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कैसे बनाएं अपने लिए इमरजेंसी फण्ड?

फाइनेंसियल प्लानिंग करते समय अपने लिए इमरजेंसी फण्ड बनाना एक अहम् लक्ष्य होता है|

ध्यान दें इमरजेंसी फण्ड का मतलब किसी म्यूच्यूअल फण्ड से नहीं है| यह बस वह पैसा है जो की किसी आपातकालीन स्तिथि में आप इस्तेमाल कर सकते हैं| परिवार में किसी के इलाज़ के खर्चे के लिए, नौकरी जाने पर, अतिरिक्त पैसे की ज़रुरत पड़ने पर या किसी वित्तीय संकट में| आप इस पैसे की ऐसी स्तिथि में उपयोग कर सकते हैं|

आपके पास कितना इमरजेंसी फण्ड होना चाहिए?

सबके लिए यह संख्या अलग होगी|

मेरे अनुसार अगर आप नौकरी करते हैं और सैलरी पाते हैं, तब आप 6-8 महीने की सैलरी के बराबर पैसा इमरजेंसी फण्ड में रख सकते हैं| अन्यथा आप 12 महीनों के खर्चों के बराबर पैसा रख सकते हैं| जब खर्चों की बात आ रही है, तो अपने लोन की EMI को शामिल करना न भूलें|

अगर नौकरी नहीं करते और self-employed हैं, तब कम से कम 12-15 महीनों के खर्चों के बराबर पैसा इमरजेंसी फण्ड में रखें|

आईये अब देखते हैं की आप अपने इमरजेंसी फण्ड के पैसे को निवेश कैसे करें| परन्तु उससे पहले यह देखते हैं की इमरजेंसी फण्ड के पैसे को कैसे निवेश न करें|

क्योंकि इमरजेंसी फण्ड के पैसे की ज़रुरत आपको कभी भी पड़ सकती है, इसलिए इस पैसे को किसी भी ऐसी जगह निवेश न करें:

  1. जहां से आप आसानी से पैसा निकाल न सकें| आप प्रॉपर्टी में निवेश नहीं कर सकते, PPF या EPF में इमरजेंसी फण्ड का पैसा नहीं रख सकते|
  2. जहाँ आपके निवेश में उतार चढ़ाव आये| आपको इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में इमरजेंसी फण्ड का निवेश नहीं करना चाहिए| ज़रुरत पड़ने पर आपको नीचे दामों पर अपने यूनिट बेचनी पड़ सकती हैं|

#1 बचत खाता (सेविंग्स बैंक अकाउंट)

सबसे आसान तरीका है| सब लोग कुछ अतिरिक्त पैसा तो बचत खाते में रखते ही हैं|

आप इस पैसे को कभीं भी निकाल सकते हैं| बैंक शाखा में जा कर या ATM से|

बस आपको ब्याज दर कम मिलेगी| अधिकाँश बैंक आपको 4% p.a. की ब्याज दर देते हैं|

बचत खाते के ब्याज पर आपको 10,000 तक के ब्याज पर कोई टैक्स भी नहीं देना होता|

पढ़ें:Section 80TTA और Section 80TTB: ब्याज पर बचाएं टैक्स

#2 बैंक फिक्स्ड डिपाजिट (Bank Fixed Deposit)

आप पैसे का फिक्स्ड डिपाजिट बना सकते हैं| ज़रुरत पड़ने पर आप फिक्स्ड डिपाजिट तोड़ कर पैसा निकाल सकते हैं| FD तोड़ने की लिए आपको बैंक जाना होगा| कुछ बैंक आपको नेट बैंकिंग के साधन से भी FD तोड़ने का विकल्प देते हैं|

फिक्स्ड डिपाजिट की ब्याज दर बचत खाते की ब्याज दर से ज्यादा होगी, परन्तु समयपूर्व फिक्स्ड डिपाजिट तोड़ने पर आपको कुछ पेनल्टी देनी होगी|

ब्याज पर आपको अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा| अगर वरिष्ठ नागरिक हैं, तो आपको 50,000 रुपये तक के ब्याज पर रियायत मिलती है|

#3 फ्लेक्सी डिपाजिट (Flexi-Deposit)

आप इसे बचत खाते और फिक्स्ड डिपाजिट के बीच का विकल्प मान सकते हैं|

कुछ बैंक आपको फ्लेक्सी-डिपाजिट का विकल्प दे सकते हैं|

फ्लेक्सी-डिपाजिट में आपको कुछ नहीं करना होगा| आपके बचत खाते में जो अतिरिक्त पैसा (एक सीमा के ऊपर) होता है, उस राशि का अपने आप (automatically) फिक्स्ड डिपाजिट बन जाता है|

मान लिए आपके खाते में यह सीमा 25,000 रुपये है| अगर आपके खाते में 35,000 रुपये हैं, तो 10,000 रुपये की अपने आप फिक्स्ड डिपाजिट खुल जायेगी|

अगर बाद में आप 30,000 रुपये निकालना चाहते हैं, तब FD अपने आप टूट जायेगी| आप 30,000 रुपये निकाल पायेंगे और 5,000 रुपये आपके बचत खाते में रह जायेंगे|

#4 लिक्विड फण्ड (Liquid Fund)

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते हैं तो लिक्विड फण्ड भी एक विकल्प हो सकता है| ध्यान दें लिक्विड फण्ड इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड नहीं होते| लिक्विड फण्ड के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

50,000 रुपये तक की राशि तो आपके खाते में हाथ के हाथ आ जाती है| उससे अधिक राशि के लिए आपको एक दिन (1 business day) का इंतज़ार करना होगा| परन्तु लिक्विड फण्ड में फिक्स्ड डिपाजिट के मुकाबले थोड़ा रिस्क रहता है|

पढ़ें: अपने लिए लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें?

#5 नकद (Cash)

आप अपने पास कुछ पैसा नकद भी रख सकते हैं| ज़्यादातर लोग कुछ पैसा नकद रखते हैं| बस, आपको इस नकद राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा| बेहतर होगा की इस पैसे को बैंक में जमा करा दें|

यह थे 5 तरीके अपने इमरजेंसी फण्ड फण्ड जमा करने के|

आप इमरजेंसी के लिए कैसे निवेश करते हैं?