1 April 2018 से टैक्स नियमों में कुछ बदलाव होगा|
आईये जानते हैं कुछ प्रमुख टैक्स बदलावों के बारे में| जानकारी होने पर अतिरिक्त टैक्स बचा सकते हैं और बेहतर टैक्स प्लानिंग कर सकते हैं|
#1 आप ले सकेंगे 40,000 रुपये के Standard Deduction का लाभ
यह लाभ केवल सैलरी पाने वाले या पेंशन पाने वाले लोग ही ले सकते हैं|
अगर आप self-employed हैं, तो आप यह लाभ नहीं ले पायेंगे|
परन्तु कुछ ख़ास लाभ नहीं है क्योंकि चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति (medical bill reimbursement up to Rs 15,000) और conveyance/transport allowance (Rs. 19,600) को वापिस ले लिया गया है|
देखें तो, अधिकतम लाभ 34,200 रुपये से बढ़कर 40,000 रुपये हो जाएगा|
कुछ फायदा तो है|
इसके अलावा एक लाभ यह है की आपको यह टैक्स बेनिफिट लेने के लिए कुछ भी दस्तावेज जमा करने की ज़रुरत नहीं है|
#2 इनकम टैक्स सेस (Cess) 3% से बढ़ कर 4% हो जाएगा
आपको अपने टैक्स दायित्व (liability) के ऊपर cess का भुगतान करना होता है|
मान लिए आपका कुल टैक्स दायित्व 20,000 रुपये आया| उस राशि पर आपको Cess देना पड़ता है|
April 1, 2018 से Cess 3% से बढ़ कर 4% हो जाएगा|
तो पहले अगर 20,000 के टैक्स पर 600 रुपये Cess भरते, 1 अप्रैल से आपको 800 रुपये भरना होगा|
ज़ाहिर है की इससे आपका टैक्स भार थोड़ा सा बढेगा|
अगर जानना चाहते है की कैसे होता है आपका इनकम टैक्स कैलकुलेट, तो इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|
#3 इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड या शेयर बेचने पर होने वाले long term capital gain पर देना होगा 10% टैक्स
अभी (मार्च 31 2018) तक आपको long term capital gain (LTCG) पर कोई टैक्स नहीं देना होता|
यह नियम 1 अप्रैल 2018 से बदल जाएगा और आपको देना होगा 10% टैक्स|
बस इतनी राहत है की आपको 31 जनवरी 2018 तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं देना होगा| साथ ही हर वर्ष 1 लाख रुपये तक के LTCG पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा|
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की गणना को विस्तार से समझने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|
#4 इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड से मिलने वाले dividend पर भी लगेगा 10% टैक्स
केवल long term capital gain ही नहीं, इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड से मिलने वाले dividend पर भी आपको टैक्स देना होगा|
ध्यान दें 31 मार्च 2018 तक मिलने वाले इक्विटी फण्ड के dividend पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता|
बहुत से निवेशक नियमित आय की लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के dividend विकल्प में निवेश करते हैं|
बेहतर विकल्प होगा की आप इक्विटी फण्ड की dividend स्कीम को छोड़ कर growth स्कीम में निवेश करें|
#5 हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर मिलने टैक्स बेनिफिट 25,000 रुपये से बढ़कर 50,000 हज़ार रुपये हो जाएगा
अभी (मार्च 31 2018) तक आप अपने परिवार (स्वयं, पति/पत्नी और बच्चों) के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर 25,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं|
1 अप्रैल 2018 से यह सीमा 25,000 रुपये से बढ़ कर 50,000 रुपये प्रति वित्तीय वर्ष हो जायेगी।
अगर आप सीनियर सिटीजन (आयु 60 वर्ष से ज्यादा है), तो आप 30,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते थे, 1 अप्रैल 2018 50,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|
अगर आप अपने माता-पिता के लिए भी प्रीमियम देते हैं, तो आप 50,000 अपने लिए और 50,000 अपने माता-पिता के प्रीमियम के भुगतान के लिए टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं| यानी की कुल मिलाकर 1 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|
हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी के प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में आप विस्तार से इस लिंक पर पढ़ सकते हैं
#6 अगर आपने कई वर्ष का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम एक साथ भर दिया है, तो आप उस प्रीमियम को कई वर्ष में बाँट सकते हैं
कई बार अगर आप दो-तीन बर्षों के प्रीमियम का भुगतान एक साथ करते हैं (multi-year policy), तो आपको कुछ discount मिलता है| पर परेशानी यह है की टैक्स बेनिफिट केवल उसी वर्ष मिलता है की जिस वर्ष में आपने प्रीमियम का भुगतान किया ह|
1 अप्रैल 2018 से ऐसा नहीं होगा| अब से आप प्रीमियम को बराबर हिस्सों में बाँट कर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|
तो मान लिए आपने दो वर्ष के प्रीमियम का भुगतान किया 60,000 रुपये| ऐसी स्तिथि में आप एक साल में 60,000 रुपये का टैक्स बेनिफिट ले की बजाय दो सालों में 30-30 हज़ार रुपये का टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं|
#7 सीनियर सिटीजन (वरिष्ठ नागरिकों) को 50,000 रुपये तक के ब्याज पर नहीं देना होगा टैक्स
1 April 2018 से वरिष्ठ नागरिकों को बचत खाते (savings account), फिक्स्ड डिपाजिट (fixed deposit) या रेकरिंग डिपाजिट (recurring deposit) पर बर्ष में 50,000 तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा|
यह टैक्स लाभ धारा 80TTB के तहत है|
अगर ब्याज 50,000 रुपये से ज्यादा है, तो टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा|
अगर आप एक सीनियर सिटीजन हैं और आपने वर्ष में फिक्स्ड डिपाजिट और बचत खाते पर 90,000 रुपये का ब्याज पाया| 50,000 रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होगा|
बचे हुए 40,000 रुपये पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा|
यह नियम आपने बैंकों, सहकारी बैंकों (co-operative bank) और डाकघरों (post-office) में खोलें गए खातों के लिए है।
TDS भी 50,000 रुपये से अधिक ब्याज पर ही लगेगा|
अगर धारा 80 TTB के तहत लाभ ले रहे हैं, तो धारा 80 TTA के तहत कर लाभ नहीं ले सकते हैं। धारा 80TTA के तहत सेविंग्स बैंक अकाउंट पर मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूठ है|
साथ ही सीनियर सिटीजन को कुछ और भी स्पेशल टैक्स बेनिफिट मिलते हैं और 1 अप्रैल 2018 से कुछ अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट भी मिलेंगे| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें|
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Sir agar mera lic 69000 h or NPS 38000 or emloyeer NPS 38000 h to muje total kitna tax rebate milega
अर्जुन जी,
एम्प्लायर का एनपीएस भुगतान 80CCD(2) के अंतर्गत आता है| पर यह टैक्स बेनिफिट आपकी सैलरी में अपने आप एडजस्ट हो जाता है|
आपके lic और nps में निवेश के लिए आपको पूरा टैक्स बेनिफिट मिलेगा|