अगर आप फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश करते हैं, तो आप जानते होंगे की अगर आपका ब्याज एक सीमा से अधिक होता है, तो बैंक TDS (Tax Deduction at Source) काट लेता है|
बैंक कब फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर TDS काटते हैं?
बैंक के नियम आपकी आयु पर निर्भर करते हैं|
अगर आपकी आयु 60 वर्ष से कम है
अगर एक बैंक की सभी शाखयों में कुल मिला कर 10,000 रुपये से ज्यादा है, तो आपको ब्याज देने से पहले ब्याज पर TDS काटा जाएगा|
अगर आपकी आयु 60 वर्ष से अधिक है
अगर एक बैंक का सभी शाखयों में कुल मिला कर 10,000 रुपये से ज्यादा है, तो आपको ब्याज देने से पहले ब्याज पर TDS काटा जाएगा| परन्तु 1 अप्रैल 2018 (FY2019) से यह सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गयी है| यह रियायत केवल सीनियर सिटीजन के लिए है|
अगर आपने अपना PAN जमा किया है, तो TDS 10% (ब्याज का 10%) काटा जाता है| अगर PAN जमा नहीं किया है, तो 20% TDS काटा जाता है|
यह टैक्स आपके नाम पर ही काटा जाता है और आपके Form 26AS में ही दिखाई देगा|
मान लिए आपके पास स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट हैं| SBI में ब्याज के रूप में 9,000 रुपये कमाते हैं। आईसीआईसीआई बैंक के साथ आप ब्याज के रूप में 8,000 रुपये कमाते हैं। क्योंकि दोनों ही बैंक में आपका कुल ब्याज 10,000 रुपये से कम है, कोई भी बैंक आपका TDS नहीं काटेगा।
परन्तु इसका मतलब यह नहीं की आपके 17,000 रुपये का ब्याज कर मुक्त है| आपको इन 17,000 रुपये पर अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा|
क्या फिक्स्ड डिपाजिट पर टीडीएस से बचने का कोई तरीका है?
जी हाँ, TDS से बचने का तरीका तो है, पर कुछ ही स्तिथियों में आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं|
TDSसे बचने के लिए, आप बैंक के साथ फॉर्म 15G/15H जमा कर सकते हैं।
अगर आपकी आयु 60 वर्ष से कम है, तो आप फॉर्म 15G जमा कर सकते हैं|
अगर आपकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, तो आप फॉर्म 15H जमा कर सकते हैं|
परन्तु हर कोई फॉर्म 15G/15H नहीं जमा कर सकता|
फॉर्म 15G/फॉर्म 15H एच कौन फाइल कर सकता है?
फॉर्म 15G जमा करने के लिए नियम/पात्रता (Eligibility)
- आपकी आयु 60 वर्ष से कम होनी चाहिए|
- आपकी ब्याज से होने वाली वाली आय 2.5 लाख रुपये (minimum tax exemption limit) से कम होनी चाहिए|
- आपकी कुल अनुमानित टैक्स liability शून्य होनी चाहिए (Estimated tax liability should be NIL).
फॉर्म 15H जमा करने के लिए नियम/पात्रता (Eligibility)
- आपकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए| आप सीनियर सिटीजन होने चाहिए|
- आपकी कुल अनुमानित टैक्स liability शून्य होनी चाहिए (Estimated tax liability should be NIL)| अगर आपकी आयु 60 और 80 वर्ष के बीच में हैं, तो आपको 3 लाख तक की कर योग्य आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा| अगर आपकी आयु 80 वर्ष या उससे अधिक है, तो आपको 5 लाख तक की कर योग्य आय पर टैक्स नहींदेना होगा|
आप देख सकते हैं की फॉर्म 15H जमा करने के लिए एक कंडीशन कम है| सीनियर सिटीजन के लिए ब्याज की आय की वजह से कोई अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं है।
अगर Form 15G या 15H जमा करते हैं, तो बैंक आपका TDS नहीं काटेगा|
ध्यान दें अगर आपने बैंक में अपना PAN जमा नहीं किया है, तो आपके फॉर्म 15G/15H को वैद्य नहीं माना जाएगा|
पढ़ें: कैसे होता है आपका इनकम टैक्स कैलकुलेट?
यदि मैं पात्र नहीं हूं, तो फॉर्म 15G या 15H जमा करने पर क्या होगा?
अगर आप फॉर्म 15G या 15H जमा करने के पात्र नहीं हैं, परन्तु फॉर्म जमा कर देते हैं, तो आपको आयकर की धारा 277 के तहत जुर्माना या कारावास हो सकता है। इसलिए, बैंक में फॉर्म 15 जी / 15 एच फॉर्म जमाकरने से पहले फॉर्म जमा करने की पात्रता चेक कर लें|
फॉर्म 15G/15H कहाँ से मिलेगा?
आप आयकर वेबसाइट से फॉर्म 15G या फॉर्म 15H के फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। आप अपनी बैंक की शाखा से भी फॉर्म ले सकते हैं।
अगर आप भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के फॉर्म डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आप यहाँ से कर सकते हैं| SBI Form 15G, SBI Form 15H
फॉर्म 15G/15H कितनी बार जमा करना होता है?
फॉर्म 15G/15H एक वर्ष के लिए वैद्य होता है|
इसीलिए आपको हर वर्ष यह फॉर्म जमा करना होगा|
आप एक बार फॉर्म 15G/15H जमा कर चुके हैं, परन्तु कोई नया फिक्स्ड डिपाजिट खोलते हैं| ऐसी स्तिथि में आपको फिर से फॉर्म जमा करना होगा|
अगर मैंने फॉर्म 15G/15H जमा नहीं किया, तो क्या होगा?
डरने वाली बात नहीं है, बस हाँ थोड़ा काम बढ़ जाएगा|
- अगर TDS के रूप में अतिरिक्त टैक्स कट गया है, तो आप इनकम टैक्स रिटर्न भर कर रिफंड ले सकते हैं|
- TDS अमूमन हर तिमाही पर काटा जाता है, तो जल्दी से जल्दी जमा करें|
पर हाँ, जमा करने से पहले यह सुनिश्चित करें की आप फॉर्म 15G/15H भरने के पात्र हैं या नहीं|
क्या फॉर्म 15G या 15H के ऑनलाइन जमा कर सकते हैं?
कुछ बैंक आपको यह सुविधा प्रदान कर सकते हैं| अपने बैंक के साथ चेक करें|
टीडीएस (TDS) कटने से आपकी टैक्स liability पूरी नहीं होती
नहीं, टीडीएस (TDS) का भुगतान आपका कर दायित्व (tax liability) को पूरा नहीं करता है।
यदि आप उच्च टैक्स ब्रैकेट (20% या 30%) में आते हैं, तो आपको आयकर रिटर्न दाखिल करने के समय अतिरिक्त कर का भुगतान करना होगा|
अगर ज्यादा टैक्स कट गया है, तो आप इनकम टैक्स रिटर्न भरकर वापिस ले सकते हैं|
क्या NRI भी फॉर्म 15 जी और 15 एच दाखिल कर टीडीएस छूट का लाभ उठा सकते हैं?
आयकर अधिनियम की धारा 197 A के अनुसार, केवल भारतीय निवासियों को 15 जी और 15 एच दाखिल करके टीडीएस छूट का लाभ लेने की अनुमति है। इसलिए NRI फॉर्म 15 जी और 15 एच दाखिल कर टीडीएस छूट नहीं ले सकते हैं।
इन बातों पर भी ध्यान दें
- फिक्स्ड डिपाजिट पर मिलने वाले पूरे ब्याज पर टैक्स देना होता है|
- फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज पर आपको अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना पड़ता है|
- TDS कटने पर आपकी टैक्स liability खत्म नहीं होती|
- अगर आप 20% या 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और TDS केवल 10% ही कटा है, तो आपको अतिरिक्त टैक्स अपने आप जमा करना होगा|
- अगर आपके ब्याज पर TDS कट गया है और आपकी टैक्स liability कम है, तो आप इनकम टैक्स रिटर्न भर कर refund ले सकते हैं|
- आपको फॉर्म 15G/15H हर बैंक के साथ (जहां भी आपका खाता है और TDS कट सकता है) भरना होगा|
- आप एक बार फॉर्म 15G/15H जमा कर चुके हैं, परन्तु कोई नया फिक्स्ड डिपाजिट खोलते हैं| ऐसी स्तिथि में आपको फिर से फॉर्म जमा करना होगा|
- आप सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के साथ भी फॉर्म 15G/15H फॉर्म जमा कर सकते हैं| साथ ही अगर आपने किस कंपनी के फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश किया है, तो वहाँ भी आप यह फॉर्म जमा कर सकते हैं|
- सेविंग्स बैंक अकाउंट के ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं कटता|
- अगर आपकी आयु 60 वर्ष से कम है, तो आपको धारा 80TTA के तहत सेविंग्स अकाउंट पर 10,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता|
- अगर आपक सीनियर सिटीजन (आयु 60 वर्ष से ज्यादा) हैं, तो आपको 50,000 तक के ब्याज पर (सेविंग्स अकाउंट और फिक्स्ड डिपाजिट मिलाकर) कोई टैक्स नहीं देना होगा| यह नियम FY2019 (1 April, 2018) से लागू होगा| धारा 80TTB के तहत यह लाभ मिलेगा| अगर कुल ब्याज 50,000 से ज्यादा है, तो आपको अतिरिक्त ब्याज पर अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा|
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