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इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर देना होगा 10% Long Term Capital Gains Tax

अब आपको अपने इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड यूनिट को एक बर्ष (या उससे ज्यादा) बाद बेचने पर होने वाले मुनाफे पर टैक्स देना होगा|

अगर आप सीधे शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं, तब भी आपको मुनाफे पर टैक्स देना होगा|

यह प्रस्ताव बजट 2018 में लाया गया है|

Long Term Capital Gains Tax और Short Term Capital Gains Tax क्या है?

शेयर या इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के लिए देखते हैं|

अगर आप एक साल के अन्दर बेचते हैं और मुनाफे होता है, ऐसे मुनाफे को Short term capital gain (शोर्ट टर्म कैपिटल गेन) कहते हैं|

ऐसे मुनाफे पर आपको 15% टैक्स देना होता है|

(Holding period <= 1 year )   ==> Short Term Capital Gain  ==> 15% टैक्स मुनाफे पर

अगर आप एक साल के बाद बेचते हैं और मुनाफे होता है, ऐसे मुनाफे को Long term capital gain (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या LTCG) कहते हैं|

ऐसे मुनाफे पर आपको अभी तक कोई टैक्स नहीं देना होता था| पर अप्रैल 1, 2018 से आपको 10% टैक्स देना होगा| यह प्रस्ताव बजट 2018 में लाया गया है|

(Holding period > 1 year) ==> Long Term Capital Gain (LTCG)  ==> 10% टैक्स मुनाफे पर

इन बातों पर ध्यान दें

  1. ऊपर दिए गए नियम शेयर या इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के लिए हैं|
  2. डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड के टैक्स नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है|
  3. यह नियम 1 April 2018 से लागू होगा| इसका मतलब अगर मार्च 31 2018 तक बेचने पर कोई Long Term Capital Gain होता है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा|
  4. जो मुनाफा आपको 31 जनवरी 2018 तक हो चुका है, उस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा| इसके ऊपर जो मुनाफा होगा केवल उस पर टैक्स देना होगा| (GrandFathering) इस बारे में बाद में विस्तार से चर्चा करेंगे|
  5. आपको एक लाख रुपये तक के LTCG (एक वर्ष में) पर कोई टैक्स नहीं देना होगा| जब LTCG (शेयर या इक्विटी फण्ड बेचने) पर एक लाख से ज्यादा होगा, तब ही आपको अतिरिक्त लाभ पर 10% टैक्स देना होगा| तो समझ लिए की पहले एक लाख के लॉन्ग टर्म capital gain पर टैक्स की छूठ है|
  6. अगर आपको 1.5 लाख रुपये का LTCG हुआ है, तो आपको टैक्स केवल 50,000 रुपये पर ही देना होगा|
  7. आपको LTCG पर फ्लैट 10% टैक्स देना होगा| Indexation का लाभ नहीं मिलेगा|
  8. टैक्स पर cess (सेस) भी लगेगा| Cess अब 4% कर दिया गया है| तो आपको दरअसल 10.4% टैक्स देना होगा|


शेयर या इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कैसे कैलकुलेट किया जाएगा?

पहली बात, long term capital gain तभी होगा की जब आप अपने निवेश को एक वर्ष बाद बेचें|

उससे पहले बेचते हैं, तो short term capital gain माना जाएगा और आपको 15% टैक्स देना होगा|

अगर आपने जनवरी 31, 2018 के बाद शेयर या इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के यूनिट खरीदें हैं

और आप यह निवेश एक साल बाद बेचते हैं, तो जो भी मुनाफा है उस पर 10% टैक्स देना होगा|

यहाँ मुनाफा निकालना भी आसान है| आपने जितना निवेश किया और जितने में बेचा, उसका अंतर आपका मुनाफा होगा|

बस पहले 1 लाख रुपये के मुनाफे पर टैक्स नहीं देना होगा| बचे हुए LTCG पर 10% टैक्स देना होगा|

अगर आपने जनवरी 31, 2018 को या उससे पहले शेयर या इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के यूनिट खरीदें हैं

यहाँ पर भी अगर एक साल बाद बेचते हैं, तो 10% टैक्स देना होगा| पर  capital gain या मुनाफा कैलकुलेट करने का नियम थोड़ा सा अलग है|

समझ लिए capital gains कैलकुलेट करने के लिए आपके खरीद मूल्य (purchase price) और जनवरी 31, 2018 के मूल्य में जो राशि ज्यादा है, वह मानी जायेगी|

तो मान लिए की आप शेयर 100 रुपये में खरीदा था| जनवरी 31, 2018 को उसका price 130 रुपये था| जब आप बेचते हैं, तो उसका मूल्य 170 रुपये है|

Long term capital gain निकालने के लिए आपके purchase price को 130 रुपये माना जाएगा| इसी बात को GrandFathering कहते हैं|

जब आप 170 रुपये में बेचेंगे, तो मुनाफा 40 रुपये (170-130) का माना जाएगा और न की 70 रुपये का| हालांकि आपको मुनाफा 70 रुपये का हुआ है, टैक्स कैलकुलेट करने के लिए आपका मुनाफा 40 रुपये माना जाएगा|

इस चालीस रुपये पर आपको 10% टैक्स देना होगा|

देख्रें तो आपको 31 जनवरी 2018 तक हुए फायदे को टैक्स नहीं किया जाएगा|

अगर आप तकनिकी गहराई में जाना चाहते हैं, तो आपको खरीदने के price को निकालने के लिए यह करना होगा|

यह तीन राशि लें:

  1. आपके खरीदने का मूल्य (Purchase Price)
  2. जनवरी 31 2018 को highest price (शेयर के मामले में) या उस दिन का म्यूच्यूअल फण्ड NAV (Highest price on January 31 2018 in case of share or Mutual Fund NAV)
  3. आपके बेचने का मूल्य (sale price)

आपका खरीद मूल्य माना जाएगा: Higher of (1, Lower of (2,3))

एक बात और, आपको पहले एक लाख के LTCG पर कोई टैक्स नहीं देना होगा|

तो मान लिए, आपने अगस्त 15, 2017 को 5 लाख रुपये निवेश किया| जनवरी 31 2018 को उसका मूल्य 7 लाख हो गया| आपने 15 दिसम्बर 2018 को अपने इक्विटी निवेश को बेच दिया 10 लाख रुपये में|

क्योंकि आपने 1 साल से अधिक समय तक अपने निवेश की होल्ड किया, मुनाफे को long term capital gain (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) माना जाएगा|

तो आपका LTCG हुआ 10 लाख – 7 लाख रुपये = 3 लाख रुपये

इसमें पहले 1 लाख रुपये पर आपको टैक्स नहीं देना होगा|

बचे हुए 2 लाख रुपये के LTCG पर आपको 10% टैक्स देना होगा|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड से मिलने वाले dividend पर भी अब 10% टैक्स लगेगा

अभी तब कोई टैक्स नहीं लगता था|

पर ध्यान दें यह टैक्स आपको नहीं देना होगा| म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी आपके लिए टैक्स का भुगतान करेगी| पर टैक्स आएगा आपके पैसे से ही|

तो मान लिए म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी को 10 रुपये का dividend देना है, तो वह 1 रुपये का टैक्स जमा कर देगी और बचे हुए 9 रुपये आपको दे देगी| इसे Dividend Distribution Tax (DDT) भी कहते हैं|

एक बात औए, DDT पर सरचार्ज (surcharge) और सेस (Cess) भी लगेगा| अब इनकी वैल्यू बदलती रहती है| सरचार्ज 12% है और सेस (cess) 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया गया है|

तो कुल मिलाकर आपके ऊपर असर 11.65% का आएगा|

और हाँ, यह टैक्स भी 31 मार्च 2018 के बाद ही लगेगा|


आपको क्या करना चाहिए?

पहली बात तो आपको अपने निवेश को बेचने की कोई ज़रुरत नहीं है| ऐसा इसलिए क्योंकि 31 जनवरी तक हुए मुनाफे पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा|

पर हाँ, आपके निवेश की वैल्यू अगर 31 जनवरी और 31 मार्च 2018 के बीच में काफी बढ़ जाती है, तो आप 31 मार्च से पहले बेच सकते हैं क्योंकि आपको 31 मार्च टैक्स कोई टैक्स नहीं देना होगा|

साथ ही आप हर साल कुछ-कुछ मुनाफा बुक कर सकते हैं| ऐसा इसलिए की 1 लाख रुपये तक के LTCG मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं है| बेचने के बाद आप दोबारा से निवेश कर सकते हैं|

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के dividend स्कीम में निवेश करना कभी भी अच्छा आईडिया नहीं था| अब 10% टैक्स के बाद और भी बुरा हो गया है| ध्यान दें dividend के टैक्स पर 1 लाख रुपये की छूठ नहीं है| इसलिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड की dividend स्कीम से बचें और Growth स्कीम में निवेश करें|

Credit: www.PersonalFinancePlan.in

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