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Life Insurance

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आपका claim reject नहीं होगा अगर आपकी जीवन बीमा (Life Insurance) पालिसी 3 साल पुरानी है

Last updated: सितम्बर 14, 2017 | by दीपेश 10 Comments

कोई भी इंश्योरस पालिसी खरीदते समय सबसे बड़ी शंका लोगों के मन में यह रहती है की कई साल प्रीमियम का भुगतान करने के बावजूद अगर इंश्योरंस कंपनी ने आपके claim को अस्वीकार (reject) कर दिया, तो आप क्या करेंगे?

और इसी शंका के चलते काफी लोग जीवन और स्वास्थ्य बीमा (life and health insurance) नहीं खरीदते हैं| खासकर टर्म लाइफ इंश्योरंस (Term Life Insurance).

सच बताऊँ तो इंश्योरंस कंपनियों का रिकॉर्ड भी आपको कुछ ज्यादा भरोसा नहीं दिलाता. आये दिन आप न्यूज़ पेपर या मेग्ज़िन्स में पढेंगे की किस तरह बिना किसी वजह insurance company मे claim reject कर दिया|

इंश्योरंस कंपनियों पर विश्वास करना मुश्किल होता है| अगर वह किसी भी तरह आपका claim reject कर सकते हैं, तो कर देंगे|

इसी वजह से काफी लोग LIC (Life Insurance Company) में ज्यादा विश्वास करते हैं और प्राइवेट इंश्योरंस कंपनियों को भेड़िया समझते है|

Amendment in Insurance Act (बीमा अधिनियम में संशोधन)

शायद सरकार को इस बात का अंदेशा था| इसी वजह से सरकार ने 2014-2015 में Insurance Act, 1938 में एक संशोधन (Amendment) कर दिया|

अब अगर आपकी जीवन बीमा पालिसी (life insurance policy) 3 साल पुरानी है, तो इंश्योरंस कंपनी आपका life इंश्योरेंस claim reject (अस्वीकार) नहीं कर सकती|

आइये देखते हैं क्या लिखा है कानून में| सेक्शन 45 में लिखा है:

(1) No policy of life insurance shall be called in question on any ground whatsoever after the expiry of three years from the date of the policy, i.e., from the date of issuance of the policy or the date of commencement of risk or the date of revival of the policy or the date of the rider to the policy, whichever is later.

(2) A policy of life insurance may be called in question at any time within three years from the date of issuance of the policy or the date of commencement of risk or the date of revival of the policy or the date of the rider to the policy, whichever is later, on the ground of fraud:

इक मतलब साफ़ है, चाहे आपने पालिसी खरीदते समय झूट बोला हो या कुछ बताना भूल गायें हों, अगर आपको Life Insurance Policy लिए 3 साल हो गए हैं, तो इंश्योरंस कंपनी को claim स्वीकार (settle) करना होगा|

तो इंश्योरंस कंपनी के पास तीन साल हैं किसी भी बात का पता लगाने के लिए|

इस अधिनियम (एक्ट) की कॉपी आपको IRDA की website पर मिल जायेगी|

इससे आपको क्या फायदा होगा?

काफी फायदा होगा|

अगर आपकी पालिसी तीन साल से ज्यादा पुरानी है, तो में उम्मीद करता हूँ की आपका claim काफी जल्दी process (pass) हो जाएगा|

अगर जीवन बीम पालिसी को तीन साल हो गए हैं, तो इंश्योरंस कंपनी के हाथ बंधे हुए हैं| उन्हें claim pass करना ही होगा|

तो आप उम्मीद कर सकते हैं की claim rejection कम हो जायेंगे|

पालिसी धारक को भी कम चिंता करने की ज़रुरत है|

शायद लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री में उनका विश्वास बढ़ सकता है|

ध्यान रखें

यह संशोधन केवल जीवन बीमा (Life Insurance) पालिसी के लिए है|

यह लाभ आपको स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) के लिए नहीं मिलेगा|

Insurance Act (बीमा अधिनियम) में यह संशोधन (Amendment) मार्च 2015) में लाया गया था|

और यह संशोधन 26 December, 2014 से लागू माना जाएगा|

अगर आपने अपनी पालिसी 26 December 2014 से पहले खरीदी थी, तो मेरे लिए यह कहना कठिन है की आपको इस संशोधन के लाभ मिलेगा की नहीं|

हो सकते है मिले या फिर न मिले| शायद जब कोई केस कोर्ट जाएगा तब ही पता चलेगा|

मैं कोई कानूनी विशेषज्ञ नहीं हूँ और इस बात पर टिप्पणी नहीं करूँगा| आप किसी कानूनी जानकार से बात करके इस बात पर स्पष्टता मांग सकते हैं|

क्या आप पालिसी खरीदते समय कोई बात छुपा सकते हैं?

कुछ लोगों से जब मैंने इस बारे में बात करी तो उनका पहला सवाल था की क्या वह लोग जीवन बीमा लेते समय अपनी किसी बीमारी के बारे में इंश्योरंस कंपनी से छुपा सकते हैं|

उनकी सोच थी की इस संशोधन के बाद अगर किसी तरह तीन साल निकल गए तो फिर इंश्योरंस कामनी कुछ नहीं कर पाएगी और उसे आपके इंश्योरंस claim का पेमेंट करना होगा|

बीमारी छुपाने से आपको शायद प्रीमियम भी कम देना पड़े|

यह सोच गलत है और खतरनाक भी|

पहली बात अगर आपकी मृत्यु पालिसी लेने के तीन वर्षों के अन्दर हो जाती है और इंश्योरंस कंपनी को पता चलता है की आपने अपनी बिमारी छुपायी थी, तो वह आपके claim को reject (अस्वीकार) कर देगी|

ऐसा होने पर आपका परिवार क्या करेगा? ऐसे समय में परिवार वैसे ही इतने तनाव में रहता है| आप एक और परेशानी उनके सर छोड़ जायेंगे|

अगर मृत्यु तीन साल बाद भी होती है और इंश्योरंस कंपनी को पता चलता है, तो वह कहीं न कहीं केस अटका सकते हैं| आपको कोर्ट जाना पड़ सकता है| और क्या पता सभी तथ्यों को जानने के कोर्ट आपके विरुद्ध (against) फैसला सुना दे|

Insurance एक contract (अनुबंध) है|

बशर्ते इंश्योरंस कंपनी या एजेंट इमानदार न हो, आपको पूरी इमानदारी से सारी जानकारी इंश्योरंस company को देनी चाहिए पालिसी खरीदते समय|

यह बदलाव आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए बहुत ही लाभकारी है|

परन्तु इस संशोधन का गलत फायदा उठाने की कोशिश न करें| आप अपने परिवार को बड़ी परेशानी में डाल सकते हैं|

और पढ़ें: Life Insurance Companies cannot reject claim after 3 years

Filed Under: Life Insurance Tagged With: Insurance Amendment Act 2015, Life Insurance, Life Insurance claim settlement

किस प्रकार का लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance या जीवन बीमा) खरीदें?

Last updated: जून 15, 2017 | by दीपेश 2 Comments

अगर आप अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना चाहते हैं, तो जीवन बीमा उसमें एक अहम् भूमिका निभा सकता है|

ज़्यादातर लोगों को जीवन बीमा लेना चाहिए|

अगर आप रिटायर हो चुके हैं या फिर आप काफी धन जमा कर चुके हों, तब शायद आपको जीवन बीमा की ज़रुरत न हो | अन्यथा आपको जीवन बीमा लेने पर विचार करना चाहिए|

जीवन बीमा (Life Insurance) तीन तरीकों से खरीदा जा सकता है|

आइये देखते हैं क्या हैं वह तरीके|

Type of Life Insurance Plans

  1. ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस प्लान (Traditiona| Life Insurance Plan)
  2. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या उली यूलिप (Unit Linked Insurance Plan or ULIP)
  3. टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance)

ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस प्लान (Traditional Life Insurance Plan)

LIC जीवन आनंद, LIC न्यू एंडोमेंट प्लान यह सब ऐसे प्लान्स के उदहारण हैं | प्राइवेट इंश्योरंस कंपनी भी ऐसे प्लान्स बेचती हैं|

ऐसी पॉलिसीस मैं आपको लाइफ कवर भी मिलता हैं और मेचौरिटी (Maturity) पर राशि भी मिलती है|

ऐसी पॉलिसीस मैं आपको तीन परेशानियाँ हैं|

  1. जीवन बीमा (Life Cover या Sum Assured) इस बात पर निर्भर करता है की आप कितना प्रीमियम (Premium) दे सकते हैं|
  2. रिटर्न्स 4-6% के बीच में रहते हैं | अगर आप लम्बे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो 4-6% काफी कम है|
  3. अगर आप अपनी पालिसी बीच में रोकना चाहते हैं, तो आपको काफी भारी पेनल्टी देनी पड़ती है|

ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस इंश्योरेंस प्लान्स से बचें |

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या यूलिप (Unit Linked Insurance Plan or ULIP)

यूलिप भी एंडोमेंट (Traditional) प्लान्स की तरह होते हैं जहाँ आपको इंश्योरंस और इन्वेस्टमेंट बेनिफिट दोनों मिलते हैं|

यूलिप मे आपके पास चॉइस होती है की आपका पैसा कैसे निवेश हो| यूलिप traditional प्लान्स से बेहतर हैं

परन्तु यूलिप के साथ भी वहीँ परेशानी है| जीवन बीमा (Life Cover या Sum Assured) इस बात पर निर्भर करता है की आप कितना प्रीमियम (Premium) दे सकते हैं|  इस बात को एक उदाहरण के साथ बादमें समझेंगे|

टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance)

यह सबसे सस्ता और अच्छा तरीका हैं लाइफ इंश्योरेंस खरीदने का|

एक 30 साल के युवक को 50 लाख रुपये का जीवन बीमा खरीदने के लिए केवल 6,000 से 9,000 तक खर्च करने होंगे|

ध्यान रखे टर्म इंश्योरेंस प्लान में कोई मेचौरिटी (Maturity) बेनिफिट नहीं होता | अगर आप पालिसी टर्म के अंत तक जीवित हैं| तो आपको कुछ भी नहीं मिलेगा | बहुत से लोगों को यह बात हजम नहीं होती| इसीलिये काफी लोग टर्म इंश्योरंस से बचते हैं|

परन्तु यह कोई अच्छा निर्णय नहीं है|

आईये देखते हैं क्यों?

अगर यही 50 लाख का कवर आप LIC न्यू एंडोमेंट प्लान में खरीदेंगे, तो आपका सालाना प्रीमियम 1 लाख 56 हज़ार रुपये होगा|

क्या आप इतना प्रीमियम दे सकते हैं?

अगर आप इतना प्रीमियम नहीं दे सकते, तो आप एक काम कर सकते हैं| उतना लाइफ कवर ले जिसका प्रीमियम आप दे सकते हों| परन्तु यह गलत होगा| ऐसा कभी न करें|

आपको कितना इंश्योरंस चाहए, यह इस बात पर निर्भर नहीं करता की आप कितने  प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं| अगर आपको 50 लाख के बीमा की ज़रुरत हैं, तो आपको 50 लाख का बीमा लेना चाहिए|

और यहीं टर्म इंश्योरंस आपके काम आएगा|

आप आराम से 6 से 9 हज़ार रुपये का प्रीमियम देकर एक टर्म पालिसी खरीद सकते हैं | जो पैसे बचता है, उसको आप निवेश कर सकते हैं|

क्योंकि जहाँ आप निवेश करेंगे वहां आपको 4-6% से कहीं बेहतर रिटर्न्स मिलेंगे, तो आपका मेचौरिटी (Maturity) राशि भी ज्यादा होगी|

आपको क्या करना चाहिए?

मेरा सुझाव है की आप अपने इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस को अलग रखें|

ULIP और ट्रेडिशनल प्लान में इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट मिक्स हो जाता है|

इसीलिए आपको टर्म इंश्योरंस लेना चाहिए|

आपको निम्नलिखित सुझावों पर विचार करना चाहिए|

  1. पहले इस बात का अनुमान लगायें की आपको कितना लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा चाहिए  (How much life insurance you need)
  2. उसके बाद उस राशि का टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीद लें  (Purchase a term insurance plan for the amount)
  3. जो राशि बचती है, उसको किसी इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में निवेश करें  (Invest the remaining amount according to your risk profile and goals)

आप कहाँ निवेश करेंगे, वह निर्भर करेगा की आप कैसे निवेशक हैं और आपका फाइनेंसियल गोल कितना दूर है और आप कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं|

अगर आप Conservative इन्वेस्टर हैं और रिस्क नहीं लेना चाहते, तो PPF, EPF वगेरह में निवेश कर सकते हैं|

अगर आप रिस्क (Risk) ले सकते हैं और लम्बी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं , तो equity म्यूच्यूअल फंड्स में भी निवेश कर सकते हैं|

इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट अलग करें|

आपको लाइफ कवर भी ज्यादा मिलेगा और बेहतर मेचौरिटी रिटर्न्स भी|

Filed Under: Life Insurance Tagged With: term insurance, types of life insurance, टर्म इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस

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