जब भी आप कोई लोन लेते हैं, तो उस लोन के भुगतान के लिए लोन की अवधि में आप EMI भरते रहते हैं|
क्या आपको पता हैं की आपके लोन की EMI कैसे कैलकुलेट होती है?
वैसे तो बहुत सारी वेबसाइट पर EMI कैलकुलेटर उपलब्ध हैं, पर क्या आप उन कैलकुलेटर के पीछे की गणित जानते हैं?
आज मैं इसी गणित पर चर्चा करूंगा| और बाद में मैं यह बताऊँगा की कैसे आप आसानी से अपने लोन की EMI कैलकुलेट कर सकते हैं|
पोस्ट के अंत में एक लोन कैलकुलेटर भी दिया गया है| इस कैलकुलेटर में आप अपने लोन के बारे में जानकारी डाल कर अपनी EMI कैलकुलेट कर सकते हैं|
EMI क्या है? और क्या है इस इसके पीछे की गणित?
EMI का मतलब है Equated Monthly Installment या आपके लोन की मासिक किश्त|
आपकी मासिक किश्त का एक हिस्सा आपके लोन के ब्याज के भुगतान (interest payment) की ओर जाता है और बचा हुआ भाग मूल राशि के भुगतान (principal repayment) के लिए|
ध्यान दें होम लोन हो या पर्सनल लोन, EMI इसी तरीके से काम करती है|
मान लिए आपने 50 लाख का लोन लिया है| लोन की अवधि 20 वर्ष है और मान लिए ब्याज की दर है 9% p.a.
इस लोन के लिए आपकी EMI या मासिक किश्त होगी 44,986 रुपये|
आईये देखते हैं की पहले साल में लोन का भुगतान किस प्रकार होगा|
पहले महीने की EMI का बंटवारा कुछ इस तरह होगा|
EMI (मासिक किश्त): 44,986 रुपये
पहले महीने का ब्याज = महीने की शुरुआत में बकाया मूल राशि * ब्याज दर/12
= 50 लाख रुपये * 9%/12 = 37,500 रुपये
पहले महीने का मूल भुगतान (Principal Repayment in the first month) = EMI – पहले महीने के ब्याज का भुगतान
= 44,986 – 37,500 = 7,486 रुपये
पहले महीने की अंत में बकाया मूल राशि (Principal Outstanding at the end of the first month) = 50 लाख – 7,486 रूपये = 49,92,514 रुपये
अब आते हैं दूसरे महीने पर
दूसरे महीने का ब्याज = महीने की शुरुआत में बकाया मूल राशि * ब्याज दर/12
= 49,92,514 * 9%/12 = 37,444 रुपये
दूसरे महीने का मूल भुगतान (Principal Repayment in the first month) = EMI – महीने के ब्याज का भुगतान
= 44,986 – 37,444 = 7,542 रुपये
दूसरे महीने की अंत में बकाया मूल राशि = 49,92,514 – 7,542 रूपये = 49,84,971 रुपये
इसी तरह, देखते हैं की पहले साल में आपके लोन का भुगतान कैसे होगा|
अब आप देख सकते हैं की:
- हर महीने ब्याज का भुगतान घटता जा रहा है| इसके साथ ही मूल का भुगतान (principal repayment) बढ़ता जा रहा है|
- ऐसा इसीलिए की हर महीने मूल राशि के भुगतान के साथ आपका बकाया लोन कम होता जा रहा है| अब क्योंकि ब्याज बकाया राशि पर निकाला जाता है, ब्याज भी हर महीने बकाया राशि के साथ कम होता जा रहा है|
- और क्योंकि ब्याज का भुगतान का कम हो रहा है, मूल के भुगतान (principal repayment) ओने आप बढ़ता जा रहा है|
परन्तु आप यह देखेंगे की पहले साल के भुगतान के बाद भी आपकी बकाया राशि कुछ ज्यादा कम नहीं हुई| पूरे एक साल मासिक किश्त देने का बाद भी आपकी बकाया राशि 50 लाख से केवल 49.06 लाख रुपये ही पहुंची| केवल 93,636 रुपये का भुगतान|
अब ऐसा क्यों हुआ?
आईये देखते हैं की पूरे लोन की अवधि के दौरान आपकी बकाया राशि कैसे कम होगी|
आप देख सकते हैं की पहले कुछ सालों में आपकी बकाया राशि कुछ ख़ास कम नहीं हुई है| पहले पांच सालों में आपने केवल 5.64 लाख रुपये का ही लोन चुकाया है| जबकि इन पांच वर्षों में आपने 21.34 लाख रुपये का ब्याज चुकाया है|
अगर मूल राशि के भुगतान के बारे में देखें तो आपकी मूल राशि का भुगतान कुछ इस तरह होगा|
पहले पांच वर्ष: 11.29%
दूसरे पांच वर्ष (6 से 10 साल): 17.68%
तीसरे पांच वर्ष (11 से 15 साल): 27.68%
आखिरी पांच वर्ष (16 से 20 साल): 43.34%
यह हुआ कुल मिला कर 100% मूल राशि का भुगतान|
साथ में इस जानकारी पर भी ध्यान दें|
यहाँ मैंने यह दिखाने की कोशिश करी है की हर साल आपकी किश्त का कितना पैसा ब्याज के भुगतान के लिया जा रहा है और कितना पैसा मूल राशि के भुगतान के लिए|
आप देख सकते हैं की शुरुआत में लोन की किश्त का ज़्यादातर पैसा ब्याज के भुगतान के लिए ही चला जाता है| और ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि उस समय मूल राशि ज्यादा होती है| जैसे-जैसे समय के साथ आपकी मूल राशि कम होती जाती है, ब्याज भी कम होता जाता है और आपकी मासिक किश्त का ज्यादा हिस्सा मूल राशि के भुगतान (principal repayment) के लिए जाने लगता है|
यही वजह है की लोन के शुरूआती वर्षों में आपका लोन बहुत धीरे-धीरे कम होता है|
अगर आप इस बात को लेकर असमंजस में हैं की इतने साल लोन की किश्त का भुगतान करने के बाद भी आपका लोन कम क्यों नहीं हुआ, तो शायद आपको इस बात का जवाब मिल गया होगा|
पढ़ें: आपको कितना लोन मिल सकता है?
लोन की EMI कैसे कैलकुलेट करते हैं? How to calculate loan EMI? (in Hindi)
अब यह भी कुछ कम पेचीदा सवाल नहीं है|
अच्छी बात यह की आपको इसके लिए कुछ ख़ास मेहनत करने की ज़रुरत नहीं है|
अगर आप माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल (Microsoft Excel) का उपयोग करना जानते हैं, तो आप आसानी से कर सकते हैं|
आपको बस PMT फार्मूला का प्रयोग करना होगा|
जैसे की हमें अपने उदारहण में देखा:
लोन राशि: 50 लाख रुपये, लोन अवधि: 20 वर्ष, ब्याज दर: 9% p.a.
मासिक किश्त (EMI) = PMT(ब्याज दर / 12, लोन अवधि * 12, लोन राशि, 0)
दरअसल आपको मासिक ब्याज दर, महीनों में लोन अवधि और लोन राशि को इनपुट करना होगा|
तो आपको एक्सेल शीट में लिखना होगा,
=PMT (9%/12, 20*12, 5000000,0)
इस फोर्मुले से आपको किसी भी लोन की मासिक किश्त मिल जाएगी|
अगर आपको यह करना मुश्किल लग रहा है, तब भी कोई परेशानी वाली बात नहीं है|
बहुत सारी वेबसाइट आपको यह जानकारी आसानी से प्रदान करती हैं|
आप यहाँ जा कर लोन EMI कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं|
इसके अलावा भी बैंक के वेबसाइट पर आपको यह कैलकुलेटर आसानी से मिल जायेंगे|
आप भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) की वेबसाइट पर SBI लोन कैलकुलेटर का प्रयोग कर सकते हैं|
इन बातों पर भी ध्यान दें|
- ब्याज दर (interest rate) बढ़ने पर EMI बढ़ेगी| ब्याज दर घटने पर EMI घटेगी|
- अगर लोन राशि ज्यादा है तो EMI (मासिक किश्त) भी ज्यादा होगी|
- अगर लोन अवधि कम होगी, तो आपकी EMI बढ़ेगी|
अगर आप लोन के कुछ हिस्से का पूर्व भुगतान (prepayment) करतें हैं, तो क्या फर्क पड़ेगा?
आब पूर्व भुगतान करने से, आपकी बकाया राशि कम हो जायेगी| जैसे की ऊपर चर्चा करी है की बकाया राशि कम होते ही आपकी मासिक किश्त का कम हिस्सा ब्याज का भुगतान के लिए जाएगा|
इसका मतलब ज्यादा हिस्सा मूल भुगतान की ओर जाएगा|
इसका परिणाम यह होगा की आपका लोन जल्दी खत्म हो जाएगा|
आईये उदहारण की सहायता से समझते हैं|
मान लिए आपके 5 साल बाद लोन में 5 लाख रुपये का पूर्व भुगतान कर दिया|
ऐसा करने पर आपका लोन 217 महीनों (18 साल 1 महीना) में खत्म हो जाएगा| इसका मतलब आपने 23 मासिक किश्तें बचा लीं|
ब्याज दर बढ़ने या घटने पर क्या फरक पड़ता है?
आपकी लोना अवधि का दौरान आपकी ब्याज दर ऊपर-नीचे होती रहती है|
ऐसा होने से आपके लोन पर क्या असर पड़ेगा|
देखिये अमूमन बैंक ब्याज दर बदलने पर आपकी EMI नहीं बदलते| बस आपके लोन की अवधि बदल दी जाती है|
जब ब्याज दर बढती है, तो लोन की अवधि भी बढ़ जाती है|
जब ब्याज दर घटती है, तो लोन की अवधि भी घट जाती है|
ऐसा क्यों होता है?
जैसे की हमें ऊपर चर्चा करी है, जब लोन की ब्याज दर बढ़ेगी, तो EMI का ज्यादा हिस्सा लोन के ब्याज के भुगतान के लिए जाएगा| इसका मतलब कम हिस्सा मूल राशि के भुगतान के लिए जाएगा| इससे लोन के भुगतान में ज्यादा समय लगेगा|
जब ब्याज दर (interest rate) कम होंगे, तब इसका बिलकुल उल्टा होगा और लोन का भुगतान जल्दी हो जाएगा|
ध्यान दें यह आंकड़े जो मैंने इस पोस्ट में उपयोग करे हैं, उन आंकड़ों को बदलने पर परिणाम भी कुछ बदल सकते हैं| अगर आपको गणित समझ में आ गयी है, तो अब कोई परेशानी नहीं होगी|
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Meri manthli enkam rs 3,000 he kya muje loan mil sakata he
मुश्किल ही सकती है| इस बात पर भी निर्भर करता है की आपको कितना लोन चाहिए और किस लिए चाहिए|
Mujhe 4 lakh ka loan chahiye to pls mujhe bataye kaise kaise payment hogi 4 sal ke liye
हिना जी,
पेमेंट लोन अवधि के अलावा ब्याज दर पर भी निर्भर करता है|
आपके लोन की ब्याज दर क्या है?
अगर 10% ब्याज दर है, तो आपकी EMI तकरीबन 10,145 रुपये होगी|
ब्याज दर ज्यादा है, तो EMI भी ज्यादा होगी|
मेरे पिताजी ने एक दुकान खरीदी। sbi का 15,00,000 का क़र्ज़ है। पिताजी की income 25,000/month है। इस क़र्ज़ को कैसे दूर किया जाये।
शाहरुख़ जी,
आपको लोन का भुगतान करना होगा| भुगतान के लिए EMI दे ही रहे होंगे|
अगर जल्दी भुगतान करना चाहते हैं, तो कहीं और से धन का इंतज़ाम करके भुगतान करना होगा|
जो दुकान खरीदी उसी दुकान पर लोन लिया है। हर महीने पिताजी 15000 दे रहे हैं लेकिन वो 15000/month तो सिर्फ ब्याज़ जा रही है। bank का भुगतान केसे करें।
मुझे personal loan के बारे में बताये क्या ये सही रहेगा।।
पर्सनल लोन भी तो चुकाना होगा| उससे कुछ फायदा नहीं होगा|
शायद ब्याज दर भी ज्यादा होगी| पर्सनल लोन मिलना इतना आसान भी नहीं है|
कोई और सुझाओ।
मेरा sbi loan February 2016se
की मासिक किस्त 3400 है, कितने ब्याज व कितने माह की emi है, plz help me
आपके लोन की ब्याज दर क्या है?
और आपने कितनी राशि का लोन लिया था?
मैंने आईडीबीआई बैंक से 1000000 रुपए का मुद्रा लोन CC करवाया है पर बैंक हर साल CGFMU बोलकर हर साल 10 से ₹11000 मेरे अकाउंट से काट लेता है और कहता है प्रधानमंत्री मुद्रा लोन गारंटी योजना में चला गया और इंट्रेस्ट अलग से लेता है CGFMU बोलकर किस बात का पैसा काटता है कृपया मुझे समझाएं जब मैं इंटरेस्ट दे रहा हूं तो फिर यह 10 से ₹11000 किस बात का दूंगा
उमेश जी,
मुद्रा लोन के नियमों के अनुसार बैंक (अगर चाहे तो) आपके लोन की गारंटी के लिए क्रेडिट गारंटी फण्ड में कुछ पैसा जमा करता है|
और यह पैसा आपसे वसूला जा सकता है|
मेरे अनुसार यह वही पैसा है|
अगर आप लोन का भुगतान नहीं कर पाते, तो यह फण्ड बैंक को बकाया राशि का भुगतान कर देगा|
पर ध्यान दें, बैंक इसके बाद भी आपसे बकाया राशि वसूलने की कोशिश करेगा|
अगर आपने कोई सेकुरिटी बैंक को दी है, तो बैंक में जा कर बात करें|
Sir, ऊपर दिए exampal में अगर 5 लाख का पूर्व भुगतान किया जाए तो उसमें कितना व्याज और कितना मूलधन pay होगा।
मुझे अपने लोन में पूर्व भुगतान करना है।
संजय जी,
जब भी पूर्व भुगतान होता है, सारा पैसा मूलधन के भुगतान में ही जाता है|
sir mera name ravi pradhan hai! mera monthly rent aata hai 45000! sir mujhe apne ghar bnane k liye loan chaiye minimum 2500000 sir kya mujhe mil skta hai loan? aur agr mil gya toh meri monthly emi kitni hogi? sir pls hlp!
आपकी मासिक आय कितनी है?
Extra emi kaishe bhare net banking se
बैंक में जा कर बात करें| प्रक्रिया अलग अलग हो सकती है|
वैसे आप अपने लोन अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर करने होंगे| उसके बाद बैंक को पैसा लोन amount में एडजस्ट करने को कहना होगा|
Sir hamne 450000/ ka lon leya tha lekin amaunt poora nahi leya sirf 250000 leya hai aor lon ko sort hi kar diya leki pahle baink ne sabsidi ka bola tha kya baink ab aadhe lon par sabsedi dega kya? Aor dega to kitni dega.....
बैंक में जा कर पता करें|
लोन पास होने की तारिख पर निर्भर करता है|
सर मैं शाहरुख खान मैंने अभी लैंड 1800000 क लिया है तो उसने में प्रॉपर्टी लोन कराने की सोच रहा हूं लेकिन बैंक मैनेजर कहता है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कुछ होता है वह देना होगाऔर मैं नेट कभी टैक्स भरा ही नहीं है तो मेरे पास इनकम टैक्स रिटर्न का कागज कोई है ही नहींतो अभी मेरा लोन हो सकता है कि नहीं हो सकता है आप बताइए
बिना इनकम टैक्स रिटर्न के लोन लेने में समस्या होगी|
देखिये बैंक लोन देने से पहले यह चेक करता है की आप लोन चुका सकते हैं या नहीं|
आपका इनकम टैक्स रिटर्न इस बारे में मदद करता है|