15% कम करा लेंगे।

बहुत अच्छी बात है|

परन्तु अगर आपने बिल्डर या विक्रेता के साथ बातचीत और खरीद फरोख्त (negotiate) करके भी बहुत पैसा बचा सकते हैं। और अगर आप सफल होते हैं, तो यह बचत आपके बैंक से मिलने वाली बचत से कहीं ज्यादा होगी|

एक उदहारण की सहायता से देखते हैं|

मान लिए आपको घर लेने के लिए 60 लाख के लोन की ज़रुरत है|

यदि आपको 15% अग्रिम छूट मिलती है, तो आपको 60 लाख रुपये  के बजाय 51 लाख रुपये का ही ऋण लेना होगा।

चलिए मान लें कि 20 साल के लिए 60 लाख रुपये का ऋण 8%p.a है।

और 51 लाख रुपये का ऋण 9% p.a. पर है। यानी की 1 प्रतिशत ज्यादा|

60 लाख रुपये के लिए मासिक किश्त (EMI) 50,186 रुपये होगी जबकि 51 लाख रुपये के लोन लिए 45,886 रुपये होगी| देखा आपने अगर मकान के दाम कम करा सकते हैं, तो कितना फायदा है| और अभी हमनें अग्रिम भुगतान (down payment) की तो बात भी नहीं करी)|

अगर आपको मासिक किश्त का पता लगाना है, तो आप होम लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं|

इसीलिए पहले बिल्डर या विक्रेता से negotiate (खरीद फरोख्त) करें और उसके बाद बैंक से|

अगर आप भारतीय स्टेट बैंक के होम लोन की जानकारी और ब्याज दर जानना चाहते हैं, तो इस लिंक पर जा कर पा सकते हैं| अन्यथा अगर आपको सभी बैंक के होम लोन रेट जानना चाहते हैं, तो सभी होम लोन रेट की जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएँ|

#2 अग्रिम भुगतान (Down Payment) देने के लिए तैयार रहे

इस बात का ध्यान रखें की आपके मकान के पूरे मूल्य का लोन नहीं मिलेगा| प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य (market value) का 75-85% ही आपको लोन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा पंजीकरण आदि के लिए भी खर्चा आएगा|

बची राशि का इंतज़ाम आपको ही करना होगा| और क्योंकि राशी बड़ी है, आपको इसके लिए पहले से ही तय्यारी करनी होगी|

तो, यदि आप निकट भविष्य में एक घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो अग्रिम भुगतान (down payment) और ऐसे खर्चों के लिए अब बचत करना प्रारंभ करें।

#3 दूसरे मकान के लिए होम लोन कर लाभ बदल गए हैं

अगर आपके पास पहले से ही एक घर है और दूसरा खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह बहुत महत्वपूर्ण है।

आम धारणा यह है, की आप दूसरे घर (let-out property) के लिए लिए गए लोन पर जो भी ब्याज देते हैं, उस पर टैक्स बेनिफिट (Section 24) ले सकते हैं|

यह वित्त वर्ष 2017 (पिछले साल) तक सही था लेकिन अब और नहीं। 2017 के बजट में, हाउस प्रॉपर्टी से आय से होने वाली हानि का उपयोग करके जो आप कर लाभ ले सकते हैं, उस लाभ को 2 लाख प्रति वर्ष तक सीमित कर दिया गया है|

यह आपकी सभी आवासीय संपत्तियों के लिए है। इससे पहले, let-out प्रॉपर्टी पर ऐसी कोई सीमा नहीं थी। 2 लाख रुपये की सीमा केवल उस घर ले लिए थी जिसमें आप रहते हैं|

Income from House Property= Net Annual Value (i.e. Rental Income – Municipal Taxes) – Standard Deduction – Interest paid on Housing Loans

घर संपत्ति से आय = शुद्ध वार्षिक मूल्य ( किराये की आय – नगरपालिका कर) –  स्टैंडर्ड कटौती –  होम लोन  पर ब्याज का भुगतान ।

अगर यह आय आपकी शून्य से कम है (loss under Income from House Property), मतलब आपको नुक्सान हुआ है और आप इस नुक्सान को अपनी आमदनी से एडजस्ट कर सकते हैं| ज़ाहिर है, जितना नुकसान आप दिखाएँगे, उतनी ही आपकी कर योग्य आय कम हो जायेगी और आपको कम टैक्स देना होगा|

क्योंकि होम लोन की राशि ज्यादा होती है, ब्याज आपको आसानी से नुकसान में ले जा सकता है| काफी लोग इस बात का फायदा उठाया करते थे| परन्तु अब नहीं| अब केवल 2 लाख रुपये तक ही लाभ ले सकते हैं|

आप इस पहलु के बारे में गहराई से इस पोस्ट (अंग्रेजी) में पढ़ सकते हैं|

हालांकि आपको अगले 8 वर्षों में सेट-ऑफ के लिए नुक्सान को carry forward करने की अनुमति है, परन्तु इसका इतना फायदा भी नहीं है।

#4 आपको मासिक किश्त देनी होगी

यदि आप एक निर्माणाधीन संपत्ति के लिए योजना बना रहे हैं, तो आपको कुछ महीनों या वर्षों के लिए मासिक किश्त (EMI) और किराया दोनों का भुगतान करना होगा। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि क्या  आप एक ही समय में दोनों का भुगतान सकते हैं।

आपको यह भी देखना होगा कि आप Pre-EMI या Full-EMI के लिए जाना चाहते हैं।

अगर आप बना हुआ घर भी ले रहे है, तब भी आपकी EMI आपके किराए (जहाँ आप अभी तक रह रहे थे) से काफी ज्यादा हो सकती है

यह सुनिश्चित करें की आप ऐसा कर सकते हैं, वरना  बाद में काफी परेशानी हो सकती है|

अगर आपको मासिक किश्त का पता लगाना है, तो आप होम लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं|

#5 लोन लेने के चक्कर में कुछ भी ना खरीद लें, बैंक अधिकारियों से भी रहे सावधान

लोन लेते समय बैंक आपको विभिन्न प्रकार के इंश्योरेंस प्लान बेचने की कोशिश करेंगे| इन सबसे बचें|

बैंक को ऐसे उत्पाद बेचने पर काफी कमीशन मिलता है और बैंक कर्मचारियों के बिक्री लक्ष्य (sales target) भी पूरे होते हैं| मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आपको जीवन बीमा या दुर्घटना बीमा की ज़रुरत नहीं है|

बिलकुल हो सकती है| आपके पास हर समय पर्याप्त बीमा होना चाहिए।

परन्तु आपको यह उत्पाद बैंक से खरीदने का ज़रुरत नहीं है| इसकी दो वजह हैं| पहला तो बैंक से लेने पर आपको बहुत महंगा पडेगा| दूसरा यह की शायद वह प्लान आपकी ज़रुरत के अनुसार न हो

आप एक साधारण टर्म इंश्योरेंस प्लान ले सकते हैं और इसे बैंक को assign कर सकते हैं। बैंक से बीमा खरीदने की कोई जरूरत नहीं है ।

हाँ एक बात और, बैंक आपको ऐसी योजनाओं को खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। कई बार आपसे कहा जा सकता है, की अगर आप उनसे इंश्योरेंस प्लान नहीं खर्रीदेंगे तो आपको लोन नहीं मिलेगा| यह गलत है|

आप बैंक अधिकारियों से ऐसा लिख कर (लिखित में) देने को कहें|

#6 सोचें, समझें और फिर फैसला करें

लोगों को आकर्षित करने के लिए बैंक कई नए प्रकार के लोन ऑफर ले कर आ रहे हैं। आपको यह देखने की ज़रूरत है कि क्या ये उत्पाद आपके लिए उपयोगी हैं या आप सुविधाओं का पूरा उपयोग करने में सक्षम होंगे या नहीं।

यह पता करने की कोशिश करें की आपकी कितनी बचत होगी| अगर आप MS Excel का उपयोग करना जानते हैं, तो यह काम आप भी आसानी से कर सकते हैं|

अन्यथा, अपनी बचत का पता लगाने के लिए मित्र या एडवाइजर की सहायता  ले सकते है|

उसके बाद ही फैसला करें|

Source: EMICalculator

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