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टैक्स बचत

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क्या आप इनकम टैक्स बचाने के इन 13 स्मार्ट तरीकों के बारे में जानते हैं?

by दीपेश 2 Comments

जब टैक्स बचाने के लिए निवेश की बात आती है, हम में से अधिकांश लोग जीवन बीमा, पेंशन योजनाओं, ईएलएसएस, पीपीएफ और ईपीएफ और होम लोन के भुगतान के बारे में  जानते हैं।

पर इनके अलावा भी बहुत सारे तरीके हैं, जिन से आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं|

#1 बचत बैंक खाते पर ब्याज (Interest Income on Savings Bank Account) (Section 80 TTA)

आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज 10,000 रुपये तक कर मुक्त है|

यह टैक्स छूठ आपको सेक्शन 80TTA के अंतर्गत मिलती है|

अगर आपने सेविंग्स अकाउंट पर एक वित्तीय वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक ब्याज कमाया है, तो अतिरिक्त राशि पर आपको अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स जमा करना होगा|

ध्यान दें की यह छूठ आपके सभी बचत बैंक खातों (savings bank account) को मिला कर है| तो आप बहुत सारे सेविंग्स अकाउंट खोल कर अपना टैक्स नहीं बचा सकते|

ध्यान दें यह छूठ केवल बचत बैंक खातों पर मिलने वाले ब्याज पर है।

फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) पर मिलने वाले ब्याज पर ऐसी कोई राहत नहीं है।

पढ़ें: सेक्शन 80C के तहत किन तरीकों से कर सकते हैं टैक्स बचत?

#2 शिक्षा ऋण पर ब्याज (धारा 80E) (Interest on Education Loan)

आप उच्च शिक्षा के लिए लोन के पूरे ब्याज का भुगतान पर धारा 80E के तहत टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

ध्यान दें केवल ब्याज के भुगतान पर टैक्स बेनिफिट मिलता है| मूल राशि (principal repayment) के भुगतान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं है|

आप अपनी, पति/पत्नी, बच्चों (या किसी भी व्यक्ति जिसके लिए आप कानूनी संरक्षक हैं) की उच्च शिक्षा के लोन के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते है|

उच्च शिक्षा का मतलब है वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा (Senior Secondary Examination) उत्तीर्ण करने के बाद की पढ़ाई।

यह टैक्स बेनिफिट आपको उस वर्ष से मिलता है, जब आप इस शिक्षा लोन को चुकाना शुरू करते हैं| यह टैक्स लाभ आप 8 वर्ष तक उठा सकते हैं|

शिक्षा लोन पर मिलने वाले टैक्स लाभ के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

#3 घर के किराए पर Section 80GG के तहत कर लाभ

अब HRA पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट से तो कर कोई अवगत है| साथ यह टैक्स बेनिफिट आपको आपका एम्प्लायर अपने आप ही दे देता है|

पर अगर आपको HRA नहीं मिलता है या फिर आप self-employed हैं, तब भी आप कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

धारा 80GG के तहत कटौती का लाभ ( 5,000 रुपये प्रति माह, कुल आय का 25%, किराया – वार्षिक आय का 10%) में से सबसे कम राशि तक सीमित है| टैक्स लाभ लेने से पहले आपको कई शर्तों को पूरा करना होगा|

HRA से मिलने वाले टैक्स बेनिफिट की गणना कैसे की जाती है और धारा 80GG के तहत टैक्स बेनिफिट लेने की क्या शर्तें हैं, इस बारे में मैंने विस्तार से दूसरी पोस्ट में चर्चा करी है|

पढ़ें: मकान के किराए पर भी आप कर सकते हैं टैक्स बचत

#4 आपके घर की स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क (धारा 80C) (Stamp Duty and Registration Fee)

होम लोन के मूल भुगतान (principal repayment) पर सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स लाभ मिलता है| इस बात से सभी लोग अवगत हैं|

पर क्या आप जानते हैं की आप अपने घर लेते समय स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर भी धारा 80C के अंतर्गत आप लाभ ले सकते हैं|

एक बात और, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट लेने के लिए आपको होम लोन लेने की ज़रुरत नहीं है| होम लोन लिए बिना भी आप इस भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| ऐसे व्यय पर टैक्स बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जिस साल आपने यह भुगतान किया हो|

धारा 80 सी के तहत स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के लिए कटौती का दावा भी कर सकते हैं। आप इन खर्चों के लिए इस कटौती का लाभ ले सकते हैं भले ही आपने गृह ऋण न लिया हो।

#5 स्वास्थ्य बीमा और निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए प्रीमियम (सेक्शन 80D) (Health Insurance and Health Check–up)

#6 अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल व्यय (> = 80 वर्ष) (धारा 80D)

#7 गंभीर बीमारी के लिए उपचार लागत (सेक्शन 80DDB)

#8 आश्रित विकलांग परिजन की चिकित्सा के लिए खर्चा  (धारा 80DD)

#9 विकलांग व्यक्ति के मामले में कटौती (धारा 80U)

इन सभी टैक्स बचत के तरीकों के बारे में गहराई से जानने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट

#10 एनपीएस में निवेश की गई राशि (Section 80CCD)

एनपीएस में निवेश करने पर आपको Section 80CCD के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है| साथ ही अगर आपका एम्प्लायर आपके एनपीएस खाते में पैसे जमा करता है, तो आपको उसके लिए भी टैक्स बेनिफिट मिलता है|

Section 80CCD(1): 1.5 लाख रुपये तक (यह  धारा 80C के तहत मिलने वाले लाभ के अन्दर ही आता है)| आपके योगदान के लिए|

Section 80CCD(1B): 50,000 रुपये तक (यह कर लाभ अतिरिक्त है)| आपके योगदान के लिए|

Section 80CCD(2): यह आपके एम्प्लायर के आपके एनपीएस खाते में योगदान पर मिलता है|

एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|

पढ़ें: एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट

#11 अटल पेंशन योजना में निवेश (Section 80 CCD)

एनपीएस के तरह अटल पेंशन योजना में भी निवेश करने पर आपको धारा 80CCD के तहत टैक्स लाभ मिलता है|

अटल पेंशन योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|

#12 घर की मरम्मत और रखरखाव के लिए लिए गए लोन पर ब्याज (धारा 24) (Interest on Loan taken for repair and maintenance of house)

आपको पता है की आपने घर खरीदने या बनाने के लिए जो होम लोन लिया है, उसके ब्याज के भुगतान पर आपको वर्ष में 2 लाख रुपये तक की छूठ मिलती है (धारा 24 के तहत)|  

पर क्या आप जानते है की आपको यह छूठ अपने मकान की मरम्मत (repair) और रखरखाव (maintenance) के लिए लिए गए लोन पर भी मिलती है| ऐसे किसी लोन पर आप एक वित्तीय वर्ष में 30,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| यह लाभ भी धारा 24 के तहत ही है|

#13 सामजिक कार्यों के लिए प्रतिदान (धारा 80G) (Donation for Social Causes)

आपके द्वारा दी गयी कई तरह की डोनेशन धारा 80 जी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं| आपकी दान राशि के 50% या 100% तक की राशि पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है| कुछ तरह के दान पर टैक्स लाभ की सीमा (cap) है और कुछ पर नहीं है| यह इस बात पर निर्भर करता है की आप कहाँ पैसे का दान कर रहे हैं| एक बात और, अगर आप नकद में दान (डोनेशन) देते हैं, तो इस लाभ की सीमा 10,000 रुपये हैं|

Filed Under: Loans, Tax Planning Tagged With: इनकम टैक्स बचत, टैक्स कैसे बचाएं, टैक्स बचत, टैक्स बचाने के तरीके, टैक्स बचाने के स्मार्ट तरीके

मकान के किराए पर कैसे बचा सकते है इनकम टैक्स? (HRA, Section 80GG)

Last updated: फ़रवरी 27, 2019 | by दीपेश 19 Comments

काफी लोग होम लोन पर टैक्स बेनिफिट के बारे में जानते हैं| मूल भुगतान (principal repayment) के लिए धारा 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है| ब्याज के भुगतान (interest payment) के लिए 2 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है|

अब घर लेना तो सबके बस की बात नहीं| मकानों के दाम आसमान छू रहे हैं| इसीलिए हम में से काफी लोग किराये पर भी रहते हैं|

अच्छी बात यह है की किराए पर रहने पर भी आपको कुछ टैक्स बेनिफिट मिलते हैं| इसका मतलब अगर आप किराए पर रहते हैं, टी दिए गए किराए पर कुछ टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|

आईये जानते हैं की क्या हैं यह टैक्स बेनेफिट्स

1. House Rent Allowance (HRA या एचआरए) मकान किराया भत्ता

यदि आप कहीं नौकरी करते हैं, तो आप इस बारे में शायद पहले से ही काफी जानते हों।

HRA आपके वेतन का एक हिस्सा होता है| आप अपनी सैलरी स्लिप पढ़ कर इस बारे में जान सकते हैं|

एचआरए पर टैक्स बेनिफिट धारा 10 (13A) और आयकर अधिनियम के नियम 2A के तहत मिलता है।

ध्यान दें पूरा HRA टैक्स-मुक्त नहीं होता है| कुछ ही हिस्से पर छूट मिलती है|

आईये देखते हैं, कैसे गणना की जाती है आपको मिलने वाली टैक्स छूठ की|

पहले इन तीन संख्यायों का पता लगायें|

  1. House Rent Allowance (HRA या मकान किराया भत्ता)
  2. Rent – 10% of Basic Salary (किराया – मूल वेतन का 10%)
  3. 40% of Basic Salary. If you are staying in a metro city, 50% of Basic Salary (मूल वेतन का 40%), यदि आप मेट्रो शहर (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रह रहे हैं तो सीमा 50% मूल वेतन है)

इन तीन संख्यायों में जो सबसे कम है, उस पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलता है|

आईये उदहारण की सहायता से समझते हैं|

अमित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता है।

उसकी बेसिक सैलरी 60,000 रुपये प्रति माह है|

उसे  HRA के रूप में 45,000 रुपये प्रति माह प्राप्त होता है। वह एक किराए के घर में रहता है और प्रति माह 40,000 रुपये का किराया देता है।

अगर आप किसी मेट्रो सिटी में नहीं रहते हैं

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अगर आप किसी मेट्रो सिटी में रहते हैं

आप एचआरए को देख सकते हैं, जिस शहर में आप रह रहे हैं, उस पर निर्भर करता है।

इसलिए, यदि अमित 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और मुंबई में रहते हैं, तो वह आयकर की कीमत (360,000 रुपये का 30%) = 1.2 लाख (सेस को छोड़कर) बचाएंगे। यह एक महत्वपूर्ण राशि है|

पढ़ें: टैक्स बचाने के 15 आसान तरीके

इन बातों का ख्याल रखें

  1. एचआरए आपकी सैलरी (वेतन) का हिस्सा होना चाहिए| इसका मतलब आपकी सैलरी स्लिप (salary structure) में HRA दिखना चाहिए (आपके फॉर्म 16 में दिखना चाहिए)
  2. आप एचआरए के तहत टैक्स बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जबकि आप एक किराए के घर में रह रहे हों| यदि आप अपने घर में रह रहे हैं तो आपको HRA पर कोई टैक्स लाभ नहीं मिलेगा। पूरे HRA पर टैक्स देना होगा|
  3. आपकी टैक्स छूठ के बाद जो एचआरए का अतिरिक्त हिस्सा है, उस पर आपको अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।
  4. निजी क्षेत्र में कुछ कंपनियां आपको वित्तीय वर्ष की शुरुआत में अपने वेतन का ढांचा (सैलरी structure) चुनने का विकल्प देतीं है| आप इस एचआरए के कैलकुलेशन को ध्यान में रखते हुए अपने लिए HRA चुन सकते हैं और अधिक टैक्स बचा सकते हैं।
  5. एचआरए (HRA) पर टैक्स छूठ मासिक आधार (monthly basis) पर है। इसका मतलब 12 महीनों की छूठ को मिला पूरे साल की छूठ की गणना होती है| यदि आपका वेतन और किराया वित्तीय वर्ष के दौरान स्थिर रहता है, तो यह पहलू कुछ भी प्रभावित नहीं करेगा। परन्तु, यदि वेतन या किराए में साल के बीच में परिवर्तन होता है, तो पहले हर महीने की गणना करनी होगी। उसके बाद आप पूरे साल का निकाल सकते हैं|

मैं अपने माता-पिता के घर में रहता हूँ| क्या मैं एचआरए का टैक्स बेनिफिट ले सकता हूँ?

हां, आप यह कर सकते हैं। पर माता पिता को किराया ज़रूर दें। बेहतर होगा की माता-पिता के बैंक खाते में किराया जमा करें और रसीद भी लें|

इससे पूरा रिकॉर्ड बना रहेगा और अगर आयकर विभाग इस बात पर सवाल उठाता है, तो आपके पास प्रमाण होगा|

और हाँ, आपके माता-पिता के आयकर रिटर्न में इस किराये की आय दिखनी चाहिए।

क्या मैं अपने पति या पत्नी को घर का किराया देकर टैक्स बेनिफिट ले सकता/सकती हूँ?

मतलब घर आपके पति या पत्नी के नाम पर है और आप उन्हें किराया दे रहे हैं|

ऐसा न करें, तो बेहतर हैं| फंस सकते हैं| आयकर विभाग इस बात पर सवाल उठा सकता है|

मैं और मेरी पत्नी दोनों जॉब करते हैं| किराया भी देते हैं| क्या HRA का टैक्स बेनिफिट दोनों ले सकते हैं?

हां, आप दोनों HRA का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

पर कुछ बातों का ख्याल रखें|

केवल उतना ही टैक्स बेनिफिट लें, जिसका भुगतान आप कर रहे हैं| मान लिए कुल किराया 30,000 रुपये है| आप 20,000 रुपये का भुगतान कर रहे हैं और आपकी पत्नी 10,000 रुपये का भुगतान कर रहीं हैं| आपको बराबर भुगतान करने की कोई ज़रुरत नहीं हैं|

जब HRA बेनिफिट को कैलकुलेट करें, तो आप 20,000 रुपये किराया मानें और आपकी पत्नी 10,000| आप दोनों 30,000 रुपये किराया नहीं मान सकते|

बेहतर होगा की बैंक में पैसे ट्रान्सफर करने का पूरा रिकॉर्ड हो| अगर पूरा किराया आप ही देते हैं, तो अपनी पत्नी से हर महीने 10,000 रुपये आपके खाते में ट्रान्सफर करने हो कहें|

यदि संभव हो तो, मकान मालिक से दो रसीदें लें।

मैंने होम लोन के माध्यम से एक घर खरीदा है, परन्तु किराए के घर में रहता हूँ|

ऐसी स्तिथि में आप होम लोन और HRA दोनों पर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|

पर हाँ, ऐसा न हो की आप बस टैक्स बचने के लिए ही किराए पर रह रहे हों| अगर आपका अपना घर और किराय्व वाला घर बहुत आस-पास हैं, तो आयकर विभाग इस पर सवाल उठा सकता है|

पढ़ें: हेल्थ इंश्योरेंस खरीदकर बचीयें इनकम टैक्स

2. Section80 GG (Self Employed लोगों के लिए)

अब मान लिए की:

  1. आप सेल्फ-एम्प्लोयेड (self-employed) हैं, तो आपको HRA मिलेगा ही नहीं| तो आप टैक्स बेनिफिट कैसे लेंगे?
  2. यह भी हो सकता है की आपका एम्प्लायर आपको HRA देता ही न हो| इसका मतलब HRA आपकी सैलरी का हिस्सा नहीं है| आप टैक्स बेनिफिट कैसे लेंगे?

ऐसे लोगों के लिए भी सरकार ने घर के किराए पर कुछ राहत दी है|

यह राहत Section 80GG के तहत दी गयी है।

आईये देखते हैं ली आपको कितनी राहत मिलती है|

पहले इन तीन राशियों को कैलकुलेट करिए

  1. Rs. 5,000 per month (प्रति माह 5,000 रुपये, 60,000 रुपये प्रति वर्ष)
  2. 25% of Total Income (कुल आय का 25%)
  3. Rent – 10% of Total Income (किराया – कुल आय का 10%)

अब तीनों राशियों में जो भी सबसे कम है, आपको उतना लाभ मिलेगा|

तो आप देख सकते हैं की अधिकतम लाभ 60,000 रुपये तक सीमित है|

पर हाँ, यह लाभ पाने के लिए आपको कुछ शर्तें पूरी करनी होगी|

  1. जिस शहर में आप काम कर रहे हैं, वहां आपके, आपके पति / पत्नी या नाबालिग बच्चे के नाम पर कोई मकान नहीं होना चाहिए।
  2. आपके पास किसी अन्य स्थान पर कोई मकान (self-occupied property) नहीं होनी चाहिए|
  3. आपने पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान HRA नहीं मिलना चाहिए। यदि आप वित्तीय वर्ष में 1 महीने के लिए कार्यरत थे (और एचआरए का फायदा उठाते हैं) और शेष अवधि में स्व-नियोजित (self-employed) थे, तो आप धारा 80 GG के तहत टैक्स लाभ नहीं ले सकते।

कटौती धारा 80GG का दावा करने के लिए, आपको फार्म 10 BA के तहत बताना होगा।

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