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क्रेडिट कार्ड

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क्रेडिट कार्ड क्या है? क्या हैं फायदे और नुकसान?

by दीपेश 2 Comments

क्रेडिट कार्ड क्या है? Credit Card in Hindi

जैसा की नाम से लगता है, क्रेडिट कार्ड की सहायता से आपको क्रेडिट (उधार) मिलता है|

देखने में तो क्रेडिट कार्ड आपके बैंक डेबिट कार्ड (debit card) ही तरह ही होता है| आप debit card की तरह अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी शौपिंग करने में, ऑनलाइन पेमेंट करने में कर सकते हैं|

परन्तु एक बड़ा अंतर है डेबिट और क्रेडिट कार्ड में|


क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में क्या अंतर होता है? Difference between Credit Card and Debit Card in Hindi

Debit card आपके बैंक खाते से लिंक होता है| जब भी आप debit card का इस्तेमाल करते हैं, पैसा आपके बैंक खाते से कट जाता है| इसलिए आप अपने डेबिट कार्ड पर केवल उतना ही खर्चा कर सकते हैं, जितना की आपके बैंक खाते में है|

क्रेडिट कार्ड में ऐसा नहीं है| आपको एक क्रेडिट लिमिट बताई जाती है| इस लिमिट का आपके बैंक खाते के बैलेंस से कोई सम्बन्ध नहीं होता|आप उस लिमिट तक अपने क्रेडिट कार्ड पर खर्चा कर सकते हैं| कुछ दिनों बाद आपको अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना होता है|

क्रेडिट कार्ड बिल के पूरे भुगतान पर आपकी लिमिट फिर से खाली हो जाती है और आप फिर से पूरी लिमिट का उपयोग कर सकते हैं|

एक बात के ध्यान रखें: अगर बैंक खाते में पैसा नहीं होगा, तो क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान कैसे करेंगे|


क्रेडिट कार्ड के नियम और शर्तें क्या होती हैं?

#1 आपको समय पर क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करना होता है| आम तौर पर आपका क्रेडिट कार्ड बिल (स्टेटमेंट) की तारीख से 21 दिन के भीतर आपको बिल का भुगतान करना होता है|

#2 समय पर बिल का भुगतान करने पर आपको कोई ब्याज नहीं देना होगा| परन्तु अगर आप समय पर बिल का भुगतान नहीं करेंगे, तो आपको खर्च की गयी राशि पर ब्याज और साथ ही पेनल्टी भी देनी होगी|

#3 क्रेडिट कार्ड की ब्याज दर बहुत अधिक होती है| पेनल्टी इत्यादि को मिला कर ब्याज दर 40-45% तक पहुँच जाती है|

#4 अपने क्रेडिट कार्ड पर आप एक लिमिट (Credit card limit) तक ही खर्चा कर सकते हैं| इसका मतलब यह है की एक समय पर आपके क्रेडिट कार्ड पर credit card limit से ज्यादा राशि बकाया नहीं हो सकती|

#5 क्रेडिट कार्ड लिमिट आपके कार्ड और आपकी सैलरी पर निर्भर करती है|

#6 बैंक आपको विकल्प देते हैं की आप पूरे credit card bill का भुगतान करने की बजाय कुछ न्यूनतम राशि (Minimum Amount Due) का भुगतान भी कर सकते हैं| ऐसा करने पर बैंक आपको कोई पेनल्टी नहीं लगाते| परन्तु यह अच्छा विकल्प नहीं है| ऐसा करने पर आपको interest free credit period (ब्याज मुक्त लोन) नहीं मिलता| और ब्याज की दर क्रेडिट कार्ड में बहुत अधिक होती है|

#7 कुछ कार्ड पर आपको वार्षिक फीस (Annual fee) देनी होती है| परन्तु कई बार आप बैंक से बात करके उस फीस को माफ़ करा सकते हैं|


क्रेडिट कार्ड के क्या फायदे हैं?

  1. आपको आसानी से उधार मिल जाता है| हो सकता है आपको कुछ सामान लेना हो, परन्तु आपके बैंक खाते में उतना पैसा न हो| ऐसी स्तिथि में आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके खर्चा कर सकते हैं| बादमें सैलरी आने पर आप क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान कर सकते हैं|
  2. किसी इमरजेंसी में भी क्रेडिट कार्ड काफी उपयोगी साबित हो सकता है| मान लिए आपको किसी परिजन के इलाज के लिए पैसे की ज़रुरत है परन्तु आपके बैंक खाते में पर्याप्त राशि नहीं है|
  3. अगर आप सही समय पर भुगतान करते रहे, तो आपको उधार पर कोई ब्याज भी नहीं देना होता| (Interest Free Credit Period) आपको 21 से 52 दिन का बया मुक्त उधार मिल सकता है| अवधि इस बात पर निर्भर करती है की आपने अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कब किया है|
  4. आपको कई वेबसाइट या स्टोर पर डिस्काउंट (discount) या केशबेक (Cashback) भी मिलता है| बहुत सारी ई-कॉमर्स वेबसाइट (Amazon, Flipkart, PayTm) आपको क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने पर discount या cashback प्रदान करते हैं| उधार भी मिला और discount भी| आपके लिए सोने पर सुहागा|
  5. आपको क्रेडिट कार्ड पर खर्चा करने पर रिवॉर्ड पॉइंट (reward point) भी मिलते हैं| इन रिवॉर्ड पॉइंट का इस्तेमाल कुछ खरीदने या क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान के लिए भी कर सकते हैं|

क्रेडिट कार्ड के क्या नुकसान हैं?

  1. क्रेडिट कार्ड के बिल का समय से भुगतान न करने पर काफी अधिक ब्याज देना पड़ता है| पेनल्टी भी लगती है| तो, अगर आप क्रेडिट कार्ड के बिल का पूरा भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको काफी परेशानी हो सकती है|
  2. क्योंकि क्रेडिट कार्ड पर खर्चा करने पर पैसा आपके बैंक खाते से नहीं कटता, कुछ लोगों में अधिक खर्चा करने की प्रवत्ति उत्पन्न हो सकती है| ऐसे में लोग अपनी चुकाने की क्षमता से अधिक खर्च करने लगते हैं|
  3. क्षमता से अधिक खर्च करना और बिल का पूरा भुगतान न करना आपको उधार के दलदल (debt trap) में भेज सकता है|

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय इन बातों का ख़याल रखें|

sbi सबी क्रेडिट कार्ड


क्रेडिट कार्ड कैसे मिलता है? क्या दस्तावेज चाहिए?

क्रेडिट कार्ड के लिए आपको बैंक में आवेदन करना होता है| क्रेडिट कार्ड पाने के लिए आपको इन दस्तावेजों की ज़रुरत पड़ेगी|

  1. क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन फॉर्म
  2. आपका फोटो
  3. Address proof (पते का प्रमाण)
  4. आपकी पिछले कुछ महीनो की सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट| अगर आप self-employed हैं, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न इत्यादि की जानकारी भी मांगी जा सकती है|

कुछ बैंक में ऑनलाइन आवेदन करने का भी प्रावधान है|

क्योंकि क्रेडिट कार्ड में आपको उधार मिलता है, क्रेडिट कार्ड देने से पहले आपके उधार चुकाने की क्षमता (loan repayment ability) को अच्छे से जाँचा-परखा जाता है|

अगर बैंक के अनुसार आपकी सैलरी/आय पर्याप्त नहीं हैं, तो आपकी एप्लीकेशन रिजेक्ट की जा सकती है| एक वेतनभोगी (salaried) व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना अधिक होती है| आप किसी बड़ी कंपनी में काम करते हैं, तो संभावना और भी अधिक है|

आपके कार्ड की लिमिट भी काफी हद तक आपकी आय पर निर्भर करती है|

साथ ही, क्रेडिट कार्ड के आवेदन के समय आपका क्रेडिट स्कोर बहुत मायने रखता है| अगर क्रेडिट स्कोर (या सिबिल स्कोर) बुरा है, तो क्रेडिट कार्ड मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है|

आप अपने क्रेडिट स्कोर समय-समय पर चेक करते रहे| अब तो आप अपना क्रेडिट स्कोर फ्री में भी डाउनलोड कर सकते हैं| अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है, तो क्रेडिट स्कोर सुधारने की कोशिश करें|


क्रेडिट कार्ड कितने प्रकार के होते हैं? कौनसा है बेस्ट क्रेडिट कार्ड?

क्रेडिट कार्ड कई प्रकार के होते हैं|

कुछ कार्ड आपको पेट्रोल पंप पर भुगतान पर कैशबैक/रिवॉर्ड पॉइंट देते हैं|

कुछ कार्ड पर आपको ऑनलाइन खरीददारी करने पर अच्छा discount मिलता है|

कुछ कार्ड का किसी एयरलाइन या किसी बड़े स्टोर (BigBazaar, LifeStyle इत्यादि) से समझोता होता है और आपको ऐसी जगह शौपिंग करने पर अच्छा discount/ऑफर मिल जाता है|

कुछ बैंक स्टूडेंट को भी क्रेडिट कार्ड (student credit card) देते हैं|

अंतर अमूमन ऑफर (discount, cashback, reward point, annual fee) पर आता है|

बात करें बेस्ट क्रेडिट कार्ड की, तो इसका कोई एक जवाब नहीं है|

आपको देखना होगा की आपके खर्चे का पैटर्न क्या है| उसी हिसाब से आप अपने लिए अच्छे क्रेडिट कार्ड का चुनाव कर सकते हैं|

इस पोस्ट (अंग्रेजी) में अच्छे क्रेडिट कार्ड की सूची है|आप यहाँ से शुरुआत कर सकते हैं|

आप बैंक की वेबसाइट पर सीधे जा कर जानकारी पा सकते हैं|

  1. SBI Credit Card (SBI क्रेडिट कार्ड)
  2. ICICI Credit Card (आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड)
  3. HDFC Bank Credit Card (एचडीएफसी क्रेडिट कार्ड)
  4. Bank of Baroda Credit Card (बैंक ऑफ़ बड़ोदा क्रेडिट कार्ड)
  5. Citibank Credit Card (सिटीबैंक क्रेडिट कार्ड)
  6. Standard Chartered Bank Credit Card

अगर आपके क्रेडिट कार्ड पर fraud होता है, तो क्या करें?

अब यह सभी लोगों के लिए समस्या का विषय है|

अगर आपके क्रेडिट कार्ड का गलत इस्तेमाल (खर्चा) होता है, तो आपको उसका भुगतान करना पड़ सकता है|

इसलिए बहुत ज़रूरी है की अपना क्रेडिट कार्ड PIN किसी से शेयर न करें| साथ ही अगर आप ऑनलाइन शौपिंग कर रहें हैं, तो मोबाइल पर आये हुए OTP का ज़िम्मेदारी से इस्तेमाल करें| किसी को फ़ोन पर OTP न बताएं|

इसके बावजूद भी अगर गलत इस्तेमाल हो जाता है, तो ज्यादा घबराएं नहीं| रिज़र्व बैंक ने ऐसी स्तिथि में भी आपके हितों की रक्षा के लिए कुछ नियम भी बनाये हैं|

सबसे अहम् नियम यह है की Fraud होने पर जल्दी से जल्दी customer care पर फ़ोन करके बैंक को अवगत कराएं|

नियमों की अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़े और समझे|

अन्य उपयोगी लिंक

Whatsapp पर भी पा सकते हैं फ्री क्रेडिट रिपोर्ट

किसान क्रेडिट कार्ड

Filed Under: Loans Tagged With: credit card, क्रेडिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के नुकसान, क्रेडिट कार्ड के फायदे, क्रेडिट कार्ड नियम, बेस्ट क्रेडिट कार्ड

क्रेडिट कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड (Credit Card Fraud) की स्तिथि में क्या करें?

by दीपेश Leave a Comment

आजकल ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन पेमेंट या क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड स्वाइप कर के सामान खरीदने का प्रचलन काफी बढ़ गया है|

साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड और क्रेडिट कार्ड फ्रॉड (fraud) के भी बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं|

अगर आपके साथ कोई fraud या धोखाधड़ी हो जाए, तो आपको कितना नुकसान (liability) हो सकता है?

अगर आपके मोबाइल फ़ोन पर SMS आता है की आप क्रेडिट कार्ड पर 40,000 रुपये का सामान खरीदा गया है (जो आपने नहीं खरीदा है), तो आप क्या करेंगे?

ऐसी स्तिथि में अपने नुकसान को कम करने के लिए आपको क्या करना चाहिए?

ऐसे ही सवालों का जवाब देने की मैं इस पोस्ट में कोशिश करूंगा|

कुछ समय पहले तक ऐसे electronic transaction के fraud का मामले में कुछ स्पष्ट नियम नहीं थे| ऐसी स्तिथि में बैंक सारा बोझ उपभोक्ता पर डाल दिया करते थे|

पर अब ऐसा नहीं होगा|

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जुलाई 2017 में कुछ नियम बनाये, जो की ऐसे धोखाधड़ी के मामलों में आपकी liability (आर्थिक ज़िम्मेदारी) तय करते हैं| Liability से मेरा मतलब नुकसान का कितना हिस्सा आपको उठाना होगा|

इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन (Electronic Banking Transaction) क्या हैं?

भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार आप दो तरह से electronic transaction कर सकते हैं|

#1 रिमोट / ऑनलाइन ट्रांजैक्शन:

ऐसी स्तिथि में आपकी या कार्ड की  प्रत्यक्ष उपस्तिथि (physical presence) की ज़रुरत नहीं है। उदहारण के तौर पर: नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड या debit कार्ड का इस्तेमाल करके ऑनलाइन भुगतान, वॉलेट आदि। यदि आप ऑनलाइन शौपिंग करते हैं, तो वह रिमोट transaction

#2 फेस 2 फेस ट्रांजैक्शन (Face-to-Face Transaction)

ऐसी मामलों में आपके क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या मोबाइल फ़ोन की मौजूदगी की आवश्यकता है| अगर आप कहीं अपना क्रेडिट कार्ड या debit कार्ड स्वाइप करते हैं उअर ATM से पैसा निकालते हैं, तो बह Face-to-Face transaction माना जाएगा।

क्रेडिट कार्ड या ऑनलाइन fraud (धोखाधड़ी) के मामले में आपका क्या आर्थिक दायित्व (liability) है?

आपकी liability निर्भर करती है कि धोखाधड़ी / अनधिकृत लेनदेन के लिए कौन जिम्मेदार है।

कोई भी धोखाधड़ी हो, तो इसमें तीन लोग ज़िम्मेदार हो सकते हैं|

  1. Fraud आपकी गलती या लापरवाही की वजह से हुआ है| अगर आप अपना मोबाइल पर आया OTP किसी से शेयर करते हैं या आप अपने क्रेडिट या debit कार्ड के PIN डिटेल्स किसी से शेयर करते हैं| और इस वजह से आपके बैंक अकाउंट या क्रेडिट अकाउंट का इस्तेमाल किया जाता है| अब यह आपकी गलती है|
  2. Fraud बैंक प्रणाली में कमी या बैंक की गलती से हुआ है| मान लिए बैंक की वेबसाइट हैक हो जाती है और आपके खाते के डिटेल्स चोरी हो जाते हैं|
  3. Third पार्टी fraud: गलती न आपकी है और न ही आपके बैंक की| किसी तीसरे पक्ष की गलती/लापरवाही की वजह से आपके कार्ड का गलत इस्तेमाल होता है|

कोई अनधिकृत लेनदेन आपकी लापरवाही, बैंकिंग प्रणाली में कमी / गलती या तीसरे पक्ष के उल्लंघन के कारण हो सकता है ।चलिए देखते हैं कि इन मामलों में से प्रत्येक में आपकी देयता क्या होगी।

1. जब आपकी गलती है

अगर आपकी लापरवाही के कारण धोखाधड़ी या fraud हुआ है, जब तक आप बैंक को इस फ्रॉड transaction के बारे में नहीं बताते, तब तक सारा नुकसान आपको उठाना होगा|

मान लिए आप किसी से अपने क्रेडिट कार्ड के डिटेल्स शेयर कर देते हैं, और आपका क्रेडिट कार्ड 5 बार गलत इस्तेमाल किया जाता है| इसके बाद ही आप बैंक को इस fraud के बारे में बताते हैं| तो in 5 transaction में होने वाले नुकसान की आपको उठाना होगा|

आपके रिपोर्ट करने के बाद भी कोई फ्रॉड transaction होता है, तो बैंक वह नुकसान उठाएगा|

2. जब बैंक की गलती है या उसके सिस्टम में कुछ कमी है

अगर कुछ fraud बैंक की गलती की वजह से होता है, तो सारा नुक्सान बैंक को उठाना होगा|

आपकी Zero Liability होगी|

इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप ऐसे किसी transaction को बैंक को रिपोर्ट करते हैं या नहीं| आपको कुछ भी नुकसान नहीं उठाना होगा|

3. जब fraud third party द्वारा किया जाता है

अगर fraud की वजह कोई तीसरा पक्ष है (न आपकी गलती है और न ही बैंक की), तो आपकी liability इस बात पर निर्भर करता है की आप बैंक को ऐसे fraud के बारे में कब बताते हैं|

अगर fraud होने के तीन दिन (3 days) के भीतर बैंक को बताते हैं: आपकी Zero liability होगी। आपको कुछ भी नुक्सान नहीं उठाना होगा|

अगर fraud होने के 4-7 दिन (4-7 days) के भीतर बैंक को बताते हैं: हर fraud transaction पर आपकी liability नीचे दी गयी टेबल के अनुसार होगी| ध्यान दें यह सीमा प्रति transaction है, न की कुल सीमा है|

Credit card fraud customer liability क्रेडिट कार्ड फ्रॉड ऑनलाइन बैंकिंग fraud

अगर fraud होने के 7 दिनों के बाद बैंक को बताते हैं

यहाँ परेशानी है| ऐसे मामलें में बैंक का बोर्ड तय करेगा की क्या किया जाना चाहिए|

लेकिन अगर आपको फ्रॉड रिपोर्ट करने में 7 से ज्यादा दिन लग रहे हैं, तो गलती आपकी भी है|

एक बात दिनों की गिनती fraud होने से नहीं, बल्कि आपको fraud की जानकारी मिलने से की जाती है| इसका मतलब जिस दिन आपको transaction का SMS, e-mail या बैंक स्टेटमेंट मिलता है, उस दिन से मीटर चालू हो जाएगा|

इस बात पर फैसला कौन करेगा की गलती किसकी है?

यह बात अहम् है|

हमनें ऊपर देखा की आपकी आर्थिक जिम्मेदारी (liability) उया नुकसान इस बात पर निर्भर करता है की इस fraud के लिए कौन ज़िम्मेदार है|

तो, इस बात का भी फैसला करना होगा की कौन ज़िम्मेदार है| कौन लेगा यह निर्णय?

अगर बैंक को लेना है, तो आप उम्मीद कर सकते हैं की वह कभी भी अपनी गलती नहीं मानेगा और सारा नुक्सान आपके ऊपर थोक देगा|

बैंक को निर्य्नायक रूप से यह साबित करना होगा की गलती आपकी है| ध्यान दें बैंक के सोचने से कुछ नहीं होता| इनको साबित करना होगा की फ्रॉड आपकी गलती से हुआ है| अगर वह ऐसा नहीं कर पाता, तो आपको कुछ भी नहीं देना होगा|

अगर यह साबित होता है कि फ्रॉड तीसरे पक्ष (third party) की गलती, लापरवाही या बदमाशी की वजह से हुआ है, तो आपकी liability (आर्थिक दायित्व) ऊपर दी गयी टेबल के हिसाब से तय होगी|

आप बैंक को कैसे fraud की खबर कर सकते हैं? (How to report Fraudulent Transaction?)

आप SMS डाल कर, ई-मेल डाल कर, फ़ोन करके या ब्रंक्च में जा कर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं|

अपनी कंप्लेंट का Acknowledgement नंबर ज़रूर लें|

यह मामला कितने दिनों में सुलझेगा?

Fraud की खबर के बाद 10 दिनों के भीतर बैंक को आपके खाते में पैसा वापिस करना होगा|

अगर बाद में आपकी गलती साबित होती है, तो बैंक वह पैसा वापिस ले सकता है|

बैंक को पूरा मामला 90 दिनों के अन्दर सुलझाना होगा|

बैंक यह सुनिश्चित करेगा की इस फ्रॉड/धोखाधड़ी की वजह से आपको कोई ब्याज का नुकसान या पेनल्टी न उठानी पड़ें|

आपको क्या करना चाहिए?

यहाँ दो पहलू हैं| पहली तो fraud होने से बचाएं, और दूसरी अगर fraud हो, तो जल्दी से जल्दी रिपोर्ट करें|

जैसा की हमनें ऊपर देखा, जितनी जल्दी रिपोर्ट करेंगे, आपको उतना कम नुकसान होगा|

पहले तो आपको सावधानी बरतनी होगी|

अपने क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के PIN, पासवर्ड या अन्य जानकारी को संभाल कर रखें और किसी से शेयर न करें| केवल सुरक्षित जगहों पर या कंप्यूटर पर ही इस्तेमाल करें|

दूसरी बात है जल्दी से जल्दी बैंक को खबर करने की|

  1. सबसे पहले अपने बैंक अकाउंट में अपना मोबाइल नंबर और इ-मेल रजिस्टर करिए|
  2. अपने SMS और ई-मेल नियमित रूप से चेक करिए|
  3. अगर आपको पता चलता है की कोई गलत transaction हुआ है, तो तुरंत बैंक को रिपोर्ट करें| बैंक से acknowledgement भी लें| ई-मेल ज़रूर डालें| क्योंकि ई-मेल खबर देने का पुख्ता सबूत है| बैंक ई-मेल को नकार नहीं सकता|

रिज़र्व बैंक के सर्कुलर को आप इस लिंक पढ़ सकते हैं|

Filed Under: Financial Planning, Loans Tagged With: debit कार्ड फ्रॉड, ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड, क्रेडिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड fraud, नेट बैंकिंग धोखधड़ी

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